In which city the Union Minister for Road Transport and Highways Nitin Gadkari unveiled India's first electric double-decker air-conditioned bus ?
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने किस शहर में भारत की पहली इलेक्ट्रिक डबल डेकर वातानुकूलित बस का अनावरण किया ?
Correct Answer: 4
Union minister for road transport and highways Nitin Gadkari on 18 August unveiled India’s first electric double-decker air-conditioned bus in Mumbai.
IMPORTANT FACTS -
Brihanmumbai Electric Supply and Transport (BEST) introduced the first of its newly acquired electric double-decker air-conditioned bus.
This electric double-decker bus will be the world's first - semi-low floor, air-conditioned, electric double-decker with wide doors on the rear overhang and a ladder at the rear.
The double-decker electric bus is manufactured by Switch Mobility, the electric vehicle arm of Ashok Leyland.
The company has signed a contract with BEST for the supply of 900 electric buses in various phases.
Of these, 50% buses are expected to arrive by March 2023 and the remaining 50 per cent after that.
This initiative upholds the vision of a self-reliant India and provides sustainable and cost-effective solutions.
Compared to a single-decker bus, the number of passengers sitting in it can be almost double.
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 18 अगस्त को मुंबई में भारत की पहली इलेक्ट्रिक डबल डेकर वातानुकूलित बस का अनावरण किया।
महत्वपूर्ण तथ्य -
बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (BEST) ने अपनी नई अधिग्रहीत इलेक्ट्रिक डबल-डेकर वातानुकूलित बस की पहली बस पेश की।
यह इलेक्ट्रिक डबल-डेकर बस दुनिया की पहली - सेमी-लो फ्लोर, वातानुकूलित, इलेक्ट्रिक डबल-डेकर होगी जिसमें पीछे के ओवरहैंग पर चौड़े दरवाजे और पीछे की तरफ सीढ़ी होगी।
इलेक्ट्रिक बस का निर्माण अशोक लीलैंड की इलेक्ट्रिक वाहन शाखा, स्विच मोबिलिटी द्वारा किया गया है।
कंपनी द्वारा विभिन्न चरणों में 900 इलेक्ट्रिक बसों की आपूर्ति के लिए बेस्ट के साथ अनुबंध किया गया है।
इनमें से 50 प्रतिशत बसें मार्च 2023 तक और शेष 50 प्रतिशत उसके बाद आने की उम्मीद है।
यह पहल आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को कायम रखती है और टिकाऊ तथा लागत प्रभावी समाधान प्रदान करती है।
सिंगल डेकर बस की तुलना में इसमें बैठने वाले यात्रियों की संख्या लगभग दोगुनी हो सकती है।
Question 62:
Where will the India-Russia joint venture AK-203 assault rifles be manufactured by the end of 2022 ?
2022 के अंत तक भारत-रूस संयुक्त उद्यम AK-203 असॉल्ट राइफल्स का निर्माण कहाँ किया जाएगा ?
Correct Answer: 2
Manufacturing of AK-203 assault rifles by Indo-Russian joint venture in Amethi, Uttar Pradesh is scheduled to start by the end of the year 2022.
According to Kalashnikov, a Russian company that manufactures rifles, the manufacturing equipment required for this will soon be sent from Russia to India.
Over 6.1 lakh AK-203 assault rifles costing over Rs 5,000 crore will be manufactured by Indo-Russian Rifles Private Limited (IRRPL), a joint venture in Korwa, Amethi, Uttar Pradesh.
IRRPL was established jointly between the then OFB of India (now Advanced Weapons and Equipment India Limited -AWEIL), Munitions India Limited (MIL) and Rosoboronexport (ROE) and Kalashnikov of Russia.
A modern production line has been set up and a short range of weapons has been set up where the rifles will be tested.
India and Russia signed an Inter-Governmental Agreement (IGA) in February 2019 for the production of AK 203 assault rifles.
IMPORTANT FACTS -
About AK 203 Rifles :
The AK-203 assault rifle is considered to be the latest and most advanced version of the AK-47 rifle.
It is a 7.62×39mm variant from the AK-100 rifle family.
This variant will replace the Indian Small Arms System (INSAS) 5.56×45mm assault rifle, which is currently being used by the Army, Navy and Air Force besides other security forces.
INSAS rifles are not suitable for use at high altitudes. These rifles also have problems like gun jamming, oil leakage etc.
Other India-Russia bilateral projects :
Indigenous production of T-90 tanks and Su-30-MKIaircraft
Supply of MiG-29-K aircraft and Kamov-31 and Mi-17 helicopters.
Upgrade of MiG-29 aircraft and supply of Multi-Barrel Rocket Launcher Smerch.
Develop and produce supersonic BrahMos cruise missiles in India.
अमेठी, उत्तर प्रदेश में भारत-रूस संयुक्त उद्यम द्वारा AK-203 असॉल्ट राइफलों का निर्माण वर्ष 2022 के अंत तक शुरू होने वाला है।
राइफल्स बनाने वाली रूसी कंपनी कलाश्निकोव के अनुसार, इसके लिए आवश्यक निर्माण उपकरण जल्द ही रूस से भारत भेजे जाएंगे।
5,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली 6.1 लाख से अधिक AK-203 असॉल्ट राइफलें उत्तर प्रदेश के कोरवा, अमेठी में एक संयुक्त उद्यम, इंडो-रूसी राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (IRRPL) द्वारा निर्मित की जाएंगी।
आईआरआरपीएल को भारत के तत्कालीन ओएफबी (अब एडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड -एडब्ल्यूईआईएल), मुनिशन्स इंडिया लिमिटेड (एमआईएल) और रूस के रोसोबोरोनएक्सपोर्ट (आरओई) और कलाश्निकोव के बीच संयुक्त रूप से स्थापित किया गया था।
एक आधुनिक उत्पादन लाइन स्थापित की गई है और हथियारों की एक छोटी रेंज स्थापित की गई है जहां राइफलों के परीक्षण किए जाएंगे।
भारत और रूस ने एके 203 असॉल्ट राइफलों के उत्पादन के लिए फरवरी 2019 में एक अंतर-सरकारी समझौते (IGA) पर हस्ताक्षर किए थे।
महत्वपूर्ण तथ्य -
एके 203 राइफल्स के बारे में :
AK-203 असॉल्ट राइफल को AK-47 राइफल का नवीनतम और सबसे उन्नत संस्करण माना जाता है।
यह AK-100 राइफल परिवार से 7.62×39mm वैरिएंट है।
यह संस्करण भारतीय लघु शस्त्र प्रणाली (INSAS) 5.56×45 मिमी असॉल्ट राइफल की जगह लेगा, जिसका उपयोग वर्तमान में सेना, नौसेना और वायु सेना के अलावा अन्य सुरक्षा बलों द्वारा किया जा रहा है।
INSAS राइफलें अधिक ऊंचाई पर उपयोग के लिए उपयुक्त नहीं हैं। इन राइफल्स में गन जैमिंग, ऑयल लीकेज आदि जैसी समस्याएं भी होती हैं।
अन्य भारत-रूस द्विपक्षीय परियोजनाएं :
T-90 टैंक और Su-30-MKI aircraft का स्वदेशी उत्पादन
मिग-29-के विमान की आपूर्ति
मिग-29-के विमान और कामोव-31 और एमआई-17 हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति
मिग-29 विमानों का उन्नयन और मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर स्मर्च की आपूर्ति
Question 63:
Who became the first Indian woman to win a gold medal in the Under-20 World Wrestling Championship ?
अंडर-20 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला कौन बनी ?
Correct Answer: 3
Antim Panghal created history as she became the first Indian female wrestler ever to clinch gold at the Under 20 Wrestling World Championships.
She defeated Altyn Shagayeva of Kazakhstan 8-0 in the final of the 53kg weight category.
She topped the podium in the 53kg category at the World Championships being held in Sofia, Bulgaria on 18 August.
Six other Indian wrestlers have reached the finals of the Under-20 World Championships before Panghal, but the 17-year-old Panghal is the first Indian woman to win gold.
Prior to this, she has won bronze at the Cadet World Championships (2021) and gold at the Asian Junior Championships (2022).
He also won a silver medal at the Under 23 Asian Championship this year.
IMPORTANT FACTS -
Under-20 World Wrestling Championship :
It is being held in Sofia, Bulgaria from 15 to 21 August 2022.
India has won 16 medals (7 each in men's and women's freestyle and 2 in Greco-Roman) at the Under 20 World Championships.
