1. पद्म पुरस्कार 2022
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गणतंत्र दिवस 2022 से पहले, भारत सरकार ने 25 जनवरी 2022 को पद्म पुरस्कारों की घोषणा की। पद्म पुरस्कार देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक है जो तीन श्रेणियों में प्रदान किया जाता है, अर्थात् पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री।
- इस साल कुल 4 पद्म विभूषण, 17 पद्म भूषण और 107 पद्मश्री पुरस्कार प्रदान किए गए हैं। पुरस्कार विजेताओं में से 34 महिलाएं हैं और इस सूची में विदेशियों/एनआरआई/पीआईओ/ओसीआई की श्रेणी के 10 व्यक्ति और मरणोपरांत पुरस्कार विजेता 13 लोग भी शामिल हैं।
- ये पुरस्कार भारत के राष्ट्रपति द्वारा औपचारिक समारोहों में प्रदान किए जाते हैं जो आमतौर पर हर साल मार्च / अप्रैल के आसपास राष्ट्रपति भवन में आयोजित किए जाते हैं।
पद्म विभूषण (4):
यह पुरस्कार असाधारण और विशिष्ट सेवाओं के लिए दिया जाता है।
- उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, जनरल बिपिन रावत, हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायिका प्रभा अत्रे और गीता प्रेस के राधेश्याम खेमका को पद्म विभूषण के लिए नामित किया गया है।
- जनरल रावत के अलावा सिंह और खेमका को मरणोपरांत यह पुरस्कार दिया गया है।
पद्म भूषण (17):
यह पुरस्कार एक उच्च क्रम की विशिष्ट सेवा के लिए दिया जाता है।
नाम | क्षेत्र- राज्य /देश |
श्री गुलाम नबी आजाद | सार्वजनिक मामले - जम्मू और कश्मीर |
श्री विक्टर बनर्जी | कला - पश्चिम बंगाल |
सुश्री गुरमीत बावा (मरणोपरांत) | कला - पंजाब |
श्री बुद्धदेव भट्टाचार्य | सार्वजनिक मामले - पश्चिम बंगाल |
श्री नटराजन चंद्रशेखरन | व्यापार और उद्योग - महाराष्ट्र |
श्री कृष्ण एला और श्रीमती सुचित्रा एला * (जोड़ी) | व्यापार और उद्योग - तेलंगाना |
सुश्री मधुर जाफरी | अन्य-पाक - संयुक्त राज्य अमेरिका |
श्री देवेन्द्र झाझरिया | खेल - राजस्थान |
श्री राशिद खान | कला - उत्तर प्रदेश |
श्री राजीव महर्षि | सिविल सेवा - राजस्थान |
श्री सत्य नारायण नडेला | व्यापार और उद्योग - संयुक्त राज्य अमेरिका |
श्री सुंदरराजन पिचाई | व्यापार और उद्योग - संयुक्त राज्य अमेरिका |
श्री साइरस पूनावाला | व्यापार और उद्योग -महाराष्ट्र |
श्री संजय राजाराम (मरणोपरांत) | विज्ञान और इंजीनियरिंग - मेक्सिको |
सुश्री प्रतिभा रे | साहित्य और शिक्षा - ओडिशा |
स्वामी सच्चिदानंद | साहित्य और शिक्षा - गुजरात |
श्री वशिष्ठ त्रिपाठी | साहित्य और शिक्षा - उत्तर प्रदेश |
पद्मश्री (107):
यह पुरस्कार किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट सेवा के लिए दिया जाता है।
नाम | क्षेत्र- राज्य/देश |
श्री प्रह्लाद राय अग्रवाल | व्यापार और उद्योग - पश्चिम बंगाल |
प्रो नजमा अख्तर | साहित्य और शिक्षा - दिल्ली |
श्री सुमित अंतिल | खेल - हरियाणा |
श्री टी सेंका एओ | साहित्य और शिक्षा - नागालैंड |
सुश्री कमलिनी अस्थाना और सुश्री नलिनी अस्थाना* (जोड़ी) | कला - उत्तर प्रदेश |
श्री सुब्बन्ना अयप्पन | विज्ञान और इंजीनियरिंग - कर्नाटक |
श्री जे के बजाज | साहित्य और शिक्षा - दिल्ली |
श्री सिर्पी बालासुब्रमण्यम | साहित्य और शिक्षा - तमिलनाडु |
श्रीमद् बाबा बलिया | सामाजिक कार्य - ओडिशा |
सुश्री संघमित्रा बंद्योपाध्याय | विज्ञान और इंजीनियरिंग - पश्चिम बंगाल |
सुश्री माधुरी बड़थ्वाल | कला - उत्तराखंड |
श्री अखोन असगर अली बशारत | साहित्य और शिक्षा - लद्दाख |
डॉ हिम्मतराव बावस्कर | चिकित्सा - महाराष्ट्र |
