Current Affairs search results for tag: national
By admin: Oct. 13, 2022

1. आईएईए प्रमुख राफेल ग्रॉस ने रूस में राष्ट्रपति पुतिन के साथ बैठक में ज़ापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा की रक्षा करने का आह्वान किया

Tags: place in news Russia-Ukraine Person in news International News

अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के महानिदेशक राफेल ग्रॉस ने यूक्रेन में रूसी-आयोजित ज़ापोरिज़्ज़िया परमाणु ऊर्जा संयंत्र की सुरक्षा पर चिंता के बीच सेंट पीटर्सबर्ग में रूसी राष्ट्रपति वाल्दिमिर पुतिन से मुलाकात की।

राफेल ग्रॉस ने पिछले हफ्ते कीव में यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ मुलाकात के बाद पुतिन से मुलाकात की।

राफेल ग्रॉस ने ज़ापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र के चारों ओर एक सुरक्षा क्षेत्र स्थापित करने का आह्वान किया और कहा कि वे और समय नहीं गंवा सकते। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के दौरान परमाणु दुर्घटना न हो, यह सुनिश्चित करने में मदद करने के लिए रूस और यूक्रेन को हर संभव प्रयास करना चाहिए।

ज़ापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर चिंता

6000 मेगावाट ज़ापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा परिसर सबसे बड़ा यूरोपीय परमाणु ऊर्जा परिसर है जिस पर मार्च 2022 की शुरुआत से  रूसी सेनाओं का कब्जा है।

रूस ने इस क्षेत्र को सैन्य रूप से किलेबंदी कर रखा है और यूक्रेनी सेना भी जवाबी हमला कर रही है। इससे यह डर पैदा हो गया है कि परमाणु परिसर पर किसी भी समय  हमला के कारण इसको नुकसान पहुँच सकता है और इस  क्षेत्र में परमाणु तबाही हो सकती है।

अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए)

आईएईए की स्थापना 1957 में संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी के रूप में की गई थी।

आईएईए को सुरक्षित और शांतिपूर्ण परमाणु प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने के लिए सदस्य देशों और दुनिया भर में कई भागीदारों के साथ मिलकर  काम करने के लिए स्थापित किया गया था।

अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी परमाणु क्षेत्र में वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग के लिए दुनिया का केंद्रीय अंतर सरकारी मंच है।

सदस्य देश:175(भारत इसका सदस्य देश है  )

आईएईएका मुख्यालय वियना, ऑस्ट्रिया में है और इसके दो क्षेत्रीय कार्यालय टोरंटो, कनाडा और टोक्यो, जापान में स्थित हैं।

महानिदेशक: राफेल ग्रॉस

By admin: Oct. 13, 2022

2. राज्यों के बिजली और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रियों का दो दिवसीय सम्मेलन

Tags: Summits National News

विद्युत मंत्रालय 14 अक्टूबर 2022 को राजस्थान के उदयपुर में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के विद्युत, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रियों का दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित करेगा।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • दो दिवसीय सम्मेलन में बिजली क्षेत्र में उभरते मुद्दों पर चर्चा होगी।

  • सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह द्वारा किया जाएगा।

  • सम्मेलन में ऊर्जा संरक्षण, नवीकरणीय ऊर्जा और बिजली क्षेत्र में सुधारों पर ध्यान देने के साथ विद्युत क्षेत्र को मजबूत करने पर विचार-विमर्श होने की उम्मीद है।

  • सम्मेलन में निवेश के माध्यम से चौबीसों घंटे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने, राज्य की बिजली वितरण कंपनियों की व्यवहार्यता, स्मार्ट मीटरिंग, उपभोक्ताओं के अधिकार और भविष्य की बिजली व्यवस्था पर भी चर्चा होगी।