Medal winners for India:-
Men's freestyle :
Mahendra Gaikwad (Silver in 125kg)
Abhishek Dhaka (Bronze in 57kg)
Mohit Kumar (Bronze in 61kg)
Sujit Kalkal (Bronze in 65kg)
Mulayam Yadav (Bronze in 70kg)
Sagar Jaglan (Bronze in 74kg)
Neeraj Bhardwaj (Bronze in 97kg)
Women's freestyle
Last Panghal (Gold in 53kg)
Sonam Malik (Silver in 62kg)
Priyanka (Silver in 65kg)
Priya Malik (Silver in 76kg)
Priyanshi Prajapat (Bronze in 50kg)
Sito (Bronze in 57kg)
Ritika (Bronze in 72kg)
Greco-Roman
Sumit (Bronze in 60kg)
Rohit Dahiya (Bronze in 82kg)
भारत की युवा पहलवान अंतिम पंघाल अंडर-20 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीतकर ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला बन गयीं।
उन्होंने 53 किग्रा भार वर्ग के फाइनल में कजाकिस्तान की अल्तिन शगायेवा को 8-0 से हराया।
18 अगस्त को बुल्गारिया के सोफिया में हो रही इस विश्व चैंपियनशिप में 53 किग्रा वर्ग में वह पोडियम में शीर्ष पर रहीं।
पंघाल से पहले छह अन्य भारतीय पहलवान अंडर-20 विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंच चुके हैं, लेकिन 17 वर्षीय पंघाल स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं।
इससे पहले उन्होंने कैडेट विश्व चैंपियनशिप (2021) में कांस्य और एशियाई जूनियर चैंपियनशिप (2022) में स्वर्ण जीता है।
उन्होंने इस साल अंडर 23 एशियाई चैंपियनशिप में भी रजत पदक जीता था।
महत्वपूर्ण तथ्य -
अंडर-20 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप :
यह 15 से 21 अगस्त, 2022 तक सोफिया, बुल्गारिया में आयोजित किया गया था।
अंडर 20 विश्व चैंपियनशिप में भारत ने 16 पदक (पुरुष और महिला फ्रीस्टाइल में 7 प्रत्येक और ग्रीको-रोमन में 2) जीते है I
भारत के लिए पदक विजेता :-
पुरुषों की फ्रीस्टाइल :
महेंद्र गायकवाड़ (125 किग्रा में रजत)
अभिषेक ढाका (57 किग्रा में कांस्य)
मोहित कुमार (61 किग्रा में कांस्य)
सुजीत कलकल (65 किग्रा में कांस्य)
मुलायम यादव (70 किग्रा में कांस्य)
सागर जागलान (74 किग्रा में कांस्य)
नीरज भारद्वाज (97 किग्रा में कांस्य)
महिलाओं की फ्रीस्टाइल :
अंतिम पंघाल (53 किग्रा में स्वर्ण)
सोनम मलिक (62 किग्रा में रजत)
प्रियंका (65 किग्रा में रजत)
प्रिया मलिक (76 किग्रा में रजत)
प्रियांशी प्रजापत (50 किग्रा में कांस्य)
सीतो (57 किग्रा में कांस्य)
रीतिका (72 किग्रा में कांस्य)
ग्रीको -रोमन
सुमित (60 किग्रा में कांस्य)
रोहित दहिया (82 किग्रा में कांस्य)
Question 64:
Mahatma Phule Renewable Energy and Infrastructure Technology Limited (Mahapreet) signed an MoU with which of the following organisations to provide loans for green energy projects ?
हरित ऊर्जा परियोजना को ऋण प्रदान करने के लिए महात्मा फुले रिन्यूएबल एनर्जी और इंफ्रास्ट्रक्चर टेक्नोलॉजी लिमिटेड (महाप्रीत) ने निम्नलिखित में से किस संस्था के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए ?
Correct Answer: 1
Indian Renewable Energy Development Association Limited (IREDA) signed a Memorandum of Understanding (MoU) with Mahatma Phule Renewable Energy and Infrastructure Technology Limited (Mahapreet).
The MoU was signed by Shri Pradeep Kumar Das, Chairman and Managing Director (CMD) of IREDA and Shri Bipin Shrimali, CMD, Mahapreet.
As per this MoU, IREDA will provide financial facilities to Mahapreet for the renewable energy projects to be implemented for developing the infrastructure of state utilities, local bodies and renewable energy parks.
Under this partnership, IREDA will also bear the appropriate techno-financial responsibility of renewable energy and energy efficiency and conservation projects for Mahapreet.
Through this partnership, we will be able to assist the Government of India in achieving its target of 50% share of energy from non-fossil fuels by 2030.
This is IREDA's ninth MoU in the last two years to provide consultancy services for the sustainable development of the country.
IMPORTANT FACTS -
Indian Renewable Energy Development Agency Limited (IREDA) :
It was incorporated as a Public Limited Company in the year 1987 as a 'Non-Banking Financial Institution'.
It is a Miniratna (Category 1) type company functioning under the administrative control of 'Ministry of New and Renewable Energy, Government of India.
Its function is to encourage projects related to new and renewable energy sources and to provide them financial assistance for their development.
It has been notified as a 'Public Financial Institution' under section 4'A' of the 'Companies Act, 1956'.
भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास संस्था लिमिटेड (इरेडा) ने महात्मा फुले रिन्यूएबल एनर्जी और इंफ्रास्ट्रक्चर टेक्नोलॉजी लिमिटेड (महाप्रीत) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
इरेडा के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) श्री प्रदीप कुमार दास और महाप्रीत के सीएमडी श्री बिपिन श्रीमाली ने इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
इस समझौता ज्ञापन के अनुसार इरेडा राज्य उपयोगिताओं, स्थानीय निकायों और अक्षय ऊर्जा पार्कों के बुनियादी ढांचे को विकसित करने को लेकर कार्यान्वित की जाने वाली अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए महाप्रीत को वित्तीय सुविधाएं प्रदान करेगा।
इस सहभागिता के तहत महाप्रीत के लिए इरेडा नवीकरणीय ऊर्जा और ऊर्जा दक्षता व संरक्षण परियोजनाओं का तकनीकी-वित्तीय उचित जिम्मेदारी का भी वहन करेगा।
इस सहभागिता के माध्यम से 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन से ऊर्जा के 50 फीसदी हिस्से के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में भारत सरकार की सहायता करने में सक्षम होंगे।
देश के सतत विकास के लिए परामर्श सेवाएं प्रदान करने के लिए पिछले दो वर्षों में इरेडा का यह नौवां समझौता ज्ञापन है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी लिमिटेड (इरेडा) :
इसे वर्ष 1987 में ‘गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्था’ के रूप में एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी के तौर पर गठित किया गया था।
यह भारत सरकार के ‘नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय’ के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन कार्यरत एक मिनीरत्न (श्रेणी 1) प्रकार की कंपनी है।
इसका कार्य नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से संबंधित परियोजनाओं को प्रोत्साहित करना तथा इनके विकास हेतु इन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
इसे ‘कंपनी अधिनियम, 1956’ की धारा 4’ए’ के तहत ‘सार्वजनिक वित्तीय संस्थान’ के रूप में अधिसूचित किया गया है।
Question 65:
Which state government has started the Moksha Dham scheme for the rejuvenation of the cremation grounds ?
किस राज्य सरकार ने श्मशान घाट के कायाकल्प के लिए मोक्षधाम योजना शुरू की है ?
Correct Answer: 4
Himachal Pradesh State Government has started Mokshadham Yojana under the aegis of Rural Development Department for the rejuvenation of the crematoriums of the state.
The Himachal Pradesh government has started the Moksha Dham scheme to provide all the adequate facilities at the place of the rites to the last rites of their loved ones in a religious manner and smoothly.
Under this scheme, Maximum 131 cremation grounds have been developed in Kangra district in the last five years.
During the last five years, infrastructure facilities have been developed in the state by renovating 477 cremation grounds by spending Rs 1648.99 lakh so far.
These Mokshadhams are being constructed by the local Panchayat in convergence of MGNREGA, Planning Commission, State Plan.
IMPORTANT FACTS -
About Himachal Pradesh :
It was made the eighteenth state of India on 25 January 1971 under the Himachal Pradesh State Act, 1971.
Himachal Pradesh is also called the Land of Gods.
Himachal Pradesh is part of the Shivalik range of the Himalayan Mountains.