श्री हरमोहिन्दर सिंह बेदी | साहित्य और शिक्षा - पंजाब |
श्री प्रमोद भगत | खेल - ओडिशा |
श्री एस बल्लेश भजंत्री | कला - तमिलनाडु |
श्री खांडू वांगचुक भूटिया | कला - सिक्किम |
श्री मारिया क्रिस्टोफर बायरस्की | साहित्य और शिक्षा - पोलैंड |
आचार्य चंदनजी | सामाजिक कार्य - बिहार |
सुश्री सुलोचना चव्हाण | कला - महाराष्ट्र |
श्री नीरज चोपड़ा | खेल - हरियाणा |
सुश्री शकुंतला चौधरी | सामाजिक कार्य - असम |
श्री शंकरनारायण मेनन चुण्डेइल | खेल - केरल |
श्री एस दामोदरन | सामाजिक कार्य - तमिलनाडु |
श्री फैसल अली डार | खेल - जम्मू और कश्मीर |
श्री जगजीत सिंह दर्डी | व्यापार और उद्योग - चंडीगढ़ |
डॉ प्रोकर दासगुप्ता | चिकित्सा - यूनाइटेड किंगडम |
श्री आदित्य प्रसाद दास | विज्ञान और इंजीनियरिंग - ओडिशा |
डॉ लता देसाई | चिकित्सा - गुजरात |
श्री मालजी भाई देसाई | सार्वजनिक मामले - गुजरात |
सुश्री बसंती देवी | सामाजिक कार्य - उत्तराखंड |
सुश्री लूरेम्बम बिनो देवी | कला - मणिपुर |
सुश्री मुक्तमणि देवी | व्यापार और उद्योग - मणिपुर |
सुश्री श्याममणि देवी | कला - ओडिशा |
श्री खलील धन्तेजवी (मरणोपरांत) | साहित्य और शिक्षा - गुजरात |
श्री सावाजी भाई ढोलकिया | सामाजिक कार्य - गुजरात |
श्री अर्जुन सिंह धुर्वे | कला - मध्य प्रदेश |
डॉ विजयकुमार विनायक डोंगरे | चिकित्सा - महाराष्ट्र |
श्री चंद्रप्रकाश द्विवेदी | कला - राजस्थान |
श्री धनेश्वर इंग्ति | साहित्य और शिक्षा - असम |
श्री ओम प्रकाश गांधी | सामाजिक कार्य - हरियाणा |
श्री नरसिम्हा राव गरिकापति | साहित्य और शिक्षा - आंध्र प्रदेश |
श्री गिरधारी राम घोंजू (मरणोपरांत) | साहित्य और शिक्षा - झारखंड |
श्री शैबल गुप्त (मरणोपरांत) | साहित्य और शिक्षा - बिहार |
श्री नरसिंह प्रसाद गुरु | साहित्य और शिक्षा - ओडिशा |
श्री गोसावीडू शैक हसन (मरणोपरांत) | कला - आंध्र प्रदेश |
श्री रयूको हीरा | व्यापार और उद्योग - जापान |
सुश्री सोसम्मा आयपे | अन्य - पशुपालन - केरल |
श्री अवध किशोर जड़िया | साहित्य और शिक्षा - मध्य प्रदेश |
सुश्री सोकर जानकी | कला - तमिलनाडु |
सुश्री तारा जौहर | साहित्य और शिक्षा - दिल्ली |
सुश्री वंदना कटारिया | खेल - उत्तराखंड |
श्री एच आर केशवमूर्ति | कला - कर्नाटक |
श्री रजर कॉर्टेनहॉर्स्ट | साहित्य और शिक्षा - आयरलैंड |
श्री पी नारायण कुरूप | साहित्य और शिक्षा - केरल |
सुश्री अवनि लेखरा | खेल - राजस्थान |
श्री मोती लाल मदान | विज्ञान और इंजीनियरिंग - हरियाणा |
श्री शिवनाथ मिश्र | कला - उत्तर प्रदेश |
डॉ नरेंद्र प्रसाद मिश्रा (मरणोपरांत) | चिकित्सा - मध्य प्रदेश |
श्री दर्शनम मोगिलैया | कला - तेलंगाना |
श्री गुरुप्रसाद महापात्र (मरणोपरांत) | सिविल सेवा - दिल्ली |
श्री थाविल कोंगमपट्टू ए वी मुरुगाइयां | कला - पुडुचेरी |
सुश्री आर मुथुकान्नम्मल | कला - तमिलनाडु |
श्री अब्दुल खादर नादकतिन | अन्य - जमीनी स्तर पर नवाचार - कर्नाटक |
श्री अमाई महालिंग नाइक | अन्य - कृषि - कर्नाटक |
श्री त्सेरिंग नामग्याल | कला - लद्दाख |
श्री ए के सी नटराजन | कला - तमिलनाडु |
श्री वी एल नगाका | साहित्य और शिक्षा - मिजोरम |
श्री सोनू निगम | कला - महाराष्ट्र |
श्री राम सहाय पांडे | कला - मध्य प्रदेश |
श्री चिरापत प्रपण्डविद्या | साहित्य और शिक्षा - थाईलैंड |
सुश्री के वी राबिया | सामाजिक कार्य - केरल |
श्री अनिल कुमार राजवंशी | विज्ञान और इंजीनियरिंग - महाराष्ट्र |
श्री शीश राम | कला - उत्तर प्रदेश |
श्री रामचन्द्रैय्या | कला - तेलंगाना |
