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By admin: Oct. 8, 2022

1. सोलोमन पीएम ने ऑस्ट्रेलिया से कहा, देश में कोई चीनी सैन्य उपस्थिति नहीं

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सोलोमन द्वीप के प्रधान मंत्री मनश्शे सोगावरे ने 7 अक्टूबर को ऑस्ट्रेलिया को आश्वस्त किया कि उनका देश अपने क्षेत्र में चीनी सैन्य उपस्थिति की अनुमति नहीं देगा।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • यह द्वीप राष्ट्र दक्षिणी प्रशांत महासागर में एक तरफ संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और उनके सहयोगियों और दूसरी ओर चीन के बीच एक राजनयिक संघर्ष के केंद्र में रहा है।

  • इस साल की शुरुआत में, सोलोमन द्वीप ने चीन के साथ एक सुरक्षा समझौता किया, जिसमें कहा गया था कि उसे अपनी घरेलू सुरक्षा स्थिति के लिए बीजिंग की सहायता की आवश्यकता है।

  • इस समझौते ने अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया  को झकझोर कर रख दिया था। 

  • चिंता इस बात की थी कि यह समझौता संभावित रूप से द्वीप राष्ट्र पर एक चीनी सैन्य अड्डे और शक्ति परीक्षण का कारण बन सकता है।

  • संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके क्षेत्रीय सहयोगियों को डर है कि चीन एक चीनी नौसैनिक अड्डा खोल सकता है, जो दक्षिण प्रशांत में चीन की सैन्य पहुंच को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ा देगा। 

सोलोमन द्वीप के बारे में

  • सोलोमन द्वीप पापुआ न्यू गिनी के पूर्व में मेलानेशिया में स्थित एक राष्ट्र है, जिसमें 990 से अधिक द्वीप शामिल हैं। 

  • मेलानेशिया दक्षिण-पश्चिमी प्रशांत महासागर में ओशिनिया का एक उपक्षेत्र है।

  • इसमें सांताक्रूज द्वीप समूह और रेनेल और बेलोना जैसे बाहरी द्वीप शामिल नहीं हैं।

  • इसकी राजधानी होनियारा है, जो कि ग्वाडलकैनाल द्वीप पर स्थित है।

By admin: Oct. 7, 2022

2. दिव्यांगना शर्मा और रितिका सक्सेना को प्रतिष्ठित विक्टोरियन प्रीमियर अवार्ड से सम्मानित किया गया

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दो भारतीय छात्रों, दिव्यांगना शर्मा और रितिका सक्सेना ने प्रतिष्ठित विक्टोरियन प्रीमियर का पुरस्कार जीता है। दिव्यांगना शर्मा ने प्रतिष्ठित विक्टोरियन प्रीमियर अवार्ड - इंटरनेशनल स्टूडेंट ऑफ द ईयर 2021-22 जीता है, जबकि रितिका सक्सेना ने रिसर्च कैटेगरी में इंटरनेशनल स्टूडेंट ऑफ द ईयर का पुरस्कार जीता है।

दिव्यांगना ने उच्च शिक्षा श्रेणी में विक्टोरियन अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा पुरस्कार 2021-22 भी जीता है। दिव्यांगना शर्मा फरवरी 2020 में होम्सग्लेन इंस्टीट्यूट में नर्सिंग की पढ़ाई करने मेलबर्न आई थीं।

रितिका 18 साल की उम्र में मेलबर्न चली गईं और अब स्टेम सेल अनुसंधान में शामिल पीएचडी की छात्रा हैं।

विक्टोरिया

विक्टोरिया ,ऑस्ट्रेलिया के छह राज्यों में से एक है। यह न्यू साउथ वेल्स के बाद ऑस्ट्रेलिया का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है।

