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By admin: Feb. 27, 2023

1. आईएएफ ने विकसित किया स्वदेशी डेटा लिंक संचार: वायुलिंक

Tags: Defence Science and Technology


भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने एक उपलब्धि के तौर पर स्वदेश निर्मित जैमर-प्रूफ कम्युनिकेशन प्लेटफॉर्म 'वायुलिंक' का शुभारंभ किया है। यह खराब मौसम में भी बेस स्टेशन के साथ संपर्क बनाये रखने में सहायक होगा। 

खबर का अवलोकन

  • यह आईएएफ द्वारा विकसित किया एक बेहद सुरक्षित कम्युनिकेशन सिस्टम है।

  • एयरो इंडिया 2023 में, आईएएफ ने इसके सन्दर्भ में जानकारी दी है और अपने इस वायलिंक प्लेटफार्म के बारें में विस्तृत जानकारी हेतु एक गैलरी का भी आयोजन किया।

प्लेटफॉर्म वायुलिंक: 

  • वायुलिंक एक एड-हॉक डेटा लिंक कम्युनिकेशन सिस्टम है, जो एक विमान में स्थापित होने पर, सुरक्षित चैनल पर एन्क्रिप्टेड ट्रैफ़िक डेटा के साथ-साथ अन्य विमानों की स्थिति को बताने में मदद करता है। 

  • जैमर-प्रूफ प्लेटफॉर्म 'वायुलिंक' डेटा लिंक संचार भारतीय क्षेत्रीय नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (आईआरएनएसएस) का उपयोग करता है, जिसे नाविक भी कहा जाता है।

 वायुलिंक से होने वाले लाभ: 

  • इस प्लेटफॉर्म से कमजोर सिग्नल की स्थिति में भी आधार स्टेशन पर रेडियो संचार भेजा जा सकता है। 

  • यह सिस्टम आईएएफ के लिए काफी सहायक है। क्योंकि युद्ध की स्थिति के दौरान जब विमान किसी मित्र सेना के करीब उड़ान भर रहे होते हैं, तो यह सिस्टम विमान की वास्तविक स्थिति को बताने में सहायक होता है।  

  • इससे पायलटों को मौसम के बारे में सही और सटीक जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलती है। विशेष रूप से यह पहाड़ियों के ऊपर उड़ान भर रहे विमानों को भी सही संचार प्रदान करने में मदद करता है।    

  • यह युद्ध की स्थिति में फ्रेट्रिकाइड को रोकने में मदद करता है। साथ ही यह पता करने में मदद करता है की हमारी थल सेना कहां मौजूद है। 

  • इसके द्वारा फाइटर विमानों की आपसी टक्कर को भी रोका जा सकता है। जो एक सटीक टीमिंग सिस्टम सर्विस प्रदान करती है। यह रियल टाइम लक्ष्यों को निर्धारित करने में भी मदद करती है जिसकी सहायता  से कई टीमें एक साथ मिलकर लक्ष्य पर हमला कर सकती है।

  • स्वदेशी जैमर-प्रूफ कम्युनिकेशन प्लेटफॉर्म 'वायुलिंक' देश की तीनों सेनाओं के लिए सहायक है।


By admin: Feb. 27, 2023

2. चीन ने लॉन्च किया झोंगशिंग-26 उपग्रह

Tags: Science and Technology International News


चीन ने फरवरी 2023 में 333 मिलियन डालर की लागत से झोंगशिंग-26 उपग्रह का प्रक्षेपण किया है। 

खबर का अवलोकन

  • झोंगशिंग-26 उपग्रह को लॉन्ग मार्च 3बी रॉकेट से लॉन्च किया गया था। इस उपग्रह का मुख्य उद्देश्य विमानन और जहाज संबंधी कार्यों के लिए ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करना है।

  • झोंगशिंग-26 को चाइना एकेडमी ऑफ स्पेस टेक्नोलॉजी (सीएएसटी) द्वारा लॉन्च किया गया था। सीएएसटी 2023 में 60 और लॉन्च करने की योजना बनाया है।

  • रॉकेट तीसरे चरण में तरल हाइड्रोजन और तरल ऑक्सीजन ईंधन का उपयोग करता है। तरल रॉकेट ईंधन को अपने रूप में बने रहने के लिए नियंत्रित तापमान की आवश्यकता होती है।

  • चीन आने वाले समय में अपने 60 मिशनों में 200 से अधिक अंतरिक्ष यान लॉन्च करने वाला है।

