1. भारत द्वारा बांग्लादेश को मान्यता देने वाला 51वां मैत्री दिवस ढाका में मनाया गया '
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1971 में भारत सरकार द्वारा बांग्लादेश की मान्यता को चिह्नित करने वाले 'मैत्री दिवस' की 51वीं वर्षगांठ 6 दिसंबर 2022 को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में मनाई गई । इस कार्यक्रम का आयोजन बांग्लादेश में भारतीय उच्चायोग द्वारा किया गया था।मुक्ति संग्राम मामलों के बांग्लादेशी मंत्री ए.के.एम मोजम्मल हक इस अवसर पर मुख्य अतिथि थे।
भारतीय उच्चायुक्त प्रन्या वर्मा ने कहा कि 6 दिसंबर को 'मैत्री दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधान मंत्री शेख हसीना द्वारा मार्च 2021 में प्रधान मंत्री मोदी की बांग्लादेश की राजकीय यात्रा के दौरान लिया गया था।
हालाँकि, बांग्लादेश जिसे पूर्वी पाकिस्तान के रूप में जाना जाता था, 16 दिसंबर को आज़ाद हुआ था जब लेफ्टिनेंट जनरल नियाज़ी के नेतृत्व वाली पाकिस्तानी सेना ने भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा और मुक्ति बहिनी (बांग्लादेशी स्वतंत्रता सेनानी) की एक संयुक्त सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। 16-17 दिसंबर को बांग्लादेश में 93,000 से अधिक पाकिस्तानी सैनिकों ने हथियार डाले थे । द्वितीय विश्व युद्ध के बाद किसी भी युद्ध में यह सबसे बड़ा आत्मसमर्पण था।
2. अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस
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हर साल 4 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस के रूप में मनाया जाता है। चीता को विलुप्त होने से बचाने के बारे में लोगों की जागरूकता बढ़ाने के लिए यह दिन मनाया जाता है।
भारत में अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के सहयोग से राष्ट्रीय प्राणी उद्यान, नई दिल्ली (दिल्ली चिड़ियाघर) द्वारा मनाया गया।
दिन की पृष्ठभूमि
अमेरिकी प्राणी विज्ञानी डॉ लॉरी मार्कर को अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस बनाने का श्रेय दिया जाता है। डॉ मार्कर ने 1991 में चीता संरक्षण कोष की स्थापना की और उन्होंने 2010 में 4 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस के रूप में नामित किया। उस वर्ष से, दुनिया इस दिन को मना रही है।
चीता दुनिया का सबसे तेज़ जानवर है और वर्तमान में अधिकांश जानवर नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका में पाए जाते हैं। इसे भारत सरकार द्वारा 1954 में विलुप्त प्राणी घोषित किया गया था।
भारत सरकार ने नामीबिया से लाए गए चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में बसाये जा रहे ताकि उनको भारत में फिर से आबाद किया जा सके ।
3. विश्व मृदा दिवस
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प्रति वर्ष 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस मनाया जाता है ताकि मृदा प्रबंधन द्वारा उत्पन्न चुनौतियों का समाधान करके स्वस्थ पारिस्थितिक तंत्र को बनाए रखने के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके।
महत्वपूर्ण तथ्य
इस दिन का उद्देश्य स्वस्थ पारिस्थितिक तंत्र और मानव कल्याण को बनाए रखने के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
