1. केंद्र सरकार पीएमजीकेएवाई योजना को दिसंबर 2022 तक बढाया
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28 सितंबर 2022 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधान मंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई-चरण VII) को 3 महीने, अक्टूबर से दिसंबर 2022 की अवधि के लिए और बढ़ा दिया है। योजना का चरण VI 30 सितंबर 2022 को समाप्त होना था। इसमें पूरे भारत में लगभग 80 करोड़ लाभार्थी शामिल होंगे। सरकार ने आने वाले प्रमुख त्योहारों को ध्यान में रखते हुए योजना को आगे बढ़ाया है ताकि गरीबों पर अतिरिक्त बोझ न पड़े।
पीएम-जीकेएवाई विश्व का सबसे बड़ा खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम है जिसे अप्रैल 2020 में कोविड -19 प्रेरित लॉकडाउन और उनके द्वारा सामना की जाने वाली कठिनाई के कारण पीड़ित गरीब और प्रवासी आबादी को राहत प्रदान करने के लिए आरंभ किया गया था।
पीएम-जीकेएवाई की विशेषताएं
- पीएमजीकेएवाई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) का एक हिस्सा है, जो गरीबों को कोविड-19 के विरुद्ध लड़ाई लड़ने में मदद करता है।
- इसका नोडल मंत्रालय वित्त मंत्रालय है।
- इस योजना के तहत, सरकार प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) लाभार्थियों सहित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के लगभग 80 करोड़ लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलो अतिरिक्त खाद्यान्न (चावल / गेहूं) प्रदान करती है।
केंद्र सरकार पर आर्थिक बोझ
- यह योजना पूरी तरह से भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित है।
- भारत सरकार ने अब तक पीएमजीकेएवाई के चरण-VI तक 3.45 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इस योजना के चरण-VII के लिए लगभग 44,762 करोड़ रुपये के अतिरिक्त व्यय के साथ, सभी चरणों के लिए पीएमजीकेएवाई का कुल व्यय लगभग 3.91 लाख करोड़ रुपये होगा।
- पीएमजीकेएवाई चरण VII के लिए खाद्यान्न के मामले में कुल खर्च लगभग 122 लाख मीट्रिक टन होने की संभावना है।।चरण I-VII के लिए खाद्यान्न का कुल आवंटन लगभग 1121 लाख मीट्रिक टन है।
- पीएम-जीकेएवाई को अब वन नेशन वन राशन कार्ड योजना से जोड़ा गया है, जहां प्रवासी श्रमिक भारत में किसी भी राशन की दुकान के माध्यम से योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
पीएम-जीकेएवाई योजना के चरण
- चरण 1 अप्रैल से जून 2020 तक
- दूसरा चरण जुलाई से नवंबर 2020 तक
- तीसरा चरण दिसंबर 2020 से मई 2021 से जून 2021 तक
- चौथा चरण जुलाई 2021 से नवंबर 2021 तक
- चरण V दिसंबर 2021 से मार्च 2021 तक
- चरण VI अप्रैल 2022 से सितंबर 2022 तक
- चरण VII अक्टूबर 2022 से दिसंबर 2022 तक
महत्वपूर्ण सरकारी योजना
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए)
भारत में सार्वजनिक वितरण प्रणाली राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत आती है। इसे 10 सितंबर 2013 को लागू किया गया था।
- इसमें भारत के सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं।
- यह योजना केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा प्रशासित है
- इस अधिनियम के तहत ग्रामीण आबादी के 75% और शहरी आबादी के 50% जो भारत के लगभग दो-तिहाई आबादी है को लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस) के तहत सब्सिडी वाले खाद्यान्न उपलब्ध किये जाते हैं ।
- लाभार्थियों को दो श्रेणियों, अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) और प्राथमिकता घरेलू (पीएचएच) में खाद्यान्न प्रदान किया जाता है।
