CTET HINDI QUIZ 26

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Question 1:

निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिये -

जिनमें सहिष्णुता की भावना होती है, केवल ऐसे लोग ही अध्यापक होने योग्य होते हैं। जिनका बच्चों से प्यार भरा लगाव होता है, उनमें धैर्य स्वभावतः आ जाता है। अध्यापकों को जिस अन्तर्निहित गम्भीर समस्या से जूझना पड़ता है, वह यह है कि उन्हें जिनको देखना है, वे शक्ति और  प्रभुता में, उनकी बराबरी के नहीं होते। अध्यापक के लिए एकदम तुच्छ या बिना किसी कारण के या फिर वास्तविक की बजाय किसी काल्पनिक कारण के चलते अपने छात्रों के सामने धैर्य खो देना, उनकी खिल्ली उड़ना, उन्हें अपमानित या दण्डित करना एकदम आसान और सम्भव है। जो एक निर्बल अधीन राष्ट्र पर शासन करते हैं, उनमें न चाहते हुए भी गलत काम करने की प्रवृत्ति पाई जाती है। उसी तरह ऐसे अध्यापक होते हैं, जो बच्चों के ऊपर अपने प्रभुत्व का शिकार हो जाते हैं। जो शासन के अयोग्य होते हैं, उन्हें न केवल कमजोर लोगों पर अन्याय करते हुए कोई अपराध-बोध नहीं होता, बल्कि ऐसा करने में उन्हें एक खास तरह का मजा मिलता है। बच्चे अपनी माँ की गोद में कमजोर, असहाय और अज्ञानी होते हैं। माता के हृदय में स्थित प्रचुर प्यार ही उनकी रक्षा की एकमात्र गारण्टी होती है। इसके बावजूद हमारे घरों में इस बात के उदाहरण कम नहीं कि कैसे हमारे स्वाभाविक प्यार पर धीरज का अभाव और उद्धत प्राधिकार विजय प्राप्त कर लेते हैं और बच्चों को अनुचित कारणों से दण्डित होना पड़ता है। 

इस गद्यांश का मूल भाव यह है कि

निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिये -

जिनमें सहिष्णुता की भावना होती है, केवल ऐसे लोग ही अध्यापक होने योग्य होते हैं। जिनका बच्चों से प्यार भरा लगाव होता है, उनमें धैर्य स्वभावतः आ जाता है। अध्यापकों को जिस अन्तर्निहित गम्भीर समस्या से जूझना पड़ता है, वह यह है कि उन्हें जिनको देखना है, वे शक्ति और  प्रभुता में, उनकी बराबरी के नहीं होते। अध्यापक के लिए एकदम तुच्छ या बिना किसी कारण के या फिर वास्तविक की बजाय किसी काल्पनिक कारण के चलते अपने छात्रों के सामने धैर्य खो देना, उनकी खिल्ली उड़ना, उन्हें अपमानित या दण्डित करना एकदम आसान और सम्भव है। जो एक निर्बल अधीन राष्ट्र पर शासन करते हैं, उनमें न चाहते हुए भी गलत काम करने की प्रवृत्ति पाई जाती है। उसी तरह ऐसे अध्यापक होते हैं, जो बच्चों के ऊपर अपने प्रभुत्व का शिकार हो जाते हैं। जो शासन के अयोग्य होते हैं, उन्हें न केवल कमजोर लोगों पर अन्याय करते हुए कोई अपराध-बोध नहीं होता, बल्कि ऐसा करने में उन्हें एक खास तरह का मजा मिलता है। बच्चे अपनी माँ की गोद में कमजोर, असहाय और अज्ञानी होते हैं। माता के हृदय में स्थित प्रचुर प्यार ही उनकी रक्षा की एकमात्र गारण्टी होती है। इसके बावजूद हमारे घरों में इस बात के उदाहरण कम नहीं कि कैसे हमारे स्वाभाविक प्यार पर धीरज का अभाव और उद्धत प्राधिकार विजय प्राप्त कर लेते हैं और बच्चों को अनुचित कारणों से दण्डित होना पड़ता है। 

Question 2:

निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिये -

जिनमें सहिष्णुता की भावना होती है, केवल ऐसे लोग ही अध्यापक होने योग्य होते हैं। जिनका बच्चों से प्यार भरा लगाव होता है, उनमें धैर्य स्वभावतः आ जाता है। अध्यापकों को जिस अन्तर्निहित गम्भीर समस्या से जूझना पड़ता है, वह यह है कि उन्हें जिनको देखना है, वे शक्ति और  प्रभुता में, उनकी बराबरी के नहीं होते। अध्यापक के लिए एकदम तुच्छ या बिना किसी कारण के या फिर वास्तविक की बजाय किसी काल्पनिक कारण के चलते अपने छात्रों के सामने धैर्य खो देना, उनकी खिल्ली उड़ना, उन्हें अपमानित या दण्डित करना एकदम आसान और सम्भव है। जो एक निर्बल अधीन राष्ट्र पर शासन करते हैं, उनमें न चाहते हुए भी गलत काम करने की प्रवृत्ति पाई जाती है। उसी तरह ऐसे अध्यापक होते हैं, जो बच्चों के ऊपर अपने प्रभुत्व का शिकार हो जाते हैं। जो शासन के अयोग्य होते हैं, उन्हें न केवल कमजोर लोगों पर अन्याय करते हुए कोई अपराध-बोध नहीं होता, बल्कि ऐसा करने में उन्हें एक खास तरह का मजा मिलता है। बच्चे अपनी माँ की गोद में कमजोर, असहाय और अज्ञानी होते हैं। माता के हृदय में स्थित प्रचुर प्यार ही उनकी रक्षा की एकमात्र गारण्टी होती है। इसके बावजूद हमारे घरों में इस बात के उदाहरण कम नहीं कि कैसे हमारे स्वाभाविक प्यार पर धीरज का अभाव और उद्धत प्राधिकार विजय प्राप्त कर लेते हैं और बच्चों को अनुचित कारणों से दण्डित होना पड़ता है। 

