1. केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी ने नई दिल्ली में गंगा उत्सव 2022 का उद्घाटन किया
Tags: Festivals National National News
केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने 4 नवंबर, 2022 को नई दिल्ली में गंगा उत्सव 2022 का उद्घाटन किया।
महत्वपूर्ण तथ्य
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG), जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग, जल शक्ति मंत्रालय गंगा उत्सव का आयोजन कर रहा है।
यह 4 नवंबर, 2022 को नई दिल्ली के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में दो सत्रों में आयोजित हो रहा है।
जी. किशन रेड्डी सुबह के सत्र में राज्य, जल शक्ति और जनजातीय मामलों के मंत्री बिश्वेश्वर टुडू की उपस्थिति में मुख्य अतिथि थे।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत शाम के सत्र की अध्यक्षता की।
एनएमसीजी कई हितधारकों की सक्रिय भागीदारी के माध्यम से गंगा उत्सव- नदी महोत्सव 2022 को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
गंगा उत्सव 2022 का उद्देश्य
गंगा उत्सव 2022 का मुख्य उद्देश्य हमारी नदियों का जश्न मनाना और भारत में नदी घाटियों में नदी कायाकल्प के महत्व पर जागरूकता फैलाना है।
इसका उद्देश्य भारत की नदियों का उत्सव को मनाने के लिए विभिन्न राज्यों के 75 से अधिक स्थानों पर इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित करना है।
गंगा उत्सव की विभिन्न गतिविधियाँ केंद्र, राज्य और जिला स्तर पर भौतिक और आभासी दोनों प्लेटफार्मों पर होंगी।
गंगा उत्सव की पृष्ठभूमि
प्रारंभ में यह उत्सव वर्ष , 2017 में 'एक शाम गंगा के नाम' के रूप में सीमित हितधारकों को शामिल कर आयोजित किया गया था।
भारत-जर्मन सहयोग जैसे अंतर्राष्ट्रीय संघ की मदद से, यह कार्यक्रम बाद में वर्ष 2018 में 'बाल गंगा मेला' के रूप में विकसित हुआ।
बाल गंगा मेला 2018 का आयोजन एचसीएल फाउंडेशन के सहयोग से किया गया था।
वर्ष 2019 में, यह कार्यक्रम एक कार्निवाल के रूप में आगे बढ़ा, जिसमें स्कूली विद्यार्थियों और युवाओं की भागीदारी देखी गई।
गंगा उत्सव 2020 का तीसरा संस्करण तीन दिवसीय वर्चुअल माध्यम से आयोजित किया गया था।
गंगा उत्सव 2021- नदी महोत्सव को 'आजादी का अमृत महोत्सव' के उत्सव के भाग के रूप में मनाया गया।
2. केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी ने नई दिल्ली में गंगा उत्सव 2022 का उद्घाटन किया
Tags: Festivals National National News
केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने 4 नवंबर, 2022 को नई दिल्ली में गंगा उत्सव 2022 का उद्घाटन किया।
महत्वपूर्ण तथ्य
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG), जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग, जल शक्ति मंत्रालय गंगा उत्सव का आयोजन कर रहा है।
यह 4 नवंबर, 2022 को नई दिल्ली के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में दो सत्रों में आयोजित हो रहा है।
जी. किशन रेड्डी सुबह के सत्र में राज्य, जल शक्ति और जनजातीय मामलों के मंत्री बिश्वेश्वर टुडू की उपस्थिति में मुख्य अतिथि थे।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत शाम के सत्र की अध्यक्षता की।