विश्व मृदा दिवस, 2022 का विषय 'मृदा: जहां भोजन शुरू होता है' (Soils: Where food begins) है।
दिन की पृष्ठभूमि
2002 में इंटरनेशनल यूनियन ऑफ सॉइल साइंसेज द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मृदा दिवस मानाने की सिफारिश की गई थी।
खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) सम्मेलन ने जून 2013 में सर्वसम्मति से विश्व मृदा दिवस का समर्थन किया और 68वें संयुक्त राष्ट्र महासभा में इसे आधिकारिक रूप से अपनाने का अनुरोध किया।
दिसंबर 2013 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 5 दिसंबर 2014 को पहले आधिकारिक विश्व मृदा दिवस के रूप में नामित किया।
5 दिसंबर का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि यह थाईलैंड के राजा भूमिबोल अदुल्यादेज का आधिकारिक जन्मदिवस है, जिन्होंने आधिकारिक तौर पर इस आयोजन को मंजूरी दी थी।
इस अवसर पर FAO द्वारा राजा भूमिबोल विश्व मृदा दिवस पुरस्कार और ग्लिंका विश्व मृदा पुरस्कार प्रदान किया जाता है।
4. लोंगेवाला युद्ध की 51वीं वर्षगांठ के अवसर पर राजस्थान में पराक्रम दिवस मनाया गया
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1971 के युद्ध के दौरान लोंगेवाला युद्ध में भारत की जीत की 51वीं वर्षगांठ को चिह्नित करने के लिए 5 दिसंबर को राजस्थान के जैसलमेर सैन्य स्टेशन और लोंगेवाला युद्ध स्मारक में पराक्रम दिवस मनाया गया।
महत्वपूर्ण तथ्य
इस अवसर पर सगत सिंह स्टेडियम में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसमें एक बैंड डिस्प्ले, डेयरडेविल्स मोटरसाइकिल स्टंट, मिश्रित मार्शल आर्ट, मल्लखंब, शो जंपिंग, संगीत प्रदर्शन, पैराशूट फ्री फॉल आदि शामिल था।
भारत और पाकिस्तान के बीच लोंगेवाला युद्ध के बारे में
1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच लोंगेवाला का युद्ध सबसे बड़ी और सबसे निर्णायक लड़ाइयों में से एक थी।
1971 का भारत-पाकिस्तान युद्ध 3 दिसंबर को शुरू हुआ था, जिसमें भारतीय सेना का मुख्य जोर पूर्वी पाकिस्तान (तत्कालीन बांग्लादेश) पर केंद्रित था।
लड़ाई 120 भारतीय सैनिकों और 4 हॉकर विमानों और लगभग 2000 से 3000 पाकिस्तानी सैन्य बलों और 30-40 टैंकों के बीच लड़ी गई थी।
यह युद्ध भारत की थर्मोपाइले की लड़ाई के रूप में प्रसिद्ध है, जो एक बहुत बड़े सैन्य बल के खिलाफ एक छोटी सेना की जीत का वर्णन करती है।
इस युद्ध ने पाकिस्तानी सेना को भारी नुकसान पहुंचाया, जहां लगभग 200 सैनिक मारे गए।
पाकिस्तानी कमांडरों ने कई संदिग्ध निर्णय लिए जिससे उन्हें युद्ध में आत्मसमर्पण करना पड़ा और लड़ाई हारनी पड़ी।
लोंगेवाला की लड़ाई में राजस्थान का थार रेगिस्तान भारतीय सशस्त्र बलों और पाकिस्तानी सेना के बीच युद्ध का मैदान बन गया था।
लोंगेवाला की लड़ाई 3 दिसंबर को भड़की थी और 4 से 7 दिसंबर 1971 के बीच लड़ी गई।
5. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई दिल्ली में DRI के 65वें स्थापना दिवस समारोह का उद्घाटन किया
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 5 दिसंबर को नई दिल्ली में राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) के दो दिवसीय 65वें स्थापना दिवस समारोह का उद्घाटन किया।
महत्वपूर्ण तथ्य
इस अवसर पर केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा "स्मगलिंग इन इंडिया रिपोर्ट 2021-22" का वर्तमान संस्करण जारी किया गया।