  • चीन 2023 के अंत तक एक कार्गो क्राफ्ट तियानझोउ-6 लांच करने की योजना है।

  • साथ ही अपने तियांगोंग स्पेस स्टेशन को मजबूत करने के लिए शेनझोउ-16 और शेनझोउ-17 जैसे क्रू मिशन को लॉन्च की योजना है।


By admin: Feb. 25, 2023

3. आईएसएस पर फंसे 3 अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाने के लिए रूसी अंतरिक्ष एजेंसी ने सोयुज अंतरिक्ष यान लॉन्च किया

Tags: Science and Technology International News

हाल ही में रूसी अंतरिक्ष एजेंसी, रोस्कोस्मोस ने अपने सोयुज कैप्सूल में कूलिंग सिस्टम में रिसाव के बाद अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) में फंसे तीन अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाने के लिए सोयुज अंतरिक्ष यान को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है।

खबर का अवलोकन 

  • दो रूसी और एक अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी पर लौटने के लिए खाली सोयुज अंतरिक्ष यान में सवार होंगे।

  • सोयूज एमएस-23 पोत को कजाकिस्तान के बैकोनूर अंतरिक्ष केंद्र से भेजा गया और इसे कक्षा में स्थापित कर दिया गया है।

  • रूसी कॉस्मोनॉट्स सर्गेई प्रोकोपयेव और दिमित्री पेटेलिन के साथ अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री फ्रांसिस्को रुबियो अपने मिशन को समाप्त करने के बाद पृथ्वी पर वापस लौटने वाले थे।  

  • किन्तु दो महीने पहले उनके सोयूज एमएस-22 कैप्सूल के कूलिंग सिस्टम में रिसाव के कारण वे अंतरिक्ष में ही अटक गए थे। 

  • रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस के अनुसार तीनों सोयुज एमएस-23 यान से सितंबर में पृथ्वी पर लौटेंगे।

  • MS-22 अंतरिक्ष यान पर रिसाव एक माइक्रो-मेटेरॉइड के छोटे से टुकड़े के कैप्सूल से टकराने के कारण हुआ है। 

अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के बारे में

  • यह एक बहु-राष्ट्र निर्माण परियोजना है जो मानव द्वारा अंतरिक्ष में अब तक की सबसे बड़ी एकल संरचना है।

  • इसका मुख्य निर्माण 1998 और 2011 के बीच पूरा हुआ था।

  • यह एक राष्ट्र के स्वामित्व में नहीं है और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के अनुसार यूरोप, संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, कनाडा और जापान के बीच एक "सहकारी कार्यक्रम" है।

  • मई 2022 तक, 20 देशों के 258 व्यक्तियों ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का दौरा किया है।

  • शीर्ष भाग लेने वाले देशों में संयुक्त राज्य अमेरिका (158 लोग) और रूस (54 लोग) शामिल हैं।

By admin: Feb. 23, 2023

4. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने एचडी-3385 नामक गेहूं की नई किस्म विकसित की

Tags: Science and Technology National News

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने गेहूं की एक नई किस्म 'एचडी-3385' विकसित की है।  

खबर का अवलोकन 

  • यह मौसम में बदलाव और बढ़ती गर्मी के कारण उत्पन्न होने वाली चुनौतियों का सामना करने में सक्षम है। 

  • यह नई किस्म जल्दी बुवाई के लिए अनुकूल है। यह गर्मी के प्रकोप से बची रह सकती है और इसकी फसल को मार्च महीना समाप्त होने से पहले काटा जा सकता है। 

  • केंद्र सरकार ने तापमान में वृद्धि से उत्पन्न स्थिति और वर्तमान गेहूं की फसल पर इसके प्रभाव की निगरानी के लिए हाल ही में एक समिति गठित करने की घोषणा थी।

  • आईसीएआर ने एचडी-3385 को पौध किस्मों और किसानों के अधिकार प्राधिकरण (PPVFRA) के संरक्षण के साथ पंजीकृत किया है।

  • आईसीएआर ने डीसीएम श्रीराम लिमिटेड के स्वामित्व वाली बायोसीड को बहु-स्थान परीक्षण और बीज गुणन करने के लिए लाइसेंस भी दिया है।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के बारे में

  • यह एक स्वायत्त निकाय है जिसे पहले इंपीरियल काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च के नाम से जाना जाता था।

  • मुख्यालय - नई दिल्ली

  • स्थापना - 1929

  • केंद्रीय कृषि मंत्री इसके अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हैं। वर्तमान में इसके अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर हैं।