डॉ. सुनकारा वेंकट आदिनारायण राव | चिकित्सा - आंध्र प्रदेश |
सुश्री गामित रमीलाबेन रेइंगभाई | सामाजिक कार्य - गुजरात |
सुश्री पद्मजा रेड्डी | कला - तेलंगाना |
गुरु तुल्कू रिंपोछे | अन्य - अध्यात्मवाद - अरुणाचल प्रदेश |
श्री ब्रह्मानंद सांखवलकर | खेल - गोवा |
श्री विद्यानंद सरेक | साहित्य और शिक्षा - हिमाचल प्रदेश |
श्री काली पद सेरेन | साहित्य और शिक्षा - पश्चिम बंगाल |
डॉ वीरास्वामी शेषिया | चिकित्सा - तमिलनाडु |
सुश्री प्रभाबेन शाह | सामाजिक कार्य - दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव |
श्री दिलीप शहानी | साहित्य और शिक्षा - दिल्ली |
श्री राम दयाल शर्मा | कला - राजस्थान |
श्री विश्वमूर्ति शास्त्री | साहित्य और शिक्षा जम्मू और कश्मीर |
सुश्री तातियाना ल्वोवना शॉम्यान | साहित्य और शिक्षा - रूस |
श्री सिद्धलिंगैया (मरणोपरांत) | साहित्य और शिक्षा कर्नाटक |
श्री काजी सिंह | कला - पश्चिम बंगाल |
श्री कोंसम इबोमचा सिंह | कला - मणिपुर |
श्री प्रेम सिंह | सामाजिक कार्य - पंजाब |
श्री सेठ पाल सिंह | अन्य - कृषि - उत्तर प्रदेश |
सुश्री विद्या विंदु सिंह | साहित्य और शिक्षा - उत्तर प्रदेश |
बाबा इकबाल सिंह जी | सामाजिक कार्य - पंजाब |
डॉ भीमसेन सिंघल | चिकित्सा - महाराष्ट्र |
श्री शिवानंद | अन्य - योग - उत्तर प्रदेश |
श्री अजय कुमार सोनकर | विज्ञान और इंजीनियरिंग - उत्तर प्रदेश |
सुश्री अजिता श्रीवास्तव | कला - उत्तर प्रदेश |
सदगुरु ब्रह्मेशानंद आचार्य स्वामी | अन्य - अध्यात्मवाद - गोवा |
डॉ बालाजी ताम्बे (मरणोपरांत) | चिकित्सा - महाराष्ट्र |
श्री रघुवेन्द्र तंवर | साहित्य और शिक्षा - हरियाणा |
डॉ कमलाकर त्रिपाठी | चिकित्सा - उत्तर प्रदेश |
सुश्री ललिता वकील | कला - हिमाचल प्रदेश |
सुश्री दुर्गा बाई व्याम | कला - मध्य प्रदेश |
श्री जयन्तकुमार मगनलाल व्यास | विज्ञान और इंजीनियरिंग - गुजरात |
सुश्री बडाप्लिन वार | साहित्य और शिक्षा - मेघालय |
नोट:
- पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने पद्म भूषण ठुकरा दिया।
- वयोवृद्ध गायिका संध्या मुखर्जी ने पद्मश्री लेने से इनकार कर दिया।
2. मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा ने अपना 50 वां राज्य स्थापना दिवस मनाया
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पूर्वोत्तर क्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम, 1971 के प्रावधानों के अनुसार तीनों राज्यों को 21 जनवरी 1972 को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला था।
- नवंबर 1956 से जनवरी 1972 तक मणिपुर और त्रिपुरा केंद्र शासित प्रदेश थे जबकि मेघालय असम राज्य का स्वायत्त हिस्सा था।
- पूर्वोत्तर क्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम, 1971 ने मेघालय, मणिपुर और त्रिपुरा के लिए अलग-अलग उच्च न्यायालय भी बनाए।
मेघालय | मणिपुर | त्रिपुरा |
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3. \महान कथक नर्तक बिरजू महाराज का 83 वर्ष की आयु में निधन
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कथक के लखनऊ के कालका-बिंदादीन घराने के पथप्रदर्शक पंडित बिरजू महाराज का 83 वर्ष की उम्र में निधन हो गया।
- वे कथक नर्तकों के महाराज परिवार के वंशज थे, जिनमें उनके दो चाचा शम्भू महाराज और लच्छू महाराज और उनके पिता और गुरु अभान महाराज शामिल हैं, जिन्होंने रायगढ़ रियासत में राजनर्तक के रूप में कार्य किया था।
- उन्होंने हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत का भी अभ्यास किया और एक गायक थे|