Major rivers and dams - Sutlej (Bhakra Dam, Gobind Sagar Reservoir, Koldam Dam), Vyas (Pandoh Dam, Maharana Pratap Sagar Reservoir), Ravi (Chamera Dam), Parvati
National Parks - Great Himalayan National Park, Pin Valley National Park, Khirganga, Inderkilla and Simbalbara National Parks
Capital - Shimla
Governor - Rajendra Vishwanath Arlekar
Chief Minister -Jai Ram Thakur
Legislative Assembly seats - 68
Rajya Sabha seats - 3
Lok Sabha seats - 4
हिमाचल प्रदेश राज्य सरकार ने राज्य के श्मशान घाटों के काया कल्प के लिए ग्रामीण विकास विभाग के तत्वावधान में मोक्षधाम योजना शुरू की है I
हिमाचल प्रदेश सरकार ने अपने प्रियजनों के अंतिम संस्कार के स्थान पर धार्मिक तरीके से और सुचारू रूप से सभी पर्याप्त सुविधाएं प्रदान करने के लिए मोक्षधाम योजना शुरू की है।
इस योजना के अन्तर्गत पिछले पांच सालों में सर्वाधिक 131 श्मशान घाट कांगड़ा जिला में विकसित किए गए हैं।
राज्य में पिछले पांच वर्षों के दौरान अब तक 1648.99 लाख रुपए खर्च करके 477 शमशान घाटों का पुनर्निर्माण करके मूलभूत सुविधाएं विकसित की गई हैं।
इन मोक्षधामों का निर्माण मनरेगा, योजना आयोग, राज्य योजना के कन्वर्जेन्स में स्थानीय पंचायत द्वारा किया जा रहा है I
महत्त्वपूर्ण तथ्य -
हिमाचल प्रदेश के बारे में :
हिमाचल प्रदेश राज्य अधिनियम-1971 के अन्तर्गत इसे 25 जनवरी, 1971 को भारत का अठारहवाँ राज्य बनाया गया था।
हिमाचल प्रदेश को "देव भूमि" भी कहा जाता है।
हिमाचल प्रदेश हिमालय पर्वत की शिवालिक श्रेणी का हिस्सा है।
प्रमुख नदियाँ और बांँध - सतलुज (भाखड़ा बांँध, गोबिंद सागर जलाशय, कोल्डम बांँध), व्यास (पंडोह बांँध, महाराणा प्रताप सागर जलाशय), रावी (चमेरा बांँध), पार्वती।
राष्ट्रीय उद्यान - ग्रेट हिमालयन राष्ट्रीय उद्यान, पिन वैली राष्ट्रीय उद्यान, खीरगंगा, इंदरकिला तथा सिंबलबारा राष्ट्रीय उद्यान।
राजधानी - शिमला
राज्यपाल - राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर
मुख्यमंत्री- जयराम ठाकुर
विधान सभा सीटें- 68
राज्यसभा सीटें - 3
लोकसभा सीटें - 4
Question 66:
With which organisation the Indian Navy has recently signed a Memorandum of Understanding (MoU) on data sharing and cooperation on satellite based naval applications in oceanography and meteorology ?
हाल ही में भारतीय नौसेना ने किस संस्था के साथ समुद्र विज्ञान तथा मौसम विज्ञान में उपग्रह आधारित नौसेना अनुप्रयोगों पर डेटा साझाकरण एवं सहयोग पर समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये हैं ?
Correct Answer: 3
Recently a Memorandum of Understanding (MoU) has been signed between the Space Applications Centre (ISRO) and the Indian Navy on data sharing and cooperation on satellite based naval applications in oceanography and meteorology.
This will enhance cooperation and usher in a common platform of mutual cooperation.
Scientific advances by the Space Applications Centre will be synergized with the efforts of the Indian Navy to ensure the nation's defence with the rapid development in the field of satellite data retrieval and applications.
IMPORTANT FACTS -
The collaboration will cover various dimensions :
Sharing of non-confidential observational data.
Includes provision of subject experts (SMEs) for processing satellite data for use in military operations and development of new equipment, calibration and validation of ocean models for use of meteorological information generated from the Space Applications Centre (SAC).
Providing calibration and validation of ocean models.
Space Applications Centre :
The Space Applications Centre is a premier R&D centre of the Indian Space Research Organisation (ISRO).
It is a one-of-a-kind centre that deals with various disciplines ranging from payload development to social use.
It is located in Ahmedabad in the state of Gujarat, India.
हाल ही में अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (ISRO) और भारतीय नौसेना के बीच समुद्र विज्ञान तथा मौसम विज्ञान में उपग्रह आधारित नौसेना अनुप्रयोगों पर डेटा साझाकरण एवं सहयोग पर समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये गए हैं।
यह सहयोग को बढ़ाएगा और आपसी सहयोग के एक साझा मंच की शुरुआत करेगा।
अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र द्वारा वैज्ञानिक प्रगति को उपग्रह डेटा पुनर्प्राप्ति और अनुप्रयोगों के क्षेत्र में तेज़ी से विकास के साथ राष्ट्र की रक्षा सुनिश्चित करने के लिये भारतीय नौसेना के प्रयासों के साथ तालमेल बिठाया जाएगा।
महत्वपूर्ण तथ्य -
सहयोग में विभिन्न आयाम शामिल होंगे :
गैर-गोपनीय अवलोकन डेटा को साझा करना।
अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (एसएसी) से उत्पन्न मौसम संबंधी जानकारियों का सैन्य अभियानों में इस्तेमाल और नए उपकरणों के विकास, अंशांकन और ओशन मॉडल के सत्यापन के लिये उपग्रह डेटा के प्रसंस्करण हेतु विषय विशेषज्ञों (एसएमई) का प्रावधान शामिल है।
महासागरीय मॉडलों का अंशांकन एवं सत्यापन प्रदान करना।
अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र :
अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का एक प्रमुख अनुसंधान एवं विकास केंद्र है।
यह अपने तरह का एक विशिष्ट केंद्र है जहाँ पेलोड विकसित करने से लेकर सामाजिक उपयोग तक की विभिन्न विधाओं पर कार्य किया जाता है।
यह भारत के गुजरात राज्य केअहमदाबाद मेंस्थित है।
Question 67:
Recently, which international airport has been decided to be named after Shaheed Bhagat Singh ?
हाल ही में शहीद भगत सिंह के नाम पर किस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम रखने का निर्णय लिया गया है ?
Correct Answer: 1
Recently Punjab Chief Minister Bhagwant Mann and Haryana Deputy CM Dushyant Chautala have collectively decided to name Chandigarh International Airport after Shaheed Bhagat Singh.
Earlier, the Punjab Assembly had passed a resolution to name the airport as 'Shaheed-e-Azam Sardar Bhagat Singh International Airport, Mohali' but Haryana opposed it as it was named after Mohali.
Now after the agreement between the two states on the name of Shaheed Bhagat Singh, this proposal will soon be sent to the central government.
The Central Government has announced to name 13 airports of the country, in which some states have also proposed names for the airports of their area and sent them to the Central Government.
Bhagat Singh was born in 1907 in the Punjab province of British India.
His father's name was Sardar Kishan Singh and mother's name was Vidyavati Kaur.
Leaving the National College of Lahore, Bhagat Singh founded the Naujawan Bharat Sabha for the independence of India.
Bhagat Singh and his associate Shivram Rajguru shot John Saunders, a British police officer, in December 1928.
Subsequently, Bhagat Singh (aged 23) was convicted and hanged on March 23, 1931.
हाल ही में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने सामूहिक रूप से चंडीगढ़ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम शहीद भगत सिंह के नाम पर रखने का फैसला किया है।
इससे पहले पंजाब विधानसभा ने हवाईअड्डे का नाम ‘शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा, मोहाली’ रखने का प्रस्ताव पारित किया था, लेकिन मोहाली के नाम पर होने के कारण हरियाणा ने इसका विरोध किया था।
अब दोनों राज्यों के बीच शहीद भगत सिंह के नाम पर सहमति बन जाने के बाद यह प्रस्ताव जल्दी ही केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
केंद्र सरकार देश के 13 हवाई अड्डों का नामकरण करने का एलान कर चुकी है, जिनमें कुछ राज्यों ने अपने क्षेत्र के हवाई अड्डों के लिए नाम भी प्रस्तावित कर केंद्र सरकार को भेजे हैं।
महत्वपूर्ण तथ्य -
हाल ही में बदले गये अन्य एयरपोर्ट्स के नाम :
हिसार हवाई अड्डा- महाराजा अग्रसेन हवाई अड्डा
अयोध्या हवाई अड्डा- मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम हवाई अड्डा
कुरनूल हवाई अड्डा- स्वतंत्रता सेनानी नरसिम्हा रेड्डी हवाई अड्डा
अगरतला हवाई अड्डा- महाराजा वीर विक्रम हवाई अड्डा
गोरखपुर हवाई अड्डा- महायोगी गोरखनाथ हवाई अड्डा
झारसुगुडा हवाई अड्डा- वीर सुरेन्द्र साईं हवाई अड्डा
अतिरिक्त जानकारी -
भगत सिंह के बारे में :
भगत सिंह का जन्म 1907 में ब्रिटिश भारत के पंजाब प्रांत में हुआ था।
उनके पिता का नाम सरदार किशन सिंह और माता का नाम विद्यावती कौर था।
लाहौर के नेशनल कॉलेज़ की पढ़ाई छोड़कर भगत सिंह ने भारत की आज़ादी के लिए नौजवान भारत सभा की स्थापना की थी।
भगत सिंह और उनके सहयोगी शिवराम राजगुरु ने दिसंबर 1928 में एक ब्रिटिश पुलिस अधिकारी जॉन सॉन्डर्स को गोली मार दी थी।
इसके बाद, भगत सिंह (23 वर्ष की आयु) को 23 मार्च, 1931 को दोषी ठहराया गया और उन्हें फांसी दे दी गई।
Question 68:
Where was the 65th Commonwealth Parliamentary Conference held recently?
हाल ही में 65वां राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन कहाँ आयोजित किया गया ?
Correct Answer: 4
An Indian parliamentary delegation led by Lok Sabha Speaker Om Birla participated in the 65th Commonwealth Parliamentary Conference (CPA) in Halifax, Canada.
The conference was held in Halifax, Canada from 20-26 August.