चर्चा का एजेंडा

  • DISCOMs की व्यवहार्यता

  • स्मार्ट मीटरिंग 

  • अक्षय ऊर्जा और भंडारण

  • विद्युत क्षेत्र में सुधार

  • समय पर निवेश के माध्यम से चौबीसों घंटे बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करना

  • बिजली उपभोक्ताओं के अधिकार

  • वर्ष 2030 में भविष्य की बिजली व्यवस्था

  • ऊर्जा सरंक्षण


By admin: Oct. 13, 2022

3. दुनिया के पहले अंतरिक्ष पर्यटक डेनिस टीटो स्पेसएक्स के स्टारशिप पर चंद्रमा के चारों ओर सवारी करेंगे

Tags: Person in news International News

दुनिया के पहले अंतरिक्ष पर्यटक डेनिस टीटो ने स्टारशिप रॉकेट पर सवार होकर चंद्रमा के चारों ओर उड़ान भरने के लिए एलोन मस्क की  कंपनी स्पेसएक्स के साथ करार किया है। स्पेसएक्स कंपनी ने 12 अक्टूबर 2022 को कहा कि रॉकेट टिटो और उसकी पत्नी अकीको को चंद्रमा के 200 किमी (125 मील) की दूरी पर बिना उसकी सतह पर उतरे, ले जाएगा। लॉन्च की तारीख की घोषणा होना अभी बाकी है क्योंकि स्टारशिप का परीक्षणअभी किया जाना बाकी है।

एक अमेरिकी इंजीनियर और उद्यमी डेनिस टीटो ,2001 में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का दौरा करने वाले पहले मानव अंतरिक्ष पर्यटक बने।

उन्हें यूएस-आधारित स्पेस एडवेंचर्स की मदद से एक रूसी रॉकेट पर 2001 में लॉन्च किया गया था।

दुनिया में कुछ कंपनियां अंतरिक्ष यात्रा को वास्तविकता बनाने का प्रयास कर रही हैं। यह कंपनियां हैं ;स्पेसएक्स, रिचर्ड ब्रैनसन द्वारा स्थापित वर्जिन गेलेक्टिक एसपीसीई.एन,( SPCE.N), और जेफ बेजोस की ब्लू ओरिजिन हैं जो वर्तमान में पृथ्वी से लगभग 106 किमी (66 मील) की ऊंचाई पर उप-कक्षीय जॉयराइड प्रदान करती हैं।

90 वर्षीय अमेरिकी अभिनेता, विलियम शैटनर, जिन्होंने टीवी श्रृंखला स्टार ट्रेक में कप्तान जेम्स टी किर्क की भूमिका निभाई, पिछले साल ब्लू ओरिजिन की उड़ान में यात्रा करते हुए अंतरिक्ष में रॉकेट की सवारी करने वाले सबसे उम्रदराज व्यक्ति बन गए।

मानव अंतरिक्ष उड़ान

12 अप्रैल 1961 को वोस्तोक रॉकेट पर सवार सोवियत संघ के यूरी गगारिन अंतरिक्ष में जाने वाले पहले व्यक्ति थे।

अंतरिक्ष में जाने वाली पहली महिला सोवियत संघ की वेलेंटीना टेरेश्कोवा थीं, जो  16 जून 1963 को वोस्तोक 6 रॉकेट के द्वारा अंतरिक्ष गई थीं।

1961 में अंतरिक्ष में जाने वाले पहले अमेरिकी एलन शेपर्ड थे।

विंग कमांडर राकेश शर्मा अंतरिक्ष में जाने वाले एकमात्र भारतीय हैं। वह 3 अप्रैल 1984 को सोयुज टी-11 में सवार सोवियत मिशन का हिस्सा थे।

By admin: Oct. 13, 2022

4. बहु-राज्य सहकारी समितियां (संशोधन) विधेयक, 2022 को कैबिनेट की मंजूरी मिली

Tags: National National News

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 12 अक्टूबर 2022 को बहु-राज्य सहकारी समितियां (संशोधन) विधेयक, 2022 को मंजूरी दे दी है।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • यह विधेयक बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम, 2002 में संशोधन के लिए लाया गया है।

