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By admin: Jan. 23, 2023

1. तीनों सेनाओं के सबसे बड़ा द्विवार्षिक अभ्यास ‘एम्फेक्स’ 2023 का आयोजन

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तीनों सेनाओं के सबसे बड़ा द्विवार्षिक अभ्यास ‘एम्फेक्स’ 2023 आंध्र प्रदेश के काकीनाडा के पास 17 - 22 जनवरी के बीच आयोजित किया गया I 

खबर का अवलोकन 

  • पांच दिवसीय अभ्यास के दौरान भारतीय सेना के सैनिकों, भारतीय नौसेना के युद्धपोतों और एयर फोर्स के विमानों ने हिस्सा लिया I 

  • इस युद्ध अभ्यास का उद्देश्य तीनों सेवाओं के बीच बेहतरीन समन्वय और संयुक्त युद्ध लड़ने की क्षमताओं को बढ़ाने सहित अपने क्षेत्रों की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए भारत की क्षमताओं का प्रदर्शन करना था।

  • अभ्यास के दौरान हवा से नौसेना के समुद्री कमांडोज की एंट्री, सेना के विशेष बलों की हवाई प्रविष्टि, नौसेना का गनफायर सपोर्ट, जमीन, आकाश और जल से सैन्य बलों की लैंडिंग जैसे अनुवर्ती ऑपरेशन शामिल किये गए I 

  • अभ्यास का आखिरी संस्करण 21 से 25 जनवरी 2021 तक अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में आयोजित किया गया था I 

तीनों सेनाओं के प्रमुख

  • थल सेना प्रमुख - जनरल मनोज पांडे

  • वायुसेना प्रमुख - एयर मार्शल विवेक राम चौधरी

  • नौसेना प्रमुख - एडमिरल आर हरि कुमार

  • चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) - लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान


By admin: Jan. 23, 2023

2. भारतीय वायु सेना पूर्वोत्तर में 'प्रलय' अभ्यास आयोजित करेगी

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चीन के साथ चल रहे गतिरोध के बीच भारतीय वायुसेना पूर्वोत्तर भारत में 1 से 5 फरवरी तक एक बड़ा अभ्यास आयोजित करने जा रही है I इस वॉर एक्‍सरसाइज को 'प्रलय' नाम दिया गया है I 

खबर का अवलोकन 

  • वायु सेना द्वारा पूर्वोत्तर के सभी प्रमुख एयरबेसों से 'प्रलय' का आयोजन किया जाएगा।

  • अभ्यास का आयोजन फरवरी के पहले सप्ताह में आयोजित होने वाले 'पूर्वी आकाश' नाम के एक अन्य वायु सेना अभ्यास की तैयारी के बीच किया जाएगा, जो एक वार्षिक कमांड-स्तरीय अभ्यास है I 

  • वायु सेना द्वारा अभ्यास का आयोजन ऐसे समय में किया जा रहा है जब हाल ही में भारतीय वायु सेना ने इस क्षेत्र में एस-400 वायु रक्षा स्क्वाड्रन को तैनात और सक्रिय कर दिया है जो दुश्मन के किसी भी विमान या मिसाइल को 400 किलोमीटर दूर से ही मार गिराने में सक्षम है।

  • इस अभ्यास में परिवहन और अन्य विमानों के साथ-साथ राफेल और सुखोई -30 लड़ाकू जेट समेत वायु सेना के मुख्य लड़ाकू हथियार शामिल होंगे।

  • हाल के महीनों में  वायु सेना द्वारा आयोजित किया गया यह दूसरा कमांड-स्तरीय अभ्यास है। 


By admin: Jan. 20, 2023

3. संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास साइक्लोन-I

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भारत और मिस्र की सेनाओं के बीच अब तक का पहला संयुक्त अभ्यास साइक्लोन-I” 14 जनवरी, 2023 से राजस्थान के जैसलमेर में आयोजित किया जा रहा है I  