ऑस्ट्रेलिया के सभी राज्यों की तरह इसका भी अपना एक संविधान है।

विक्टोरियन सरकार के मुखिया को प्रीमियर कहा जाता है।

वर्तमान प्रीमियर है: डेनियल एंड्रयूज

विक्टोरिया की राजधानी: मेलबर्न

By admin: Oct. 7, 2022

3. संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना प्रमुख भारत दौरे पर

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संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना प्रमुख जीन-पियरे लैक्रोइक्स 6 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक भारत, संयुक्त अरब अमीरात, पाकिस्तान और जापान के दौरे पर हैं।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • उन्होंने चैलेंजेज फोरम द्वारा आयोजित दो दिवसीय बैठक में भाग लिया, जो शांति अभियानों से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर प्रमुख नीति निर्माताओं, चिकित्सकों और शिक्षाविदों को एक साथ लाता है।

  • भारत संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना में अपने अभियानों के लिए सबसे बड़े सैन्य योगदान देने वाले देशों में से एक है।

  • लैक्रोइक्स की यात्रा का उद्देश्य देशों को उनके योगदान और संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना में समर्थन तथा शांति स्थापना की प्रभावशीलता को बढ़ाने में प्रगति की समीक्षा करना है।

  • चैलेंज फोरम (सीएएफ) 22 की संगठन के भारतीय भागीदार यूनाइटेड सर्विस इंस्टीट्यूशन ऑफ इंडिया (यूएसआई) द्वारा सह-मेजबानी की गई।

संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना के बारे में

  • संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना 1948 में शुरू हुई जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने मध्य पूर्व में संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षकों की तैनाती को अधिकृत किया।

  • यह देशों को संघर्ष से शांति के कठिन रास्ते पर लाने में मदद करता है।

  • यह शांति स्थापना के लिए दुनिया भर से सैनिकों और पुलिस को तैनात करता है।

  • भारत संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों में सबसे बड़ी सेना और पुलिस योगदान करने वाले देशों में से एक है। 

  • वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र के 12 शांति अभियानों में से नौ में 5,700 से अधिक भारतीय शांति सैनिक तैनात हैं।

By admin: Oct. 7, 2022

4. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने झिंजियांग में उइगर मुसलमानों के साथ चीन के दुर्व्यवहार पर बहस को खारिज किया

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संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने 6 अक्टूबर को झिंजियांग में उइगर और अन्य मुसलमानों के खिलाफ चीन के कथित मानवाधिकारों के हनन पर चर्चा के लिए पश्चिमी नेतृत्व वाले प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • मतदान चीन के लिए एक कूटनीतिक जीत थी, जो यह साबित करता है कि झिंजियांग में चीन के कार्यों की आलोचना निराधार है, इसलिए इस आरोप को खारिज कर दिया गया।

  • अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और अन्य सहयोगियों ने बहस आयोजित करने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन परिषद के 19 सदस्यों ने प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया तथा 17 देशों ने प्रस्ताव के समर्थन में मतदान किया जबकि 11 ने मतदान में भाग नहीं लिया।

  • भारत ने भी मतदान में भाग नहीं लिया।

  • 47 सदस्यीय परिषद संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष मानवाधिकार संस्था है।

बहस के लिए प्रस्ताव क्यों लाया गया?

  • अगस्त में, संयुक्त राष्ट्र ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की जिसमें निष्कर्ष निकाला गया कि झिंजियांग में उइगरों और अन्य मुसलमानों की बड़े पैमाने पर मनमानी हिरासत में लिया जा रहा है और "गंभीर मानवाधिकारों का उल्लंघन" हो रहा है।

  • रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि बीजिंग की कार्रवाई मानवता के खिलाफ अपराध हो सकती है।

  • रिपोर्ट में बंदियों के साथ "क्रूर, अमानवीय या अपमानजनक" व्यवहार, यौन और लिंग-आधारित हिंसा के "विश्वसनीय" आरोपों के बारे में विस्तार से बताया गया है।

उइगर कौन हैं?