- अंत्योदय अन्न योजना के लाभार्थियों को प्रति माह 35 किलोग्राम खाद्यान्न और प्राथमिकता वाले परिवार को प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलोग्राम खाद्यान्न मिलता है।
- लाभार्थी को अत्यधिक रियायती मूल्य पर चावल/गेहूं या मोटे अनाज मिलते हैं।
परीक्षा के लिए फुल फॉर्म
NFSA: नेशनल फ़ूड सिक्योरिटी एक्ट (राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम)
2. आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUAM) ने लॉन्च किया स्वच्छ टॉयकैथॉन
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26 सितंबर को आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय कचरे से खिलौने बनाने की अनूठी प्रतियोगिता स्वच्छ टॉयकैथॉन का शुभारंभ किया।
महत्वपूर्ण तथ्य
सूखे कचरे का उपयोग करके खिलौनों के डिजाइन में नवाचार लाने के लिए यह प्रतियोगिता व्यक्तियों और समूहों के लिए खुली होगी।
उन खिलौनों के डिजाइन पर ध्यान दिया जाएगा जिनके आधार पर बड़ी संख्या में खिलौने तैयार किए जा सकते हैं।
इन खिलौनों को न्यूनतम सुरक्षा मानकों का पालन करना होगा।
प्रतियोगिता का आयोजन MyGov के इनोवेट इंडिया पोर्टल पर किया जाएगा।
सेंटर फॉर क्रिएटिव लर्निंग आई आई टी-गांधीनगर इस प्रतियोगिता का नॉलेज पार्टनर होगा।
देश में आर्थिक विकास, आय वृद्धि और अनेक नवाचारों के कारण खिलौनों की मांग काफी बढ़ी है।
भारत को वैश्विक खिलौना केंद्र के रूप में स्थापित करने और परंपरागत हस्तनिर्मित खिलौनों को बढावा देने के लिए राष्ट्रीय खिलौना कार्य योजना-2020 शुरू की गई है।
राष्ट्रीय खिलौना कार्य योजना-2020
सरकार ने घरेलू खिलौना उद्योग को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए 14 मंत्रालयों को शामिल करके एक राष्ट्रीय खिलौना कार्य योजना तैयार की है।
इसका उद्देश्य भारत को खिलौना क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने और वैश्विक बाजार में घरेलू खिलौनों की उपस्थिति बढ़ाना है।
उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग तथा 14 मंत्रालय इस योजना के विभिन्न पक्षों को लागू कर रहे हैं।
3. मनसुख मंडाविया ने सरकार की प्रमुख स्वास्थ्य योजना की वर्षगांठ के अवसर पर ‘आरोग्य मंथन’ का उद्घाटन किया
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केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री, डॉ मनसुख मंडाविया ने 25 सितंबर 2022 को नई दिल्ली में दो दिवसीय (25-26 सितंबर 2022) आरोग्य मंथन 2022 कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जय) के 4 साल और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के 1 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) द्वारा आरोग्य मंथन का आयोजन किया गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत एनएचए एबी पीएम-जेएवाई और एबीडीएम की कार्यान्वयन एजेंसी है।
इस अवसर पर बोलते हुए मंत्री ने कहा कि वर्तमान में प्रतिदिन 4.5 लाख आयुष्मान कार्ड जारी किए जा रहे हैं और इसे प्रतिदिन 10 लाख आयुष्मान कार्ड तक बढ़ाने का लक्ष्य है। एबी पीएम-जय के लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड जारी किया जाता है।
एबी पीएम-जय की उपलब्धियां
इस अवसर पर मंत्री ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण 2021 की वार्षिक रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
- यह योजना वर्तमान में 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू की जा रही है.
