1. भारत सरकार के प्रमुख कार्यक्रम 'मेक इन इंडिया' ने 8 साल पूरे किए
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भारत सरकार के प्रमुख कार्यक्रम, 'मेक इन इंडिया' ने 25 सितंबर 2022 को 8 साल पूरे किए। इस कार्यक्रम को 2014 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश को एक प्रमुख वैश्विक विनिर्माण और निवेश गंतव्य में बदलने के लिए लॉन्च किया गया था।
यह पहल भारत में निवेश करने के लिए विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए सरकार का एक प्रयास है।
मेक इन इंडिया पहल की उपलब्धि देते हुए केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय ने कार्यक्रम की निम्नलिखित उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
- 14 प्रमुख विनिर्माण क्षेत्रों में उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन स्कीम (पीएलआई) मेक इन इंडिया पहल के लिए एक बड़े प्रोत्साहन के रूप में वित्त वर्ष 2020-21 में लांच की गई। पीएलआई स्कीम रणनीतिक वृद्धि के सेक्टरों में, जहां भारत को तुलनात्मक रूप से बढ़त हासिल है, घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित करती है।
- विश्व अर्थव्यवस्था में सेमीकंडक्टरों के महत्व को स्वीकार करते हुए, भारत सरकार ने देश में सेमीकंडक्टर, डिस्प्ले, डिजाइन इकोसिस्टम का निर्माण करने के लिए 10 बिलियन डॉलर की एक प्रोत्साहन स्कीम लांच की है।
- मंत्रालय ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत का खिलौनों का निर्यात 2021-22 में बढ़कर 2601.5 करोड़ रुपये हो गया, जबकि 2018-2019 में यह 1612 करोड़ रुपये था, जो 61% की वृद्धि थी।
- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 2014-2015 में 45.15 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2021-22 में रिकॉर्ड 83.6 अरब डॉलर हो गया है।
2. जितेंद्र सिंह ने "मिशन इंटीग्रेटेड बायोरिफाइनरीज का इनोवेशन रोडमैप" लॉन्च करने की घोषणा की
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केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने ब्राजील, कनाडा, ईसी और यूनाइटेड किंगडम से मिले नतीजों और निष्कर्षों के आधार पर विकसित “इनोवेशन रोड-मैप ऑफ दी मिशन इंटीग्रेटेट बायो-रीफायनरीज़” (मिशन आधारित जैव-परिशोधन की नवोन्मेषी रूपरेखा) की शुरूआत की घोषणा की।
वह संयुक्त राज्य अमेरिका में पेंसिल्वेनिया के पिट्सबर्ग में ग्लोबल क्लीन एनर्जी एक्शन फोरम में "सस्टेनेबल बायोएनेर्जी एंड बायो-रिफाइनरीज" पर पहले गोलमेज सम्मेलन में बोल रहे थे।
ग्लोबल क्लीन एनर्जी एक्शन फोरम के तहत 7वां मिशन इनोवेशन और 13वां क्लीन एनर्जी मिनिस्ट्रियल-2022 संयुक्त रूप से 21-23 सितंबर 2022 तक आयोजित किया जा रहा है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
बायोरिफाइनरी को आगे बढ़ाने में भारत का प्रयास :
- बायोरिफाइनरी एक ऐसी सुविधा है जो बायोमास से ईंधन, बिजली और मूल्य वर्धित रसायनों का उत्पादन करने के लिए बायोमास रूपांतरण प्रक्रियाओं और उपकरणों को एकीकृत करती है। बायोमास अक्षय कार्बनिक पदार्थ है, जो पौधों और जानवरों से आता है।
- डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि, एकीकृत एनजाइम उत्पादन युक्त 10 टन/प्रति दिन क्षमता वाले संयंत्र को प्रायोगिक तौर पर हरियाणा के पानीपत में स्थापित किया जा रहा है, जो दिसंबर 2022 तक काम करना चालू कर देगा। उन्होंने कहा कि यह मौके पर एनजाइम उत्पादन की पहली स्वदेशी प्रौद्योगिकी है।
- डॉ. सिंह ने कहा कि इंडियन ऑयल कारपोरेशन ने स्वदेशी एनजाइम की आपूर्ति को 100 किलोलीटर प्रति दिन का उत्पादन करने वाले वाणिज्यिक 2जी एथेनॉल संयंत्र को आपूर्ति करने की योजना बनाई है। आशा की जाती है कि, यह संयंत्र 2024 की दूसरी तिमाही में चालू हो जायेगा।
- उन्होंने कहा कि भारत ने 5 बायोएनेर्जी केंद्र स्थापित किए हैं, जहां एक अंतःविषय टीम आधुनिक जैव प्रौद्योगिकी उपकरणों का उपयोग करके उन्नत टिकाऊ जैव ईंधन पर काम कर रही है।
3. छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में महिला सुरक्षा के लिए शुरू करेगी 'हमर बेटी हमर मान'