यह रिपोर्ट में तस्करी विरोधी और वाणिज्यिक धोखाधड़ी के क्षेत्र में रुझानों और पिछले वित्तीय वर्ष में डीआरआई के प्रदर्शन और अनुभव से संबंधित है।
इस वर्ष इस आयोजन में एशिया-प्रशांत क्षेत्र को कवर करने वाले 22 सीमा शुल्क प्रशासनों के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को भी आमंत्रित किया गया है।
राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) के बारे में
DRI भारत सरकार के अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के तत्वावधान में तस्करी विरोधी मामलों पर प्रमुख खुफिया और प्रवर्तन एजेंसी है।
इसकी स्थापना 4 दिसंबर 1957 को की गई थी।
इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है और इसकी 12 ज़ोनल इकाइयां, 35 क्षेत्रीय इकाइयां और 15 उप-क्षेत्रीय इकाइयां हैं, जिनमें लगभग 800 अधिकारी कार्यरत हैं।
यह ड्रग्स, सोना, हीरे, इलेक्ट्रॉनिक्स, विदेशी मुद्रा, और नकली भारतीय मुद्रा सहित वस्तुओं की तस्करी पर रोक लगाने का कार्य करता है।
यह ड्रग्स, सोना, हीरे, इलेक्ट्रॉनिक्स, विदेशी मुद्रा, और नकली भारतीय मुद्रा सहित वस्तुओं की तस्करी पर रोक लगाने का कार्य करता है।
यह अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से संबंधित वाणिज्यिक धोखाधड़ी और सीमा शुल्क की चोरी से निपटने के लिए भी काम करता है।
6. पूर्वी नौसेना कमान विशाखापत्तनम में नौसेना दिवस 2022 मनाया जाएगा
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1972 से हर साल 4 दिसंबर को भारत में नौसेना दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान भारतीय नौसेना की भूमिका का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है। इस साल पहली बार नौसेना दिवस समारोह नई दिल्ली के बाहर पूर्वी नौसेना कमान मुख्यालय विशाखापत्तनम में हो रहा है।
इस दिन की पृष्ठभूमि
नौसेना दिवस पहली बार 21 अक्टूबर 1944 को रॉयल इंडियन नेवी द्वारा मनाया गया था, जो ब्रिटिश नौसेना के रॉयल नेवी के ट्राफलगर दिवस के साथ मेल खाता था।
1971 तक नौसेना दिवस 15 दिसंबर को मनाया जाता था और जिस सप्ताह में 15 दिसंबर पड़ता था उसे नौसेना सप्ताह के रूप में मनाया जाता था।
मई 1972 में वरिष्ठ नौसेना अधिकारियों के सम्मेलन में, यह निर्णय लिया गया कि 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान भारतीय नौसेना के प्रयासों और उपलब्धियों को मान्यता देने के लिए हर साल , 4 दिसंबर को ,भारतीय नौसेना दिवस मनाया जाएगा।
नौसेना दिवस 2022
इस वर्ष नौसेना दिवस समारोह विशाखापत्तनम में आयोजित किया जाएगा। यह पहली बार है कि नौसेना दिवस समारोह दिल्ली के बाहर आयोजित किया जा रहा है।
भारतीय नौसेना के जहाज, पनडुब्बी, विमान और पूर्वी, पश्चिमी और दक्षिणी नौसेना कमान के विशेष बल भारतीय नौसेना की क्षमता और बहुमुखी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। कार्यक्रम का समापन सूर्यास्त समारोह और लंगरगाह में जहाजों को रोशन करने के साथ होगा।
भारतीय नौसेना उत्सव के दौरान एक 'ऑपरेशनल डिमॉन्स्ट्रेशन' के माध्यम से भारत की युद्ध कौशल और क्षमता का प्रदर्शन करेगी।
भारत के राष्ट्रपति और सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर, द्रौपदी मुर्मू सम्मानित अतिथि के रूप में इस कार्यक्रम में शामिल होंगी ।