  • संशोधन विधेयक का उद्देश्य देश में सहकारिता आंदोलन को मजबूत करना है।

  • अधिनियम में संशोधन से शासन में सुधार होगा, पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी और बहु-राज्य सहकारी समितियों में चुनावी प्रक्रिया में सुधार होगा।

  • निष्पक्ष, स्वतंत्र और समय पर चुनाव सुनिश्चित करने के लिए चुनाव प्राधिकरण का गठन किया जाएगा।

  • यह संशोधन व्यापार करने में आसानी में सुधार लाने और अधिक पारदर्शिता लाने का प्रयास है।

विधेयक की मुख्य विशेषताएं

  • विधेयक में बहु-राज्य सहकारी समितियों के बोर्ड में महिलाओं और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के सदस्यों के प्रतिनिधित्व से संबंधित प्रावधानों को शामिल किया गया है।

  • विधेयक में 97वें संविधान संशोधन के प्रावधान शामिल होंगे।

  • संविधान (97वां संशोधन) अधिनियम, 2011 भारत में कार्यरत सहकारी समितियों से संबंधित है।

  • यह विधेयक बहु-राज्य सहकारी समितियों को धन जुटाने में सक्षम बनाने के अलावा, बोर्ड की संरचना का विस्तार करेगा और वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित करेगा।

  • विधेयक में सहकारी चुनाव प्राधिकरण, सहकारी सूचना अधिकारी और सहकारी लोकपाल की स्थापना के लिए विशिष्ट प्रावधान हैं।

  • अधिक चुनावी अनुशासन लाने के लिए अपराधियों को तीन साल के लिए प्रतिबंधित करने का प्रावधान है।

  • विधेयक में बैंकिंग, प्रबंधन, सहकारी प्रबंधन और वित्त के क्षेत्र में अनुभव वाले चयनित निदेशकों को लाने का प्रावधान है।

बहु-राज्य सहकारी समितियां अधिनियम, 2002

  • सहकारिता राज्य का विषय है, लेकिन कई समितियां हैं जैसे चीनी और दूध, बैंक, दूध संघ आदि जिनके सदस्य और संचालन के क्षेत्र एक से अधिक राज्यों में फैले हुए हैं।

  • यह अधिनियम बहु राज्य सहकारी समितियों को संचालित करने के लिए पारित किया गया था।

  • उदाहरण के लिए, कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा पर अधिकांश चीनी मिलें हैं जो दोनों राज्यों से गन्ना खरीदती हैं।

  • उत्तर प्रदेश और नई दिल्ली के बाद महाराष्ट्र में ऐसी सहकारी समितियों की संख्या सबसे अधिक है।

By admin: Oct. 13, 2022

5. बहु-राज्य सहकारी समितियां (संशोधन) विधेयक, 2022 को कैबिनेट की मंजूरी मिली

Tags: National National News

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 12 अक्टूबर 2022 को बहु-राज्य सहकारी समितियां (संशोधन) विधेयक, 2022 को मंजूरी दे दी है।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • यह विधेयक बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम, 2002 में संशोधन के लिए लाया गया है।

  • संशोधन विधेयक का उद्देश्य देश में सहकारिता आंदोलन को मजबूत करना है।

  • अधिनियम में संशोधन से शासन में सुधार होगा, पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी और बहु-राज्य सहकारी समितियों में चुनावी प्रक्रिया में सुधार होगा।

  • निष्पक्ष, स्वतंत्र और समय पर चुनाव सुनिश्चित करने के लिए चुनाव प्राधिकरण का गठन किया जाएगा।

  • यह संशोधन व्यापार करने में आसानी में सुधार लाने और अधिक पारदर्शिता लाने का प्रयास है।