- 19 करोड़ से अधिक व्यक्तियों को अब तक आयुष्मान कार्ड जारी किए जा चुके हैं, जिनमें से 52 प्रतिशत पुरुष और 48 प्रतिशत महिलाएं थीं।
- एबी पीएम-जय ,योजना के तहत, देश भर के अस्पतालों में 3.8 करोड़ मरीज भर्ती हुए, जिनमें से 46% सार्वजनिक अस्पतालों में और 54% निजी अस्पतालों में भर्ती हुए।
- इनमें से 52% रोगी पुरुष थे और 48% महिलाएं थीं।
एबी पीएम-जय के तहत मरीजों के नामांकन में राज्यों का प्रदर्शन
- गोवा, केरल, हरियाणा, तमिलनाडु और महाराष्ट्र शीर्ष पांच राज्य थे, जिनमें एबी पीएम-जेएवाई के अनुसार सूचीबद्ध अस्पतालों ने सबसे अधिक रोगियों को भर्ती किया।
- हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, मणिपुर और मिजोरम शीर्ष पूर्वोत्तर/पहाड़ी राज्य थे।
- पुडुचेरी, चंडीगढ़, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप और लद्दाख शीर्ष केंद्र शासित प्रदेश थे।
एबीडीएम का प्रदर्शन
स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि भारत में 24 करोड़ से अधिक आभा (आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता) संख्या प्रदान किये गए हैं ।
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत एक करोड़ स्वास्थ्य रिकॉर्ड को डिजिटल रूप से जोड़ा गया है।
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जय)
- आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जय) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 23 सितंबर, 2018 को रांची, झारखंड में शुरू की गई थी।
- यह दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है जिसका उद्देश्य लाभार्थियों को प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य कवर प्रदान करना है। इसमें अस्पताल में माध्यमिक और तृतीयक देखभाल शामिल है
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम)
- प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदीने 27 सितंबर 2021 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) का शुभारंभ किया।
- इसका उद्देश्य प्रत्येक नागरिक को एक स्वास्थ्य आईडी(जिसे अब आभा संख्या कहा जाता है ) प्रदान करना है जो उनके स्वास्थ्य खाते के रूप में भी काम करेगा, जिससे व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड को मोबाइल एप्लिकेशन की मदद से जोड़ा और देखा जा सकता है। यह डेटा डॉक्टरों, अस्पतालों, स्वास्थ्य बीमा कंपनियों के लिए उपलब्ध होगा ताकि मरीजों को निर्बाध स्वास्थ्य देखभाल प्रदान की जा सके।
- यह स्वैच्छिक है और किसी भी नागरिक को इसमें शामिल होने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी: डॉ राम सेवक शर्मा
4. भारत सरकार के प्रमुख कार्यक्रम 'मेक इन इंडिया' ने 8 साल पूरे किए
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भारत सरकार के प्रमुख कार्यक्रम, 'मेक इन इंडिया' ने 25 सितंबर 2022 को 8 साल पूरे किए। इस कार्यक्रम को 2014 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश को एक प्रमुख वैश्विक विनिर्माण और निवेश गंतव्य में बदलने के लिए लॉन्च किया गया था।
यह पहल भारत में निवेश करने के लिए विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए सरकार का एक प्रयास है।
मेक इन इंडिया पहल की उपलब्धि देते हुए केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय ने कार्यक्रम की निम्नलिखित उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
- 14 प्रमुख विनिर्माण क्षेत्रों में उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन स्कीम (पीएलआई) मेक इन इंडिया पहल के लिए एक बड़े प्रोत्साहन के रूप में वित्त वर्ष 2020-21 में लांच की गई। पीएलआई स्कीम रणनीतिक वृद्धि के सेक्टरों में, जहां भारत को तुलनात्मक रूप से बढ़त हासिल है, घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित करती है।
- विश्व अर्थव्यवस्था में सेमीकंडक्टरों के महत्व को स्वीकार करते हुए, भारत सरकार ने देश में सेमीकंडक्टर, डिस्प्ले, डिजाइन इकोसिस्टम का निर्माण करने के लिए 10 बिलियन डॉलर की एक प्रोत्साहन स्कीम लांच की है।
