1. पिछले 8 वर्षों में भारत के दुग्ध उत्पादन में 83 मीट्रिक टन की भारी वृद्धि दर्ज की गई
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भारत ने दुग्ध उत्पादन में पिछले आठ वर्षों में महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की है क्योंकि इस दौरान दूध उत्पादन में 83 मिलियन टन की वृद्धि हुई है।
महत्वपूर्ण तथ्य
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने दूध उत्पादन में वृद्धि पर प्रसन्नता व्यक्त की, और कहा कि एक जीवंत डेयरी क्षेत्र भी हमारी "नारी शक्ति" को मजबूत करने का एक शानदार माध्यम है।
भारतीय डेयरी क्षेत्र
भारत दूध उत्पादन में प्रथम स्थान पर है और वैश्विक दूध उत्पादन में 23% का योगदान देता है।
शीर्ष 5 दूध उत्पादक राज्य हैं: उत्तर प्रदेश (15%), राजस्थान (14.6%), मध्य प्रदेश (8.6%), गुजरात (7.6%) और आंध्र प्रदेश (7.0%)।
डेयरी एकमात्र सबसे बड़ी कृषि वस्तु है जो राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में 5% का योगदान करती है, जो पिछले 5 वर्षों में 6.4% रही है।
लगभग 80 मिलियन लोग डेयरी उद्योग में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कार्यरत हैं।
दूध और दूध के उत्पाद से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
भारत विश्व का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है जो 23 प्रतिशत का वैश्विक उत्पादन करता है। इसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, पाकिस्तान और ब्राज़ील आते हैं।
उत्तर प्रदेश भारत में सबसे अधिक दूध उत्पादन करने वाला राज्य है और भारत में कुल दूध उत्पादन में 17% से अधिक की हिस्सेदारी करता है।
भारत में दूध की उपलब्धता प्रति व्यक्ति प्रति दिन 406 ग्राम हैI
साधारण दूध में 85 प्रतिशत जल होता है और शेष भाग में ठोस तत्त्व यानी खनिज व वसा होता है।
दूध प्रोटीन, कैल्शियम और राइबोफ्लेविन (विटामिन बी -2) युक्त होता हैI
दूध में विटामिन ए, डी, के और ई सहित फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, आयोडीन व कई खनिज और वसा तथा ऊर्जा भी होती है।
लैक्टोमीटर के द्वारा दूध की शुद्धता को मापा जाता है।
राष्ट्रीय दुग्ध अनुसंधान संस्थान करनाल (हरियाणा ) में स्थित है I
दूध में लैक्टोज नामक कार्बनिक यौगिक पाया जाता है।
ताजे दूध का pH मान 6 होता है जब दूध दही में बदलता है तो इसका pH मान 6 से कम हो जाता है I
दूध से दही जमाने में लैक्टोबैसिलस जीवाणु सहायक होता हैI
2. चीन में आयोजित विकास सहयोग पर पहला चीन-हिंद महासागर क्षेत्र मंच, भारत को आमंत्रित नहीं किया गया
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चाइना इंटरनेशनल डेवलपमेंट कोऑपरेशन एजेंसी (सिडसीए) के अनुसार विकास सहयोग पर चीन-हिंद महासागर क्षेत्र फोरम की बैठक 21 नवंबर 2022 को हुई, जिसमें 19 देशों ने हिस्सा लिया। भारत को चीनियों ने आमंत्रित नहीं किया था।
बैठक चीन के युन्नान प्रांत के कुनमिंग में "साझा विकास: नीली अर्थव्यवस्था के परिप्रेक्ष्य से सिद्धांत और अभ्यास" विषय के तहत एक मिश्रित तरीके से आयोजित की गई थी।
21 नवंबर की बैठक में सिडसीए के अनुसार, चीन ने हिंद महासागर क्षेत्र में चीन और देशों के बीच एक समुद्री आपदा रोकथाम और शमन सहयोग तंत्र स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है।
जिन देशों ने चीनी फोरम में भाग लिया
बैठक में निम्नलिखित 19 देशों ने भाग लिया; इंडोनेशिया, पाकिस्तान, म्यांमार, श्रीलंका, बांग्लादेश, मालदीव, नेपाल, अफगानिस्तान, ईरान, ओमान, दक्षिण अफ्रीका, केन्या, मोजाम्बिक, तंजानिया, सेशेल्स, मेडागास्कर, मॉरीशस, जिबूती, ऑस्ट्रेलिया और 3 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि।
मालदीव ने बैठक में भाग लेने से इनकार किया
