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By admin: April 30, 2022

1. स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 ने कचरा मुक्त शहरों के लिए राष्ट्रीय व्यवहार परिवर्तन संचार ढांचा लॉन्च किया

Tags: Government Schemes National News

स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के तत्वावधान में, 'कचरा मुक्त शहरों' के लिए चल रहे जन आंदोलन को मजबूत करने के लिए 'कचरा मुक्त शहरों के लिए राष्ट्रीय व्यवहार परिवर्तन संचार ढांचा' शुरू किया है।

  • शहरी भारत में स्वच्छता के क्षेत्र में एक सामाजिक क्रांति हुई है, जिसमें एक सौ तीस करोड़ नागरिक प्रधानमंत्री के 'स्वच्छ भारत' के आह्वान के समर्थन में एकजुट हुए हैं।

  • पिछले सात वर्षों में, स्वच्छता के लिए सरकार की यह नीति दुनिया का सबसे बड़ा व्यवहार परिवर्तन कार्यक्रम बन गई है।

  • यह सतत शहरीकरण, सर्कुलर अर्थव्यवस्था, पुन: उपयोग,रीड्युस, पुनर्चक्रण और संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों के सिद्धांतों पर काम करता है।

  • स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0

  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गांधी जयंती के उपलक्ष्य में 2 अक्टूबर, 2021 ‘स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के दूसरे चरण की शुरुआत की।

  • इसे सभी शहरों को कचरा मुक्त करने और जल संरक्षण के लक्ष्‍य को हासिल करने के लिए तैयार किया गया है.

  • इसमें 1 लाख से कम जनसंख्या वाले शहरों में पूर्ण तरल कचरा प्रबंधन प्रणाली को अपनाकर अपशिष्ट जल को संगृहीत एवं शोधित करने का प्रावधान भी किया गया है।

  • इसके तहत् आगामी 5 वर्षों में रोज़गार हेतु शहरी क्षेत्रों में जाने वाली जनसंख्या के लिये 3.5 लाख व्यक्तिगत, सामुदायिक एवं सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया जाएगा

  • समाज और देश में ‘स्वच्छता एवं साफ-सफाई’ को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 2 अक्तूबर, 2014 को स्वच्छ भारत मिशन (SBM) शुरू किया गया था। 

By admin: April 29, 2022

2. MSME मंत्रालय ने MSME सस्टेनेबल प्रमाणन योजना (ZED) लॉन्च की

Tags: Government Schemes Popular National News

केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे ने MSME सस्टेनेबल प्रमाणन योजना (ZED) शुरू की।

  • यह योजना एमएसएमई को शून्य दोष शून्य प्रभाव (जेडईडी) प्रथाओं को अपनाने और उन्हें एमएसएमई चैंपियन बनने के लिए प्रोत्साहित करते हुए जेड प्रमाणन के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करने के लिए एक व्यापक अभियान है।

  • ZED में एक राष्ट्रीय आंदोलन बनने की क्षमता है और इसका उद्देश्य भारत के MSMEs के लिए वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए एक रोडमैप प्रदान करना है।

  • ZED न केवल उत्पादकता और प्रदर्शन में सुधार करने का प्रयास करेगा, बल्कि इसमें निर्माताओं की मानसिकता को बदलने और उन्हें पर्यावरण के प्रति अधिक जागरूक बनाने की क्षमता है।

  • इस योजना के माध्यम से एमएसएमई काफी हद तक अपव्यय को कम कर सकते हैं, उत्पादकता, पर्यावरण जागरूकता बढ़ा सकते हैं, ऊर्जा बचा सकते हैं, प्राकृतिक संसाधनों का इष्टतम उपयोग कर सकते हैं तथा अपने बाजारों का विस्तार कर सकते हैं।

  • योजना के तहत सब्सिडी

  • योजना के तहत, MSME को ZED प्रमाणीकरण की लागत पर निम्नलिखित संरचना के अनुसार सब्सिडी मिलेगी:

  1. सूक्ष्म उद्यम: 80%

  2. लघु उद्यम: 60%

  3. मध्यम उद्यम: 50%

  • अतिरिक्त सब्सिडी

  • एनईआर/हिमालयी/एलडब्ल्यूई/द्वीप क्षेत्रों/आकांक्षी जिलों में महिलाओं/एससी/एसटी उद्यमियों के स्वामित्व वाले एमएसएमई के लिए 10% की अतिरिक्त सब्सिडी होगी।

