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By admin: Sept. 5, 2022

1. पीएम मोदी ने शिक्षक दिवस पर देश भर में 14500 स्कूलों को अपग्रेड करने के लिए पीएम-श्री योजना की घोषणा की

Tags: National Government Schemes


5 सितंबर 2022 को शिक्षक दिवस के अवसर पर, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम-एसएचआरआई) योजना के तहत देश भर में 14,500 स्कूलों के विकास और उन्नयन की घोषणा की है।

पीएम-श्री स्कूलों में शिक्षा प्रदान करने का एक आधुनिक, परिवर्तनकारी और समग्र तरीका होगा। श्री मोदी ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि एनईपी की भावना के अनुरूप पीएम-श्री स्कूल से पूरे भारत में लाखों छात्र लाभान्वित होंगे।

प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया; "पीएम-श्री स्कूलों में शिक्षा प्रदान करने का एक आधुनिक, परिवर्तनकारी और समग्र तरीका होगा। इसमें खोज उन्मुख, ज्ञान-प्राप्ति केंद्रित शिक्षण पर जोर दिया जाएगा। नवीनतम तकनीक, स्मार्ट कक्षा, खेल और आधुनिक अवसंरचना पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।"

डॉ एस राधाकृष्णन की जयंती मनाने के लिए हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

By admin: Aug. 30, 2022

2. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना शुरू की

Tags: Sports Government Schemes State News


उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर प्रदेश में मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना की शुरुआत की है।

महत्वपूर्ण तथ्य -

  • योजना के तहत 8 से 14 वर्ष आयु के खिलाड़ियों को प्रत्येक माह 1500 रुपये की खेल छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी I 

  • मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना से कुल 3900 उभरते खिलाडियों को लाभ मिलेगा जिनमे 1950 बालक और 1950 बालिकाओं को शामिल किया जायेगा I 

इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा की गयी अन्य घोषणाएं :

  • मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में खेल विकास निधि की स्थापना की जाएगी। इसके तहत प्रत्येक जिले में आठ-आठ खेल प्रशिक्षकों की नियुक्ति होगी। 

  • मलखंब खेल को खेल नीति में शामिल किया जाएगा। 

  • इसके साथ ही खेल विभाग में अनुबंध रखे प्रशिक्षकों को भारतीय खेल प्राधिकरण के अनुबंध प्रशिक्षकों के समान मानदेय दिया जाएगा।

  • राज्याधीन सेवाओं में कुशल खिलाड़ियों को चार प्रतिशत आरक्षण पुनः लागू करने का प्रयास करने की भी घेाषणा की।

उत्तराखंड राज्य के बारे में : 

  • गठन - 09 नवंबर, 2000

  • राजधानी - देहरादून

  • संभागों की संख्या - 02 (गढ़वाल व कुमाऊँ)

  • राज्य की सीमा से लगे राज्य  - 2 (हिमाचल प्रदेश , उत्तर-प्रदेश)

  • राज्य की सीमा से लगे देश - 2 (नेपाल , तिब्बत (चीन))

  • राजकीय पुष्प  - ब्रह्म कमल (स्थानीय नाम- कौलपद्य) (वैज्ञानिक नाम- सोसूरिया अबलेवेटा)

  • राजकीय वृक्ष - बुरांश (रोडोडेन्ड्रॉन)

  • राजकीय पशु  - कस्तूरी मृग (मस्कस काइसोगांस्टर)

  • राजकीय पक्षी - मोनाल (लोपोपोरस इंपेजिनस)

  • राजकीय खेल - फुटबाल

  • विधानसभा सदस्यों की संख्या -70 

  • लोकसभा में सदस्यों की संख्या - 5

  • राज्यसभा हेतु सीटें - 3

  • मुख्यमंत्री - पुष्कर सिंह धामी

  • राज्यपाल - गुरमीत सिंह



 