खबर का अवलोकन

  • राजस्थान के रेगिस्तानों में संचालित यह सैन्याभ्यास 14 दिन चलेगा।

  • इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को बढ़ावा देना तथा रेगिस्तानी इलाके में विशेष बलों के आपसी तालमेल, संचालन और पेशेवर कौशल को एक-दूसरे से साझा करना है। 

  • सैन्याभ्यास में आतंकवाद विरोधी, टोह लगाना, धावा बोलना और अन्य विशेष अभियानों को भी शामिल किया गया है।

  • अभ्यास के दौरान दोनों देश उन्नत विशेष बल स्नाइपिंग, कॉम्बेट-फ्री फॉल, टोह लगाने, निगरानी करने, लक्ष्य निर्धारित करने जैसे कौशलों को साझा करने के साथ हथियारों, उपकरणों, नवाचारों, तकनीकों, रणनीतियों और प्रक्रियों सम्बंधी सूचनाओं का आदान-प्रदान भी करेंगे। 

मिस्र के बारे में

  • मिस्र उत्तरी अफ्रीका में स्थित एक देश है I 

  • मिस्र गीज़ा पिरामिड कॉम्प्लेक्स और ग्रेट स्फिंक्स जैसे प्रसिद्ध स्मारकों का घर है। दुनिया के सात अजूबों में से एक गीज़ा के पिरामिड नील नदी के तट पर बने हैं। गीजा का महान पिरामिड 2560 ईसा पूर्व में बनाया गया था।

  • राजधानी - काहिरा

  • राष्ट्रपति - अब्देल फतह अल-सिसी

  • मुद्रा - मिस्री पाउंड

By admin: Jan. 20, 2023

4. कलवारी श्रेणी की पांचवीं पनडुब्बी “वागीर” नौसेना में शामिल

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भारतीय नौसेना के द्वारा 23 जनवरी 2023 को कलवारी श्रेणी की पांचवीं पनडुब्बी "वागीर" के परिचालन की शुरुआत (कमीशन) की जाएगी।

खबर का अवलोकन

  • भारत में कलवारी श्रेणी की 6 पनडुब्बियों का निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) मुंबई द्वारा मैसर्स नेवल ग्रुप, फ्रांस के सहयोग से किया जा रहा है।

  • इस कार्यक्रम में नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे।

  • कलवारी श्रेणी की पहली चार पनडुब्बियों को पहले ही भारतीय नौसेना में शामिल किया जा चुका है।

  • पूर्व में वागीर को 01 नवंबर 1973 को कमीशन किया गया था तथा इसे तीन दशकों की सेवा के बाद 07 जनवरी 2001 को सेवामुक्त किया गया था।

  • दोबारा 'वागीर' पनडुब्बी को 12 नवंबर 20 को लॉन्च किया गया था जिसे अब तक की सभी स्वदेशी निर्मित पनडुब्बियों में सबसे कम निर्माण समय में पूरा होने का गौरव प्राप्त है।

  • इसे मैसर्स एमडीएल ने 20 दिसंबर 2022 को भारतीय नौसेना को सौंप दिया था।

  • यह पानी के नीचे या सतह पर टारपीडो और ट्यूब-लॉन्च एंटी-शिप मिसाइलों के साथ हमला करने में सक्षम है।

  • कलवरी श्रेणी से आने वाली अन्य पांच पनडुब्बियां

  • आईएनएस कलवरी - इसे 27 अक्टूबर, 2015 को लॉन्च किया गया था और 14 दिसंबर, 2017 को इसे नौसेना में शामिल किया गया था I 

  • आईएनएस खंडेरी- इसे 12 जनवरी, 2017 को लॉन्च किया गया था और 28 सितंबर, 2019 को नौसेना में शामिल किया था I 

  • आईएनएस करंज- इसे 31 जनवरी, 2018 को लॉन्च किया गया था और 10 मार्च, 2021 को नौसेना में शामिल किया गया था I 

