जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती वर्ष समारोह
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जनजातीय गौरव दिवस
चर्चा में क्यों?
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 15 नवंबर, 2024 को जमुई, बिहार में जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती वर्ष समारोह की शुरुआत की।
कार्यक्रम के मुख्य बिंदु:
- प्रधानमंत्री मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा के सम्मान में एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट का अनावरण किया।
- श्री शंख सामंत द्वारा डिजाइन किए गए इस टिकट में भगवान बिरसा मुंडा का एक शक्तिशाली चित्रण है, जिसमें वे अपने अनुयायियों को संबोधित करते हुए पृष्ठभूमि में खड़े हैं। उनकी दृढ़ अभिव्यक्ति आदिवासी एकता, सशक्तिकरण और स्वशासन के लिए उनके अटूट दृष्टिकोण का प्रतीक है।
- भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती मनाने के लिए देश के आदिवासी बहुल जिलों में बिरसा मुंडा आदिवासी गौरव उपवन बनाए जाएंगे।
- देव दीपावली के पावन अवसर पर आदिवासियों के लिए बनाए गए 11,000 आवासों का गृह प्रवेश किया गया।
जनजातीय गौरव दिवस क्या है?
- पहली बार 2021 में 15 नवंबर को मनाया गया, यह दिवस भारत की स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में मनाए जाने वाले आज़ादी के अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को मान्यता देने के लिए स्थापित किया गया था।
- जनजातीय गौरव दिवस पर मनाया जाने वाला उनका योगदान स्वदेशी न्याय और पहचान के संघर्ष का प्रतीक है।
बिरसा मुंडा कौन थे?
- बिहार (वर्तमान झारखंड) के उलिहातु में 15 नवंबर 1875 को जन्मे बिरसा मुंडा ने 1899 से 1900 तक ऐतिहासिक उलगुलान (महान विद्रोह) का नेतृत्व किया, जिसमें आदिवासी भूमि को पुनः प्राप्त करने और औपनिवेशिक उत्पीड़न का विरोध करने की लड़ाई में हज़ारों लोगों को एकजुट किया।
- "मुंडा राज" के लिए उनकी वकालत शोषण से मुक्त एक न्यायपूर्ण और स्वशासित समाज के उनके सपने का प्रतीक थी।
- हालाँकि, वे दुखद रूप से सिर्फ़ 25 साल की उम्र में ही चल बसे, लेकिन साहस और लचीलेपन का उनका संदेश पूरे भारत में समुदायों को प्रेरित करता है।
जनजातीय गौरव दिवस पर अन्य कार्यक्रम:
- केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर नई दिल्ली में उनकी भव्य प्रतिमा का अनावरण किया।
- इस अवसर पर मोदी सरकार ने सराय काले खां चौक का नाम बदलकर 'भगवान बिरसा मुंडा चौक' करने का भी फैसला किया।
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