By admin: Aug. 27, 2022

3. अर्थ गंगा मॉडल

Tags: Government Schemes National News


स्वच्छ गंगा के लिए राष्ट्रीय मिशन के महानिदेशक ने 26 अगस्त को स्टॉकहोम विश्व जल सप्ताह 2022 में अपने आभासी मुख्य भाषण के दौरान अर्थ गंगा मॉडल के बारे में उल्लेख किया।


महत्वपूर्ण तथ्य - 

अर्थ गंगा मॉडल के बारे में

  • 2019 में कानपुर में पहली राष्ट्रीय गंगा परिषद की बैठक के दौरान पीएम मोदी ने पहली बार अर्थ गंगा मॉडल की अवधारणा पेश की।

  • बैठक के दौरान उन्होंने नमामि गंगे (गंगा की सफाई) से अर्थ गंगा के मॉडल में बदलाव का आग्रह किया।

  • अर्थ गंगा नदी से संबंधित आर्थिक गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करके, गंगा और उसके आसपास के क्षेत्रों के सतत विकास पर ध्यान केंद्रित करती है।

  • अर्थ गंगा मॉडल लोगों को नदी से जोड़ने के लिए अर्थशास्त्र का उपयोग करना चाहता है।

  • यह योजना गंगा बेसिन से सकल घरेलू उत्पाद का कम से कम 3% योगदान करने का प्रयास करता है।

अर्थ गंगा मॉडल की विशेषताएं :

  • शून्य बजट प्राकृतिक खेती - इसके अंतर्गत नदी के दोनों ओर 10 किमी पर रासायनिक मुक्त खेती और गोवर्धन योजना के माध्यम से खाद के रूप में गोबर के उपयोग को बढ़ावा देना शामिल है।

  • कीचड़ और अपशिष्ट जल का मुद्रीकरण और पुन: उपयोग - इसके अंतर्गत शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के लिए सिंचाई, उद्योगों और राजस्व सृजन के लिए उपचारित पानी का पुन: उपयोग करने की परिकल्पना की गई है।

  • आजीविका के अवसर का सृजन - उदाहरण के लिए- 'घाट में हाट', स्थानीय उत्पादों का प्रचार, आयुर्वेद, औषधीय पौधे, गंगा प्रहरी जैसे स्वयंसेवकों का क्षमता निर्माण।

  • जनभागीदारी बढ़ाना - नदी से जुड़े हितधारकों के बीच तालमेल बढ़ाना।

  • सांस्कृतिक विरासत और पर्यटन को बढ़ावा - नाव पर्यटन, साहसिक खेलों और योग गतिविधियों के संचालन के माध्यम से गंगा और उसके आसपास की सांस्कृतिक विरासत और पर्यटन को बढ़ावा देना।

  • बेहतर जल प्रशासन - बेहतर जल प्रशासन के लिए स्थानीय प्रशासन को सशक्त बनाकर संस्थागत भवन को बढ़ावा देना।

By admin: Aug. 27, 2022

4. एक राष्ट्र एक उर्वरक योजना

Tags: Government Schemes


रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने घोषणा की है कि एक राष्ट्र एक उर्वरक (ONOF) योजना को 2 अक्टूबर से लागू किया जाएगा।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • सरकार "प्रधानमंत्री भारतीय जनउर्वरक परियोजना" (पीएमबीजेपी) नामक उर्वरक सब्सिडी योजना के तहत "उर्वरक और लोगो के लिए एकल ब्रांड" पेश कर रही है।

  • पहल के हिस्से के रूप में, फसल पोषक तत्व - यूरिया, डाई -अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) या म्यूरेट ऑफ पोटाश (एमओपी) को एक ही ब्रांड नाम, 'भारत' के तहत बेचा जाएगा।

  • मंत्रालय ने सभी कंपनियों को बैगों पर नए ब्रांड नाम 'भारत' और सब्सिडी योजना के लोगो का उपयोग करने के निर्देश जारी किए हैं।

क्या है वन नेशन वन फर्टिलाइजर स्कीम?