  • आईएनएस वेला - इसे  6 मई, 2019 को लॉन्च किया गया था और 25 नवंबर, 2021 को नौसेना में शामिल किया गया था I

  • आईएनएस वाग्शीर- इसे अप्रैल 2022 में लॉन्च किया गया था I

By admin: Jan. 19, 2023

5. भारत-रूस संयुक्त उद्यम ने भारत में कलाश्निकोव AK-203 असॉल्ट राइफलों का निर्माण शुरू किया

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भारत-रूस संयुक्त उद्यम द्वारा उत्तर प्रदेश के अमेठी में कलाश्निकोव AK-203 असॉल्ट राइफलों का निर्माण हाल ही में शुरू हो गया है।

खबर का अवलोकन

  • इंडो-रशियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड की भारत में एके-203 राइफलों का 100 प्रतिशत उत्पादन सुनिश्चित करने की योजना है।

  • भविष्य में, कंपनी कलाशनिकोव असॉल्ट राइफल प्लेटफॉर्म पर आधारित उन्नत राइफलों का उत्पादन करने के लिए उत्पादन में वृद्धि कर सकती है और अपनी उत्पादन सुविधाओं का उन्नयन कर सकती है।

  • विश्व प्रसिद्ध ब्रांड AK-200-सीरीज़ की असॉल्ट राइफलों का उत्पादन शुरू करने वाला भारत पहला देश है।

  • उत्तर प्रदेश के अमेठी में कोरवा आयुध निर्माणी द्वारा 7.62 मिमी कलाश्निकोव AK-203 असॉल्ट राइफलों के पहले बैच का उत्पादन किया गया है।

  • भारतीय सेना को डिलीवरी की शुरुआत जल्द ही होने की उम्मीद है।

एके 203 राइफल्स के बारे में

  • AK-203 असॉल्ट राइफल को AK-47 राइफल का लेटेस्ट और सबसे एडवांस वर्जन माना जाता है।

  • यह AK-100 राइफल परिवार का 7.62×39mm संस्करण है।

  • यह वैरिएंट इंडियन स्मॉल आर्म्स सिस्टम (INSAS) 5.56×45mm असॉल्ट राइफलकी जगह लेगा, जिसका उपयोग वर्तमान में सेना, नौसेना और वायु सेना के अलावा अन्य सुरक्षा बलों द्वारा किया जा रहा है।

  • INSAS राइफलें अधिक ऊंचाई पर उपयोग के लिए उपयुक्त नहीं होती हैं। इन राइफल्स में गन जैमिंग, ऑयल लीकेज आदि समस्याएं भी होती हैं।

अन्य भारत-रूस द्विपक्षीय परियोजनाएं

  • T-90 टैंकों और Su-30-MKI वायुयानों का स्वदेशी उत्पादन

  • मिग-29-के विमान और कामोव-31 और एमआई-17 हेलीकाप्टरों की आपूर्ति

  • मिग-29 विमान का उन्नयन और मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर स्मर्च की आपूर्ति

  • भारत में सुपरसोनिक ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलों का विकास और उत्पादन

By admin: Jan. 18, 2023

6. भारतीय सेना ने साइबर खतरा संगोष्ठी सह कार्यशाला सैन्य रणक्षेत्रम् 2.0 का आयोजन किया

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मुख्यालय सेना प्रशिक्षण कमान के तहत भारतीय सेना ने अक्टूबर 2022 से जनवरी 2023 तक हैकथॉन - "सैन्य रणक्षेत्रम् 2.0" के दूसरे संस्करण का आयोजन किया।

  • "सैन्य रणक्षेत्रम् 2.0" का उद्देश्य इस क्षेत्र में स्वदेशी प्रतिभा की पहचान करने और साइबर प्रतिरोध, सुरक्षा सॉफ्टवेयर कोडिंग, इलेक्ट्रो मैग्नेटिक स्पेक्ट्रम परिचालन (ईएमएसओ) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस/मशीन लर्निंग (एआई/एमएल) के क्षेत्र में प्रशिक्षण के स्तर को ऊपर उठाना था।

