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By admin: Nov. 14, 2022

1. विश्व बैंक और डब्ल्यूएचओ द्वारा प्रायोजित महामारी कोष को आधिकारिक तौर पर जी-20 बैठक में लॉन्च किया गया

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विश्व बैंक और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा प्रायोजित महामारी कोष को आधिकारिक तौर पर जी-20 संयुक्त वित्त और स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक के मौके पर 13 नवंबर 2022 को इंडोनेशिया के बाली में शुरू किया गया ।

उच्च स्तरीय वक्ताओं में इंडोनेशिया के वित्त मंत्री श्री मुलानी इंद्रावती, विश्व बैंक समूह के अध्यक्ष डेविड मलपास, डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस, संयुक्त राज्य अमेरिका के ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन शामिल थी।

महामारी कोष

विश्व बैंक द्वारा सितंबर 2022 में विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से महामारी कोष की स्थापना की गई है।

निम्न और मध्यम आय वाले देशों को भविष्य की महामारियों से निपटने के लिए अपनी तैयारी और प्रतिक्रिया (पीपीआर ) को मजबूत करने के लिए, सहायता प्रदान करने के लिए कोष की स्थापना की गई है।

फंड का उपयोग इन देशों में स्वास्थ्य सम्बन्धी बुनियादी ढांचे के निर्माण और मजबूती के लिए किया जाएगा ताकि वे भविष्य में महामारी और कोविड जैसी महामारियों के जोखिमों का सामना करने के लिए बेहतर तरीके से तैयार हो सकें।

विश्व बैंक के अनुसार अब तक इस फंड को भारत सहित 24 दाता देशों से 1.4 बिलियन डॉलर की प्रतिबद्धता मिली है।

फंड की संरचना

विश्व बैंक महामारी कोष ट्रस्टी के रूप में काम करेगा और सचिवालय की मेजबानी करेगा, जिसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन से प्राप्त तकनीकी कर्मचारी शामिल होंगे।

महामारी कोष के संचालन बोर्ड को डब्ल्यूएचओ की अध्यक्षता में एक तकनीकी सलाहकार पैनल द्वारा सलाह दी जाएगी।

इसमें व्यापक वैश्विक पीपीआर आर्किटेक्चर के हिस्से के रूप में अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियमों के साथ जुड़ाव सुनिश्चित करने के लिए वित्त पोषण के प्रस्तावों के तकनीकी गुणों का आकलन करने और सिफारिशें करने के लिए प्रमुख विशेषज्ञ शामिल होंगे।


By admin: Nov. 14, 2022

2. अमेरिकी जलवायु दूत जॉन केरी ने कार्बन ऑफसेट योजना शुरू की

Tags: Environment International News

U.S. climate envoy John Kerry launches carbon offset plan

अमेरिकी जलवायु दूत जॉन केरी ने 9 नवंबर को जलवायु वित्त के लिए एनर्जी ट्रांज़िशन एक्सेलेरेटर (ईटीए) नामक एक नई कार्बन ऑफसेट योजना का अनावरण किया है।

एनर्जी ट्रांज़िशन एक्सेलेरेटर (ईटीए) के बारे में

  • एनर्जी ट्रांजिशन एक्सेलेरेटर (ईटीए) अमेरिका द्वारा बेजोस अर्थ फंड और रॉकफेलर फाउंडेशन के साथ विकसित किया जाएगा और सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों से इनपुट प्राप्त करेगा।

  • यह कंपनियों को विकासशील देशों में स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं को वित्तपोषित करने और कार्बन क्रेडिट अर्जित करने की अनुमति देगा जिसका उपयोग वे अपने स्वयं के जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कर सकते हैं।

  • यह कंपनियों को जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने की दौड़ में अपने प्रतिस्पर्धियों पर वित्तीय बढ़त हासिल करने की अनुमति देगा।

  • इसका उद्देश्य बेकार हो चुके कोयले के प्लांट्स को उपयोग से बाहर करना और नवीकरणीय ऊर्जा के प्रयोग में तेजी लाना है।

  • यह निश्चित रूप से नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए और उन कोयला संयंत्रों के लिए अच्छा हो सकता है जो बहुत पुराने और अव्यवहार्य हैं और जिन्हें भारत बंद करना चाहता है।

  • ETA के 2030 तक संचालित होने का अनुमान है, संभावित रूप से 2035 तक इसका विस्तार किया जा सकता है।