  • उपरोक्त के अलावा, MSMEs के लिए 5% की अतिरिक्त सब्सिडी होगी जो मंत्रालय के SFURTI या सूक्ष्म और लघु उद्यम - क्लस्टर विकास कार्यक्रम (MSE-CDP) का भी हिस्सा हैं।

  • इसके अलावा, ZED प्रतिज्ञा लेने के बाद प्रत्येक एमएसएमई को 10,000/- रुपये का एक सीमित उद्देश्य में शामिल होने का इनाम दिया जाएगा

  • एमएसएमई मंत्रालय की भूमिका

  • यह सभी क्षेत्रों और राज्यों में एमएसएमई को बढ़ावा देने, विकसित करने और समर्थन देने का कार्य करता है।

  • मंत्रालय 20 से अधिक विभिन्न योजनाएं चलाता है जैसे पीएमईजीपी, एसएफयूटीआई, एमएसई-सीडीपी, रैम्प योजना, अति, उद्यम पंजीकरण, आदि।

  • ये योजनाएं वित्त तक पहुंच, बाजार से जुड़ाव, प्रौद्योगिकी उन्नयन, क्षमता निर्माण, नवाचार/विचार और औद्योगिक बुनियादी ढांचे के विकास आदि के क्षेत्रों में समर्थन और ताकत प्रदान करती हैं।

By admin: April 23, 2022

3. भारतीय अब यूएई में यूपीआई का उपयोग करके भुगतान कर सकते हैं

Tags: Government Schemes Economics/Business

भारतीय बैंक खातों के साथ संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में आने वाले पर्यटक या प्रवासी खाड़ी देश में दुकानों, खुदरा प्रतिष्ठानों और अन्य व्यापारियों को यूपीआई के माध्यम से भुगतान करने में सक्षम होंगे।

  • एनपीसीआई और यूएई के मशरेक बैंक के नियोपे ने इस सेवा के लिए साझेदारी की है।

  • उपयोगकर्ताओं के लिए भारत में एक बैंक खाता होना अनिवार्य होगा, जिस पर UPI सक्षम हो।

  • यूपीआई भुगतान करने के लिए उपयोगकर्ताओं को भीम जैसे एप्लिकेशन की भी आवश्यकता होगी।

  • UPI का उपयोग करके भुगतान केवल उन्हीं व्यापारियों और दुकानों पर स्वीकार किया जाएगा जिनके पास NEOPAY टर्मिनल हैं।

  • यूपीआई के बारे में

  • यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) एक एकल मंच है जो विभिन्न बैंकिंग सेवाओं और सुविधाओं को एक स्थान पर लाता है।

  • एक यूपीआई आईडी और पिन पैसे भेजने और प्राप्त करने के लिए पर्याप्त हैं।

  • मोबाइल नंबर या वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (यूपीआई आईडी) का उपयोग करके रीयल-टाइम बैंक-टू-बैंक भुगतान किया जा सकता है।

  • इसे भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) द्वारा विकसित किया गया है।

  • इसे भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा नियंत्रित किया जाता है और एक मोबाइल प्लेटफ़ॉर्म पर दो बैंक खातों के बीच तुरंत धनराशि स्थानांतरित किया जाता है।

By admin: April 22, 2022

4. पीएमईजीपी के तहत स्वरोजगार सृजन में जम्मू-कश्मीर सभी भारतीय राज्यों से आगे

Tags: Government Schemes State News

भारत में अन्य सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की तुलना में केवीआईसी ने वर्ष 2021-22 में जम्मू और कश्मीर में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत सबसे अधिक विनिर्माण और सेवा इकाइयों की स्थापना की है I

  • पीएमईजीपी के तहत वर्ष 2021-22 में भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सबसे ज्यादा ,1.73 लाख नए रोजगारों का सृजन अकेले जम्मू-कश्मीर में किया गया है I  

  • जम्मू और कश्मीर में  21,640 विनिर्माण और सेवा इकाइयों की स्थापना की गई जो उत्तर प्रदेश (12,594 इकाइयों), मध्य प्रदेश (8082 इकाइयों), तमिलनाडु (5972 इकाइयों), कर्नाटक (5877) और गुजरात (4140 इकाइयों) जैसे बड़े राज्यों से बहुत अधिक है।