मालदीव के विदेश मंत्रालय ने 27 नवंबर 2022 को जारी एक बयान में बैठक में भाग लेने के खबर का खंडन किया है । इसने कहा कि इसने मंच में भाग लेने में असमर्थता जताते हुए चीनी सरकार को औपचारिक रूप से सूचित कर दिया था।
क्षेत्र में भारतीय प्रभाव का मुकाबला करने का चीनी प्रयास
विशेषज्ञों के अनुसार, चीनी मंच स्पष्ट रूप से हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के मजबूत प्रभाव का मुकाबला करने के उद्देश्य से है, जहां 23 सदस्यीय हिंद महासागर रिम एसोसिएशन, (आई ओ आर ए) जैसे भारत समर्थित संगठनों ने मजबूत जड़ें जमा ली हैं।
2007 में स्थापित भारतीय नौसेना समर्थित हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी (आईओएनएस), हिंद महासागर क्षेत्र के तटीय राज्यों की नौसेनाओं के बीच सहयोग और सहयोग के लिए एक प्रमुख मंच है।
हिंद महासागर क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाने की चीन की कोशिश
चीन पाकिस्तान और श्रीलंका सहित कई देशों में बंदरगाहों और बुनियादी ढांचे के निवेश के साथ रणनीतिक तौर से हिंद महासागर क्षेत्र में अपने प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।
चीन ने देश के बाहर अपना पहला एक पूर्ण विकसित नौसैनिक अड्डा अफ्रीकी देश जिबूती में स्थापित किया है। बीजिंग ने भारत के पश्चिमी तट के पास अरब सागर में पाकिस्तान के ग्वादर में बंदरगाह बनाने के अलावा श्रीलंका में हंबनटोटा बंदरगाह को 99 साल की लीज पर हासिल कर लिया है।
3. अमेरिका ने राष्ट्रीय सुरक्षा जोखिम का हवाला देते हुए चीनी कंपनियों हुआवेई, जेडटीई दूरसंचार उपकरणों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया
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अमेरिकी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए चीन की हुआवेई टेक्नोलॉजीज और जेडटीई से दूरसंचार उपकरणों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है ।
यूएस फेडरल कम्युनिकेशंस कमिशन ने 26 नवंबर 2022 को अपने आदेश में चीनी निगरानी उपकरण निर्माता डाहुआ टेक्नोलॉजी कंपनी, वीडियो सर्विलांस फर्म हांग्जो हिकविजन डिजिटल टेक्नोलॉजी कंपनी लिमिटेड और टेलीकॉम फर्म हाइटेरा कम्युनिकेशंस कॉर्प लिमिटेड द्वारा बनाए गए उपकरणों की बिक्री या आयात पर भी प्रतिबंध लगा दिया है ।
इससे पहले मार्च 2021 में अमेरिकी सरकार ने अमेरिकी संचार नेटवर्क की सुरक्षा के उद्देश्य से 2019 के कानून के तहत पांच चीनी कंपनियों हुआवेई, जेडटीई, हाइटेरा कम्युनिकेशंस कॉर्प हिकविजन और दहुआ को "कवर की गई सूची" में राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया था।
दुनिया में दूरसंचार उपकरण बाजार में चीनी कंपनियों का दबदबा है और कई देशों को डर है कि चीनी उपकरणों के इस्तेमाल से उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा प्रभावित होगी।
अमेरिकी सुरक्षा अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि हुआवेई जैसे चीनी ब्रांडों के उपकरणों का इस्तेमाल पांचवीं पीढ़ी (5जी) के वायरलेस नेटवर्क में हस्तक्षेप करने और संवेदनशील जानकारी एकत्र करने के लिए किया जा सकता है।
भारत ने भी अप्रत्यक्ष रूप से देश में चीनी दूरसंचार उपकरणों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है।
4. आयुष मंत्रालय और विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए
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आयुष मंत्रालय ने आयुष क्षेत्र में साक्ष्य-आधारित वैज्ञानिक हस्तक्षेप के लिए सहयोग, अभिसरण और तालमेल का पता लगाने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के साथ 25 नवंबर को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
महत्वपूर्ण तथ्य