- 1964 में उन्हें मानद संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार मिला और 1986 में उन्हें देश का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण मिला।
- उन्होंने कई फिल्मों के लिए नृत्य संयोजन(कोरियोग्राफ) किया है जिनमें सत्यजीत रे की शतरंज के खिलाड़ी, से लेकर गदर: एक प्रेम कथा, देवदास, बाजीराव मस्तानी, जैसी कई फिल्में शामिल हैं|
भारतीय शास्त्रीय नृत्य के प्रकार
भारत सरकार के अनुसार भारत में आठ प्रकार के शास्त्रीय नृत्य हैं
नृत्य :मूल/राज्य
भरतनाट्यम :तमिलनाडु
मणिपुरी नृत्य :मणिपुर
कथक : उत्तर भारत, उत्तर प्रदेश, राजस्थान दिल्ली, मध्य प्रदेश।
ओडिसी :ओडिशा
कथक काली:केरल
मोहिनीअट्टम: केरल
कुचिपुड़ी :मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश
सत्त्रिया :असम
4. चुनाव आयोग ने पार्टियों के प्रसारण समय को दोगुना किया
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भारत के चुनाव आयोग ने मतदान वाले राज्यों में प्रत्येक राष्ट्रीय पार्टी और मान्यता प्राप्त राज्य दलों को आवंटित प्रसारण समय को दोगुना करने का निर्णय लिया है।
- चुनाव आयोग के आदेश में कहा गया है कि गोवा, पंजाब, मणिपुर, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की प्रत्येक राष्ट्रीय पार्टी और मान्यता प्राप्त राज्य पार्टी को 90 मिनट का आधार समय दिया जाएगा। यह सुविधाएं ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन के क्षेत्रीय केंद्रों से उपलब्ध होंगी।
- पहले आवंटित समय 45 मिनट था।
- इन राज्यों में मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को आवंटित समय बढ़ा दिया गया है क्योंकि कोरोना महामारी के कारण रैलियों से बचने और चुनाव प्रचार के लिए गैर-भौतिक संपर्क बनाए रखने पर जोर दिया जा रहा है।
5. चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों के पंजीकरण के लिए नोटिस अवधि की समयसीमा कम कर दी है
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भारत के चुनाव आयोग ने मौजूदा कोरोनोवायरस महामारी के कारण उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर, गोवा और पंजाब के पांच चुनावी राज्यों में नए राजनीतिक दलों के पंजीकरण के लिए नोटिस की अवधि को 30 दिन से घटाकर 7 दिन कर दिया है।
- चुनाव आयोग के अनुसार चुनाव आयोग के साथ पंजीकरण की मांग करने वाली पार्टी को पंजीकरण के लिए चुनाव आयोग में आवेदन करने से पहले अपने प्रस्तावित नाम दो राष्ट्रीय समाचार पत्रों और दो स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशित करना होगा।
- चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि पिछले साल बिहार, असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में कोरोना महामारी के दौरान चुनाव होने पर नोटिस की अवधि भी कम कर दी गई थी।
राजनीतिक दलों का पंजीकरण लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29क के प्रावधानों द्वारा शासित होता है
मुख्य चुनाव आयुक्त: श्री सुशील चंद्रा
6. सरकार द्वारा वन सर्वेक्षण रिपोर्ट 2021 जारी
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पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री, श्री भूपेंद्र यादव ने आज भारतीय वन सर्वेक्षण (एफएसआई) द्वारा तैयार 'इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट 2021' जारी की।
- फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया हर 2 साल बाद "इंडियन स्टेट ऑफ रिपोर्ट" जारी करता है और आखिरी रिपोर्ट 2019 में जारी की गई थी।