By admin: Nov. 14, 2022

3. पाकिस्तान और बांग्लादेश जी- 7 ' 'ग्लोबल शील्ड' क्लाइमेट फंडिंग प्राप्त करने वाले पहले देशों में शामिल होंगे

Tags: Environment International News

पाकिस्तान, घाना, बांग्लादेश, कोस्टा रिका, फिजी, फिलीपींस और सेनेगल जलवायु आपदाओं से पीड़ित देशों को वित्त पोषण प्रदान करने के लिए  जी- 7   'ग्लोबल शील्ड' पहल से धन प्राप्त करने वाले पहले कुछ देशों  में शामिल होंगे। जर्मनी द्वारा 14 नवंबर 2022 को मिस्र में चल रहे सीओपी 27  शिखर सम्मेलन में इसकी घोषणा की गई थी।  जर्मनी द्वारा 14 नवंबर 2022 को मिस्र में चल रहे सीओपी 27  शिखर सम्मेलन में इसकी घोषणा की।

ग्लोबल शील्ड क्लाइमेट फाइनेंस

इसे 14 नवंबर 2022 को मिस्र में सीओपी 27  शिखर सम्मेलन में जी- 7  देशों (संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, इटली, यूनाइटेड किंगडम और जापान) द्वारा लॉन्च किया गया था।

ग्लोबल शील्ड का समन्वय जर्मनी द्वारा किया जाएगा और इसे 58 जलवायु संवेदनशील अर्थव्यवस्थाओं के 'वी20' समूह के सहयोग से विकसित किया जा रहा है।

निधि का उद्देश्य

इस कोष का उपयोग जलवायु प्रेरित आपदाओं से निपटने के लिए कम आय वाले और गरीब  देशों की मदद के लिए किया जाएगा।

इसका उद्देश्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं और जलवायु जोखिम बीमा को मजबूत करना है ताकि जब बाढ़ जैसी चरम मौसम की घटना हो, तो प्रभावित देशों को जल्दी से सहायता पहुँचाया जा सके ।

जर्मनी ने घोषणा की है कि वह फंड में 172 मिलियन अमरीकी डालर का योगदान देगा। हालांकि अभी फंड के आकार का खुलासा नहीं किया गया है।

विशेष हानि एवं क्षति कोष की मांग

ग्लोबल वार्मिंग से प्रेरित जलवायु परिवर्तन ने विकासशील देशों को बुरी तरह से प्रभावित किया है और उनके पास बाढ़, सूखा आदि जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए पर्याप्त  संसाधन नहीं हैं।

विकासशील देश मांग करते रहे हैं कि प्रदूषणकारी देश (विकसित देश) जलवायु परिवर्तन के कारण गरीब विकासशील देशों को हुए नुकसान और क्षति के लिए भुगतान करें।

विकसित देशों द्वारा वर्षों के प्रतिरोध के बाद, वे 6-18 नवंबर 2022 से मिस्र के शर्म-एल शेख में आयोजित होने वाली सीओपी 27 बैठक में एक विशेष नुकसान और क्षति कोष पर चर्चा करने के लिए सहमत हुए हैं।

"ग्लोबल शील्ड" पहल को इस तरह के फंडिंग को संबोधित करने के लिए एक कदम के रूप में देखा जा रहा है।


By admin: Nov. 14, 2022

4. स्लोवेनिया में, नतासा पिर्क मुसर देश की पहली महिला राष्ट्रपति चुनी गईं

Tags: Person in news International News

Natasa Pirc Musar elected country’s first female President

स्लोवेनिया में, 13 नवंबर को दूसरे दौर के चुनाव में अपने रूढ़िवादी प्रतिद्वंद्वी को हराकर नतासा पिरक मुसर को देश की पहली महिला राष्ट्रपति चुना गया है।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • सुश्री पिरक मुसर ने लगभग 54 प्रतिशत मत प्राप्त किए, जबकि लोगर को लगभग 46 प्रतिशत मत प्राप्त हुए।

  • उन्होंने पूर्व विदेश मंत्री और रूढ़िवादी राजनीति के दिग्गज एंज लोगर को हराया।

  • एक प्रमुख वकील, पिर्क मुसर ने स्लोवेनिया में कॉपीराइट और अन्य मामलों में पूर्व अमेरिकी प्रथम महिला मेलानिया ट्रम्प का प्रतिनिधित्व किया था।

