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हिन्दी का पहला पत्र है
हिन्दी का पहला समाचार पत्र उदंत मार्तण्ड है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु-
अन्य विकल्प-
हिन्दी साहित्य के इतिहास के संबंध में 'मॉडर्न वरनाक्यूलर लिटरेचर ऑफ हिन्दोस्तान' किसने लिखा है?
हिन्दी साहित्य के इतिहास के संबंध में 'मॉडर्न वरनाक्यूलर लिटरेचर ऑफ हिन्दोस्तान' जॉर्ज अब्राहम ग्रियर्सन ने लिखा है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु-
अन्य विकल्प-
गोस्वामी तुलसीदास का निधन वाराणसी के अस्सी घाट घाट पर हुआ।
अतिरिक्त बिंदु-
सूफी सन्तों की शैली मसनवीहै।
महत्त्वपूर्ण बिंदु-
अन्य विकल्प-
महावीर प्रसाद द्विवेदी ने आदिकाल को बीजवपनकाल की संज्ञा दी है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विद्वानों ने भी अपने मतानुसार आदिकाल का नामकरण किया, जैसे -
सरस्वती पत्रिका के संपादक महावीर प्रसाद द्विवेदी है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
आदिकाल को चारण काल के नाम से नामकरण किसने किया ?
ग्रियर्सन ने आदिकाल को चारण काल नाम दिया है।
अन्य विकल्प -
अतिरिक्त बिंदु -
अन्य विद्वानों ने भी अपने मतानुसार आदिकाल का नामकरण किया, जैसे -
'पृथ्वीराज रासो हिंदी साहित्य के किस काल में लिखा गया?
पृथ्वीराज रासो हिंदी साहित्य के आदिकाल में लिखा गया है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विकल्प -
भक्तिकाल -
रीतिकाल -
'रीतिकाल' का नामकरण विभिन्न विद्वानों के अनुसार निम्नलिखित है -
नाम प्रस्तोता
आधुनिक काल -
अतिरिक्त बिंदु -
आदिकाल -
'कामायनी' के रचनाकार कौन हैं?
'कामायनी' के रचनाकार जयशंकर प्रसाद हैं।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
जयशंकर प्रसाद -1926 ईस्वी से 1929 ईस्वी तक जयशंकर प्रसाद के कई दृष्टिकोण देखने को मिलते हैं। कवि, कथाकार, नाटककार, उपन्यासकार आदि रहें। इनके आने से ही हिंदी काव्य में खड़ी बोली के माधुर्य का विकास हुआ। यह आनंद वाद के समर्थक थे।
अन्य विकल्प -
रामधारी सिंह दिनकर -
मैथिलीशरण
आधुनिक हिंदी गद्य का जन्मदाता भारतेंदु हरिश्चन्द्र को कहा जाता है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु-
अन्य विकल्प-
हिंदी का प्रथम समाचार पत्र कौन सा था?
हिंदी का प्रथम समाचार पत्र उदंत मार्तण्ड है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु-
अन्य विकल्प-
भक्तमाल तुलसीदास की रचना नहीं है। भक्तमाल के रचयिता नाभादासहैं।
महत्त्वपूर्ण बिंदु-
अतिरिक्त बिंदु-
हिंदी साहित्य के इतिहास के किस काल को वीरगाथा काल भी कहा गया है?
