Recently, which country has started a new initiative named 'Partners in the Blue Pacific' ?
हाल ही में किस देश ने 'पार्टनर्स इन द ब्लू पैसिफिक' नामक एक नई पहल शुरू की है ?
Correct Answer: 4
Recently the US and its allies - Australia, New Zealand, Japan and the United Kingdom have launched a new initiative called 'Partners in the Blue Pacific' for "effective and efficient cooperation" with the small island states of the Blue Pacific region.
The purpose of the PBP is to promote cooperation in the areas of "climate crisis, connectivity and transport, maritime safety and security, health, prosperity and education".
IMPORTANT FACTS -
Partners in Blue Pacific (PBP) Initiative :
The PBP is an "informal mechanism" of five countries to support the Pacific islands and promote diplomatic, economic ties in the region.
It focuses on increasing "prosperity, resilience and security" in the Pacific region through closer cooperation.
That is, through the PBP, these countries together and individually will provide more resources to the Pacific Island countries to counterbalance China's aggressive outreach.
Former members will "promote Pacific regionalism" and forge strong ties with the Pacific Islands Forum (PIF).
ADDITIONAL INFORMATION -
Pacific Islands Forum (PIF) :
The Pacific Islands Forum is the region's premier political and economic policy organisation.
It was established in 1971.
It consists of 18 members including Australia, the Cook Islands, the Federated States of Micronesia, Fiji, French Polynesia, Kiribati, Nauru, New Caledonia, New Zealand, Niue, Palau, Papua New Guinea, the Republic of the Marshall Islands, Samoa, the Solomon Islands, Tonga, Tuvalu and Vanuatu.
हाल ही में अमेरिका और उसके सहयोगी देशों- ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, जापान तथा यूनाइटेड किंगडम ने ब्लू पैसिफिक क्षेत्र के छोटे द्वीप राष्ट्रों के साथ "प्रभावी एवं कुशल सहयोग" के लिए 'पार्टनर्स इन द ब्लू पैसिफिक' नामक एक नई पहल शुरू की है।
PBP का उद्देश्य "जलवायु संकट, संपर्क और परिवहन, समुद्री सुरक्षा एवं सुरक्षा, स्वास्थ्य, समृद्धि तथा शिक्षा" के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देना है।
महत्त्वपूर्ण तथ्य -
पार्टनर्स इन ब्लू पैसिफिक (PBP) पहल:
PBP प्रशांत द्वीपों का समर्थन करने और क्षेत्र में राजनयिक, आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिये पांँच देशों का "अनौपचारिक तंत्र" है।
यह निकट सहयोग के माध्यम से प्रशांत क्षेत्र में "समृद्धि, लचीलापन और सुरक्षा" बढ़ाने पर केंद्रित है।
अर्थात् PBP के माध्यम से ये देश एक साथ और व्यक्तिगत रूप से चीन के आक्रामक आउटरीच कोे प्रतिसंतुलित करने के लिये प्रशांत द्वीप देशों को और अधिक संसाधन उपलब्ध कराएंगे।
पूर्व के सदस्य "प्रशांत क्षेत्रवाद को बढ़ावा देंगे " और प्रशांत द्वीप समूह फोरम के साथ मज़बूत संबंध कायम करेंगे।
अतिरिक्त जानकारी -
प्रशांत द्वीप समूह फोरम (PIF) :
पैसिफिक आइलैंड्स फोरम इस क्षेत्र का प्रमुख राजनीतिक और आर्थिक नीति संगठन है।
इसकी स्थापना वर्ष 1971 में की गयी थी I
इसमें ऑस्ट्रेलिया, कुक आइलैंड्स, माइक्रोनेशिया के संघीय राज्य, फिजी, फ्रेंच पोलिनेशिया, किरिबाती, नाउरू, न्यू कैलेडोनिया, न्यूज़ीलैंड, नीयू, पलाऊ, पापुआ न्यू गिनी, मार्शल आइलैंड्स गणराज्य, समोआ, सोलोमन द्वीप, टोंगा, तुवालु और वानुअतु सहित 18 सदस्य देश शामिल हैं।
Question 2:
Sandeep Kumar Gupta has been appointed as the new Chairman and Managing Director of which public sector company ?
संदीप कुमार गुप्ता को किस सार्वजनिक कंपनी के नए अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है ?
Correct Answer: 1
Indian Oil Corporation Finance Director Sandeep Kumar Gupta has been appointed as the head of GAIL (India) Limited, India's largest gas company.
IMPORTANT FACTS -
Public Enterprises Selection Board (PESB) has selected Sandeep Kumar Gupta for the post of Chairman and Managing Director of GAIL after interviewing 10 candidates.
He will succeed Manoj Jain who is going to retire on August 31.
The tenure of Sandeep Kumar Gupta will be till February 2026.
Gupta is also involved in the board of IOC Middle East FZE, Dubai and Indian Oil Petronas Pvt Ltd.
ADDITIONAL INFORMATION -
About GAIL (India) Limited :
GAIL (India) Limited is the apex gas exploration company in India.
It works under the Ministry of Petroleum and Natural Gas, Government of India.
Established - August 1984
Headquarters - New Delhi, India
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन में वित्त निदेशक संदीप कुमार गुप्ता भारत के सबसे बड़े गैस संस्थान गेल (इंडिया) लिमिटेड के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया है I
महत्त्वपूर्ण तथ्य -
सार्वजनिक उपक्रम चयन बोर्ड (पीईएसबी) ने 10 उम्मीदवारों के साक्षात्कार के बाद गेल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक पद के लिए संदीप कुमार गुप्ता का चयन किया गया है।
वह मनोज जैन का स्थान लेंगे जो 31 अगस्त को सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं।
संदीप कुमार गुप्ता का कार्यकाल फरवरी 2026 तक होगा।
गुप्ता आईओसी मिडिल ईस्ट एफजेडई, दुबई और इंडियन ऑयल पेट्रोनास प्राइवेट लिमिटेड के बार्ड में भी शामिल हैं।
अतिरिक्त जानकारी -
गेल (इंडिया) लिमिटेड के बारे में :
गेल (इंडिया) लिमिटेड भारत में गैस उत्खनन करने वाली शीर्ष तकनीकी संस्था है।
यह पैट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन कार्य करती है I
स्थापना - अगस्त 1984
मुख्यालय - नई दिल्ली, भारत
Question 3:
Where was the first "China-Horn of Africa Peace, Governance and Development Conference" held ?
पहले "चीन-हॉर्न ऑफ अफ्रीका शांति, शासन और विकास सम्मेलन" का आयोजन कहाँ किया गया ?
Correct Answer: 2
Recently the first "China-Horn of Africa Peace, Governance and Development Conference" was held in Ethiopia.
IMPORTANT FACTS -
This is the first time that China aims to "play its role in the field of security".
The conference held in Ethiopia saw the participation of the foreign ministries of the following Horn countries - Kenya, Djibouti, Ethiopia, Sudan, Somalia, South Sudan and Uganda.
Horn of Africa:
The Horn of Africa is a peninsula in Northeast Africa.
Located in the eastern part of the African mainland, it is the fourth largest peninsula in the world.
It is located along the southern border of the Red Sea and extends for hundreds of kilometres into the Guardafui Channel, the Gulf of Aden and the Indian Ocean.
The Horn of Africa is equidistant from the equator and the Tropic of Cancer.
The Horn includes the biodiversity of the highlands of the Ethiopian Plateau, the Ogaden Desert, Eritrea and the Somalian Coast.
The Horn of Africa refers to the region comprising the countries of Djibouti, Eritrea, Ethiopia and Somalia.
The region has experienced imperialism, neo-colonialism, cold war, ethnic conflict, inter-African conflict, poverty, disease, famine, etc.
