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By admin: April 28, 2022

1. कैबिनेट ने लिथुआनिया में भारतीय मिशन खोलने को मंजूरी दी

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प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2022 में लिथुआनिया में एक नए भारतीय मिशन को खोलने की मंजूरी दी है।

  • यह भारत के राजनयिक पदचिह्न का विस्तार करने, राजनीतिक संबंधों और रणनीतिक सहयोग को गहरा करने, द्विपक्षीय व्यापार, निवेश और आर्थिक जुड़ाव के विकास को सक्षम करने में मदद करेगा।

  • यह लोगों से लोगों के बीच मजबूत संपर्क की सुविधा प्रदान करेगा, बहुपक्षीय मंचों में अधिक निरंतर राजनीतिक पहुंच की अनुमति देगा और भारत की विदेश नीति के उद्देश्यों के लिए समर्थन जुटाने में मदद करेगा।

  • लिथुआनिया में भारतीय मिशन भारतीय समुदाय की बेहतर सहायता करेगा और उनके हितों की रक्षा करेगा।

  • आत्मनिर्भर भारत के हमारे लक्ष्य के अनुरूप घरेलू उत्पादन और रोजगार को बढ़ाने में इसका सीधा प्रभाव पड़ेगा।

  • भारत - लिथुआनिया

  • भारत ने 7 सितंबर 1991 को तत्कालीन यूएसएसआर द्वारा उनकी स्वतंत्रता की स्वीकृति के बाद लिथुआनिया (लातविया और एस्टोनिया के अन्य बाल्टिक राज्यों के साथ) को मान्यता दी।

  • 25 फरवरी 1992 को लिथुआनिया के साथ भारत के राजनयिक संबंध स्थापित किए गए।

  • लिथुआनियाई भाषा, जो सबसे पुरानी जीवित इंडो-यूरोपीय भाषा है, में संस्कृत के साथ काफी समानताएं हैं, इसलिए यह भारत के साथ प्राचीन संबंधों को दर्शाता है।

By admin: April 18, 2022

2. मॉरीशस के प्रधानमंत्री की भारत यात्रा

Tags: International Relations

मॉरीशस के प्रधान मंत्री, प्रविंद कुमार जगन्नाथ आठ दिवसीय भारत यात्रा पर मुंबई पहुंचे।

श्री जगन्नाथ के साथ उनकी पत्नी कोबीता जगन्नाथ और एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आया है।

वह दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने के उद्देश्य के साथ भारत यात्रा पर आए हैं।

वह गुजरात के जामनगर में ग्लोबल सेंटर ऑप ट्रेडिशनल मेडिसिन के उद्घायन कार्यक्रम में शामिल होंगे। 

इसके बाद 20 अप्रैल को वह राजकोट में ग्लोबल आयुष इन्वेस्टमेंट एंड इनोवेशन शिखर सम्मेलन में भी शिरकत करेंगे।

भारत और मॉरीशस के बीच द्विपक्षीय संबंध

–हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की भू-रणनीतिक नीतियों के लिए भारत-मॉरीशस संबंध काफी महत्वपूर्ण है।

–भारत और मॉरीशस ने संयुक्त रूप से मॉरीशस में भारत-सहायता प्राप्त सामाजिक आवास इकाइयों की परियोजना का उद्घाटन किया।

–दोनों देशों ने 100 मिलियन अमरीकी डालर के रक्षा ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए

–2019 में, मॉरीशस के मुख्य आयात भागीदार भारत (13.85%), चीन (16.69%), दक्षिण अफ्रीका (8.07%), और संयुक्त अरब अमीरात (7.28%) थे।

–भारत 2007 से मॉरीशस को माल और सेवाओं का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार और निर्यातक रहा है।

–मॉरीशस को भारत का निर्यात बड़े पैमाने पर पेट्रोलियम उत्पादों का है।


By admin: April 12, 2022

3. प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बिडेन ने वर्चुअल समिट किया

Tags: Russia-Ukraine International Relations

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच 2 + 2 संवाद से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन के साथ 11 अप्रैल 2022 को एक आभासी शिखर बैठक की।

इनके मध्य यूक्रेन और रूस की वर्तमान स्थिति उनकी चर्चा का मुख्य एजेंडा था। क्वाड देशों के समूह में केवल भारत ने रूस की निंदा नहीं की है और न ही कोई प्रतिबंध लगाया है। अन्य क्वाड सदस्यों जैसे अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान ने यूक्रेन पर हमले के लिए रूस पर प्रतिबंध लगाए हैं।

  • संयुक्त राज्य अमेरिका चाहता है कि भारत यूक्रेन पर हमले के लिए रूस की निंदा करे, रूसी कंपनियों से कोई तेल न खरीदे, और यूक्रेन के विरुद्ध युद्ध रोकने के लिए रूसी राष्ट्रपति पुतिन पर दबाव डाले।

  • भारत के रूस के साथ बहुत करीबी संबंध रहे हैं और इसके लगभग 60 से 70% रक्षा उपकरण रूसी मूल के हैं। रूस ने अतीत में भी कश्मीर जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों और पाकिस्तान के विरुद्ध भारत का समर्थन किया है।

  • भारत ने अब तक संयुक्त राष्ट्र में रूस विरोधी हर प्रस्ताव से परहेज किया है और इस मुद्दे पर तटस्थ रहा है।