एनएमसीजी कई हितधारकों की सक्रिय भागीदारी के माध्यम से गंगा उत्सव- नदी महोत्सव 2022 को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
गंगा उत्सव 2022 का उद्देश्य
गंगा उत्सव 2022 का मुख्य उद्देश्य हमारी नदियों का जश्न मनाना और भारत में नदी घाटियों में नदी कायाकल्प के महत्व पर जागरूकता फैलाना है।
इसका उद्देश्य भारत की नदियों का उत्सव को मनाने के लिए विभिन्न राज्यों के 75 से अधिक स्थानों पर इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित करना है।
गंगा उत्सव की विभिन्न गतिविधियाँ केंद्र, राज्य और जिला स्तर पर भौतिक और आभासी दोनों प्लेटफार्मों पर होंगी।
गंगा उत्सव की पृष्ठभूमि
प्रारंभ में यह उत्सव वर्ष , 2017 में 'एक शाम गंगा के नाम' के रूप में सीमित हितधारकों को शामिल कर आयोजित किया गया था।
भारत-जर्मन सहयोग जैसे अंतर्राष्ट्रीय संघ की मदद से, यह कार्यक्रम बाद में वर्ष 2018 में 'बाल गंगा मेला' के रूप में विकसित हुआ।
बाल गंगा मेला 2018 का आयोजन एचसीएल फाउंडेशन के सहयोग से किया गया था।
वर्ष 2019 में, यह कार्यक्रम एक कार्निवाल के रूप में आगे बढ़ा, जिसमें स्कूली विद्यार्थियों और युवाओं की भागीदारी देखी गई।
गंगा उत्सव 2020 का तीसरा संस्करण तीन दिवसीय वर्चुअल माध्यम से आयोजित किया गया था।
गंगा उत्सव 2021- नदी महोत्सव को 'आजादी का अमृत महोत्सव' के उत्सव के भाग के रूप में मनाया गया।
3. बैंक ऑफ इंग्लैंड ने मुद्रास्फीति को काबू करने के लिए 33 वर्षों में ब्याज दरों में सबसे बड़ी वृद्धि की
Tags: Economy/Finance International News
यूनाइटेड किंगडम के केंद्रीय बैंक, बैंक ऑफ इंग्लैंड (बीओई) ने 1989 के बाद से, 3 नवंबर 2022 को अपनी ब्याज दरों में सबसे अधिक वृद्धि की है । बीओई ,अमेरिकी फेडरल रिजर्व और अन्य केंद्रीय बैंकों की तरह, रूस और यूक्रेन के संघर्ष से प्रेरित उच्च मुद्रास्फीति को काबू करने की कोशिश कर रहा हैं ।
बीओई ने बैंक दर को 2.25% से बढ़ाकर 3% कर दिया है और साथ ही यह चेतावनी भी दीहै कि ब्रिटिश अर्थव्यवस्था अगले दो वर्षों तक मंदी में रह सकती है और इसमें आर्थिक वृद्धि की संभावना नहीं है ।
जब लगातार दो तिमाहियों में अर्थव्यवस्था में नकारात्मक वृद्धि होती है तो अर्थव्यवस्था मंदी की स्थिति में होती है।
बीओई के गवर्नर एंड्रयू बेली ने कहा कि "उच्च ऊर्जा, भोजन और अन्य बिल लोगों को परेशान कर रहे हैं। परिवारों के पास अन्य चीजों पर खर्च करने के लिए कम है। इसकासाफ़ मतलब है कि ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था का आकार गिरना शुरू हो गया है।
बीओई ने कहा कि अब उसे उम्मीद है कि मौजूदा तिमाही के दौरान मुद्रास्फीति 40 साल के उच्च स्तर लगभग 11% पर पहुंच जाएगी, जो उसके 2% के लक्ष्य से पांच गुना अधिक है।
यूरोप में महंगी गैस की समस्या
यूरोप विशेष रूप से प्राकृतिक गैस की कीमतों में उछाल से बुरी तरह प्रभावित हुआ है । रूस के यूक्रेन पर सैन्य कारवाही के बाद पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबन्ध लगा दिया था ।
रूस ने पश्चिमी प्रतिबंधों का जवाब देते हुए यूरोप को अपनी गैस सप्लाई कम कर दिया जिसके परिणाम स्वरुप इन देशों में प्राकृतिक गैस की कमी और कीमतों में जबरदस्त वृद्धि हुई है ।
यूरोप में लोग अपने घरों को गर्म करने, बिजली और बिजली उद्योगमें गैस का इस्तेमाल करते हैं और आगामी सर्दी के मौसम को देखते हुए यूरोप के लिए यह संकट और बढेगा।
