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By admin: Nov. 19, 2022

1. शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने राष्ट्रीय स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार 2021-22 प्रदान किया

Tags: Awards National News

National Swachh Vidyalaya Puraskar 2021-22

शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने 19 नवंबर, 2022 को आकाशवाणी भवन, दिल्ली में राष्ट्रीय स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार 2021-22 प्रदान किया।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • कुल 39 स्कूलों को यह पुरस्कार दिया गया है, जिसमें राष्ट्रीय श्रेणी में पांच और समग्र श्रेणी में 34 स्कूल शामिल हैं।

  • राष्ट्रीय वर्ग के विजेताओं को 60,000 रुपए और अन्य वर्ग को 20,000 रुपए दिए गए।

  • राष्ट्रीय आयोग समिति ने इन स्कूलों को पुरस्कारों के लिए चुना है।

  • स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार की स्थापना शिक्षा मंत्रालय द्वारा स्कूलों में पानी, स्वास्थ्य रक्षा और स्वच्छता में उत्कृष्टता को मान्यता देने के लिए की गई है।

  • पुरस्कार ग्रामीण और शहरी सरकारी स्कूलों, सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों और निजी स्कूलों को प्रदान किए गए।

  • स्कूलों के प्रदर्शन को मापने के लिए पीने के पानी, शौचालय, साबुन से हाथ धोना, संचालन और रखरखाव, क्षमता निर्माण और कोविड-19 (तैयारी और प्रतिक्रिया) मापदंडों का उपयोग किया गया है।

  • 2014 में, स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय (SBSV) पहल की शुरुआत यह सुनिश्चित करने के लिए की गई थी कि भारत के सभी स्कूलों में लड़कों और लड़कियों के लिए अलग-अलग कार्यात्मक शौचालयों की सुविधा हो।

राष्ट्रीय स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार के बारे में

  • यह शिक्षा मंत्रालय द्वारा स्कूलों में स्वच्छता और स्वच्छता प्रथाओं में उत्कृष्टता को पहचानने, प्रेरित करने और मनाने के लिए स्थापित किया गया है।

  • पुरस्कार का मुख्य उद्देश्य उन स्कूलों को सम्मानित करना है जिन्होंने स्वच्छ विद्यालय अभियान की आवश्यकता को पूरा करने के लिए कदम उठाए हैं।

  • यह पुरस्कार वॉश अवसंरचना, स्वच्छ प्रथाओं और कोविड-19 उपयुक्त व्यवहार के IT-सक्षम मूल्यांकन पर आधारित है।


By admin: Nov. 19, 2022

2. भारत ने 'फॉर ए सिक्योर एससीओ' की थीम के साथ एससीओ 2023 की आधिकारिक वेबसाइट लॉन्च की

Tags: International News

India launches official website of SCO 2023

विदेश मंत्रालय ने एक सुरक्षित एससीओ (SECURE SCO)  की थीम के साथ शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की आधिकारिक वेबसाइट लॉन्च की है। वेबसाइट अगले वर्ष भारत की अध्यक्षता में किए जाने वाले कार्यक्रमों के बारे में जानकारी प्रदान करेगा ।

सितंबर में उज्बेकिस्तान के समरकंद में एससीओ के 22वें राज्य प्रमुख शिखर बैठक 2022 के दौरान, भारत ने औपचारिक रूप से एससीओ की अध्यक्षता प्राप्त की थी। भारत सितंबर 2023 तक एक वर्ष के लिए समूह की अध्यक्षता करेगा।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में चीन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में एस इ सी यू आर इ(SECURE) की अवधारणा पेश की थी। एस इ सी यू आर इ(SECURE) की अवधारणा की व्याख्या करते हुए, प्रधान मंत्री ने नागरिकों के लिए सुरक्षा के लिए एस('S)', आर्थिक विकास के लिए इ(E)', ' क्षेत्र में कनेक्टिविटी के लिए सी (C) एकता के लिए यू(U) , संप्रभुता और अखंडता के संबंध में 'आर'(R) और ' पर्यावरण संरक्षण के लिए 'ई(E) का उपयोग किया था।