बच्चे अपनी माँ की गोद में ही स्वयं को सुरक्षित समझते हैं, क्योंकि

निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिये -

जिनमें सहिष्णुता की भावना होती है, केवल ऐसे लोग ही अध्यापक होने योग्य होते हैं। जिनका बच्चों से प्यार भरा लगाव होता है, उनमें धैर्य स्वभावतः आ जाता है। अध्यापकों को जिस अन्तर्निहित गम्भीर समस्या से जूझना पड़ता है, वह यह है कि उन्हें जिनको देखना है, वे शक्ति और  प्रभुता में, उनकी बराबरी के नहीं होते। अध्यापक के लिए एकदम तुच्छ या बिना किसी कारण के या फिर वास्तविक की बजाय किसी काल्पनिक कारण के चलते अपने छात्रों के सामने धैर्य खो देना, उनकी खिल्ली उड़ना, उन्हें अपमानित या दण्डित करना एकदम आसान और सम्भव है। जो एक निर्बल अधीन राष्ट्र पर शासन करते हैं, उनमें न चाहते हुए भी गलत काम करने की प्रवृत्ति पाई जाती है। उसी तरह ऐसे अध्यापक होते हैं, जो बच्चों के ऊपर अपने प्रभुत्व का शिकार हो जाते हैं। जो शासन के अयोग्य होते हैं, उन्हें न केवल कमजोर लोगों पर अन्याय करते हुए कोई अपराध-बोध नहीं होता, बल्कि ऐसा करने में उन्हें एक खास तरह का मजा मिलता है। बच्चे अपनी माँ की गोद में कमजोर, असहाय और अज्ञानी होते हैं। माता के हृदय में स्थित प्रचुर प्यार ही उनकी रक्षा की एकमात्र गारण्टी होती है। इसके बावजूद हमारे घरों में इस बात के उदाहरण कम नहीं कि कैसे हमारे स्वाभाविक प्यार पर धीरज का अभाव और उद्धत प्राधिकार विजय प्राप्त कर लेते हैं और बच्चों को अनुचित कारणों से दण्डित होना पड़ता है। 

Question 3:

निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिये -

जिनमें सहिष्णुता की भावना होती है, केवल ऐसे लोग ही अध्यापक होने योग्य होते हैं। जिनका बच्चों से प्यार भरा लगाव होता है, उनमें धैर्य स्वभावतः आ जाता है। अध्यापकों को जिस अन्तर्निहित गम्भीर समस्या से जूझना पड़ता है, वह यह है कि उन्हें जिनको देखना है, वे शक्ति और  प्रभुता में, उनकी बराबरी के नहीं होते। अध्यापक के लिए एकदम तुच्छ या बिना किसी कारण के या फिर वास्तविक की बजाय किसी काल्पनिक कारण के चलते अपने छात्रों के सामने धैर्य खो देना, उनकी खिल्ली उड़ना, उन्हें अपमानित या दण्डित करना एकदम आसान और सम्भव है। जो एक निर्बल अधीन राष्ट्र पर शासन करते हैं, उनमें न चाहते हुए भी गलत काम करने की प्रवृत्ति पाई जाती है। उसी तरह ऐसे अध्यापक होते हैं, जो बच्चों के ऊपर अपने प्रभुत्व का शिकार हो जाते हैं। जो शासन के अयोग्य होते हैं, उन्हें न केवल कमजोर लोगों पर अन्याय करते हुए कोई अपराध-बोध नहीं होता, बल्कि ऐसा करने में उन्हें एक खास तरह का मजा मिलता है। बच्चे अपनी माँ की गोद में कमजोर, असहाय और अज्ञानी होते हैं। माता के हृदय में स्थित प्रचुर प्यार ही उनकी रक्षा की एकमात्र गारण्टी होती है। इसके बावजूद हमारे घरों में इस बात के उदाहरण कम नहीं कि कैसे हमारे स्वाभाविक प्यार पर धीरज का अभाव और उद्धत प्राधिकार विजय प्राप्त कर लेते हैं और बच्चों को अनुचित कारणों से दण्डित होना पड़ता है। 

कौन-सा शब्द समूह शेष शब्द समूहों से भिन्न है?

निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिये -

जिनमें सहिष्णुता की भावना होती है, केवल ऐसे लोग ही अध्यापक होने योग्य होते हैं। जिनका बच्चों से प्यार भरा लगाव होता है, उनमें धैर्य स्वभावतः आ जाता है। अध्यापकों को जिस अन्तर्निहित गम्भीर समस्या से जूझना पड़ता है, वह यह है कि उन्हें जिनको देखना है, वे शक्ति और  प्रभुता में, उनकी बराबरी के नहीं होते। अध्यापक के लिए एकदम तुच्छ या बिना किसी कारण के या फिर वास्तविक की बजाय किसी काल्पनिक कारण के चलते अपने छात्रों के सामने धैर्य खो देना, उनकी खिल्ली उड़ना, उन्हें अपमानित या दण्डित करना एकदम आसान और सम्भव है। जो एक निर्बल अधीन राष्ट्र पर शासन करते हैं, उनमें न चाहते हुए भी गलत काम करने की प्रवृत्ति पाई जाती है। उसी तरह ऐसे अध्यापक होते हैं, जो बच्चों के ऊपर अपने प्रभुत्व का शिकार हो जाते हैं। जो शासन के अयोग्य होते हैं, उन्हें न केवल कमजोर लोगों पर अन्याय करते हुए कोई अपराध-बोध नहीं होता, बल्कि ऐसा करने में उन्हें एक खास तरह का मजा मिलता है। बच्चे अपनी माँ की गोद में कमजोर, असहाय और अज्ञानी होते हैं। माता के हृदय में स्थित प्रचुर प्यार ही उनकी रक्षा की एकमात्र गारण्टी होती है। इसके बावजूद हमारे घरों में इस बात के उदाहरण कम नहीं कि कैसे हमारे स्वाभाविक प्यार पर धीरज का अभाव और उद्धत प्राधिकार विजय प्राप्त कर लेते हैं और बच्चों को अनुचित कारणों से दण्डित होना पड़ता है। 

Question 4:

निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिये -

जिनमें सहिष्णुता की भावना होती है, केवल ऐसे लोग ही अध्यापक होने योग्य होते हैं। जिनका बच्चों से प्यार भरा लगाव होता है, उनमें धैर्य स्वभावतः आ जाता है। अध्यापकों को जिस अन्तर्निहित गम्भीर समस्या से जूझना पड़ता है, वह यह है कि उन्हें जिनको देखना है, वे शक्ति और  प्रभुता में, उनकी बराबरी के नहीं होते। अध्यापक के लिए एकदम तुच्छ या बिना किसी कारण के या फिर वास्तविक की बजाय किसी काल्पनिक कारण के चलते अपने छात्रों के सामने धैर्य खो देना, उनकी खिल्ली उड़ना, उन्हें अपमानित या दण्डित करना एकदम आसान और सम्भव है। जो एक निर्बल अधीन राष्ट्र पर शासन करते हैं, उनमें न चाहते हुए भी गलत काम करने की प्रवृत्ति पाई जाती है। उसी तरह ऐसे अध्यापक होते हैं, जो बच्चों के ऊपर अपने प्रभुत्व का शिकार हो जाते हैं। जो शासन के अयोग्य होते हैं, उन्हें न केवल कमजोर लोगों पर अन्याय करते हुए कोई अपराध-बोध नहीं होता, बल्कि ऐसा करने में उन्हें एक खास तरह का मजा मिलता है। बच्चे अपनी माँ की गोद में कमजोर, असहाय और अज्ञानी होते हैं। माता के हृदय में स्थित प्रचुर प्यार ही उनकी रक्षा की एकमात्र गारण्टी होती है। इसके बावजूद हमारे घरों में इस बात के उदाहरण कम नहीं कि कैसे हमारे स्वाभाविक प्यार पर धीरज का अभाव और उद्धत प्राधिकार विजय प्राप्त कर लेते हैं और बच्चों को अनुचित कारणों से दण्डित होना पड़ता है। 

'इत' प्रत्यय से बनने वाला शब्द है।

निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिये -

जिनमें सहिष्णुता की भावना होती है, केवल ऐसे लोग ही अध्यापक होने योग्य होते हैं। जिनका बच्चों से प्यार भरा लगाव होता है, उनमें धैर्य स्वभावतः आ जाता है। अध्यापकों को जिस अन्तर्निहित गम्भीर समस्या से जूझना पड़ता है, वह यह है कि उन्हें जिनको देखना है, वे शक्ति और  प्रभुता में, उनकी बराबरी के नहीं होते। अध्यापक के लिए एकदम तुच्छ या बिना किसी कारण के या फिर वास्तविक की बजाय किसी काल्पनिक कारण के चलते अपने छात्रों के सामने धैर्य खो देना, उनकी खिल्ली उड़ना, उन्हें अपमानित या दण्डित करना एकदम आसान और सम्भव है। जो एक निर्बल अधीन राष्ट्र पर शासन करते हैं, उनमें न चाहते हुए भी गलत काम करने की प्रवृत्ति पाई जाती है। उसी तरह ऐसे अध्यापक होते हैं, जो बच्चों के ऊपर अपने प्रभुत्व का शिकार हो जाते हैं। जो शासन के अयोग्य होते हैं, उन्हें न केवल कमजोर लोगों पर अन्याय करते हुए कोई अपराध-बोध नहीं होता, बल्कि ऐसा करने में उन्हें एक खास तरह का मजा मिलता है। बच्चे अपनी माँ की गोद में कमजोर, असहाय और अज्ञानी होते हैं। माता के हृदय में स्थित प्रचुर प्यार ही उनकी रक्षा की एकमात्र गारण्टी होती है। इसके बावजूद हमारे घरों में इस बात के उदाहरण कम नहीं कि कैसे हमारे स्वाभाविक प्यार पर धीरज का अभाव और उद्धत प्राधिकार विजय प्राप्त कर लेते हैं और बच्चों को अनुचित कारणों से दण्डित होना पड़ता है। 

Question 5:

निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर चुनिए ।

चुनाव पूर्व सर्वेक्षण एवं एक्जिट पोल का लोकतन्त्र में क्या महत्त्व है? यह प्रश्न विचारणीय है। लोकतन्त्र रूपी वृक्ष जनता द्वारा रोपा और सींचा जाता है, इसके पल्लवन एवं पुष्पन में मीडिया की विशेष भूमिका होती है। भारत एक लोकतान्त्रिक राष्ट्र है। लोकतान्त्रिक राष्ट्र में नागरिकों को विशिष्ट अधिकार और स्वतन्त्रताएँ प्राप्त होती हैं। भारतीय संविधान ने भी अनुच्छेद 19(i) के अन्तर्गत नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता प्रदान की है, लेकिन जनता के व्यापक हित पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली स्वतन्त्रता बाधित भी की जानी चाहिए।

भारत जैसे अल्पशिक्षित देश में इस प्रकार के सर्वेक्षण अनुचित हैं। देश की आम जनता पर मीडिया द्वारा किए जाने वाले चुनाव पूर्व सर्वेक्षण और चुनाव के तुरन्त पश्चात् किए जाने वाले एक्जिट पोल का भ्रामक प्रभाव पड़ता है। वह विजयी होती पार्टी की ओर झुक जाती है। आज भी सामान्य लोगों के बीच ये आम धारणा है कि हम अपना वोट खराब नहीं करेंगे, जीतने वाले प्रत्याशी को ही वोट देंगे।

वर्तमान में बाजारवाद अपने उत्कर्ष पर है और मीडिया इसके दुष्प्रभाव से अनछुआ नहीं है। यह कहना अतिशयोक्ति न होगी कि आज मीडिया भी अधिकाधिक संख्या में प्रसार और धन पाने को बुभुक्षित है।

मीडिया सत्ताधारी और मजबूत राजनीतिक दलों के प्रभाव में भी रहता हैं। ये दल धन के बल पर लोक रुझान को अपने पक्ष में दिखाने में सफल हो जाते हैं और सम्पूर्ण चुनाव प्रक्रिया को ही धता बता देते हैं। इस प्रकार सत्ता एवं धन इन सर्वेक्षणों को प्रभावित करते हैं। इन्हें दूध का धुला नहीं कहा जा सकता। भारत जैसे लोकतान्त्रिक राष्ट्र में जहाँ जनता निर्वाचन प्रक्रिया के माध्यम से अपना मत अभिव्यक्त करती है, वहाँ इन सर्वेक्षणों के औचित्य- अनौचित्य पर विचार किया जाना चाहिए।न्यायालय को यदि संविधान के अनुसार चलने की बाध्यता है, तो संसद को संविधान में संशोधन करने की शक्ति प्राप्त है। वह अपने अधिकारों का प्रयोग करके कोई सार्थक प्रयास कर सकती है।

गद्यांश से निष्कर्ष निकलता है कि

निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर चुनिए ।

चुनाव पूर्व सर्वेक्षण एवं एक्जिट पोल का लोकतन्त्र में क्या महत्त्व है? यह प्रश्न विचारणीय है। लोकतन्त्र रूपी वृक्ष जनता द्वारा रोपा और सींचा जाता है, इसके पल्लवन एवं पुष्पन में मीडिया की विशेष भूमिका होती है। भारत एक लोकतान्त्रिक राष्ट्र है। लोकतान्त्रिक राष्ट्र में नागरिकों को विशिष्ट अधिकार और स्वतन्त्रताएँ प्राप्त होती हैं। भारतीय संविधान ने भी अनुच्छेद 19(i) के अन्तर्गत नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता प्रदान की है, लेकिन जनता के व्यापक हित पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली स्वतन्त्रता बाधित भी की जानी चाहिए।

भारत जैसे अल्पशिक्षित देश में इस प्रकार के सर्वेक्षण अनुचित हैं। देश की आम जनता पर मीडिया द्वारा किए जाने वाले चुनाव पूर्व सर्वेक्षण और चुनाव के तुरन्त पश्चात् किए जाने वाले एक्जिट पोल का भ्रामक प्रभाव पड़ता है। वह विजयी होती पार्टी की ओर झुक जाती है। आज भी सामान्य लोगों के बीच ये आम धारणा है कि हम अपना वोट खराब नहीं करेंगे, जीतने वाले प्रत्याशी को ही वोट देंगे।

वर्तमान में बाजारवाद अपने उत्कर्ष पर है और मीडिया इसके दुष्प्रभाव से अनछुआ नहीं है। यह कहना अतिशयोक्ति न होगी कि आज मीडिया भी अधिकाधिक संख्या में प्रसार और धन पाने को बुभुक्षित है।

मीडिया सत्ताधारी और मजबूत राजनीतिक दलों के प्रभाव में भी रहता हैं। ये दल धन के बल पर लोक रुझान को अपने पक्ष में दिखाने में सफल हो जाते हैं और सम्पूर्ण चुनाव प्रक्रिया को ही धता बता देते हैं। इस प्रकार सत्ता एवं धन इन सर्वेक्षणों को प्रभावित करते हैं। इन्हें दूध का धुला नहीं कहा जा सकता। भारत जैसे लोकतान्त्रिक राष्ट्र में जहाँ जनता निर्वाचन प्रक्रिया के माध्यम से अपना मत अभिव्यक्त करती है, वहाँ इन सर्वेक्षणों के औचित्य- अनौचित्य पर विचार किया जाना चाहिए।न्यायालय को यदि संविधान के अनुसार चलने की बाध्यता है, तो संसद को संविधान में संशोधन करने की शक्ति प्राप्त है। वह अपने अधिकारों का प्रयोग करके कोई सार्थक प्रयास कर सकती है।