विश्व के महत्वपूर्ण केंद्रीय बैंक
देश | केंद्रीय बैंक | केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष |
भारत | भारतीय रिजर्व बैंक | शक्तिकांत दास |
संयुक्त राज्य अमेरिका | फेडरल रिजर्व | जेरोम पॉवेल |
जापान | बैंक ऑफ जापान | हारुहिको कुरोडा |
चीन | पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना | यी गैंग |
यूनाइटेड किंगडम | बैंक ऑफ इंग्लैंड | एंड्रयू बेली |
यूरोपीय यूरो जोन | यूरोपीय केंद्रीय बैंक | क्रिस्टीन लेगार्ड |
यूरोपीय सेंट्रल बैंक (ईसीबी)
यह 19 यूरोपीय संघ के देशों का सेंट्रल बैंक है जिन्होंने यूरो को अपनी सामान्य मुद्रा के रूप में अपनाया है।
यूरोजोन के सदस्य देश: बेल्जियम, जर्मनी, स्पेन, फ्रांस, आयरलैंड, इटली, लक्जमबर्ग, नीदरलैंड, ऑस्ट्रिया, पुर्तगाल और फिनलैंड, स्लोवेनिया, साइप्रस, माल्टा, स्लोवाकिया, एस्टोनिया, लातविया लिथुआनिया हैं ।
4. एनसीएसटी ने पहाड़ी समुदाय को एसटी सूची में शामिल करने की मंजूरी दी
Tags: National State News National News
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) ने 4 नवंबर, 2022 को पहाड़ी जातीय समूह, पदारी जनजाति, कोली और गड्डा ब्राह्मणों को अनुसूचित जनजातियों (एसटी) में शामिल करने को मंजूरी दे दी।
महत्वपूर्ण तथ्य
केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने इन समूहों को एसटी की सूची में शामिल करने का प्रस्ताव आयोग के समक्ष 7 अक्टूबर को रखा था।
आयोग ने अपनी बैठकों में प्रस्ताव का अध्ययन किया और उसे मंजूरी दी।
केंद्रीय जनजातीय मामलों का मंत्रालय अब एसटी श्रेणी के तहत पहाड़ी जातीय समूह, पद्दारी जनजाति, कोली और गड्डा ब्राह्मणों को आरक्षण को मंजूरी देने के लिए कैबिनेट को ज्ञापन सौंपेगा।
कैबिनेट की मंजूरी के बाद, मंत्रालय इन समुदायों को एसटी में शामिल करने के लिए संविधान (जम्मू और कश्मीर) अनुसूचित जनजाति आदेश, 1989 में संशोधन के लिए संसद में एक विधेयक पेश करेगा।
संसद द्वारा अनुमोदित होने पर, राष्ट्रपति भारत के संविधान के अनुच्छेद 342 के तहत एसटी सूची की संशोधित अनुसूची को अधिसूचित करेंगी।
पहाड़ी समुदाय के बारे में
पहाड़ी लोग जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के कुछ हिस्सों में बसने वाले कई विषम समुदायों के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक शब्द है।
पहाड़ी लोगों द्वारा बोली जाने वाली विभिन्न उत्तरी इंडो-आर्यन भाषाओं का वर्णन करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है, इनमें से ज्यादातर निचले हिमालय में पाए जाते हैं।
1989 में, जम्मू-कश्मीर सरकार ने पहाड़ी भाषी लोगों के विकास और पहाड़ी लोगों के कल्याण के लिए एक सलाहकार बोर्ड की स्थापना की थी।
अनुसूचित जनजाति (एसटी) की सूची में चार जनजातियां
हिमाचल प्रदेश में ट्रांस-गिरी क्षेत्र में हट्टी जनजाति।
तमिलनाडु की नारिकोरवन और कुरीविक्करन पहाड़ी जनजातियाँ।
छत्तीसगढ़ में बिंझिया जनजाति।
कैबिनेट ने गोंड समुदाय (उत्तर प्रदेश) को एसटी सूची के तहत लाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी।
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग
अनुच्छेद 338 में संशोधन करके और 89वें संशोधन अधिनियम के माध्यम से भारतीय संविधान में एक नया अनुच्छेद 338A सम्मिलित करके इसकी स्थापना की गई है।
