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By admin: Feb. 10, 2023

1. जम्मू कश्मीर में पहली बार मिला लिथियम का भंडार

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देश में पहली बार जम्मू संभाग के रियासी जिले में 59 लाख टन लिथियम के भंडार मिले हैं। 

खबर का अवलोकन:

  • भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले के सलाल-हैमाना क्षेत्र में लिथियम के भंडार की खोज की है I 

  • वर्तमान में भारत लिथियम, निकल और कोबाल्ट के लिए आयात पर निर्भर है। इस खोज से भारत की अन्य देशों पर लिथियम की निर्भरता कम होगी I 

  • 62वीं केंद्रीय भूवैज्ञानिक प्रोग्रामिंग बोर्ड (CGPB) की बैठक के दौरान लिथियम और गोल्ड समेत 51 खनिज ब्लॉकों पर एक रिपोर्ट राज्य सरकारों को सौंपी गई I 

  • इन 51 खनिज ब्लॉकों में से 5 ब्लॉक सोने से संबंधित हैं और अन्य ब्लॉक पोटाश, मोलिब्डेनम, बेस मेटल्स से संबंधित हैं।

  • ये खनिज 11 राज्यों के विभिन्न जिलों में पाए गए हैं जिनमें जम्मू और कश्मीर (यूटी), आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु और तेलंगाना शामिल हैं।

लिथियम:

  • यह एक रासायनिक तत्त्व है जिसका प्रतीक  (Li) है। 

  • यह एक नरम तथा चाँदी के समान सफेद धातु है।

  • मानक परिस्थितियों में यह सबसे हल्की धातु और सबसे हल्का ठोस तत्त्व है।

  • यह क्षारीय एवं एक दुर्लभ धातु है।

  • लिथियम का परमाणु क्रमांक 3 और परमाणु भार 6.941u होता है।

  • लिथियम मोबाइल फोन, लैपटॉप, डिजिटल कैमरा और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए रिचार्जेबल बैटरी के प्रमुख घटकों में से एक है। 

  • इसका उपयोग कुछ गैर-रिचार्जेबल बैटरी में हृदय पेसमेकर, खिलौने और घड़ियों जैसी चीजों के लिए भी किया जाता है।

  • सर्वाधिक भंडार वाले देश: चिली> ऑस्ट्रेलिया> अर्जेंटीना

By admin: Feb. 10, 2023

2. इसरो ने अपना सबसे छोटा रॉकेट एसएसएलवी - डी 2 लॉन्च किया

Tags: Science and Technology


भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने सतीश धवन स्पेस सेंटर (श्रीहरिकोटा) से अपने सबसे छोटे रॉकेट एसएसएलवी-डी2 को अंतरिक्ष में लॉन्च किया है। 

खबर का अवलोकन:

  • इसरो (ISRO) के SSLV-D2 ने अपने साथ तीन सैटेलाइट्स लेकर अंतरिक्ष में उड़ान भरी। 

  • इनमें इसरो की सैटेलाइट ईओएस -07, चेन्नई के स्पेस स्टार्टअप स्पेसकिड्ज की सैटेलाइट आजाद सैट-2 और अमेरिकी कंपनी अंतारिस की सैटेलाइट जेएएनयूएस 1 शामिल है।

  • इन तीनों सैटेलाइट्स को 450 किलोमीटर दूर सर्कुलर ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा

  • इसरो का सबसे छोटा नया रॉकेट एसएसएलवी-डी2 लॉन्च ऑन डिमांड की तकनीक पर काम करता है।

  • इसमें पृथ्वी की निचली कक्षाओं में 500 किलोग्राम के उपग्रहों के प्रक्षेपण को पूरा करने की क्षमता है।

  • एसएसएलवी-डी2 की लंबाई 34 मीटर जबकि चौड़ाई 2 मीटर है। यह करीब 120 टन के भार के साथ उड़ान भर सकता है। 

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो):