हाल ही में पहले "चीन-हॉर्न ऑफ अफ्रीका शांति, शासन और विकास सम्मेलन" का आयोजन इथियोपिया में किया गया।
महत्वपूर्ण तथ्य -
यह पहली बार है जब चीन का लक्ष्य "सुरक्षा के क्षेत्र में अपनी भूमिका निभाना" है।
इथियोपिया में आयोजित सम्मेलन में हॉर्न के निम्नलिखित देशों- केन्या, जिबूती, इथियोपिया, सूडान, सोमालिया, दक्षिण सूडान और युगांडा के विदेश मंत्रालयों की भागीदारी देखी गई।
हॉर्न ऑफ अफ्रीका:
हॉर्न ऑफ अफ्रीका पूर्वोत्तर अफ्रीका में एक प्रायद्वीप है।
अफ्रीकी मुख्य भूमि के पूर्वी भाग में स्थित यह विश्व का चौथा सबसे बड़ा प्रायद्वीप है।
यह लाल सागर की दक्षिणी सीमा के साथ स्थित है तथा गार्डाफुई चैनल, अदन की खाड़ी और हिंद महासागर में सैकड़ों किलोमीटर तक फैला हुआ है।
अफ्रीका का हॉर्न क्षेत्र भूमध्य रेखा और कर्क रेखा से समान दूरी पर है।
हॉर्न में इथियोपियाई पठार, ओगाडेन रेगिस्तान, इरिट्रिया और सोमालियाई तटों के ऊंँचे इलाकों के जैवविविधता वाले क्षेत्र शामिल हैं।
अफ्रीका का हॉर्न क्षेत्र जिबूती, इरिट्रिया, इथियोपिया और सोमालिया के देशों वाले क्षेत्र को दर्शाता है।
इस क्षेत्र ने साम्राज्यवाद, नव-उपनिवेशवाद, शीत युद्ध, जातीय संघर्ष, अंतर-अफ्रीकी संघर्ष, गरीबी, बीमारी, अकाल आदि का अनुभव किया है।
Question 4:
Which state government issued an order banning the entry of medium and heavy goods vehicles in the state from November to February ?
किस राज्य सरकार ने नवंबर से फरवरी तक राज्य में मध्यम और भारी माल वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया ?
Correct Answer: 3
The Delhi government issued an order banning the entry of medium and heavy goods vehicles into Delhi from November to February to check vehicular pollution.
IMPORTANT FACTS -
Entry of these vehicles will not be allowed from 1st November 2022 to 28th February 2023.
This is because vehicular pollution worsen air quality in the winter months.
Further, the Delhi government urged neighbouring states, including Uttar Pradesh and Haryana, to allow only BS VI-compliant buses to enter Delhi from October 1.
This step will help in controlling air pollution.
Air pollution in Delhi-NCR :
Air pollution in Delhi-NCR as well as in the Gangetic plains of India depends on the following factors:
1. Change in wind direction – Monsoon returns to North West India in October. During this, the north-westerly winds prevail. This brings dust from northern Pakistan and Afghanistan, causing pollution.
2. Low wind speed – During the month of October (winter), the overall wind speed becomes less compared to the summer months, increasing the potential for air pollution across the region, as the low speed winds are not effective in disperse of the pollutants.
3. Stubble burning – Due to stubble burning in Punjab, Haryana and Rajasthan, Delhi is covered with a thick blanket of mist during winters.
Stubble burning releases toxic pollutants containing harmful gases such as Methane (CH4), Volatile Organic Compounds (VOCs), Carbon Monoxide (CO), and Carcinogenic Polycyclic Aromatic Hydrocarbons.
4. Vehicular pollution – The biggest reason for deteriorating air quality in this area is vehicular pollution. About 20% of PM2.5 in winter comes from vehicles.
दिल्ली सरकार ने वाहनों के प्रदूषण को रोकने के लिए नवंबर से फरवरी तक दिल्ली में मध्यम और भारी माल वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया।
महत्वपूर्ण तथ्य -
1 नवंबर 2022 से 28 फरवरी 2023 तक इन वाहनों के प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
ऐसा इसलिए है, क्योंकि सर्दियों के महीनों में वाहनों के प्रदूषण से वायु की गुणवत्ता बिगड़ जाती है I
इसके अलावा, दिल्ली सरकार ने उत्तर प्रदेश और हरियाणा सहित पड़ोसी राज्यों से 1 अक्टूबर से केवल BS VI-अनुपालन वाली बसों को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति देने का आग्रह किया।
इस कदम से वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण :
दिल्ली-एनसीआर के साथ-साथ भारत के गंगा के मैदानी इलाकों में वायु प्रदूषण निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करता है:
1. हवा की दिशा में परिवर्तन – अक्टूबर में उत्तर पश्चिम भारत में मानसून की वापसी होती है। इस दौरान उत्तर पश्चिमी हवाएं प्रबल होती हैं। इससे उत्तरी पाकिस्तान और अफगानिस्तान से धूल आती है, जिससे प्रदूषण होता है।
2. कम हवा की गति – अक्टूबर महीने (सर्दियों) के दौरान, गर्मियों के महीनों की तुलना में हवाओं की समग्र गति कम हो जाती है, जिससे पूरे क्षेत्र में वायु प्रदूषण की संभावना बढ़ जाती है, क्योंकि कम गति वाली हवाएं प्रदूषकों को फैलाने में प्रभावी नहीं होती हैं।
3. पराली जलाना – पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में पराली जलाने से सर्दियों के दौरान दिल्ली में धुंध की मोटी चादर बिछ जाती है।
पराली जलाने से हानिकारक गैसें जैसे मीथेन (CH4), वाष्पशील कार्बनिक यौगिक (VOC), कार्बन मोनोऑक्साइड (CO), और कार्सिनोजेनिक पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन युक्त जहरीले प्रदूषक उत्सर्जित होते हैं।
4. वाहनों से होने वाला प्रदूषण – इस क्षेत्र में वायु गुणवत्ता बिगड़ने का सबसे बड़ा कारण वाहनों का प्रदूषण है। सर्दियों में PM2.5 का लगभग 20% वाहनों से आता है।
Question 5:
Which space agency launched the CAPSTONE mission to the Moon ?
किस अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा चंद्रमा पर CAPSTONE मिशन लॉन्च किया ?
Correct Answer: 2
The US space agency NASA launched its CAPSTONE spacecraft from New Zealand's Mahia Peninsula.
Important Points:
Full form of CAPSTONE isCislunar Autonomous Positioning System Technology Operations and Navigation Experiment .
This microwave oven-sized spacecraft is 25 kg.
The Electron booster rocket of the American company Rocket Lab has been launched.Lunar Gateway to be launched in 2024
It will serve as a staging area to land humans on the Moon for the first time in 50 years.
अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने न्यूजीलैंड के माहिया प्रायद्वीप से अपना कैपस्टोन अंतरिक्ष यान लॉन्च किया।
महत्वपूर्ण बिंदु :
माइक्रोवेव ओवन के आकार का ये स्पेसक्राफ्ट 25 किग्रा का है।
यह अंतरिक्ष यान छह महीने तक चंद्रमा के चारों ओर परिक्रमा करेगा और NASA के लूनर गेटवे के इस्तेमाल से पहले कक्षा की स्थिरता का परीक्षण करेगा।
अमेरिकी कंपनी रॉकेट लैब के इलेक्ट्रॉन बूस्टर रॉकेट से इसे लॉन्च किया गया है।
लूनर गेटवे को 2024 में लॉन्च किया जाएगा और यह 50 वर्षों में पहली बार चंद्रमा पर इंसानों को लैंड कराने के लिए ये स्टेजिंग एरिया के रूप में काम करेगा।
Question 6:
The second phase of 'Going Online As Leaders' (GOAL) program has been launched by which ministry?
हाल ही में किस मंत्रालय द्वारा ‘गोइंग ऑनलाइन एस लीडर्स’ (GOAL) कार्यक्रम के द्वितीय चरण की शुरुआत की गई है?
Correct Answer: 4
With the help of facebook the Union Ministry of Tribal Affairs launched a second phase of 'Going Online as Leaders' program to provide mentorship to tribal youth through digital mode.
Important Points:
This program has been launched to provide counseling to tribal youth through digital medium.
This program will play an important role in the empowerment of tribal women by connecting them to the digital world.
Mentees are those youths who are trained and experts from different disciplines and fields will be called 'Mentors'.
The main focus of this program will be on majorly three areas-
Digital Literacy
Life Skills
Leadership and Entrepreneurship
फेसबुक की मदद से केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने डिजिटल मोड के माध्यम से आदिवासी युवाओं को सलाह प्रदान करने के लिए 'गोइंग ऑनलाइन एज़ लीडर्स' कार्यक्रम का दूसरा चरण शुरू किया।
महत्वपूर्ण बिंदु:
डिजिटल माध्यम से आदिवासी युवाओं को परामर्श प्रदान करने के लिए यह कार्यक्रम शुरू किया गया है।
यह कार्यक्रम आदिवासी महिलाओं को डिजिटल दुनिया से जोड़कर उनके सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा ।
मेंटीज वे युवा हैं जो प्रशिक्षित हैं और विभिन्न विषयों और क्षेत्रों के विशेषज्ञ 'मेंटर्स' कहलाएंगे।
इस कार्यक्रम का मुख्य फोकस प्रमुख रूप से तीन क्षेत्रों पर होगा-
डिजिटल साक्षरता
जीवन कौशल
नेतृत्व और उद्यमिता
Question 7:
Where has the India Centre recently been established to promote activities related to India?