शंघाई सहयोग संगठन रूस, चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान के 8 देशों का एक क्षेत्रीय समूह है।


By admin: Nov. 18, 2022

3. भारत ने रूस में आयोजित अफगानिस्तान पर मास्को प्रारूप परामर्श की चौथी बैठक में भाग लिया

Tags: place in news Summits International News

‘4th meeting of Moscow Format Consultations on Afghanistan’

भारत ने 16 नवंबर 2022 को मास्को, रूस में आयोजित अफगानिस्तान पर मास्को प्रारूप परामर्श की चौथी बैठक में भाग लिया।बैठक में रूस, चीन, पाकिस्तान, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के विशेष दूतों और वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।

विदेश मंत्रालय के अनुसार, प्रतिभागियों ने अफगानिस्तान से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की। इनमें वर्तमान मानवीय स्थिति और सहायता प्रदान करने के लिए विभिन्न हितधारकों के चल रहे प्रयासों, अंतर-अफगान वार्ता, एक समावेशी और प्रतिनिधि सरकार का गठन, आतंकवाद के खतरों का मुकाबला करने के प्रयास और क्षेत्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करना शामिल है।

अफगानिस्तान पर मास्को प्रारूप परामर्श

अफगानिस्तान पर मास्को प्रारूप परामर्श, 2017 में शुरू किया गया था यह एक क्षेत्रीय मंच है जिसमें रूस, अफगानिस्तान, भारत, ईरान, चीन और पाकिस्तान के विशेष दूत शामिल हुए ।

इसका जनादेश तत्कालीन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर समर्थित काबुल सरकार और तालिबान के बीच राजनीतिक सुलह को सुगम बनाना, शांति स्थापित करना और क्षेत्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करना है।


By admin: Nov. 18, 2022

4. रूस और यूक्रेन काला सागर अनाज सौदे को चार महीने और आगे बढ़ाने पर सहमत हुए

Tags: Russia-Ukraine International News


रूस और यूक्रेन ने संयुक्त राष्ट्र और तुर्की द्वारा मध्यस्थता किए गए काला सागर अनाज सौदे को 120 दिनों तक बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की है। इस समझौते पर मूल रूप से 22 जुलाई 2022 को हस्ताक्षर किए गए थे तथा यह समझौता 19 नवंबर 2022 को समाप्त होने वाला  था। यह सौदा काला सागर में एक सुरक्षित गलियारे के माध्यम से निर्दिष्ट यूक्रेनी काला सागर बंदरगाह से अनाज निर्यात की अनुमति देता है।

रूस, यूक्रेन, तुर्की और संयुक्त राष्ट्र के बीच यह नवीन समझौता इस्तांबुल, तुर्की में हुआ है ।

इस सौदे को अपने पहले बड़े संकट का सामना उस समय करना  पड़ा  था जब रूस ने 29 अक्टूबर 2022 को घोषणा की थी कि यूक्रेन सेवस्तोपोल के पास रूसी काला सागर बेड़े पर हमला करके समझौते को निलंबित कर रहा है । हालांकि बाद में रूस इस डील को जारी रखने पर राजी हो गया।

यह सौदा मौजूदा प्रावधानों के साथ जारी रहेगा। जहाज तीन यूक्रेनी बंदरगाहों चर्नोमोर्स्क, ओडेसा और युज़नी से अनाज ले जाएंगे। वे काला सागर में स्थापित मानवतावादी गलियारे से यात्रा करेंगे और अंतिम गंतव्य पर जाने से पहले निरीक्षण के लिए इस्तांबुल में रुकेंगे।

कई अफ्रीकी देशों के लिए अनाज का सौदा महत्वपूर्ण है क्योंकि वे मौसम परिवर्तन और आंतरिक संघर्षों के कारण फसल की विफलता का सामना कर रहे हैं । समझौते से लाभान्वित होने वाले देशों में मिस्र, जिबूती, सोमालिया और सूडान सेनेगल, रवांडा, कांगो, लीबिया, तंजानिया और नामीबिया शामिल हैं।


