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निर्देश - निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्न के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्पे चुनिए:
विविध प्रांत हैं अपनी-अपनी भाषा के अभिमानी हम,
पर इन सबसे पहले दुनियावालो हिन्दुस्तानी हम।
रहन-सहन में, खान-पानमें, भिन्न भले ही हों कितने,
इस मिट्टी को देते आए, मिल-जुलकर कुरबानी हम।
सदियों से कुचले लाखों तूफान हमने पद तल से,
आज झुके कुछ टकराकर तो कल लगते फिर जागे से।
अंडमन से कश्मीर भले ही दूर दिखई दे कितना,
पर हर प्रांत जुडा है अपना अगणित कोमल धागों से।
जिस ओर बढ़ाए पग हमने, हो गई उधर भू नव मंगल।
आजाद वतन के बाशिंदे, हर चरण हमारा है बादल।।
समास की दृष्टि से शेष से भिन्न पद है-
समास की दृष्टि से शेष से भिन्न पद है - नगर-नगर। नगर-नगर पद में अव्ययीभाव समास है जबकि अन्य सभी द्वन्द समास के उदाहरण हैं।
महत्वपूर्ण बिन्दु :
अव्ययीभाव समास :
अव्ययीभाव का लक्षण है- जिसमे पूर्वपद की प्रधानता हो और सामासिक या समास पद अव्यय हो जाय, उसे अव्ययीभाव समास कहते है।
द्वन्द्व समास :
जिस समस्त-पद के दोनों पद प्रधान हो तथा विग्रह करने पर ‘और’, ‘अथवा’, ‘या’, ‘एवं’ लगता हो वह द्वन्द्व समास कहलाता है।
'शांतचित’ में कौन-सा समास है।
क्याख्या - ‘शांतचित’ में ‘बहुव्रीहि समास’ है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विकल्प -
‘देहलता' में कौन- सा समास है।
देहलता’ में ‘कर्मधारय समास’ है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विकल्प
जैसे ; दोनों पदों के बीच योजक चिन्ह (-) का प्रयोग = छल - कपट
तत्पुरुष समास - जिस समास का उत्तर पद अर्थात् अंतिम पद प्रधान हो, उसे तत्पुरुष समास कहते हैं। इसमें बाद वाले पद की प्रधानता रहती है। कर्त्ता -कारक और संबोधन को छोड़कर शेष सभी कारकों में विभक्तियाँ लगाकर इसका समास विग्रह होता है। जैसे - इसमें ‘का’ (कारक चिह्न) का लोप हुआ। इस प्रकार हवन सामग्री - हवन के लिए सामग्री। इसमें के लिए कारक चिह्न का लोप हुआ।अतिरिक्त बिंदु -
निम्नलिखित में से 'बारहसिंगा' शब्द में कौन - सा समास है?
'बारहसिंगा' शब्द में बहुव्रीहि समास है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु
उदाहरण-
अन्य विकल्प :
द्वंद्व समास - द्वंद्व का अर्थ है जोड़ा या युग्म। जिस समस्त-पद के दोनों पद प्रधान हों, उसे द्वंद्व समास कहते हैं।द्वंद्व समास का सामासिक विग्रह करने पर 'और' , 'अथवा', 'या', 'एवं' लगता हो, द्वंद्व समास कहलाता है।
नियम - द्वंद्व समास में दोनों पद विपरीतार्थक होते हैं।
उदाहरण -
द्विगु समास - जिस समस्त -पद का पूर्वपद संख्यावाची विशेषण हो और अंतिम पद संज्ञा हो, वह द्विगु समास कहलाता है।
उदाहरण :
तत्पुरुष समास - जिस समास का उत्तर पद अर्थात् अंतिम पद प्रधान हो उसे तत्पुरुष समास कहते हैं। कर्ता कारक और संबोधन को छोड़कर सभी कारकों में विभक्तियाँ लगाकर इसका समास विग्रह किया जाता है।
उदारहण -
अतिरिक्त बिंदु -
‘मृगेंद्र’ में कौन-सा समास है -
'मृगेंद्र' में बहुव्रीहि समास है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विकल्प -
अतिरिक्त बिंदु -
'खगेश' में कौन-सा समास है ?
'खगेश' में 'बहुव्रीहि समास' है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विकल्प -
अतिरिक्त बिंदु -
‘भरपेट’ में कौन - सा समास है?
भरपेट में 'अव्ययीभाव समास' है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विकल्प -
अतिरिक्त बिंदु -
'ध्यानमग्न' में कौन-सा समास है ?
'ध्यानमग्न' में 'तत्पुरुष' समास' है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विकल्प -
अतिरिक्त बिंदु -
दो अथवा दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने हुए नए सार्थक शब्द को क्या कहते है?
