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By admin: Aug. 24, 2022

1. उच्चतम खाद्य मूल्य मुद्रास्फीति वाले 10 देशों में श्रीलंका 5वें स्थान पर है - विश्व बैंक

Tags: International News


विश्व बैंक के नवीनतम आकलन के अनुसार सबसे अधिक खाद्य मूल्य मुद्रास्फीति वाले 10 देशों में श्रीलंका 5वें स्थान पर है।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • विश्व बैंक के आकलन के अनुसार लेबनान, जिम्बाब्वे, वेनेजुएला और तुर्की पहले चार देशों में हैं, जबकि ईरान, अर्जेंटीना, सूरीनाम, इथियोपिया और मोल्दोवा श्रीलंका से पीछे हैं।

  • विश्व बैंक ने कहा कि रिकॉर्ड उच्च खाद्य कीमतों ने एक वैश्विक संकट पैदा कर दिया है जो लाखों लोगों को अत्यधिक गरीबी, भूख और कुपोषण की ओर ले जाता है।

  • यूक्रेन युद्ध, आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान, और कोविड -19 महामारी के कारण खाद्य कीमतें सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुँच गई हैं।

  • खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों का निम्न और मध्यम आय वाले देशों के लोगों पर अधिक प्रभाव पड़ता है।

  • ये देश उच्च आय वाले देशों के लोगों की तुलना में अपनी आय का एक बड़ा हिस्सा भोजन पर खर्च करते हैं।

घरेलू खाद्य मूल्य मुद्रास्फीति दुनिया भर में उच्च स्तर पर :

  • आंकडों के अनुसार अप्रैल और जुलाई 2022 के बीच  लगभग सभी निम्न और मध्यम आय वाले देशों में उच्च मुद्रास्फीति है।

  • विश्व बैंक का कहना है कि देशों को उर्वरकों पर व्यापार प्रतिबंध या निर्यात प्रतिबंध हटा देना चाहिए।

  • किसानों को उचित प्रोत्साहन देकर उर्वरकों के उपयोग को अधिक कुशल बनाया जाना चाहिए।

  • सर्वोत्तम प्रथाओं और नई तकनीकों को विकसित करने के लिए नवाचार में निवेश कर उर्वरक के प्रति किलोग्राम उत्पादन में वृद्धि करने में मदद मिल सकती है।

अतिरिक्त जानकारी -

खाद्य मुद्रास्फीति से सबसे ज्यादा प्रभावित शीर्ष 10 देश :

  1. लेबनान

  2. जिम्बाब्वे

  3. वेनेजुएला

  4. तुर्किये

  5. श्री लंका

  6. ईरान

  7. अर्जेंटीना

  8. सूरीनाम

  9. इथियोपिया

  10. मोलदोवा

By admin: Aug. 24, 2022

2. रक्षा मंत्री उज्बेकिस्तान के ताशकंद में एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में भाग लेंगे

Tags: International News


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 24 अगस्त को उज्बेकिस्तान के ताशकंद में एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में भाग लेंगे।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • वह शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों की वार्षिक बैठक में भाग लेंगे।

  • चीनी रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंघे और रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु के भी एससीओ बैठक में भाग लेने की उम्मीद है।

  • समूह के सदस्य देशों के अन्य रक्षा मंत्री भी बैठक में शामिल होंगे।

  • इस समूह के वार्षिक शिखर सम्मेलन से लगभग तीन सप्ताह पहले एससीओ रक्षा मंत्री स्तरीय बैठक हो रही है।

  • वार्षिक शिखर सम्मेलन का आयोजन समरकंद में 15-16 सितंबर को आयोजित किया जाएगा।

  • ताशकंद की यात्रा के दौरान, रक्षा मंत्री उज्बेकिस्तान गणराज्य के रक्षा मंत्री लेफ्टिनेंट जनरल बखोदिर कुर्बानोव से मुलाकात करेंगे।

अतिरिक्त जानकारी -

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) क्या है ?