Question 6:

निर्देश-  नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्‍नों के सबसे उपयुक्‍त उत्‍तर वाले विकल्‍प को चुनिए: 

बेलवृक्ष अपने वंश का अकेला वृक्ष है। भारत में बेल वृक्ष जंगली अवस्‍था में हिमालय के शुष्‍क पर्वतीय भागों में 1350 मीटर तक की उंचाई वाले भागों में देखने को मिल जाता है। इसके साथ ही वह मध्‍य भाग में और दक्षिण भारत में भी मिलता है। इसे देश के अलग-अलग स्‍थानों पर तथा अलग-अलग भाषाओं में अलग-अलग नामों से जाना  जाता है। हिन्‍दीउर्दू तथा बांग्‍ला में इसे बेल कहते हैं। प्राचीन हिन्‍दी में इसका नाम श्रीफल है। वर्तमान समय में श्रीफल नारियल को भी कहा जाता है। भारत में बेल की खेती लगभग सभी स्‍थानों पर सफल है। इसे ऐसे स्‍थानों पर भी उगाया जाता जा सकता हैजहाँ अन्‍य वृक्ष नहीं उगाए जा सकते हैं। बेल में तापमान का उतार चढाव सहन करने की अद्भुत क्षमता होती है। यह 7 डिग्री सेल्सियस से 48 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान सहन कर लेता है और अपना विकास करता है। इस वृक्ष की उंचाई 10 से 15 मीटर तक हो सकती है। कभी-कभी 18 मीटर तक ऊँचे बेल भी देखने को मिल जाते है। बेल का तना अधिक मोटा नहीं होता है। बेल वृक्ष के तने और उसकी शाखाओं व  उपशाखाओं की छाल मोटीकोमलपर्तदार होती हैं। यह पतझड़ के मौसम में पूरी तरह पर्णविहीन हो जाता है और फिर इस पर धीरे-धीरे नई पत्तियॉं आ जाती हैं। बेलवृक्ष की ताजी और नई पत्तियॉं कोमल और चमकदार हल्‍का गुलाबीपन लिए होती हैं। बेलवृक्ष के बीज को छोड़कर इसके अभी अंग औषधीय महत्‍व के होते हैं।

भारत में बेल की खेती __________ होती है।

निर्देश- नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्‍नों के सबसे उपयुक्‍त उत्‍तर वाले विकल्‍प को चुनिए:

बेलवृक्ष अपने वंश का अकेला वृक्ष है। भारत में बेल वृक्ष जंगली अवस्‍था में हिमालय के शुष्‍क पर्वतीय भागों में 1350 मीटर तक की उंचाई वाले भागों में देखने को मिल जाता है। इसके साथ ही वह मध्‍य भाग में और दक्षिण भारत में भी मिलता है। इसे देश के अलग-अलग स्‍थानों पर तथा अलग-अलग भाषाओं में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। हिन्‍दी, उर्दू तथा बांग्‍ला में इसे बेल कहते हैं। प्राचीन हिन्‍दी में इसका नाम श्रीफल है। वर्तमान समय में श्रीफल नारियल को भी कहा जाता है। भारत में बेल की खेती लगभग सभी स्‍थानों पर सफल है। इसे ऐसे स्‍थानों पर भी उगाया जाता जा सकता है, जहाँ अन्‍य वृक्ष नहीं उगाए जा सकते हैं। बेल में तापमान का उतार चढाव सहन करने की अद्भुत क्षमता होती है। यह 7 डिग्री सेल्सियस से 48 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान सहन कर लेता है और अपना विकास करता है। इस वृक्ष की उंचाई 10 से 15 मीटर तक हो सकती है। कभी-कभी 18 मीटर तक ऊँचे बेल भी देखने को मिल जाते है। बेल का तना अधिक मोटा नहीं होता है। बेल वृक्ष के तने और उसकी शाखाओं व उपशाखाओं की छाल मोटी, कोमल, पर्तदार होती हैं। यह पतझड़ के मौसम में पूरी तरह पर्णविहीन हो जाता है और फिर इस पर धीरे-धीरे नई पत्तियॉं आ जाती हैं। बेलवृक्ष की ताजी और नई पत्तियॉं कोमल और चमकदार हल्‍का गुलाबीपन लिए होती हैं। बेलवृक्ष के बीज को छोड़कर इसके अभी अंग औषधीय महत्‍व के होते हैं।

Question 7:

निर्देश-  नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्‍नों के सबसे उपयुक्‍त उत्‍तर वाले विकल्‍प को चुनिए: 

