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By admin: Sept. 18, 2022

1. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह अमेरिका में ग्लोबल क्लीन एनर्जी एक्शन फोरम की बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे

Tags: place in news Science and Technology Summits International News


केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी डॉ जितेंद्र सिंह,  अमेरिका में आयोजित, वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा कार्य मंच (ग्लोबल क्लीन एनर्जी एक्शन फोरम) में हिस्सा लेने के लिए, एक संयुक्त भारतीय मंत्रिस्तरीय आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे ।

उनकी इस  5 दिवसीय (19-23 सितंबर) यात्रा  में केंद्रीय  बिजली और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह भी  शामिल हैं।


महत्वपूर्ण तथ्य - 

संयुक्त राज्य अमेरिका में बैठक :

  • वे स्वच्छ ऊर्जा मंत्रिस्तरीय बैठक (सीईएम 13) और मिशन इनोवेशन (एमआई -7) का प्रतिष्ठित संयुक्त आयोजन जो संयुक्त राज्य अमेरिका के पेंसिल्वेनिया के पिट्सबर्ग में इस वर्ष 21 से 23 सितंबर तक होगा, में भाग लेंगे ।
  • वे सस्टेनेबल बायोएनेर्जी और बायो-रिफाइनरियों पर पहले राउंडटेबल और कनेक्टेड कम्युनिटीज के साथ नेट जीरो बिल्ट एनवायरनमेंट पर दूसरे राउंडटेबल में भी भाग लेंगे।
  • स्वच्छ ऊर्जा एक्शन फोरम में मंत्रियों द्वारा निम्न कार्बन भविष्य के लिए भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करने की संभावना है, जिसका उद्देश्य स्वच्छ ऊर्जा नवाचारों को तेज करके देश के ऊर्जा परिदृश्य को बदलना है।

स्वच्छ ऊर्जा पर भारत की प्रतिबद्धता :

  • भारत सरकार ने 2030 तक 500 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा क्षमता तक पहुंचने और कुल ऊर्जा में अक्षय ऊर्जा के योगदान को 50% तक बढ़ाने के लिए खुद को प्रतिबद्ध किया है।
  • भारत सरकार ने  कार्बन उत्सर्जन को एक अरब टन कम करने, अर्थव्यवस्था की कार्बन तीव्रता को 2005 के स्तर से 45 प्रतिशत कम करने और अंतत: 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने के लिए भीखुद को प्रतिबद्ध किया है।

By admin: Sept. 18, 2022

2. ताजिकिस्तान-किर्गिस्तान सीमा पर ‘वोरुख’ में हुए संघर्ष में कम से कम 54 लोग मारे गए

Tags: place in news International News


दो पूर्व मध्य एशियाई  सोवियत गणराज्यों, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान के बीच वोरुख इलाके में ,पुराना सीमा विवाद 16 सितंबर को फिर से भड़क गया, जिसमे कम से कम 54 लोगों की मौत हो गई। वोरुख इलाके में दोनों पक्षों के बीच अक्सर झड़पें होती रही हैं।

दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर चौकियों और आसपास की बस्तियों पर हमला करने के लिए टैंक, मोर्टार, रॉकेट आर्टिलरी और असॉल्ट ड्रोन का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। यह नवीनतम सीमा संघर्ष उस समय हुआ, जब दोनों देशों के नेता, ताजिक राष्ट्रपति इमोमाली राखमोन और किर्गिज़ राष्ट्रपति सदिर जापरोव, उज्बेकिस्तान के समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर बैठक में भाग ले रहे थे।


महत्वपूर्ण तथ्य - 

सीमा विवाद :

  • किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान दोनों ही सोवियत संघ का हिस्सा थे। 1991 में सोवियत संघ के पतन के बाद दोनों देशों को स्वतंत्रता मिली थी ।
  • दोनों देशों के बीच वर्तमान सीमा विवाद सोवियत काल के दौरान सीमाओं के सीमांकन में निहित है।
  • वोरुख,एक ताजिक क्षेत्र का एक एन्क्लेव है जो चारों तरफ से किर्गिस्तान से घिरा हुआ है। इस क्षेत्र में रहने वाले ताजिक को ताजिकिस्तान किर्गिस्तान के इलाके को पार कर ताजिकिस्तान जाना पड़ता है, इसके कारण वहां पर दोनों समुदायों के बीच कई बार विवाद होता रहता है ।
  • ताजिकिस्तान ने किर्गिस्तान के साथ क्षेत्र के आदान-प्रदान का प्रस्ताव दिया है ताकि वोरुख की ताजिकिस्तान तक पहुंच हो सके। किर्गिस्तान ने इस प्रस्ताव को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है।