  • यह एक स्थायी अंतर सरकारी अंतरराष्ट्रीय संगठन है।

  • इसकी स्थापना 2001 में हुई थी।

  • एससीओ चार्टर 2002 में हस्ताक्षरित किया गया था, और 2003 में लागू हुआ।

  • यह एक यूरेशियाई राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य संगठन है।

  • इसका उद्देश्य क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखना है।

  • चीन, रूस और चार मध्य एशियाई राज्य - कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, उजबेकिस्तान और ताजिकिस्तान - एससीओ के संस्थापक सदस्य थे।

  • आधिकारिक भाषाएँ - रूसी और चीनी

  • अध्यक्षता - सदस्य राज्यों द्वारा एक वर्ष के लिए रोटेशन के आधार पर

By admin: Aug. 23, 2022

3. इरेडा ने हरित ऊर्जा परियोजनाओं के लिए ऋण प्रदान करने के लिए MAHAPREIT के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

Tags: National News


भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास संस्था लिमिटेड (इरेडा) ने कल महात्मा फुले रिन्यूएबल एनर्जी और इंफ्रास्ट्रक्चर टेक्नोलॉजी लिमिटेड (महाप्रीत) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • इरेडा के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) श्री प्रदीप कुमार दास और महाप्रीत के सीएमडी श्री बिपिन श्रीमाली ने इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

  • इस समझौता ज्ञापन के अनुसार इरेडा राज्य उपयोगिताओं, स्थानीय निकायों और अक्षय ऊर्जा पार्कों के बुनियादी ढांचे को विकसित करने को लेकर कार्यान्वित की जाने वाली अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए महाप्रीत को वित्तीय सुविधाएं प्रदान करेगा।

  • इस सहभागिता के तहत महाप्रीत के लिए इरेडा नवीकरणीय ऊर्जा और ऊर्जा दक्षता व संरक्षण परियोजनाओं का तकनीकी-वित्तीय उचित जिम्मेदारी का भी वहन करेगा।

  • इस सहभागिता के माध्यम से 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन से ऊर्जा के 50 फीसदी हिस्से के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में भारत सरकार की सहायता करने में सक्षम होंगे।

  • देश के सतत विकास के लिए परामर्श सेवाएं प्रदान करने के लिए पिछले दो वर्षों में इरेडा का यह नौवां समझौता ज्ञापन है।

भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी लिमिटेड (इरेडा) :

  • इसे वर्ष 1987 में ‘गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्था’ के रूप में एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी के तौर पर गठित किया गया था।

  • यह भारत सरकार के ‘नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय’ के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन कार्यरत एक मिनीरत्न (श्रेणी 1) प्रकार की कंपनी है।

  • इसका कार्य नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से संबंधित परियोजनाओं को प्रोत्साहित करना तथा इनके विकास हेतु इन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करना है।

  • इसे ‘कंपनी अधिनियम, 1956’ की धारा 4’ए’ के तहत ‘सार्वजनिक वित्तीय संस्थान’ के रूप में अधिसूचित किया गया है।





By admin: Aug. 23, 2022

4. भारतीय नौसेना और अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (इसरो) के बीच समझौता ज्ञापन

Tags: National National News


हाल ही में अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (ISRO) और भारतीय नौसेना के बीच समुद्र विज्ञान तथा मौसम विज्ञान में उपग्रह आधारित नौसेना अनुप्रयोगों पर डेटा साझाकरण एवं सहयोग पर समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये गए हैं।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • यह सहयोग को बढ़ाएगा और आपसी सहयोग के एक साझा मंच की शुरुआत करेगा।

  • अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र द्वारा वैज्ञानिक प्रगति को उपग्रह डेटा पुनर्प्राप्ति और अनुप्रयोगों के क्षेत्र में तेज़ी से विकास के साथ राष्ट्र की रक्षा सुनिश्चित करने के लिये भारतीय नौसेना के प्रयासों के साथ तालमेल बिठाया जाएगा।

सहयोग में विभिन्न आयाम शामिल होंगे :

  • गैर-गोपनीय अवलोकन डेटा को साझा करना।

  • अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (एसएसी) से उत्पन्न मौसम संबंधी जानकारियों का सैन्य अभियानों में इस्तेमाल और नए उपकरणों के विकास, अंशांकन और ओशन मॉडल के सत्यापन के लिये उपग्रह डेटा के प्रसंस्करण हेतु विषय विशेषज्ञों (एसएमई) का प्रावधान शामिल है।

  • महासागरीय मॉडलों का अंशांकन एवं सत्यापन प्रदान करना।

अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र :

  • अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का एक प्रमुख अनुसंधान एवं विकास केंद्र है।

  • यह अपने तरह का एक विशिष्ट केंद्र है जहाँ पेलोड विकसित करने से लेकर सामाजिक उपयोग तक की विभिन्न विधाओं पर कार्य किया जाता हैं।