  • राष्ट्रपति बिडेन ने यूक्रेन के लोगों के लिए भारत के मानवीय समर्थन का स्वागत किया और रूसी आक्रमण को "भयानक हमला" कहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत "रूसी युद्ध के अस्थिर प्रभावों का प्रबंधन करने के तरीके पर निकट परामर्श" जारी करने जा रहे हैं।

  • प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन को भारत द्वारा दी जाने वाली मानवीय सहायता पर प्रकाश डाला और यूक्रेन के बुचा शहर में रूसी सैनिकों द्वारा कथित तौर पर नागरिकों की हत्या की निंदा की है।

By admin: March 25, 2022

4. ओआईसी के 48वीं विदेश मंत्रियों की परिषद इस्लामाबाद में आयोजित

Tags: International Relations

इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के विदेश मंत्रियों की परिषद (सीएफएम) की 48वीं बैठक 22 से 23 मार्च तक इस्लामाबाद में आयोजित की गई। यह सत्र पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस की 75 वीं वर्षगांठ समारोह के साथ मेल खाता है। 

  • सम्मेलन का विषय था: "एकता, न्याय और विकास के लिए साझेदारी बनाना।"

  • पाकिस्तान के प्रधान मंत्री, इमरान खान ने सम्मेलन में कश्मीर का मुद्दा उठाते हुए कहा कि 57 सदस्यीय निकाय बिल्कुल भी प्रभाव नहीं डाल पाया है क्योंकि यह आपस में विभाजित (विभाजित सदन) है।

  • चीन, हालांकि ओआईसी का सदस्य नहीं था, उसका प्रतिनिधित्व उसके विदेश मंत्री वांग यी ने किया था जिन्होंने कश्मीर पर पाकिस्तान के रुख का समर्थन किया था।

  • भारत ने सम्मेलन के बाद जारी ओआईसी घोषणा में कश्मीर के संदर्भ को खारिज करते हुए कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है।

इस्लामिक देशों का संगठन (ओआईसी) 

इस्लामिक सम्मेलन का संगठन सितंबर 1969 में रबात, मोरक्को में आयोजित पहले इस्लामी शिखर सम्मेलन द्वारा स्थापित किया गया था।

  • यह विश्व में मुसलमानों के हितों की रक्षा के लिए स्थापित किया गया था।

  • कुल सदस्य : 57 देश

  • मुख्यालय: जेद्दा, सऊदी अरब

  • भारत, जिसकी इंडोनेशियाई और पाकिस्तान के बाद विश्व में तीसरी सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी है, ओआईसी का सदस्य नहीं है।

By admin: March 1, 2022

5. भारत ने यूक्रेन से भारतीयों को स्वदेश वापसी हेतु तेज किए प्रयास

Tags: International Relations

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में भारत सरकार ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को सुरक्षित घर वापस लाने के लिए कई प्रयासों की घोषणा की है।

सरकार राहत उपायों के समन्वय के लिए अपने चार कैबिनेट मंत्रियों को यूक्रेन के चार पड़ोसी देशों में  विशेष दूत के रूप में भेजेगी।

  • नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया रोमानिया और मोल्दोवा की यात्रा करेंगे। 

  • कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू, स्लोवाकिया की यात्रा करेंगे।
    पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री और आवास व शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी, हंगरी की यात्रा करेंगे।

  • सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय में राज्य मंत्री जनरल वी. के. सिंह (सेवानिवृत्त) पोलैंड की यात्रा करेंगे।

विदेश मंत्रालय यूक्रेन में फसे लोगों के मदद के लिए हेल्पलाइन चला रहा है, और भारतीय अधिकारी पोलैंड, हंगरी, स्लोवाकिया, रोमानिया और मोल्दोवा में सीमा चौकियों पर तैनात हैं। लेकिन इन चौकियों पर, विशेष रूप से पोलैंड-यूक्रेन सीमा पर, भीड़भाड़ के कारण लोगों में संघर्ष हों रहा है। यूक्रेन से पोलैंड जाने वाली सीमा पर लोगों की लम्बी कतार लगी हुई है, जिसके कारण लोगों कोे  दो या तीन दिनों तक काफी ठंड में इंतजार करना पड़ रहा  है।

इस सन्दर्भ में उस देश में उपस्थित मंत्री कागजी कार्रवाई में मदद करेंगे जिससे निकास प्रक्रिया में तेजी आएगी।

प्रधान मंत्री ने यह भी कहा कि पड़ोसी देशों और विकासशील देशों के जो भी नागरिक यूक्रेन छोड़ना चाहते हैं, उन्हें यूक्रेन छोड़ने में भारत द्वारा मदद की जाएगी।

भारत में यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा के अनुरोध पर भारत सरकार यूक्रेन की सीमाओं पर दवाई सहित राहत सामग्री की पहली खेप भेजेगी।

भारत सरकार के अनुसार 24 फरवरी 2022 को रूसी आक्रमण से पहले लगभग 8000 भारतीय यूक्रेन छोड़ चुके थे। यूक्रेन में अभी भी 12,000 भारतीय हैं। वे मुख्य रूप से मेडिकल छात्र हैं जो चिकित्सा का अध्ययन करने के लिए यूक्रेन गए थे।

प्रधान मंत्री ने स्लोवाकिया के प्रधान मंत्री श्री एडुआर्ड हेगर और रोमानिया के प्रधान मंत्री श्री निकोले-इओनेल सियुसी से भी बात की और धन्यवाद दिया।

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