  • शिनजियांग के क्षेत्र में उत्तर-पश्चिमी चीन में लगभग 12 मिलियन उइगर रहते हैं, जिनमें ज्यादातर मुस्लिम हैं।

  • उइगर तुर्की के समान अपनी भाषा बोलते हैं।

  • वे खुद को सांस्कृतिक और जातीय रूप से मध्य एशियाई देशों के करीब देखते हैं।

  • झिंजियांग में इनकी आबादी कुल आबादी की आधी से भी थोड़ा कम हैं।

झिंजियांग के बारे में

  • यह चीन के उत्तर-पश्चिम में स्थित है और देश का सबसे बड़ा क्षेत्र है।

  • यह ज्यादातर रेगिस्तानी क्षेत्र है, जो दुनिया के कपास का लगभग पांचवां हिस्सा पैदा करता है।

  • यह तेल और प्राकृतिक गैस में भी समृद्ध है और मध्य एशिया और यूरोप से इसकी निकटता के कारण बीजिंग इसे एक महत्वपूर्ण व्यापार लिंक के रूप में देखता है।

By admin: Oct. 6, 2022

5. ओपेक प्लस सदस्य देशों ने की तेल उत्पादन में कटौती, अमेरिकी भंडार में गिरावट

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ओपेक प्लस सदस्य देशों के प्रतिनिधियों ने 5 अक्टूबर को वियना में ढाई साल के बाद बैठक की जिसमें सदस्य देश तेल उत्पादन की मात्रा में बीस लाख बैरल प्रति दिन की कटौती करने पर सहमत हुए।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • उत्पादन में कटौती का यह फैसला नवंबर से लागू होगा।

  • अमेरिका ने पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और उसके सहयोगियों द्वारा तेल उत्पादन कोटा में कटौती की आलोचना की है।

  • ओपेक के इस कदम से निम्न और मध्यम आय वाले देशों पर सबसे अधिक नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

  • इससे पहले ओपेक देशों ने पिछले महीने उत्पादन में सांकेतिक कटौती की थी।

ओपेक प्लस उत्पादन में कमी क्यों कर रहा है?

  • रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद तेल की कीमतें आसमान छू लिया।

  • हाल ही में की गई कटौती वर्ष 2020 के बाद सबसे बड़ी कटौती है जब ओपेक प्लस के सदस्यों ने कोविड -19 महामारी के दौरान उत्पादन में 10 मिलियन बीपीडी की कमी की।

  • यह कटौती तेल की कीमतों को बढ़ावा देगी और मध्य पूर्वी सदस्य राज्यों के लिए बेहद फायदेमंद होगी।

  • इससे लड़खड़ाती वैश्विक अर्थव्यवस्था में तेल की मांग को कम होगी और कटौती से मुनाफे में वृद्धि होगी।

ओपेक के बारे में

  • यह एक स्थायी, अंतर सरकारी संगठन है जिसकी स्थापना 1960 में ईरान, इराक, कुवैत, सऊदी अरब और वेनेजुएला द्वारा बगदाद सम्मेलन में की गई थी।

  • इस संगठन का उद्देश्य अपने सदस्य देशों की पेट्रोलियम नीतियों का समन्वय और एकीकरण करना और उपभोक्ता को पेट्रोलियम की कुशल, आर्थिक और नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए तेल बाजारों का स्थिरीकरण सुनिश्चित करना है।

  • मुख्यालय - वियना (ऑस्ट्रिया)

  • ओपेक के 14 सदस्य देश हैं (ईरान, इराक, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, अल्जीरिया, लीबिया, नाइजीरिया, गैबॉन, इक्वेटोरियल गिनी, कांगो गणराज्य, अंगोला, इक्वाडोर और वेनेजुएला)।

ओपेक प्लस

  • यह ओपेक सदस्यों और दुनिया के 10 प्रमुख गैर-ओपेक तेल निर्यातक देशों का गठबंधन है।

  • अजरबैजान, बहरीन, ब्रुनेई, कजाकिस्तान, मलेशिया, मैक्सिको, ओमान, रूस, दक्षिण सूडान और सूडान।