  • यह भारत के गुजरात राज्य के अहमदाबाद में स्थित है।



By admin: Aug. 23, 2022

5. विश्व जल सप्ताह - 2022

Tags: Important Days International News


विश्व जल सप्ताह- 2022 - 23 अगस्त से 1 सितंबर तक स्टॉकहोम, स्वीडन में आयोजित हो रहा है।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • विश्व जल सप्ताह 2022 की थीम - "अनदेखे को देखना: पानी का मूल्य"।

  • इसका आयोजन स्टॉकहोम इंटरनेशनल वाटर इंस्टीट्यूट (SIWI) द्वारा किया गया है।

  • विश्व जल सप्ताह 2022 की थीमको तीन मुख्य दृष्टिकोण के अंतर्गत शामिल किया गया है -

  1. लोगों के लिए पानी का मूल्य और विकास

  2. प्रकृति और जलवायु परिवर्तन के लिए पानी का मूल्य

  3. पानी का वित्तीय और आर्थिक मूल्य

  • यह आयोजन दुनिया भर के लोगों को एकजुट करने, विचारों को बढ़ावा देने, नवाचार और भविष्य के बारे में चर्चा करने के कई अवसर प्रदान करेगा।

  • विश्व जल सप्ताह के तहत खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, प्रौद्योगिकी, जैव विविधता, जलवायु परिवर्तन आदि सहित जल से संबंधित विषयों पर लगभग 300 सत्र आयोजित किए जाएंगे।

  • विश्व जल सप्ताह शीर्ष वैज्ञानिकों, संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों, स्थानीय सामुदायिक समूहों, उद्यमियों, शीर्ष राजनेताओं, छात्रों, सीईओ और कई अन्य लोगों को आकर्षित करेगा।

  • यह सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में सुधार हासिल करने में मदद करेगा।

By admin: Aug. 23, 2022

6. भारत ने यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल होने के लिए गरबा को नामित किया

Tags: National National News


भारत ने यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में अंकित होने के लिए नृत्य रूप गरबा को नामांकित किया है।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • पिछले साल यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची में 'दुर्गा पूजा' को शामिल करने के बाद, भारत ने अब 2022 के लिए 'गरबा' नृत्य को नामित किया है।

  • भारत को जुलाई 2022 में अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा के लिए 2003 के कन्वेंशन की विशिष्ट अंतर सरकारी समिति में सेवा देने के लिए यूनेस्को द्वारा चुना गया था।

  • भारत को चयन को अंतिम रूप से चयन के लिए  155 राज्य दलों से 110 मत प्राप्त हुए।

गरबा नृत्य :

  • यह एक प्रकार का भारतीय नृत्य है जो आमतौर पर भारत के गुजरात राज्य में त्योहारों और अन्य विशेष अवसरों पर किया जाता है।

  • परंपरागत रूप से यह नौ दिवसीय हिंदू त्योहार नवरात्रि के दौरान किया जाता है।

  • यह मिट्टी के मटके, जिसे गरबो कहते हैं, को पानी से भर कर इसके चारों ओर महिलाओं द्वारा किया जाने वाला नृत्‍य है। 

  • मटके के अंदर एक सुपारी और चाँदी का सिक्‍का रखा जाता है, जिसे कुम्‍भ कहते हैं। इसके ऊपर एक नारियल रखा जाता है। 

  • नृत्‍य करने वाली महिलाएँ मटके के चारों ओर गोल घूमती हैं और एक गायक तथा ढोलक या तबला बजाने वाला व्‍यक्ति संगीत देता है।

  • ‘गरबा' का जन्‍म एक दीपक के अनुसार किया गया है, जिसे गर्भदीप कहते हैं, जिसका अर्थ है मटके के अंदर रखा हुआ दीपक।

यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त भारत की ‘अमूर्त’ सांस्कृतिक विरासत :