  • आईसीएआर दुनिया में कृषि अनुसंधान और शिक्षा संस्थानों का सबसे बड़ा नेटवर्क है।

By admin: Feb. 22, 2023

5. भारत का पहला हाइब्रिड रॉकेट चेंगलपट्टू में लॉन्च किया गया

Tags: Science and Technology

19 फरवरी को चेंगलपट्टू के पट्टीपुलम गांव तमिलनाडु से डॉ एपीजे अब्दुल कलाम सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल मिशन 2023 के हिस्से के रूप में विभिन्न राज्यों के स्कूली छात्रों द्वारा बनाया गया भारत का पहला हाइब्रिड रॉकेट लॉन्च किया गया।

खबर का अवलोकन

  • पुन: प्रयोज्य रॉकेट को चयनित शीर्ष 100 छात्रों द्वारा बनाया गया है।

  • रॉकेट का उपयोग मौसम, वायुमंडलीय स्थितियों और विकिरणों में अनुसंधान के लिए किया जा सकता है। 

  • तमिलनाडु और पुडुचेरी में मछुआरों, आदिवासी समुदाय के छात्रों सहित छठी से बारहवीं कक्षा के 3,500 से अधिक सरकारी स्कूल के छात्रों ने इस लॉन्च में भाग लिया।

  • डॉ एपीजे अब्दुल कलाम इंटरनेशनल फाउंडेशन और स्पेस जोन इंडिया के सहयोग से मार्टिन फाउंडेशन ने डॉ एपीजे अब्दुल कलाम सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल मिशन 2023 को सफलतापूर्वक पूरा किया।

हाइब्रिड रॉकेट क्या है?

  • यह एक द्विप्रणोदक रॉकेट इंजन है जो प्रणोदकों का उपयोग करता है जो दो अलग-अलग अवस्थाओं में होते हैं। 

  • ये प्रणोदक आमतौर पर तरल और ठोस होते हैं जो प्रतिक्रिया करने पर रॉकेट प्रणोदन के लिए उपयुक्त निकास गैसों का निर्माण करते हैं।

भारत का पहला निजी तौर पर विकसित रॉकेट विक्रम-एस

  • भारत का पहला निजी रॉकेट विक्रम-एस (सबऑर्बिटल) 18 नवंबर 2022 को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था।

  • इसे अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस द्वारा देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक विक्रम साराभाई को श्रद्धांजलि के रूप में डिजाइन किया गया था।

By admin: Feb. 20, 2023

6. अंटार्कटिका में समुद्री बर्फ का आवरण सबसे निचले स्तर पर पहुंचा

Tags: Science and Technology


वैज्ञानिकों द्वारा किए गए अध्ययन में बताया गया है कि बर्फ से ढका अंटार्कटिक महासागर का इलाका रिकॉर्ड निचले स्तर तक सिकुड़ गया है।

खबर का अवलोकन

  • संयुक्त राज्य में नेशनल स्नो एंड आइस डेटा सेंटर के अनुसार पिछले हफ्ते अंटार्कटिका की समुद्री बर्फ की सीमा 22 लाख वर्ग किलोमीटर दर्ज की गई, जो पिछले रिकॉर्ड 24 फरवरी 2022 के अनुसार 22.7 लाख वर्ग किलोमीटर से नीचे गिर गई है।

  • 1979 में रिकॉर्ड शुरू होने के बाद से सबसे कम है।

  • वैज्ञानिकों के अनुसार यह लगातार दूसरा साल है जब एक दिन में 20 लाख वर्ग किमी तक बर्फ पिघल चुकी है।  

  • पृथ्वी का सबसे सर्द इलाका, अंटार्कटिका का 99 प्रतिशत हिस्सा बर्फ से ढंका है।

  • यहां बर्फ की करीब दो मोटी परत जमी है. लेकिन अब ये बर्फ तेजी से पिघल रही है।

  • वैज्ञानिकों के अनुसार गर्म हवाओं की वजह से बर्फ तेजी से पिघल रही है, इस साल गर्म हवाओं का तापमान औसत से 1.5 डिग्री ज्यादा रहा है। 

अंटार्कटिका के बारे में

  • यह सबसे दक्षिणी महाद्वीप और पृथ्वी पर पांचवां सबसे बड़ा महाद्वीप है।

  • वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए भारत सहित कई देशों द्वारा स्थापित लगभग 40 स्थायी स्टेशनों को छोड़कर अंटार्कटिका निर्जन है।