विधेयक की मुख्य विशेषताएं

  • विधेयक में बहु-राज्य सहकारी समितियों के बोर्ड में महिलाओं और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के सदस्यों के प्रतिनिधित्व से संबंधित प्रावधानों को शामिल किया गया है।

  • विधेयक में 97वें संविधान संशोधन के प्रावधान शामिल होंगे।

  • संविधान (97वां संशोधन) अधिनियम, 2011 भारत में कार्यरत सहकारी समितियों से संबंधित है।

  • यह विधेयक बहु-राज्य सहकारी समितियों को धन जुटाने में सक्षम बनाने के अलावा, बोर्ड की संरचना का विस्तार करेगा और वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित करेगा।

  • विधेयक में सहकारी चुनाव प्राधिकरण, सहकारी सूचना अधिकारी और सहकारी लोकपाल की स्थापना के लिए विशिष्ट प्रावधान हैं।

  • अधिक चुनावी अनुशासन लाने के लिए अपराधियों को तीन साल के लिए प्रतिबंधित करने का प्रावधान है।

  • विधेयक में बैंकिंग, प्रबंधन, सहकारी प्रबंधन और वित्त के क्षेत्र में अनुभव वाले चयनित निदेशकों को लाने का प्रावधान है।

बहु-राज्य सहकारी समितियां अधिनियम, 2002

  • सहकारिता राज्य का विषय है, लेकिन कई समितियां हैं जैसे चीनी और दूध, बैंक, दूध संघ आदि जिनके सदस्य और संचालन के क्षेत्र एक से अधिक राज्यों में फैले हुए हैं।

  • यह अधिनियम बहु राज्य सहकारी समितियों को संचालित करने के लिए पारित किया गया था।

  • उदाहरण के लिए, कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा पर अधिकांश चीनी मिलें हैं जो दोनों राज्यों से गन्ना खरीदती हैं।

  • उत्तर प्रदेश और नई दिल्ली के बाद महाराष्ट्र में ऐसी सहकारी समितियों की संख्या सबसे अधिक है।

By admin: Oct. 12, 2022

6. पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री की विकास पहल (पीएम-डिवाइन) योजना को मंजूरी

Tags: National Economy/Finance Government Schemes

उत्तर पूर्वी क्षेत्र में आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री विकास पहल (पीएम-डिवाइन) के लिए 100% केंद्रीय वित्त पोषित योजना शुरू करने का निर्णय लिया है। इस योजना को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 12 अक्टूबर 2022 को आयोजित बैठक में और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में अनुमोदित किया गया था।

पूर्वोत्तर क्षेत्र (एनईआर) में विकास अंतराल को दूर करने के लिए केन्द्रीय बजट 2022-23 में पीएम-डिवाइन की घोषणा की गई थी।

योजना की अवधि

यह योजना 2022-23 से 2025-26 तक चार साल की अवधि की होगी, जो कि 15वें वित्त आयोग की शेष अवधि के साथमेल खाती है ।

योजना पर परिव्यय

यह योजना 100% केंद्र द्वारा वित्त पोषित है और इस योजना का परिव्यय अगले चार वर्षों के लिए 6,600 करोड़ रुपये है।

योजना को कौन लागू करेगा

यह योजना केंद्रीय उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय (डोनर) द्वारा उत्तर पूर्वी परिषद या केंद्रीय मंत्रालयों / एजेंसियों के माध्यम से लागू की जाएगी।

नई योजना के उद्देश्य

पीएम-डिवाइन योजना बुनियादी ढांचे और सामाजिक विकास परियोजनाओं को सहायता प्रदान करेगी जो आकार में बड़ी हो सकती हैं और अलग-अलग परियोजनाओं के बजाय शुरू से अंत तक विकास समाधान भी प्रदान करेगी।

पीएम-डिवाइन योजना बुनियादी ढांचे के निर्माण, उद्योगों, सामाजिक विकास परियोजनाओं को सहयोग देगी और युवाओं व महिलाओं के लिए आजीविका सृजित करेगी, जिससे रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।