हाल ही में भारत से संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए इंडिया सेंटर की स्थापना कहां की गई है?
Correct Answer: 1
The India Centre has been established at Busan University of Foreign Studies, South Korea to promote activities related to India.
IMPORTANT FACTS -
This centre will act as a major organisation for India related programs in Busan.
It will provide necessary resources for interested students in India and will emphasise on increasing academic and cultural cooperation with Busan University.
An MoU was also signed on the occasion to promote cooperation in the field of education and cultural exchange between Busan University and the Swami Vivekananda Cultural Centre in Seoul.
Busan University of Foreign Studies and Hanuk University of Foreign Studies in South Korea are the two higher educations where Hindi is taught as a full-time subject.
The Department of Hindi Languagewas established in1983 at Busan University of Foreign Studies (BUFS).
ADDITIONAL INFORMATION -
About South Korea :
South Korea is a country located in East Asia that is known as the 'the land of morning calm'.
The nation's capital, Seoul, is the world's second largest metropolitan area and a major global city.
North Korea is the only country bordering this country.
Martial arts Taekwondo originated in Korea.
President - Yoon Suk-yol
Currency - South Korean won
दक्षिण कोरिया के बुसान यूनिवर्सिटी ऑफ फॉरेन स्टडीज में भारत से संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए इंडिया सेंटर की स्थापना की गई है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
यह केंद्र बुसान में भारत से संबंधित कार्यक्रमों के लिए एक प्रमुख संगठन के रूप में कार्य करेगा।
यह भारत में रुचि रखने वाले छात्रों के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराएगा और बुसान विश्वविद्यालय के साथ शैक्षणिक और सांस्कृतिक सहयोग बढाने पर जोर देगा।
इस अवसर पर बुसान विश्वविद्यालय और सियोल स्थित स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र के बीच शिक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए।
दक्षिण कोरिया में बुसान यूनिवर्सिटी ऑफ फॉरेन स्टडीज और हनुक यूनिवर्सिटी ऑफ फॉरेन स्टडीज ऐसे दो उच्च शिक्षा हैं जहां हिंदी को पूर्णकालिक विषय के रूप में पढ़ाया जाता है।
बुसान यूनिवर्सिटी ऑफ फॉरेन स्टडीज (बीयूएफएस) में वर्ष 1983 में हिंदी भाषा विभाग की स्थापना की गई थी।
अतिरिक्त जानकारी -
दक्षिण कोरिया के बारे में :
दक्षिण कोरिया पूर्वी एशिया में स्थित एक देश है जो 'शान्त सुबह की भूमि' के रूप में विख्यात है I
देश की राजधानी सियोल दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा महानगरीय क्षेत्र और एक प्रमुख वैश्विक नगर है।
उत्तर कोरिया, इस देश की सीमा से लगता एकमात्र देश है I
मार्शल आर्ट्स ताक्वाण्डो का जन्म कोरिया में हुआ था।
राष्ट्रपति - यूं सुक-योल
मुद्रा - दक्षिण कोरियाई वॉन
Question 8:
What is the purpose of the recently launched 'Dak Karmayogi' portal?
हाल ही में लांच किए गए ‘डाक कर्मयोगी’ पोर्टल का उद्देश्य क्या है?
Correct Answer: 2
The 'Dak Karmayogi' e-learning portal has been developed internally under the vision of 'Mission Karmayogi' envisaged by Prime Minister Narendra Modi to boost the efficiency of government employees.
IMPORTANT FACTS -
The ‘Dak Karmayogi’ e-learning portal of the Department of Posts has been launched by the Minister of Communications, Ashwini Vaishnav.
This portal will enhance the efficiency of about 4 lakh Gramin Dak Sevaks and employees by providing uniform standardised training material in online or mixed campus mode.
Meghdoot Awards were also given in eight different categories in recognition of the good performance of the employees of the Department of Posts.
The Meghdoot Award was started in 1984.
It is the highest award of the Department of Posts at the national level for overall performance and excellence.
‘डाक कर्मयोगी’ ई-लर्निंग पोर्टल सरकारी कर्मचारियों की दक्षता को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा परिकल्पित ‘मिशन कर्मयोगी’ के दृष्टिकोण के तहत आंतरिक रूप से विकसित किया गया है।
महत्त्वपूर्ण तथ्य -
डाक विभाग का ‘डाक कर्मयोगी’ ई-लर्निंग पोर्टल संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा लॉन्च किया गया है।
यह पोर्टल ऑनलाइन या मिश्रित कैंपस मोड में एक समान मानकीकृत प्रशिक्षण सामग्री प्रदान करके लगभग 4 लाख ग्रामीण डाक सेवकों और कर्मचारियों की दक्षता में वृद्धि करेगा।
डाक विभाग के कर्मचारियों के अच्छे प्रदर्शन को मान्यता देने के लिए आठ अलग-अलग श्रेणियों में मेघदूत पुरस्कार भी प्रदान किए गए।
मेघदूत पुरस्कार वर्ष 1984 में शुरू किया गया था।
यह समग्र प्रदर्शन और उत्कृष्टता के लिए राष्ट्रीय स्तर पर डाक विभाग का सर्वोच्च पुरस्कार है।
Question 9:
Where did the Ministry of Dairying and Animal Husbandry launch the pilot project 'One Health' ?
डेयरी और पशुपालन मंत्रालय ने पायलट प्रोजेक्ट 'वन हेल्थ' का शुभारंभ कहाँ किया?
Correct Answer: 2
On June 28, 2022, the Ministry of Dairying and Animal Husbandry launched the 'One Health' pilot project in Bengaluru.
IMPORTANT FACTS -
“One Health Pilot Project” was launched by the Department of Animal Husbandry and Dairying, with Confederation of Indian Industry (CII) and Bill & Melinda Gates Foundation as implementation partners.
This health project is being implemented in Uttarakhand and Karnataka.
The One Health pilot project will bring together stakeholders from human, animal and environmental health to develop solutions to prevent future zoonotic disease outbreaks such as the COVID-19 pandemic.
The success of this pilot project will help the Centre develop a national 'One Health' roadmap.
The roadmap will be equipped with better feedback mechanisms and management.
It will also incorporate world best practices.
ADDITIONAL INFORMATION -
About Confederation of Indian Industry :
CII is a non-governmental advocacy group and trade association.
Its headquarter is in New Delhi.
This association was established in 1895.
It engages with other leaders in business, academia, political and society in shaping industry, regional and global agendas.
It is a membership based organisation.
28 जून, 2022 को डेयरी और पशुपालन मंत्रालय ने बेंगलुरु में ‘वन हेल्थ’ पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च किया।
महत्वपूर्ण तथ्य -
भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के कार्यान्वयन भागीदारों के रूप में, पशुपालन और डेयरी विभाग द्वारा “वन हेल्थ पायलट प्रोजेक्ट” शुरू किया गया।
यह स्वास्थ्य परियोजना उत्तराखंड और कर्नाटक में लागू की जा रही है।
वन हेल्थ पायलट प्रोजेक्ट भविष्य में कोविड -19 महामारी जैसी जूनोटिक बीमारी के प्रकोप को रोकने के लिए समाधान तैयार करने के लिए मानव, पशु और पर्यावरण स्वास्थ्य के हितधारकों को एक मंच पर लाएगा।
इस पायलट प्रोजेक्ट की सफलता से केंद्र को राष्ट्रीय ‘वन हेल्थ’ रोडमैप विकसित करने में मदद मिलेगी।
रोडमैप बेहतर प्रतिक्रिया तंत्र और प्रबंधन से लैस होगा।
इसमें दुनिया की सर्वोत्तम प्रथाओं को भी शामिल किया जाएगा।
अतिरिक्त जानकारी -
भारतीय उद्योग परिसंघ के बारे में :
CII एक गैर-सरकारी वकालत समूह और व्यापार संघ है।
इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।
इस एसोसिएशन की स्थापना 1895 में हुई थी।
यह उद्योग, क्षेत्रीय और वैश्विक एजेंडा को आकार देने में व्यवसाय, शैक्षणिक, राजनीतिक और समाज के अन्य नेताओं के साथ जुड़ा हुआ है।
यह एक सदस्यता आधारित संगठन है।
Question 10:
International Asteroid Day is observed every year on which date ?
