1. आईएएफ, फ्रांस में बहुपक्षीय अंतर्राष्ट्रीय वायु अभ्यास ओरिअन में शामिल होगी
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भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ओरिअन अभ्यास में भाग लेने के लिए फ्रांस के मॉन्ट डे मार्सन में फ्रेंच एयर एंड स्पेस फोर्स (एफएएसएफ) के वायु सेना बेस स्टेशन पहुंची।
खबर का अवलोकन:
- ओरिअन अभ्यास कार्यक्रम का आयोजन 17 अप्रैल से 05 मई 2023 तक किया जा रहा है।
- इस अभ्यास के लिए आईएएफ की टुकड़ी में चार राफेल विमान, दो सी-17 और दो ll-78 विमान तथा 165 वायु सैनिक शामिल किये गए हैं।
- आईएएफ में शामिल हुए राफेल विमानों के लिए यह पहला विदेशी अभ्यास होगा।
ओरिअन अभ्यास में भागीदार देश:
इस अभ्यास में आईएएफ और फ्रेंच एयर एंड स्पेस फोर्स के अतिरिक्त जर्मनी, ग्रीस, इटली, नीदरलैंड्स, ब्रिटेन, स्पेन और अमरीका की वायु सेना भी भाग ले रही हैं।- इस अभ्यास के दौरान होने वाली भागीदारी अन्य देशों की वायु सेनाओं से आईएएफ की कार्य शैली को और भी समृद्ध करेगी।
- यह अभ्यास फ्रांसीसी रक्षा बलों का अब तक का सबसे बड़ा बहुराष्ट्रीय अभ्यास है, जिसमें उनकी सेना, नौसेना और वायु सेना के साथ उनके मुख्य सहयोगी देश शामिल हैं।
फ्रांस:
- राजधानी: पेरिस
- मुद्रा: यूरो
- राष्ट्रपति: इमैनुएल मैक्रों
2. Iniochos-2023 अंतरराष्ट्रीय युद्धाभ्यास का आयोजन ग्रीस में 18 अप्रैल से
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ग्रीस में 18 अप्रैल से Iniochos-2023 नाम का एक अंतरराष्ट्रीय युद्धाभ्यास होने जा रहा है।
जिसमें विश्व के सर्वाधिक घातक लड़ाकू विमानों को शामिल किया जाएगा।
खबर का अवलोकन:
- इस युद्धाभ्यास का मुख्य उद्देश्य युद्ध के दौरान उच्च मानकों पर खरा उतरना और हवाई हमले के सभी आयामों को समझना है।
तीन चरणों में आयोजन:
- इसका आयोजन 18 अप्रैल से 8 मई 2023 तक तीन चरणों में आयोजित किया जाएगा:
- प्रथम चरण: 18 से 23 अप्रैल
- द्वितीय चरण: 24 अप्रैल से 4 मई
- तृतीय चरण: 5 मई से आठ मई
Iniochos-2023 में भाग लेने वाले देश:
- इसमें भारत और ग्रीस के अलावा अमेरिका, फ्रांस, इटली, जॉर्डन, सऊदी अरब, स्लोवेनिया, साइप्रस, स्पेन जैसे कई देशों के लड़ाकू विमान भी शामिल होंगे।
भारत की नजर एफ-16 लड़ाकू विमान पर:
- इस दौरान भारतीय वायु सेना को एफ-16 लड़ाकू विमान (यह विमान पाकिस्तान के पास भी है) के साथ अभ्यास करने का अवसर मिलेगा। उसकी क्षमता और युद्ध के दौरान कौशल को परखने का पूरा अवसर प्राप्त होगा। जबकि, भारत की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी आभाव है।
इनका अभ्यास किया जाएगा:
- इस युद्धाभ्यास में ऑफेंसिव काउंटर ऑपरेशन, डिफेंसिव काउंटर ऑपरेशन, स्ट्रैटजिक एयर ऑपरेशन, जमीन पर मौजूद सेना को हवाई सहायता देने का अभ्यास, नौसेना को हवाई मदद देने का अभ्यास, खोज, कॉम्बेट सर्च एंड रेस्क्यू, दुश्मन के महत्वपूर्ण ठिकानों को नष्ट करने का अभ्यास, अपने महत्वपूर्ण अड्डों को बचाने का अभ्यास भी किया जाएगा।
Iniochos-2023 युद्धाभ्यास का मुख्य आकर्षण:
- इस अभ्यास में भारत के सुखोई एसयू-30एमकेआई लड़ाकू विमान के अलावा, ग्रीस के एफ-16 और राफेल लड़ाकू विमान, साइप्रस के एडब्लू-139 हेलीकॉप्टर, फ्रांस के राफेल, इटली का टारनेडो, जॉर्डन का एफ-16, सऊदी अरब का एउ-15, स्लोवेनिया का पीसी-9, स्पेन का ईएफ-18 और अमेरिका का एमक्यू-9 रीपर ड्रोन हिस्सा लेगा।
- इसके साथ ही अलावा ऑस्ट्रिया और कनाडा के अधिकारी पूरे युद्धाभ्यास का गवाह बनेगें।
3. एक्सरसाइज कोप इंडिया 2023
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एक्सरसाइज कोप इंडिया 2023, भारतीय वायु सेना (आईएएफ) और यूनाइटेड स्टेट्स एयर फोर्स (यूएसएएफ) के मध्य एक द्विपक्षीय वायु सेना अभ्यास है, जो वायु सेना स्टेशनों अर्जन सिंह (पानागढ़), कलाईकुंडा (पश्चिम बंगाल) और आगरा में 10 अप्रैल से आयोजित किया जा रहा है।
खबर का अवलोकन:
- इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों वायु सेनाओं के बीच आपसी समझ को बेहतर बनाना और उनकी सर्वोत्तम प्रक्रियाओं को साझा करना है।
- इस अभ्यास का प्रथम चरण 10 अप्रैल को आरंभ हो गया है। अभ्यास का यह चरण हवाई गतिशीलता पर केंद्रित होगा और इसमें दोनों वायु सेनाओं के परिवहन विमान और विशेष बल की परिसंपत्तियां शामिल होंगी।
- इस अभ्यास में दोनों देश सी-130जे और सी-17 विमानों को मैदान में उतारेंगे, साथ ही यूएसएएफ एमसी-130जे का संचालन भी किया जाएगा।
- इस अभ्यास में जापानी एयर सेल्फ डिफेंस फोर्स कर्मियों की उपस्थिति भी शामिल है, जो पर्यवेक्षकों की क्षमता में भाग लेंगे।
- प्रथम कोप इंडिया अभ्यास वर्ष 2004 में वायुसेना स्टेशन ग्वालियर के टेकनपुर में आयोजित हुआ था।
4. संयुक्त सैन्य अभ्यास 'एक्स कवच' अंडमान और निकोबार कमान में संपन्न हुआ
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अंडमान और निकोबार कमांड (एएनसी) ने थल सेना, नौसेना, वायु सेना और तटरक्षक बलों की संपदाओं को शामिल करते हुए बड़े स्तर पर एक संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘एक्स कवच’ का आयोजन किया।
खबर का अवलोकन
23 फरवरी, 2023 को शुरू होकर यह अभ्यास 7 अप्रैल, 2023 को संपन्न हुआ।
इस अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त युद्ध क्षमताओं और मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) को ठीक करना और सेनाओं के बीच अंतर परिचालन और संचालन तालमेल को बढ़ाना था।
थल सेना की ‘शत्रुजीत ब्रिगेड’, आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल ऑपरेशंस डिवीजन (एएफएसओडी), नौसेना के विशेष बलों और एएनसी के उभयचर सैनिकों ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के एक दूरस्थ द्वीप पर अभ्यास किया।
अभ्यास में तट से दूर उभयचर लैंडिंग, हवाई संचालन, हेलीबोर्न संचालन और विशेष बलों के त्वरित प्रवेश से जुड़े बहु-डोमेन अभ्यास किया गया।
'एक्स कवच' ने भारत के समुद्री हितों की रक्षा करने और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सशस्त्र बलों की क्षमताओं और तैयारियों का प्रदर्शन किया।
5. भारत के राष्ट्रपति ने सुखोई 30 एमकेआई लड़ाकू विमान में ऐतिहासिक उड़ान भरी
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भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 8 अप्रैल, 2023 को असम के तेजपुर वायु सेना स्टेशन में सुखोई 30 एमकेआई लड़ाकू विमान में एक ऐतिहासिक उड़ान भरी।
खबर का अवलोकन
राष्ट्रपति, जो भारतीय सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर हैं, ने लगभग 30 मिनट तक उड़ान भरी।
विमान को 106 स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन नवीन कुमार ने उड़ाया था।
विमान ने समुद्र तल से करीब दो किलोमीटर की ऊंचाई पर और करीब 800 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरी।
सुखोई 30 एमकेआई लड़ाकू विमान में राष्ट्रपति की उड़ान भारतीय सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर के रूप में सशस्त्र बलों के साथ जुड़ने के उनके प्रयासों का एक हिस्सा है।
फाइटर जेट में उड़ान भरने वाली देश की दूसरी राष्ट्रपति
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु सुखोई एमकेआई 30 फाइटर जेट में उड़ान भरने वाली देश की दूसरी राष्ट्रपति हैं और युद्धक विमान में उड़ान भरने वाली देश की चौथी राष्ट्रपति हैं।
इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम, प्रतिभा पाटिल और रामनाथ कोविंद भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान में उड़ान भर चुके हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से पहले देश कि पहली महिला राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने 2009 में सुखोई में उड़ान भरी थी।
सुखोई 30 एमकेआई लड़ाकू विमान
यह दो सीट वाला बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान है।