यह एक संवैधानिक निकाय है।
इसमें एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष और तीन पूर्णकालिक सदस्य (एक महिला सदस्य सहित) शामिल हैं।
इसका कार्यकाल 3 साल के लिए होता है और अध्यक्ष की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है।
यह अनुसूचित जनजातियों के लिए प्रदान किए गए सुरक्षा उपायों से संबंधित मामलों की जांच और निगरानी करता है।
अध्यक्ष - हर्ष चौहान
- केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री - अर्जुन मुंडा
5. एनसीएसटी ने पहाड़ी समुदाय को एसटी सूची में शामिल करने की मंजूरी दी
Tags: National State News National News
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) ने 4 नवंबर, 2022 को पहाड़ी जातीय समूह, पदारी जनजाति, कोली और गड्डा ब्राह्मणों को अनुसूचित जनजातियों (एसटी) में शामिल करने को मंजूरी दे दी।
महत्वपूर्ण तथ्य
केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने इन समूहों को एसटी की सूची में शामिल करने का प्रस्ताव आयोग के समक्ष 7 अक्टूबर को रखा था।
आयोग ने अपनी बैठकों में प्रस्ताव का अध्ययन किया और उसे मंजूरी दी।
केंद्रीय जनजातीय मामलों का मंत्रालय अब एसटी श्रेणी के तहत पहाड़ी जातीय समूह, पद्दारी जनजाति, कोली और गड्डा ब्राह्मणों को आरक्षण को मंजूरी देने के लिए कैबिनेट को ज्ञापन सौंपेगा।
कैबिनेट की मंजूरी के बाद, मंत्रालय इन समुदायों को एसटी में शामिल करने के लिए संविधान (जम्मू और कश्मीर) अनुसूचित जनजाति आदेश, 1989 में संशोधन के लिए संसद में एक विधेयक पेश करेगा।
संसद द्वारा अनुमोदित होने पर, राष्ट्रपति भारत के संविधान के अनुच्छेद 342 के तहत एसटी सूची की संशोधित अनुसूची को अधिसूचित करेंगी।
पहाड़ी समुदाय के बारे में
पहाड़ी लोग जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के कुछ हिस्सों में बसने वाले कई विषम समुदायों के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक शब्द है।
पहाड़ी लोगों द्वारा बोली जाने वाली विभिन्न उत्तरी इंडो-आर्यन भाषाओं का वर्णन करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है, इनमें से ज्यादातर निचले हिमालय में पाए जाते हैं।
1989 में, जम्मू-कश्मीर सरकार ने पहाड़ी भाषी लोगों के विकास और पहाड़ी लोगों के कल्याण के लिए एक सलाहकार बोर्ड की स्थापना की थी।
अनुसूचित जनजाति (एसटी) की सूची में चार जनजातियां
हिमाचल प्रदेश में ट्रांस-गिरी क्षेत्र में हट्टी जनजाति।
तमिलनाडु की नारिकोरवन और कुरीविक्करन पहाड़ी जनजातियाँ।
छत्तीसगढ़ में बिंझिया जनजाति।
कैबिनेट ने गोंड समुदाय (उत्तर प्रदेश) को एसटी सूची के तहत लाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी।
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग
अनुच्छेद 338 में संशोधन करके और 89वें संशोधन अधिनियम के माध्यम से भारतीय संविधान में एक नया अनुच्छेद 338A सम्मिलित करके इसकी स्थापना की गई है।
यह एक संवैधानिक निकाय है।
इसमें एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष और तीन पूर्णकालिक सदस्य (एक महिला सदस्य सहित) शामिल हैं।
इसका कार्यकाल 3 साल के लिए होता है और अध्यक्ष की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है।