पीएम-डिवाइन के उद्देश्य हैं:

(ए) पीएम गति शक्ति की भावना में सम्मिलित रूप से बुनियादी ढांचे को निधि देना;

(बी) एनईआर द्वारा महसूस की गई जरूरतों के आधार पर सामाजिक विकास परियोजनाओं को समर्थन;

(सी) युवाओं और महिलाओं के लिए आजीविका संबंधी कार्यों को सक्षम करना;

(डी) विभिन्न क्षेत्रों में विकास अंतराल को भरा जाए।

भारत में उत्तर पूर्वी राज्य

अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, मिजोरम, मणिपुर, त्रिपुरा, नागालैंड और सिक्किम।

केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय: किशन रेड्डी

By admin: Oct. 12, 2022

7. एलपीजी नुकसान की भरपाई के लिए तेल पीएसयू को सरकार ने 22,000 करोड़ रुपये का अनुदान मंजूर किया

Tags: National Economy/Finance

12 अक्टूबर 2022 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक क्षेत्र के तीन तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) को 22,000 करोड़ रुपये की एकमुश्त अनुदान राशि को मंजूरी दी है। ये अनुदान इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) के बीच वितरित किया जाएगा।

भारत में एलपीजी (तरलीकृत पेट्रोलियम गैस) का उपयोग मुख्य रूप से खाना पकाने के लिए किया जाता है और इसकी कीमत अंतर्राष्ट्रीय मूल्य से जुड़ी होती है। भारत एलपीजी की अपनी आवश्यकता का लगभग आधा हिस्सा आयात करता है।

एलपीजी पर सरकारी सब्सिडी

भारत सरकार ने रसोई गैस की कीमत मुक्त कर इसे अंतरराष्ट्रीय बाजार से जोड़ दिया है। हालाँकि, भारत सरकार समाज के कुछ वर्गों को रसोई गैस सिलेंडर पर सब्सिडी भी प्रदान करती है।

केंद्र प्रति परिवार प्रति वर्ष 12 एलपीजी सिलेंडर (14.2 किलोग्राम) पर सीधे बैंक हस्तांतरण के माध्यम से सब्सिडी प्रदान करता है। साल में 12 सिलिंडर से ज्यादा की खरीद पर परिवार को बिना सब्सिडी वाली एलपीजी सिलेंडर की कीमत चुकानी पड़ती है।

पीएसयू तेल विपणन कंपनियों को हुआ नुकसान

सिद्धांत रूप में एलपीजी की कीमतें अंतरराष्ट्रीय कीमतों से निर्धारित होती हैं लेकिन वास्तव में भारत सरकार पीएसयू ओएमसी पर एलपीजी की कीमतों में बहुत अधिक वृद्धि न करने का दबाव डालती है क्योंकि इससे जनता को नुकसान हो सकता है। इसलिए यदि  अंतरराष्ट्रीय बाजार में रसोई गैस की कीमत बढ़ जाती है और भारत में कीमतों में वृद्धि नहीं होती है तो नुकसान ओएमसी द्वारा वहन किया जाता है।

जून 2020 से जून 2022 की अवधि के दौरान, एलपीजी की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में लगभग 300 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। हालांकि, उपभोक्ताओं को अंतरराष्ट्रीय एलपीजी कीमतों में उतार-चढ़ाव से बचाने के लिए, घरेलू एलपीजी के उपभोक्ताओं पर इस लागत वृद्धि को पूरी तरह से लागू नहीं किया गया था। ऐसे में इस अवधि के दौरान घरेलू एलपीजी की कीमतों में सिर्फ 72 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इससे इन ओएमसी कंपनियों को काफी नुकसान हुआ है।