इसे रूसी कंपनी सुखोई ने विकसित किया है और इसका निर्माण लाइसेंस के तहत भारत के हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने किया है।
रेंज - 3000 कि.मी
6. स्वदेशी एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल, अमोघा-III का सफल परीक्षण किया गया
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भारत डायनेमिक्स (बीडीएल) ने अपनी नवीनतम तीसरी पीढ़ी के मैन-पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम), अमोघा-III का फील्ड फायरिंग परीक्षण सफलतापूर्वक किया है।
अमोघा-III मिसाइल के बारे में
अमोघा-III मिसाइल को इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम (IGMDP) के तहत स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है।
यह तीसरी पीढ़ी की फायर एंड फॉरगेट एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल है।
बीडीएल के रिसर्च एंड डेवलपमेंट डिवीजन द्वारा विकसित, मिसाइल में 200 से 2500 मीटर की रेंज के साथ एक डुअल-मोड IIR सीकर भी है।
मिसाइल को लॉक-ऑन-बिफोर लॉन्च (एलओबीएल) मोड में दागा जा सकता है और इसका एंटी-आर्मर टेंडेम वॉरहेड एक्सप्लोसिव रिएक्टिव आर्मर (ईआरए) से 650 मिमी से अधिक में प्रवेश कर सकता है।
एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) के बारे में
एक एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल एक गाइडेड मिसाइल है जिसे मुख्य रूप से भारी बख्तरबंद सैन्य वाहनों को हिट करने और नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
इन मिसाइलों को एक ही सैनिक द्वारा बड़े त्रिपोड -माउंटेड वेपन तक ले जाया जा सकता है।
7. भारत-श्रीलंका द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास SLINEX-2023 का 10वां संस्करण शुरू हुआ
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वार्षिक भारत-श्रीलंका द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास SLINEX-2023 का 10वां संस्करण 3 अप्रैल को कोलंबो में शुरू हुआ।
खबर का अवलोकन
अभ्यास तीन-तीन दिनों के दो चरणों में आयोजित किया जा रहा है, बंदरगाह चरण और समुद्री चरण।
भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व आईएनएस किलटन और आईएनएस सावित्री करेंगे, जबकि श्रीलंका की नौसेना का प्रतिनिधित्व एसएलएनएस विजयबाहु और एसएलएनएस समुदुरा करेंगे।
इसके अलावा, भारतीय नौसेना के चेतक हेलीकॉप्टर और डोर्नियर समुद्री गश्ती विमान के साथ-साथ श्रीलंका वायु सेना के डोर्नियर और बीईएल 412 हेलीकॉप्टर भी अभ्यास में भाग लेंगे।
इस अभ्यास में दोनों नौसेनाओं के विशेष बल भी एक साथ भाग लेंगे।
अभ्यास में समुद्री चरण में सतह और हवा-रोधी फायरिंग अभ्यास, सीमैनशिप मूल्यांकन, हेलीकॉप्टर और समुद्री गश्ती विमान संचालन, उन्नत सामरिक युद्धाभ्यास, खोज और बचाव और समुद्र में विशेष बल संचालन जैसे बहु-आयामों में अभ्यास शामिल होंगे।
इस अभ्यास का 9वां संस्करण 10 मार्च 2022 को बंगाल की खाड़ी में विशाखापत्तनम में संपन्न हुआ।
SLINEX-2023 का उद्देश्य
SLINEX-2023 का उद्देश्य दोनों नौसेनाओं के बीच बहु-आयामी समुद्री संचालन में अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ाना, आपसी समझ में सुधार करना और सर्वोत्तम प्रथाओं और प्रक्रियाओं का आदान-प्रदान करना है।
8. वाइस एडीएम अतुल आनंद ने नौसेना संचालन महानिदेशक (डीजीएनओ) के रूप में पदभार ग्रहण किया
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वाइस एडमिरल अतुल आनंद ने 1 अप्रैल, 2023 को महानिदेशक नौसेना संचालन के रूप में पदभार संभाला है।
खबर का अवलोकन
उन्हें 1 जनवरी, 1988 को भारतीय नौसेना की कार्यकारी शाखा में नियुक्त किया गया था, और वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, रक्षा सेवा कमान और स्टाफ कॉलेज, मीरपुर (बांग्लादेश) और राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज, नई दिल्ली के पूर्व छात्र हैं।
