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सोरठा छंद के सम चरणों में कितनी मात्राएँ होती हैं?
सोरठा छंद के सम चरणों में 13-13 मात्राएँ होती हैं।
महत्त्वपूर्ण बिंदु-
अतिरिक्त बिंदु-
चौपाई के सभी चरणों में 16मात्राएँ होती हैं।
महत्त्वपूर्ण बिंदु-
अन्य विकल्प-
अतिरिक्त बिंदु-
निम्न में से कौन सा सम मात्रिक छंद नहीं है?
दोहा सम मात्रिक छंद नहीं है। यह एक अर्द्ध सममात्रिक छंद है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु-
अन्य विकल्प-
अतिरिक्त बिंदु-
सोरठा छंद की विषम पंक्तियों में 11 मात्राएँ होती हैं।
महत्त्वपूर्ण बिंदु-
अतिरिक्त बिंदु-
दोहा छंद की विषम पंक्तियों में 13 मात्राएँ होती हैं।
महत्त्वपूर्ण बिंदु-
अतिरिक्त बिंदु-
एक छंद में कितने चरण होते हैं ?
एक छंद में चार चरण होते हैं।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अतिरिक्त बिंदु-
सोरठा' के प्रथम चरण में कितनी मात्राएँ होती हैं ?
'सोरठा' के प्रथम चरण में 11 मात्राएँ होती हैं।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अतिरिक्त बिंदु -
छंद में प्रयुक्त अक्षर को क्या कहा जाता है?
छंद में प्रयुक्त अक्षर को मात्रा कहा जाता है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विकल्प -
अतिरिक्त बिंदु -
"अवधि शिला का उस पर, था गुरु भार। तिल तिल काट रही थी, दृग जल धार।" में कौन-सा छन्द है?
व्याख्या - “अवधि शिला का उस पर,था गुरु भार। तिल तिल काट रही थी, दृग जल धार।
उपरोक्त पंक्ति में बरवै छंद है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
इस छंद का सर्वप्रथम प्रयोग ऋग्वेद में मिलता है।
बरवै एक अर्धसममात्रिक छंद है; इसमें चार चरण होते हैं, इसके पहले और तीसरे चरण में बारह-बारह मात्राएँ एवं दूसरे और चौथे चरण में सात-सात मात्राएँ होती हैं। इसके दूसरे और चौथे चरण के अंत में जगण(121)या तगण(221) आकर छंद को सुरीला बना देता है।बरवै छंद का उदाहरण- काम कष्ट में आता, सच्चा मित्र आँखें मोहित करता, अच्छा चित्र।।
गोस्वामी तुलसीदास की प्रसिद्ध रचनाओं में से एक 'बरवै रामायण' बरवै छन्दों में ही रची गई हैं, जिसमें भगवान श्री राम की कथा है।
अतिरिक्त बिंदु -
छंद की परिभाषा - छंद शब्द संस्कृत के छिदि धातु से बना है। छिदि का अर्थ है ढँकना, आच्छादित करना। भाषा में शब्द और शब्दों में वर्ण एवं स्वर रहते हैं, जिन्हें एक निश्चित विधान से सुव्यवस्थित करने पर छंद नाम दिया जाता है। अक्षरों की संख्या एवं क्रम, मात्रा-गणना तथा यति-गति से संबद्ध विशिष्ट नियमों से नियोजित पद्य रचना छंद कहलाती है।
किस छंद का प्रथम व अंतिम शब्द एक-सा होता है?
कुंडलियां छंद का प्रथम व अंतिम शब्द एक-सा होता है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विकल्प -
अतिरिक्त बिंदु -
जो मात्रिक सम छंद है। प्रत्येक चरण में16-16 मात्राएँ होती हैं उसे कहते हैं ?
जो मात्रिक सम छंद है। प्रत्येक चरण में 16-16 मात्राएँ होती हैं, उसे चौपाई कहते हैं।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विकल्प -
अतिरिक्त बिंदु -
दोहा के प्रथम चरण में कितनी मात्राएँ होती हैं?
'दोहा के प्रथम चरण में 13 मात्राएँ होती हैं।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
उदाहरण :श्री गुरु चरण सरोज रज , निज मन मुकुर सुधार ।
बरनौ रघुवर विमल जस , जो दायक फल चार ।।
अतिरिक्त बिंदु -
दामिनी दमक रही धन माही l
खल के प्रति जरा धीर नाही l
इन पंक्तियों में कौन - सा छंद है ?