  • (1) वैदिक जप की परंपरा (3) रामलीला, रामायण का पारंपरिक प्रदर्शन (3) कुटियाट्टम, संस्कृत थिएटर (4) राममन, गढ़वाल हिमालय के धार्मिक त्योहार और धार्मिक अनुष्ठान, भारत (5) मुदियेट्टू, अनुष्ठान थियेटर और केरल का नृत्य नाटक (6) कालबेलिया लोक गीत और राजस्थान के नृत्य (7) छऊ नृत्य (8) लद्दाख का बौद्ध जप: हिमालय के लद्दाख क्षेत्र, जम्मू और कश्मीर, भारत में पवित्र बौद्ध ग्रंथों का पाठ (9) मणिपुर का संकीर्तन, पारंपरिक गायन, नगाडे और नृत्य (10) पंजाब के ठठेरों द्वारा बनाए जाने वाले पीतल और तांबे के बर्तन (11) योग (12) नवरोज़, (13) कुंभ मेला (14) दुर्गा पूजा, कोलकाताI 

  • यूनेस्को की स्थापना वर्ष 1945 में स्थायी शांति बनाए रखने के रूप में "मानव जाति की बौद्धिक और नैतिक एकजुटता" को विकसित करने के लिये की गई थी।

  • यूनेस्को सांस्कृतिक और प्राकृतिक महत्त्व के स्थलों को आधिकारिक तौर पर विश्व धरोहर की मान्यता प्रदान करती है। 

  • भारत में यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त कुल 40 मूर्त विरासत धरोहर स्थल (31 सांस्कृतिक, 8 प्राकृतिक और 1 मिश्रित) हैं और 14 अमूर्त सांस्कृतिक विरासतें हैं।



By admin: Aug. 23, 2022

7. भारत ने संकटग्रस्त श्रीलंका को 21,000 टन से अधिक यूरिया सौंपा

Tags: International Relations International News


भारत ने 22 अगस्त को संकटग्रस्त पड़ोसी देश श्रीलंका को 21,000 टन रासायनिक खाद सौंपी।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • यह एक विशेष सहायता कार्यक्रम के तहत किया गया है जो श्रीलंका में किसानों की मदद करेगा और खाद्य सुरक्षा के लिए द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने में मदद करेगा, 

  • यह भारत की इस संकटग्रस्त द्वीप राष्ट्र को हाल के महीनों में इस तरह की दूसरी सहायता है।

  • मई 2022 में, भारत ने श्रीलंका में मौजूदा याला खेती के मौसम में किसी भी व्यवधान से बचने के लिए श्रीलंका को तुरंत 65,000 मीट्रिक टन यूरिया की आपूर्ति करने का आश्वासनदिया था।

  • यालाश्रीलंका में धान की खेती का मौसमहै जो मई और अगस्तके बीच रहता है।

श्रीलंका में उर्वरक पर प्रतिबंध :

  • हरित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ने के लिए पिछले साल राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे ने रासायनिक उर्वरक आयात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया था जिसके कारण फसल के पैदावार में 50% की कमी आई खाद्य की कमी उत्पन्न हो गई है।

  • सरकार के इस निर्णय ने खाद्य उत्पादन को बुरी तरह प्रभावित किया।

  • नतीजतन, श्रीलंका के राष्ट्रपति ने बढ़ती खाद्य कीमतों को रोकने के लिए आर्थिक आपातकाल की घोषणा की।

श्रीलंका को भारत की सहायता :

  • भारत ने इस साल जनवरी से कर्ज में डूबे श्रीलंका को कर्ज, क्रेडिट लाइन और क्रेडिट स्वैप में करीब 4 अरब डॉलर देने का वादा किया है।

  • श्रीलंका के वार्षिक उर्वरक आयात की लागत 400 मिलियन अमरीकी डालर है।

  • भोजन, दवाएं, ईंधन, मिट्टी के तेल और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करके श्रीलंका के भोजन, स्वास्थ्य और ऊर्जा सुरक्षा को सुरक्षित रखने में मदद के लिए भारत की ओर से लगभग 3.5 बिलियन अमरीकी डालर की आर्थिक सहायता दी गई है।

  • इसके अलावा, हाल ही में भारत ने विस्तारित 1 बिलियन अमरीकी डालर की ऋण सुविधा के तहत लगभग 40,000 टन चावल की आपूर्ति की है।

By admin: Aug. 22, 2022

8. राष्ट्रीय महिला पुलिस अधिकारियों के 10वें राष्ट्रीय सम्मेलन (एनसीडब्ल्यूपी) का शिमला में उद्घाटन

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केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने 21 अगस्त को शिमला में पुलिस में महिलाओं के 10वें राष्ट्रीय सम्मेलन (एनसीडब्ल्यूपी) का उद्घाटन किया।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • यह सम्मेलनहिमाचल प्रदेश के शिमला में 21 और 22 अगस्तको आयोजित किया जा रहा है।