वाइस एडमिरल अतुल आनंद अति विशिष्ट सेवा मेडल और विशिष्ट सेवा मेडल के प्राप्तकर्ता हैं।
उन्होंने आईएन जहाजों शारदा, रणविजय और ज्योति के नेविगेटिंग अधिकारी के रूप में भी काम किया है, और सी हैरियर स्क्वाड्रन आईएनएएस 300 के दिशा अधिकारी और विध्वंसक आईएनएस दिल्ली के कार्यकारी अधिकारी थे।
उनकी महत्वपूर्ण स्टाफ नियुक्तियों में संयुक्त निदेशक स्टाफ रिक्वायरमेंट्स, डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन में डायरेक्टिंग स्टाफ, डायरेक्टर नेवल ऑपरेशंस और डायरेक्टर नेवल इंटेलिजेंस (Ops) शामिल हैं।
भारतीय नौसेना के बारे में
इसकी स्थापना 1830 में हुई थी और इसका मिशन समुद्री हितों और सीमाओं की रक्षा करना है।
भारतीय नौसेना का आदर्श वाक्य "शम नो वरुणः" है, जिसका अर्थ है "वरुण, महासागरों के स्वामी, हमारे लिए शुभ हों।"
बेड़े में लगभग 67,000 कर्मियों के साथ जहाज, पनडुब्बी और विमान शामिल हैं।
संचालन में समुद्री डकैती रोधी, आपदा राहत और अन्य नौसेनाओं के साथ संयुक्त अभ्यास शामिल हैं।
9. पीएम मोदी ने भोपाल में संयुक्त कमांडरों के सम्मेलन को संबोधित किया
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में तीनों सेनाओं के संयुक्त कमांडरों के सम्मेलन में भाग लिया।
खबर का अवलोकन
सम्मेलन का विषय 'तैयार, पुनरुत्थान, प्रासंगिक' है।
सम्मेलन में तीनों सेवाओं के कमांडर और रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भाग ले रहे हैं।
सम्मेलन का फोकस राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए थिएटर कमांड प्रारूप को आगे बढ़ाने, तीनों सेनाओं के बीच समन्वय बढ़ाने और भविष्य में एक साथ काम करने पर है।
इसके अलावा सम्मेलन में युद्ध की स्थिति में सुरक्षा बलों की रणनीति, रक्षा मामलों में आत्मनिर्भरता और रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र पर भी चर्चा की जा रही है।
इस सम्मेलन में सीडीएस जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी और नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार सहित तीनों सेनाओं के शीर्ष कमांडरों ने भाग लिया।
10. भारत का रक्षा निर्यात 15 हजार 920 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचा
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 1 अप्रैल को कहा कि वित्त वर्ष 2022-2023 में भारत का रक्षा निर्यात 15 हजार 920 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है।
खबर का अवलोकन
भारत ने 2020-21 में 8,434 करोड़ रुपये, 2019-20 में 9,115 करोड़ रुपये और 2018-19 में 10,745 करोड़ रुपये के सैन्य हार्डवेयर का निर्यात किया।
2017-18 में यह राशि 4,682 करोड़ रुपये और 2016-17 में 1,521 करोड़ रुपये थी।
सरकार ने 2024-25 तक 1,75,000 करोड़ रुपये के रक्षा हार्डवेयर के निर्माण और रक्षा निर्यात को 35,000 करोड़ रुपये तक ले जाने का लक्ष्य रखा है।
हाल के वर्षों में, सरकार ने घरेलू रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न उपायों को लागू किया है।
रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम
सरलीकृत रक्षा औद्योगिक लाइसेंसिंग, निर्यात नियंत्रण में छूट और अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रदान करना।
विदेश व्यापार नीति के तहत पेश किए गए विशिष्ट प्रोत्साहन।
रक्षा उत्पादन एवं निर्यात प्रोत्साहन नीति 2020।
सरकार ने दो "सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची" जारी की थी जिसमें 209 आइटम शामिल थे जिन्हें आयात नहीं किया जा सकता था।
सरकार ने रक्षा विनिर्माण के समूहों के रूप में कार्य करने के लिए तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में दो समर्पित गलियारों की भी घोषणा की है।
सरकार का विज़न
2025 तक एयरोस्पेस और रक्षा वस्तुओं और सेवाओं में $5 बिलियन के निर्यात सहित $25 बिलियन का कारोबार हासिल करना।