क्षतिपूर्ति के लिए ओएमसी सरकार उन्हें अनुदान दे रही है। अनुदान का मतलब है कि ओएमसी सरकार को पैसा वापस नहीं करेगी।

केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री: हरदीप पुरी

By admin: Oct. 12, 2022

8. मेडेन फार्मा द्वारा आपूर्ति किए गए दूषित सिरप पर डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट की जांच के लिए 4 सदस्यीय समिति गठित

Tags: committee National

भारत सरकार ने 12 अक्टूबर 2022 को हरियाणा के सोनीपत में स्थित कंपनी मेडेन फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड के  कफ सिरप दवाईके सेवन से गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा भेजी गई रिपोर्ट की जांच के लिए चार सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। ।

डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के बाद सरकार ने मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड द्वारा कफ सिरप के उत्पादन को पहले ही निलंबित कर दिया है।

समिति में डॉ वाईके गुप्ता, उपाध्यक्ष, स्थायी राष्ट्रीय चिकित्सा समिति ; डॉ प्रज्ञा यादव, आईसीएमआर-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी), पुणे; डॉ आरती बहल, महामारी विज्ञान विभाग, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी), नई दिल्ली और एके प्रधान, जेडीसी (आई), सीडीएससीओ (केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन) शामिल हैं ।

रिपोर्टों के अनुसार, एक अमेरिकी कंपनी अटलांटिक फार्मास्युटिकल्स कंपनी लिमिटेड, जिसके पास गाम्बिया को दवाएं निर्यात करने की अनुमति है, ने मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड से सिरप की बोतलों का ऑर्डर दिया था । कफ सिरप बाद में डब्ल्यूएचओ द्वारा दूषित पाया गया था।

गाम्बिया गणराज्य

यह अटलांटिक महासागर के किनारे स्थित एक पश्चिम अफ्रीकी देश  है।

देश का नाम गाम्बिया नदी के नाम पर पड़ा है।

राजधानी: बंजुल

मुद्रा: दलासी

अध्यक्ष: अदामा बैरो

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ)

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन, संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है जिसकी स्थापना 7 अप्रैल 1948 को हुई थी।
  • डब्ल्यूएचओ का मुख्यालय: जिनेवा, स्विट्जरलैंड;
  • डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक: इथियोपिया के टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस

By admin: Oct. 12, 2022

9. असमानता को कम करने की प्रतिबद्धता सूचकांक 2022 में भारत 123 वें स्थान पर

Tags: National International News

भारत ने हाल ही में जारी असमानता को कम करने की प्रतिबद्धता सूचकांक (सीआरआईआई) 2022  में  अपनी रैंकिंग में 6 स्थानों  की  का सुधार किया है। इसे 161 देशों में से दुनिया में 123 वें स्थान पर रखा गया है। 2020 के सूचकांक में भारत 129वें स्थान पर था।

भारत के रैंक में मुख्य रूप से सार्वजनिक खर्च के प्रभाव को मापने वाले संकेतकों में सुधार और असमानता को कम करने पर कर के प्रभाव के कारण सुधार हुआ है।

सूचकांक के अनुसार सबसे कम असमानता नॉर्वे में पाई गयी और उसे शीर्ष स्थान दिया गया है उसके बाद जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया का स्थान है।दक्षिण सूडान को सबसे नीचे 161 वां स्थान दिया गया है।

असमानता सूचकांक को कम करने की प्रतिबद्धता की संरचना (सीआरआईआई)

सूचकांक सरकार द्वारा बनाई गई नीतियों और कोविड महामारी के पहले दो वर्षों में असमानता से लड़ने के लिए की गई कार्रवाई पर देशों को रैंक करता है।

सूचकांक ,ऑक्सफैम इंटरनेशनल और  डेवलपमेंट फाइनेंस इंटरनेशनल (डीएफआई) द्वारा तैयार किया गया है ।