  • वर्ष 2021-22 में केवीआईसी ने जम्मू-कश्मीर में 3,360 पीएमईजीपी इकाइयों का लक्ष्य निर्धारित किया था, लेकिन स्थानीय विनिर्माण को लेकर केंद्र के प्रोत्साहन से उत्साहित होकर इसने लक्ष्य से 544 प्रतिशत से ज्यादा 21,640 इकाइयों की स्थापना की।

  • जम्मू-कश्मीर में कुल 2101 करोड़ रुपये की पूंजी से इन इकाइयों की स्थापना की गई है। इसमें से केवीआईसी ने 467 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड मार्जिन मनी सब्सिडी के रूप में दिया जो देश के सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में सबसे अधिक है।

  • वर्ष 2021-22 में जम्मू-कश्मीर में पीएमईजीपी की अधिकांश इकाइयां बारामूला, बडगाम, पुलवामा, अनंतनाग, गांदरबल, कुपवाड़ा, बांदीपोरा और डोडा जैसे जिलों में स्थापित की गई हैं, जो बड़े पैमाने पर आतंकवाद से ग्रस्त हैं।

  • जम्मू-कश्मीर में 21,640 पीएमईजीपी इकाइयों में से 16807 (78 प्रतिशत) सेवा क्षेत्र ,1933 इकाइयां (9 प्रतिशत) ग्रामीण इंजीनियरिंग और जैव-प्रौद्योगिकी और 1770 इकाइयां (8 प्रतिशत) कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग से संबंधित हैं।

  • प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम के बारे में 

  • इस योजना की शुरुआत वर्ष 2008 में प्रधानमंत्री रोज़गार योजना (पीएमआरबाई) और ग्रामीण रोज़गार सृजन कार्यक्रम को मिलाकर की गई थी।

  •  इस कार्यक्रम को भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा लागू किया गया है I 

  • इस योजना का क्रियान्वयन ‘खादी और ग्रामोद्योग आयोग’ (केवीआईसी) द्वारा किया जाता है।

  • पीएमईजीपी यानी प्रधानमंत्री इम्प्लॉयमेंट जेनरेशन प्रोग्राम एक बिजनेस लोन से जुड़ा हुआ सब्सिडी कार्यक्रम है।

  • इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्वरोज़गार से जुड़े नए उपक्रमों/सूक्ष्म उद्यमों/परियोजनाओं के विकास को बढ़ावा देकर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोज़गार के अवसर उत्पन्न करना है।

By admin: April 21, 2022

5. अटल पेंशन योजना के अंशधारकों की संख्या चार करोड़ के पार

Tags: Government Schemes

मार्च 2022 तक अटल पेंशन योजना (APY) के तहत कुल नामांकन 4.01 करोड़ को पार कर गया है, जिसमें से 99 लाख से अधिक APY खाते वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान खोले गए थे।

  • सभी श्रेणियों के बैंकों की सक्रिय भागीदारी के कारण इस योजना को यह जबरदस्त सफलता प्राप्त हुई है।

  • लगभग 71% नामांकन सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा, 19% क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा, 6% निजी क्षेत्र के बैंकों द्वारा, 3% भुगतान और लघु वित्त बैंकों द्वारा किए गए।

  • भारतीय स्टेट बैंक, इंडियन बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने सार्वजनिक क्षेत्र की बैंक श्रेणी में वार्षिक लक्ष्य हासिल किया।

  • 31 मार्च 2022 तक APY के तहत कुल नामांकन में से, लगभग 80% ग्राहकों ने 1000 रुपये पेंशन योजना और 13% ने 5000 रुपये पेंशन योजना का विकल्प चुना है।

  • कुल APY ग्राहकों में से 44% महिला ग्राहक हैं जबकि 56% पुरुष ग्राहक हैं।

  • इसके अलावा, कुल APY ग्राहकों में से, 45% की आयु 18 से 25 वर्ष के बीच है।

  • अटल पेंशन योजना के बारे में

—अटल पेंशन योजना पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा प्रशासित भारत सरकार की गारंटीड पेंशन योजना है।

—यह योजना भारत के किसी भी नागरिक को 18-40 वर्ष के आयु वर्ग के बीच बैंक या डाकघर शाखाओं के माध्यम से शामिल होने की अनुमति देती है जहां उस व्यक्ति का बचत बैंक खाता है।