  • अंटार्कटिक महाद्वीप पर भारत के दो शोध केंद्र हैं- 'मैत्री' और 'भारती'।

  • भारत अब तक अंटार्कटिक कार्यक्रम के तहत यहां 40 वैज्ञानिक अभियान पूरे कर चुका है।

By admin: Feb. 20, 2023

7. भारत के चंद्र मिशन चंद्रयान-3 ने एक और उपलब्धि हासिल की

Tags: Science and Technology National News

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 19 फरवरी को कहा कि 'चंद्रयान -3' लैंडर ने यू आर राव सैटेलाइट सेंटर में इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक इंटरफेरेंस/इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक कम्पैटिबिलिटी (EMI/EMC) टेस्ट "सफलतापूर्वक" किया है।

खबर का अवलोकन

  • अंतरिक्ष में उपग्रह उप-प्रणालियों की कार्यक्षमता और अपेक्षित विद्युत चुम्बकीय स्तरों के साथ उनकी अनुकूलता सुनिश्चित करने के लिए उपग्रह मिशनों के लिए ईएमआई-ईएमसी परीक्षण आयोजित किया जाता है।

  • इस परीक्षण का उद्देश्‍य यह सुनिश्चित करना है कि अंतरिक्ष में उपग्रह की प्रणालियां संभावित विद्युत चुंबकीय स्‍तरों के साथ मिलकर समुचित तरीके से काम करें।

  • यह परीक्षण उपग्रहों को तैयार करने में यह एक महत्‍वपूर्ण कदम है।


  • यह परीक्षण 31 जनवरी और 2 फरवरी के बीच बैंगलुरू के यू आर रॉव उपग्रह केन्‍द्र में किया गया।

  • इस परीक्षण के दौरान चंद्रयान के लैंडिंग मिशन के बाद के चरण से संबंधित कई बिंदुओं की जाँच की गई। 

  • इनमें प्रक्षेपण योग्‍यता, रेडियो फ्रिक्‍वेंसी प्रणालियों के लिए एंटीना के ध्रुवीकरण और लैंडर तथा रोवर की अनुकूलता सहित अनेक परीक्षण शामिल हैं। 

  • परीक्षण के दौरान सभी प्रणालियों का प्रदर्शन संतोषजनक रहा।

  • इस अभियान की जटिलता का संबंध इन मॉडयूल के बीच रेडियो फ्रिक्‍वेंसी संचार संपर्क स्‍थापित करने से है।

By admin: Feb. 14, 2023

8. सऊदी अरब इस साल अपनी पहली महिला अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में भेजेगा

Tags: Science and Technology International News

Saudi Arabia's first female astronaut

सऊदी अरब की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री इस साल अंतरिक्ष में जा रही हैं, इसे सऊदी अरब की अति-रूढ़िवादी छवि को सुधारने के लिए  उठाए गए कदम के रूप में देखा जा रहा है।

खबर का अवलोकन 

  • सऊदी महिला अंतरिक्ष यात्री रेयना बरनावी इस साल अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के 10 दिवसीय मिशन पर सऊदी अली अल-कर्नी के साथ शामिल होंगी।

  • बरनावी और अल-कर्नी अमेरिकी निजी तौर पर वित्त पोषित अंतरिक्ष अवसंरचना डेवलपर अंतरिक्ष कंपनी एक्सिओम स्पेस द्वारा एक मिशन के हिस्से के रूप में स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान पर सवार होकर आईएसएस के लिए उड़ान भरेंगे।

  • एक्स -2 को फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर में लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39ए से स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट द्वारा लॉन्च किया जाएगा।

  • एक अन्य साथी अमीराती, सुल्तान अल-नेयादी भी इस साल फरवरी में अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा करेंगे।

  • Axiom Space ने अप्रैल 2022 में ISS के लिए अपना पहला निजी अंतरिक्ष यात्री मिशन की शुरुआत की जिसके तहत चार निजी अंतरिक्ष यात्रियों ने कक्षा में 17 दिन बिताए।

  • 2019 में, सऊदी का पड़ोसी देश संयुक्त अरब अमीरात अपने एक नागरिक को अंतरिक्ष में भेजने वाला पहला अरब देश बना था। अंतरिक्ष यात्री हज्जा अल-मंसूरी ने आईएसएस पर आठ दिन बिताए। 

  • 1985 में, सऊदी शाही राजकुमार सुल्तान बिन सलमान बिन अब्दुलअज़ीज़ ने एक अमेरिकी-संगठित अंतरिक्ष मिशन में भाग लिया, जो अंतरिक्ष में यात्रा करने वाले पहले अरब मुस्लिम बने।