समझौता ज्ञापन पर वैद्य राजेश कोटेचा, सचिव, आयुष मंत्रालय और डॉ. श्रीवारी चंद्रशेखर, सचिव, डीएसटी ने हस्ताक्षर किए।
समझौता ज्ञापन आयुष क्षेत्र में साक्ष्य-आधारित वैज्ञानिक हस्तक्षेप के लिए सहयोग, अभिसरण और तालमेल का पता लगाने और सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में इनका आगे उपयोग करने के लिए अनुसंधान के संभावित क्षेत्रों की पहचान करेगा।
आयुष मंत्रालय और डीएसटी संयुक्त रूप से आयुष अवधारणाओं, प्रक्रियाओं और उत्पादों के वैज्ञानिक सत्यापन पर अनुसंधान और विकास गतिविधियों को शुरू करने पर सहमत हुए हैं।
आयुष मंत्रालय आयुष से संबंधित प्रणालियों को शामिल करने वाले प्रमुख क्षेत्रों की पहचान करेगा, जिन्हें आधुनिक विज्ञान में बुनियादी अवधारणाओं, प्रक्रियाओं, नए उपकरणों के विकास आदि को समझने की आवश्यकता है।
डीएसटी, विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (एसईआरबी) के माध्यम से, अच्छी तरह से चार्टर्ड योजनाओं और पारस्परिक ठोस कार्यों के माध्यम से महत्वपूर्ण क्षेत्रों के कार्यान्वयन का समन्वय करेगा।
केंद्रीय आयुष मंत्री - सर्बानंद सोनोवाल
5. भारत ने अंतर्राष्ट्रीय इलेक्ट्रोटेक्निकल कमीशन के उपाध्यक्ष पद पर जीत हासिल की
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भारत ने 2023-25 कार्यकाल के लिए इंटरनेशनल इलेक्ट्रोटेक्निकल कमीशन (आईईसी) का उपाध्यक्ष और स्ट्रेटेजिक मैनेजमेंट बोर्ड (एसएमबी) का अध्यक्ष पद जीत लिया है। भारत को 90 प्रतिशत से अधिक मत प्राप्त हुए।
महत्वपूर्ण तथ्य
इंटरनेशनल इलेक्ट्रोटेक्निकल कमीशन (आईईसी) की बैठक हाल ही में सैन फ्रांसिसको, अमेरिका में हुई थी, जिसमें आईसी के सभी सदस्यों ने मतदान किया था।
आईसी में भारत के प्रतिनिधि और भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की विभिन्न तकनीकी समितियों को चुना गया।
विमल महेंद्रू भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले आईईसी उपाध्यक्ष होंगे।
बीआईएस ने इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन फॉर स्टैंडर्डाइजेशन (आईएसओ) और आईसी की नीति तथा प्रशासनिक संस्थाओं में प्रतिनिधित्व किया।
बीआईएस ने सुनिश्चित किया कि महत्त्वपूर्ण रणनीतिक और नीतिगत विषयों पर भारत के नजरिये को समझा जाये। उसने राष्ट्रीय मानकीकरण के अंतर्राष्ट्रीय उत्कृष्ट व्यवहारों के साथ सामन्जस्य के लिए अवसर भी उपलब्ध कराए।
इंटरनेशनल इलेक्ट्रोटेक्निकल कमीशन
1906 में स्थापित, IEC (इंटरनेशनल इलेक्ट्रोटेक्निकल कमीशन) सभी इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक और संबंधित तकनीकों के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानकों की तैयारी और प्रकाशन के लिए दुनिया का अग्रणी संगठन है।
मानकीकरण प्रबंधन बोर्ड आईसी का सर्वोच्च प्रशासनिक निकाय है, जो तकनीकी नीतिगत विषयों की जिम्मेदार है।
6. आईएसआई के पूर्व प्रमुख असीम मुनीर को पाकिस्तान सेना का नया प्रमुख नियुक्त किया गया
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इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) एजेंसी के पूर्व प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल असीम मुनीर को 24 नवंबर को प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ द्वारा जनरल कमर बाजवा के उत्तराधिकारी के रूप में पाकिस्तानी सेना के नए प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया है।
महत्वपूर्ण तथ्य
वह 29 नवंबर को निवर्तमान जनरल कमर जावेद बाजवा का स्थान लेंगे।
बाजवा को 2016 में तीन साल के लिए सेना प्रमुख नियुक्त किया गया था। साल 2019 में उन्हें तीन साल का सेवा विस्तार दिया गया था।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने लेफ्टिनेंट जनरल मुनीर को चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (सीओएएस) और लेफ्टिनेंट जनरल साहिर शमशाद मिर्जा को ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (सीजेसीएससी) का प्रमुख नियुक्त करने के लिए राष्ट्रपति अल्वी को पत्र लिखा था।