—इस योजना के तहत, एक ग्राहक को उसके योगदान के आधार पर, 60 वर्ष की आयु से 1000 रुपये से 5000 रुपये प्रति माह की न्यूनतम गारंटी पेंशन प्राप्त होगी।

—अभिदाता की मृत्यु होने पर पति या पत्नी को जीवन भर के लिए पेंशन की गारंटी दी जाती है।

—अभिदाता और उसकी/उसका पत्नी/पति दोनों की मृत्यु की स्थिति में नॉमिनी को पूरी पेंशन राशि का भुगतान किया जाता है।

By admin: April 21, 2022

6. पीएम मोदी ने विदेशियों के लिए आयुष वीजा जारी करने की घोषणा किया

Tags: Government Schemes Popular

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि केंद्र जल्द ही उन विदेशी नागरिकों के लिए एक विशेष आयुष वीजा श्रेणी पेश करेगा जो पारंपरिक चिकित्सा का लाभ लेने के लिए भारत आना चाहते हैं।

  • यह चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा देने की पहल का एक हिस्सा होगा।

  • इस वीजा के साथ विदेशियों को आयुष उपचार के लिए भारत आने में आसानी होगी।

  • आयुष उपचार के तरीके आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी हैं।

  • इसका उद्देश्य पारंपरिक  चिकित्सा प्रणालियों के तहत उपचार पर विशेष ध्यान देने के साथ देश में चिकित्सा पर्यटन को और आगे बढ़ाना है।

  • जिस तरह पारंपरिक दवाओं ने केरल में पर्यटन को बढ़ावा दिया है, उसी तरह देश के हर कोने में यह समान क्षमता है।

  • जैसे-जैसे पारंपरिक दवाओं की स्वीकृति बढ़ रही है, आयुष उत्पादों का बाजार 2014 से लगभग तीन बिलियन डॉलर से बढ़कर अब लगभग 18.2 बिलियन डॉलर हो गया है।

  • टेड्रोस ने गुजरात में पारंपरिक दवाओं के लिए एक वार्षिक अंतरराष्ट्रीय बैठक आयोजित करने की घोषणा की।

  • पहली बैठक अगले साल होगी, जब डब्ल्यूएचओ और भारत मिलकर 75 साल पूरे करेंगे।

  • पीएम द्वारा अन्य महत्वपूर्ण घोषणाएं

—उच्च गुणवत्ता वाले आयुष उत्पादों के लिए विशेष आयुष हॉलमार्क

—औषधीय पौधों को उगाने में शामिल किसानों को आसानी से बाजार से जोड़ने के लिए आयुष ई-मार्केटप्लेस का विस्तार।

—भारत आयुष उत्पादों को लोकप्रिय बनाने, क्षेत्र में विनिर्माण और अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहित करने के लिए देश में आयुष पार्कों का एक नेटवर्क स्थापित करेगा।

By admin: April 18, 2022

7. लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार के लिए चयनित "उड़ान" योजना

Tags: National Government Schemes

UDAN (उड़े देश का आम नागरिक) योजना को "नवाचार (सामान्य) - केंद्रीय" श्रेणी के तहत लोक प्रशासन 2020 में उत्कृष्टता के लिए प्रधान मंत्री पुरस्कार के लिए चुना गया है।

  • नागरिक उड्डयन मंत्रालय 21 अप्रैल अर्थात सिविल सेवा दिवस के अवसर पर पुरस्कार प्राप्त करेगा।

  • भारत सरकार द्वारा "सिविल सेवा दिवस" के अवसर पर विज्ञान भवन में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाता है जहां मंत्रालय के प्रतिनिधि को पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।

  • लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार

–भारत सरकार ने इस योजना को 2006 में शुरू किया है

–इसका उद्देश्य केंद्र और राज्य सरकारों के जिलों/संगठनों द्वारा किए गए असाधारण और अभिनव कार्यों को स्वीकार करना, पहचानना और पुरस्कृत करना है।

–प्राथमिकता कार्यक्रमों, नवाचारों और आकांक्षी जिलों में जिला कलेक्टरों के प्रदर्शन को मान्यता देने के लिए 2014 में योजना का पुनर्गठन किया गया था।

–जिले के आर्थिक विकास की दिशा में जिला कलेक्टरों के प्रदर्शन को मान्यता देने के लिए योजना को 2020 में फिर से पुनर्गठित किया गया था।