By admin: Nov. 18, 2022

5. सऊदी अरब के वीजा के लिए भारतीयों को अब पुलिस की मंजूरी की जरूरत नहीं

Tags: National International News

Indians no longer need police clearance for Saudi Arabia visas

भारत में सऊदी अरब के दूतावास ने घोषणा की है कि अब भारतीय नागरिकों को सऊदी अरब  की यात्रा के लिए आवेदन करते समय पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट (पीसीसी) जमा करने की ज़रुरत नहीं है। नया नियम सऊदी अरब जाने वाले भारतीयों के लिए वीजा आवेदन प्रक्रिया को तेज और आसान बना देगा। सऊदी अरब में 20 लाख से अधिक भारतीय नागरिक रहते हैं।

सऊदी दूतावास के मुताबिक यह फैसला दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत करने की कोशिशों के तहत लिया गया है।

पुलिस निकासी प्रमाण पत्र एक दस्तावेज है जो भारतीय नागरिकों को रोजगार, आवासीय स्थिति, वा दीर्घकालिक वीजा के लिए विदेश जाने के लिए आवेदन करने की आवश्यकता होती है, यदि गंतव्य देश में वीजा की आवश्यकता होती है। दस्तावेज़ व्यक्ति के आपराधिक रिकॉर्ड को जानने में मदद करता है।

सऊदी अरब का राजतन्त्र

सऊदी अरब 1923 में इब्न सऊद द्वारा स्थापित एक पश्चिम एशियाई राजतन्त्र है। यह देश अपने तेल और इस्लाम के लिए जाना जाता है।

बीपी सांख्यिकीय समीक्षा विश्व ऊर्जा 2020  के अनुसार, वेनेजुएला के बाद सऊदी अरब के पास दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तेल भंडार है।

वर्तमान में यह कच्चे तेल का दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक  है।

यहाँ  इस्लाम के दो सबसे पवित्र तीर्थस्थल हैं, मक्का और मदीना मस्जिद स्थित हैं।

दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिद अल-हरम मक्का में स्थित  हैं।

दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मस्जिद, पैगंबर की मस्जिद, या मस्जिद अल-नबावी मदीना में है।

इस्लामिक देशों के संगठन का मुख्यालय भी सऊदी अरब के जेद्दा में है।

दुनिया का सबसे बड़ा रेत क्षेत्र, रुब अल-खली ("खाली क्वार्टर") जो लगभग 647,500 वर्ग किमी में फैला है, यह भी सऊदी अरब में है।

सऊदी अरब की राजधानी: रियाद

मुद्रा: सऊदी रियाल

सऊदी अरब के राजा: सलमान बिन अब्दुलअज़ीज़ अल सउद

सऊदी अरब के प्रधान मंत्री: मोहम्मद बिन सलमान


By admin: Nov. 18, 2022

6. सऊदी अरब के वीजा के लिए भारतीयों को अब पुलिस की मंजूरी की जरूरत नहीं

Tags: National International News

Indians no longer need police clearance for Saudi Arabia visas

भारत में सऊदी अरब के दूतावास ने घोषणा की है कि अब भारतीय नागरिकों को सऊदी अरब  की यात्रा के लिए आवेदन करते समय पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट (पीसीसी) जमा करने की ज़रुरत नहीं है। नया नियम सऊदी अरब जाने वाले भारतीयों के लिए वीजा आवेदन प्रक्रिया को तेज और आसान बना देगा। सऊदी अरब में 20 लाख से अधिक भारतीय नागरिक रहते हैं।

सऊदी दूतावास के मुताबिक यह फैसला दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत करने की कोशिशों के तहत लिया गया है।

