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By admin: Nov. 2, 2022

1. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जल संसाधन विकास और प्रबंधन पर भारत और डेनमार्क के बीच समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी

Tags: International News

Union Cabinet approves

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2 नवंबर 2022 को जल संसाधन विकास और प्रबंधन के क्षेत्र में सहयोग पर भारत और डेनमार्क के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) को मंजूरी दी।

मंत्रिमंडल के अनुसार इस सहमति पत्र से सहयोग के दायरे में आने वाले क्षेत्रों के अधिकारियों, शिक्षाविदों, जल क्षेत्रों और उद्योग के बीच सीधे सहयोग के जरिए जल संसाधन के विकास एवं प्रबंधन; ग्रामीण क्षेत्रों में जलापूर्ति; और सीवेज/अपशिष्ट जल के शोधन के क्षेत्र में सहयोग व्यापक रूप से बढ़ेगा।

जल संसाधन प्रबंधन पर भारत डेनमार्क सहयोग

सितंबर 2020 में, डेनमार्क के प्रधान मंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन और भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों देशों के बीच हरित रणनीतिक साझेदारी की स्थापना पर एक संयुक्त वक्तव्य जारी किया था।

इस संयुक्त वक्तव्य में अन्य बातों के अलावा पर्यावरण/जल एवं सर्कुलर इकोनॉमी और स्मार्ट शहरों सहित सतत शहरी विकास के क्षेत्र में सहयोग की परिकल्पना की गई थी ।

ग्रीन स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप पर संयुक्त वक्तव्य के अनुसरण में, प्रधान मंत्री ने स्मार्ट जल संसाधन प्रबंधन के लिए उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना और पणजी में स्मार्ट सिटी लैब की तर्ज पर वाराणसी में स्वच्छ नदियों के लिए एक प्रयोगशाला की स्थापना की घोषणा की।

जल शक्ति मंत्री की डेनमार्क यात्रा के दौरान इस आशय पत्र पर आगे के कदम के रूप में 12 सितम्बर 2022 को जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग, भारत सरकार और पर्यावरण मंत्रालय, डेनमार्क सरकार के बीच एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए थे।

प्रस्तावित सहयोग का मूल उद्देश्य समग्र और टिकाऊ दृष्टिकोण के माध्यम से वर्तमान और भविष्य की मांगों को पूरा करने के लिए सुरक्षित और सुरक्षित पानी सुनिश्चित करना है।

डेनमार्क और राजतन्त्र

यह  देश यूरोप में स्थित है। डेनमार्क, नॉर्वे और स्वीडन को यूरोप में स्कैंडिनेवियाई देश भी कहा जाता है ।

दुनिया का सबसे बड़ा द्वीप ग्रीनलैंड ,डेनमार्क का हिस्सा है।

राजधानी: कोपेनहेगन

मुद्रा: डेनिश क्रोन

प्रधान मंत्री: सुश्री मेटे फ्रेडरिकसेन

By admin: Nov. 2, 2022

2. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने होलोंगी हवाई अड्डे का नामकरण डोनी पोलो हवाई अड्डे के रूप में करने की मंजूरी दी

Tags: Economy/Finance National News

Donyi Polo Airport.

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2 नवंबर को होलोंगी, ईटानगर में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे का नामकरण 'डोनी पोलो हवाई अड्डे' के रूप में करने को मंजूरी दी।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • इस हवाई अड्डे का नाम 'डॉनी पोलो एयरपोर्ट, ईटानगर' रखने के लिए अरुणाचल प्रदेश की राज्य सरकार द्वारा एक प्रस्ताव पारित किया गया था।

  • डोनी पोलो इस राज्य की परंपराओं एवं समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक सूर्य (डोनी) और चंद्रमा (पोलो) के प्रति लोगों के सम्मान को दर्शाता है।

  • भारत सरकार ने जनवरी 2019 में होलोंगी ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के विकास के लिए 'सैद्धांतिक' मंजूरी दी थी।

  • यह परियोजना 646 करोड़ रुपये की लागत से केंद्र सरकार और अरुणाचल प्रदेश की राज्य सरकार के सहयोग से भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) द्वारा विकसित की जा रही है।

  • होलोंगी हवाई अड्डा पासीघाट और तेज़ू हवाई अड्डों के बाद राज्य का तीसरा और राजधानी शहर का एकमात्र हवाई अड्डा है।