  • इस साइबर खतरा संगोष्ठी सह कार्यशाला को चार उप-कार्यक्रमों के तहत आयोजित किया गया। इसमें निम्नलिखित गतिविधियां शामिल है: -

  • सुरक्षित सॉफ्टवेयर कोडिंग -इसका उद्देश्य सॉफ्टवेयर प्रोग्रामों को सुरक्षित करने और सॉफ्टवेयर कोड में साइबर सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने में सक्षम प्रतिभा की पहचान करने के लिए शिक्षाविदों के साथ जुड़ना था।

  • ईएसएमओ: वाई-फाई 6 के लिए अनुकूलित भारतीय सेना विशिष्ट स्टैक - इस उप-कार्यक्रम का उद्देश्य सुरक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए सुरक्षित वाई-फाई स्टैक के भारतीय सेना के विशिष्ट संस्करण को लागू करने के संबंध में एक समाधान का पता लगाना था।

  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस/मशीन लर्निंग - इस उप-कार्यक्रम ने बहुभाषी रेडियो ट्रांसमिशनों के रूपांतरण और डिक्रिप्शन (विकोडन) को संबोधित करने के लिए एक एआई स्टैक बनाने में सहायता की।

साइबर निवारण: कैप्चर द फ्लैग (सीटीएफ) - मौजूदा साइबर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रतिभा की पहचान करने के लिए यह सात चरणों वाली साइबर सुरक्षा शोषण चुनौती थी।


By admin: Jan. 17, 2023

7. द्विपक्षीय नौसेना अभ्यास 'वरुण' - 2023 के 21वें संस्करण का आयोजन

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21st edition of bilateral naval exercise 'Varuna

16 जनवरी 2023 को, भारत और फ्रांस के बीच द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास "वरुण" का 21वां संस्करण पश्चिमी समुद्री तट पर शुरू हुआ।

  • यह अभ्यास 16 से 20 जनवरी 2023 तक पांच दिनों के लिए आयोजित किया जाएगा ।

  • अभ्यास के वर्तमान संस्करण में भारतीय नौसेना के स्वदेशी गाइडेड मिसाइल स्टेल्थ डिस्ट्रॉयर जहाज आईएनएस चेन्नई, गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट आईएनएस तेग नौका, समुद्री गश्ती विमान पी-8आई और डोर्नियर, इंटीग्रल हेलीकॉप्टर तथा मिग29 शामिल होंगे।

  • फ्रांसीसी नौसेना का प्रतिनिधित्व विमानवाहक पोत चार्ल्स डी गॉल, एफएस फोर्बिन और प्रोवेंस नौका, सहयोगी जहाज एफएस मार्ने तथा समुद्री गश्ती विमान अटलांटिक द्वारा किया जाएगा।

  • अभ्यास के दौरान उन्नत वायु रक्षा अभ्यास, सामरिक युद्धाभ्यास, सतह पर फायरिंग, रिप्लेनिशमेंट और अन्य समुद्री परिचालन गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।

  • भारत और फ्रांस की नौसेनाओं के बीच द्विपक्षीय अभ्यास की शुरुआत वर्ष 1993 में की गयी थी, इसे साल 2001 में 'वरुण' नाम दिया गया था।

  • भारत और फ्रांस के मध्य तीन द्विवार्षिक प्रशिक्षण अभ्यास आयोजित किए जाते है -

  • गरुण - भारतीय वायु सेना (IAF) और फ्रांसीसी वायु और अंतरिक्ष बल (FASF) के बीच अभ्यास गरुड़ VII नवंबर 2022 में वायु सेना स्टेशन जोधपुर में आयोजित किया गया था।

  • वरुण - भारतीय नौसेना और फ्रांसीसी नौसेना के बीच 'वरुण' नामक द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास का 20वां संस्करण 30 मार्च से 03 अप्रैल, 2022 तक अरब सागर में आयोजित किया गया था।