- एफएसआई ने भारत में वन क्षेत्र का आकलन करने के लिए इस बार , इसरो के भारतीय रिमोट सेंसिंग उपग्रह , रिसोर्ससैट -2 के उपग्रह डेटा का उपयोग किया है।
रिपोर्ट की मुख्य बातें
- देश का कुल वन और वृक्ष आवरण 80.9 मिलियन हेक्टेयर है जो देश के भौगोलिक क्षेत्रफल का 24.62 प्रतिशत है। 2019 के आकलन की तुलना में देश के कुल वन और वृक्ष आवरण में 2,261 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है। इसमें से वनावरण में 1,540 वर्ग किमी और वृक्षों के आच्छादन में 721 वर्ग किमी की वृद्धि देखी गई है।
- खुले जंगल के बाद बहुत घने जंगल में वन आवरण में वृद्धि देखी गई है। वन क्षेत्र में वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष तीन राज्य आंध्र प्रदेश (647 वर्ग किमी) हैं, इसके बाद तेलंगाना (632 वर्ग किमी) और ओडिशा (537 वर्ग किमी) हैं।
- क्षेत्रफल के हिसाब से मध्य प्रदेश में देश का सबसे बड़ा वन क्षेत्र है, इसके बाद अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और महाराष्ट्र हैं।
- कुल भौगोलिक क्षेत्र के प्रतिशत के रूप में वन कवर के मामले में, शीर्ष पांच राज्य मिजोरम (84.53%), अरुणाचल प्रदेश (79.33%), मेघालय (76.00%), मणिपुर (74.34%) और नागालैंड (73.90%) हैं।
- 17 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों का भौगोलिक क्षेत्र 33 प्रतिशत से अधिक वन आच्छादित है। इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से, लक्षद्वीप, मिजोरम, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय जैसे पांच राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में 75 प्रतिशत से अधिक वन क्षेत्र हैं, जबकि 12 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों अर्थात् मणिपुर, नागालैंड, त्रिपुरा, गोवा, केरल, सिक्किम, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव, असम, ओडिशा में वन क्षेत्र 33 प्रतिशत से 75 प्रतिशत के बीच है।
- देश में कुल मैंग्रोव कवर 4,992 वर्ग किमी है। 2019 के पिछले आकलन की तुलना में मैंग्रोव कवर में 17 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि देखी गई है। मैंग्रोव कवर में वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष तीन राज्य ओडिशा (8 वर्ग किमी) के बाद महाराष्ट्र (4 वर्ग किमी) और कर्नाटक (3 वर्ग किमी) हैं।
- देश के जंगल में कुल कार्बन स्टॉक 7,204 मिलियन टन होने का अनुमान है और 2019 के अंतिम आकलन की तुलना में देश के कार्बन स्टॉक में 79.4 मिलियन टन की वृद्धि हुई है। कार्बन स्टॉक में वार्षिक वृद्धि 39.7 मिलियन टन है।
7. भारत निर्वाचन आयोग ने गोवा, पंजाब, मणिपुर, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा कर दी है।
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मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि पांच राज्यों की 690 विधानसभा सीटों के लिए सात चरणों में चुनाव संपन्न होंगे।
- उत्तर प्रदेश विधान सभा की 403 सीटों के लिए जिनका कार्यकाल मई में समाप्त हो रहा है, चुनाव सात चरणों में संपन्न होंगे यानी पहले चरण 10 फरवरी, दूसरे चरण 14 फरवरी, तीसरे चरण 20 फरवरी, चौथे चरण 23 फरवरी, पांचवें चरण फरवरी 27 को , छठे चरण 3 मार्च और सातवें चरण 7 मार्च को।
- पंजाब विधानसभा की 117 सीटों के लिए जिनका कार्यकाल मार्च में समाप्त हो रहा है, चुनाव एक चरण में 14 फरवरी को संपन्न होंगे।
- उत्तराखंड विधान सभा की 70 सीटों के लिए जिनका कार्यकाल मार्च में समाप्त हो रहा है, चुनाव एक चरण में 14 फरवरी को पूरा किया जाएगा।