यह अनुसूचित जनजातियों के लिए प्रदान किए गए सुरक्षा उपायों से संबंधित मामलों की जांच और निगरानी करता है।
अध्यक्ष - हर्ष चौहान
- केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री - अर्जुन मुंडा
6. इस्राइल में बेंजामिन नेतन्याहू की सत्ता में वापसी
Tags: Person in news International News
बेंजामिन नेतन्याहू एक बार फिर इजराइल के प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। 1 नवंबर को हुए फाइनल राउंड की काउंटिंग में नेतन्याहू की पार्टी लिकुड पार्टी ने 120 में से 64 सीटों पर जीत हासिल की।
महत्वपूर्ण तथ्य
इजराइल में पिछले 3 साल में पांचवीं बार चुनाव हुए हैं, जिसके बाद पूर्ण बहुमत के साथ किसी पार्टी ने सत्ता में वापसी की है।
नेतन्याहू की दक्षिणपंथी लिकुड पार्टी ने 32 सीटें जीतीं, उनके दक्षिणपंथी धार्मिक और राष्ट्रवादी गुट ने 120 सीटों वाली संसद या केसेट में कुल 64 सीटें जीतीं।
लैपिड की येश एटिड पार्टी ने 24 सीटों पर जीत हासिल की।
73 वर्षीय बेंजामिन नेतन्याहू सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रधान मंत्री हैं, जो 15 वर्षों के दौरान पांच बार चुने गए हैं।
मतगणना के बाद उनके प्रतिद्वंदी और प्रधानमंत्री येर लैपिड ने हार मान ली है।
इज़राइल के बारे में
प्रधान मंत्री - बेंजामिन नेतन्याहू
राजधानी - जेरूसलम
राष्ट्रपति - इसहाक हर्ज़ोग
मुद्रा - इज़राइली शेकेल
आधिकारिक भाषाएँ - हिब्रू; अरबी
7. ढाका में कोरियाई फिल्म महोत्सव शुरू
Tags: Festivals International News
2 नवंबर को ढाका, बांग्लादेश में सांस्कृतिक मामलों के राज्य मंत्री के एम खालिद और बांग्लादेश में कोरियाई राजदूत ली जांग-क्यून द्वारा कोरियाई फिल्मों के तीन दिवसीय महोत्सव का उद्घाटन किया गया।
महत्वपूर्ण तथ्य
फेस्टिवल की शुरुआत रयू सेउंग-वान द्वारा निर्देशित प्रशंसित फिल्म 'एस्केप फ्रॉम मोगादिशु' की स्क्रीनिंग के साथ हुई।
यह फिल्म सोमाली गृहयुद्ध के दौरान वास्तविक जीवन की घटनाओं पर आधारित है जब उत्तर और दक्षिण कोरिया के दूतावासों ने देश से भागने के लिए मानवता और करुणा का सहारा लिया।
इस फिल्म को 94वें अकादमी पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ अंतर्राष्ट्रीय फीचर फिल्म के लिए दक्षिण कोरियाई प्रविष्टि के रूप में चुना गया था।
हाल ही में हैलोवीन घटना के दौरान सियोल में मारे गए लोगों की याद में दो मिनट के मौन के साथ उत्सव की शुरुआत हुई।
महोत्सव में दिखाई जा रही पांच फिल्में कोरिया और उसके लोगों के जीवन और इतिहास को दर्शाती हैं।
फिल्म महोत्सव में उत्साहपूर्वक भाग लेने के लिए बड़ी संख्या में छात्र और युवा पहुंचे।
8. शिक्षा मंत्रालय ने राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के लिए प्रदर्शन ग्रेडिंग इंडेक्स जारी किया
Tags: National National News
स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय ने 3 नवंबर, 2022 को 2020-21 के लिए राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के लिए प्रदर्शन ग्रेडिंग इंडेक्स (PGI) जारी किया।
सूचकांक का मुख्य निष्कर्ष
वर्ष 2021-22 में प्राथमिक से उच्चतर माध्यमिक तक स्कूलों में कुल 25.57 करोड़ छात्रों का नामांकन हुआ, जबकि वर्ष 2020-21 में 25.38 करोड़ छात्रों ने नामांकन कराया था।