अतिरिक्त जानकारी -

किर्गिज़स्तान :

  • राजधानी: बिश्केक
  • मुद्रा: किर्गिस्तान सोम
  • राष्ट्रपति :सदिर जापरोव
  • तजाकिस्तान
  • राजधानी दुशान्बे
  • मुद्रा: सोमोनी
  • राष्ट्रपति: इमोमाली राखमोन

By admin: Sept. 18, 2022

3. पीएम मोदी ने राष्ट्रीय रसद नीति का अनावरण किया

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प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में राष्ट्रीय रसद नीति (एनएलपी) का शुभारंभ किया।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • केंद्र सरकार तीन साल से राष्ट्रीय रसद नीति पर काम कर रही है।

  • वाणिज्य मंत्रालय ने 2019 में परामर्श के लिए एक मसौदा रसद नीति जारी की, लेकिन कोविड -19 महामारी के कारण इसमें देरी हुई।

  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022-23 के बजट में राष्ट्रीय रसद नीति की घोषणा की।

  • पीएम ने कहा कि सीमा शुल्क और ई-वे बिल में फेसलेस मूल्यांकन शुरू हो गया है और FASTag रसद क्षेत्र में दक्षता ला रहा है।

  • उन्होंने कहा बंदरगाहों और समर्पित फ्रेट कॉरिडोर को जोड़ने के लिए सागरमाला परियोजना ने रसद कनेक्टिविटी और व्यवस्थित बुनियादी ढांचे के विकास कार्य में सुधार करना शुरू कर दिया है।

  • प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और एक विनिर्माण केंद्र के रूप में उभर रहा है।

राष्ट्रीय रसद नीति का उद्देश्य :

  • इसका उद्देश्य माल की निर्बाध आवाजाही को बढ़ावा देना और उद्योग की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना है। 

  • इस नीति के माध्यम से प्रोसेस री-इंजीनियरिंग, डिजिटाइजेशन और मल्टी-मोडल ट्रांसपोर्ट जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

नीति की मुख्य विशेषताएं :

  • यह नीति कोरोना महामारी के दुष्प्रभाव के बाद तेजी से विकास का समर्थन करना चाहती है।

  • यह ईंधन लागत और रसद लागत को कम करने के लिए एक रोडमैप प्रदान करने के अलावा नियमों को सुव्यवस्थित करेगा और आपूर्ति-पक्ष की बाधाओं को दूर करेगा।

  • मसौदा नीति में सभी रसद और व्यापार सुविधाओं के लिए एक संदर्भ बिंदु बनाने तथा रसद क्षेत्र के लिए लागत को पांच वर्षों में 10 प्रतिशत तक कम करने का प्रावधान है।

  • रसद क्षेत्र सकल घरेलू उत्पाद का 13-14 प्रतिशत होने का अनुमान है।

  • यह नीति भारतीय वस्तुओं की प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार, आर्थिक विकास और रोजगार के अवसरों को बढ़ाने का एक प्रयास है।

भारत का रसद क्षेत्र :

  • भारत के रसद क्षेत्र में 20 से अधिक सरकारी एजेंसियां, 40 भागीदार सरकारी एजेंसियां (पीजीए), 37 निर्यात संवर्धन परिषदें, 500 प्रमाणन, 10,000 से अधिक वस्तुएं और 160 अरब डॉलर का बाजार है।

  • विश्व बैंक लॉजिस्टिक्स इंडेक्स 2018 के अनुसार, भारत रसद लागत में 44 वें स्थान पर है।



By admin: Sept. 18, 2022

4. कजाकिस्तान ने अपनी राजधानी का नाम फिर से अस्ताना रखा और राष्ट्रपति के दूसरा कार्यकाल पर रोक

Tags: place in news International News

कजाकिस्तान की संसद ने देश की राजधानी का नाम अस्ताना वापस करने के लिए 16 सितंबर 2022 को संविधान में संशोधन करने के लिए मतदान किया। साथ ही संविधान में संशोधन कर राष्ट्रपति के  कार्यकाल को भी बढ़ाया  गया तथा  किसी व्यक्ति को एक से अधिक बार राष्ट्रपति बनने पर रोक लगा  दिया।


महत्वपूर्ण तथ्य - 

राष्ट्रपति का कार्यकाल :