इंडेक्स तीन क्षेत्रों में सरकारी नीतियों और कार्यों को मापता है जो असमानता को कम करने पर एक बड़ा प्रभाव साबित होता है।

यह तीन क्षेत्र है ; सार्वजनिक सेवाएं (स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा), कराधान और श्रमिकों के अधिकार

भारत का प्रदर्शन

सार्वजनिक सेवा

सार्वजनिक सेवा  में भारत को 129वां स्थान मिला है। 2020 की रिपोर्ट में इसे 141वां स्थान मिला था।

सूचकांक के अनुसार भारत, स्वास्थ्य खर्च पर सबसे कम खर्च  करनेवाले देशों में शामिल है।  इस बार भारत की रैंकिंग में  दो स्थान की गिरावट के साथ 157 हो गया ।

भारत सरकार अपने सभी खर्च का 3.64% स्वास्थ्य पर खर्च करती है जो उसके  सभी पड़ोसी देशों की तुलना में  सबसे कम है।पाकिस्तान का खर्च 4.3%, बांग्लादेश का 5.19%, श्रीलंका का 5.88% और नेपाल का 7.8% है ।

प्रगतिशील कराधान

भारत 2022 में प्रगतिशील कराधान में  16 वें स्थान पर था जबकि 2020 में यह 19 वें स्थान पर था।

श्रम रैंकिंग (श्रमिकों के अधिकार और मजदूरी)

श्रम रैंकिंग (जिसमें श्रमिक अधिकार शामिल हैं) पर भारत 151वें स्थान पर था जबकि 2020 में भी यह 151वें स्थान पर था।

दक्षिण एशियाई देश की रैंकिंग

देश

सार्वजनिक सेवा

कर रैंकिंग

श्रम रैंकिंग

क्षेत्रीय रैंकिंग

मालदीव

71

12

54

1

बांग्लादेश

136

47

101

2

श्री लंका

128

85

93

3

नेपाल

116

36

126

4

भूटान

114 

27

140

5

भारत

129

16

151

6

पाकिस्तान

151

77 

113

7

अफ़ग़ानिस्तान

158

115

117

8

ऑक्सफेम इंटरनेशनल

ऑक्सफैम इंटरनेशनल का गठन 1995 में स्वतंत्र गैर-सरकारी संगठनों के एक समूह द्वारा किया गया था।

ये संगठन वैश्विक गरीबी और अन्याय को कम करने के लिए,  अपनी दक्षता को बढ़ाने करने अधिक प्रवाभी होने के लिए ऑक्सफैम इंटरनेशनल की स्थापना की ।

"ऑक्सफैम" नाम 1942 में ब्रिटेन में स्थापित अकाल राहत के लिए ऑक्सफोर्ड समिति से आया है।

ऑक्सफैम अंतर्राष्ट्रीय सचिवालय नैरोबी, केन्या में स्थित है

ऑक्सफेम इंडिया सीईओ:अमिताभ बेहर

फुल फॉर्म

सीआरआईआई/CRRI: कमिटमेंट टू रिड्यूसिंग इनइक्वलिटी इंडेक्स (Commitment to Reducing Inequality Index)

By admin: Oct. 12, 2022

10. असमानता को कम करने की प्रतिबद्धता सूचकांक 2022 में भारत 123 वें स्थान पर

Tags: National International News

भारत ने हाल ही में जारी असमानता को कम करने की प्रतिबद्धता सूचकांक (सीआरआईआई) 2022  में  अपनी रैंकिंग में 6 स्थानों  की  का सुधार किया है। इसे 161 देशों में से दुनिया में 123 वें स्थान पर रखा गया है। 2020 के सूचकांक में भारत 129वें स्थान पर था।

भारत के रैंक में मुख्य रूप से सार्वजनिक खर्च के प्रभाव को मापने वाले संकेतकों में सुधार और असमानता को कम करने पर कर के प्रभाव के कारण सुधार हुआ है।