समास का तात्पर्य है 'संक्षिप्तीकरण'। दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने हुए एक नवीन एवं सार्थक शब्द को समास कहते हैं।
महत्वपूर्ण बिन्दु :
संधि :
दो निकटवर्ती वर्णो के मेल से जो विकास उत्पन्न होता है उसे संधि कहते हैं।
उदाहरण - हिमालय = हिम + आलय
संधि के मुख्यत: तीन प्रकार हैं’
समास :
समास वह क्रिया है जिसके द्वारा हिन्दी में कम से कम शब्दों में अधिक से अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। समास में प्रथम पद को प्रधान पद कहा जाता है तथा अंतिम पद को उत्तर पद कहा जाता है एवं इन दोनों से मिलकर जो पद बनता है उसे समस्त पद या समासिक पद कहा जाता है।
जैसे – हाथ के लिए कडी – हथकडी
अव्यय:
किसी भी भाषा के वे शब्द अव्यय कहलाते हैं जिनके रूप में लिंग, वचन, पुरुष, कारक, काल इत्यादि के कारण कोई विकार उत्पत्र नहीं होता। ऐसे शब्द हर स्थिति में अपने मूलरूप में बने रहते है।अव्यय का शाब्दिक अर्थ है- 'जो व्यय न हो।
छंद:
छन्द की परिभाषा वर्णो या मात्राओं के नियमित संख्या के विन्यास से यदि आहाद पैदा हो, तो उसे छंद कहा जाता है। दूसरे शब्दो में-अक्षरों की संख्या एवं क्रम, मात्रागणना तथा यति-गति से सम्बद्ध विशिष्ट नियमों से नियोजित पद्य रचना 'छन्द' कहलाती है।
'अनुरूप' में कौन - सा समास है ?
'अनुरूप' में 'अव्ययीभाव समास' है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विकल्प -
अतिरिक्त बिंदु -
इनमें कौन-सा युग्म विशेषण नहीं है?
'राम-लक्ष्मण' युग्म विशेषण नहीं है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
द्वंद्व समास -जिस समस्त-पद के दोनों पद प्रधान हो तथा विग्रह करने पर ‘और’, ‘अथवा’, ‘या’,तथा ‘एवं’ लगता हो, वह 'द्वंद्व समास' कहलाता है।
अन्य विकल्प-
निम्नलिखित उदाहरणों में द्वंद्व समास नहीं है?
चर्म रोग में संबंध तत्पुरुष समास है, इसका समास विग्रह होता है- चर्म का रोग।
अन्य विकल्प -
द्वंद्व समास -
अतिरिक्त बिंदु -
अव्ययीभाव समास का उदाहरण है:
पल - पल - 'अव्ययीभाव समास' है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विकल्प -
अतिरिक्त बिंदु -
निम्नलिखित विकल्पों में से ‘ईश्वरोपासना’ का सामासिक पद का विग्रह होगा-
उपर्युक्त विकल्पों में से ‘ईश्वरोपासना’ का सामासिक पद का विग्रह ‘ईश्वर की उपासना’ होगा ।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अतिरिक्त बिंदु -
निम्नलिखित में से 'बैलगाड़ी' शब्द में कौन - सा समास है?
'बैलगाड़ी' शब्द में ‘तत्पुरुष समास’ है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विकल्प -
अतिरिक्त बिंदु -
निम्नलिखित में से 'मुख-दर्शन' शब्द में कौन - सा समास है?
'मुख-दर्शन' शब्द में ‘तत्पुरुष समास’ है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विकल्प -
अतिरिक्त बिंदु -
निम्नलिखित में से 'दशानन' शब्द में कौन - सा समास है?
'दशानन' शब्द में ‘बहुव्रीहि समास’है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विकल्प -
अतिरिक्त बिंदु -
जिसके दोनों पद प्रधान हो ; दोनों संज्ञाएँ अथवा विशेषण हों, वह कौन - सा समास कहलाता है ?
जिसके दोनों पद प्रधान हो ; दोनों संज्ञाएँ अथवा विशेषण हों, वह द्वंद्व समास कहलाता है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु-
अन्य विकल्प-
अतिरिक्त ज्ञान-
निम्नलिखित विकल्पों में से ‘सप्तदीप’ के सामासिक पद का विग्रह होगा-
उपरोक्त विकल्पों में से ‘सप्तदीप’ के सामासिक पद का विग्रह ‘सात दीपों का समूह’ होगा।
महत्त्वपूर्ण बिंदु-
अतिरिक्त ज्ञान-
निम्नलिखित में से ‘मृगनयन' शब्द में कौन - सा समास है?
‘मृगनयन' शब्द में ‘कर्मधारय समास’ है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विकल्प -
अतिरिक्त बिंदु -