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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 23 सितंबर 2022 को एक ट्वीट में घोषणा की है कि, सरकार महिलाओं, विशेषकर लड़कियों की सुरक्षा के लिए ‘हमर बेटी- हमर मान' अभियान शुरू करेगी।
राज्य सरकार बालिका विद्यालयों, महाविद्यालयों तथा प्रमुख स्थानों पर जहां महिलाएं एवं बालिकाएं आती हैं, 'हमर बेटी-हमर मान' हेल्पलाइन के लिए एक मोबाइल नंबर भी जारी किया जाएगा, जिस पर लड़कियां अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगी।
राज्य सरकार ने महिलाओं से संबंधित अपराधों की जांच के लिए महिला अभियोजकों को तैनात करने का भी फैसला किया है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
छत्तीसगढ :
- प्राचीन काल में इसे दक्षिणी कोसल के नाम से जाना जाता था।
- 1 नवंबर 2000 को मध्य प्रदेश को विभाजित करके आधुनिक छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया गया था।
- राज्य 6 राज्यों के साथ सीमा साझा करता है। वे उत्तर और उत्तर पूर्व में उत्तर प्रदेश और झारखंड, पूर्व में ओडिशा, दक्षिण में तेलंगाना और पश्चिम में महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश हैं। .
- छत्तीसगढ़ के राज्यपाल : अनुसुइया उइके
- राजधानी : रायपुर
- उच्च न्यायालय सीट: बिलासपुर
अतिरिक्त जानकारी -
राज्य का प्रतीक :
- राजकीय पशु : वन भैसा
- राज्य पक्षी : पहाड़ी मैना
- राज्य वृक्ष: साल वृक्ष
- राज्य फूल: फॉक्सटेल ऑर्किड
4. केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण और कृषि मंत्रालय ने कन्वर्जेंस पोर्टल लॉन्च किया
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सरकार ने 21 सितंबर को खाद्य प्रसंस्करण और कृषि मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के लिए एक संयुक्त कन्वर्जेंस पोर्टल शुरू किया है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय (एमओएएफडब्ल्यू) तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (एमओएफपीआई) ने संयुक्त रूप से इस पोर्टल की शुरुआत की है।
यह पोर्टल कृषि अवसंरचना कोष (एआईएफ), प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम (पीएमएफएमई) योजना और प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (पीएमकेएसवाई) के बीच शुरू किया गया है।
इस पोर्टल को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री पशुपति कुमार पारस तथा कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी की उपस्थिति में लॉन्च किया गया।
यह पहल खाद्य प्रसंस्करण में लगी सूक्ष्म इकाइयों के जीवनकाल में एक नया अध्याय जोड़ने जा रही है।
कृषि अवसंरचना कोष :
इसे 2020 में कोविड-19 संकट के विरुद्ध प्रोत्साहन पैकेज के रूप में शुरू किया गया था
इसका उद्देश्य फसल के उपरांत बुनियादी ढाँचा प्रबंधन और सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों के लिये व्यवहार्य परियोजनाओं में निवेश हेतु मध्यम-लंबी अवधि के ऋण वित्तपोषण की सुविधा प्रदान करना।
प्रधान मंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम (पीएमएफएमई) योजना :
खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने 29 जून, 2020को केंद्र प्रायोजित पीएमएफएमई योजना शुरू की।
इसका उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के असंगठित क्षेत्र में मौजूदा व्यक्तिगत सूक्ष्म उद्यमों की प्रतिस्पर्द्धात्मकता को बढ़ाना और क्षेत्र की औपचारिकता को बढ़ावा देना है।
इस योजना के तहत देश में सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के उन्नयन के लिए वित्तीय, तकनीकी और व्यावसायिक सहायता प्रदान की जाती है।
प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना :
यह खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है।
इस योजना का उद्देश्य फार्म गेट से रिटेल आउटलेट तक कुशल आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन के साथ आधुनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण करना है।
5. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने शुरू किया क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम
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युवा मामले और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने 21 सितंबर को नई दिल्ली में नेहरू युवा केंद्र संगठन के 14,000 युवा स्वयंसेवकों के लिए क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
महत्वपूर्ण तथ्य -
महत्वाकांक्षी ऑनलाइन इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य युवा स्वयंसेवकों के जीवन कौशल को बढ़ाना है ताकि वे राष्ट्रीय विकास में प्रभावी रूप से योगदान दे सकें।
प्रशिक्षण कार्यक्रम की सामग्री को सावधानीपूर्वक तैयार किया गया है और इसमें संचार कौशल, नेतृत्व कौशल और निर्णय लेने पर गहन अभ्यास शामिल हैं।
यह दुनिया का सबसे बड़ा कुशल कार्यबल बनाने में मदद करेगा।
नेहरू युवा केंद्र संगठन -
इसकी स्थापना वर्ष 1972में हुई थी।
इसका उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में भाग लेने के साथ-साथ उनके व्यक्तित्व और कौशल के विकास के अवसर प्रदान करना है।
यह युवा मामले और खेल मंत्रालय के विभिन्न युवा कार्यक्रमों और अन्य मंत्रालयों के समन्वय और सहयोग से विशेष कार्यक्रमों के साथ युवा विकास के विभिन्न मोर्चों पर काम कर रहा है।
6. चमड़ा क्षेत्र में कौशल विकास के लिए स्केल ऐप लॉन्च किया गया
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केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 20 सितंबर 2022, को चेन्नई में स्केल (स्किल सर्टिफिकेशन असेसमेंट फॉर लेदर एम्प्लॉइज) ऐप लॉन्च किया।
उन्होंने सीएसआईआर - केंद्रीय चमड़ा अनुसंधान संस्थान, चेन्नई के दौरे के दौरान स्केल ऐप का उद्घाटन किया।
महत्वपूर्ण तथ्य -
स्केल ऐप :
- ऐप को चमड़ा कौशल क्षेत्र परिषद द्वारा विकसित किया गया है ।
- यह चमड़ा उद्योग के कौशल, सीखने, मूल्यांकन और रोजगार की जरूरतों के लिए वन-स्टॉप समाधान प्रदान करता है।
- ऐप, लेदर क्राफ्ट में रुचि रखने वाले सभी आयु वर्ग के लोगों को लेदर स्किल सेक्टर काउंसिल कार्यालय के अत्याधुनिक स्टूडियो से ऑनलाइन लाइव स्ट्रीम कक्षाओं तक पहुंचने की अनुमति देता है।
भारत में चमड़ा उद्योग :
- भारत, चीन के बाद दुनिया में फुटवियर का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता है।
- भारत में चमड़ा उद्योग दुनिया के चमड़े के उत्पादन का लगभग 13% हिस्सा है।
- दुनिया के कुल जूते उत्पादन में देश का 9% हिस्सा है।
अतिरिक्त जानकारी -
भारत में चमड़े और चमड़े के उत्पादों के प्रमुख उत्पादन केंद्र निम्नलिखित राज्यों में स्थित हैं :
- तमिलनाडु - चेन्नई, अंबुर, रानीपेट, वनियामबादी, वेल्लोर, पेरनामबट, त्रिची, डिंडीगुल और इरोड
- पश्चिम बंगाल - कोलकाता
- उत्तर प्रदेश – कानपुर, आगरा, नोएडा, सहारनपुर;
- महाराष्ट्र - मुंबई
- पंजाब - जालंधर
- कर्नाटक – बैंगलोर
- आंध्र प्रदेश - हैदराबाद
- हरियाणा – अंबाला, गुड़गांव, पंचकुला, करनाल और फरीदाबाद
- दिल्ली
- मध्य प्रदेश - देवास
- केरल - कालीकट और एर्नाकुलम / कोची
- राजस्थान - जयपुर
- जम्मू और कश्मीर - श्रीनगर
- डेटा स्रोत: इन्वेस्ट इंडिया, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय
7. स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया रक्तदान अमृत महोत्सव का शुभारंभ करेंगे
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केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय इस साल 17 सितंबर से 1 अक्टूबर तक स्वैच्छिक रक्तदान के लिए एक देशव्यापी मेगा अभियान, रक्तदान अमृत महोत्सव शुरू करेंगे ।
1 अक्टूबर को राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस के रूप में मनाया जाता है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया के अनुसार, सरकार देश भर में स्वैच्छिक रक्तदान अभियान के माध्यम से पात्र स्वैच्छिक रक्तदाताओं का एक डेटाबेस स्थापित करने की योजना बना रही है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