  • इसकी स्थापना 15 अगस्त 1969 को हुई थी।

  • यह भारत की राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी है। यह आंध्र प्रदेश के  श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से अपना अंतरिक्ष रॉकेट लॉन्च करता है ।

  • मुख्यालय: बेंगलुरु

  • अध्यक्ष: एस सोमनाथ

By admin: Feb. 8, 2023

3. इसरो-नासा द्वारा बनाया गया 'निसार' उपग्रह सितंबर में भारत से होगा लॉन्च

Tags: Science and Technology


नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) और इसरो द्वारा संयुक्त रूप से विकसित एक पृथ्वी-अवलोकन उपग्रह सितंबर में संभावित प्रक्षेपण के लिए फरवरी 2023 के अंत में भारत भेजा जाएगा। 

खबर का अवलोकन

  • भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने भारत में भेजे जाने से पहले नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार (निसार) उपग्रह के अंतिम विद्युत परीक्षण की निगरानी के लिए हाल ही में कैलिफोर्निया स्थित नासा की जेट प्रणोदन प्रयोगशाला (जेपीएल) का दौरा किया।

  • यह मिशन पृथ्वी की भूमि और बर्फ की सतहों का पहले से कहीं अधिक विस्तार से अध्ययन करने में मदद करेगा।

  • इस एसयूवी-आकार के पेलोड को बेंगलुरु में यूआर राव सैटेलाइट सेंटर के लिए 14,000 किलोमीटर की उड़ान के लिए एक विशेष कार्गो कंटेनर में ले जाया जाएगा।

'निसार' उपग्रह के बारे में

  • इसरो और नासा ने 2014 में 2,800 किलोग्राम वजनी उपग्रह बनाने के लिए समझौता किया था। 

  • मार्च 2021 में, इसरो ने जेपीएल द्वारा निर्मित एल-बैंड पेलोड के साथ एकीकरण के लिए भारत में विकसित अपने एस-बैंड एसएआर पेलोड को नासा को भेजा।

  • यह पृथ्वी और बदलती जलवायु को बेहतर ढंग से समझने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

  • यह पृथ्वी की पपड़ी, बर्फ की चादर और पारिस्थितिक तंत्र पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा।

  • निसार अंतरिक्ष यान को प्रक्षेपण के लिए यू आर राव उपग्रह केंद्र में उपग्रह बस में एकीकृत किया जाएगा।

By admin: Feb. 8, 2023

4. गूगल ने पेश किया एआई चैटबॉट 'बार्ड'

Tags: Science and Technology

हाल ही में गूगल द्वारा चैटजीपीटी (ChatGPT) को टक्कर देने के लिए "गूगल बार्ड" नामक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) संचालित चैटबॉट लांच किया गया है I 

खबर का अवलोकन:

  • बार्ड को गूगल के मौजूदा भाषा मॉडल LaMDA पर बनाया गया है, जो फर्म के डायलॉग एप्लिकेशन सिस्टम के लिए भाषा मॉडल है।

  • गूगल के अनुसार पहले इसे टेस्टर्स के एक समूह द्वारा उपयोग किया जायेगा जिसके बाद बार्ड को आम लोगों के लिए पेश किया जायेगा I 

  • बार्ड को वर्तमान में सबसे तेजी से बढ़ते उपयोगकर्ता एप्लिकेशन, चैटजीपीटी के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए विकसित किया गया है, जिसने टिक टोक और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफार्मों को पीछे छोड़ दिया है।

  • बार्ड के जरिए यूजर्स पहले की तरह आसान भाषा में मुश्किल जानकारी हासिल कर सकते हैं, इतना ही नहीं गूगल के चैटबॉट से ताजा, उच्च गुणवत्ता वाली और सटीक जानकारी भी मिल सकती है।

चैटबॉट क्या है?