- मंत्रालय ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत का खिलौनों का निर्यात 2021-22 में बढ़कर 2601.5 करोड़ रुपये हो गया, जबकि 2018-2019 में यह 1612 करोड़ रुपये था, जो 61% की वृद्धि थी।
- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 2014-2015 में 45.15 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2021-22 में रिकॉर्ड 83.6 अरब डॉलर हो गया है।
5. जितेंद्र सिंह ने "मिशन इंटीग्रेटेड बायोरिफाइनरीज का इनोवेशन रोडमैप" लॉन्च करने की घोषणा की
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केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने ब्राजील, कनाडा, ईसी और यूनाइटेड किंगडम से मिले नतीजों और निष्कर्षों के आधार पर विकसित “इनोवेशन रोड-मैप ऑफ दी मिशन इंटीग्रेटेट बायो-रीफायनरीज़” (मिशन आधारित जैव-परिशोधन की नवोन्मेषी रूपरेखा) की शुरूआत की घोषणा की।
वह संयुक्त राज्य अमेरिका में पेंसिल्वेनिया के पिट्सबर्ग में ग्लोबल क्लीन एनर्जी एक्शन फोरम में "सस्टेनेबल बायोएनेर्जी एंड बायो-रिफाइनरीज" पर पहले गोलमेज सम्मेलन में बोल रहे थे।
ग्लोबल क्लीन एनर्जी एक्शन फोरम के तहत 7वां मिशन इनोवेशन और 13वां क्लीन एनर्जी मिनिस्ट्रियल-2022 संयुक्त रूप से 21-23 सितंबर 2022 तक आयोजित किया जा रहा है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
बायोरिफाइनरी को आगे बढ़ाने में भारत का प्रयास :
- बायोरिफाइनरी एक ऐसी सुविधा है जो बायोमास से ईंधन, बिजली और मूल्य वर्धित रसायनों का उत्पादन करने के लिए बायोमास रूपांतरण प्रक्रियाओं और उपकरणों को एकीकृत करती है। बायोमास अक्षय कार्बनिक पदार्थ है, जो पौधों और जानवरों से आता है।
- डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि, एकीकृत एनजाइम उत्पादन युक्त 10 टन/प्रति दिन क्षमता वाले संयंत्र को प्रायोगिक तौर पर हरियाणा के पानीपत में स्थापित किया जा रहा है, जो दिसंबर 2022 तक काम करना चालू कर देगा। उन्होंने कहा कि यह मौके पर एनजाइम उत्पादन की पहली स्वदेशी प्रौद्योगिकी है।
- डॉ. सिंह ने कहा कि इंडियन ऑयल कारपोरेशन ने स्वदेशी एनजाइम की आपूर्ति को 100 किलोलीटर प्रति दिन का उत्पादन करने वाले वाणिज्यिक 2जी एथेनॉल संयंत्र को आपूर्ति करने की योजना बनाई है। आशा की जाती है कि, यह संयंत्र 2024 की दूसरी तिमाही में चालू हो जायेगा।
- उन्होंने कहा कि भारत ने 5 बायोएनेर्जी केंद्र स्थापित किए हैं, जहां एक अंतःविषय टीम आधुनिक जैव प्रौद्योगिकी उपकरणों का उपयोग करके उन्नत टिकाऊ जैव ईंधन पर काम कर रही है।
6. छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में महिला सुरक्षा के लिए शुरू करेगी 'हमर बेटी हमर मान'
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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 23 सितंबर 2022 को एक ट्वीट में घोषणा की है कि, सरकार महिलाओं, विशेषकर लड़कियों की सुरक्षा के लिए ‘हमर बेटी- हमर मान' अभियान शुरू करेगी।
राज्य सरकार बालिका विद्यालयों, महाविद्यालयों तथा प्रमुख स्थानों पर जहां महिलाएं एवं बालिकाएं आती हैं, 'हमर बेटी-हमर मान' हेल्पलाइन के लिए एक मोबाइल नंबर भी जारी किया जाएगा, जिस पर लड़कियां अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगी।
राज्य सरकार ने महिलाओं से संबंधित अपराधों की जांच के लिए महिला अभियोजकों को तैनात करने का भी फैसला किया है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
छत्तीसगढ :
- प्राचीन काल में इसे दक्षिणी कोसल के नाम से जाना जाता था।
- 1 नवंबर 2000 को मध्य प्रदेश को विभाजित करके आधुनिक छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया गया था।
- राज्य 6 राज्यों के साथ सीमा साझा करता है। वे उत्तर और उत्तर पूर्व में उत्तर प्रदेश और झारखंड, पूर्व में ओडिशा, दक्षिण में तेलंगाना और पश्चिम में महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश हैं। .