प्रतिवर्ष अंतर्राष्ट्रीय क्षुद्रग्रह दिवस किस तिथि को मनाया जाता है ?
Correct Answer: 4
International Asteroid Day is observed on 30 June every year by the United Nations.
IMPORTANT FACTS -
The resolution to celebrate International Asteroid Day was presented to the United Nations in 2016.
The day is marked to raise awareness about the devastating effects when an asteroid hits the Earth.
International Asteroid Day was held on June 30, 1908, the anniversary of the Siberian Tunguska event.
Tunguska incident :
This event is the largest known eruption recorded in human history.
The Tunguska event is a very large explosion that is believed to be caused by a comet or meteor.
On June 30, 1908, the Russian people in Lake Baikal saw a pillar of blue light moving across the sky like the sun.
Ten minutes later they heard sounds like artillery fire.
The power of this explosion is estimated to be between 3 and 30 megatons of TNT.
ADDITIONAL INFORMATION -
What is Asteroid?
Asteroids are celestial bodies that move around the universe.
They are smaller in size than planets and larger than meteorites.
Ceres was the first asteroid to be discovered by Giuseppe Piazzi in 1819.
There are many asteroids in our solar system. Most of those asteroids are found in the Main Asteroid Belt. This main asteroid belt is located in the region between the orbits of the planets Mars and Jupiter.
संयुक्त राष्ट्र द्वारा हर साल 30 जून को अंतर्राष्ट्रीय क्षुद्रग्रह दिवस के रूप में मनाया जाता है ।
महत्वपूर्ण तथ्य -
अंतर्राष्ट्रीय क्षुद्रग्रह दिवस मनाने का संकल्प 2016 में संयुक्त राष्ट्र में प्रस्तुत किया गया था।
जब कोई क्षुद्रग्रह पृथ्वी से टकराता है तो उसके विनाशकारी प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए यह दिन मनाया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय क्षुद्रग्रह दिवस 30 जून, 1908 को हुई साइबेरियन तुंगुस्का घटना की वर्षगांठ पर आयोजित किया जाता है।
तुंगुस्का घटना :
यह इवेंट मानव इतिहास में दर्ज सबसे बड़ा ज्ञात विस्फोट है।
तुंगुस्का घटना एक बहुत बड़े विस्फोट की घटना है जिसे किसी धूमकेतु या उल्का की वजह से होना माना जाता है।
30 जून, 1908 को, बैकाल झील में रूसी लोगों ने नीले प्रकाश का एक स्तंभ देखा, जो सूरज के समान आकाश में घूम रहा था।
दस मिनट बाद उन्हें तोपखाने की आग जैसी आवाजें सुनाई दीं।
इस धमाके की ताकत अनुमानत: 3 से लेकर 30 मेगाटन TNT के बीच बताई जाती है।
अतिरिक्त जानकारी -
क्षुद्रग्रह क्या है ?
क्षुद्रग्रह खगोलीय पिंड होते है जो ब्रह्माण्ड में विचरण करते रहते है।
यह अपने आकार में ग्रहों से छोटे और उल्का पिंडों से बड़े होते हैं।
1819 में ग्यूसेप पियाज़ी द्वारा खोजा जाने वाला पहला क्षुद्रग्रह, सेरेस था |
हमारे सौरमंडल में बहुत सारे क्षुद्रग्रह हैं। उनमें से ज़्यादातर क्षुद्रग्रह मुख्य क्षुद्रग्रह बेल्ट (Main Asteroid Belt) में पाए जाते हैं। यह मुख्य क्षुद्रग्रह बेल्ट मंगल और बृहस्पति ग्रहों की कक्षाओं के बीच के क्षेत्र में स्थित है।
Question 11:
Which institute recently released a report titled 'India's booming gig and platform economy' ?
हाल ही में किस संस्थान ने 'इंडियाज़ बूमिंग गिग एंड प्लेटफॉर्म इकॉनमी' शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की ?
Correct Answer: 3
Recently NITI Aayog released a report titled 'India's Booming Gig and Platform Economy'.
IMPORTANT FACTS -
According to the report the Indian gig workforce is expected to expand to 23.5 million workers by 2029-30, a 200% jump from the current 7.7 million.
The report estimates that gig workers will constitute 4.1% of the total workforce in India by 2029-2030, up from 1.5% now.
In the year 2020-21, 77 lakh (7.7 million) workers were engaged in the gig economy. Which constituted 2.6% of the non-farm workforce or 1.5% of the total workforce in India.
Major issues raised in the report :
Job and income insecurity: Gig workers do not benefit from labour regulations relating to wages, hours, working conditions and the right to collective bargaining.
Occupational safety and health risks: Workers engaged in employment with digital platforms, especially women workers in app-based taxi and delivery sectors, face various occupational safety and health risks.
Gig economy :
The gig economy is a free market system in which there are simple temporary positions and organisations contract with independent workers for short-term engagements.
According to a report by Boston Consulting Group, India's gig workforce employs 15 million employees in industries such as software, shared and professional services.
According to the 2019 India Staffing Federation report, India is the fifth largest country in flexi-staffing globally after the US, China, Brazil and Japan.
Gig worker: A person who works or participates in work arrangements and earns income from such activities outside the traditional employer-employee relationship".
India's gig sector potential :
An estimated 56% of new jobs in India are being generated by gig economy companies in both blue-collar and white-collar workforce.
The gig economy can provide 90 million jobs in the non-farm sectors in India, with the potential to increase GDP by a further 1.25% in the "long term".
हाल ही में नीति आयोग ने 'इंडियाज़ बूमिंग गिग एंड प्लेटफॉर्म इकॉनमी' शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की।
महत्वपूर्ण तथ्य -
रिपोर्ट के अनुसार भारतीय गिग कार्यबल के 2029-30 तक 23.5 मिलियन श्रमिकों तक विस्तारित होने की उम्मीद है, जो मौजूदा 7.7 मिलियन से 200% की छलांग है।
रिपोर्ट का अनुमान है कि 2029-2030 तक गिग वर्कर भारत में कुल वर्कफोर्स का 4.1% होगा, जो अभी 1.5% है।
वर्ष 2020-21 में 77 लाख (7.7 मिलियन) कर्मचारी गिग इकॉनमी में संलग्न थे। जो भारत में गैर-कृषि कार्यबल का 2.6% या कुल कार्यबल के 1.5% थे।
रिपोर्ट में उठाए गए प्रमुख मुद्दे :
नौकरी और आय असुरक्षा: गिग वर्कर्स को मज़दूरी, घंटे, काम करने की स्थिति और सामूहिक सौदेबाज़ी के अधिकार से संबंधित श्रम नियमों से लाभ नहीं मिलता है।
व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य जोखिम: डिजिटल प्लेटफॉर्म के साथ रोज़गार में लगे श्रमिकों, विशेष रूप से एप-आधारित टैक्सी और वितरण (Delivery) क्षेत्रों में महिला श्रमिकों को विभिन्न व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य जोखिमों का सामना करना पड़ता है।
गिग अर्थव्यवस्था :
गिग अर्थव्यवस्था एक मुक्त बाज़ार प्रणाली है जिसमें सामान्य अस्थायी पद होते हैं और संगठन अल्पकालिक जुड़ाव के लिये स्वतंत्र श्रमिकों के साथ अनुबंध करते हैं।
बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत के गिग वर्कफोर्स में सॉफ्टवेयर, साझा और पेशेवर सेवाओं जैसे उद्योगों में 15 मिलियन कर्मचारी कार्यरत हैं।
इंडिया स्टाफिंग फेडरेशन की वर्ष 2019 की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका, चीन, ब्राज़ील और जापान के बाद भारत वैश्विक स्तर पर फ्लेक्सी-स्टाफिंग में पाँचवाँ सबसे बड़ा देश है।
गिग वर्कर: एक व्यक्ति जो काम करता है या कार्य व्यवस्था में भाग लेता है और पारंपरिक नियोक्ता-कर्मचारी संबंधों के बाहर ऐसी गतिविधियों से आय अर्जित करता है।
भारत के गिग सेक्टर की क्षमता :
भारत में अनुमानित 56% नए रोज़गार गिग इकॉनमी कंपनियों द्वारा ब्लू-कॉलर और व्हाइट-कॉलर कार्यबल दोनों में उत्पन्न किये जा रहे हैं।
गिग इकॉनमी भारत में गैर-कृषि क्षेत्रों में 90 मिलियन नौकरियाँ उपलब्ध करा सकती है, जिसमें "दीर्घावधि" में सकल घरेलू उत्पाद में और 1.25% की वृद्धि होने की संभावना है।
Question 12:
Which district topped the Centre's 1st Performance Grading Index for Districts released by the Ministry of Education ?
शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी जिलों के लिए केंद्र के पहले परफॉरमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स में कौन सा जिला शीर्ष स्थान पर रहा ?
Correct Answer: 2
According to the Performance Grading Index released by the Department of School Education and Literacy (DoSE&L), Ministry of Education (MoE), three districts of Rajasthan- Sikar, Jhunjhunu and Jaipur have been placed in 'Utkarsh' grade in the year 2019-20.
IMPORTANT FACTS -
A year ago, no district came under the 'Utkarsh' category.
Rajasthan has the highest number of districts in this grade at 24, followed by Punjab (14), Gujarat (13), and Kerala (13).
The districts with the lowest score (1 out of 50) in this category in the year 2020 are South Salmara-Mankachar (Assam), Alirajpur (Madhya Pradesh), North Garo Hills and South Garo Hills in Meghalaya, and Khowai (Tripura).
Bihar, Goa, Jammu and Kashmir, Arunachal Pradesh, Manipur, Meghalaya, Mizoram, Nagaland, Sikkim, Tripura and Uttarakhand have not a single district in the very best and best category.
Progress :
As per the report, there has been an increase in the number of districts across all categories.
The number of districts in the very best grade increased from 49 to 86 during 2018-19 to 2019-20, showing "significant improvement".
33 districts improved their scores in the results, but there was no improvement in grade-level.
Digital Learning Category: 20 districts have shown more than 20% improvement as compared to 2018-19, while 43 districts have improved their scores by more than 10% during 2019-20.
Infrastructural facilities: 478 districts improved their score in the year 2019-20 as compared to the year 2018-19.
About performance grading index :
The PGI-D assesses the performance of the school education system at the district level by creating an index for comprehensive analysis.
The PGI-D structure consists of a total of 600 points across 83 indicators, grouped under six categories.
These categories are further divided into 12 domains.
Assessment Grade:
The PGI-D classifies districts into 10 grades. The highest grade is 'Daksh', for districts scoring more than 90% of the aggregate marks in that category or overall.
This is followed by 'Utkarsh' (81% to 90%), 'Ati Uttam' (71% to 80%), 'Uttam' (61% to 70%), 'Pracheshta-1' (51 % to 60%) and 'Pracheshta-2' (41% to 50%) is ranked.
The lowest grade in PGI-D is 'Aspirant-3' for a score of up to 10% of the total marks.
स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग (DoSE&L), शिक्षा मंत्रालय (MoE) द्वारा जारी परफॉरमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स के अनुसार, राजस्थान के तीन ज़िलों- सीकर, झुंझुनू और जयपुर को वर्ष 2019-20 में 'उत्कर्ष' ग्रेड में रखा गया है ।
महत्वपूर्ण तथ्य -
एक साल पहले कोई भी ज़िला 'उत्कर्ष श्रेणी में नहीं आता था।
राजस्थान में इस ग्रेड में सबसे अधिक 24 ज़िले हैं, इसके बाद पंजाब (14), गुजरात (13), और केरल (13) का स्थान है।
वर्ष 2020 में इस श्रेणी में सबसे कम अंक (50 में से 1) वाले ज़िले में साउथ सलमारा-मांकचर (असम), अलीराजपुर (मध्य प्रदेश), नार्थ गारो हिल्स एंड साउथ गारो हिल्स मेघालय में, एंड खोवै (त्रिपुरा) है ।
बिहार, गोवा, जम्मू-कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नगालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा और उत्तराखंड में एक भी ज़िला अति-उत्तम और उत्तम श्रेणी में नही है ।
प्रगति :
रिपोर्ट के अनुसार, सभी श्रेणियों में ज़िलों की संख्या में वृद्धि हुई है।
अति उत्तम ग्रेड में 2018-19 से 2019-20 के दौरान ज़िलों की संख्या 49 से बढ़कर 86 हो गई, जो "उल्लेखनीय सुधार" दर्शाती है।
33 ज़िलों ने परिणामों में अपने स्कोर में सुधार किया, लेकिन ग्रेड-स्तर में कोई सुधार नहीं हुआ।
डिजिटल लर्निंग श्रेणी: 2018-19 की तुलना में 20 ज़िलों ने 20% से अधिक सुधार दिखाया है, जबकि 43 ज़िलों ने 2019-20 के दौरान अपने स्कोर में 10% से अधिक सुधार किया है।
अवसंरचनात्मक सुविधाएंँ: 478 ज़िलों ने वर्ष 2018-19 की तुलना में वर्ष 2019-20 में अपने स्कोर में सुधार किया।
परफॉरमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स के बारे में :
PGI-D व्यापक विश्लेषण के लिये एक इंडेक्स बनाकर ज़िला स्तर पर स्कूली शिक्षा प्रणाली के प्रदर्शन का आकलन करता है।
PGI-D संरचना में 83 संकेतकों में कुल 600 अंक शामिल हैं, जिन्हें छह श्रेणियों के तहत समूहीकृत किया गया है ।
इन श्रेणियों को आगे 12 डोमेन में विभाजित किया गया है।
आकलन ग्रेड:
PGI-D ज़िलों को 10 ग्रेड में वर्गीकृत करता है। उच्चतम ग्रेड 'दक्ष (Daksh)' है, जो उस श्रेणी या कुल मिलाकर कुल अंकों के 90% से अधिक अंक प्राप्त करने वाले ज़िलों के लिये है।
इसके बाद 'उत्कर्ष' (81% से 90%), 'अति उत्तम' (71% से 80%), 'उत्तम' (61% से 70%), 'प्रचेष्टा -1' (51% से 60%) और 'प्रचेष्टा-2' (41% से 50%) का स्थान है।
PGI-D में निम्नतम ग्रेड 'आकांक्षी-3' है जो कुल अंकों के 10% तक के स्कोर के लिये है।
Question 13:
Recently, which ministry has approved the draft General Statutory Rules (GSR) notification to start India NCAP ?
हाल ही में किस मंत्रालय ने भारत एनसीएपी शुरू करने के लिये सामान्य वैधानिक नियम (GSR) अधिसूचना के मसौदे को मंज़ूरी दी है ?
Correct Answer: 3
The Ministry of Road Transport and Highways (MoRTH) approved the draft GSR notification to launch India NCAP (New Car Assessment Programme) to bring safer cars to India.
IMPORTANT FACTS -
The NCAP will be rolled out from April 1, 2023 and will mean that auto manufacturers in India as well as importers will have the option to get the cars within the country star rated.
The program will work as a consumer-centric platform, and will allow customers to access safer cars based on star-ratings.
The United States was the first country to start a program to test car safety standards through crash tests.
India NCAP :
It is a new car safety assessment program that proposes a mechanism to give 'star rating' to automobiles based on their performance in crash tests.
The India NCAP standards are aligned with global benchmarks and are beyond the minimum regulatory requirements.
The proposed India NCAP assessment will assign a star rating from 1 to 5 stars.
The vehicles for this program will be tested on the basis of testing agencies with necessary infrastructure.
This will be applicable to M1 category approved motor vehicles with a gross forest cover of less than 3.5 tonnes, manufactured or imported in the country.