  • ईटानगर में डोनी पोलो हवाई अड्डा पूर्वोत्तर भारत का 16 वां हवाई अड्डा है।

उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में परिचालन हवाई अड्डे

  • गुवाहाटी, सिलचर, डिब्रूगढ़, जोरहाट, तेजपुर, लीलाबारी और रूपसी (असम); पासीघाट और तेजू (अरुणाचल प्रदेश); अगरतला (त्रिपुरा); इंफाल (मणिपुर); शिलांग (मेघालय); दीमापुर (नागालैंड); लेंगपुई (मिजोरम) और पाकयोंग (सिक्किम)।

By admin: Nov. 2, 2022

3. दूसरे चरण की बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा इंटरसेप्टर का पहला सफल उड़ान परीक्षण

Tags: Defence Science and Technology National News

Ballistic Missile Defence (BMD)Interceptor

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने 2 नवंबर, 2022 को ओडिशा के तट पर एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से लार्ज किल एल्टीट्यूड ब्रैकेट के साथ फेज़- II बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (बीएमडी) इंटरसेप्टर एडी-1 मिसाइल का पहला सफल उड़ान परीक्षण किया।

इंटरसेप्टर एडी-1 मिसाइल

  • यह एक लंबी दूरी की इंटरसेप्टर मिसाइल है जिसे लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों के साथ-साथ विमानों के लो एक्सो-एटमॉस्फेरिक और एंडो-एटमॉस्फेरिक इंटरसेप्शन दोनों के लिए डिज़ाइन किया गया है। 

  • यह दो चरणों वाली सॉलिड मोटर द्वारा संचालित है। 

  • यह मिसाइल के लक्ष्य तक सटीक रूप से मार्गदर्शन करने के लिए स्वदेशी रूप से विकसित उन्नत नियंत्रण प्रणाली, नेविगेशन और गाइडेंस एल्गोरिदम से लैस है।

  • यह अलग-अलग प्रकार के कई लक्ष्यों पर निशाना साधने की क्षमता रखता है।

  • इस उड़ान-परीक्षण के दौरान सभी उप-प्रणालियों ने अपेक्षाओं के अनुसार प्रदर्शन किया।

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO)

  • यह भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के तहत एक प्रमुख रक्षा अनुसंधान और विकास एजेंसी है।

  • इसका उद्देश्य भारत को महत्वपूर्ण रक्षा प्रौद्योगिकी और प्रणालियों में आत्मनिर्भर बनाना है।

  • इसकी स्थापना 1958 में हुई थी।

  • मुख्यालय - नई दिल्ली

  • अध्यक्ष - समीर वी कामत

By admin: Nov. 2, 2022

4. जोजिला युद्ध स्मारक, द्रास में जोजिला दिवस मनाया गया

Tags: National Defence National News

Zojila Day

1 नवंबर 2022 को द्रास के पास जोजिला युद्ध स्मारक में 'ऑपरेशन बाइसन' में भारतीय सैनिकों द्वारा की गई वीरतापूर्ण कार्यवाही का जश्न मनाने के लिए जोजिला दिवस मनाया गया। 'ऑपरेशन बाइसन' 1948 में लद्दाख के प्रवेश द्वार जोजिला दर्रे की बर्फीली ऊंचाइयों पर शुरू किया गया था।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • लेह की फायर एंड फ्यूरी कोर के द्रास वॉरियर्स के कमांडर ने जोजिला दर्रे को पाकिस्तान घुसपैठियों से मुक्त कराने में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए पुष्पांजलि अर्पित की।

  • जोजिला दिवस भारतीय सेना की बहादुरी का अदम्य प्रतीक है।

  • इस लड़ाई को ऐतिहासिक माना जाता है क्योंकि इतनी ऊंचाई पर पहली बार टैंकों का इस्तेमाल किया गया था। 

  • जोजिला दिवस भारतीय सेना की बहादुरी की अदम्य भावना और 'नेवर से डाई' का प्रतीक है।

जोजिला दर्रे के बारे में 

  • यह राष्ट्रीय राजमार्ग 1 पर स्थित जम्मू और कश्मीर में एक उच्च पर्वतीय दर्रा है।

  • यह कश्मीर घाटी में श्रीनगर को लद्दाख क्षेत्र के लेह से जोड़ता है।

  • इसकी ऊंचाई लगभग 3,528 मीटर (11,575 फीट) है, और यह श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर फोटू ला के बाद दूसरा सबसे ऊंचा दर्रा है।

  • इसे ‘बर्फीले तूफान के दर्रे’ के रूप में जाना जाता है।

  • वर्ष 2018 में ज़ोजिला सुरंग परियोजना शुरू की गई थी। यह एशिया की सबसे लंबी और रणनीतिक द्वि-दिशात्मक सुरंग है।