राष्ट्रपति की तरफ से मुनीर के नाम को मंजूरी देने के साथ ही नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी हो गई।
लेफ्टिनेंट जनरल मुनीर ने दो सबसे शक्तिशाली खुफिया एजेंसियों इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) और मिलिट्री इंटेलिजेंस (एमआई) के प्रमुख के रूप में काम किया है।
हालांकि आईएसआई प्रमुख के रूप में उनका कार्यकाल अब तक का सबसे छोटा कार्यकाल रहा और आठ महीने के अंदर 2019 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान के कहने पर उनकी जगह लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद ने ले ली थी।
सीजेसीएससी सशस्त्र बलों के पदानुक्रम में सर्वोच्च प्राधिकरण है, लेकिन सैनिकों की तैनाती, नियुक्तियों और स्थानांतरण समेत प्रमुख शक्तियां सेना प्रमुख के पास होती हैं। इन शक्तियों के कारण सेना प्रमुख सबसे शक्तिशाली होता है।
पाकिस्तान को अस्तित्व में आए 75 साल से अधिक हो चुके हैं और देश में आधे से अधिक समय तक सेना का शासन रहा है। ऐसे में देश के सुरक्षा और विदेश नीति मामलों में सेना का काफी दखल रहा है।
7. दूसरा स्टील्थ-गाइडेड मिसाइल विध्वंसक भारतीय नौसेना को सौंपा गया
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मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) में बनाए जा रहे प्रोजेक्ट 15बी स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक का दूसरा जहाज 24 नवंबर को भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया।
महत्वपूर्ण तथ्य
कमीशन होने पर, जहाज का नाम आईएनएस मोरमुगाओ रखा जाएगा।
प्रोजेक्ट 15बी के चार जहाजों के लिए अनुबंध पर 28 जनवरी, 2011 को हस्ताक्षर किए गए थे।
यह परियोजना पिछले दशक में कमीशन किए गए कोलकाता वर्ग (प्रोजेक्ट 15ए) विध्वंसक का अनुवर्ती है और परियोजना का प्रमुख जहाज - आईएनएस विशाखापत्तनम 21 नवंबर, 2021 को पहले ही भारतीय नौसेना में शामिल हो चुका है।
वारशिप डिज़ाइन ब्यूरो, भारतीय नौसेना के इन-हाउस संगठन द्वारा डिज़ाइन किया गया और मुंबई में मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड द्वारा निर्मित, परियोजना के चार जहाजों का नामकरण देश के चार कोनों - विशाखापत्तनम, मोरमुगाओ, इंफाल और सूरत के शहरों के नाम पर किया गया है।
मोरमुगाओ की नींव 2015 में रखी गई ती और जहाज को 17 सितंबर, 2016 को लॉन्च किया गया था।
दूसरा स्टील्थ-गाइडेड मिसाइल विध्वंसक के बारे में
यह 163 मीटर लंबा और 17 मीटर चौड़ा है, पूरी तरह से लोड होने पर 7400 टन विस्थापित करता है और इसकी अधिकतम गति 30 समुद्री मील है।
परियोजना की कुल स्वदेशी सामग्री लगभग 75 प्रतिशत है।
स्वदेशी हथियारों से लैस विध्वंसक श्रेणी में शामिल हैं-
मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें (बीईएल, बैंगलोर)
सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल (ब्रह्मोस एयरोस्पेस, नई दिल्ली)
स्वदेशी टारपीडो ट्यूब लांचर (लार्सन एंड टुब्रो, मुंबई)
एंटी-सबमरीन स्वदेशी रॉकेट लांचर (लार्सन एंड टुब्रो, मुंबई)
76 मिमी सुपर रैपिड गन माउंट (बीएचईएल, हरिद्वार)
8. भारत ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और समृद्धि के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की
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भारत ने 23 नवंबर, 2022 को बांग्लादेश के ढाका में आयोजित हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (आईओआरए) की मंत्रिपरिषद की 22वीं बैठक में भाग लिया।