- मणिपुर विधानसभा की 60 सीटों के लिए जिनका कार्यकाल मार्च में समाप्त हो रहा है, चुनाव दो चरणों में क्रमशः 27 फरवरी और 3 मार्च को संपन्न होंगे।
- गोवा विधान सभा की 40 सीटों के लिए जिनका कार्यकाल मार्च में समाप्त हो रहा है, चुनाव एक चरण में 14 फरवरी को पूरा किया जाएगा।
- सभी पांच राज्यों के नतीजे 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे।
- कोविड -19 सुरक्षित चुनाव, परेशानी मुक्त मतदाता अनुभव और अधिकतम मतदाता भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए बुनियादी तैयारी की जाएगी
- इस चुनाव में सर्विस वोटर समेत कुल 18.34 करोड़ मतदाता हिस्सा लेंगे। इसमें से 8.55 करोड़ महिला मतदाता हैं।
- सभी मतदान केंद्रों पर ईवीएम और वीवीपैट का इस्तेमाल किया जाएगा। चुनाव आयोग ने चुनाव को सुचारू संचालन के लिए पर्याप्त संख्या में ईवीएम और वीवीपैट सुनिश्चित करने के लिए पहले ही व्यवस्था कर ली है। 80 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के मामले में, विकलांग व्यक्ति और कोविड -19 रोगी पोस्टल बैलेट द्वारा मतदान कर सकते हैं।
- 15 जनवरी तक किसी भी यात्रा, जुलूस, रोड शो, साइकिल बाइक, पदयात्रा या वाहन रैली या राजनीतिक दलों द्वारा शारीरिक रैली की अनुमति नहीं दी जाएगी। स्थिति की समीक्षा की जाएगी और बाद में नए निर्देश जारी किए जाएंगे।
परिणाम घोषित होने के बाद किसी भी विजय जुलूस की अनुमति नहीं दी जाएगी।
8. पीएम मोदी ने 4,800 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का शुभारंभ करने के लिए मणिपुर और त्रिपुरा का दौरा
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प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 जनवरी 2022 को मणिपुर और त्रिपुरा का दौरा किया।
प्रधानमंत्री के मणिपुर दौरे की मुख्य विशेषताएं:
- पीएम ने लगभग 1,850 करोड़ रुपये की 13 परियोजनाओं का उद्घाटन किया और लगभग 2,950 करोड़ रुपये की 9 परियोजनाओं की आधारशिला रखी।
- ये परियोजनाएं विविध क्षेत्रों से संबंधित हैं जैसे:
- सड़क अवसंरचना
- पीने के पानी की सप्लाई
- स्वास्थ्य
- शहरी विकास
- आवास
- सूचान प्रौद्योगिकी
- कौशल विकास,अन्य
इम्फाल के हट्टा कांगजीबंग में उद्घाटन और शिलान्यास कार्यक्रम आयोजित किया गया जहां उन्होंने एक जनसभा को भी संबोधित किया।
प्रधानमंत्री की अगरतला (त्रिपुरा) यात्रा की मुख्य विशेषताएं:
- प्रधान मंत्री ने लगभग 450 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित महाराजा बीर बिक्रम (एमबीबी) हवाई अड्डे के नए एकीकृत टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया,
- शुरू की गई प्रमुख पहल :-
- मुख्यमंत्री त्रिपुरा ग्राम समृद्धि योजना- जिसका उद्देश्य ग्राम स्तर पर मुख्य विकास क्षेत्रों में सेवा वितरण के लिए बेंचमार्क मानकों को प्राप्त करना है।
- विद्याज्योति विद्यालयों का प्रोजेक्ट मिशन 100- जिसका उद्देश्य राज्य में 100 मौजूदा उच्च/उच्च माध्यमिक विद्यालयों को अत्याधुनिक सुविधाओं और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ विद्याज्योति विद्यालयों में परिवर्तित करके शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना है। यह परियोजना नर्सरी से बारहवीं कक्षा तक के लगभग 1.2 लाख छात्रों को कवर करेगी और अगले तीन वर्षों में लगभग 500 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