वर्ष 2021-22 में नामांकन कराने वाले छात्रों की संख्या में 19.36 लाख की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
वर्ष 2021-22 में अनुसूचित जाति के छात्रों के नामांकन में 4.82 करोड़ की वृद्धि हुई थी, जबकि वर्ष 2020-21 में यह 4.78 करोड़ थी।
वर्ष 2020-21 में 2.49 की तुलना में वर्ष 2021-22 में एसटी छात्रों का नामांकन 2.51 करोड़ था।
अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों का नामांकन वर्ष 2021-22 में 11.48 करोड़ हुआ, जबकि वर्ष 2020-21 में 11.35 करोड़ था।
सकल नामांकन अनुपात (जीईआर)
वर्ष 2020-21 की तुलना में वर्ष 2021-22 में प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और उच्चतर माध्यमिक स्तरीय स्कूल शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात में सुधार देखा गया।
उच्चतर माध्यमिक स्कूलों में वर्ष 2020-21 के 53.8 प्रतिशत जीईआर में सुधार दर्ज किया गया तथा वह वर्ष 2021-22 में 57.6 प्रतिशत हो गया।
शिक्षकों की संख्या
वर्ष 2021-22 के दौरान स्कूली शिक्षा में 95.07 लाख शिक्षक संलग्न रहे, जिनमें से 51 प्रतिशत से अधिक संख्या शिक्षिकाओं की थी।
वर्ष 2021-22 में शिष्य-शिक्षक अनुपात (पीटीआर) प्राथमिक में 26, उच्च प्राथमिक में 19, माध्यमिक में 18 और उच्चतर माध्यमिक में 27 रहा।
इस तरह वर्ष 2018-19 से इसमें लगातार सुधार आ रहा है।
उच्चतर माध्यमिक शिक्षा में नामांकन
वर्ष 2021-22 में 12.29 करोड़ से अधिक छात्राओं ने प्राथमिक से उच्चतर माध्यमिक तक नामांकन कराया था।
इस प्रकार 2020-21 में लड़कों की तुलना में लड़कियों के नामांकन में 8.19 लाख का इजाफा दर्ज किया गया।
लिंग समानता सूचकांक (जीपीआई) दर्शाता है कि समान आयुवर्ग की लड़कियों की आबादी को देखते हुये स्कूल शिक्षा में लड़कियों का प्रतिनिधित्व उचित स्तर पर है।
अनुसूचित जाति के छात्रों का नामांकन
वर्ष 2021-22 में प्राथमिक से उच्चतर माध्यमिक तक अनुसूचित जाति के छात्रों का नामांकन वर्ष 2020-21 के 4.78 करोड़ नामांकन की तुलना में बढ़कर 4.83 करोड़ हो गया।
अनुसूचित जनजाति के छात्रों का नामांकन 2020-21 के 2.49 करोड़ से बढ़कर 2021-22 में 2.51 करोड़ तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों का नामांकन 2020-21 के 11.35 करोड़ से बढ़कर 2021-22 में 11.49 करोड़ हो गया।
स्कूलों की संख्या
वर्ष 2021-22 के 14.89 लाख स्कूल थे, जबकि वर्ष 2020-21 में स्कूलों की संख्या 15.09 लाख थी।
स्कूलों की संख्या में कमी का मुख्य कारण यह था कि निजी स्कूल तथा अन्य प्रबंधन वाले स्कूल बंद हो गये तथा विभिन्न राज्यों द्वारा स्कूलों के क्लस्टर बना दिये गये।
स्कूलों में बुनियादी ढांचागत सुविधाओं की उपलब्धता
बिजली कनेक्शन - 89.3%
पेयजल - 98.2%
लड़कियों के लिये शौचालय - 97.5%
सीडब्लूएसएन शौचालय - 27%
हाथ धोने की सुविधा - 93.6%
खेल का मैदान - 77%
सीडब्लूएसएन के लिये रेलिंग वाला रैम्प - 49.7%
पुस्तकालय/पढ़ने का कक्ष/पढ़ने का स्थान - 87.3%
स्कूलों के लिए सतत पर्यावरण पहलें
किचन गार्डन - 27.7%
वर्षा जल संचयन - 21%
राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के लिए प्रदर्शन ग्रेडिंग इंडेक्स के बारे में
स्कूलों से ऑनलाइन डाटा संकलन प्रणाली को वर्ष 2018-19 में स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने विकसित किया था.