The delegation included Anurag Sharma, MP (Lok Sabha) and CPA executive committee member, Sunita Duggal, MP (Lok Sabha) and member of CWP steering committee, Neeraj Shekhar, MP (Rajya Sabha), Santosh Kumar, MP (Lok Sabha), Anubhav Mohanty, MP (Lok Sabha), Dr. Kanimozhi NVN Somu, MP (Rajya Sabha) and Utpal Kumar Singh, General Secretary, Lok Sabha.
The conference will also be attended by 23 Presiding Officers of India and 16 Secretaries of State Legislatures who are also members of the CPA.
Eight workshops on various topics will be organised during the conference.
The Lok Sabha Speaker Om Birla will participate as a panellist in the Workshop ‘C’ titled “A People’s Parliament : Accessibility through Innovation”.
The Speaker will also interact with his counterparts from other Commonwealth countries to discuss matters of mutual interest and parliamentary cooperation.
IMPORTANT FACTS -
About Commonwealth Parliamentary Conference (CPC) :
The conference is the largest gathering of Commonwealth Parliamentarians who come together to discuss and debate major global political issues and developments.
Between 1948 and 1959, this conference was held biennially, since 1961 it has been held annually.
Due to COVID-19 global pandemic, the Conference has not been held since 2019.
The 64th Commonwealth Parliamentary Conference (CPC) was held in Uganda (2019).
Members of the Commonwealth of Nations :
The head of the Commonwealth is the Queen of Great Britain Elizabeth II.
He received this title as a result of elections following the resignation of his father.
The title of head cannot be inherited, so the new head of the Commonwealth of Nations is elected by voting at each meeting.
The Commonwealth comprises 54 countries of the world in all 6 continents.
The members have a total population of 2.1 billion, which is about a third of the world's population.
Of its total population, 1.17 billion live in India.
After India, the next largest Commonwealth countries by population are Pakistan (176 million), Bangladesh (156 million), Nigeria (149 million).
The land area of the Commonwealth of Nations accounts for about 21% of the total world land area.
The largest Commonwealth nations by area are Canada, Australia and India.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के नेतृत्व में एक भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल कनाडा के हैलिफ़ैक्स में 65वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन (सीपीए) में भाग लिये।
यह सम्मेलन 20 से 26 अगस्त तक कनाडा के हैलिफ़ैक्स में आयोजित किया गया।
प्रतिनिधिमंडल में अनुराग शर्मा, सांसद (लोकसभा) और सीपीए कार्यकारी समिति सदस्य, सुनीता दुग्गल, सांसद (लोकसभा) और सीडब्ल्यूपी संचालन समिति के सदस्य, नीरज शेखर, सांसद (राज्य सभा), संतोष कुमार, सांसद (लोकसभा), अनुभव मोहंती, सांसद (लोकसभा), डॉ कनिमोझी एनवीएन सोमू, सांसद (राज्य सभा) और उत्पल कुमार सिंह, महासचिव, लोकसभा शामिल थे।
सम्मेलन में भारत के 23 पीठासीन अधिकारी और राज्य विधानमंडलों के 16 सचिव भी शामिल होंगे जो सीपीए के सदस्य भी हैं।
सम्मेलन के दौरान विभिन्न विषयों पर आठ कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला "ए पीपुल्स पार्लियामेंट: एक्सेसिबिलिटी थ्रू इनोवेशन" नामक कार्यशाला 'सी' में एक पैनलिस्ट के रूप में भाग लेंगे।
लोकसभा अध्यक्ष आपसी हित और संसदीय सहयोग के मामलों पर चर्चा करने के लिए अन्य राष्ट्रमंडल देशों के अपने समकक्षों के साथ भी बातचीत करेंगे।
महत्वपूर्ण तथ्य -
राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन (सीपीसी) के बारे में :
सम्मेलन राष्ट्रमंडल सांसदों की सबसे बड़ी सभा है जो प्रमुख वैश्विक राजनीतिक मुद्दों और विकास पर चर्चा और बहस करने के लिए एक मंच पर आते हैं।
1948 और 1959 के बीच यह सम्मेलन द्विवार्षिक रूप से आयोजित होता था, वर्ष 1961 से यह वार्षिक रूप से आयोजित हो रहा है।
कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण, सम्मेलन 2019 से आयोजित नहीं किया गया है।
64वां राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन (CPC) युगांडा (2019) में आयोजित किया गया।
राष्ट्रमंडल देशों के सदस्य :
राष्ट्रमंडल की प्रमुख ग्रेट ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय हैं।
अपने पिता के इस्तीफे के बाद चुनावों के परिणामस्वरूप उन्हें यह उपाधि मिली।
मुखिया की उपाधि विरासत से प्राप्त नहीं की जा सकती है, इसलिए राष्ट्रमंडल राष्ट्रों के नए प्रमुख का चुनाव प्रत्येक बैठक में मतदान द्वारा किया जाता है।
राष्ट्रमंडल में सभी 6 महाद्वीपों में दुनिया के 54 देश शामिल हैं।
सदस्यों की कुल आबादी 2.1 अरब है, जो दुनिया की आबादी का लगभग एक तिहाई है।
इसकी कुल जनसंख्या का 1.17 बिलियन भारत में रहते हैं।
भारत के बाद, जनसंख्या के हिसाब से अगला सबसे बड़ा राष्ट्रमंडल देश पाकिस्तान (176 मिलियन), बांग्लादेश (156 मिलियन), नाइजीरिया (149 मिलियन) हैं।
राष्ट्रमंडल राष्ट्रों का भूमि क्षेत्र कुल विश्व भूमि क्षेत्र का लगभग 21% है।
क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे बड़े राष्ट्रमंडल देश कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और भारत हैं।
Question 69:
World Humanitarian Day is observed annually on which date ?
विश्व मानवतावादी दिवस प्रतिवर्ष किस तिथि को मनाया जाता है ?
Correct Answer: 2
World Humanitarian Day is celebrated every year on 19th August in honour of those who have sacrificed their entire lives in the service of humanity.
IMPORTANT FACTS -
Its aim is to spread awareness about the need for humanitarian aid around the world.
The day is a campaign by the United Nations Office for the Coordination of Humanitarian Affairs and Humanitarian Partners.
The theme of World Humanitarian Day 2022 - 'It takes a village'.
Background
On 19 August 2003, a bomb attack on the Canal Hotel in Baghdad, Iraq, killed 22 humanitarian aid workers.
The special representative of the UN Secretary-General for Iraq, Sergio Vieira de Mello, was also killed in the attack.
In 2008, five years after the attack, the General Assembly passed a resolution to designate 19 August as World Humanitarian Day.
Significance of the day
The day serves as a remembrance of the sacrifices made by people for humanitarian causes and needs.
This year the day aims to draw attention to the selfless service of thousands of volunteers who provide immediate medical care, food, shelter and protection to people during crises.
Need of humanitarian service
As per UN estimates, 274 million people will need humanitarian aid and protection in 2022.
This number has seen a significant increase since 2021 when the figure stood at 235 million, the highest in the past several decades.
The United Nations and allied organisations aim to help the 183 million people most in need of humanitarian aid in 63 countries, which will require $41 billion.
विश्व मानवतावादी दिवस हर साल 19 अगस्त को उन लोगों के सम्मान में मनाया जाता है जिन्होंने मानवता की सेवा करने में अपना सम्पूर्ण जीवन बलिदान कर दिया।
महत्वपूर्ण तथ्य -
इसका उद्देश्य दुनिया भर में मानवीय सहायता की आवश्यकता के बारे में जागरूकता फैलाना है।
यह दिवस मानवीय मामलों और मानवीय भागीदारों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय द्वारा एक अभियान है।
विश्व मानवतावादी दिवस 2022 की थीम - इट टेक्स अ विलेज
पृष्ठभूमि
19 अगस्त 2003 को, इराक के बगदाद में कैनाल होटल पर एक बम हमले में 22 मानवीय सहायता कर्मियों की मौत हो गई।
इस हमले में इराक के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव के विशेष प्रतिनिधि सर्जियो विएरा डी मेलो की भी मृत्यु हो गई थी।
इस हमले के पांच साल बाद, वर्ष 2008 में महासभा ने 19 अगस्त को विश्व मानवतावादी दिवस के रूप में नामित करने का एक प्रस्ताव पारित किया।
दिन का महत्व
यह दिन लोगों द्वारा मानवीय कारणों और जरूरतों के लिए किए गए बलिदानों की याद के रूप में कार्य करता है।
इस वर्ष इस दिवस का उद्देश्य उन हजारों स्वयंसेवकों की निस्वार्थ सेवा की ओर ध्यान आकर्षित करना है जो संकट के दौरान लोगों को तत्काल चिकित्सा देखभाल, भोजन, आश्रय और सुरक्षा प्रदान करते हैं।
मानवीय सेवा की आवश्यकता
संयुक्त राष्ट्र के अनुमानों के अनुसार, 2022 में 274 मिलियन लोगों को मानवीय सहायता और सुरक्षा की आवश्यकता होगी।
2021 से इस संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है जब यह आंकड़ा 235 मिलियन था, जो पिछले कई दशकों में सबसे अधिक था।
संयुक्त राष्ट्र और सहयोगी संगठनों का लक्ष्य 63 देशों में सबसे अधिक मानवीय सहायता की जरुरत वाले 183 मिलियन लोगों की मदद करना है, जिसके लिए 41 अरब डॉलर की आवश्यकता होगी।
Question 70:
Who among the following became the first Indian to play in the UEFA Women's Champions League ?