प्रधान मंत्री ने विभिन्न परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी, जिसमें गुड़गांव में मणिपुर इंस्टीट्यूट ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स, पीएम जन विकास कार्यक्रम के तहत 72 परियोजनाएं, विविध क्षेत्रों से संबंधित 13 परियोजनाएं, एक सौ दस किलोमीटर से अधिक कुल लंबाई वाली पांच राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं शामिल हैं।, एक कोविड अस्पताल के साथ एक कैंसर अस्पताल भी है।
9. सुशासन सूचकांक:
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सरकार में शासन को सत्ता और अधिकार के उपयोग के रूप में परिभाषित किया जाता है, ताकि लोगों को सामान और सेवाएं प्रदान की जा सकें| आम लोगों की भलाई ,आकांक्षाओं और जरूरतों को पूरा किया जा सके। लोग उम्मीद करते हैं कि उनकी सरकार अपने कार्यों को इस तरह से आगे बढ़ाएगी कि न्यूनतम लागत या निवेश के साथ अधिकतम परिणाम प्राप्त हों।
- शासन तब अच्छा होता है जब सरकार के निर्णय और कार्य लोगों की सहमति, वैधता और जवाबदेही पर आधारित होते हैं। यह एक अवधारणा है जो प्रकृति को समावेशी और सकारात्मक बनता है।
सुशासन की विशेषताएं क्या हैं?
विश्व बैंक की रिपोर्ट 1989 और 1992 के अनुसार आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) वैश्विक शासन आयोग (1995) और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) 1997 के अनुसार सुशासन की विशेषताओं को संदर्भित करता है।
- शासन में लोगों की भागीदारी।
- निर्णयकर्ताओं की जवाबदेही।
- निर्णय लेने में महिलाओं की भागीदारी।
- वंचित समूहों की जरूरतों को पूरा करना।
- मानव अधिकारों की गारंटी।
- निर्णय लेते समय भावी पीढ़ी की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए और लोगों के पास शासन की अपनी संरचना है या नहीं।
सुशासन सूचकांक क्या है?
- सुशासन के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर देने के लिए, भारत सरकार ने 25 दिसंबर को सुशासन दिवस के रूप में घोषित किया। यह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म तिथि है। इसकी शुरुआत 2014 में हुई थी।
- सुशासन में राज्य सरकार के प्रदर्शन को प्रोत्साहित करने और उसका आकलन करने और देश में नागरिक केंद्रित विकास को बढ़ावा देने के लिए, भारत सरकार ने सुशासन सूचकांक लॉन्च किया।
- जीजीआई का उद्देश्य एक ऐसा उपकरण तैयार करना है जिसका इस्तेमाल केंद्र शासित प्रदेशों सहित केंद्र और राज्य सरकारों की विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के लोगों पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन करने के लिए राज्यों में समान रूप से किया जा सके।
- जीजीआई का महत्वपूर्ण योगदान राज्य स्तर पर सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की प्रगति पर नज़र रखने में योगदान देना होगा। अभिज्ञात क्षेत्र और संकेतक समग्र शासन के दृष्टिकोण से कुछ महत्वपूर्ण एसडीजी संकेतकों से सीधे जुड़े हुए हैं।
- यह सुशासन दिवस (25 दिसंबर) पर जारी किया जाता है|
सुशासन सूचकांक का प्रकाशन कौन करता है ?
- केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के तहत प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) द्वारा सूचकांक प्रकाशित किया जाता है।
- गवर्नेंस की गुणवत्ता के आकलन के लिए फ्रेमवर्क सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस हैदराबाद ने एसी नीलसन के सहयोग से तैयार किया है।
यह पहली बार कब प्रकाशित हुआ था?
यह पहली बार 2019 में प्रकाशित किया गया था, और यह हर दो साल बाद जारी किया जाता है। नवीनतम संस्करण 25 दिसंबर 2021 को जारी किया गया है।
सुशासन सूचकांक में क्या शामिल है?