जोजिला की लड़ाई के बारे में

  • 1947 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान, लद्दाख पर कब्जा करने के अपने अभियान में 1948 में पाकिस्तानी समर्थित आक्रमणकारियों द्वारा ज़ोजिला को जब्त कर लिया गया था।

  • 1 नवंबर, 1948 को ऑपरेशन बाइसन नामक एक हमले में भारतीय सेना द्वारा जोजिला दर्रे पर फिर से कब्जा कर लिया गया था।

  • ज़ोजिला की लड़ाई उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्र में भारतीय सेना के पहले युद्धों में से एक थी।

  • यह लड़ाई ऐतिहासिक है क्योंकि इतनी ऊंचाई पर टैंकों का पहली बार इस्तेमाल किया गया था।


By admin: Nov. 2, 2022

5. जोजिला युद्ध स्मारक, द्रास में जोजिला दिवस मनाया गया

Tags: National Defence National News

Zojila Day

1 नवंबर 2022 को द्रास के पास जोजिला युद्ध स्मारक में 'ऑपरेशन बाइसन' में भारतीय सैनिकों द्वारा की गई वीरतापूर्ण कार्यवाही का जश्न मनाने के लिए जोजिला दिवस मनाया गया। 'ऑपरेशन बाइसन' 1948 में लद्दाख के प्रवेश द्वार जोजिला दर्रे की बर्फीली ऊंचाइयों पर शुरू किया गया था।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • लेह की फायर एंड फ्यूरी कोर के द्रास वॉरियर्स के कमांडर ने जोजिला दर्रे को पाकिस्तान घुसपैठियों से मुक्त कराने में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए पुष्पांजलि अर्पित की।

  • जोजिला दिवस भारतीय सेना की बहादुरी का अदम्य प्रतीक है।

  • इस लड़ाई को ऐतिहासिक माना जाता है क्योंकि इतनी ऊंचाई पर पहली बार टैंकों का इस्तेमाल किया गया था। 

  • जोजिला दिवस भारतीय सेना की बहादुरी की अदम्य भावना और 'नेवर से डाई' का प्रतीक है।

जोजिला दर्रे के बारे में 

  • यह राष्ट्रीय राजमार्ग 1 पर स्थित जम्मू और कश्मीर में एक उच्च पर्वतीय दर्रा है।

  • यह कश्मीर घाटी में श्रीनगर को लद्दाख क्षेत्र के लेह से जोड़ता है।

  • इसकी ऊंचाई लगभग 3,528 मीटर (11,575 फीट) है, और यह श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर फोटू ला के बाद दूसरा सबसे ऊंचा दर्रा है।

  • इसे ‘बर्फीले तूफान के दर्रे’ के रूप में जाना जाता है।

  • वर्ष 2018 में ज़ोजिला सुरंग परियोजना शुरू की गई थी। यह एशिया की सबसे लंबी और रणनीतिक द्वि-दिशात्मक सुरंग है।

जोजिला की लड़ाई के बारे में

  • 1947 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान, लद्दाख पर कब्जा करने के अपने अभियान में 1948 में पाकिस्तानी समर्थित आक्रमणकारियों द्वारा ज़ोजिला को जब्त कर लिया गया था।

  • 1 नवंबर, 1948 को ऑपरेशन बाइसन नामक एक हमले में भारतीय सेना द्वारा जोजिला दर्रे पर फिर से कब्जा कर लिया गया था।

  • ज़ोजिला की लड़ाई उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्र में भारतीय सेना के पहले युद्धों में से एक थी।

  • यह लड़ाई ऐतिहासिक है क्योंकि इतनी ऊंचाई पर टैंकों का पहली बार इस्तेमाल किया गया था।


By admin: Nov. 2, 2022

6. इन-सीटू स्लम पुनर्वास' परियोजना

Tags: National Government Schemes National News

In-Situ Slum

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 नवंबर को 'इन-सीटू स्लम पुनर्वास' परियोजना के तहत दिल्ली के कालकाजी में 3,024 नवनिर्मित ईडब्ल्यूएस फ्लैटों का उद्घाटन किया।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • वह दिल्ली के विज्ञान भवन स्थित भूमिहीन कैंप में पात्र लाभार्थियों को फ्लैट की चाबियां भी सौंपेंगे।

  • सभी के लिए आवास उपलब्ध कराने के प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा 376 झुग्गी झोपड़ी समूहों में इन-सीटू स्लम पुनर्वास का कार्य किया जा रहा है।