रक्तदान अमृत महोत्सव का उद्देश्य :
- मंत्री के अनुसार अभियान का उद्देश्य नियमित रूप से गैर-पारिश्रमिक स्वैच्छिक रक्तदान की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
- अभियान ,यह भी सुनिश्चित करेगा कि पैक्ड रेड सेल्स, प्लाज्मा और प्लेटलेट्स सहित रक्त के विभिन्न घटक उपलब्ध, सुलभ, किफायती और सुरक्षित हैं।
- देश में ब्लड बैंकों की मौजूदा क्षमता को भरने के साथ ही इस अभियान से देश में रक्तदाताओं का भंडार बनाने में भी मदद मिलेगी।
- सरकार के अनुसार, वर्ष 2021 में भारत में 1.46 करोड़ यूनिट की मांग के मुकाबले 1.25 करोड़ यूनिट रक्त था। एक यूनिट में 350 मिलीलीटर रक्त होता है।
8. तमिलनाडु सरकार स्कूलों में 'सिरपी' ' कार्यक्रम शुरू करेगी
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तमिलनाडु सरकार राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) की तर्ज पर ‘सिरपी' (जिम्मेदार पुलिस पहल में छात्र) शुरू करेगी।
महत्वपूर्ण तथ्य -
- इस पहल की शुरुआत मुख्यमंत्री एम के स्टालिन करेंगे। ग्रेटर चेन्नई पुलिस एसआईआरपीआई इकाइयां बना रही है। पहले चरण में 100 स्कूलों से 50 छात्रों का चयन किया जाएगा।
- तमिलनाडु सरकार के अनुसार, इस परियोजना का उद्देश्य किशोर अपराध के मुद्दे को संबोधित करना है, जो सामाजिक-आर्थिक स्थिति, साथियों के दबाव, पारिवारिक समर्थन की कमी और बेरोजगारी जैसे कारकों से प्रेरित है।
फुल फॉर्म :
‘सिरपी/SIRP: स्टूडेंट्स इन रेस्पोंसीबल पुलिस इनिशिएटिव (Students In Responsible Police Initiative).
9. मत्स्य पालन क्षेत्र ने अब तक का सबसे अधिक उत्पादन और निर्यात रिकॉर्ड किया :प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के दो साल पुरे
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देश में मत्स्य पालन क्षेत्र के सतत विकास पर केंद्रित, प्रमुख केंद्र सरकार की योजना, प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएसएसवाई) ने 10 सितंबर 2022 को 2 साल पूरे किए।
इस दिन को मनाने के लिए, केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने नई दिल्ली में एक कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला थे।
महत्वपूर्ण तथ्य -
मात्स्यिकी क्षेत्र की उपलब्धि :
- मंत्रालय ने इस अवसर पर योजना की उपलब्धि जारी की।
- 2019-20 के दौरान 141.64 लाख टन की तुलना में 2021-22 के दौरान देश में मछली उत्पादन 161.87 लाख टन (अनंतिम) तक पहुंच गया है।
- 2019-20 से 2021-22 तक सेक्टर की विकास दर 14.3% थी।
- निर्यात 13.64 लाख टन के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, जिसका मूल्य 57,587 करोड़ रुपये (7.76 बिलियन अमरीकी डालर) था, जिसमें झींगा के निर्यात का प्रभुत्व था।
- भारत दुनिया के 123 देशों को मछली निर्यात करता है और यह दुनिया में मछली का चौथा सबसे बड़ा निर्यातक है।
प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना :
- प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 सितंबर 2020 को डिजिटल रूप से प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना की शुरुआत की।
- प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना का मुख्य आदर्श वाक्य मत्स्य पालन क्षेत्र में 'सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन' है।
- पीएमएमएसवाई को मछली उत्पादन और उत्पादकता, गुणवत्ता प्रौद्योगिकी, उपज के बाद के लिए जरूरी बुनियादी ढांचे और प्रबंधन, मूल्य निर्धारण श्रृंखला के आधुनिकीकरण और सुदृढ़ीकरण, मजबूत मत्स्य प्रबंधन ढांचे और मछुआरों के कल्याण के रास्ते में आने वाली कमियों को दूर करने के उद्देश्य से बनाया गया है।
योजना की अवधि :
- यह एक पंचवर्षीय योजना है (2020-21 से 2024-25)। इसे सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया जा रहा है।
प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना का लक्ष्य :
- 2024-25 तक मछली उत्पादन में अतिरिक्त 70 लाख टन की वृद्धि,
- 2024-25 तक मत्स्य निर्यात आय को बढ़ाकर 1,00,000 करोड़ रुपये करना,