By admin: Oct. 5, 2022

6. पूर्व जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी पुरस्कार जीता

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शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) ने 4 अक्टूबर को पूर्व जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल को सीरिया में शरणार्थी संकट के दौरान उनके 'नैतिक और राजनीतिक साहस' के लिए वर्ष 2022 के यूएनएचसीआर 'नानसेन' शरणार्थी पुरस्कार से सम्मानित किया।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • पुरस्कार चयन समिति ने कहा कि उन्हें उनके नेतृत्व, साहस और करुणा के लिए चुना गया है, जिससे शरण की तलाश कर रहे लाखों हताश लोगों का संरक्षण सुनिश्चित करने में मदद मिली।

  • मर्केल को जिनेवा में 10 अक्टूबर को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।

शरणार्थी संरक्षण के लिए मर्केल द्वारा किए गए प्रयास

  • पूर्व जर्मन चांसलर ऐंगेला मर्केल के नेतृत्व में जर्मनी ने वर्ष 2015 और 2016 में 12 लाख से अधिक शरणार्थियों व शरण की तलाश कर रहे लोगों को शरण दी।

  • ये शरणार्थी सीरिया समेत अन्य स्थानों पर हिंसक संघर्ष से जान बचाने के लिए जर्मनी पहुँचे थे।

  • यूएन शरणार्थी एजेंसी के उच्चायुक्त फ़िलिपो ग्रैण्डी ने शरणार्थियों की रक्षा, मानवाधिकारों व अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के समर्थन में खड़े होने के लिये पूर्व चांसलर के संकल्प की सराहना की।

UNHCR नानसेन रिफ्यूजी अवार्ड के बारे में

  • यह पुरस्कार 1954 में स्थापित किया गया था।

  • यह पुरस्कार हर वर्ष नॉर्वे के वैज्ञानिक, राजनयिक और मानव कल्याण कार्यों के लिये समर्पित फ़्रिडजोफ़ नेनसन की स्मृति में दिया जाता है।

  • इस पुरस्कार से एक ऐसे व्यक्ति, समूह या संगठन को सम्मानित किया जाता है, जिन्होंने शरणार्थियों, विस्थापितों और देशाविहीन लोगों की रक्षा के प्रयास किए हैं।

By admin: Oct. 4, 2022

7. एनपीसीआई ओमान में रुपे डेबिट कार्ड शुरू करेगा

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ओमान दुनिया का नवीनतम देश बन गया है जहां भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) अपना रुपे(RuPay) डेबिट कार्ड लॉन्च करेगा।डिजिटल भुगतान प्रणालियों में सहयोग के लिए सेंट्रल बैंक ऑफ ओमान (सीबीओ) और भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के बीच 4 अक्टूबर 2022 को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।

विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन की ओमान यात्रा के दौरान समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। वह दो दिवसीय (3-4 अक्टूबर) ओमान की यात्रा पर थे।

ओमान की यह उनकी दूसरी यात्रा थी और उन्होंने ओमान के विदेश मंत्री सैय्यद बद्र बिन हमद बिन हमद अलबुसैदी से मुलाकात की।

रुपे कार्ड

रुपे , वीज़ा या मास्टरकार्ड की तरह एक भारतीय भुगतान गेटवे है और इसका विस्तार भारत के पड़ोसी देशों या विशाल भारतीय प्रवासी वाले देशों में किया जा रहा है।

रुपे कार्ड को आधिकारिक तौर पर भारत में जनता के लिए 8 मई 2014 को लॉन्च किया गया था

विदेश में इसे पहली बार,  मई 2018 में, सिंगापुर में शुरू किया गया था, इसके बाद भूटान और मालदीव में  इसे शुरू किया था।

पश्चिम एशिया में यूएई खाड़ी का पहला देश था जहां पीएम मोदी की अगस्त 2019 की यात्रा के दौरान रुपे को शुरू किया गया था।