  • राष्ट्रीय स्तर का यह सम्मेलन केंद्रीय गृह मंत्रालय पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो और हिमाचल पुलिस के सहयोग से करवाया जा रहा है।

  • इस सम्मेलन में सैकड़ों महिला कांस्टेबल से लेकर डीजीपी और पैरा मिलिट्री की अधिकारी शामिल हो रही हैं। 

  • यह सम्मेलन महिला पुलिस अधिकारियों के लिए एक मंच प्रदान करता है।

  • सम्मेलन में महिला पुलिस अधिकारियों की उपलब्धियों और 21वीं सदी में महिलाओं से जुड़े मुद्दों और चुनौतियों को प्रदर्शित किया गया है।

  • सम्मेलन में बदलते अपराधों और प्रौद्योगिकी के युग में महिलाओं की नई भूमिकाओं और जिम्मेदारियों पर भी चर्चा किया गया है। 

सम्मेलन का उद्देश्य :

  • इस सम्मेलन को आयोजित करने का उद्देश्य महिलाओं में नेतृत्व की गुणवत्ता को और विकसित करना और महिला पुलिस अधिकारियों और कर्मियों के सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा करना है।

By admin: Aug. 22, 2022

9. किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार ने मिथिला मखाना को जीआई टैग प्रदान किया

Tags: National National News


केंद्र सरकार ने मिथिला मखाना को भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग प्रदान किया है।


महत्वपूर्ण तथ्य 

  • जीआई रजिस्ट्री प्रमाणपत्र के अनुसार इसे जीआई मिथिलांचल मखाना उत्पादक संघ के नाम से पंजीकृत किया गया है।

  • आमतौर पर, यह नाम गुणवत्ता और विशिष्टता का आश्वासन देता है, जो अनिवार्य रूप से इसके मूल स्थान के कारण होता है।

  • कानून द्वारा या उसके तहत स्थापित व्यक्तियों, उत्पादकों, संगठन या प्राधिकरण का कोई भी संघ जीआई टैग के लिए आवेदन कर सकता है।

  • इस कदम से मखाना उत्पादकों को उनकी उपज का अधिकतम मूल्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

  • एक बार जब किसी उत्पाद को यह टैग मिल जाता है, तो कोई भी व्यक्ति या कंपनी उस नाम से मिलती-जुलती वस्तु नहीं बेच सकती है।

  • यह टैग 10 साल की अवधि के लिए वैध है जिसके बाद इसे नवीनीकृत किया जा सकता है।

  • जीआई पंजीकरण के अन्य लाभों में उस वस्तु की कानूनी सुरक्षा, दूसरों द्वारा अनधिकृत उपयोग के खिलाफ रोकथाम और निर्यात को बढ़ावा देना शामिल है।

भौगोलिक संकेत क्या है ?

  • भौगोलिक संकेतक (जीआई) मुख्‍य रूप से किसी निश्‍चित भौगोलिक क्षेत्र में उत्पन्न कृषि, प्राकृतिक या निर्मित उत्पाद (हस्तशिल्प और औद्योगिक वस्‍तु) होता है।

  • इस तरह का नाम गुणवत्ता और विशिष्टता का आश्वासन देता है जो निर्धारित भौगोलिक क्षेत्र में उसके मूल तथ्य के कारण होता है।

कुछ प्रसिद्ध भौगोलिक संकेत :

  • बासमती चावल, दार्जिलिंग चाय, चंदेरी फैब्रिक, मैसूर सिल्क, कुल्लू शॉल, कांगड़ा चाय, तंजावुर पेंटिंग, इलाहाबाद सुरखा, फर्रुखाबाद प्रिंट, लखनऊ जरदोजी और कश्मीर अखरोट की लकड़ी पर नक्काशी, महाबलेश्वर की स्ट्राबेरी, बनारसी साडी, तिरुपति के लड्डू, जयपुर की ब्लू पोटरी।

भौगोलिक संकेत का महत्त्व :

  • भौगोलिक संकेत टैग धारकों को बौद्धिक संपदा अधिकार जैसे कॉपीराइट, पेटेंट, ट्रेडमार्क आदि के समान अधिकार और सुरक्षा प्रदान करता है।

  • यह किसी भी देश की प्रसिद्धि एवं संस्कृति के प्रचार-प्रसार के कारक होते हैं।

  • किसी भी देश की प्रतिष्ठा में इनकी एक महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है।