  • इस योजना के तहत देश की सभी उर्वरक कंपनियों को अपने उत्पादों को 'भारत' के ब्रांड नाम से बेचना होगा।

  • कंपनियों को अपने बैग के केवल एक तिहाई स्थान पर अपना नाम, ब्रांड, लोगो और अन्य प्रासंगिक उत्पाद जानकारी प्रदर्शित करने की अनुमति दी गई है।

  • शेष दो-तिहाई स्थान पर "भारत" ब्रांड और प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना लोगो दिखाना होगा।

  • यह योजना सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्र की कंपनियों पर लागू होगी।

सरकार इस योजना को क्यों शुरू कर रही है?

  • यूरिया का अधिकतम खुदरा मूल्य सरकार द्वारा तय किया जाता है, जो कंपनियों के विनिर्माण या आयात की उच्च लागत की भी क्षतिपूर्ति करता है।

  • सरकार यह भी तय करती है कि वे कहां बेच सकते हैं। यह उर्वरक (आवागमन) नियंत्रण आदेश, 1973 के माध्यम से किया जाता है।

  • इसलिए, जब सरकार उर्वरक सब्सिडी पर बड़ी रकम खर्च कर रही है, तो वह क्रेडिट लेना चाहती है और किसानों को यह संदेश देना चाहती है।

योजना की आलोचना

  • इससे उर्वरक कंपनियों को विपणन और ब्रांड प्रचार गतिविधियों को शुरू करने में बाधा उत्पन्न होगी।

  • उन्हें अब सरकार के लिए अनुबंध निर्माताओं और आयातकों तक सीमित कर दिया जाएगा।

  • विपक्षी दलों ने आत्म-प्रचार की कवायद के रूप में 'वन नेशन वन फर्टिलाइजर' पहल की आलोचना की।

By admin: Aug. 25, 2022

5. अमृत सरोवर योजना में उत्तर प्रदेश पूरे देश में प्रथम स्थान पर

Tags: National Government Schemes


मिशन अमृत सरोवर की अधिकृत वेबसाइट के अनुसार जल संरक्षण और संचयन के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा शुरू की गई अमृत सरोवर योजना में उत्तर प्रदेश देश भर में पहले स्थान पर है।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • दूसरे स्थान पर मध्य प्रदेश व तीसरे स्थान पर जम्मू-कश्मीर है।

  • आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में शुरू किए गए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत उत्तर प्रदेश में 15415 अमृत सरोवर विकसित करने के लिए चयनित किए गए।

  • इनमें 8343 सरोवरों का निर्माण पूरा कर लिया गया है।

  • योजना की महत्ता को देखते हुए उत्तर प्रदेश की सभी 58 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में, प्रति ग्राम पंचायत कम से कम दो अमृत सरोवरों (लगभग 1.20 लाख ) के विकास का लक्ष्य निर्धारित किया गया।

  • आजादी के अमृत महोत्सव के तहत इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर 7500 अमृत सरोवरों का विकास करते हुए वहां झंडारोहण करने का निर्णय लिया गया था। इसके सापेक्ष प्रदेश में 8288 अमृत सरोवरों के निकट झंडारोहण किया गया।

अमृत सरोवर मिशन :

  • अमृत सरोवर मिशन 24 अप्रैल 2022 को जल संरक्षण के उद्देश्य से शुरू किया गया था।

  • मिशन का उद्देश्य आजादी का अमृत महोत्सव के उत्सव के रूप में देश के प्रत्येक ज़िले में 75 जल निकायों का विकास और कायाकल्प करना है।

शामिल मंत्रालय :

  • यह मिशन 6 मंत्रालयों/विभागों के साथ संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण के साथ शुरू किया गया है -