निम्नलिखित में से कौन यूईएफए महिला चैंपियंस लीग में खेलने वाली पहली भारतीय बनी ?
Correct Answer: 1
Striker Manisha Kalyan became the first Indian footballer to play in the UEFA Women's Champions League, making her debut for Apollo Ladies FC at the European club tournament in Cyprus.
IMPORTANT FACTS -
Kalyan replaced Cyprus’ Marilena Georgiou in the 60th minute at the Makario Stadium, as Apollon Ladies FC beat Latvian top flight club SFK Rīga 3-0 in their UWCL opener on 18 August.
20-year-old Manisha Kalyan became the fourth Indian female footballer to sign for an overseas club when she signed a multi-year contract with Cyprus' top division winners Apollon Ladies.
Kalyan has performed impressively for the national team and the Gokulam Kerala team in the Indian Women's League (IWL).
Manisha won the 'Player of the Season' title in the last season of the Indian Women's Football (IWL) League. Manisha scored 14 goals in that tournament.
Kalyan was recently awarded the AIFF Woman Footballer of the Year for the 2021-22 season.
Kalyan shot to fame last year by scoring a goal in an international friendly match against former World Cup runners-up Brazil.
UEFA Women's Champions League
It is an international women's association football competition.
It consists of the top club teams from countries affiliated to the European governing body UEFA.
The competition was first played in 2001–02 as the UEFA Women's Cup.
Lyon is the most successful club in this league competition's history. It has won the title eight times, including five consecutive titles from 2016 to 2020.
युवा स्ट्राइकर मनीषा कल्याण यूएफा महिला चैम्पियंस लीग खेलने वाली पहली भारतीय फुटबॉलर बन गई, जिन्होंने साइप्रस में यूरोपीय क्लब टूर्नामेंट में अपोलो लेडीज एफसी के लिये पदार्पण किया।
महत्वपूर्ण तथ्य -
कल्याण ने मकारियो स्टेडियम में 60वें मिनट में साइप्रस की मारिलेना जॉर्जियो की जगह ली, क्योंकि अपोलोन लेडीज एफसी ने 18 अगस्त को अपने यूडब्ल्यूसीएल ओपनर में लातवियाई शीर्ष फ्लाइट क्लब एसएफके रीगा को 3-0 से हराया।
20 वर्षीया मनीषा कल्याण विदेशी क्लब के लिए हस्ताक्षर करने वाली चौथी भारतीय महिला फुटबॉलर बन गईं, जब उन्होंने साइप्रस की शीर्ष डिवीजन विजेता अपोलोन लेडीज के साथ एक बहु-वर्षीय अनुबंध किया।
कल्याण ने भारतीय महिला लीग (IWL) में राष्ट्रीय टीम और गोकुलम केरल के लिए प्रभावशाली प्रदर्शन किया था।
मनीषा ने भारतीय महिला फुटबॉल (IWL) लीग के पिछले सीज़न में 'प्लेयर ऑफ़ द सीज़न' का ख़िताब जीता था। उस टूर्नामेंट में मनीषा ने 14 गोल किए थे।
कल्याण को हाल ही में 2021-22 सीज़न के लिए एआईएफएफ वुमन फुटबॉलर ऑफ द ईयर से सम्मानित किया गया था।
कल्याण ने पिछले साल विश्व कप के पूर्व उपविजेता ब्राजील के खिलाफ एक अंतर्राष्ट्रीय मैत्री मैच में गोल दागकर प्रसिद्धि हासिल की थी।
यूईएफए महिला चैंपियंस लीग
यह एक अंतर्राष्ट्रीय महिला संघ फुटबॉल प्रतियोगिता है।
इसमें यूरोपीय शासी निकाय UEFA से संबद्ध देशों की शीर्ष क्लब टीमें शामिल हैं।
प्रतियोगिता पहली बार 2001-02 में यूईएफए महिला कप के नाम से खेली गई थी।
प्रतियोगिता के इतिहास में लियोन सबसे सफल क्लब है। इसने आठ बार खिताब जीता है, जिसमें 2016 से 2020 तक लगातार पांच खिताब शामिल हैं।
Question 71:
Which union minister recently launched the online marketplace feature "Aqua Bazaar" in "Matsya Setu" mobile app ?
हाल ही में किस केन्द्रीय मंत्री ने "मत्स्य सेतु" मोबाइल ऐप में ऑनलाइन मार्केट प्लेस फीचर "अक्वा बाजार" लॉन्च किया ?
Correct Answer: 2
Union Minister for Fisheries, Animal Husbandry and Dairying, Parshottam Rupala launched the Online Market Place feature "Aqua Bazar" in the “Matsya Setu” mobile app on 19 August 22 during the 9th general body meeting of the National Fisheries Development Board, Hyderabad.
IMPORTANT FACTS -
What is Aqua Bazar App?
The app is developed by the ICAR-Central Institute of Freshwater Aquaculture (ICAR-CIFA), Bhubaneswar.
It has been developed with funding from National Fisheries Development Board (NFDB), Hyderabad through Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana (PMSY).
It will assist fish farmers and stakeholders in locating fish seeds, feed and medicines as well as essential services for the fisheries sector.
Farmers will also be able to list table-sized fish for sale.
It aims to connect all the stakeholders in the aquaculture sector.
National Fisheries Development Board :
It was established in 2006 as an autonomous body.
It works under the Ministry of Fisheries, Animal Husbandry and Dairying.
It aims to increase fish production and productivity in the country and coordinate fisheries development in an integrated and holistic manner.
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री, पुरुषोत्तम रूपाला ने 19 अगस्त 22 को राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड, हैदराबाद की 9वीं आम सभा की बैठक के दौरान "मत्स्य सेतु" मोबाइल ऐप में ऑनलाइन मार्केट प्लेस फीचर "एक्वा बाजार" लॉन्च किया।
महत्त्वपूर्ण तथ्य -
एक्वा बाजार ऐप क्या है?
ऐप को आईसीएआर-सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फ्रेशवाटर एक्वाकल्चर (आईसीएआर-सीआईएफए), भुवनेश्वर द्वारा विकसित किया गया है।
इसे प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएसवाई) के माध्यम से राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड (एनएफडीबी), हैदराबाद के वित्त पोषण से विकसित किया गया है।
यह मत्स्य किसानों और हितधारकों को मछली के बीज, चारा और दवाओं के साथ-साथ मत्स्य क्षेत्र के लिए आवश्यक सेवाओं का पता लगाने में सहायता करेगा।
किसान टेबल के आकार की मछलियों को भी बिक्री के लिए सूचीबद्ध कर सकेंगे।
इसका उद्देश्य जलीय कृषि क्षेत्र में सभी हितधारकों को जोड़ना है।
राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड :
इसकी स्थापना 2006 में एक स्वायत्त संगठन के रूप में हुई थी।
यह मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अंतर्गत काम करता है।
इसका उद्देश्य देश में मछली उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाना और एकीकृत और समग्र तरीके से मत्स्य विकास का समन्वय करना है।
Question 72:
The armies of India and China will participate in the strategic command and staff exercise Vostok-2022 to be held in which country ?
भारत और चीन की सेनाएं किस देश में आयोजित होने वाले रणनीतिक कमान और स्टाफ अभ्यास वोस्तोक-2022 में भाग लेगी ?
Correct Answer: 3
The People's Liberation Army of China and India will participate in the Strategic Command and Staff Exercise Vostok-2022 held in Russia from 1september- 7 September.
IMPORTANT FACTS -
Belarus, Tajikistan, Mongolia and other countries will also participate in the exercise.
The exercise will be held under the command of the chief of Russia’s General Staff, Valery Gerasimov, at 13 training grounds of the Eastern Military District.
During the exercise, the participating forces will practice measures to maintain military security in the eastern sector.
The exercise will contribute to "friendly cooperation between the armed forces of all countries".
It will advance the level of strategic dialogue by all parties and strengthen the ability to respond to various security threats.
Last year, India participated in Exercise ZAPAD 2021 in Russia, in which 17 countries including China and Pakistan participated.