संबंधित देशों में इसके प्रक्षेपण के लिए सऊदी अरब, बहरीन, फ्रांस और नेपाल के साथ भी समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई):

  • एनपीसीआई, भारत में खुदरा भुगतान और निपटान प्रणाली के संचालन हेतु एक अम्ब्रेला संगठन है, जिसे ‘आरबीआई’ और ‘भारतीय बैंक संघ’ (आईबीए) द्वारा ‘भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007’ के तहत शुरू किया गया है।
  • यह कंपनी अधिनियम 1956(2013 में संशोधित ) के प्रावधानों के तहत स्थापित एक ‘गैर-लाभकारी’ कंपनी है, जिसका उद्देश्य भारत में संपूर्ण बैंकिंग प्रणाली को भौतिक और इलेक्ट्रॉनिक भुगतान हेतु बुनियादी ढाँचा प्रदान करना है।

By admin: Oct. 4, 2022

8. भारतीय अमेरिकी विवेक लाल को अमेरिका में लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार

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भारतीय मूल के जनरल एटॉमिक्स के सीईओ विवेक लाल को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 'विद ग्रेटफुल रिकॉग्निशन' के प्रशस्ति पत्र के साथ लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया है।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • यह पुरस्कार उन्हें AmeriCorps और राष्ट्रपति के कार्यालय द्वारा दिया गया है।

  • AmeriCorps अमेरिकी सरकार के एक हिस्से के रूप में कार्य करता है, जिसका उद्देश्य ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा देना है जो अमेरिकियों को "समुदायों की सेवा करने" के लिए प्रेरित करती है।

  •  भारतीय मूल के अमेरिकी विवेक लाल वर्तमान में जनरल एटॉमिक्स ग्लोबल कॉरपोरेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी है।

  • लाल का जन्म 05 मार्च 1969 में जकार्ता, इण्डोनेशिया में हुआ था।

  • लाल ने कंसास के विचिटा स्टेट यूनिवर्सिटी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी पूरी की है।

  • वह रिलायंस न्यू वेंचर्स रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के सीईओ और अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

By admin: Oct. 4, 2022

9. एलेन एस्पेक्ट, जॉन क्लॉसर, एंटन ज़िलिंगर को भौतिकी के नोबेल पुरस्कार 2022 के लिए चुना गया

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रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंस ने 4 अक्टूबर 2022 को भौतिकी में 2022 के नोबेल पुरस्कारके विजेताओं की घोषणा की है।

रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंस ने 4 अक्टूबर 2022 को भौतिकी में 2022 के नोबेल पुरस्कार के विजेताओं की घोषणा की है। तीन वैज्ञानिकों; फ्रांस के एलेन एस्पेक्ट, अमेरिका के जॉन क्लॉसर और ऑस्ट्रिया के एंटोन ज़िलिंगर को क्वांटम भौतिकी में उनके काम के लिए सम्मानित किया गया।

अकादमी के अनुसार पुरस्कार उनके "उलझे हुए फोटॉन के साथ प्रयोग, और अग्रणी क्वांटम सूचना विज्ञान" के काम के लिए दिए गए हैं ।

क्वांटम भौतिकी विज्ञान का एक क्षेत्र है जिसका उद्देश्य सबसे मौलिक स्तर पर पदार्थ और ऊर्जा का अध्ययन करना है। तीन विजेताओं में से प्रत्येक ने उलझी हुई क्वांटम अवस्थाओं का उपयोग करते हुए अभूतपूर्व प्रयोग किए, जहाँ दो कण अलग होने पर भी एक इकाई की तरह व्यवहार करते हैं।

अकादमी ने कहा कि उनके काम के परिणामस्वरूप, "क्वांटम कंप्यूटर बनाने, माप में सुधार, क्वांटम नेटवर्क बनाने और सुरक्षित क्वांटम एन्क्रिप्टेड संचार स्थापित करने के लिए व्यक्तिगत कण प्रणालियों के विशेष गुणों का उपयोग करने के लिए विकासकार्य चल रहा है ।"