यह राज्य/संघ राज्य क्षेत्रों में स्कूली शिक्षा प्रणाली के साक्ष्य आधारित व्यापक विश्लेषण के लिए एक अनूठा सूचकांक है।
इसका उद्देश्य साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण को बढ़ावा देना और सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए पाठ्यक्रम सुधार को उजागर करना है।
यह रिपोर्ट वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिए जारी की गई थी।
वर्तमान रिपोर्ट वर्ष 2020-21 के लिए है।
9. शिक्षा मंत्रालय ने राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के लिए प्रदर्शन ग्रेडिंग इंडेक्स जारी किया
Tags: National National News
स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय ने 3 नवंबर, 2022 को 2020-21 के लिए राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के लिए प्रदर्शन ग्रेडिंग इंडेक्स (PGI) जारी किया।
सूचकांक का मुख्य निष्कर्ष
वर्ष 2021-22 में प्राथमिक से उच्चतर माध्यमिक तक स्कूलों में कुल 25.57 करोड़ छात्रों का नामांकन हुआ, जबकि वर्ष 2020-21 में 25.38 करोड़ छात्रों ने नामांकन कराया था।
वर्ष 2021-22 में नामांकन कराने वाले छात्रों की संख्या में 19.36 लाख की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
वर्ष 2021-22 में अनुसूचित जाति के छात्रों के नामांकन में 4.82 करोड़ की वृद्धि हुई थी, जबकि वर्ष 2020-21 में यह 4.78 करोड़ थी।
वर्ष 2020-21 में 2.49 की तुलना में वर्ष 2021-22 में एसटी छात्रों का नामांकन 2.51 करोड़ था।
अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों का नामांकन वर्ष 2021-22 में 11.48 करोड़ हुआ, जबकि वर्ष 2020-21 में 11.35 करोड़ था।
सकल नामांकन अनुपात (जीईआर)
वर्ष 2020-21 की तुलना में वर्ष 2021-22 में प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और उच्चतर माध्यमिक स्तरीय स्कूल शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात में सुधार देखा गया।
उच्चतर माध्यमिक स्कूलों में वर्ष 2020-21 के 53.8 प्रतिशत जीईआर में सुधार दर्ज किया गया तथा वह वर्ष 2021-22 में 57.6 प्रतिशत हो गया।
शिक्षकों की संख्या
वर्ष 2021-22 के दौरान स्कूली शिक्षा में 95.07 लाख शिक्षक संलग्न रहे, जिनमें से 51 प्रतिशत से अधिक संख्या शिक्षिकाओं की थी।
वर्ष 2021-22 में शिष्य-शिक्षक अनुपात (पीटीआर) प्राथमिक में 26, उच्च प्राथमिक में 19, माध्यमिक में 18 और उच्चतर माध्यमिक में 27 रहा।
इस तरह वर्ष 2018-19 से इसमें लगातार सुधार आ रहा है।
उच्चतर माध्यमिक शिक्षा में नामांकन
वर्ष 2021-22 में 12.29 करोड़ से अधिक छात्राओं ने प्राथमिक से उच्चतर माध्यमिक तक नामांकन कराया था।
इस प्रकार 2020-21 में लड़कों की तुलना में लड़कियों के नामांकन में 8.19 लाख का इजाफा दर्ज किया गया।
लिंग समानता सूचकांक (जीपीआई) दर्शाता है कि समान आयुवर्ग की लड़कियों की आबादी को देखते हुये स्कूल शिक्षा में लड़कियों का प्रतिनिधित्व उचित स्तर पर है।
अनुसूचित जाति के छात्रों का नामांकन
वर्ष 2021-22 में प्राथमिक से उच्चतर माध्यमिक तक अनुसूचित जाति के छात्रों का नामांकन वर्ष 2020-21 के 4.78 करोड़ नामांकन की तुलना में बढ़कर 4.83 करोड़ हो गया।