पुलिस निकासी प्रमाण पत्र एक दस्तावेज है जो भारतीय नागरिकों को रोजगार, आवासीय स्थिति, वा दीर्घकालिक वीजा के लिए विदेश जाने के लिए आवेदन करने की आवश्यकता होती है, यदि गंतव्य देश में वीजा की आवश्यकता होती है। दस्तावेज़ व्यक्ति के आपराधिक रिकॉर्ड को जानने में मदद करता है।

सऊदी अरब का राजतन्त्र

सऊदी अरब 1923 में इब्न सऊद द्वारा स्थापित एक पश्चिम एशियाई राजतन्त्र है। यह देश अपने तेल और इस्लाम के लिए जाना जाता है।

बीपी सांख्यिकीय समीक्षा विश्व ऊर्जा 2020  के अनुसार, वेनेजुएला के बाद सऊदी अरब के पास दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तेल भंडार है।

वर्तमान में यह कच्चे तेल का दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक  है।

यहाँ  इस्लाम के दो सबसे पवित्र तीर्थस्थल हैं, मक्का और मदीना मस्जिद स्थित हैं।

दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिद अल-हरम मक्का में स्थित  हैं।

दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मस्जिद, पैगंबर की मस्जिद, या मस्जिद अल-नबावी मदीना में है।

इस्लामिक देशों के संगठन का मुख्यालय भी सऊदी अरब के जेद्दा में है।

दुनिया का सबसे बड़ा रेत क्षेत्र, रुब अल-खली ("खाली क्वार्टर") जो लगभग 647,500 वर्ग किमी में फैला है, यह भी सऊदी अरब में है।

सऊदी अरब की राजधानी: रियाद

मुद्रा: सऊदी रियाल

सऊदी अरब के राजा: सलमान बिन अब्दुलअज़ीज़ अल सउद

सऊदी अरब के प्रधान मंत्री: मोहम्मद बिन सलमान


By admin: Nov. 18, 2022

7. देश में 5वां प्राकृतिक चिकित्सा दिवस मनाया गया

Tags: National Important Days

5th Naturopathy Day celebrated across the nation

प्राकृतिक चिकित्सा के फायदों के बारे में लोगों को जागरूक करने और लोकप्रिय बनाने के लिए हर साल 18 नवंबर को प्राकृतिक चिकित्सा दिवस मनाया जाता है।

प्राकृतिक चिकित्सा एक ऐसी प्रणाली है जो शरीर को ठीक करने में मदद करने के लिए प्राकृतिक उपचार का उपयोग करती है। यह जड़ी-बूटियों, मालिश, एक्यूपंक्चर, व्यायाम और पोषण संबंधी परामर्श सहित कई उपचारों को अपनाता है।

नेचुरोपैथी शब्द का प्रयोग जर्मनी के जॉन शील ने 1895 में किया था लेकिन इसे बेनेडिक्ट लस्ट ने लोकप्रिय बनाया था। बेनेडिक्ट लस्ट को आधुनिक प्राकृतिक चिकित्सा का जनक कहा जाता है।

इस दिन की पृष्ठभूमि

इसी दिन महात्मा गांधी ने 18 नवंबर, 1945 को ऑल इंडिया नेचर क्योर फाउंडेशन ट्रस्ट की स्थापना की थी। गांधी जी को भारत में प्राकृतिक चिकित्सा का संस्थापकमाना जाता है, क्योंकि उनके प्रयासों से ही यह प्रथा भारत में लोकप्रिय हुई।

18 नवंबर 2018 को भारत में पहला प्राकृतिक चिकित्सा दिवस मनाया गया।

प्राकृतिक चिकित्सा दिवस 2022

मुख्य कार्यक्रम पुणे में राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान में आयोजित किया गया था। इस वर्ष प्राकृतिक चिकित्सा दिवस की थीम नेचुरोपैथी: एन इंटीग्रेटिव मेडिसिन रखी गई है।

इस अवसर पर 5वें प्राकृतिक चिकित्सा दिवस के उपलक्ष्य में एक विशेष आवरण लिफाफा जारी किया गया। साइकिल रैलियों में भाग लेने वालों को गांधी स्मृति चिह्न दिया गया, जो नई दिल्ली, वर्धा और हैदराबाद से शुरू होकर पुणे में एकत्रित हुए।