जीजीआई 2020-21 में 10 गवर्नेंस सेक्टर और 58 गवर्नेंस इंडिकेटर शामिल हैं|
- कृषि और संबद्ध क्षेत्र,
- वाणिज्य और उद्योग,
- मानव संसाधन विकास,
- सार्वजनिक स्वास्थ्य,
- सार्वजनिक अवसंरचना और उपयोगिताएँ,
- आर्थिक शासन,
- समाज कल्याण और विकास,
- न्यायिक और सार्वजनिक सुरक्षा,
- पर्यावरण,
- नागरिक-केंद्रित शासन।
2019 इंडेक्स की तुलना में बदलाव।
2019 के सूचकांक में 10 शासन क्षेत्र और 50 शासन संकेतक शामिल थे। 2021 के इंडेक्स में गवर्नेंस सेक्टर 10 हैं लेकिन गवर्नेंस इंडिकेटर्स को बढ़ाकर 58 कर दिया गया है।
2021 इंडेक्स की मुख्य विशेषताएं:-
जीजीआई 2020-21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को चार श्रेणियों में वर्गीकृत करता है|
- ग्रुप ए - इसमें गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, हरियाणा, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, पंजाब, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश शामिल हैं|
- ग्रुप बी - इसमें मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल शामिल हैं|
- उत्तर-पूर्व और पहाड़ी राज्य - इसमें हिमाचल प्रदेश, मिजोरम, उत्तराखंड, त्रिपुरा, सिक्किम, जम्मू और कश्मीर, असम, नागालैंड, मणिपुर, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश शामिल हैं।
- केंद्र शासित प्रदेश - इसमें दिल्ली, पुडुचेरी, दमन और दीव, चंडीगढ़, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दादरा और नगर हवेली और लक्षद्वीप शामिल हैं।
गुजरात, महाराष्ट्र और गोवा 10 क्षेत्रों को कवर करते हुए समग्र रैंक स्कोर में शीर्ष पर हैं।
समूहवार राज्यों की रैंकिंग:
- समूह ए:
- गुजरात समग्र रैंकिंग (जीजीआई 2019 संकेतकों पर 12.3% की वृद्धि) में शीर्ष पर है, इसके बाद महाराष्ट्र और गोवा का स्थान है।
- ग्रुप बी:
- मध्य प्रदेश इस सूची में सबसे ऊपर है, इसके बाद राजस्थान और छत्तीसगढ़ हैं।
- उत्तर-पूर्व और पहाड़ी राज्य:
- हिमाचल प्रदेश इस सूची में सबसे ऊपर है, इसके बाद मिजोरम और उत्तराखंड हैं।
- केंद्र शासित प्रदेश:
- सूची में दिल्ली शीर्ष पर है।
यूपी ने वाणिज्य और उद्योग क्षेत्र में शीर्ष स्थान हासिल किया है|
जीजीआई 2021 का कहना है कि 20 राज्यों ने GGI 2019 इंडेक्स स्कोर की तुलना में अपने समग्र जीजीआई स्कोर में सुधार किया है। यह इंगित करता है कि भारत के राज्यों में समग्र शासन एक सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहा है।
भाषान्तर संजय
10. नीति आयोग ने उत्तर पूर्वी क्षेत्र जिला एसडीजी सूचकांक और डैशबोर्ड 2021-22 जारी किया
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- इसे नीति आयोग के सहयोग से पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (MDONER) द्वारा जारी किया गया है|
- संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) ने इस सूचकांक के लिए तकनीकी सहायता प्रदान की है।
- सूचकांक आठ पूर्वोत्तर राज्यों (अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम) के जिले के प्रदर्शन को मापता है।
- सूचकांक प्रतिवर्ष तैयार और प्रकाशित किया जाएगा।
एसडीजी एनईआर इंडेक्स के शीर्ष 5 जिले हैं|
रैंक 1 - पूर्वी सिक्किम, सिक्किम 75.87 के स्कोर के साथ,
रैंक 2 - गोमती, त्रिपुरा और उत्तरी त्रिपुरा, त्रिपुरा 75.73 के स्कोर के साथ,
रैंक 4 - पश्चिम त्रिपुरा, त्रिपुरा 75.67 . के स्कोर के साथ,
रैंक 5 - 74.87 . के स्कोर के साथ सेरछिप, मिजोरम,
सूचकांक सामाजिक विकास लक्ष्यों (एसडीजी) 2030 को प्राप्त करने की दिशा में प्रदेश और जिलों की सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय स्थिति में अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।