- छत्तीसगढ़ के राज्यपाल : अनुसुइया उइके
- राजधानी : रायपुर
- उच्च न्यायालय सीट: बिलासपुर
अतिरिक्त जानकारी -
राज्य का प्रतीक :
- राजकीय पशु : वन भैसा
- राज्य पक्षी : पहाड़ी मैना
- राज्य वृक्ष: साल वृक्ष
- राज्य फूल: फॉक्सटेल ऑर्किड
7. केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण और कृषि मंत्रालय ने कन्वर्जेंस पोर्टल लॉन्च किया
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सरकार ने 21 सितंबर को खाद्य प्रसंस्करण और कृषि मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के लिए एक संयुक्त कन्वर्जेंस पोर्टल शुरू किया है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय (एमओएएफडब्ल्यू) तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (एमओएफपीआई) ने संयुक्त रूप से इस पोर्टल की शुरुआत की है।
यह पोर्टल कृषि अवसंरचना कोष (एआईएफ), प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम (पीएमएफएमई) योजना और प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (पीएमकेएसवाई) के बीच शुरू किया गया है।
इस पोर्टल को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री पशुपति कुमार पारस तथा कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी की उपस्थिति में लॉन्च किया गया।
यह पहल खाद्य प्रसंस्करण में लगी सूक्ष्म इकाइयों के जीवनकाल में एक नया अध्याय जोड़ने जा रही है।
कृषि अवसंरचना कोष :
इसे 2020 में कोविड-19 संकट के विरुद्ध प्रोत्साहन पैकेज के रूप में शुरू किया गया था
इसका उद्देश्य फसल के उपरांत बुनियादी ढाँचा प्रबंधन और सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों के लिये व्यवहार्य परियोजनाओं में निवेश हेतु मध्यम-लंबी अवधि के ऋण वित्तपोषण की सुविधा प्रदान करना।
प्रधान मंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम (पीएमएफएमई) योजना :
खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने 29 जून, 2020को केंद्र प्रायोजित पीएमएफएमई योजना शुरू की।
इसका उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के असंगठित क्षेत्र में मौजूदा व्यक्तिगत सूक्ष्म उद्यमों की प्रतिस्पर्द्धात्मकता को बढ़ाना और क्षेत्र की औपचारिकता को बढ़ावा देना है।
इस योजना के तहत देश में सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के उन्नयन के लिए वित्तीय, तकनीकी और व्यावसायिक सहायता प्रदान की जाती है।
प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना :
यह खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है।
इस योजना का उद्देश्य फार्म गेट से रिटेल आउटलेट तक कुशल आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन के साथ आधुनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण करना है।
8. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने शुरू किया क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम
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युवा मामले और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने 21 सितंबर को नई दिल्ली में नेहरू युवा केंद्र संगठन के 14,000 युवा स्वयंसेवकों के लिए क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
महत्वपूर्ण तथ्य -
महत्वाकांक्षी ऑनलाइन इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य युवा स्वयंसेवकों के जीवन कौशल को बढ़ाना है ताकि वे राष्ट्रीय विकास में प्रभावी रूप से योगदान दे सकें।
प्रशिक्षण कार्यक्रम की सामग्री को सावधानीपूर्वक तैयार किया गया है और इसमें संचार कौशल, नेतृत्व कौशल और निर्णय लेने पर गहन अभ्यास शामिल हैं।
यह दुनिया का सबसे बड़ा कुशल कार्यबल बनाने में मदद करेगा।
नेहरू युवा केंद्र संगठन -
इसकी स्थापना वर्ष 1972में हुई थी।