स्टार्टअप योगा चैलेंज विजेताओं को प्रमाण पत्र दिए गए। इस कार्यक्रम में 25 से अधिक कॉलेजों के छात्रों ने संकाय सदस्यों के साथ भाग लिया। कार्यक्रम का समापन मलखंभ प्रस्तुति के साथ हुआ।

प्राकृतिक चिकित्सा दिवस 2022 की थीम( विषय )

नेचुरोपैथी दिवस 2022 का विषय था: नेचुरोपैथी: एक एकीकृत चिकित्सा


By admin: Nov. 18, 2022

8. उत्तर कोरिया के आईसीबीएम परीक्षण के कारण बैंकॉक में एपेक शिखर सम्मेलन बाधित

Tags: Summits International News

APEC summit disrupted in Bangkok due to North Korean ICBM test

बैंकाक, थाईलैंड में एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपेक) की 18 नवंबर 2022  को  29वीं शिखर बैठक उस समय बाधित हुई जब सदस्य देशों ने  उत्तर कोरिया द्वारा किये गये एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) के नए परीक्षण की कड़ी निंदा की। आईसीबीएम 5,600 किलोमीटर या उससे अधिक की रेंज वाली भूमि आधारित परमाणु सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल है।

दो दिवसीय (18 और 19 नवंबर) शिखर बैठक का उद्घाटन 18 नवंबर 2022 को थाईलैंड के प्रधान मंत्री प्रयुथ चान-ओचा ने किया ।

उत्तर कोरिया के एपेक शिखर सम्मलेन के ठीक एक घंटे पहले मिसाइल परीक्षण के जबाब में अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने शिखर सम्मेलन के मौके पर ऑस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण कोरिया, कनाडा और न्यूजीलैंड के नेताओं की एक आपात बैठक बुलाई और इसकी निंदा की।

कंबोडिया में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन और बाली, इंडोनेशिया में जी-20 शिखर सम्मेलन के बाद एशिया प्रशांत क्षेत्र में यह एक महीने  में तीसरी शिखर स्तरीय बैठक है।

रूस जी -20 और एपेक दोनों का सदस्य है लेकिन राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शिखर सम्मेलन से दूर रहे। प्रथम उप प्रधान मंत्री आंद्रेई बेलौसोव एपेक में उनका प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

अगली शिखर बैठक 2023 में संयुक्त राज्य अमेरिका में आयोजित की जाएगी।

भारत एपेक का सदस्य नहीं है।

एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपेक)

एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपेक) एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 21 सदस्यीय अर्थव्यवस्थाओं वाला एक क्षेत्रीय आर्थिक मंच है।

इसकी स्थापना 1989 में गैर-कानूनी रूप से बाध्यकारी तरीके और अनुकूल वातावरण के तहत क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देने के लिए की गई थी।

एपेक समूह के देशों का वैश्विक आबादी में  38% ,सकल घरेलू उत्पाद का 62% और विश्व व्यापार का 48% हिस्सा है।

एपेक के सदस्य हैं:

ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई दारुस्सलाम, कनाडा, इंडोनेशिया, जापान, कोरिया, मलेशिया, न्यूजीलैंड, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, हांगकांग, चीनी ताइपे(ताइवान), मेक्सिको, पापुआ न्यू गिनी, चिली, पेरू, रूस और वियतनाम।

मुख्यालय: सिंगापुर

फुल फॉर्म

एपेक/APEC: एशिया पेसिफिक  इकनोमिक कोऑपरेशन (Asia Pacific Economic Cooperation )

आईसीबीएम/ICBM: इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (intercontinental ballistic missile)


By admin: Nov. 18, 2022

9. माइक्रोसॉफ्ट के स्वामित्व वाली पेशेवर नेटवर्किंग साइट लिंक्डइन के लिए भारत सबसे तेजी से बढ़ता बाजार है