  • राष्ट्रपति का कार्यकाल वर्तमान पांच वर्षों से बढ़ाकर सात वर्ष कर दिया गया है।
  • साथ ही एक व्यक्ति केवल एक ही  बार कजाकिस्तान का राष्ट्रपति बन सकता है। इससे पहले एक व्यक्ति अधिकतम दो बार लगातार राष्ट्रपति बन सकता था।

राजधानी का नामकरण :

  • इसने राजधानी का नाम नूर-सुल्तान से अस्ताना में बदलने के लिए एक संवैधानिक संशोधन भी पारित किया।
  • 1991 में एक स्वतंत्र देश बनने के बाद कजाकिस्तान ने 1997 में अपनी राजधानी को अल्माटी से अस्ताना स्थानांतरित कर दिया। सोवियत काल में अस्ताना को त्सेलिनोग्राड कहा जाता था।
  • बाद में जब कजाकिस्तान के पहले राष्ट्रपति नूर सुल्तान नज़रबायेव ने 2019 में लगभग तीस वर्षों तक सत्ता में रहने के बाद इस्तीफा दे दिया, तो उनके उत्तराधिकारी  कसीम-जोमार्ट टोकायेव ने पूर्व नेता के सम्मान में अस्ताना का नाम बदलकर नूर-सुल्तान कर दिया था ।
  • हालांकि, अब फिर से नाम बदलकर अस्ताना कर दिया गया है।

कजाकिस्तान की संसद :

  • कजाकिस्तान की संसद द्विसदनीय है। इसमें उच्च सदन को  सीनेट और निचले  सदन को नेशनल असेंबली (मज़िलिस) कहते हैं ।

कजाकिस्तान गणराज्य :

  • कजाकिस्तान, सोवियत संघ का हिस्सा हुआ करता था, जो सोवियत संघ के विघटन के बाद 16 दिसंबर 1991 को स्वतंत्रता हो गया ।
  • यह मध्य एशिया में स्थित है। यह मध्य एशिया का सबसे बड़ा देश और दुनिया का 9वां सबसे बड़ा देश है।
  • इसमें बैकोनूर कोस्मोड्रोम है, जो दुनिया का पहला स्पेसपोर्ट है। सोवियत संघ यहीं से अपना स्पेस रॉकेट लॉन्च करता था।
  • पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा को 3 अप्रैल 1984 को सोवियत सोयुज टी-11 रॉकेट से यहां से अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया था।
  • अब इसे रूसियों को पट्टे पर दिया गया है।
  • राजधानी: अस्ताना
  • मुद्रा: तेंगे (Tenge)
  • राष्ट्रपति : कसीम-जोमार्ट टोकायेव

By admin: Sept. 17, 2022

5. इंडिया डिस्क्रिमिनेशन रिपोर्ट 2022

Tags: National National News


ऑक्सफैम इंडिया ने हाल ही में 'इंडिया डिस्क्रिमिनेशन रिपोर्ट 2022' जारी की. रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि महिलाओं और हाशिए के समुदायों को नौकरी के बाजार में भेदभाव का सामना करना पड़ता है।


महत्वपूर्ण तथ्य - 

रिपोर्ट की मुख्य बातें :

श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) :-

  • भारत में महिलाओं की श्रम शक्ति भागीदारी दर (LFPR) 2021 में सिर्फ 25 प्रतिशत थी।

  • यह ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका से काफी कम है।

  • कम भागीदारी मुख्य रूप से मजदूरी और अवसरों में लैंगिक भेदभाव के कारण थी.

वेतन का अंतर  :-

  • स्व-नियोजित शहरी पुरुष अपनी महिला समकक्षों की तुलना में 2.5 गुना अधिक कमाते हैं।

  • इस वेतन अंतर का 83 प्रतिशत लिंग आधारित भेदभाव के लिए जिम्मेदार है।

  • ग्रामीण क्षेत्रों में, पुरुषों और महिलाओं के बीच आय का अंतर 93 प्रतिशत है जो लैंगिक भेदभाव के कारण है।

शैक्षिक योग्यता के साथ भेदभाव   :-

  • महिलाओं की रोजगार की स्थिति उनकी शैक्षिक योग्यता पर निर्भर नहीं करती है।

सामाजिक मानक  :-

  • पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण योग्य महिलाओं का एक बड़ा वर्ग श्रम बाजार में उपलब्ध नहीं है।

  • सुशिक्षित और आर्थिक रूप से बेहतर घरों की महिलाएं अक्सर सामाजिक-सांस्कृतिक कारणों से श्रम शक्ति से हट जाती हैं।