1. ग्रामीण विकास विभाग 

2. भूमि संसाधन विभाग 

3. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग 

4. जल संसाधन विभाग 

5. पंचायती राज मंत्रालय 

6. वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय।


अतिरिक्त जानकारी -

तकनीकी भागीदार :

  • भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग और भू-सूचना विज्ञान संस्थान (BISAG-N) को मिशन के लिये तकनीकी भागीदार के रूप में नियुक्त किया गया है।

लक्ष्य :

  • मिशन अमृत सरोवर को 15 अगस्त 2023 तक पूरा किया जाना है। 

  • देश में करीब 50,000 अमृत सरोवर बनाए जाने हैं। 

  • इनमें से प्रत्येक अमृत सरोवर 10,000 घन मीटर की जल धारण क्षमता के साथ 1 एकड़ क्षेत्र में होगा।




By admin: Aug. 22, 2022

6. सरकार ने ग्रामीण उद्यमी परियोजना का दूसरा चरण शुरू किया

Tags: Government Schemes National News


राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) ने 20 अगस्त को सेवा भारती और युवा विकास सोसाइटी के साथ साझेदारी में आदिवासी समुदायों में उनके समावेशी और सतत विकास के लिए कौशल प्रशिक्षण बढ़ाने के लिए ग्रामीण उद्यमी परियोजना के दूसरे चरण की शुरुआत की।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • पायलट प्रोजेक्ट के दूसरे चरण का रांची में शुभारंभ किया गया।

  • केंद्र सरकार ने विशेष रूप से आदिवासी क्षेत्रों के लिए 85 हजार करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी है।

  • इस पहल के तहत भारत के युवाओं को बहु-कौशल प्रदान करना और उनकी आजीविका को सक्षम बनाने के लिए कार्यात्मक कौशल प्रदान करना है।

  • प्रधानमंत्री ने जनजातीय समुदायों को कार्यबल में शामिल करने, उनके समग्र विकास को सुनिश्चित करने पर जोर दिया है ताकि उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा सके और उनके संबंधित भौगोलिक क्षेत्रों में समाहित किया जा सके।

ग्रामीण उद्यमी परियोजना :

  • इसे संसदीय परिसंकुल योजना के तहत लागू किया गया है।

  • यह एक अनूठी बहु-कौशल परियोजना है, जिसे एनएसडीसी द्वारा वित्त पोषित किया गया है, जिसका उद्देश्य मध्य प्रदेश और झारखंड में 450 आदिवासी छात्रों को प्रशिक्षित करना है।

  • यह परियोजना छह राज्यों- महाराष्ट्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड और गुजरात में लागू की जा रही है।

  • राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर और आदिवासी सांसदों ने इस अवधारणा को मूर्त रूप दिया।

  • प्रशिक्षण के पहले चरण में, महाराष्ट्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और गुजरात के ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों से उम्मीदवारों को शामिल किया गया था।

परियोजना के तहत प्रशिक्षण :

  • इलेक्ट्रीशियन और सोलर पीवी इंस्टालेशन टेक्निशियन

  • नलसाजी और चिनाई

  • 2-व्हीलर मरम्मत और रखरखाव

  • ई-गवर्नेंस के साथ आईटी/आईटीईएस

  • फार्म मशीनीकरण

परियोजना के उद्देश्य :

  • ग्रामीण/स्थानीय अर्थव्यवस्था में वृद्धि

  • रोजगार के अवसर बढ़ाना 

  • स्थानीय अवसरों की कमी के कारण जबरन प्रवास को कम करना

  • प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण

By admin: Aug. 19, 2022

7. देशभर के एक लाख से अधिक गांव ओडीएफ प्लस

Tags: National Government Schemes


जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार एक लाख से अधिक गांवों ने खुद को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) प्लस घोषित किया है।


महत्वपूर्ण तथ्य

  • ये गांव अपनी ओडीएफ स्थिति बनाए हुए हैं और इनमें ठोस और तरल कचरे के प्रबंधन के लिए सिस्टम मौजूद हैं।