- मछुआरों और मछली किसानों की आय दोगुनी करना,
- फसल के बाद के नुकसान को 20-25% से घटाकर लगभग 10% और
- मत्स्य पालन क्षेत्र और संबद्ध गतिविधियों में अतिरिक्त 55 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभकारी रोजगार के अवसर पैदा करना।
अतिरिक्त जानकारी -
बजट आवंटन :
- सरकार ने 5 साल (2020-21 से 2024-25) की अवधि के लिए 20,500 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
याद रखने योग्य बिंदु :
- संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के अनुसार, 2020 में, भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश था।
- चीन विश्व का सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश था और उसके बाद इंडोनेशिया और पेरू मछली के सबसे बड़े उत्पादक थे।
- भारत जलीय कृषि के माध्यम से दुनिया में मछली का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश था।
- जलीय कृषि शब्द मोटे तौर पर किसी भी व्यावसायिक, मनोरंजक या सार्वजनिक उद्देश्य के लिए नियंत्रित जलीय वातावरण में जलीय जीवों जैसे मछली, पौधों, शैवाल और अन्य जीवों की खेती को संदर्भित करता है।
- आंध्र प्रदेश भारत का सबसे बड़ा मछली उत्पादक राज्य है।
- नीली क्रांति : इसका तात्पर्य जलकृषि के उत्पादन में वृद्धि से है।
- राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस हर साल 10 जुलाई को मनाया जाता है।
10. राजस्थान सरकार ने 100 दिन का रोजगार प्रदान करने के लिए इंदिरा गांधी शहरी रोजगार योजना शुरू की
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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 9 सितंबर 2022 को राज्य के शहरी क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों को एक वर्ष में 100 दिन का रोजगार प्रदान करने के लिए 'इंदिरा गांधी शहरी रोजगार योजना' की शुरुआत की। इस योजना की घोषणा सरकार ने राज्य के बजट 2022-23 में की थी।
महत्वपूर्ण तथ्य -
योजना के तहत रोजगार :
- योजना में प्रावधान है कि पात्र व्यक्तियों को एक वर्ष में न्यूनतम 100 दिन का रोजगार मिलेगा।
- यह योजना राज्य के सभी शहरी स्थानीय निकायों में लागू की जाएगी। शहरी स्थानीय निकायों के प्रत्येक वार्ड में कम से कम 50 लोगों को रोजगार दिया जाएगा।
कौन पात्र हैं ?
- जो लोग 18-60 वर्ष के आयु वर्ग के हैं और शहरी क्षेत्रों में रह रहे हैं, वे इस योजना के तहत नौकरी के लिए पात्र हैं।
योजना के लिए बजट :
- राजस्थान सरकार ने योजना के लिए 800 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं
प्रस्तावित कार्यों की प्रकृति :
- सरकार के अनुसार यह योजना पर्यावरण संरक्षण, जल और विरासत संरक्षण, उद्यान रखरखाव ,अतिक्रमण हटाने, अवैध साइन बोर्ड हटाने, होर्डिंग, बैनर, स्वच्छता, स्वच्छता और ऐसे अन्य कार्यों से संबंधित कार्यों की पेशकश करेगी |
योजना के तहत दी जाने वाली मजदूरी :
- इस योजना के तहत अकुशल श्रमिकों को प्रतिदिन ₹259, कुशल श्रमिकों को ₹283 प्रतिदिन तथा साथियों को ₹271 प्रतिदिन का वेतन दिया जाएगा।
- सरकार 15 दिनों के भीतर लाभार्थी के बैंक खातों में मजदूरी भुगतान जमा करेगी।
अतिरिक्त जानकारी -
राजस्थान के बारे में :
- राजस्थान' या 'राजाओं की भूमि,' क्षेत्रफल के हिसाब से भारत का सबसे बड़ा राज्य है और पाकिस्तान के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा साझा करता है।
- राज्य का गठन 30 मार्च 1949 को हुआ था। इस दिन राजपुताना राज्य को भारत के डोमिनियन में मिला दिया गया था।
- राज्य में प्रसिद्ध पक्षी अभयारण्य, केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान, भरतपुर के पास है।
इसके अलावा राज्य में 4 राष्ट्रीय बाघ अभयारण्य हैं :
- सवाई माधोपुर जिले में रणथंभौर टाइगर रिजर्व,
- कोटा जिले में मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व ,
- अलवर जिले में सरिस्का टाइगर रिजर्व और
- रामगढ़ विषधारी अभयारण्य (भारत का 52 वां टाइगर रिजर्व)।
- राज्यपाल: कलराज मिश्र
- राजधानी: जयपुर। इसे पिंक सिटी के नाम से भी जाना जाता है।