  • यात्रा के दौरान असुरक्षा और समय पर कार्यालय जाने की आवश्यकता और पारिवारिक कारणों के कारण महिलाएं श्रम बाजार में प्रवेश नहीं करती हैं।

वेतनभोगी नौकरियों की कमी  :-

  • 60 प्रतिशत शहरी पुरुष वेतनभोगी नौकरियों में लगे हैं या स्वरोजगार कर रहे हैं, जबकि महिलाओं में यह आंकड़ा घटकर मात्र 19 प्रतिशत रह गया है।

एससी, एसटी समुदायों में स्थिति  :-

  • एससी और एसटी महिलाएं ख़राब सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों के कारण कम उम्र में बिना किसी औपचारिक शिक्षा के काम करना शुरू कर देती हैं।

  • इसका मतलब यह है कि शैक्षिक योग्यता या उम्र से अधिक, सामाजिक कारक ग्रामीण महिलाओं के काम से बाहर निकलने या दूर रहने के लिए निर्धारक कारक हैं।

  • अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय के व्यक्ति राष्ट्रीय औसत से 5,000 रुपये कम कमाते हैं।

ऑक्सफैम इंडिया  :-

  • यह भेदभाव को समाप्त करने और एक स्वतंत्र और न्यायपूर्ण समाज बनाने के लिए काम करने वाले लोगों का एक संगठन है।

  • यह ऑक्सफैम वैश्विक परिसंघ का एक हिस्सा है जिसमें 21 देश सहयोगी की भूमिका में एक साथ मिलकर एक बेहतर दुनिया का निर्माण कर रहे हैं।



By admin: Sept. 17, 2022

6. एससीओ शिखर सम्मेलन 2022: भारत अगले साल एससीओ शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा

Tags: International Relations Summits International News


एससीओ शिखर सम्मेलन दो साल बाद उज्बेकिस्तान के समरकंद में 15 और 16 सितंबर को आयोजित किया गया। एससीओ काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ स्टेट्स की अगली बैठक 2023 में भारत में होगी।

शिखर सम्मेलन का एजेंडा :

  • तकनीकी और डिजिटल विभाजन, वैश्विक वित्तीय बाजारों में निरंतर अशांति, आपूर्ति श्रृंखलाओं में अस्थिरता, संरक्षणवादी उपायों में वृद्धि और वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता।

  • सदस्य राज्यों द्वारा वैश्विक जलवायु परिवर्तन और कोविड -19 महामारी के प्रभावों पर भी प्रकाश डाला गया, जिसने आर्थिक विकास, सामाजिक कल्याण और खाद्य सुरक्षा के लिए अतिरिक्त चुनौतियाँ उत्पन्न की हैं।

समरकंद घोषणा :

  • शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के नेताओं ने राष्ट्राध्यक्षों की परिषद की बैठक में समरकंद घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए।

  • घोषणा पत्र में कहा गया है कि आगामी अवधि के लिए एससीओ की अध्यक्षता भारत के पास रहेगी।

  • घोषणा में, सदस्य राज्यों ने समृद्धि, शांति और सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्र के देशों के प्रयासों का समर्थन किया।

  • उन्होंने क्षेत्र में स्थिरता और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ाने में एससीओ की भूमिका को मजबूत करने की वकालत की।

महत्वपूर्ण तथ्य -

  • नेताओं ने अधिक न्यायसंगत और प्रभावी अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए नए दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया।

  • सदस्य राज्यों ने आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद से उत्पन्न सुरक्षा खतरे पर गहरी चिंता व्यक्त की और दुनिया भर में आतंकवादी कृत्यों की कड़ी निंदा की।

  • उन्होंने आतंकवाद के प्रसार को रोकने के लिए उपाय करने, आतंकवादी वित्तपोषण चैनलों को समाप्त करने का भी संकल्प लिया।

  • उन्होंने अफगानिस्तान को आतंकवाद, युद्ध और नशीले पदार्थों से मुक्त, एक स्वतंत्र, तटस्थ, एकजुट, लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण राज्य के रूप में स्थापित करने का समर्थन किया।

  • सदस्य राज्यों ने अंतर्राष्ट्रीय व्यापार एजेंडे पर चर्चा करने और बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली के नियमों को अपनाने के लिए प्रमुख मंच के रूप में विश्व व्यापार संगठन की प्रभावशीलता को मजबूत करने का आह्वान किया।