  • वे अपने गांवों को स्वच्छ, हरा-भरा और स्वस्थ बनाने की दिशा में भी काम कर रहे हैं।

  • स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को पुष्ट करता है और अपने नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करता है।

  • देश को खुले में शौच मुक्त बनाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की थी।

  • संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित एसडीजी-6 लक्ष्य से 11 साल पहले ग्रामीण भारत खुले में शौच मुक्त हो गया है।

बेहतर प्रदर्शन करने वाले शीर्ष पांच  राज्य :

  • ये राज्य हैं तेलंगाना, तमिलनाडु, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश।

  • इन राज्यों में सर्वाधिक गांवों को ओडीएफ प्लस घोषित किया गया है।

ओडीएफ प्लस गांव क्या होते हैं ?

  • 'खुले में शौच मुक्त' (ओडीएफ) एक शब्द है जिसका इस्तेमाल उन समुदायों का वर्णन करने के लिए किया जाता है जो खुले में शौच के बजाय शौचालय का उपयोग कर रहे हैं।

  • एक गांव जो खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) की स्थिति को बनाए रखता है, ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन सुनिश्चित करता है और देखने से साफ सुथरा है" ओडीएफ प्लस गांव कहलाता है।

  • इन गावों के सभी घरों, प्राथमिक विद्यालय, पंचायत घर और आंगनवाड़ी केंद्र में शौचालय की सुविधा सुनिश्चित होना चाहिए।

  • कम से कम 80% परिवारों को अपने ठोस और तरल कचरे का प्रभावी ढंग से प्रबंधन करना चाहिए और न्यूनतम कूड़े और न्यूनतम स्थिर पानी होना चाहिए।

  • ओडीएफ प्लस गांवों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है-आकांक्षी, राइजिंग और मॉडल।

स्वच्छ भारत मिशन के बारे में :

  • लॉन्च किया गया - 2 अक्टूबर 2014 को

  • द्वारा लॉन्च किया गया - प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी

  • उद्देश्य - 2 अक्टूबर 2019 तक 'स्वच्छ भारत' के विजन को प्राप्त करना।

  • स्लोगन - एक कदम स्वच्छता की ओर

  • यह 2009 में शुरू किए गए निर्मल भारत अभियान का एक पुनर्गठित संस्करण है।

  • स्वच्छ भारत मिशन का पहला चरण अक्टूबर 2019 तक चला।

  • चरण 2 को 2020-21 और 2024-25 के बीच लागू किया जा रहा है।

By admin: Aug. 19, 2022

8. गोवा देश का पहला हर घर जल राज्‍य और दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव पहला केन्‍द्रशासित प्रदेश

Tags: National Government Schemes


जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार गोवा देश का पहला ‘हर घर जल’ प्रमाणित राज्य बन गया है, जहां अब सभी घरों में नल के माध्यम से साफ पानी उपलब्ध है।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • इन दोनों राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के सभी गांवों के लोगों ने ग्राम सभा द्वारा पारित एक प्रस्ताव के माध्यम से अपने गांव को ‘हर घर जल’ घोषित किया है और यह प्रमाणित किया है कि गांवों के सभी घरों में नल के माध्यम से सुरक्षित पेयजल उपलब्ध है।

  • मंत्रालय ने कहा कि गोवा के सभी 2.63 लाख ग्रामीण परिवारों और दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव के 85,156 घरों में नल कनेक्शन के माध्यम से पीने योग्य पानी उपलब्ध है।

  • गोवा के सभी दो लाख 63 हजार ग्रामीण परिवारों और दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव के 85 हजार से ज्‍यादा परिवारों को अब नल के जरिए साफ और सुरक्षित पेय जल मिल रहा है।

देश का पहला 'हर घर जल' प्रमाणित जिला :

  • पिछले महीने मंत्रालय ने जानकारी दी थी कि मध्य प्रदेश का बुरहानपुर जिला देश का पहला ‘हर घर जल’ प्रमाणित जिला बन गया है। 