  • उन्होंने मानवाधिकारों, कानून के शासन और सामाजिक कल्याण के मुद्दों पर अभियान चलाया।

  • 1991 में यूगोस्लाविया के टूटने और स्लोवेनिया के स्वतंत्र होने के बाद 54 वर्षीय पिर्क मुसर राष्ट्रपति के रूप में सेवा देने वाली पहली महिला होंगी।

  • वह राष्ट्रपति बोरुत पाहोर का स्थान लेंगी, जो एक मध्यमार्गी राजनीतिज्ञ हैं, जो पहले से ही राष्ट्रपति के रूप में दो कार्यकाल पूरा कर चुके हैं।

स्लोवेनिया के बारे में

  • प्रधान मंत्री - रॉबर्ट गोलोबी

  • राजधानी - जुब्लजाना

  • मुद्रा - यूरो

  • राजभाषा - स्लोवेनिया


By admin: Nov. 14, 2022

5. भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला नई दिल्ली के प्रगति मैदान में शुरू हुआ

Tags: Festivals Economy/Finance National News

 41st India International Trade Fair

41वां भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (आईआईटीएफ) 14 नवंबर, 2022 को नई दिल्ली के प्रगति मैदान में शुरू हुआ।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मेले का उद्घाटन किया, जो 27 नवंबर तक चलेगा।

  • वर्ष 2022 के व्यापार मेले की थीम 'वोकल फॉर लोकल, लोकल टू ग्लोबल' है।

  • 14 दिवसीय इस मेगा इवेंट एक विशेष महत्व है क्योंकि यह 'आजादी का अमृत महोत्सव' के उत्सव के साथ मेल खाता है।

  • इस कार्यक्रम में उनतीस राज्य और केंद्र शासित प्रदेश भाग ले रहे हैं। मेले में बिहार, झारखंड और महाराष्ट्र भागीदार राज्य हैं जबकि उत्तर प्रदेश और केरल फोकस राज्य के रूप में भाग ले रहे हैं।

  • मेले में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, बहरीन, बेलारूस, ईरान, नेपाल, थाईलैंड, तुर्की, यूएई और यूके सहित 12 देश भाग ले रहे हैं।

  • व्यापार मेले में लगभग 2500 देशी और विदेशी प्रदर्शक अपने उत्पादों और सेवाओं का प्रदर्शन करने के लिए भाग ले रहे हैं।

  • व्यापार मेले के पहले पांच दिन (14-18 नवंबर) विशेष रूप से व्यावसायिक दिनों के लिए आरक्षित हैं।

  • 'आम सार्वजनिक दिवस' 19 से 27 नवंबर तक आरक्षित है।

भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले के बारे में

  • यह एक वार्षिक मेला है जो दिल्ली के प्रगति मैदान में भारत व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) द्वारा आयोजित किया जाता है।

  • यह मेला पहली बार दिल्ली में वर्ष 1980 में आयोजित किया गया था और तब से, यह एक वार्षिक कार्यक्रम है जिसका पूरे देश के लोगों द्वारा बहुत इंतजार किया जाता है।

  • यह मेला देश के निर्माताओं, व्यापारियों, निर्यातकों और आयातकों को अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।


By admin: Nov. 13, 2022

6. आसियान तिमोर-लेस्ते को अपने 11वें सदस्य के रूप में स्वीकार करने पर सहमत

Tags: Summits International News


10 देशों का समूह एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशंस (आसियान) ने सैद्धांतिक रूप से तिमोर-लेस्ते को अपने 11वें सदस्य के रूप में स्वीकार करने पर सहमति व्यक्त की है। 11 नवंबर 2022 को कंबोडिया की राजधानी नोम पेन्ह में आयोजित शिखर बैठक के बाद आसियान द्वारा इसकी घोषणा की गई। तिमोर- लेस्ते ने 2011 में आसियान की सदस्यता के लिए आवेदन किया था।

आसियान के अन्य सदस्य ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम हैं।

तिमोर- लेस्ते को शुरू में एक उच्चस्तरीय आसियान बैठक में एक पर्यवेक्षक का दर्जा दिया जाएगा और इसे आसियान समूह का पूर्ण सदस्य बनने में वर्षों लगेंगे।