Importance of NCAP for India :
1. Empowering Consumers to Make Informed Decisions.
2. Enhances Exportability.
3. Automobile industries will be self-sufficient.
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने भारत के लिए सुरक्षित कारों को लाने के लिए भारत एनसीएपी (न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम) शुरू करने के लिए GSR अधिसूचना के मसौदे को मंजूरी दी।
महत्वपूर्ण तथ्य -
एनसीएपी को 1 अप्रैल, 2023 से शुरू किया जाएगा और इसका मतलब होगा कि भारत में ऑटो निर्माताओं के साथ-साथ आयातकों के पास देश के भीतर कारों को स्टार रेटेड प्राप्त करने का विकल्प होगा।
यह प्रोग्राम एक उपभोक्ता-केंद्रित प्लेटफॉर्म के रूप में काम करेगा, और ग्राहकों को स्टार-रेटिंग के आधार पर सुरक्षित कारों का उपयोग करने की अनुमति देगा I
संयुक्त राज्य अमेरिका पहला देश था जिसने क्रैश परीक्षणों के माध्यम से कार के सुरक्षा मानकों के परीक्षण के लिये एक कार्यक्रम शुरू किया था।
भारत NCAP :
यह एक नया कार सुरक्षा मूल्यांकन कार्यक्रम है जो दुर्घटना परीक्षणों में उनके प्रदर्शन के आधार पर ऑटोमोबाइल को 'स्टार रेटिंग' देने का एक तंत्र प्रस्तावित करता है।
भारत एनसीएपी मानक वैश्विक बेंचमार्क के साथ संरेखित है और ये न्यूनतम नियामक आवश्यकताओं से परे हैं।
प्रस्तावित भारत NCAP मूल्यांकन 1 से 5 स्टार तक स्टार रेटिंग आवंटित करेगा I
इस कार्यक्रम के लिये वाहनों का परीक्षण आवश्यक बुनियादी ढांँचे के साथ परीक्षण एजेंसियों के आधार पर किया जाएगा।
यह देश में निर्मित या आयातित 3.5 टन से कम सकल वन वाले एम1 श्रेणी के अनुमोदित मोटर वाहनों पर लागू होगा।
NCAP का भारत के लिये महत्त्व :
1. उपभोक्ताओं को सूचित निर्णय लेने के लिये सशक्त बनाना।
2. निर्यात-योग्यता बढ़ाता है।
3. ऑटोमोबाइल उद्योग आत्मनिर्भर होंगे।
Question 14:
Recently in which country high grade lithium has been discovered ?
हाल ही में किस देश में उच्च श्रेणी के लिथियम की खोज की गई है ?
Correct Answer: 4
Recently high grade lithium has been discovered in Nigeria.
IMPORTANT FACTS -
Lithium :
Lithium is an element and is abundantly concentrated in nature in two minerals, spodumene and lepidolite.
They are usually found in special rocks called rares and greases.
The Geological Agency described lithium as high grade because it is found with an oxide content of 1–13%. Exploration usually starts at a low of 0.4%.
Lithium has an atomic number of 3 and an atomic mass of 6.941.
It is the lightest known metal.
USE :
Lithium disilicate (Li2Si2O5) is a chemical compound from which glass and ceramic objects are made.
Lithium metal is used to make useful alloys.
Lithium is used in rechargeable batteries for mobile phones, laptops, digital cameras and electric vehicles.
ADDITIONAL INFORMATION -
The Greenbush mine in Western Australia is the largest hard-rock lithium mine in the world.
The largest importers of lithium are South Korea, China, Japan, the United States and Belgium.
Recent surveys by researchers from the Directorate of Atomic Minerals (under the Atomic Energy Commission of India) have estimated the presence of lithium reserves of 14,100 tonnes in a small stretch of land in southern Karnataka's Mandya district.
हाल ही में नाइजीरिया में उच्च श्रेणी के लिथियम की खोज की गई है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
लिथियम :
लिथियम एक तत्त्व है और प्रकृति में दो खनिजों, स्पोड्यूमिन एवं लेपिडोलाइट में पर्याप्त रूप में सांद्रित होता है।
वे आमतौर पर विशेष चट्टानों में पाए जाते हैं जिन्हें दुर्लभ और ग्रीसेन्स कहा जाता है I
भूवैज्ञानिक एजेंसी ने लिथियम को उच्च श्रेणी के रूप में वर्णित किया क्योंकि यह 1-13% ऑक्साइड सामग्री के साथ पाया जाता है। आमतौर पर अन्वेषण 0.4% के निचले स्तर पर शुरू होता है।
लिथियम का परमाणु क्रमांक 3 और परमाणु भार 6.941होता है।
यह सबसे हल्की ज्ञात धातु है I
उपयोग :
लिथियम डिसिलिकेट (Li2Si2O5) एक रासायनिक यौगिक है जिससे काँच और चीनी मिट्टी की वस्तुएँ बनती हैं।
लिथियम धातु का प्रयोग उपयोगी मिश्र धातुओं को बनाने के लिये किया जाता है I
लिथियम का उपयोग मोबाइल फोन, लैपटॉप, डिजिटल कैमरा और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये रिचार्जेबल बैटरी में किया जाता है।
अतिरिक्त जानकारी -
पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में ग्रीनबुश खदान विश्व की सबसे बड़ी हार्ड-रॉक लिथियम खदान है।
लिथियम के सबसे बड़े आयातक दक्षिण कोरिया, चीन, जापान, अमेरिका और बेल्जियम हैं।
परमाणु खनिज निदेशालय (भारत के परमाणु ऊर्जा आयोग के तहत) के शोधकर्त्ताओं ने हालिया सर्वेक्षणों से दक्षिणी कर्नाटक के मांड्या ज़िले में भूमि के एक छोटे से हिस्से में 14,100 टन के लिथियम भंडार की उपस्थिति का अनुमान लगाया है।
Question 15:
To which country has Russia announced the transfer of "Iskander-M missile system" ?
रूस द्वारा किस देश को “इस्कंदर-एम मिसाइल सिस्टम” स्थानांतरित करने की घोषणा की गयी है ?
Correct Answer: 2
Russia has announced the transfer of the "Iskander-M missile system" to Belarus.
IMPORTANT FACTS -
Iskander-M missile system :
This missile system can use ballistic or cruise missiles in its nuclear and conventional versions.
The Iskander-M missile system is codenamed as "SS-26 Stone" by NATO.
Russia uses the term Iskander-M to define the transporter-erector launch system as well as the short-range ballistic missile (SRBM) it fired.
The system can be used to fire ground-launched cruise missiles (GLCMs) such as the SSC-7 and SSC-8.
It was first successfully launched in 1996.
The Iskander-M missile has a range of 500 km.
It is capable of carrying a payload of up to 700 kg.
The Iskander system was incorporated by Russia in 2006.
It was developed in the late 1980s after the "Oka" SRBM (Short Range Ballistic Missile) or OTR-23 was banned in accordance with the Intermediate Nuclear Forces Treaty.
ADDITIONAL INFORMATION -
About Belarus :
Belarus is a landlocked country in Eastern Europe.
Capital - Minsk
President - Alexander Lukashenko
Prime Minister - Roman Golovchenko
Currency - Belarusian ruble
रूस ने बेलारूस को “इस्कंदर-एम मिसाइल सिस्टम” स्थानांतरित करने की घोषणा की है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
इस्कंदर-एम मिसाइल प्रणाली :
यह मिसाइल प्रणाली अपने परमाणु और पारंपरिक संस्करणों में बैलिस्टिक या क्रूज मिसाइलों का उपयोग कर सकती है।
इस्कंदर-एम मिसाइल प्रणाली को नाटो द्वारा “SS -26 स्टोन” के रूप में कोडनेम दिया गया है।
रूस इस्कंदर-एम शब्द का प्रयोग ट्रांसपोर्टर-इरेक्टर लॉन्च सिस्टम के साथ-साथ उसके द्वारा दागी गई कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (SRBM) को परिभाषित करने के लिए करता है।
इस प्रणाली का उपयोग जमीन से प्रक्षेपित क्रूज मिसाइलों (GLCMs) जैसे SSC-7 और SSC-8 को फायर करने के लिए किया जा सकता है।
इसे पहली बार 1996 में सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था।
इस्कंदर-एम मिसाइल की मारक क्षमता 500 किमी है।
यह 700 किलो तक का पेलोड ले जाने में सक्षम है।
इस्कंदर प्रणाली को 2006 में रूस द्वारा शामिल किया गया था।
इसे 1980 के दशक के अंत में “ओका” SRBM (शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल) या OTR-23 को इंटरमीडिएट न्यूक्लियर फोर्सेस ट्रीटी के अनुसार प्रतिबंधित किए जाने के बाद विकसित किया गया था।
अतिरिक्त जानकारी -
बेलारूस के बारे में :
बेलारूस पूर्वी यूरोप का स्थल-रुद्ध देश है।
राजधानी - मिन्स्क
राष्ट्रपति - अलेक्जेंडर लुकाशेंको
प्रधानमन्त्री - रोमन गोलोवचेंको
मुद्रा - बेलारूसी रुबल
Question 16:
Which two countries have become members of the Commonwealth Association ?
कौन से दो देश कॉमनवेल्थ एसोसिएशन के सदस्य बने हैं ?