  • सदस्य राज्यों ने स्टार्ट-अप और नवाचार, गरीबी कम करने और पारंपरिक चिकित्सा पर एक विशेषज्ञ कार्य समूह स्थापित करने का निर्णय लिया है।

शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी की भागीदारी :

  • शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा कि इस साल भारतीय अर्थव्यवस्था के 7.5 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है और इस तरह यह दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक होगी।

  • पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी, उज़्बेक राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव और तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन के साथ द्विपक्षीय वार्ता की।

अतिरिक्त जानकारी -

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) :

  • यह एक स्थायी अंतर सरकारी अंतरराष्ट्रीय संगठन है।

  • इसकी स्थापना 2001 में हुई थी।

  • एससीओ चार्टर पर 2002 में हस्ताक्षर किए गए थे, और यह 2003 में लागू हुआ।

  • यह एक यूरेशियाई राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य संगठन है।

  • इसका उद्देश्य क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखना है।

  • चीन, रूस और चार मध्य एशियाई राज्य - कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान - एससीओ के संस्थापक सदस्य थे।

  • इसके सदस्यों में चीन, रूस, भारत और पाकिस्तान के साथ-साथ 4 मध्य एशियाई देश - कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान शामिल हैं।
  • आधिकारिक भाषाएँ - रूसी और चीनी

  • अध्यक्षता - सदस्य राज्यों द्वारा एक वर्ष के लिए रोटेशन के आधार पर

By admin: Sept. 17, 2022

7. पीएम नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में 8 चीतों को छोड़ा

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नामीबिया से भारत में स्थानांतरित किए गए चीतों के पहले बैच को 17 सितंबर को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ा गया।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • चीतों (5 मादा और 3 नर) को 'प्रोजेक्ट चीता' के हिस्से के रूप में अफ्रीका के नामीबिया से लाया गया है।

  • आठ चीतों को एक अंतरमहाद्वीपीय चीता स्थानान्तरण परियोजना के हिस्से के रूप में ग्वालियर में एक मालवाहक विमान में लाया गया।

  • बाद में, भारतीय वायु सेना के हेलिकॉप्टरों ने चीतों को ग्वालियर वायु सेना स्टेशन से कुनो राष्ट्रीय उद्यान तक पहुँचाया।

  • यह दुनिया में पहली बार है कि एक बड़े मांसाहारी को एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप में स्थानांतरित किया गया है।

  • चीतों को इस साल की शुरुआत में हस्ताक्षरित एक समझौता ज्ञापन के तहत लाया गया है।

पुन: पुनर्वास कार्य योजना :

  • किसी प्रजाति के पुन: पुनर्वास का अर्थ है उसे उस क्षेत्र में छोड़ना जहां वह जीवित रहने में सक्षम है।

  • योजना के तहत, 5 वर्षों की अवधि में देश के विभिन्न राष्ट्रीय उद्यानों में 50 चीतों को छोड़ा जाएगा।

चीतों का विलुप्त होना :

  • देश का अंतिम चीता वर्ष 1947 में छत्तीसगढ़ में मृत पाया गया था और वर्ष 1952 में इसे देश में विलुप्त घोषित कर दिया गया था। 

  • निवास स्थान का नुकसान, मनुष्यों के साथ संघर्ष, अवैध शिकार और बीमारियों के प्रति उच्च संवेदनशीलता इनके विलुप्ति का प्रमुख कारण है।

अतिरिक्त जानकारी -

'प्रोजेक्ट चीता' के बारे में :

  • यह अपनी तरह की एक अनूठी परियोजना है जिसमें किसी प्रजाति को देश से बाहर (दक्षिण अफ्रीका / नामीबिया से) लाकर देश में बहाल किया जा रहा है।

  • भारत में विलुप्त हो चुकी चीता की उप-प्रजाति एशियाई चीता (एसिनोनिक्स जुबेटस वेनेटिकस) थी और देश में वापस लाए जा रहे चीते की उप-प्रजाति अफ्रीकी चीता (एसिनोनिक्स जुबेटस जुबेटस) है।

  • शोध से पता चला है कि इन दोनों उप-प्रजातियों के जीन समान हैं।

By admin: Sept. 17, 2022

8. 'स्वच्छता ही सेवा' (SHS) अभियान

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पेयजल और स्वच्छता विभाग, जल शक्ति मंत्रालय ने ग्रामीण भारत में पूर्ण स्वच्छता की दिशा में प्रयासों में तेजी लाने के लिए 16 सितंबर को एक पाक्षिक अभियान 'स्वच्छता ही सेवा' (SHS) शुरुआत की।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • इसका उद्देश्य ग्रामीण भारत में संपूर्ण स्वच्छता की दिशा में किए जा रहे प्रयासों में तेजी लाना है।