शक्ति - भारत और फ्रांस की सेनाओं के बीच द्विवार्षिक प्रशिक्षण अभ्यास 'युद्धभ्यास शक्ति 2021' का छठा संस्करण 15-26 नवंबर, 2021 के बीच फ्रेजस, फ्रांस में आयोजित किया गया था।

By admin: Jan. 16, 2023

8. राजनाथ सिंह ने 'सोल ऑफ स्टील' अल्पाइन चैलेंज लॉन्च किया

Tags: Defence National News

 Soul of Steel

सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 14 जनवरी को "सोल ऑफ स्टील" अल्पाइन चैलेंज का शुभारंभ किया।

खबर का अवलोकन

  • भारतीय सेना और CLAW के संयुक्त अभियान के तहत राजनाथ सिंह ने 460 किलोमीटर लंबी कार रैली 'रोड टू द एंड' को भी झंडी दिखाकर रवाना किया।

  • रैली अगले तीन दिनों में चमोली जिले के नीती गांव के पास गढ़वाल हिमालय में अपने गंतव्य तक पहुंचेगी।

  • CLAW, पर्वतारोहण, स्काइडाइविंग, SCUBA डाइविंग, निहत्थे युद्ध, बहु-इलाके में जीवित रहने की तकनीक और आपातकालीन चिकित्सा प्रतिक्रिया में कई विशेषज्ञता वाले भारतीय विशेष बल के दिग्गजों की एक टीम चुनौती का नेतृत्व करेगी।

'सोल ऑफ स्टील' चैलेंज के बारे में

  • यह किसी व्यक्ति के उच्च ऊंचाई वाले धीरज का परीक्षण करेगा और शुरुआत में 18 से 30 वर्ष की आयु के बीच 12 भारतीय प्रतिभागियों और छह अंतरराष्ट्रीय टीमों को शामिल करेगा।

  • यह चुनौती तीन महीने तक चलेगी।

  • इसका आयोजन CLAW ग्लोबल द्वारा किया जा रहा है, जो दिग्गजों की एक समूह है।

  • एडवेंचर चैलेंज को भारतीय सेना सपोर्ट कर रही है।

  • यह 'आयरनमैन ट्रायथलॉन' की तर्ज पर आधारित है, जो यूरोप में आयोजित एक लंबी दूरी की ट्रायथलॉन है जो किसी व्यक्ति की शारीरिक क्षमताओं का परीक्षण करती है।

  • इस पहल का उद्देश्य जीवन कौशल प्रशिक्षण और युवा विकास को सक्षम बनाना है।

  • इससे उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन के वैश्विक प्रचार को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

By admin: Jan. 13, 2023

9. एफपीवी श्रृंखला का अंतिम पोत, आईसीजी जहाज 'कमला देवी' कमीशन किया गया

Tags: Defence National News


पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में फास्ट पेट्रोल वेसल (एफपीवी) आईसीजी जहाज 'कमला देवी' को 12 जनवरी को कमीशन किया गया। 

खबर का अवलोकन

  • यह तेज गश्ती पोत (एफपीवी) भारतीय तट रक्षक को गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) लिमिटेड द्वारा डिजाइन, निर्मित और वितरित किया गया।

  • गुयाना गणराज्य के लिए शिपयार्ड द्वारा निर्मित एक पैसेंजर-कम-कार्गो ओशन गोइंग फेरी 'एमवी मा लिशा' को भी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।

  • यह किसी रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के शिपयार्ड द्वारा लैटिन अमेरिकी देश को निर्यात के लिए बनाया गया पहला ऐसा जहाज है।

आईसीजी कमला देवी के बारे में

  • आईसीजी कमला देवी 308 टन के विस्थापन के साथ 48.9 मीटर लंबी और 7.5 मीटर चौड़ी है।

  • यह तीन इंजन और पानी के जेट के साथ, 34 समुद्री मील की शीर्ष गति और 1,500 समुद्री मील से अधिक सहन करने में सक्षम है।