3 अक्टूबर 2022 को, स्वीडन के स्वंते पाबो को चिकित्सा के नोबेल पुरस्कार के लिया चुना गया था ।

नोबेल पुरस्कार 10 दिसंबर 2022 को स्टॉकहोम, स्वीडन में प्रदान किया जाएगा।

भारत से नोबेल पुरस्कार विजेताओं की सूची -

  • रवींद्रनाथ टैगोर (1913) - साहित्य,नोबेल पुरस्कार पाने वाले पहले एशियाई।
  • सीवी रमन (1930) - भौतिकी
  • हर गोबिंद खुराना (1968) – चिकित्सा, वह एक भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक थे।
  • मदर टेरेसा (1979) - शांति
  • सुब्रमण्यन चंद्रशेखर (1983) – भौतिकी, वह एक भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक थे।
  • अमर्त्य सेन (1998) - अर्थशास्त्र
  • वेंकटरमण रामकृष्णन (2009) - रसायन विज्ञान, वह एक भारतीय मूल के ब्रिटिश और अमेरिकी नागरिक हैं।
  • कैलाश सत्यार्थी (2014) - शांति
  • अभिजीत बनर्जी (2019) – अर्थशास्त्र, वह एक भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक हैं ।


By admin: Oct. 4, 2022

10. फ्रांस में भारतीय राजदूत जावेद अशरफ पेरिस इंफ्रा वीक में शामिल हुए

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फ्रांस में भारतीय राजदूत जावेद अशरफ 3 अक्टूबर को पेरिस इंफ्रा वीक के उद्घाटन में शामिल हुए।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • इस आयोजन में, उन्होंने भारत के बुनियादी ढांचे, डिजिटलीकरण, लोजिस्टिक सपोर्ट ग्रोथ, समावेश, स्थिरता, संप्रभुता, रणनीतिक स्वायत्तता और लचीलापन पर प्रकाश डाला।

  • इस कार्यक्रम में विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।

भारत-फ्रांस संबंध

  • भारत और फ्रांस के बीच हमेशा पारंपरिक रूप से घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं।

  • 1998 में, दोनों देशों ने एक रणनीतिक साझेदारी में प्रवेश किया, जो घनिष्ठ और बढ़ते द्विपक्षीय संबंधों के अलावा कई अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर उनके विचारों के अभिसरण का प्रतीक है।

  • भारत में रक्षा, आईटीईएस, परामर्श, इंजीनियरिंग सेवाओं, भारी उद्योग आदि जैसे विविध क्षेत्रों में 1000 से अधिक फ्रांसीसी व्यवसाय हैं।

  • 2 अप्रैल 2000 से दिसंबर 2020 तक 9 बिलियन अमरीकी डालर के संचयी एफडीआई स्टॉक के साथ फ्रांस भारत में 7वां सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है, जो भारत में कुल एफडीआई प्रवाह का 2 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करता है।

  • भारत में COVID-19 की दूसरी लहर के दौरान, फ्रांस ने एक विशाल एकजुटता मिशन के साथ भारत का समर्थन किया।

  • मिशन को IFCCI और टीम फ्रांस के नेतृत्व में भारत में फ्रांस के दूतावास द्वारा कार्यान्वित किया गया था।

  • इस मिशन के दौरान, देश भर के भारतीय अस्पतालों में 29 अत्याधुनिक फ्रांसीसी-निर्मित ऑक्सीजन-उत्पादक संयंत्रों की स्थापना की गई और 55 फ्रांसीसी और भारतीय समूहों से 55 करोड़ (6.1 मिलियन यूरो) जुटाए गए।

फ्रांस के बारे में

  • प्रधान मंत्री - एलिजाबेथ बोर्न

  • राजधानी - पेरिस

  • राष्ट्रपति - इमैनुएल मैक्रोन 

  • मुद्रा - यूरो

  • राजभाषा - फ्रेंच

  • आधिकारिक नाम - फ्रेंच गणराज्य

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