इस कार्यक्रम की मेजबानी नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार करेंगे।
भारतीय नौसेना
भारतीय नौसेना की स्थापना 26 जनवरी 1950 को हुई थी।
यह केंद्रीय रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आता है
राष्ट्रपति नौसेना का सर्वोच्च कमांडर होता है।
वर्तमान नौसेनाध्यक्ष: एडमिरल आर. हरि कुमार
नौसेना दिवस: 4 दिसंबर
नौसेना कमान और उसका मुख्यालय
ऑपरेशनल नेवल कमांड | मुख्यालय |
पश्चिमी नौसेना कमान | मुंबई |
दक्षिणी नौसेना कमान | कोच्चि |
पूर्वी नौसेना कमान | विशाखापत्तनम |
7. विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस
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कंप्यूटर साक्षरता को लेकर जागरूकता बढ़ाने और डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिवर्ष 2 दिसंबर को विश्व भर में ‘विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस’ मनाया जाता है।
महत्वपूर्ण तथ्य
कंप्यूटर के आविष्कार के साथ मानव जाति के लिए कार्य बहुत आसान और अधिक सुविधाजनक हो गए हैं।
दुनिया भर में हो रहे तकनीकी विकास को जानना इंसानों के लिए बेहद जरूरी है।
इसलिए, यह विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस के रूप में जाना जाने वाला कंप्यूटर में साक्षरता प्राप्त करने के महत्व को उजागर करने के लिए समर्पित दिन है।
इस दिन का उद्देश्य महिलाओं और बच्चों को कंप्यूटर भाषा समझने में कुशल बनाने के लिए तकनीकी मदद को बढ़ावा देना है।
दिन की पृष्ठभूमि
महिलाओं और बच्चों को कम्प्यूटर सीखने में सहायता देने के लिए इस दिन की शुरुआत हुई।
यह दिन पहली बार NIIT द्वारा 2 दिसंबर 2001 को मनाया गया था।
इस दिन को मनाने की अवधारणा सबसे पहले अग्रणी भारतीय कंप्यूटर कंपनी NIIT द्वारा शुरू की गई थी। इस वर्ष दिवस की 22वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है।
8. अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस
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प्रतिवर्ष 3 दिसंबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस’ मनाया जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिव्यांगजनों के साहस और उपलब्धियों की सराहना की है।
महत्वपूर्ण तथ्य
यह दिवस समाज और विकास के हर स्तर पर विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों और कल्याण को बढ़ावा देने और राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक जीवन के सभी पहलुओं में विकलांग व्यक्तियों की स्थिति के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।
2022 की थीम है "समावेशी विकास के लिए परिवर्तनकारी समाधान: एक सुलभ और न्यायसंगत दुनिया को बढ़ावा देने में नवाचार की भूमिका। (Transformative solutions for inclusive development: the role of innovation in fueling an accessible and equitable world)."
दिन की पृष्ठभूमि
इस दिवस की शुरुआत वर्ष 1992 में ‘संयुक्त राष्ट्र महासभा’ के प्रस्ताव 47/3 द्वारा की गई थी।
इसका उद्देश्य सतत् विकास हेतु वर्ष 2030 के एजेंडे के कार्यान्वयन के माध्यम से दिव्यांग व्यक्तियों के लिए समान अवसर प्रदान करने की दिशा में काम करना है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुमान के अनुसार, विश्व भर में 1 अरब से अधिक लोग विकलांगता से प्रभावित हैं।
दिव्यांगता क्या है?