  • डीडीए ने कालकाजी एक्सटेंशन, जेलोरवाला बाग और कठपुतली कॉलोनी में ऐसी तीन परियोजनाएं शुरू की हैं।

इन-सीटू स्लम पुनर्वास' परियोजना के बारे में

  • परियोजना का उद्देश्य झुग्गी-झोपड़ी समूहों में निवास करने वाले लोगों को उचित सुविधाओं के साथ एक बेहतर और रहने योग्य स्वस्थ   वातावरण प्रदान करना है।

  • चरण I के तहत, आस पास के खाली वाणिज्यिक केंद्र स्थल पर 3024 ईडब्ल्यूएस फ्लैटों का निर्माण किया गया है।

  • परियोजना का पहला चरण पूरा हो चुका है और 3024 फ्लैट बनकर तैयार हैं।

  • कालकाजी विस्तार परियोजना के तहत तीन झुग्गी बस्तियों-भूमिहीन कैंप, नवजीवन कैंप और कालकाजी स्थित जवाहर कैंप- का इन-सीटू स्लम पुनर्वास चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है।

  • इन फ्लैटों का निर्माण लगभग 345 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है और ये सभी नागरिक सुविधाओं से लैस हैं।

By admin: Nov. 2, 2022

7. इन-सीटू स्लम पुनर्वास' परियोजना

Tags: National Government Schemes National News

In-Situ Slum

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 नवंबर को 'इन-सीटू स्लम पुनर्वास' परियोजना के तहत दिल्ली के कालकाजी में 3,024 नवनिर्मित ईडब्ल्यूएस फ्लैटों का उद्घाटन किया।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • वह दिल्ली के विज्ञान भवन स्थित भूमिहीन कैंप में पात्र लाभार्थियों को फ्लैट की चाबियां भी सौंपेंगे।

  • सभी के लिए आवास उपलब्ध कराने के प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा 376 झुग्गी झोपड़ी समूहों में इन-सीटू स्लम पुनर्वास का कार्य किया जा रहा है।

  • डीडीए ने कालकाजी एक्सटेंशन, जेलोरवाला बाग और कठपुतली कॉलोनी में ऐसी तीन परियोजनाएं शुरू की हैं।

इन-सीटू स्लम पुनर्वास' परियोजना के बारे में

  • परियोजना का उद्देश्य झुग्गी-झोपड़ी समूहों में निवास करने वाले लोगों को उचित सुविधाओं के साथ एक बेहतर और रहने योग्य स्वस्थ   वातावरण प्रदान करना है।

  • चरण I के तहत, आस पास के खाली वाणिज्यिक केंद्र स्थल पर 3024 ईडब्ल्यूएस फ्लैटों का निर्माण किया गया है।

  • परियोजना का पहला चरण पूरा हो चुका है और 3024 फ्लैट बनकर तैयार हैं।

  • कालकाजी विस्तार परियोजना के तहत तीन झुग्गी बस्तियों-भूमिहीन कैंप, नवजीवन कैंप और कालकाजी स्थित जवाहर कैंप- का इन-सीटू स्लम पुनर्वास चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है।

  • इन फ्लैटों का निर्माण लगभग 345 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है और ये सभी नागरिक सुविधाओं से लैस हैं।

By admin: Nov. 2, 2022

8. अरुणाचल प्रदेश को मिलेगा पूर्वोत्तर का पहला मछली संग्रहालय

Tags: Government Schemes National News

Arunachal Pradesh

मत्स्य पालन मंत्री तागे टाकी ने कहा कि पूर्वोत्तर में अपनी तरह का पहला मछली संग्रहालय जल्द ही अरुणाचल प्रदेश में बनाया जाएगा।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • संग्रहालय केंद्रीय मत्स्य पालन मंत्रालय द्वारा स्वीकृत एकीकृत एक्वा पार्क (आईएपी) का एक हिस्सा होगा।

  • इसमें राज्य की सभी मछली प्रजातियां होंगी और यह मछुआरों के लिए एक प्रशिक्षण केंद्र के रूप में काम करेगी।

  • तीन साल पहले, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने नीली क्रांति लाने के लिए प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएसवाई) के तहत प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के लिए एक आईएपी की घोषणा की थी।

  • परियोजना की प्रस्तावित लागत 100 करोड़ रुपये  है।

  • चालू वित्त वर्ष में परियोजना के लिए पहली किश्त के रूप में 43.59 करोड़ रुपये मंजूर किए गए थे।