सऊदी अरब

  • सुल्तान  - सलमान

  • राजधानी - रियाद

  • मुद्रा - सऊदी अरब रियाल

  • राजभाषा - अरबी

  • आधिकारिक धर्म - इस्लाम

By admin: Feb. 10, 2023

9. जम्मू कश्मीर में पहली बार मिला लिथियम का भंडार

Tags: place in news Science and Technology National News


देश में पहली बार जम्मू संभाग के रियासी जिले में 59 लाख टन लिथियम के भंडार मिले हैं। 

खबर का अवलोकन:

  • भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले के सलाल-हैमाना क्षेत्र में लिथियम के भंडार की खोज की है I 

  • वर्तमान में भारत लिथियम, निकल और कोबाल्ट के लिए आयात पर निर्भर है। इस खोज से भारत की अन्य देशों पर लिथियम की निर्भरता कम होगी I 

  • 62वीं केंद्रीय भूवैज्ञानिक प्रोग्रामिंग बोर्ड (CGPB) की बैठक के दौरान लिथियम और गोल्ड समेत 51 खनिज ब्लॉकों पर एक रिपोर्ट राज्य सरकारों को सौंपी गई I 

  • इन 51 खनिज ब्लॉकों में से 5 ब्लॉक सोने से संबंधित हैं और अन्य ब्लॉक पोटाश, मोलिब्डेनम, बेस मेटल्स से संबंधित हैं।

  • ये खनिज 11 राज्यों के विभिन्न जिलों में पाए गए हैं जिनमें जम्मू और कश्मीर (यूटी), आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु और तेलंगाना शामिल हैं।

लिथियम:

  • यह एक रासायनिक तत्त्व है जिसका प्रतीक  (Li) है। 

  • यह एक नरम तथा चाँदी के समान सफेद धातु है।

  • मानक परिस्थितियों में यह सबसे हल्की धातु और सबसे हल्का ठोस तत्त्व है।

  • यह क्षारीय एवं एक दुर्लभ धातु है।

  • लिथियम का परमाणु क्रमांक 3 और परमाणु भार 6.941u होता है।

  • लिथियम मोबाइल फोन, लैपटॉप, डिजिटल कैमरा और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए रिचार्जेबल बैटरी के प्रमुख घटकों में से एक है। 

  • इसका उपयोग कुछ गैर-रिचार्जेबल बैटरी में हृदय पेसमेकर, खिलौने और घड़ियों जैसी चीजों के लिए भी किया जाता है।

  • सर्वाधिक भंडार वाले देश: चिली> ऑस्ट्रेलिया> अर्जेंटीना

By admin: Feb. 10, 2023

10. इसरो ने अपना सबसे छोटा रॉकेट एसएसएलवी - डी 2 लॉन्च किया

Tags: Science and Technology


भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने सतीश धवन स्पेस सेंटर (श्रीहरिकोटा) से अपने सबसे छोटे रॉकेट एसएसएलवी-डी2 को अंतरिक्ष में लॉन्च किया है। 

खबर का अवलोकन:

  • इसरो (ISRO) के SSLV-D2 ने अपने साथ तीन सैटेलाइट्स लेकर अंतरिक्ष में उड़ान भरी। 

  • इनमें इसरो की सैटेलाइट ईओएस -07, चेन्नई के स्पेस स्टार्टअप स्पेसकिड्ज की सैटेलाइट आजाद सैट-2 और अमेरिकी कंपनी अंतारिस की सैटेलाइट जेएएनयूएस 1 शामिल है।

  • इन तीनों सैटेलाइट्स को 450 किलोमीटर दूर सर्कुलर ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा

  • इसरो का सबसे छोटा नया रॉकेट एसएसएलवी-डी2 लॉन्च ऑन डिमांड की तकनीक पर काम करता है।

  • इसमें पृथ्वी की निचली कक्षाओं में 500 किलोग्राम के उपग्रहों के प्रक्षेपण को पूरा करने की क्षमता है।

  • एसएसएलवी-डी2 की लंबाई 34 मीटर जबकि चौड़ाई 2 मीटर है। यह करीब 120 टन के भार के साथ उड़ान भर सकता है। 

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो):

  • इसकी स्थापना 15 अगस्त 1969 को हुई थी।

  • यह भारत की राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी है। यह आंध्र प्रदेश के  श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से अपना अंतरिक्ष रॉकेट लॉन्च करता है ।

  • मुख्यालय: बेंगलुरु

  • अध्यक्ष: एस सोमनाथ

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