महत्वपूर्ण तथ्य
भारत ने हिंद महासागर क्षेत्र और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (IORA) को मजबूत करने के लिए अपनी मजबूत प्रतिबद्धता व्यक्त की।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह ने किया।
उन्होंने आपदा जोखिम प्रबंधन (डीआरएम) के आईओआरए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के समन्वयक के रूप में भारत के योगदान और आईओआरए सचिवालय की क्षमता निर्माण और मजबूती के लिए विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार पर भी प्रकाश डाला।
जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों पर, मंत्री ने 2023 में LiFE - पर्यावरण के लिए जीवन शैली और बाजरा के अंतर्राष्ट्रीय वर्ष की पहल पर प्रकाश डाला।
हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (IORA)
यह एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जिसमें हिंद महासागर की सीमा से लगे तटीय राज्य शामिल हैं।
इसका गठन हिंद महासागर क्षेत्र के देशों में सहयोग बढ़ाने और सतत् विकास के लिए मिलकर प्रयास करने के उद्देश्य से किया गया है।
इसमें भारत सहित हिंद महासागर के तटवर्ती 21 देश एवं 7 वार्ता साझेदार शामिल हैं।
इन 21 देशों में भारत, ऑस्ट्रेलिया, ईरान, इंडोनेशिया, थाईलैंड, बांग्लादेश, मलेशिया, दक्षिण अफ्रीका, मोजाम्बिक, केन्या, श्रीलंका, तंजानिया, सिंगापुर, मॉरीशस, मेडागास्कर, संयुक्त अरब अमीरात, यमन, सेशेल्स, सोमालिया, कोमरॉस और ओमान शामिल हैं।
इसका गठन 1997 में हुआ था और इसका सचिवालय मॉरीशस में है।
9. मलेशिया में अनवर इब्राहिम ने देश के नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली
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मलेशिया के विपक्षी नेता अनवर इब्राहिम ने 24 नवंबर को देश के दसवें प्रधान मंत्री के रूप में शपथ ली।
महत्वपूर्ण तथ्य
नए नेता को राजा अल-सुल्तान अब्दुल्ला द्वारा नियुक्त किया गया।
इसी के साथ मलेशिया में खंडित जनादेश वाले आम चुनावों के बाद कई दिनों से जारी सियासी अनिश्चितता का अंत हो गया है। अनवर ने राष्ट्रीय महल में सादा समारोह में शपथ ली।
अनवर के एलायंस ऑफ होप ने 82 सीटों के साथ चुनाव में जीत हासिल की लेकिन यह गठबंधन बहुमत के लिए जरूरी 112 सीटें नहीं जीत पाया।
चुनाव में मलय समुदाय से मिले अप्रत्याशित समर्थन के कारण पूर्व प्रधानमंत्री मुहीद्दीन का मलय-केंद्रित पेरिकटन नेशनल (राष्ट्रीय गठबंधन) 72 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब रहा था।
पैन-मलेशियन इस्लामिक पार्टी 49 सीटों पर जीत के साथ इस गठबंधन का सबसे बड़ा दल बनकर उभरी थी।
चुनाव में 30 सीटें जीतने वाले यूनाइटेड मलय नेशनल ऑर्गेनाइजेशन (यूएमएनओ) के नेतृत्व वाले गठबंधन ने अनवर के नेतृत्व वाली गठबंधन का समर्थन करने की सहमति जता दी।
मलेशिया के बारे में
राजधानी : कुआलालंपुर
मुद्रा: मलेशियाई रिंगित
10. शेर बहादुर देउबा दादेलधुरा जिले से लगातार 7वीं बार निर्वाचित हुए
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प्रधान मंत्री और नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा 23 नवंबर को धनकुटा के गृह जिले से लगातार 7वीं बार चुने गए।
महत्वपूर्ण तथ्य
देश में संसदीय और प्रांतीय चुनावों के लिए वोटों की गिनती जारी है।
नेपाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता देउबा ने निर्दलीय उम्मीदवार सागर ढकाल को 12 हजार से अधिक मतों के अंतर से हराया।
नेपाल में 20 नवंबर को संसदीय और प्रांतीय चुनाव हुए।
2015 में संविधान की घोषणा के बाद से यह दूसरा आम चुनाव था।
2017 में हुए पहले दौर के चुनाव नेपाली मतदाताओं की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे थे क्योंकि सरकार लंबे समय तक नहीं चल पाई थी।