  • चैटबॉट एक सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन है जिसका उपयोग लाइव मानव एजेंट के साथ सीधे संपर्क प्रदान करने के बदले टेक्स्ट या टेक्स्ट-टू-स्पीच के माध्यम से ऑन-लाइन चैट वार्तालाप करने के लिए किया जाता है।

  • आसान भाषा में चैटबॉट का मतलब होता है बातचीत करने वाला रोबोट I 

चैटबॉट 2 प्रकार के होते हैं -

  • नियम-आधारित चैटबॉट

  • एआई-आधारित चैटबॉट

एआई-आधारित चैटबॉट:

  • एआई-आधारित चैटबॉट के डाटाबेस में पहले से कोई सवाल-जवाब सेव नहीं होते हैं बल्कि ये अपनी बुद्धि से जवाब देते हैं। आप इनसे कोई भी सवाल पूछ अपना जवाब पा सकते हैं।

  • यह यूजर्स के व्यवहार और उनके द्वारा पूछे गए सवालों के अनुसार सीखता है और अपने आप को बहुत तेजी से विकसित करता रहता है।

By admin: Feb. 8, 2023

5. रिलायंस ने भारत का पहला हाइड्रोजन इंटरनल कम्बशन इंजन (H2-ICE) ट्रक पेश किया

Tags: Science and Technology National News

Reliance introduces India's first Hydrogen Internal Combustion Engine (H2-ICE) truck

बेंगलुरु में ‘इंडिया एनर्जी वीक’ के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारत का पहला हाइड्रोजन इंटरनल कम्बशन इंजन (H2-ICE) ट्रक पेश किया गया I 

खबर का अवलोकन:

  • H2-ICE में ICE का आशय Internal Combustion Engine (आंतरिक दहन इंजन) है। 

  • इसका विकास रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) द्वारा अशोक लेलैंड के साथ मिलकर किया गया है।

  • H2-ICE ट्रक भारत में हाइड्रोजन द्वारा संचालित होने वाला अपनी तरह का पहला ट्रक है।

  • ट्रक में परंपरागत डीजल ईंधन या तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) के स्थान पर हाइड्रोजन का इस्तेमाल होता है, जिससे कार्बन का उत्सर्जन लगभग शून्य हो जाता है।

  • हाइड्रोजन को सबसे क्लीन फ्यूल माना जाता है। इससे सिर्फ पानी और ऑक्सीजन का ही उत्सर्जन होता है। 

  • यह पारंपरिक डीजल ट्रक्स की अपेक्षा शोर कम करता है जबकि परफॉर्मेंस उसके बराबर ही देता है। इसकी परिचालन लागत भी कम है।

H2-ICE में दहन सिद्धांत इस प्रकार है:

  • 2H2 + O2 → 2H2O

  • दो हाइड्रोजन परमाणु एक ऑक्सीजन परमाणु के साथ मिलकर पानी बनाते हैं। इस प्रतिक्रिया के दौरान निकलने वाली ऊष्मा ऊर्जा का उपयोग स्पार्क प्लग को प्रज्वलित करने के लिए किया जाता है।

  • पहला H2-ICE वर्ष 1806 में फ्रेंकोइस इसाक डी रिवाज द्वारा विकसित किया गया था। यह हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के मिश्रण पर चलता था।

By admin: Feb. 7, 2023

6. नेवल लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट, MIG29 K फाइटर एयरक्राफ्ट ने INS विक्रांत पर सफलतापूर्वक उड़ान भरी

Tags: Science and Technology


लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (नेवी) और MIG29 K फाइटर एयरक्राफ्ट ने 6 फरवरी को भारत के पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत से सफलतापूर्वक पहली लैंडिंग और टेक ऑफ किया।

खबर का अवलोकन 

  • यह स्वदेशी लड़ाकू विमान के साथ एयरक्राफ्ट कैरियर के डिजाइन, डेवलपमेंट, प्रोडक्शन और ऑपरेशन करने में भारत की ताकत को दिखाता है।

  • नरेंद्र मोदी ने 2 सितंबर 2022 को कोच्चि शिपयार्ड में भारत के पहले मेड इन इंडिया एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत को नौसेना में शामिल किया था। 

  • इसके साथ ही भारत 40,000 टन से अधिक श्रेणी के एयरक्राफ्ट कैरियर बनाने की क्षमता रखने वाले देशों में शामिल हो गया है।