बेलवृक्ष अपने वंश का अकेला वृक्ष है। भारत में बेल वृक्ष जंगली अवस्‍था में हिमालय के शुष्‍क पर्वतीय भागों में 1350 मीटर तक की उंचाई वाले भागों में देखने को मिल जाता है। इसके साथ ही वह मध्‍य भाग में और दक्षिण भारत में भी मिलता है। इसे देश के अलग-अलग स्‍थानों पर तथा अलग-अलग भाषाओं में अलग-अलग नामों से जाना  जाता है। हिन्‍दीउर्दू तथा बांग्‍ला में इसे बेल कहते हैं। प्राचीन हिन्‍दी में इसका नाम श्रीफल है। वर्तमान समय में श्रीफल नारियल को भी कहा जाता है। भारत में बेल की खेती लगभग सभी स्‍थानों पर सफल है। इसे ऐसे स्‍थानों पर भी उगाया जाता जा सकता हैजहाँ अन्‍य वृक्ष नहीं उगाए जा सकते हैं। बेल में तापमान का उतार चढाव सहन करने की अद्भुत क्षमता होती है। यह 7 डिग्री सेल्सियस से 48 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान सहन कर लेता है और अपना विकास करता है। इस वृक्ष की उंचाई 10 से 15 मीटर तक हो सकती है। कभी-कभी 18 मीटर तक ऊँचे बेल भी देखने को मिल जाते है। बेल का तना अधिक मोटा नहीं होता है। बेल वृक्ष के तने और उसकी शाखाओं व  उपशाखाओं की छाल मोटीकोमलपर्तदार होती हैं। यह पतझड़ के मौसम में पूरी तरह पर्णविहीन हो जाता है और फिर इस पर धीरे-धीरे नई पत्तियॉं आ जाती हैं। बेलवृक्ष की ताजी और नई पत्तियॉं कोमल और चमकदार हल्‍का गुलाबीपन लिए होती हैं। बेलवृक्ष के बीज को छोड़कर इसके अभी अंग औषधीय महत्‍व के होते हैं।

बेलवृक्ष के किस अंग में औषधीय गुण नहीं होते हैं ?

निर्देश- नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्‍नों के सबसे उपयुक्‍त उत्‍तर वाले विकल्‍प को चुनिए:

बेलवृक्ष अपने वंश का अकेला वृक्ष है। भारत में बेल वृक्ष जंगली अवस्‍था में हिमालय के शुष्‍क पर्वतीय भागों में 1350 मीटर तक की उंचाई वाले भागों में देखने को मिल जाता है। इसके साथ ही वह मध्‍य भाग में और दक्षिण भारत में भी मिलता है। इसे देश के अलग-अलग स्‍थानों पर तथा अलग-अलग भाषाओं में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। हिन्‍दी, उर्दू तथा बांग्‍ला में इसे बेल कहते हैं। प्राचीन हिन्‍दी में इसका नाम श्रीफल है। वर्तमान समय में श्रीफल नारियल को भी कहा जाता है। भारत में बेल की खेती लगभग सभी स्‍थानों पर सफल है। इसे ऐसे स्‍थानों पर भी उगाया जाता जा सकता है, जहाँ अन्‍य वृक्ष नहीं उगाए जा सकते हैं। बेल में तापमान का उतार चढाव सहन करने की अद्भुत क्षमता होती है। यह 7 डिग्री सेल्सियस से 48 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान सहन कर लेता है और अपना विकास करता है। इस वृक्ष की उंचाई 10 से 15 मीटर तक हो सकती है। कभी-कभी 18 मीटर तक ऊँचे बेल भी देखने को मिल जाते है। बेल का तना अधिक मोटा नहीं होता है। बेल वृक्ष के तने और उसकी शाखाओं व उपशाखाओं की छाल मोटी, कोमल, पर्तदार होती हैं। यह पतझड़ के मौसम में पूरी तरह पर्णविहीन हो जाता है और फिर इस पर धीरे-धीरे नई पत्तियॉं आ जाती हैं। बेलवृक्ष की ताजी और नई पत्तियॉं कोमल और चमकदार हल्‍का गुलाबीपन लिए होती हैं। बेलवृक्ष के बीज को छोड़कर इसके अभी अंग औषधीय महत्‍व के होते हैं।

Question 8:

निर्देश-  नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्‍नों के सबसे उपयुक्‍त उत्‍तर वाले विकल्‍प को चुनिए: 

बेलवृक्ष अपने वंश का अकेला वृक्ष है। भारत में बेल वृक्ष जंगली अवस्‍था में हिमालय के शुष्‍क पर्वतीय भागों में 1350 मीटर तक की उंचाई वाले भागों में देखने को मिल जाता है। इसके साथ ही वह मध्‍य भाग में और दक्षिण भारत में भी मिलता है। इसे देश के अलग-अलग स्‍थानों पर तथा अलग-अलग भाषाओं में अलग-अलग नामों से जाना  जाता है। हिन्‍दीउर्दू तथा बांग्‍ला में इसे बेल कहते हैं। प्राचीन हिन्‍दी में इसका नाम श्रीफल है। वर्तमान समय में श्रीफल नारियल को भी कहा जाता है। भारत में बेल की खेती लगभग सभी स्‍थानों पर सफल है। इसे ऐसे स्‍थानों पर भी उगाया  जा सकता हैजहाँ अन्‍य वृक्ष नहीं उगाए जा सकते हैं। बेल में तापमान का उतार चढाव सहन करने की अद्भुत क्षमता होती है। यह 7 डिग्री सेल्सियस से 48 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान सहन कर लेता है और अपना विकास करता है। इस वृक्ष की उंचाई 10 से 15 मीटर तक हो सकती है। कभी-कभी 18 मीटर तक ऊँचे बेल भी देखने को मिल जाते है। बेल का तना अधिक मोटा नहीं होता है। बेल वृक्ष के तने और उसकी शाखाओं व  उपशाखाओं की छाल मोटीकोमलपर्तदार होती हैं। यह पतझड़ के मौसम में पूरी तरह पर्णविहीन हो जाता है और फिर इस पर धीरे-धीरे नई पत्तियॉं आ जाती हैं। बेलवृक्ष की ताजी और नई पत्तियॉं कोमल और चमकदार हल्‍का गुलाबीपन लिए होती हैं। बेलवृक्ष के बीज को छोड़कर इसके सभी अंग औषधीय महत्‍व के होते हैं।

बेल वृक्ष के संबंध कौन-सा कथन सत्‍य नहीं है ?