India’s Exercises with China & Russia
China - Exercise Hand-in-Hand
Russia - Exercise Indra, Exercise TSENTR
भारत और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी 1सितंबर- 7सितंबर को रूस में आयोजित रणनीतिक कमान और स्टाफ अभ्यास वोस्तोक-2022 में भाग लेगी।
महत्वपूर्ण तथ्य -
बेलारूस, ताजिकिस्तान, मंगोलिया और अन्य देश भी इस अभ्यास में भाग लेंगे।
यह अभ्यास पूर्वी सैन्य जिले के 13 प्रशिक्षण मैदानों में रूस के जनरल स्टाफ के प्रमुख वालेरी गेरासिमोव की कमान में आयोजित किया जाएगा।
अभ्यास के दौरान भाग लेने वाले बल पूर्वी क्षेत्र में सैन्य सुरक्षा बनाए रखने के उपायों का अभ्यास करेंगे।
यह अभ्यास "सभी देशों के सशस्त्र बलों के बीच मैत्रीपूर्ण सहयोग" में योगदान देगा।
यह सभी पक्षों द्वारा रणनीतिक बातचीत के स्तर को आगे बढ़ाएगा और विभिन्न सुरक्षा खतरों का जवाब देने की क्षमता को मजबूत करेगा।
पिछले साल, भारत ने रूस में अभ्यास ZAPAD 2021 में भाग लिया, जिसमें चीन और पाकिस्तान सहित 17 देशों ने भाग लिया।
चीन और रूस के साथ भारत का अभ्यास
चीन - हैंग इन हैंड अभ्यास
रूस - इंद्र अभ्यास,
Question 73:
According to the Ministry of Jal Shakti, which state has become the first 'Har Ghar Jal' certified state in the country ?
जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार, कौन सा राज्य देश का पहला 'हर घर जल' प्रमाणित राज्य बन गया है ?
Correct Answer: 2
According to the Ministry of Jal Shakti, Goa has become the first 'Har Ghar Jal' certified state in the country, where now all households have access to clean water through taps.
The ministry said potable water is available through tap connections to all 2.63 lakh rural households in Goa and 85,156 households in Dadra and Nagar Haveli and Daman and Diu.
The people of all the villages in both these states and union territories have declared their village as 'Har Ghar Jal' through a resolution passed by the Gram Sabha and certified that safe drinking water is provided to all the households in the villages through taps.
IMPORTANT FACTS -
First 'Har Ghar Jal' certified district in the country :
Last month, the ministry had informed that Burhanpur district of Madhya Pradesh has become the first 'Har Ghar Jal' certified district in the country.
Till then, Burhanpur was the only district in the country where people from each of the 254 villages had declared their villages as 'Har Ghar Jal' through a resolution passed by the Gram Sabha.
Jal Jeevan Mission :
It is a flagship programme of the Government of India which was announced from the ramparts of Red Fort by the Prime Minister on August 15, 2019.
The objective of the mission is to supply potable tap water in adequate quantity, prescribed quality and on a regular and long-term basis to every rural household of the country by 2024.
It is implemented by the Government of India in partnership with the States/Union Territories.
This mission comes under the Ministry of Jal Shakti.
Funding Pattern :
The fund sharing pattern between the Centre and the states under the mission is 90:10 for Himalayan and North-Eastern states and 50:50 for other states.
In the case of Union Territories, 100% contribution is made by the Centre.
जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार गोवा देश का पहला ‘हर घर जल’ प्रमाणित राज्य बन गया है, जहां अब सभी घरों में नल के माध्यम से साफ पानी उपलब्ध है।
मंत्रालय ने कहा कि गोवा के सभी 2.63 लाख ग्रामीण परिवारों और दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव के 85,156 घरों में नल कनेक्शन के माध्यम से पीने योग्य पानी उपलब्ध है।
इन दोनों राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के सभी गांवों के लोगों ने ग्राम सभा द्वारा पारित एक प्रस्ताव के माध्यम से अपने गांव को ‘हर घर जल’ घोषित किया है और यह प्रमाणित किया है कि गांवों के सभी घरों में नल के माध्यम से सुरक्षित पेयजल उपलब्ध है।मंत्रालय ने कहा कि गोवा के सभी 2.63 लाख ग्रामीण परिवारों और दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव के 85,156 घरों में नल कनेक्शन के माध्यम से पीने योग्य पानी उपलब्ध है।
गोवा के सभी दो लाख 63 हजार ग्रामीण परिवारों और दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव के 85 हजार से ज्यादा परिवारों को अब नल के जरिए साफ और सुरक्षित पेय जल मिल रहा है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
देश का पहला 'हर घर जल' प्रमाणित जिला :
पिछले महीने मंत्रालय ने जानकारी दी थी कि मध्य प्रदेश का बुरहानपुर जिला देश का पहला ‘हर घर जल’ प्रमाणित जिला बन गया है।
उस समय तक, बुरहानपुर देश का एकमात्र जिला था जहां 254 गांवों में से प्रत्येक के लोगों ने ग्राम सभा द्वारा पारित एक प्रस्ताव के माध्यम से अपने गांवों को ‘हर घर जल’ घोषित किया था।
जल जीवन मिशन :
यह भारत सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है जिसकी घोषणा 15 अगस्त 2019 को प्रधान मंत्री द्वारा लाल किले की प्राचीर से की गई थी।
मिशन का उद्देश्य 2024 तक देश के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को पर्याप्त मात्रा में, निर्धारित गुणवत्ता और नियमित और दीर्घकालिक आधार पर पीने योग्य नल के पानी की आपूर्ति करना है।
मिशन को भारत सरकार द्वारा राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझेदारी में कार्यान्वित किया जाता है।
इसे भारत सरकार द्वारा राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझेदारी में कार्यान्वित किया जाता है।
यह मिशन ‘जल शक्ति मंत्रालय’ के अंतर्गत आता है।
फंडिंग पैटर्न :
मिशन के तहत केंद्र और राज्यों के बीच फंड शेयरिंग पैटर्न हिमालय तथा उत्तर-पूर्वी राज्यों के लिए 90:10 तथा अन्य राज्यों के लिए 50:50 है।
केंद्रशासित प्रदेशों के मामलों में 100 प्रतिशत योगदान केंद्र द्वारा किया जाता है।
Question 74:
According to the Ministry of External Affairs, where will the 17th Pravasi Bharatiya Divas 2023 be organised in January next year ?
विदेश मंत्रालय के अनुसार अगले साल जनवरी में 17वें प्रवासी भारतीय दिवस 2023 का आयोजन कहां किया जाएगा ?
Correct Answer: 4
According to the External Affairs Ministry the 17th Pravasi Bhartiya Divas 2023 will be held at Indore in January next year.
Secretary, Consular, Passport and Visa Division, Ausaf Sayeed and Madhya Pradesh Chief Secretary Iqbal Singh Bains signed an MoU to host Pravasi Bharatiya Divas.
The MoU was signed in the presence of Madhya Pradesh Chief Minister Shivraj Singh Chouhan.
IMPORTANT FACTS -
About Pravasi Bharatiya Divas :
On January 9, 1915, this day was chosen as Pravasi Bhartiya Divas to commemorate the return of Mahatma Gandhi to India from South Africa.
Mahatma Gandhi led India's freedom struggle and changed the lives of Indians forever.
Celebration of Pravasi Diwas started in India in 2003.
In the year 2015 it was revised and it was decided to celebrate Pravasi Bharatiya Divas every two years.
The 16th Pravasi Divas Conference was held in New Delhi with the theme "Contribution to Self-reliant India".
This day marks the contribution of the overseas Indian community in the development of India.
विदेश मंत्रालय के अनुसार 17वां प्रवासी भारतीय दिवस 2023 अगले साल जनवरी में इंदौर में आयोजित किया जाएगा।
सचिव, कांसुलर, पासपोर्ट और वीजा डिवीजन, औसाफ सईद और मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने प्रवासी भारतीय दिवस की मेजबानी के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में किया गया।
महत्वपूर्ण तथ्य -
प्रवासी भारतीय दिवस के बारे में:
9 जनवरी, 1915 को महात्मा गांधी द्वारा दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटने के उपलक्ष्य में इस दिन को भारतीय प्रवासी दिवस के रूप में चुना गया था।
महात्मा गाँधी ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया और भारतीयों के जीवन को हमेशा के लिए बदल दिया।
भारत में 2003 से प्रवासी दिवस मनाने की शुरुआत की गई।
वर्ष 2015 में इसे संशोधित किया गया और हर दो वर्ष पर प्रवासी भारतीय दिवस मनाने का निर्णय लिया गया।
16वाँ प्रवासी दिवस सम्मेलन नई दिल्ली में आयोजित किया गया था, जिसका विषय था "आत्मनिर्भर भारत में योगदान"।
यह दिवस भारत के विकास में प्रवासी भारतीय समुदाय के योगदान को दर्शाता है।
Question 75:
World Photography Day is celebrated every year on which date ?
प्रतिवर्ष विश्व फोटोग्राफी दिवस किस तिथि को मनाया जाता है ?
Correct Answer: 1
World Photography Day is celebrated every year on 19 August.
The day is an annual, worldwide celebration of the art, craft, science and history of photography.
Photography is one of the most important art forms, it is a means of expressing one's feelings and personal expression by pictures.
The first permanent photograph of an object was taken in year 1826 by the Frenchman Joseph Nicephore Niepce.
Theme 2022 - "Pandemic Lockdown through the lens."
This theme sheds light on how we view the pandemic-induced lockdown through the camera or lens.
IMPORTANT FACTS -
History of World Photography Day :
World Photography Day celebration started in Franceon January 9, 1839.
At that time a photography process was announced which was called the dagorotype process and this process is today considered to be the world's first photography process.
It was invented by Joseph Nicephore and Louis Douger, who were the native of France.
On August 19, 1839, the French government announced this invention and got its patent.
To remember this forever, 'World Photography Day' is celebrated every year on 19th August.