अनुसूचित जनजाति के छात्रों का नामांकन 2020-21 के 2.49 करोड़ से बढ़कर 2021-22 में 2.51 करोड़ तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों का नामांकन 2020-21 के 11.35 करोड़ से बढ़कर 2021-22 में 11.49 करोड़ हो गया।
स्कूलों की संख्या
वर्ष 2021-22 के 14.89 लाख स्कूल थे, जबकि वर्ष 2020-21 में स्कूलों की संख्या 15.09 लाख थी।
स्कूलों की संख्या में कमी का मुख्य कारण यह था कि निजी स्कूल तथा अन्य प्रबंधन वाले स्कूल बंद हो गये तथा विभिन्न राज्यों द्वारा स्कूलों के क्लस्टर बना दिये गये।
स्कूलों में बुनियादी ढांचागत सुविधाओं की उपलब्धता
बिजली कनेक्शन - 89.3%
पेयजल - 98.2%
लड़कियों के लिये शौचालय - 97.5%
सीडब्लूएसएन शौचालय - 27%
हाथ धोने की सुविधा - 93.6%
खेल का मैदान - 77%
सीडब्लूएसएन के लिये रेलिंग वाला रैम्प - 49.7%
पुस्तकालय/पढ़ने का कक्ष/पढ़ने का स्थान - 87.3%
स्कूलों के लिए सतत पर्यावरण पहलें
किचन गार्डन - 27.7%
वर्षा जल संचयन - 21%
राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के लिए प्रदर्शन ग्रेडिंग इंडेक्स के बारे में
स्कूलों से ऑनलाइन डाटा संकलन प्रणाली को वर्ष 2018-19 में स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने विकसित किया था.
यह राज्य/संघ राज्य क्षेत्रों में स्कूली शिक्षा प्रणाली के साक्ष्य आधारित व्यापक विश्लेषण के लिए एक अनूठा सूचकांक है।
इसका उद्देश्य साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण को बढ़ावा देना और सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए पाठ्यक्रम सुधार को उजागर करना है।
यह रिपोर्ट वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिए जारी की गई थी।
वर्तमान रिपोर्ट वर्ष 2020-21 के लिए है।
10. चीन ने स्पेस स्टेशन का तीसरा और अंतिम लैब मॉड्यूल लॉन्च किया
Tags: Science and Technology International News
चीन ने 1 नवंबर, 2022 को अपना तीसरा और अंतिम स्थायी अंतरिक्ष स्टेशन मॉड्यूल (तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन) लॉन्च किया।
महत्वपूर्ण तथ्य
इस लैब मॉड्यूल का नाम मेंगटियन है।
मेंगटियन दूसरा लैब मॉड्यूल है और चीन के अंतरिक्ष स्टेशन का अंतिम प्रमुख घटक है।
मेंगटियन को बाद में अपनी स्थायी स्थिति में स्थानांतरित कर दिया जाएगा और तीन मॉड्यूल जिनके नाम हैं -तियानहे, वेंटियन लैब मॉड्यूल और मेंगटियन, अंतरिक्ष स्टेशन की एक बुनियादी टी-आकार की संरचना बनाएंगे।
यह शून्य गुरुत्वाकर्षण में विज्ञान के प्रयोगों के लिए स्थान प्रदान करेगा।
मेंगटियन का वजन लगभग 23 टन है, यह 17.9 मीटर (58.7 फीट) लंबा है और इसका व्यास 4.2 मीटर (13.8 फीट) है।
लॉन्ग मार्च-5बीवाई-4 रॉकेट के जरिये दक्षिणी द्वीपीय प्रांत हैनान के तटीय क्षेत्र पर स्थित वेनचांग लॉन्चिंग स्टेशन अंतरिक्ष में भेजे गए इस मॉड्यूल के स्पेस स्टेशन तियांगोंग से जुड़ते ही चीन की अंतरिक्ष स्थित प्रयोगशाला पूरी तरह तैयार हो जाएगी।
चीन ने जुलाई 2022 के अंतिम सप्ताह की शुरुआत में अपने निर्माणाधीन अंतरिक्ष स्टेशन का पहला लैब मॉड्यूल सफलतापूर्वक लॉन्च किया था।