  • पुराने कचरे की सफाई और ठोस कचरा प्रबंधन गतिविधि के लिए यह एक व्यापक अभियान है।

  • अभियान का समापन महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर को होगा।

अभियान के तहत गांवों में आयोजित की जाने वाली प्रमुख गतिविधियां :

  • गांवों में पुराने अपशिष्ट स्थलों की सफाई।

  • अपशिष्ट संग्रहण और पृथक्करण शेड/केंद्रों का निर्माण

  • जलाशयों के आसपास के क्षेत्रों को साफ रखना और उनके आसपास वृक्षारोपण करना

  • जीईएम के माध्यम से कचरा संग्रहण वाहन जैसे ट्राइसाइकिल/ई-कार्ट (बैटरी चालित वाहन) की खरीद

  • प्लास्टिक जैसे गैर-बायोडिग्रेडेबल अपशिष्ट का घर-घर जाकर संग्रहण करना

  • ग्राम सभा की बैठकें आयोजित करके सिंगल यूज प्लास्टिक (एसयूपी) के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा करना 

  • प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के लिए 4 आर के सिद्धांत- रिफ्यूज, रिड्यूश, रियूज और रिसाइकिल को बढ़ावा देना



By admin: Sept. 17, 2022

9. विज्ञान पत्रिका 'विज्ञान प्रगति' को मिला 'राजभाषा कीर्ति पुरस्कार'

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सीएसआईआर की लोकप्रिय विज्ञान पत्रिका "विज्ञान प्रगति" को राष्ट्रीय राजभाषा कीर्ति पुरस्कार (प्रथम स्थान) प्राप्त हुआ है।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • यह पुरस्कार पंडित दीन दयाल उपाध्याय इंडोर स्टेडियम, सूरत में 14-15 सितंबर 2022के दौरान आयोजित दूसरे अखिल भारतीय राजभाषासम्मेलन में दिया गया।

  • गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया जिसे लगभग 9000 दर्शकों ने भाग लिया।

  • सम्मेलन में सीएसआईआर-राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर) की निदेशक प्रो. रंजना अग्रवाल ने यह प्रतिष्ठित कीर्ति पुरस्कार प्राप्त किया।

  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51 ए (एच) में कहा गया कि वैज्ञानिक स्वभाव, जांच की भावना, मानवतावाद और सुधार को विकसित करना प्रत्येक नागरिक का मौलिक कर्तव्य है।

पत्रिका 'विज्ञान प्रगति' :

  • 'विज्ञान प्रगति' (हिंदी में एक लोकप्रिय विज्ञान पत्रिका) भारत की सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय विज्ञान पत्रिकाओं में से एक है।

  • यह भारत के साथ-साथ अन्य देशों में भी बच्चों, शिक्षकों, शोधकर्ताओं और जनता के बीच लोकप्रिय है।

  • वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) ने 1952 में इस पत्रिका का प्रकाशन शुरू किया था।

  • विज्ञान प्रगति का उद्देश्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को सरल भाषा में जन-साधारण तक पहुँचाना है।



By admin: Sept. 17, 2022

10. वाराणसी को पहली एससीओ सांस्कृतिक और पर्यटन राजधानी के रूप में नामित किया गया

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16 सितंबर को समरकंद, उज्बेकिस्तान में एससीओ काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ स्टेट की 22 वीं बैठक में 2022-2023 की अवधि के दौरान वाराणसी को पहली बार शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) पर्यटन और सांस्कृतिक राजधानी के रूप में नामित किया गया है।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • पहली एससीओ पर्यटन और सांस्कृतिक राजधानी के रूप में वाराणसी का नामांकन भारत और एससीओ सदस्य देशों के बीच पर्यटन, सांस्कृतिक और मानवीय आदान-प्रदान को बढ़ावा देगा।

  • यह एससीओ के सदस्य राज्यों, विशेष रूप से मध्य एशियाई गणराज्यों के साथ भारत के प्राचीन सभ्यतागत संबंधों को भी रेखांकित करता है।

  • इस प्रमुख सांस्कृतिक आउटरीच कार्यक्रम के ढांचे के तहत, वर्ष 2022-23 के दौरान वाराणसी में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिसमें एससीओ सदस्य राज्यों से मेहमानों को भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।

  • वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है।

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