Tags: Economy/Finance International News

India fastest growing LinkedIn

माइक्रोसॉफ्ट के स्वामित्व वाली व्यापार नेटवर्किंग सेवा कंपनी लिंक्डइन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रेयान रोसलैंस्की ने सिंगापुर में ब्लूमबर्ग न्यू इकोनॉमी फोरम के मौके पर बोलते समय कहा है कि भारत लिंक्डइन का सबसे तेजी से बढ़ता बाजार बन गया है क्योंकि अब यहाँ अधिक से अधिक कंपनियां और विज्ञापनदाता इससे जुड़ रहें है और भारत में  लिंक्डइन का व्यवसाय हर साल 50% से बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि लिंक्डइन संयुक्त राज्य अमेरिका के बाहर व्यापार के नए अवसरों की तलाश कर रहा है क्योंकि संयुक्त राज्य अमेरिका में आर्थिक स्थिति और खराब होने की आशंका है।

उन्होंने कहा , लिंक्डइन का अधिकांश विकास संयुक्त राज्य अमेरिका के बाहर हो रहा है और भारत, इंडोनेशिया और पश्चिमी यूरोप जैसे बाजारों में नए लोग लिंक्डइन में शामिल हो रहे हैं।

लिंक्डइन पेशेवरों का एक सामाजिक नेटवर्क है जिसे लोगों को व्यावसायिक संबंध बनाने, अपने अनुभव साझा करने और नौकरी खोजने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।


By admin: Nov. 18, 2022

10. पैरालंपिक-आईपीसी ने तत्काल प्रभाव से रूसी, बेलारूसी समितियों को निलंबित किया

Tags: Sports Sports News International News

Paralympics-IPC suspends Russian, Belarusian

अंतर्राष्ट्रीय पैरालंपिक समिति ने 17 नवंबर, 2022 को रूस और बेलारूस की राष्ट्रीय पैरालंपिक समितियों (NPCs) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है, जिससे पैरा-एथलीटों की 2024 पैरालंपिक में प्रतिस्पर्धा की उम्मीदों पर पानी फिर गया।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • इससे पहले दोनों देशों के एथलीटों को मार्च में बीजिंग 2022 शीतकालीन पैरालिंपिक में प्रतिस्पर्धा करने से रोक दिया गया था।

  • बर्लिन में आईपीसी की असाधारण महासभा में रूस के निलंबन को 39 के मुकाबले 64 मतों से पारित किया गया।

  • बेलारूस के एनपीसी का निलंबन 45 के मुकाबले 54 मतों से पारित हुआ।

  • दोनों एनपीसी को "आईपीसी संविधान के तहत उनकी सदस्यता दायित्वों का पालन करने में असमर्थता" के लिए निलंबित किया गया है।

  • निलंबन के कारण, NPC रूस और NPC बेलारूस IPC संविधान के अनुसार, IPC सदस्यता के सभी अधिकार और विशेषाधिकार खो दिए हैं।

  • रूसी टीम को डोपिंग को लेकर 2016 में रियो पैरालिंपिक से भी प्रतिबंधित कर दिया गया था।

  • NPC रूस और NPC बेलारूस को इस निर्णय के विरुद्ध अपील करने का अधिकार है।

अंतर्राष्ट्रीय पैरालंपिक समिति के बारे में

  • इसे 22 सितंबर 1989 को एक अंतरराष्ट्रीय गैर-लाभकारी संगठन के रूप में स्थापित किया गया था।

  • यह एक एथलीट-केंद्रित संगठन है जो एक निर्वाचित शासी बोर्ड, एक प्रबंधन टीम और विभिन्न स्थायी समितियों और परिषदों से बना है।

  • इसका उद्देश्य पैरालिंपिक एथलीटों को खेल उत्कृष्टता प्राप्त करने और दुनिया को प्रेरित और उत्साहित करने में सक्षम बनाना है।

  • मुख्यालय - बॉन, जर्मनी

  • अध्यक्ष - एंड्रयू पार्सन्स


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