विश्व फोटोग्राफी दिवस हर साल 19 अगस्त को मनाया जाता है।
यह दिवस फोटोग्राफी की कला, शिल्प, विज्ञान और इतिहास का एक वार्षिक, विश्वव्यापी उत्सव है।
फोटोग्राफी सबसे महत्वपूर्ण कला के रूपों में से एक है, यह किसी की भावनाओं और व्यक्तिगत अभिव्यक्ति को व्यक्त करने का एक साधन है।
किसी वस्तु की पहली स्थायी तस्वीर 1826 में फ्रांसीसी जोसेफ नाइसफोर नीपसे द्वारा खींची गई थी।
थीम 2022 - "लेंस के माध्यम से महामारी का लॉकडाउन।"
यह थीम इस बात पर प्रकाश डालता है कि हम कैमरे (लेंस) के माध्यम से महामारी के चलते हुए लॉकडाउन को कैसे देखते हैं।
महत्वपूर्ण तथ्य -
विश्व फोटोग्राफी दिवस का इतिहास :
विश्व फोटोग्राफी दिवस मनाने की शुरुआत 9 जनवरी, 1839 को फ्रांसमें हुई थी।
उस समय एक फोटोग्राफी प्रक्रिया की घोषणा की गई थी, जिसे डॉगोरोटाइप प्रक्रिया कहा जाता है और इसी प्रक्रिया को दुनिया की पहली फोटोग्राफी प्रक्रिया माना जाता है।
इसका आविष्कार फ्रांस के जोसेफ नाइसफोर और लुई डौगर ने किया था।
19 अगस्त, 1839 को फ्रांस की सरकार ने इस आविष्कार की घोषणा की और उसका पेटेंट हासिल किया।
इसे हमेशा याद रखने के लिए प्रति वर्ष 19 अगस्त को 'विश्व फोटोग्राफी दिवस' मनाया जाता है।
Question 76:
Which of the following districts has become the first 'functionally literate' district of India?
निम्नलिखित में से कौन सा जिला भारत का पहला 'कार्यात्मक रूप से साक्षर' जिला बन गया है ?
Correct Answer: 1
Madhya Pradesh’s city Mandla, which is a tribal-dominated region has become India’s first fully ‘functionally literate’ district.It has been announced by the state government.
IMPORTANT FACTS -
The district administration had launched a campaign in 2020 to make the residents fully literate.
With the aim of making people literate, the administration employed the education, and women and child development departments along with social workers.
The tribals often complained to the authorities about fraudsters withdrawing money from their bank accounts and the root cause was that they were not functionally literate.
To solve this problem, Mandla District Magistrate Harshika Singh started an initiative to make people functionally literate.
District administration launched a major campaign to make them functionally literate from 15 August 2020 by roping in the school education department, women and child development department, anganwadi and social workers to educate women and senior citizens.
Within two years the entire district has become functionally literate.
According to a survey in 2011, the literacy rate in the district was 68 percent.
Another report in 2020 stated that more than 2.25 lakh people in the district were not literate and most of them were tribals living in forest areas.
According to the 2011 census, the literacy rate of Madhya Pradesh is 69.32 percent. In this, male literacy is 78.73 percent while female literacy is 59.24 percent.
What is Functional Literacy?
It refers to an individual's ability to engage in all those activities that require literacy for the effective functioning of his group and community and also enables him to read, write and calculate for his own sake.
मध्य प्रदेश का शहर मंडला, जो एक आदिवासी बहुल क्षेत्र है, भारत का पहला 'कार्यात्मक रूप से साक्षर' जिला बन गया है। इसकी घोषणा राज्य सरकार द्वारा की गई है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
जिला प्रशासन ने 2020 में निवासियों को पूर्ण रूप से साक्षर बनाने के लिए एक अभियान चलाया था।
लोगों को साक्षर करने के उद्देश्य से प्रशासन ने सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ शिक्षा, और महिला एवं बाल विकास विभागों को नियोजित किया।
आदिवासियों ने अक्सर अधिकारियों से धोखाधड़ी करने वालों द्वारा उनके बैंक खातों से पैसे निकाले जाने की शिकायत की और इसका मूल कारण यह था कि वे कार्यात्मक रूप से साक्षर नहीं थे।
इस समस्या के समाधान के लिए मंडला की जिलाधिकारी हर्षिका सिंह ने लोगों को कार्यात्मक रूप से साक्षर करने की पहल शुरू की।
जिला प्रशासन ने महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को शिक्षित करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, आंगनवाड़ी और सामाजिक कार्यकर्ताओं को साथ लेकर 15 अगस्त 2020 से उन्हें कार्यात्मक रूप से साक्षर बनाने के लिए एक बड़ा अभियान चलाया।
दो साल के भीतर पूरा जिला कार्यात्मक रूप से साक्षर हो गया है।
2011 में एक सर्वेक्षण के अनुसार जिले में साक्षरता दर 68 प्रतिशत थी।
2020 में एक अन्य रिपोर्ट में बताया गया कि जिले में 2.25 लाख से अधिक लोग साक्षर नहीं थे और उनमें से अधिकांश वन क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी थे।
2011 की जनगणना के अनुसार मध्य प्रदेश की साक्षरता दर 69.32 प्रतिशत है। इसमें पुरुष साक्षरता 78.73 प्रतिशत है जबकि महिला साक्षरता 59.24 प्रतिशत है।
कार्यात्मक साक्षरता क्या है?
यह किसी व्यक्ति की उन सभी गतिविधियों में संलग्न होने की क्षमता को संदर्भित करता है जिसमें उसके समूह और समुदाय के प्रभावी कार्य के लिए साक्षरता की आवश्यकता होती है और उसे अपने स्वयं के लिए पढ़ने, लिखने और गणना करने के लिए भी सक्षम बनाता है।
Question 77:
World Senior Citizens Day is observed every year on which date ?
प्रतिवर्ष विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस किस तिथि को मनाया जाता है ?
Correct Answer: 3
World Senior Citizens Day is celebrated every year on 21st August with the aim of honouring the elderly around the world.
IMPORTANT FACTS -
History of the day :
The United Nations General Assembly had announced to celebrate this day on 14 December 1990.
International Senior Citizens Day was celebrated for the first time on 1 October 1991.
In the US, President Ronald Reagan signed this resolution on 19 August 1988, and on 21 August 1988, International Senior Citizens Day was celebrated for the first time in the United States.
Ronald Reagan was the first person to introduce Senior Citizens Day.
Importance of this day :
The number of elderly people globally is projected to double in the next three decades.
According to a United Nations report, by 2050, there will be 1.5 billion senior citizens worldwide.
Government of India schemes for the betterment of senior citizens :
Pradhan Mantri Vaya Vandana Yojana - This scheme is a social security scheme and pension plan. Launched - May 4, 2017
Varistha Mediclaim Policy - This Senior Citizen Health Insurance is a medical insurance plan for citizens in the age group of 60 to 75 years.
Rashtriya Vayoshri Yojana - The objective of this scheme is to provide aids and assistive devices to those senior citizens belonging to the Below Poverty Line (BPL) category who are suffering from age related disability or disability. Launch - Year 2017
Varishtha Pension Bima Yojana - Launched - 14 August 2014
दुनियाभर के बुजुर्गों को सम्मान देने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 21 अगस्त को विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस मनाया जाता है I
महत्वपूर्ण तथ्य -
दिवस का इतिहास :
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 14 दिसंबर 1990 में इस दिवस को मनाने की घोषणा की थी।
पहली बार 1 अक्टूबर 1991 को अंतर्राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक दिवस मनाया गया था।
अमेरिका में राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने 19 अगस्त 1988 को इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए और 21 अगस्त 1988 को संयुक्त राज्य में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक दिवस मनाया गया।
वहीं रोनाल्ड रीगन वरिष्ठ नागरिक दिवस को पेश करने वाले पहले व्यक्ति थे।
इस दिवस का महत्व :
अगले तीन दशकों में वैश्विक स्तर पर उम्रदराज लोगों की संख्या दोगुनी हो जाने का अनुमान जताया गया है I
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2050 तक दुनिया भर में 1.5 बिलियन लोग वरिष्ठ नागरिकों की श्रेणी में होंगे I
वरिष्ठ नागरिकों की बेहतरी के लिए भारत सरकार की योजनाएं :
प्रधानमंत्री वय वंदना योजना - यह योजना एक सामाजिक सुरक्षा योजना और पेंशन प्लान है I शुरुआत - 4 मई, 2017
वरिष्ठ मेडिक्लेम पॉलिसी - यह सीनियर सिटीजन हेल्थ इंश्योरेंस एक मेडिकल बीमा योजना है, जो 60 से 75 साल के बीच के आयु वर्ग के नागरिकों के लिए है I
राष्ट्रीय वयोश्री योजना - इस योजना का उद्देश्य गरीबी रेखा से नीचे (BPL) की श्रेणी के उन वरिष्ठ नागरिकों को सहायता और सहायक उपकरण प्रदान करना है जो उम्र से संबंधित अक्षमता या असमर्थता से पीड़ित हैं I लॉन्च - वर्ष 2017
वरिष्ठ पेंशन बीमा योजना - शुरुआत - 14 अगस्त 2014
Question 78:
In which state 'Dahi Handi' has been given the status of an official sport ?