Correct Answer: 2
Two African countries, Togo and Gabon, were inducted into the Commonwealth of Nations as the 55th and 56th members, respectively, at the Commonwealth Heads of Government meeting held in Rwanda's capital, Kigali, chaired by Rwandan President Paul Kagame.
IMPORTANT FACTS -
Rwanda was the last country to join the Commonwealth in 2009.
Togo and Gabon were historically French colonies that were never British colonies.
New members Togo and Gabon :
The formal Commonwealth member process for the Central African nation of Gabon began in 2017 while the process for the West African nation of Togo began in 2014.
Gabon is surrounded by Equatorial Guinea, Cameroon, and the Republic of the Congo, which is also a member of the Commonwealth.
Togo is bordered by Ghana, a member of the Commonwealth of Nations, as well as by Benin and Burkina Faso.
ADDITIONAL INFORMATION -
About Commonwealth :
The Rashtramandal, commonly referred to as the Commonwealth, is a political union of previously 54 and now 56 member states.
It was originally created as the British Commonwealth of Nations through the Balfour Declaration at the royal convention of 1926.
The current Commonwealth of Nations was formally formed in 1949 by the London Declaration.
The current head of the Commonwealth is Queen Elizabeth II.
Secretary General – Patricia Scotland
Headquarters - London
रवांडा के राष्ट्रपति पॉल कागामे की अध्यक्षता में रवांडा की राजधानी किगाली में आयोजित राष्ट्रमंडल शासनाध्यक्षों की बैठक में दो अफ्रीकी देशों टोगो और गैबॉन को क्रमशः 55वे और 56वे सदस्यों के रुप में राष्ट्रमंडल राष्ट्र में शामिल किया गया है I
महत्वपूर्ण तथ्य -
रवांडा 2009 में राष्ट्रमंडल में शामिल होने बाला आखिरी देश था I
टोगो और गैबॉन ऐतिहासिक रूप से फ्रांसीसी उपनिवेश थे जो कभी ब्रिटिश उपनिवेश नहीं रहे I
नये सदस्य टोगो और गैबॉन :
मध्य अफ्रीकी राष्ट्र गैबॉन के लिए औपचारिक राष्ट्रमंडल सदस्य प्रक्रिया 2017 में शुरू हुई थी जबकि पश्चिमी अफ़्रीकी राष्ट्र टोगो के किये प्रक्रिया 2014 में शुरू हुई थी I
गैबॉन , ईक्वीटोरियल गिनी, कैमरून और कांगो गणराज्य से घिरा हुआ है जो राष्ट्रमंडल सदस्य भी है I
टोगो की सीमा घाना, एक राष्ट्रमंडल सदस्य के साथ साथ बेनिन और बुर्किना फासो से घिरा हुआ है।
अतिरिक्त जानकारी -
राष्ट्रमंडल के बारे में :
राष्ट्रमंडल, जिसे आम तौर पर कॉमनवेल्थ के रूप में जाना जाता है, पहले 54 और अब 56 सदस्य राज्यों का एक राजनीतिक संघ है I
यह मूल रूप से 1926 के शाही सम्मेलन में बाल्फोर घोषणा के माध्यम से राष्ट्रों के ब्रिटिश राष्ट्रमंडल के रूप में बनाया गया था I
वर्तमान राष्ट्रमंडल राष्ट्र औपचारिक रूप से 1949 में लंदन घोषणा द्वारा गठित किया गया था I
राष्ट्रमंडल के प्रमुख वर्तमान में महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय हैं I
महासचिव - पैट्रिशिया स्कॉटलैंड
मुख्यालय - लंदन
Question 17:
Who has recently won the title of Miss India Worldwide 2022 ?
हाल ही में किसने मिस इंडिया वर्ल्डवाइड 2022 का खिताब अपने नाम किया ?
Correct Answer: 1
British biomedical student Khushi Patel has been announced as the winner of Miss India Worldwide 2022, the longest running Indian beauty pageant outside India.
IMPORTANT FACTS -
Khushi is originally from Gujarat.
Vaidehi Dongre of America got the runner up and Shrutika got the third position in the Miss India Worldwide pageant.
The 12 top contestants participating in Miss India Worldwide, 2022 were the winners of various other competitions globally.
Miss Teen India Worldwide :
Roshni Razak of Guyana has been declared Miss Teen India Worldwide 2022.
Navya Pingole of the US was the first runner up, while Chiquita Malaha of Suriname was the second runner up.
This competition has been organised by the India Festival Committee (IFC) for the last 29 years.
ब्रिटिश बायोमेडिकल छात्रा खुशी पटेल को भारत के बाहर सबसे लंबे समय तक चलने वाले भारतीय सौंदर्य प्रतियोगिता मिस इंडिया वर्ल्डवाइड 2022 के विजेता के रूप में घोषित किया गया है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
खुशी मूल रूप से गुजरात की रहने वाली हैं।
मिस इंडिया वर्ल्डवाइड प्रतियोगिता में अमेरिका की वैदेही डोंगरे को रनरअप और श्रुतिका ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है।
मिस इंडिया वर्ल्डवाइड, 2022 में भाग ले रही 12 शीर्ष प्रतियोगी विश्व स्तर पर विभिन्न अन्य प्रतियोगिताओं की विजेता थीं।
मिस टीन इंडिया वर्ल्डवाइड :
गुयाना की रोशनी रजाक को मिस टीन इंडिया वर्ल्डवाइड 2022 घोषित किया गया है।
यूएस की नव्या पिंगोल फर्स्ट रनर अप रही, जबकि सूरीनाम की चिक्विता मलाहा सेकेंड रनर अप रही हैं।
इस प्रतियोगिता का आयोजन पिछले 29 वर्षों से इंडिया फेस्टिवल कमेटी (IFC) के द्वारा किया जा रहा है I
Question 18:
National Statistics Day is observed every year on which date ?
प्रतिवर्ष राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस किस तिथि को मनाया जाता है ?
Correct Answer: 4
To popularise the use of statistics in everyday life, every year 29 June is observed as National Statistics Day.
IMPORTANT FACTS -
29 June was chosen to honour the contribution made by Prof. Prashant Chandra Mahalanobis in establishing the National Statistical System.
June 29 is the birth anniversary of Pro. P.C. Mahalanobis.
National Statistics Day was celebrated for the first time in the year 2007.
World Statistics Day is celebrated on 20 October.
Purpose of the day
The day is being observed to make the citizens of the country aware that how statistics helps in shaping and formulating policies.
Statistics helps us to present the results effectively through proper analysis and proper methods of data collection.
ADDITIONAL INFORMATION -
About Pro. PC Mahalanobis -
Mahalanobis was born in Kolkata in the year 1893.
Mahalanobis established the 'Indian Statistical Institute' in Calcutta in 1931.
Pro. Mahalanobis has also played an important role in Indian planning. His planning model is a very popular model and was the basis of India's Second Five Year Plan (1956–61).
He was the chairman of the United Nations Deputy Commission on Statistical Sampling from 1947 to 1951.
In 1968, Mahalanobis was awarded the Padma Vibhushan, the country's second highest civilian award, for his outstanding contribution to the service of the nation and science.
दैनिक जीवन में सांख्यिकी के प्रयोग को लोकप्रिय बनाने के लिए प्रत्येक वर्ष 29 जून को राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
29 जून को प्रो प्रशांत चंद्र महालनोबिस द्वारा राष्ट्रीय सांख्यिकीय प्रणाली स्थापित करने में किये गये योगदान को सम्मानित करने के लिए चुना गया था।
29 जून प्रो पीसी महालनोबिस की जयंती होती है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस वर्ष 2007 में पहली बार मनाया गया था I
विश्व सांख्यिकी दिवस 20 अक्तूबर को मनाया जाता है।
दिवस का उद्देश्य
यह दिवस देश के नागरिकों को जागरूक करने के लिए मनाया जा रहा है कि सांख्यिकी नीतियों को आकार देने और तैयार करने में कैसे मदद करती है।
सांख्यिकी सही विश्लेषण और डेटा एकत्र करने के उचित तरीकों के माध्यम से परिणाम को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने में हमारी सहायता करती है।
अतिरिक्त जानकारी -
प्रो. पी.सी. महालनोबिस के बारे में -
महालानोबिस का जन्म कोलकाता में वर्ष 1893 में हुआ था।
महालनोबिस ने 1931 में कलकत्ता में 'भारतीय सांख्यिकी संस्थान ' की स्थापना की थी।
प्रो. महालनोबिस की भारतीय नियोजन में भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है । उनका नियोजन मॉडल एक बहु प्रचलित मॉडल है और यह भारत की द्वितीय पंचवर्षीय योजना (1956-61) का आधार था।
वह 1947 से 1951 तक सांख्यिकीय नमूनाकरण पर संयुक्त राष्ट्र उप आयोग के अध्यक्ष रहे।
1968 में महलनोबिस को राष्ट्र और विज्ञान की सेवा में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए देश का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण दिया गया था ।
Question 19:
Which state government will launch a single use plastic buy back scheme ?