  • उस समय तक, बुरहानपुर देश का एकमात्र जिला था जहां 254 गांवों में से प्रत्येक के लोगों ने ग्राम सभा द्वारा पारित एक प्रस्ताव के माध्यम से अपने गांवों को ‘हर घर जल’ घोषित किया था। 

जल जीवन मिशन :

  • यह भारत सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है जिसकी घोषणा 15 अगस्त 2019 को प्रधान मंत्री द्वारा लाल किले की प्राचीर से की गई थी।

  • मिशन का उद्देश्य 2024 तक देश के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को पर्याप्त मात्रा में, निर्धारित गुणवत्ता और नियमित और दीर्घकालिक आधार पर पीने योग्य नल के पानी की आपूर्ति करना है।

  • मिशन को भारत सरकार द्वारा राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझेदारी में कार्यान्वित किया जाता है।

  • इसे भारत सरकार द्वारा राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझेदारी में कार्यान्वित किया जाता है।

  • यह मिशन ‘जल शक्ति मंत्रालय’ के अंतर्गत आता है।

फंडिंग पैटर्न : 

  • मिशन के तहत केंद्र और राज्यों के बीच फंड शेयरिंग पैटर्न हिमालय तथा उत्तर-पूर्वी राज्यों के लिए 90:10 तथा अन्य राज्यों के लिए 50:50 है।

  • केंद्रशासित प्रदेशों के मामलों में 100 प्रतिशत योगदान केंद्र द्वारा किया जाता है। 

By admin: Aug. 18, 2022

9. मंत्रिमंडल ने तीन लाख रुपये तक के लघु अवधि के कृषि ऋण पर 1.5 प्रतिशत सालाना ब्याज अनुदान को मंजूरी दी

Tags: National Government Schemes Economics/Business


प्रधानमंत्री की अध्‍यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने सभी वित्तीय संस्थानों के लिए लघु अवधि के कृषि ऋणों पर ब्याज अनुदान को बहाल कर 1.5 प्रतिशत करने की मंजूरी दे दी है।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • कृषि क्षेत्र में पर्याप्त ऋण प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए यह निर्णय लिया गया है।

  • कर्ज देने वाले संस्थानों (सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों, छोटे वित्त बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, सहकारी बैंकों) को वित्त वर्ष 2022-23 से 2024-25 के लिए किसानों को दिए गए 3 लाख रुपए तक के लघु अवधि के कर्ज के एवज में 1.5 प्रतिशत ब्याज सहायता दी जाएगी।

  • इसके अंतर्गत ब्याज अनुदान सहायता में बढ़ोतरी के लिए 2022-23 से 2024-25 की अवधि में 34,856 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बजटीय प्रावधान की आवश्यकता होगी।

पृष्ठभूमि :

  • किसानों को सस्ती दर पर बिना किसी बाधा के ऋण सुनिश्चित करना भारत सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है।

  • इसे ध्यान में रखते हुए किसानों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की गई थी, ताकि उन्हें किसी भी समय ऋण लेकर कृषि उत्पादों और सेवाओं को खरीदने के लिए सशक्त बनाया जा सके। 

  • यह सुनिश्चित करने के लिए कि किसान बैंक को न्यूनतम ब्याज दर का भुगतान कर सकते हैं, भारत सरकार ने ब्याज अनुदान योजना (आईएसएस) शुरू की, जिसका नाम बदलकर अब संशोधित ब्याज अनुदान योजना (एमआईएसएस) कर दिया गया है। 

  • इसका उद्देश्य कम  ब्याज दरों पर किसानों को लघु अवधि के ऋण प्रदान करना है।

किसानों को लाभ :

  • ब्याज अनुदान में वृद्धि से कृषि क्षेत्र में ऋण के प्रवाह की स्थिरता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।