सूचकांक के अनुसार सबसे कम असमानता नॉर्वे में पाई गयी और उसे शीर्ष स्थान दिया गया है उसके बाद जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया का स्थान है।दक्षिण सूडान को सबसे नीचे 161 वां स्थान दिया गया है।

असमानता सूचकांक को कम करने की प्रतिबद्धता की संरचना (सीआरआईआई)

सूचकांक सरकार द्वारा बनाई गई नीतियों और कोविड महामारी के पहले दो वर्षों में असमानता से लड़ने के लिए की गई कार्रवाई पर देशों को रैंक करता है।

सूचकांक ,ऑक्सफैम इंटरनेशनल और  डेवलपमेंट फाइनेंस इंटरनेशनल (डीएफआई) द्वारा तैयार किया गया है ।

इंडेक्स तीन क्षेत्रों में सरकारी नीतियों और कार्यों को मापता है जो असमानता को कम करने पर एक बड़ा प्रभाव साबित होता है।

यह तीन क्षेत्र है ; सार्वजनिक सेवाएं (स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा), कराधान और श्रमिकों के अधिकार

भारत का प्रदर्शन

सार्वजनिक सेवा

सार्वजनिक सेवा  में भारत को 129वां स्थान मिला है। 2020 की रिपोर्ट में इसे 141वां स्थान मिला था।

सूचकांक के अनुसार भारत, स्वास्थ्य खर्च पर सबसे कम खर्च  करनेवाले देशों में शामिल है।  इस बार भारत की रैंकिंग में  दो स्थान की गिरावट के साथ 157 हो गया ।

भारत सरकार अपने सभी खर्च का 3.64% स्वास्थ्य पर खर्च करती है जो उसके  सभी पड़ोसी देशों की तुलना में  सबसे कम है।पाकिस्तान का खर्च 4.3%, बांग्लादेश का 5.19%, श्रीलंका का 5.88% और नेपाल का 7.8% है ।

प्रगतिशील कराधान

भारत 2022 में प्रगतिशील कराधान में  16 वें स्थान पर था जबकि 2020 में यह 19 वें स्थान पर था।

श्रम रैंकिंग (श्रमिकों के अधिकार और मजदूरी)

श्रम रैंकिंग (जिसमें श्रमिक अधिकार शामिल हैं) पर भारत 151वें स्थान पर था जबकि 2020 में भी यह 151वें स्थान पर था।

दक्षिण एशियाई देश की रैंकिंग

देश

सार्वजनिक सेवा

कर रैंकिंग

श्रम रैंकिंग

क्षेत्रीय रैंकिंग

मालदीव

71

12

54

1

बांग्लादेश

136

47

101

2

श्री लंका

128

85

93

3

नेपाल

116

36

126

4

भूटान

114 

27

140

5

भारत

129

16

151

6

पाकिस्तान

151

77 

113

7

अफ़ग़ानिस्तान

158

115

117

8

ऑक्सफेम इंटरनेशनल

ऑक्सफैम इंटरनेशनल का गठन 1995 में स्वतंत्र गैर-सरकारी संगठनों के एक समूह द्वारा किया गया था।

ये संगठन वैश्विक गरीबी और अन्याय को कम करने के लिए,  अपनी दक्षता को बढ़ाने करने अधिक प्रवाभी होने के लिए ऑक्सफैम इंटरनेशनल की स्थापना की ।

"ऑक्सफैम" नाम 1942 में ब्रिटेन में स्थापित अकाल राहत के लिए ऑक्सफोर्ड समिति से आया है।

ऑक्सफैम अंतर्राष्ट्रीय सचिवालय नैरोबी, केन्या में स्थित है

ऑक्सफेम इंडिया सीईओ:अमिताभ बेहर

फुल फॉर्म

सीआरआईआई/CRRI: कमिटमेंट टू रिड्यूसिंग इनइक्वलिटी इंडेक्स (Commitment to Reducing Inequality Index)

Date Wise Search