दिव्यांगता का अर्थ एक ऐसी स्थिति से है, जिसमें एक व्यक्ति विशिष्ट किसी विशेष व्यक्ति के सामान्य मानक की तुलना में कई कार्य करने में असमर्थ होता है।
‘दिव्यांगता’ शब्द का प्रयोग प्रायः व्यक्तिगत कामकाज को संदर्भित करने के लिए किया जाता है, जिसमें शारीरिक हानि, संवेदी हानि, संज्ञानात्मक हानि, बौद्धिक हानि, मानसिक रोग आदि शामिल हैं।
9. राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस
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राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस हर साल 2 दिसंबर को मनाया जाता है।
महत्वपूर्ण तथ्य
इस दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य औद्योगिक आपदाओं के प्रबंधन और नियंत्रण को लेकर जागरूकता फैलाना और औद्योगिक अथवा मानवीय गतिविधियों के कारण उत्पन्न होने वाले प्रदूषण को रोकने की दिशा में प्रयासों को बढ़ावा देना है।
यह दिन मानवीय लापरवाही और औद्योगिक उत्सर्जन के कारण होने वाले पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए प्रदूषण नियंत्रण अधिनियमों को अपनाने को प्रोत्साहित करने के लिए समर्पित है।
यह दिन उन लोगों की याद में मनाया जाता है जो 1984 में 2 और 3 दिसंबर को भोपाल गैस आपदा में मारे गए थे।
2 दिसंबर, 1984 की रात को अमेरिकी कंपनी यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड के प्लांट से ‘मिथाइल आइसोसाइनाइट’ गैस का रिसाव हुआ था, जिसने भोपाल शहर को एक विशाल गैस चैंबर में परिवर्तित कर दिया था।
लगभग 30 टन मिथाइल आइसोसाइनाइट गैस के रिसाव के कारण करीब 15,000 से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई थी और लाखों लोग इस भयावह त्रासदी से प्रभावित हुए थे।
दिन का महत्व
यह दिवस किसी भी औद्योगिक आपदा को रोकने के लिए लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए मनाया जाता है।
भारत के राष्ट्रीय स्वास्थ्य पोर्टल के मुताबिक, वायु प्रदूषण के कारण प्रति वर्ष विश्व भर में लगभग 7 मिलियन से अधिक लोगों की मृत्यु होती है, जिनमें से लगभग 4 मिलियन लोगों की मौत घरेलू वायु प्रदूषण के कारण होती है।
10. प्रधानमंत्री मोदी ने बीएसएफ को उसके 58वें स्थापना दिवस पर बधाई दी
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प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सीमा सुरक्षा बल ( बीएसएफ ) के 58वें स्थापना दिवस पर सीमा सुरक्षा कर्मियों और उनके परिवारों को बधाई दी है। हर साल 1 दिसंबर को बीएसएफ दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि इस दिन 1965 में इस बल का गठन किया गया था।
बीएसएफ की स्थापना 1965 के भारत पाकिस्तान युद्ध के बाद की गई थी। यह एक सीमा बल है जो बांग्लादेश और पाकिस्तान के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर तैनात है।
यह दुनिया में दुनिया की सबसे बड़ी सीमा बल है।
बीएसएफ को देश की 'रक्षा की पहली पंक्ति' के रूप में भी जाना जाता है।
यह 7 केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) में से एक है, जो केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत आता है। अन्य सीएपीएफ हैं ; असम राइफल्स, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सी आई एस एफ), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), भारत तिब्बत सीमा बल (आईटीबीपी), राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएस जी) और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) हैं।
बीएसएफ देश का एकमात्र ऐसा बल है जिसके पास ऊंट टुकड़ी और ऊंट सवार बैंड है।
बीएसएफ विश्व का एकमात्र बल है जिसके पास महिला ऊंट सवारी दस्ते है ।
यह एकमात्र सीएपीएफ है जिसके पास एक पूर्ण जल विंग, एयर विंग और यहां तक कि अपनी खुद की एक आर्टिलरी रेजिमेंट भी है।
- बीएसएफ का आदर्श वाक्य: जीवन पर्यंत देनदारी (ड्यूटी अनटू डेथ),
- मुख्यालय: नई दिल्ली
- महानिदेशक: पंकज कुमार सिंह (आईपीएस)
- पहले महानिदेशक: के एफ रुस्तमजी