1999 में कंबोडिया के आसियान में शामिल होने के बाद तिमोर- लेस्ते दो दशकों से अधिक समय में क्षेत्रीय समूह का पहला नया सदस्य होगा।

तिमोर-लेस्ते के राष्ट्रपति जोस रामोस-होर्टा ने निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि सदस्यता, आसियान के भागीदारों के साथ व्यापक राजनयिक संबंधों को मजबूत करेगी और देश में अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को आकर्षित करने में मदद करेगी।

तिमोर- लेस्ते

इसे पहले पूर्वी तिमोर कहा जाता था और 1975 तक यह एक पुर्तगाली उपनिवेश था। पुर्तगालियों के जाने के बाद इस पर इंडोनेशिया ने कब्जा कर लिया था। तिमोर-लेस्ते के लोगों ने इंडोनेशिया से स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए स्वतंत्रता संग्राम छेड़ा। बाद में संयुक्त राष्ट्र ने इस क्षेत्र में हस्तक्षेप किया ।

1999 में संयुक्त राष्ट्र के पर्यवेक्षण में कराये गए जनमत संग्रह में तिमोर-लेस्ते के लोगों ने इंडोनेशिया से स्वतंत्रता के लिए मतदान किया।

इसे आधिकारिक तौर पर 2022 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दी गई, और यह एशिया का सबसे युवा देश बन गया।

तिमोर -लेस्ते की राजधानी- : दिली (DILI)

मुद्रा: डॉलर

राष्ट्रपति :जोस रामोस-होर्टा


By admin: Nov. 12, 2022

7. भारत ने आसियान-भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी कोष में 5 मिलियन अमरीकी डालर के अतिरिक्त योगदान की घोषणा की

Tags: Science and Technology Summits International News


उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 12 नवंबर 2022 को सार्वजनिक स्वास्थ्य, नवीकरणीय ऊर्जा और स्मार्ट कृषि के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए आसियान-भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी कोष में 5 मिलियन अमरीकी डालर के अतिरिक्त योगदान की घोषणा की।

यह घोषणा आसियान-भारत और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के लिए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की कंबोडिया की तीन दिवसीय यात्रा के दौरान हुई।

आसियान भारत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विकास कोष (एआईएसटीडीएफ)

प्रारंभ में, भारत और आसियान के बीच सहयोगी एस एंड टी परियोजनाओं और गतिविधियों को आसियान इंडिया फंड (एआईएफ) के माध्यम से समर्थन दिया गया था।

2008 में, विदेश मंत्रालय और विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा संयुक्त रूप से अनुसंधान और विकास परियोजनाओं और परियोजना विकास गतिविधियों संबद्ध के समर्थन के लिए 1 मिलियन अमरीकी डालर की समतुल्य राशि के साथ एक समर्पित आसियान भारत S&T विकास निधि (एआईएसटीडीएफ) की स्थापना की गई थी।

एआईएसटीडीएफ  को नवंबर 2015 में मलेशिया में आसियान-भारत शिखर सम्मेलन के मौके पर भारत के प्रधान मंत्री द्वारा एक घोषणा के माध्यम से 5 मिलियन अमरीकी डालर की समतुल्य राशि तक बढ़ाया गया था।


By admin: Nov. 12, 2022

8. कोचीन शिपयार्ड वाराणसी में भारत के पहले हाइड्रोजन ईंधन सेल कटमरैन पोत का निर्माण करेगा

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India's first hydrogen fuel cell

कोचीन शिपयार्ड ने 11 नवंबर को उत्तर प्रदेश में वाराणसी के लिए देश का पहला हाइड्रोजन ईंधन सेल कटमरैन पोत बनाने के लिए भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • शिपयार्ड ने उत्तर प्रदेश के लिए छह इलेक्ट्रिक कटमरैन जहाजों और गुवाहाटी के लिए दो जहाजों के निर्माण के लिए एक और समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

  • केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडे, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में वाराणसी में इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

  • वातानुकूलित हाइड्रोजन ईंधन सेल कटमरैन पोत में 100 यात्रियों के बैठने की क्षमता होगी। इसे कोच्चि में परीक्षण के बाद वाराणसी में तैनात किया जाएगा।

  • नदी के पानी में छोटी दूरी की यात्रा के लिए डिज़ाइन किए गए वातानुकूलित इलेक्ट्रिक हाइब्रिड जहाजों में 50 यात्रियों के बैठने की क्षमता होगी।