  • ये भारत की समृद्ध संस्कृति और सामूहिक बौद्धिक विरासत का एक अभिन्न अंग हैं।

  • विशिष्ट प्रकार के उत्पादों को जीआई टैग प्रदान किए जाने से दूरदराज के क्षेत्रों की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को काफी लाभ मिलता है।



By admin: Aug. 22, 2022

10. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भोपाल में 23वीं केंद्रीय क्षेत्रीय परिषद की बैठक की अध्यक्षता की

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 22 अगस्त को भोपाल में केंद्रीय क्षेत्रीय परिषद की बैठक की अध्यक्षता की जहां कनेक्टिविटी, बिजली, नदी जल के बंटवारे और आम हितों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गई।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • बैठक में मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों, मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों और सदस्य राज्यों और केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

  • केंद्रीय क्षेत्रीय परिषद की इस बैठक में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राज्य शामिल हैं।

  • सेंट्रल जोनल काउंसिल की बैठक में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान मौजूद रहे।

  • केंद्र सरकार देश में सहकारी और प्रतिस्पर्धी संघवाद को मजबूत करने और बढ़ावा देने की समग्र रणनीति के हिस्से के रूप में समय-समय पर क्षेत्रीय परिषदों की नियमित बैठकें करती है।

  • इन क्षेत्रीय परिषदों के कारण एक या अधिक राज्यों को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर बातचीत तथा चर्चा संभव हो पाती है।

क्षेत्रीय परिषदों के बारे में :

  • 1956 में भारत के पहले प्रधान मंत्री, पंडित जवाहरलाल नेहरू ने क्षेत्रीय परिषदों के निर्माण का विचार दिया।

  • भारत में पांच क्षेत्रीय परिषदें हैं जिनकी स्थापना 1957 में राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा 15-22 के तहत की गई थी।

  • प्रत्येक क्षेत्रीय परिषद द्वारा एक स्थायी समिति का गठन किया जाता है जिसमें सदस्य राज्यों की संबंधित क्षेत्रीय परिषदों के मुख्य सचिव शामिल होते हैं।

  • इन स्थायी समितियों की समय-समय पर बैठकें होती रहती हैं ताकि मुद्दों का समाधान किया जा सके।

  • अध्यक्ष - केंद्रीय गृह मंत्री इनमें से प्रत्येक परिषद के अध्यक्ष हैं

  • उपाध्यक्ष - मेजबान राज्य के मुख्यमंत्री 

पांच क्षेत्रीय परिषदें :

  1. उत्तरी क्षेत्रीय परिषद - हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ शामिल हैं।

  2. केंद्रीय क्षेत्रीय परिषद - छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्य शामिल हैं।

  3. पूर्वी क्षेत्रीय परिषद - बिहार, झारखंड, उड़ीसा, सिक्किम और पश्चिम बंगाल राज्य शामिल हैं।

  4. पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद - गोवा, गुजरात, महाराष्ट्र और केंद्र शासित प्रदेश दमन और दीव और दादरा और नगर हवेली शामिल हैं।

  5. दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद - आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी शामिल हैं।

क्षेत्रीय परिषदों के उद्देश्य :

  • राष्ट्रीय एकीकरण

  • केंद्र और राज्यों को सहयोग करने और विचारों और अनुभवों का आदान-प्रदान करने में सक्षम बनाना

  • क्षेत्रवाद, भाषावाद और विशिष्ट प्रवृत्तियों के विकास को रोकना

  • विकास परियोजनाओं के सफल और शीघ्र निष्पादन के लिए राज्यों के बीच सहयोग का वातावरण स्थापित करना

क्षेत्रीय परिषदों का महत्व :

  • क्षेत्रीय परिषदें एक या अधिक राज्यों को प्रभावित करने वाले मुद्दों या केंद्र और राज्यों के बीच के मुद्दों पर चर्चा के लिए एक मंच प्रदान करती हैं।

  • यह सामाजिक और आर्थिक विकास के महत्वपूर्ण मुद्दों पर राज्यों के बीच विचार-विमर्श और विचारों के आदान-प्रदान के माध्यम से एक समन्वित दृष्टिकोण विकसित करने में मदद करता है।

  • यह केंद्र और राज्यों के बीच विवादों को हल करने के लिए एक मंच प्रदान करते हैं।

कृपया 11 जून और 9 जुलाई 2022 की पोस्ट भी देखें.

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