  • उड़ान योजना

–इसे 2016 में नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत लॉन्च किया गया था।

–इसका उद्देश्य क्षेत्रीय विमानन बाजार का विकास करना है।

–इसे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना (आरसीएस) के रूप में भी जाना जाता है।

–यह अप्रयुक्त और कम उपयोग वाले हवाई अड्डों के पुनरुद्धार के माध्यम से टियर -2 और टियर -3 शहरों के लिए हवाई संपर्क में सुधार करना चाहता है।

–इस योजना को केंद्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा संयुक्त रूप से वित्त पोषित किया जाएगा।

–यह योजना 10 साल तक चलेगी और उसके बाद इसे बढ़ाया जा सकता है।

By admin: April 16, 2022

8. e-DAR पोर्टल - दुर्घटना मुआवजे के दावों में तेजी

Tags: Government Schemes

सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने 'e-DAR' (ई-विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट) नामक पोर्टल विकसित किया है। 

  • यह पोर्टल कुछ ही क्लिक में सड़क दुर्घटनाओं पर तत्काल जानकारी प्रदान करेगा और दुर्घटना मुआवजे के दावों में तेजी लाने में मदद करेगा, जिससे पीड़ितों के परिवारों को राहत मिलेगी।

  • आसान पहुंच के लिए डिजिटलीकृत विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट (डीएआर) को पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा।

  • वेब पोर्टल को एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस (iRAD) से जोड़ा जाएगा।

  • iRAD एप्लिकेशन से 90% से अधिक डेटा सीधे e-DAR को भेजे जाएंगे।

  • पुलिस, सड़क प्राधिकरण, अस्पताल आदि हितधारकों को e-DAR फॉर्म के लिए बहुत कम जानकारी दर्ज करने की आवश्यकता होती है।

  • इसलिए, e-DAR iRAD का विस्तृत ई-संस्करण होगा।

  • पोर्टल को वाहन जैसे अन्य सरकारी पोर्टलों से जोड़ा जाएगा।

  • जांच अधिकारियों के लाभ के लिए पोर्टल साइट मानचित्र के साथ सटीक दुर्घटना स्थल की जियो टैगिंग प्रदान करेगा।

  • फोटो, दुर्घटना स्थल का वीडियो, क्षतिग्रस्त वाहनों, घायल पीड़ितों, चश्मदीद गवाहों आदि का विवरण तत्काल पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा।

By admin: April 14, 2022

9. कैबिनेट ने आरजीएसए को 1 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2026 तक जारी रखने की मंजूरी दी

Tags: National Government Schemes

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 13 अप्रैल 2022 को पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) की शासन संबंधी क्षमताओं को विकसित करने के लिए संशोधित केंद्र प्रायोजित योजना-राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) को 01 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2026 की अवधि (15वें वित्त आयोग की अवधि) के दौरान कार्यान्वयन जारी रखने की मंजूरी दे दी है।

इस योजना का कुल वित्तीय परिव्यय 5,911 करोड़ रुपये है, जिसमें केंद्र का हिस्सा 3,700 करोड़ रुपये और राज्य का हिस्सा 2,211 करोड़ रुपये है।

राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए): 

ग्राम स्वराज अभियान की शुरुआत 1 अप्रैल, 2018 को की गई। ऐसे गाँवों को लक्षित करता है जहाँ दलित तथा जनजातीय लोगों का आधिक्य है।

इसका लक्ष्य सामाजिक सौहार्द्र को बढ़ाना, गरीबों हेतु चलाए जा रहे सरकारी कार्यक्रमों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना और उन्हें इन योजनाओं के विषय में परिचित कराना है। इस  में निम्नलिखित प्रावधान हैं:

  • इस योजना का विस्तार देश के सभी राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों तक है।

  • योजना में केंद्र तथा राज्य दोनों घटकों को शामिल किया गया है।

  • राज्य सरकारों में केंद्र तथा राज्य की हिस्सेदारी क्रमश: 60:40 के अनुपात में होगी।

  • पूर्वोत्तर तथा पर्वतीय राज्यों में केंद्र-राज्य वित्तपोषण का अनुपात 90:10 होगा। सभी केंद्रशासित प्रदेशों के लिये केंद्रीय हिस्सेदारी 10 प्रतिशत होगी।

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