  • ये पोत राष्ट्रीय जलमार्गों में प्रदूषण के स्तर को कम करने में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।

केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री - सर्बानंद सोनोवाल

केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री - महेंद्र नाथ पाण्डेय

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री - योगी आदित्यनाथ


By admin: Nov. 12, 2022

9. जनवरी 2023 में वाराणसी से चलेगी देश की सबसे लंबी रिवर क्रूज

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Country's longest river cruise

केंद्र सरकार ने जनवरी 2023 को उत्तर प्रदेश के  वाराणसी और असम के डिब्रूगढ़ के बीच दुनिया की सबसे लंबी नदी क्रूज शुरू करने का प्रस्ताव रखा है।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • 50 दिवसीय क्रूज 10 जनवरी को वाराणसी से रवाना होगा और 1 मार्च को असम के डिब्रूगढ़ जिले में बोगीबील पहुंचने से पहले कोलकाता और ढाका से गुजरते हुए 4,000 किमी की दूरी तय करेगा।

  • क्रूज का नाम गंगा विलास है, जो 27 नदी प्रणालियों को कवर करते हुए 50 दिनों की सबसे लंबी नदी यात्रा में वाराणसी से डिब्रूगढ़ तक जाएगा और विश्व धरोहर स्थलों सहित 50 से अधिक पर्यटक स्थलों का भ्रमण करेगा।

  • यह दुनिया में किसी एक नदी जहाज द्वारा की जाने वाली सबसे बड़ी नदी यात्रा होगी और भारत और बांग्लादेश दोनों को दुनिया के नदी क्रूज मानचित्र पर रखेगी।

  • क्रूज सेवाओं सहित तटीय और नदी नौवहन का विकास सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है और इस क्षेत्र में देश की विशाल क्षमता का दोहन करने के लिए ऐसी और सेवाएं शुरू की जाएंगी।

  • भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) और अंतरा लक्ज़री रिवर क्रूज़ और जेएम बक्सी रिवर क्रूज़ के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के साथ एक पीपीपी मॉडल पर इस क्रूज़ को चलाया जाता है।

  • रिवर क्रूज पहले से ही राष्ट्रीय जलमार्ग 1 (NW-1 गंगा-भागीरथी-हुगली), राष्ट्रीय जलमार्ग-2 (ब्रह्मपुत्र) और राष्ट्रीय जलमार्ग-3 (वेस्ट कोस्ट नहर) पर चल रहे हैं।


By admin: Nov. 12, 2022

10. भारत, कंबोडिया ने संस्कृति, वन्य जीवन और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में 4 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए

Tags: International Relations International News

India, Cambodia sign 4 MOUs

12 नवंबर को भारत और कंबोडिया ने स्वास्थ्य, प्रौद्योगिकी, जैव विविधता संरक्षण और प्राचीन इमारतों के संरक्षण के क्षेत्रों में 4 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 12 नवंबर को कंबोडिया के नोम पेन्ह में चल रहे आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान कंबोडियाई प्रधान मंत्री हुन सेन के साथ द्विपक्षीय बैठक की।

  • दोनों के बीच मानव संसाधन, खनन और विकास परियोजनाओं सहित द्विपक्षीय संबंधों पर व्यापक चर्चा हुई।

  • कंबोडिया ने खदान निकासी पर सहयोग बढ़ाने पर भी जोर दिया ताकि कंबोडिया को "2025 तक एक खदान मुक्त कंबोडिया" के लक्ष्य तक पहुंचने में मदद मिल सके।

चार समझौता ज्ञापन (एमओयू)

  • कंबोडियाई विरासत स्थलों के डिजिटलीकरण के लिए कंबोडिया के प्रौद्योगिकी संस्थान और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जोधपुर के बीच समझौता ज्ञापन।

  • जैव विविधता संरक्षण और सतत वन्यजीव प्रबंधन में सहयोग के लिए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत और पर्यावरण मंत्रालय, कंबोडिया के बीच कंबोडिया में बाघों के पुनर्वापसी के संबंध में समझौता ज्ञापन।

  • स्वास्थ्य और चिकित्सा के क्षेत्र में सहयोग पर स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के बीच समझौता ज्ञापन।

  • सिएम रीप, कंबोडिया में वाट राजा बो पगोडा पेंटिंग्स के संरक्षण पर वित्तपोषण समझौते पर समझौता ज्ञापन।


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