इसका उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में भाग लेने के साथ-साथ उनके व्यक्तित्व और कौशल के विकास के अवसर प्रदान करना है।
यह युवा मामले और खेल मंत्रालय के विभिन्न युवा कार्यक्रमों और अन्य मंत्रालयों के समन्वय और सहयोग से विशेष कार्यक्रमों के साथ युवा विकास के विभिन्न मोर्चों पर काम कर रहा है।
9. चमड़ा क्षेत्र में कौशल विकास के लिए स्केल ऐप लॉन्च किया गया
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केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 20 सितंबर 2022, को चेन्नई में स्केल (स्किल सर्टिफिकेशन असेसमेंट फॉर लेदर एम्प्लॉइज) ऐप लॉन्च किया।
उन्होंने सीएसआईआर - केंद्रीय चमड़ा अनुसंधान संस्थान, चेन्नई के दौरे के दौरान स्केल ऐप का उद्घाटन किया।
महत्वपूर्ण तथ्य -
स्केल ऐप :
- ऐप को चमड़ा कौशल क्षेत्र परिषद द्वारा विकसित किया गया है ।
- यह चमड़ा उद्योग के कौशल, सीखने, मूल्यांकन और रोजगार की जरूरतों के लिए वन-स्टॉप समाधान प्रदान करता है।
- ऐप, लेदर क्राफ्ट में रुचि रखने वाले सभी आयु वर्ग के लोगों को लेदर स्किल सेक्टर काउंसिल कार्यालय के अत्याधुनिक स्टूडियो से ऑनलाइन लाइव स्ट्रीम कक्षाओं तक पहुंचने की अनुमति देता है।
भारत में चमड़ा उद्योग :
- भारत, चीन के बाद दुनिया में फुटवियर का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता है।
- भारत में चमड़ा उद्योग दुनिया के चमड़े के उत्पादन का लगभग 13% हिस्सा है।
- दुनिया के कुल जूते उत्पादन में देश का 9% हिस्सा है।
अतिरिक्त जानकारी -
भारत में चमड़े और चमड़े के उत्पादों के प्रमुख उत्पादन केंद्र निम्नलिखित राज्यों में स्थित हैं :
- तमिलनाडु - चेन्नई, अंबुर, रानीपेट, वनियामबादी, वेल्लोर, पेरनामबट, त्रिची, डिंडीगुल और इरोड
- पश्चिम बंगाल - कोलकाता
- उत्तर प्रदेश – कानपुर, आगरा, नोएडा, सहारनपुर;
- महाराष्ट्र - मुंबई
- पंजाब - जालंधर
- कर्नाटक – बैंगलोर
- आंध्र प्रदेश - हैदराबाद
- हरियाणा – अंबाला, गुड़गांव, पंचकुला, करनाल और फरीदाबाद
- दिल्ली
- मध्य प्रदेश - देवास
- केरल - कालीकट और एर्नाकुलम / कोची
- राजस्थान - जयपुर
- जम्मू और कश्मीर - श्रीनगर
- डेटा स्रोत: इन्वेस्ट इंडिया, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय
10. स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया रक्तदान अमृत महोत्सव का शुभारंभ करेंगे
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केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय इस साल 17 सितंबर से 1 अक्टूबर तक स्वैच्छिक रक्तदान के लिए एक देशव्यापी मेगा अभियान, रक्तदान अमृत महोत्सव शुरू करेंगे ।
1 अक्टूबर को राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस के रूप में मनाया जाता है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया के अनुसार, सरकार देश भर में स्वैच्छिक रक्तदान अभियान के माध्यम से पात्र स्वैच्छिक रक्तदाताओं का एक डेटाबेस स्थापित करने की योजना बना रही है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
रक्तदान अमृत महोत्सव का उद्देश्य :
- मंत्री के अनुसार अभियान का उद्देश्य नियमित रूप से गैर-पारिश्रमिक स्वैच्छिक रक्तदान की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
- अभियान ,यह भी सुनिश्चित करेगा कि पैक्ड रेड सेल्स, प्लाज्मा और प्लेटलेट्स सहित रक्त के विभिन्न घटक उपलब्ध, सुलभ, किफायती और सुरक्षित हैं।
- देश में ब्लड बैंकों की मौजूदा क्षमता को भरने के साथ ही इस अभियान से देश में रक्तदाताओं का भंडार बनाने में भी मदद मिलेगी।
- सरकार के अनुसार, वर्ष 2021 में भारत में 1.46 करोड़ यूनिट की मांग के मुकाबले 1.25 करोड़ यूनिट रक्त था। एक यूनिट में 350 मिलीलीटर रक्त होता है।