हिंदी साहित्य के इतिहास के आदिकाल को वीरगाथा काल भी कहा गया है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु-
अन्य विकल्प -
भक्तिकाल -
रीतिकाल -
आधुनिक काल -
करुणालय के रचयिता जयशंकर प्रसाद जी हैं।
महत्त्वपूर्ण बिंदु-
जयशंकर प्रसाद- जयशंकर प्रसाद जी छायावाद के चार स्तंभों में से एक हैं उन्होंने कहानी, नाटक, उपन्यास, कविताएँ तथा निबंध आदि लिखे। खड़ी बोली को हिंदी काव्य की विर्विवाद भाषा बनाने में उनका महत्त्वपूर्ण योगदान है।
इनकी प्रमुख रचनाएँ इस प्रकार हैं- उर्वशी,वनमिलन,प्रेमराज्य,कानन कुसुम,प्रेम पथिक।
अन्य विकल्प-
भारतेन्दु हरिश्चन्द्र- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र जी का जन्म वाराणसी में हुआ था। ये हिंदी लेखन में आधुनिक विचारधारा लाने वाले पहले व्यक्ति थे। इन्हें कई भाषाओँ का ज्ञान था लेकिन ब्रजभाषा में इनका योगदान सराहनीय है। इनका नाटक के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान है।
भारतेन्दु जी की प्रमुख रचनाएँ इस प्रकार हैं- प्रेम मालिका,प्रेम सरोवर,गीत गोविंदानंद,प्रेम फुलवारी,दशरथ विलाप
माखन लाल चतुर्वेदी- माखन लाल चतुर्वेदी एक सच्चे देश प्रेमी थे जिन्होंने विदेशी शासन के खिलाफ अपनी लेखनी से जोर शोर का प्रचार किया. इनकी प्रमुख रचनाएँ इस प्रकार हैं- समर्पण, माता, युग चारण, हिम तरंगिणी
सुमित्रानंदन पंत- छायावाद के चार स्तंभों में से एक सुमित्रानंदन पंत का जन्म कौसानी बागेश्वर में हुआ था. इनकी साहित्यिक सेवा के लिए 1961 में पद्म भूषण दिया गया था. इनकी प्रमुख रचनाएँ इस प्रकार हैं- उच्छ्वास,ग्रंथि,वीणा,पल्लव,गुंजन, युगान्त
अतिरिक्त बिंदु-
करुणालय एक पद्य नाटक है।
निम्न में से किस रचनाकार को साहित्य अकादमी पुरस्कार नहीं मिला है?
भारतेन्दु हरिश्चन्द्र को साहित्य अकादमी पुरस्कार नहीं मिला है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु-
अन्य विकल्प-
अतिरिक्त बिंदु-
लोकायतन छायावाद युग की रचना है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु-
लोकायतन सुमित्रानंदन पंत जी द्वारा रचित महाकाव्य है। इस महाकाव्य में पंत जी ने स्वतंत्रता के बाद और पहले के भारतीय जीवन के बारे में बताया है।
अन्य विकल्प-
काव्य निर्णय रीतिकालीनरचना है। यह भिखारी दास द्वारा रचित रचना है।
प्रेम सरोवर भारतेंदु युग की रचना है। प्रेम सरोवर भारतेन्दु हरिश्चंद्र द्वारा रचित रचना है।
प्रियप्रवास द्विवेदी युग की रचना है। यह महावीर प्रसाद द्विवेदी द्वारा रचित है।
अतिरिक्त बिंदु-
छायावाद युग 1918 ई. - 1936 ई. के बीच माना जाता है। छायावाद युग की विशेषताएं इस प्रकार हैं- प्रकृति प्रेम, नारी की मुक्ति का वर्णनन, सामाजिक रूढ़ियों से मुक्ति, संस्कृतिक चेतना।
छायावाद युग के प्रमुख कवि जयशंकर प्रसाद, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, महादेवी वर्मा, राम कुमार वर्मा सुमित्रा नन्दन पंत आदि हैं।
मैथिलीशरण गुप्त का संबंध आधुनिक काल के किस युग से है?
मैथिलीशरण गुप्त का संबंध आधुनिक काल के द्विवेदी युग से है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अतिरिक्त बिंदु -
महत्वपूर्ण बिन्दु
'तद्भव' पत्रिका के सम्पादक का नाम है -
'तद्भव' पत्रिका के सम्पादक का नाम है - अखिलेश।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विकल्प -
लीलाधर जगूड़ी -
विश्वनाथ प्रसाद तिवारी-
'कबीरदास' भक्तिकाल की किस धारा के कवि थे?
'कबीर' भक्तिकाल की सन्तकाव्य धारा के कवि थे।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विकल्प-
प्रेम काव्य धारा -
राम काव्य धारा -
कृष्ण काव्य धारा -