  • इसके पास एक एकीकृत ब्रिज सिस्टम भी है और मुख्य आयुध के रूप में 40/60 बंदूक से सुसज्जित है।

  • जहाज में 35 कर्मियों के लिए पूरी तरह से वातानुकूलित आवास के साथ रहने योग्य उन्नत सुविधाएँ हैं।

  • ICGS कमला देवी समुद्र में गश्त करेगी और आवश्यकता पड़ने पर तस्करी, अवैध शिकार और खोज और बचाव अभियान चलाएगी।

'एमवी मा लिशा' के बारे में 

  • यह जीआरएसई द्वारा डिजाइन और निर्मित किया गया है और इसे चेन्नई में गुयाना की लंबी यात्रा के लिए एक अर्ध-पनडुब्बी पोत एमवी सन राइज पर रखा जाएगा।

  • जहाज को 15 जून, 2022 को लॉन्च किया गया था और छह महीने के भीतर, जीआरएसई ने 16 दिसंबर को जहाज की 'तकनीकी स्वीकृति' हासिल कर ली थी।

  • 1,700 टन के विस्थापन के साथ 70 मीटर लंबा यह पोत दो डीजल इंजनों द्वारा चलाया जाता है और 15 समुद्री मील की अधिकतम गति प्राप्त कर सकता है।

  • जहाज में 14 कारों, दो ट्रकों और 14 कंटेनरों और कार्गो के साथ 14 चालक दल के सदस्यों सहित 294 यात्री बैठ सकते हैं।


By admin: Jan. 11, 2023

10. ओडिशा के चांदीपुर में किया गया पृथ्वी-2 का सफल ट्रेनिंग लॉन्च

Tags: Defence Science and Technology


10 जनवरी 2023 को ओडिशा तट पर चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज से पृथ्वी-2 का सफल ट्रेनिंग लांच किया गया।

  • पृथ्वी-II एक स्वदेश में विकसित सतह-से-सतह पर मार करने वाली शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (SRBM) है, 

  • इसकी रेंज लगभग 250-350 किमी है और यह एक टन पेलोड ले जा सकती है ।  

  • पृथ्वी-II वर्ग एक एकल-चरण तरल-ईंधन वाली मिसाइल है, जिसमें 500-1000 किग्रा. की वारहेड माउंटिंग क्षमता है। 

  • यह मिसाइल प्रणाली बहुत उच्च स्तर की सटीकता के साथ लक्ष्य भेदने में सक्षम है। 

  • अत्याधुनिक मिसाइल अपने लक्ष्य को भेदने के लिये कुशल प्रक्षेपवक्र के साथ एक उन्नत जड़त्वीय मार्गदर्शन प्रणाली का उपयोग करती है। 

  • इसे शुरू में भारतीय वायुसेना के लिये प्राथमिक उपयोगकर्त्ता के रूप में विकसित किया गया था और बाद में इसे भारतीय सेना में भी शामिल किया गया था। 

  • जबकि मिसाइल को 2003 में पहली बार भारत के सामरिक बल कमान में शामिल किया गया था, यह IGMDP के तहत विकसित पहली मिसाइल थी। 

IGMDP के तहत विकसित पाँच मिसाइलें 

  • इस कार्यक्रम के तहत विकसित 5 मिसाइलें (P-A-T-N-A) हैं: 

  • पृथ्वी: सतह-से-सतह पर मार करने में सक्षम कम दूरी वाली बैलिस्टिक मिसाइल। 

  • अग्नि: सतह-से-सतह पर मार करने में सक्षम मध्यम दूरी वाली बैलिस्टिक मिसाइल, यानी अग्नि (1,2,3,4,5)। 

  • त्रिशूल: सतह से आकाश में मार करने में सक्षम कम दूरी वाली मिसाइल। 

  • नाग: तीसरी पीढ़ी की टैंक भेदी मिसाइल। 

  • आकाश: सतह से आकाश में मार करने में सक्षम मध्यम दूरी वाली मिसाइल।


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