प्रस्तुत पंक्ति में चौपाई छंद है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विकल्प -
उदाहरण :
चाँद चले नहि रात कटे, यह सेज जले जैसे अगियारी।
नागिन सी नथिनी डसती, अरु माथे चुभे ललकी बिंदिया री।
कान का कुण्डल जोंक बना, बिछुआ सा डसै ऊँगरी बिछुआ री।
मोतिन माल है फास बना, अब हाँथ का बंध बना कँगना री।
उदाहरण :
पवन तनय संकट हरण, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहिं सुरभूप।।
उदाहरण :
जो सुमिरत सिधि होइ गननायक करिवर बदन !
करहु अनुग्रह सोई, बुद्धि रासि सुभ गुन सदन।।
चौपाई के प्रत्येक चरण में कितनी मात्राएँ होती हैं?
व्याख्या - चौपाई के प्रत्येक चरण में 16 मात्राएँ होती हैं।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अतिरिक्त जानकारी :-
चौपाई के प्रत्येक चरण में कितनी मात्राएँ होती हैं?
चौपाई के प्रत्येक चरण में 16 मात्राएँ होती हैं।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अतिरिक्त जानकारी -
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर
जय कपीश तिॅहु लोक उजागर
राम दूत अतुलित बलधामा
अंजनी पुत्र पवन सुतनामा।
प्रस्तुत पंक्तियों में कौन सा छंद है?
उपर्युक्त पंक्तियाँ ‘चौपाई’ छंद का उदाहरण है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विकल्प -
(1) सोरठा- सोरठा दोहा के ठीक विपरीत होता है। अर्थात् इसके प्रथम और तृतीय चरण में 11-11 मात्राएँ एवं द्वितीय एवं चतुर्थ चरण में 13-13 मात्राएँ होती हैं।
(2) रोला - रोला सम मात्रिक छंद का उदाहरण है, इसमें 24 मात्राएँ होती हैं, अर्थात विषम चरणों में 11-11 मात्राएँ और सम चरणों में 13-13 मात्राएँ।
(3) दोहा- दोहा एक अर्ध सम मात्रिक छंद का उदाहरण है, जिसके प्रथम और तृतीय चरण में 13-13 मात्राएँ एवं द्वितीय एवं चतुर्थ चरण में 11-11 मात्राएँ होती हैं।
अतिरिक्त जानकारी :-
दोहा छंद में कितने चरण होते है ?
व्याख्या - दोहा छंद में चार चरण होते है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अतिरिक्त बिंदु -
चौपाई में कितने चरण तथा प्रत्येक में कितनी मात्राएँ होती हैं ?
चौपाई में चार चरण तथा प्रत्येक में 16 मात्राएँ होती हैं।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
चौपाई सम मात्रिक छंद का एक भेद है। प्राकृत तथा अपभ्रंश के 16 मात्रा के वर्णात्मक छंदों के अधार पर विकसित हिंदी का सर्वप्रिय छंद है।
उदाहरण-
जिमि सरिता सागर महुं जाहीं। जद्यपि ताहि कामना नाहि।।
तिमि सुख सम्पति बिनहि बोलाएँ।धरमसील पहिं जाहि सुभाएँ।
अतिरिक्त बिंदु -
छंद की परिभाषा - छंद शब्द संस्कृति के छिदि धातु से बना है। छिदि का अर्थ है ढंकना , आच्छादित करना । भाषा में शब्द और शब्दों में वर्ण एवं स्वर रहते है जिन्हें एक निश्चित विधान से सुव्यवस्थित करने पर छंद नाम दिया जाता है।
सोरठा छंद में कितने चरण होते हैं ?
सोरठा छंद में चार चरण होते हैं।
महत्वपूर्ण बिंदु -
अतिरिक्त बिंदु -
कुण्डलियाँ छंद में कितने चरण होते हैं ?
कुण्डलियाँ छंद में छः चरण होते हैं।
महत्वपूर्ण बिंदु -
उदाहरण -
हरे-भरे हों पेड़ सब, छाया दें घनघोर।
उपवन में हँसते सुमन, सबको करें विभोर।।
अतिरिक्त बिंदु -