किस राज्य सरकार द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक बाय बैक योजना शुरू की जाएगी ?
Correct Answer: 2
In line with the decision of the Central Government to ban the use of single-use plastic, Himachal Pradesh has launched the “Single-Use Plastic Buy Back Scheme”.
IMPORTANT FACTS -
Under the Single Use Plastic Buy Back Scheme, the Himachal Pradesh government will buy single use plastic items from students of schools and colleges.
Under this, students will be encouraged to bring single-use plastic items from home and deposit them in schools.
For this, the government will pay Rs 75 per kg to the students.
The scheme has been started with the aim of inculcating the habit of environmental protection among the youth.
Single use plastic ban :
The Ministry of Environment, Forest and Climate Change had notified the Plastic Waste Management Amendment Rules, 2021.
These rules were notified to prohibit specific single-use plastic items.
There will be a ban on the manufacture, import, storage, distribution, sale and use of single-use plastics as per the rules from July 1, 2022.
This ban will not apply to items made of compostable plastic.
The permissible thickness of plastic bags has been increased from 50 microns to 75 microns with effect from September 30, 2021 and to 120 microns with effect from December 31, 2022.
Single use plastic :
Single use plastic is also known as disposable plastic.
They are used only once.
This plastic is so convenient and cheap that it has replaced other materials in the packaging industry.
India produces 9.46 million tonnes of plastic waste every year, of which 43 per cent is single-use plastic.
केंद्र सरकार के सिंगल-यूज प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के फैसले के अनुरूप, हिमाचल प्रदेश ने “सिंगल-यूज प्लास्टिक बाय बैक योजना” शुरू की है ।
महत्वपूर्ण तथ्य -
सिंगल यूज प्लास्टिक बाय बैक स्कीम के तहत हिमाचल प्रदेश सरकार स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों से सिंगल यूज प्लास्टिक आइटम खरीदेगी।
इसके तहत छात्रों को घर से सिंगल यूज प्लास्टिक का सामान लाकर स्कूलों में जमा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
इसके लिए सरकार छात्रों को 75 रुपये प्रति किलो का भुगतान करेगी।
युवाओं में पर्यावरण संरक्षण की आदत डालने के उद्देश्य से योजना शुरू की गई है ।
सिंगल यूज प्लास्टिक बैन :
पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन संशोधन नियम, 2021 को अधिसूचित किया था।
इन नियमों को विशिष्ट एकल-उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं को प्रतिबंधित करने के लिए अधिसूचित किया गया था।
नियमानुसार चिन्हित सिंगल यूज प्लास्टिक के निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग पर एक जुलाई 2022 से प्रतिबंध रहेगा।
यह प्रतिबंध कंपोस्टेबल प्लास्टिक से बनी वस्तुओं पर लागू नहीं होगा।
प्लास्टिक की थैलियों की अनुमत मोटाई 30 सितंबर, 2021 से 50 माइक्रोन से बढ़ाकर 75 माइक्रोन और 31 दिसंबर, 2022 से 120 माइक्रोन तक कर दी गई है
सिंगल यूज प्लास्टिक :
सिंगल यूज प्लास्टिक को डिस्पोजेबल प्लास्टिक के रूप में भी जाना जाता है।
उनका उपयोग केवल एक बार किया जाता है।
यह प्लास्टिक इतना सुविधाजनक और सस्ता है कि इसने पैकेजिंग उद्योग की अन्य सामग्रियों की जगह ले ली है।
भारत में हर साल 9.46 मिलियन टन प्लास्टिक कचरा पैदा होता है, जिसमें से 43 फीसदी सिंगल यूज प्लास्टिक है।
Question 20:
Who among the following has been awarded the 31st Saraswati Samman for the year 2021 ?
निम्नलिखित में से किसे वर्ष 2021 के लिए 31वें सरस्वती सम्मान से सम्मानित किया गया है ?
Correct Answer: 3
Senior Hindi poet and writer Prof. Ramdarash Mishra has been honoured with the 31st Saraswati Samman for the year 2021.
IMPORTANT FACTS -
He was given this honour for his poetry collection "Main Toh Yahan Hoon".
This book was published in the year 2015.
Earlier, the 30th Saraswati Samman, 2020 was given to the famous Marathi writer Dr. Sharankumar Limbale for his novel 'Sanatan'.
Ramdarash Mishra is the third litterateur to receive this honour in the Hindi language. Prior to this, Dr. Harivansh Rai Bachchan was conferred this honour in the year 1991 and Govind Mishra in 2013.
Prof. Ramdarash Mishra was born on 15 August 1924 in Dumri village of Gorakhpur district of Uttar Pradesh.
In a career spanning decades, Mishra has written 32 poetry collections, 15 novels, 30 short-story collections, 15 books of literary criticism, four collections of essays, travelogues and several memoirs.
ADDITIONAL INFORMATION -
About Saraswati Samman :
Saraswati Samman was instituted in the year 1991 by the KK Birla Foundation.
This award is given every year to the outstanding literary work of Indian writers published in the last 10 years in any of the Indian languages mentioned in the 8th Schedule of the Constitution.
The award carries a citation, a memento and a prize money of Rs 15 lakh.
The recipient is selected by a selection committee, currently headed by Dr Subhash C Kashyap, former Secretary General of the Lok Sabha Secretariat.
The first Saraswati Samman was given to Hindi litterateur Dr. Harivansh Rai Bachchan for his four-volume autobiography.
हिंदी के वरिष्ठ कवि एवं लेखक प्रो. रामदरश मिश्र को वर्ष 2021 के 31वें सरस्वती सम्मान से सम्मानित किया गया है ।
महत्वपूर्ण तथ्य -
उन्हें यह सम्मान उनके कविता संग्रह “मै तो यहां हूं” के लिए दिया गया ।
इस पुस्तक का प्रकाशन वर्ष 2015 में हुआ था।
इससे पूर्व 30वां सरस्वती सम्मान, 2020 प्रसिद्ध मराठी लेखक डॉ. शरणकुमार लिम्बाले को उनके उपन्यास ‘सनातन’ के लिए दिया गया था।
हिंदी भाषा में यह सम्मान प्राप्त करने वाले रामदरश मिश्र तीसरे साहित्यकार हैं, इनसे पहले वर्ष 1991 में डॉ. हरिवंशराय बच्चन को और 2013 में गोविन्द मिश्र को यह सम्मान प्रदान किया गया था I
प्रो रामदरश मिश्रा का जन्म 15 अगस्त 1924 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के डुमरी गाँव में हुआ था I
दशकों के लंबे करियर में, मिश्र ने 32 कविता संग्रह, 15 उपन्यास, 30 लघु-कथा संग्रह, साहित्यिक आलोचना की 15 पुस्तकें, निबंधों के चार संग्रह, यात्रा वृतांत और कई संस्मरण लिखे हैं I
अतिरिक्त जानकारी -
सरस्वती सम्मान के बारे में :
के के बिड़ला फाउंडेशन द्वारा वर्ष 1991 में सरस्वती सम्मान की स्थापना की गई थी।
यह सम्मान प्रतिवर्ष संविधान की 8वीं अनुसूची में वर्णित किसी भी भारतीय भाषा में पिछले 10 वर्ष में प्रकाशित भारतीय लेखकों की उत्कृष्ट साहित्यिक कृति को प्रदान किया जाता है।
इस पुरस्कार के तहत प्रशस्ति-पत्र, स्मृति चिन्ह और 15 लाख रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान की जाती है।
प्राप्तकर्ता का चयन एक चयन समिति द्वारा किया जाता है, जिसके वर्तमान प्रमुख लोकसभा सचिवालय के पूर्व महासचिव डॉ सुभाष सी कश्यप हैं।
पहला सरस्वती सम्मान हिंदी के साहित्यकार डॉ. हरिवंश राय बच्चन को उनकी चार खंडों की आत्मकथा के लिए दिया गया था।