  • इससे ऋण देने वाले संस्थानों विशेष रूप से क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक एवं सहकारी बैंक की वित्तीय स्थिति और व्यवहार्यता सुनिश्चित होगी।

  • इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पर्याप्त कृषि ऋण सुनिश्चित होगा।

  • अधिक से अधिक किसानों को कृषि ऋण का लाभ मिलेगा।

  • इससे रोजगार सृजन में मदद मिलेगी, क्योंकि पशुपालन, डेयरी, मुर्गी पालन, मत्स्य पालन सहित सभी गतिविधियों के लिए अल्पकालिक कृषि ऋण प्रदान किया जाता है।

किसान क्रेडिट कार्ड योजना :

  • यह पूरे भारत में किसानों को ऋण प्रदान करता है ताकि किसानों को खेती के दौरान वित्तीय कमी को कम किया जा सके।

  • इसे 1998 में आर वी गुप्ता की सिफारिश पर नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट द्वारा पेश किया गया था।

  • 2004 में, इसे किसानों की ऋण आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए गैर-कृषि गतिविधियों में निवेश के लिए बढ़ाया गया था।

  • बजट-2018-19 में, सरकार ने मत्स्य पालन और पशुपालन किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की सुविधा के विस्तार की घोषणा की।

By admin: Aug. 13, 2022

10. करदाता अब अटल पेंशन योजना का हिस्सा नहीं होंगे

Tags: Economy/Finance Government Schemes


वित्त मंत्रालय द्वारा जारी एक गजट अधिसूचना के अनुसार कोई भी नागरिक जो आयकर दाता है या रहा है, वह अटल पेंशन योजना (एपीवाई) में शामिल होने के लिए पात्र नहीं होगा। यह नियम 1 अक्टूबर 2022 से प्रभावी होगा।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • अधिसूचना के अनुसार जो लोग पहले से ही इस योजना में भाग ले रहे हैं, वे 1 अक्टूबर से इसका हिस्सा नहीं रहेंगे। हालांकि, उन्हें अपने संबंधित खातों में जमा धन प्राप्त होगा।

  • यदि कोई ग्राहक, जो 1 अक्टूबर, 2022 को या उसके बाद शामिल हुआ है, बाद में आवेदन की तारीख को या उससे पहले आयकर दाता पाया जाता है, तो APY खाता बंद कर दिया जाएगा और अब तक की संचित पेंशन राशि ग्राहक को दी जाएगी।

  • आयकर दाता वह व्यक्ति है जो समय-समय पर संशोधित आयकर अधिनियम, 1961 के अनुसार आयकर का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है।

अटल पेंशन योजना (APY) के बारे में

  • लॉन्च - 2015

उद्देश्य

  • असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना क्योंकि ऐसे क्षेत्रों में काम करने वाले लोग मुख्य रूप से निम्न आय वर्ग के होते हैं।

पात्रता

  • 18-40 वर्ष के आयु वर्ग में कोई भी भारतीय नागरिक जिसका बचत बैंक खाता/डाकघर बचत बैंक खाता हो।

  • एपीवाई के तहत अभिदाता द्वारा अंशदान की न्यूनतम अवधि 20 वर्ष या उससे अधिक होगी।

  • यह पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा प्रशासित है।

एपीवाई के तहत पेंशन

  • इस योजना के तहत एक ग्राहक को उसके योगदान के आधार पर 60 वर्ष की आयु से 1000 रुपये से 5000 रुपये प्रति माह की न्यूनतम गारंटी पेंशन प्राप्त होती है।

  • पेंशन प्राप्तकर्ता की मृत्यु की स्थिति में पेंशन की राशि उसके पति या पत्नी को दी जाएगी।

  • अभिदाता पति/पत्नी दोनों की मृत्यु होने पर, अभिदाता की 60 वर्ष की आयु तक जमा की गई पेंशन राशि नामांकित व्यक्ति को वापस कर दी जाएगी।

 

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