निर्देश- नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्‍नों के सबसे उपयुक्‍त उत्‍तर वाले विकल्‍प को चुनिए:

बेलवृक्ष अपने वंश का अकेला वृक्ष है। भारत में बेल वृक्ष जंगली अवस्‍था में हिमालय के शुष्‍क पर्वतीय भागों में 1350 मीटर तक की उंचाई वाले भागों में देखने को मिल जाता है। इसके साथ ही वह मध्‍य भाग में और दक्षिण भारत में भी मिलता है। इसे देश के अलग-अलग स्‍थानों पर तथा अलग-अलग भाषाओं में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। हिन्‍दी, उर्दू तथा बांग्‍ला में इसे बेल कहते हैं। प्राचीन हिन्‍दी में इसका नाम श्रीफल है। वर्तमान समय में श्रीफल नारियल को भी कहा जाता है। भारत में बेल की खेती लगभग सभी स्‍थानों पर सफल है। इसे ऐसे स्‍थानों पर भी उगाया जा सकता है, जहाँ अन्‍य वृक्ष नहीं उगाए जा सकते हैं। बेल में तापमान का उतार चढाव सहन करने की अद्भुत क्षमता होती है। यह 7 डिग्री सेल्सियस से 48 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान सहन कर लेता है और अपना विकास करता है। इस वृक्ष की उंचाई 10 से 15 मीटर तक हो सकती है। कभी-कभी 18 मीटर तक ऊँचे बेल भी देखने को मिल जाते है। बेल का तना अधिक मोटा नहीं होता है। बेल वृक्ष के तने और उसकी शाखाओं व उपशाखाओं की छाल मोटी, कोमल, पर्तदार होती हैं। यह पतझड़ के मौसम में पूरी तरह पर्णविहीन हो जाता है और फिर इस पर धीरे-धीरे नई पत्तियॉं आ जाती हैं। बेलवृक्ष की ताजी और नई पत्तियॉं कोमल और चमकदार हल्‍का गुलाबीपन लिए होती हैं। बेलवृक्ष के बीज को छोड़कर इसके सभी अंग औषधीय महत्‍व के होते हैं।

Question 9:

निर्देश-  नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्‍नों के सबसे उपयुक्‍त उत्‍तर वाले विकल्‍प को चुनिए: 

बेलवृक्ष अपने वंश का अकेला वृक्ष है। भारत में बेल वृक्ष जंगली अवस्‍था में हिमालय के शुष्‍क पर्वतीय भागों में 1350 मीटर तक की उंचाई वाले भागों में देखने को मिल जाता है। इसके साथ ही वह मध्‍य भाग में और दक्षिण भारत में भी मिलता है। इसे देश के अलग-अलग स्‍थानों पर तथा अलग-अलग भाषाओं में अलग-अलग नामों से जाना  जाता है। हिन्‍दीउर्दू तथा बांग्‍ला में इसे बेल कहते हैं। प्राचीन हिन्‍दी में इसका नाम श्रीफल है। वर्तमान समय में श्रीफल नारियल को भी कहा जाता है। भारत में बेल की खेती लगभग सभी स्‍थानों पर सफल है। इसे ऐसे स्‍थानों पर भी उगाया जाता जा सकता हैजहाँ अन्‍य वृक्ष नहीं उगाए जा सकते हैं। बेल में तापमान का उतार चढाव सहन करने की अद्भुत क्षमता होती है। यह 7 डिग्री सेल्सियस से 48 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान सहन कर लेता है और अपना विकास करता है। इस वृक्ष की उंचाई 10 से 15 मीटर तक हो सकती है। कभी-कभी 18 मीटर तक ऊँचे बेल भी देखने को मिल जाते है। बेल का तना अधिक मोटा नहीं होता है। बेल वृक्ष के तने और उसकी शाखाओं व  उपशाखाओं की छाल मोटीकोमलपर्तदार होती हैं। यह पतझड़ के मौसम में पूरी तरह पर्णविहीन हो जाता है और फिर इस पर धीरे-धीरे नई पत्तियॉं आ जाती हैं। बेलवृक्ष की ताजी और नई पत्तियॉं कोमल और चमकदार हल्‍का गुलाबीपन लिए होती हैं। बेलवृक्ष के बीज को छोड़कर इसके अभी अंग औषधीय महत्‍व के होते हैं।

‘तना’ शब्‍द ___________ संज्ञा है।

निर्देश- नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्‍नों के सबसे उपयुक्‍त उत्‍तर वाले विकल्‍प को चुनिए:

बेलवृक्ष अपने वंश का अकेला वृक्ष है। भारत में बेल वृक्ष जंगली अवस्‍था में हिमालय के शुष्‍क पर्वतीय भागों में 1350 मीटर तक की उंचाई वाले भागों में देखने को मिल जाता है। इसके साथ ही वह मध्‍य भाग में और दक्षिण भारत में भी मिलता है। इसे देश के अलग-अलग स्‍थानों पर तथा अलग-अलग भाषाओं में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। हिन्‍दी, उर्दू तथा बांग्‍ला में इसे बेल कहते हैं। प्राचीन हिन्‍दी में इसका नाम श्रीफल है। वर्तमान समय में श्रीफल नारियल को भी कहा जाता है। भारत में बेल की खेती लगभग सभी स्‍थानों पर सफल है। इसे ऐसे स्‍थानों पर भी उगाया जाता जा सकता है, जहाँ अन्‍य वृक्ष नहीं उगाए जा सकते हैं। बेल में तापमान का उतार चढाव सहन करने की अद्भुत क्षमता होती है। यह 7 डिग्री सेल्सियस से 48 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान सहन कर लेता है और अपना विकास करता है। इस वृक्ष की उंचाई 10 से 15 मीटर तक हो सकती है। कभी-कभी 18 मीटर तक ऊँचे बेल भी देखने को मिल जाते है। बेल का तना अधिक मोटा नहीं होता है। बेल वृक्ष के तने और उसकी शाखाओं व उपशाखाओं की छाल मोटी, कोमल, पर्तदार होती हैं। यह पतझड़ के मौसम में पूरी तरह पर्णविहीन हो जाता है और फिर इस पर धीरे-धीरे नई पत्तियॉं आ जाती हैं। बेलवृक्ष की ताजी और नई पत्तियॉं कोमल और चमकदार हल्‍का गुलाबीपन लिए होती हैं। बेलवृक्ष के बीज को छोड़कर इसके अभी अंग औषधीय महत्‍व के होते हैं।

Question 10:

निर्देश-  नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्‍नों के सबसे उपयुक्‍त उत्‍तर वाले विकल्‍प को चुनिए: 

बेलवृक्ष अपने वंश का अकेला वृक्ष है। भारत में बेल वृक्ष जंगली अवस्‍था में हिमालय के शुष्‍क पर्वतीय भागों में 1350 मीटर तक की उंचाई वाले भागों में देखने को मिल जाता है। इसके साथ ही वह मध्‍य भाग में और दक्षिण भारत में भी मिलता है। इसे देश के अलग-अलग स्‍थानों पर तथा अलग-अलग भाषाओं में अलग-अलग नामों से जाना  जाता है। हिन्‍दीउर्दू तथा बांग्‍ला में इसे बेल कहते हैं। प्राचीन हिन्‍दी में इसका नाम श्रीफल है। वर्तमान समय में श्रीफल नारियल को भी कहा जाता है। भारत में बेल की खेती लगभग सभी स्‍थानों पर सफल है। इसे ऐसे स्‍थानों पर भी उगाया जाता जा सकता हैजहाँ अन्‍य वृक्ष नहीं उगाए जा सकते हैं। बेल में तापमान का उतार चढाव सहन करने की अद्भुत क्षमता होती है। यह 7 डिग्री सेल्सियस से 48 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान सहन कर लेता है और अपना विकास करता है। इस वृक्ष की उंचाई 10 से 15 मीटर तक हो सकती है। कभी-कभी 18 मीटर तक ऊँचे बेल भी देखने को मिल जाते है। बेल का तना अधिक मोटा नहीं होता है। बेल वृक्ष के तने और उसकी शाखाओं व  उपशाखाओं की छाल मोटीकोमलपर्तदार होती हैं। यह पतझड़ के मौसम में पूरी तरह पर्णविहीन हो जाता है और फिर इस पर धीरे-धीरे नई पत्तियॉं आ जाती हैं। बेलवृक्ष की ताजी और नई पत्तियॉं कोमल और चमकदार हल्‍का गुलाबीपन लिए होती हैं। बेलवृक्ष के बीज को छोड़कर इसके अभी अंग औषधीय महत्‍व के होते हैं।

बेलवृक्ष की छाल होती है-

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बेलवृक्ष अपने वंश का अकेला वृक्ष है। भारत में बेल वृक्ष जंगली अवस्‍था में हिमालय के शुष्‍क पर्वतीय भागों में 1350 मीटर तक की उंचाई वाले भागों में देखने को मिल जाता है। इसके साथ ही वह मध्‍य भाग में और दक्षिण भारत में भी मिलता है। इसे देश के अलग-अलग स्‍थानों पर तथा अलग-अलग भाषाओं में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। हिन्‍दी, उर्दू तथा बांग्‍ला में इसे बेल कहते हैं। प्राचीन हिन्‍दी में इसका नाम श्रीफल है। वर्तमान समय में श्रीफल नारियल को भी कहा जाता है। भारत में बेल की खेती लगभग सभी स्‍थानों पर सफल है। इसे ऐसे स्‍थानों पर भी उगाया जाता जा सकता है, जहाँ अन्‍य वृक्ष नहीं उगाए जा सकते हैं। बेल में तापमान का उतार चढाव सहन करने की अद्भुत क्षमता होती है। यह 7 डिग्री सेल्सियस से 48 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान सहन कर लेता है और अपना विकास करता है। इस वृक्ष की उंचाई 10 से 15 मीटर तक हो सकती है। कभी-कभी 18 मीटर तक ऊँचे बेल भी देखने को मिल जाते है। बेल का तना अधिक मोटा नहीं होता है। बेल वृक्ष के तने और उसकी शाखाओं व उपशाखाओं की छाल मोटी, कोमल, पर्तदार होती हैं। यह पतझड़ के मौसम में पूरी तरह पर्णविहीन हो जाता है और फिर इस पर धीरे-धीरे नई पत्तियॉं आ जाती हैं। बेलवृक्ष की ताजी और नई पत्तियॉं कोमल और चमकदार हल्‍का गुलाबीपन लिए होती हैं। बेलवृक्ष के बीज को छोड़कर इसके अभी अंग औषधीय महत्‍व के होते हैं।