  • आईएनएस विक्रांत का निर्माण कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने किया है। इसे वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो ने डिजाइन किया है, जिसे पहले नौसेना डिजाइन निदेशालय के रूप में जाना जाता था। ये भारतीय नौसेना का इन-हाउस डिजाइन संगठन है।

MIG29 K लड़ाकू विमान

  • हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा हवा से हवा और हवा से जमीन पर मार करने वाले हथियारों के साथ नौसेना के मिग-29K विमान का उन्नयन किया गया है।

  • मिग-29K, जिसे नौसेना द्वारा सीधे रूस से खरीदा जाता है, रूसी मूल के हथियारों से लैस है।

  • एचएएल ने मिग-29K पर एस्ट्रा जैसे स्वदेशी हथियारों के एकीकरण की भी पहल की है।

By admin: Jan. 26, 2023

7. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने दुनिया के पहले इंट्रानेजल कोविड-19 वैक्सीन, iNNCOVACC का अनावरण किया

Tags: Science and Technology National News

Union Health Minister unveils world’s first intranasal COVID19 vaccine, iNNCOVACC

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने 26 जनवरी को नई दिल्ली में दुनिया के पहले इंट्रानेजल COVID-19 वैक्सीन, iNNCOVACC का अनावरण किया।

खबर का अवलोकन 

  • वैक्सीन को केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह की उपस्थिति में लॉन्च किया गया।

  • इसे भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (BBIL) ने बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंस (BIRAC) के सहयोग से विकसित किया है।

  • वैक्सीन की प्रति वर्ष कई मिलियन खुराक की प्रारंभिक निर्माण क्षमता स्थापित की गई है, इसे आवश्यकतानुसार एक बिलियन खुराक तक बढ़ाया जा सकता है।

  • iNCOVACC की कीमत 325 रुपये प्रति खुराक रखी गई है।

  • 9 सितंबर, 2022 को, भारत बायोटेक के iNCOVACC, दुनिया का पहला नेज़ल कोविड-19 वैक्सीन, वयस्कों में आपातकालीन उपयोग के लिए अनुमोदित किया गया था।

  • 28 नवंबर, 2022 को भारत बायोटेक ने घोषणा की कि वयस्कों में प्रतिबंधित आपातकालीन उपयोग के लिए वैक्सीन को मंजूरी दे दी गई है।

iNCOVACC वैक्सीन के बारे में

  • भारत बायोटेक का इंट्रानेजल कोविड-19 वैक्सीन एक पुनः संयोजक प्रतिकृति की एडेनोवायरस वेक्टरेड वैक्सीन है।

  • एक पुनः संयोजक टीका का मतलब है कि यह वायरल प्रोटीन को मेजबान में प्रवेश करने के लिए बैक्टीरिया या खमीर कोशिकाओं या वायरस के कुछ हिस्सों का उपयोग करके निर्मित किया गया है।

  • इसमें SARS-CoV-2 के जीनोम के महत्वपूर्ण हिस्सों को हटा दिया गया है, जिससे कि वायरल वेक्टर अब प्रतिकृति नहीं बना सकता है।

  • वैक्सीन के चरण I, II और III नैदानिक परीक्षणों के सफल परिणाम मिले हैं।

  • टीका को नाक में बूंदों के माध्यम से इंट्रानैसल दिया जाएगा, यह एक ऐसी प्रणाली है जिसे निम्न और मध्यम आय वाले देशों में लागत प्रभावी होने के लिए डिज़ाइन और विकसित किया गया है।

  • iNCOVACC के भंडारण और वितरण के लिए इष्टतम तापमान सीमा दो से आठ डिग्री सेल्सियस है।

iNCOVACC की कार्यप्रणाली

  • एक इंट्रानेजल वैक्सीन इम्यूनोग्लोबुलिन जी (आईजीजी) और म्यूकोसल इम्यूनोग्लोबुलिन ए (आईजीए) को निष्क्रिय करने सहित एंटीबॉडी की एक विस्तृत श्रृंखला का उत्पादन करके व्यापक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को उत्तेजित करता है।