किस राज्य में 'दही हांडी' को आधिकारिक खेल का दर्जा दिया गया है ?
Correct Answer: 2
Like Kho-Kho and Kabaddi, Dahi Handi has now been given the status of a sport in Maharashtra. It will be considered as a kind of adventure sport.
IMPORTANT FACTS -
Chief Minister Eknath Shinde told the Vidhan Sabha that Govindas joining Dahi Handi would be given benefits of government schemes, 5 percent reservation in government jobs.
Govinda will now also be given insurance cover. If an accident occurs while playing Dahi Handi and in such a situation a Govinda dies, then an amount of Rs 10 lakh will be given as assistance to the relatives of the concerned Govinda.
In case of serious injury on Govinda's eyes or both legs or both hands or any two important parts of the body, the state government will give him an assistance of Rs. 7.5 lakh.
In such a situation, if any Govind's hand, leg or any part of the body is lost, then in such a situation, he will be given an assistance amount of 5 lakh rupees.
What is Dahi Handi?
Dahi Handi is celebrated on the occasion of Janmashtami, the birth of Lord Krishna.
Dahi Handi is part of the Janmashtami festival, where young participants called 'govindas', dressed in colourful clothes, form and break a human pyramid to reach a pot hung in the air.
Dahi Handi was first started here in 1907 on the occasion of Krishna Janmashtami.
The tradition of Dahi Handi, which started in Mumbai in 1907, has been going on for the last 104 years in Ghansoli village near Navi Mumbai.
खो-खो और कबड्डी की तरह, दही हांडी को अब महाराष्ट्र में एक खेल का दर्जा दिया गया है। इसे एक तरह का एडवेंचर स्पोर्ट्स माना जाएगा।
महत्वपूर्ण तथ्य -
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा में बताया कि दही हांडी में शामिल होने वाले गोविंदाओं को सरकारी योजनाओं का लाभ, सरकारी नौकरियों में 5 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा।
गोविंदा को अब बीमा सुरक्षा भी दी जाएगी। यदि दही हांडी खेलते समय कोई दुर्घटना हो जाती है और ऐसी स्थिति में किसी गोविंदा की मृत्यु हो जाती है तो संबंधित गोविंदा के परिजनों को सहायता के रूप में 10 लाख रुपये की राशि दी जाएगी।
गोविंदा की दोनों आंखें या दोनों पैर या दोनों हाथ या शरीर के कोई दो महत्वपूर्ण अंग पर गंभीर चोट लगने पर राज्य सरकार की ओर से उन्हें साढ़े सात लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।
ऐसे में अगर किसी गोविंद का हाथ, पैर या शरीर का कोई अंग खो जाता है तो ऐसी स्थिति में उसे 5 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाएगी।
दही हांडी क्या है ?
दही हांडी भगवान श्रीकृष्ण के जन्म जन्माष्टमी के अवसर पर मनाई जाती है।
दही हांडी जन्माष्टमी त्योहार का हिस्सा है, जहां युवा प्रतिभागी ‘गोविंदा’ कहलाते हैं, जो रंगीन कपड़े पहने हुए होते हैं और हवा में लटकाए गए मटके तक पहुंचने के लिए एक मानव पिरामिड बनाते हैं, और उसे तोड़ते हैं।
दही हांडी पहली बार यहां 1907 में कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर शुरू की गई थी।
1907 में मुंबई में शुरू हुई दही हांडी की परंपरा नवी मुंबई के पास घनसोली गांव में पिछले 104 साल से चली आ रही है।
Question 79:
Recently in which city has Defense Minister Rajnath Singh unveiled the statue of Veer Durgadas Rathod ?
हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किस शहर में वीर दुर्गादास राठौड़ की प्रतिमा का अनावरण किया हैं ?
Correct Answer: 3
Defense Minister Rajnath Singh unveiled the statue of "Veer Durgadas Rathod" on his 385th birth anniversary in Jodhpur, Rajasthan.
Raksha Mantri, while paying a heartfelt tribute to Veer Durgadas Rathod, described him as a symbol of social harmony, honesty, bravery and devotion.
IMPORTANT FACTS -
Veer Durgadas Rathod :
Durgadas Rathod was a brave Rathod Rajput warrior who defeated the Mughal ruler Aurangzeb in battle.
After the death of Maharaja Jaswant Singh in the 17th century, Veer Durgadas Rathod single-handedly maintained the rule of the Rathore dynasty over Marwar (Jodhpur).
Durga Das's father Askaran Rathod was the minister of Maharaja Jaswant Singh. He was given special military status. Mother's name was Netkanwar Bai. Durgadas was brought up in a village named Lunawa.
On 22 November 1718 at Ujjain on the banks of Shipra, Durgadas died at the age of 81, his mausoleum in red stone still stands at Chakratirtha, Ujjain, a pilgrimage for all freedom fighters and Rajputs.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राजस्थान के जोधपुर में "वीर दुर्गादास राठौड़" की 385वीं जयंती पर उनकी प्रतिमा का अनावरण किया।
रक्षा मंत्री ने इस अवसर पर वीर दुर्गादास राठौड़ को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें सामाजिक सद्भाव, ईमानदारी, बहादुरी और भक्ति का प्रतीक बताया।
महत्वपूर्ण तथ्य -
वीर दुर्गादास राठौड़ :
दुर्गादास राठौड़ एक वीर राठौड़ राजपूत योद्धा थे, जिन्होने मुगल शासक औरंगज़ेब को युद्ध में पराजित किया था।
17वीं शताब्दी में महाराजा जसवंत सिंह की मृत्यु के बाद वीर दुर्गादास राठौड़ ने अकेले दम पर मारवाड़ (जोधपुर) पर राठौड़ वंश के शासन को बनाए रखा था ।
दुर्गा दास के पिता आसकरण राठौड़ महाराजा जसवंत सिंह के मंत्री थे। उन्हें विशेष सैन्य का दर्ज़ा मिला हुआ था। मां का नाम नेतकँवर बाई था। दुर्गादास का पालन पोषण लुनावा नाम के गाँव में हुआ था।
22 नवंबर 1718 को शिप्रा के तट पर उज्जैन, दुर्गादास की 81 वर्ष की आयु में मृत्यु हो गई, लाल पत्थर में उनकी समाधि अभी भी चक्रतीर्थ, उज्जैन में है, जो सभी स्वतंत्रता सेनानियों और राजपूतों के लिए तीर्थ है।
Question 80:
Which state/UT launched the first flight of drone service – 'Medicine from the Sky' ?
किस राज्य/केंद्र शासित प्रदेश ने ड्रोन सेवा की पहली उड़ान – ‘मेडिसिन फ्रॉम द स्काई’ शुरू की ?
Correct Answer: 1
On August 15, 2022, in Arunachal Pradesh, the “Medicine from the Sky” project was successfully unveiled in collaboration with the World Economic Forum (WEF).
IMPORTANT FACTS -
The first flight of the drone service was conducted from Seppa to Chiang Tajo in East Kameng district.
The project is inspired by the Prime Minister's vision of transforming India into a drone hub of the world.
The “Medicine from the Sky Project” is funded by the United States Agency for International Development (USAID).
It is being implemented by Redwing Labs, a start-up based in Bengaluru.
The project will provide a clear vision on operational issues, regulatory issues and financial viability. Based on this, the government will formulate a policy and take steps to adopt the emerging technology in a phased manner.
About Arunachal Pradesh :
Capital - Itanagar
Governor - BD Mishra
Chief Minister - Pema Khandu
Legislative Assembly - 60 seats
Rajya Sabha - 1 seat
Lok Sabha - 2 seats
15 अगस्त, 2022 को अरुणाचल प्रदेश में, “मेडिसिन फ्रॉम द स्काई” प्रोजेक्ट का सफलतापूर्वक अनावरण किया गया।
महत्वपूर्ण तथ्य -
ड्रोन सेवा की पहली उड़ान सेप्पा से पूर्वी कामेंग जिले के च्यांग ताजो तक आयोजित की गई थी।
यह परियोजना भारत को दुनिया के ड्रोन हब में बदलने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण से प्रेरित है।
अरुणाचल प्रदेश में, विश्व आर्थिक मंच (WEF) के सहयोग से “मेडिसिन फ्रॉम द स्काई प्रोजेक्ट” पायलट परियोजना शुरू की जा रही है।
“मेडिसिन फ्रॉम द स्काई प्रोजेक्ट” को यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) द्वारा वित्त पोषित किया गया है।
इसे रेडविंग लैब्स द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है, जो बेंगलुरु में बेस्ड एक स्टार्ट-अप है।
यह परियोजना परिचालन मुद्दों, नियामक मुद्दों और वित्तीय व्यवहार्यता पर एक स्पष्ट दृष्टि प्रदान करेगी। इसके आधार पर सरकार नीति बनाएगी और उभरती हुई तकनीक को चरणबद्ध तरीके से अपनाने के लिए कदम उठाएगी।