  • टीका टी सेल प्रतिक्रियाओं को भी आरंभ करता है।

  • जब iNCOVACC वैक्सीन किसी व्यक्ति को दी जाती है, तो शरीर में प्रतिरक्षा कोशिकाएं स्थिर स्पाइक प्रोटीन को व्यक्त कर देती है।

  • नतीजतन, शरीर SARS-CoV-2 के स्पाइक प्रोटीन के खिलाफ एंटीबॉडी का उत्पादन करने लगता है।

  • किसी व्यक्ति का SARS-CoV-2 के संपर्क में आने के बाद एंटीबॉडी की उपस्थिति के कारण प्रतिरक्षा प्रणाली ऊपरी और निचले दोनों श्वसन तंत्रों में Covid-19 संक्रमण को रोक देगी।

  • इस प्रकार, iNCOVACC में SARS-CoV-2 को ब्लॉक करने और Covid-19 के प्रसारण को रोकने की क्षमता है।


By admin: Jan. 21, 2023

8. आईआईटी इनक्यूबेटेड फर्म ने विकसित किया स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम

Tags: Science and Technology National News

आईआईटी मद्रास इनक्यूबेटेड फर्म ने एक स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम ‘भरोस' विकसित किया है जो भारत के 100 करोड़ मोबाइल फोन यूजर को फायदा पहुंचा सकता है।

मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम 'भरोस' के बारे में

  • इस सॉफ्टवेयर को 'भरोस' नाम दिया गया है जो कमर्शियल ऑफ-द-शेल्फ हैंडसेट पर इंस्टॉल किया जा सकता है। 

  • यह JandK ऑपरेशंस प्राइवेट लिमिटेड (जंडकोप्स) द्वारा विकसित किया गया था, जो आईआईटी मद्रास प्रवर्तक टेक्नोलॉजीज फाउंडेशन द्वारा स्थापित एक कंपनी है।

  • यह उपयोगकर्ताओं के लिए एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करता है और 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में एक महत्वपूर्ण योगदान है।

  • यह संगठन-विशिष्ट निजी ऐप स्टोर सेवाओं (PASS) से विश्वसनीय ऐप्स तक पहुंच प्रदान करता है।

  • एक PASS उन ऐप्स की क्यूरेटेड लिस्ट तक पहुंच प्रदान करता है, जिन्हें पूरी तरह से जांचा गया है और संगठनों के कुछ सुरक्षा और गोपनीयता मानकों को पूरा किया है।

  • इसके उपयोगकर्ता आश्वस्त हो सकते हैं कि वे जो ऐप इंस्टॉल कर रहे हैं वे उपयोग करने के लिए सुरक्षित हैं।

  • यह नो डिफॉल्ट ऐप्स (एनडीए) के अंतर्गत आता है। अर्थात उपयोगकर्ताओं को उन ऐप्स का उपयोग करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता जिनके बारे में वे नहीं जानते या जिन पर वे भरोसा नहीं कर सकते।

  • भरोस 'नेटिव ओवर द एयर' (NOTA) अपडेट प्रदान करता है जो उपकरणों को सुरक्षित रखने में मदद कर सकता है।

  • उपयोगकर्ता को मैन्युअल रूप से प्रक्रिया शुरू करने की आवश्यकता के बिना NOTA अपडेट स्वचालित रूप से डिवाइस पर डाउनलोड और इंस्टॉल हो जाते हैं।


By admin: Jan. 19, 2023

9. छत्तीसगढ़ के कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में ‘दुर्लभ नारंगी रंग का चमगादड़’ देखा गया

Tags: Science and Technology

छत्तीसगढ़ के बस्तर में कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के पराली बोडल गाँव में केले के बागान में  'पेंटेड बैट' के नाम से जाने वाला एक ‘दुर्लभ नारंगी रंग का चमगादड़’ देखा गया है।

खबर का अवलोकन

  • इस पेंटेड बैट का वैज्ञानिक नाम 'केरीवौला पिक्टा' है I इस प्रजाति को वैश्विक स्तर पर विलुप्तप्राय की श्रेणी में रखा गया है।

  • यह प्रजाति आमतौर पर बांग्लादेश, ब्रुनेई, बर्मा, कंबोडिया, चीन, इंडोनेशिया, मलेशिया, नेपाल, श्रीलंका, थाईलैंड और वियतनाम में पाई जाती है।

  • भारत में यह चमगादड़ अब तक पश्चिमी घाट, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा और छत्तीसगढ़ की कांगेर घाटी में देखा गया है I 

  • पेंटेडे बैट की विशेषता चमकीले नारंगी और काले पंख, पीठ पर घने नारंगी फर और नीचे गर्म बफ है I 

  • भारत में चमगादड़ों की लगभग 131 प्रजातियां हैं और उनमें से 31 देश के मध्य भागों में पाई जाती हैं I 

  • कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान

  • कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना वर्ष 1982 में की गयी थी। 

  • इस राष्ट्रीय उद्यान का नाम कांगेर नदी से लिया गया है यह पार्क छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में स्थित है जो लगभग 200 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।

  • इसकी उच्च जैव विविधता के कारण इसे बायोस्फीयर रिजर्व के रूप में नामित किया गया है।

  • राष्ट्रीय उद्यान अपनी चूना पत्थर की गुफाओं के लिए प्रसिद्ध है जो चमगादड़ों के लिए एक उपयुक्त आवास भी प्रदान करता है I 

  • छत्तीसगढ़ के अन्य 2 राष्ट्रीय उद्यान

  • इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान 

  • गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान

By admin: Jan. 19, 2023

10. नासा ने बोइंग कंपनी को एजेंसी के सस्टेनेबल फ्लाइट डिमॉन्स्ट्रेटर प्रोजेक्ट के लिए 425 मिलियन का पुरस्कार दिया

Tags: Science and Technology International News

नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) ने बोइंग कंपनी को टिकाऊ उड़ान प्रदर्शनकारी परियोजना के लिए 425 मिलियन डॉलर निवेश के रूप में पुरस्कार दिया है।

खबर का अवलोकन 

  • बोइंग नासा के साथ 'पूर्ण पैमाने पर प्रदर्शनकारी विमान का निर्माण, परीक्षण और उड़ान भरने और उत्सर्जन को कम करने' के उद्देश्य से प्रौद्योगिकियों को मान्यता प्रदान करने के लिए काम करेगा।

  • सात वर्षों में, नासा 425 मिलियन डॉलर का निवेश करेगा, जबकि बोइंग और उसके साझेदार समझौते के शेष हिस्से का योगदान करेंगे, जिसका अनुमानित लागत 725 मिलियन डॉलर होगा।

  • ट्रांसोनिक ट्रस-ब्रेस्ड विंग डिमॉन्स्ट्रेटर सिंगल-आइज़ल एक हवाई जहाज है जिसका उद्देश्य ईंधन की खपत और उत्सर्जन को 30 प्रतिशत तक कम करना है।

  • परियोजना का लक्ष्य एक पूर्ण पैमाने पर प्रदर्शक का उत्पादन और परीक्षण करना है जो भविष्य में ईंधन-कुशल वाणिज्यिक एयरलाइनर बनाने में मदद करेगा।

  • संयुक्त राज्य अमेरिका ने 2050 तक अमेरिकी विमानन क्षेत्र से नेट-जीरो ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

नासा के बारे में

  • नासा का गठन 19 जुलाई, 1948 को राष्ट्रीय एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एक्ट के तहत अपने पूर्ववर्ती, नेशनल एडवाइजरी कमेटी फॉर एरोनॉटिक्स (एनएसीए) के स्थान पर किया गया था।

  • नासा - नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन

  • मुख्यालय- वाशिंगटन डी.सी.

  • प्रशासक - बिल नेल्सन

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