  • ऊंचाई वाले बुल्ला गांव में स्थित मौजूदा तारिन मछली फार्म (टीएफएफ) को आईएपी के रूप में अपग्रेड किया जाएगा जहां यह संग्रहालय बनेगा।

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMSSY)

  • यह मत्स्य क्षेत्र पर केंद्रित एक सतत् विकास योजना है, जिसे आत्मनिर्भर भारत के तहत वित्त वर्ष 2020-21 से वित्त वर्ष 2024-25 तक (5 वर्ष की अवधि के दौरान) सभी राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में कार्यान्वित किया जाना है।

  • इस योजना के अंतर्गत 20,050 करोड़ रुपए का निवेश मत्स्य क्षेत्र में किया जाएगा।

  • योजना के तहत मछुआरों को बीमा कवर, वित्तीय सहायता और किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा भी प्रदान की जाती है।

  • इसका उद्देश्य ग्रामीण संसाधनों का उपयोग करके ग्रामीण विकास और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को तेजी से बढ़ावा देना है।

  • मत्स्य क्षेत्र में वर्ष 2019-20 के मुकाबले वर्ष 2021-22 तक 14.3 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की गई है।

By admin: Nov. 2, 2022

9. इन्वेस्ट कर्नाटक - 2022 समिट

Tags: Economy/Finance Summits National News

Invest Karnataka

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 2 नवम्‍बर, 2022 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट इनवेस्ट कर्नाटक 2022 के उद्घाटन समारोह को संबोधित किया।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • बेंगलुरु में 2-4 नवंबर से होने वाले इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में 80 से अधिक वक्ता अपने विचार प्रस्तुत करेंगे।

  • आयोजन के दौरान संबोधित किए जाने वाले प्रमुख विषय नवाचार, स्थिरता, इक्विटी और लचीलापन से संबंधित होंगे।

  • वक्ताओं में अन्‍य लोगों के अलावा कुमार मंगलम बिड़ला, सज्जन जिंदल, विक्रम किर्लोस्कर सहित उद्योग जगत के कुछ शीर्ष नेता शामिल हैं। 

  • सम्मेलन का उद्देश्य संभावित निवेशकों को आकर्षित करना और अगले दशक के लिए विकास एजेंडा स्थापित करना है।

  • सम्मेलन के सत्रों की मेजबानी जर्मनी, नीदरलैंड, दक्षिण कोरिया, जापान और ऑस्ट्रेलिया अलग अलग करेंगे जो अपने-अपने देशों से उच्चस्तरीय मंत्रिस्तरीय और औद्योगिक प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत में हैं।

  • आयोजन का वैश्विक स्तर कर्नाटक को अपनी संस्कृति को दुनिया के सामने भी प्रदर्शित करने का अवसर देगा।

By admin: Nov. 2, 2022

10. एक्सपो सेंटर यूएई में अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेला

Tags: International News

International book fair

शारजाह बुक अथॉरिटी (एसबीए) द्वारा आयोजित किया जा रहा 41वां अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेला 2-13 नवंबर, 2022 तक एक्सपो सेंटर शारजाह में आयोजित किया जाएगा।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • यह पुस्तक मेला दुनिया भर के कई पुरस्कार विजेता लेखकों, बुद्धिजीवियों एवं अन्य साहित्यिक हस्तियों की मेजबानी करेगा। 

  • मेले की इस वर्ष की थीम ‘स्प्रेड द वर्ड’ है।

  • भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय का प्रकाशन विभाग शारजाह अंतराष्ट्रीय पुस्तक मेले में भाग ले रहा है।

  • प्रकाशन विभाग पाठकों और पुस्तकप्रेमियों को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास एवं स्वतंत्रता सेनानियों से जुड़ी विभिन्न प्रकार की पुस्तकों की पेशकश करेगा। 

  • पाठकों को विभिन्न विषयों पर विभिन्न भारतीय भाषाओं में 100 से अधिक पुस्तकों और पत्रिकाओं पढ़ने का मौका मिलेगा।

प्रकाशन विभाग के बारे में

  • र्ष 1941 में स्थापित, प्रकाशन विभाग भारत सरकार का एक प्रमुख प्रकाशन गृह है।  

  • प्रकाशन विभाग निदेशालय विभिन्न प्रकार की पुस्तकों और पत्रिकाओं का एक भंडार है।  

  • ये पुस्तकें राष्ट्रीय महत्व के विषयों और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को उजागर करते हैं।

  • यह विभिन्न भाषाओं में भारतीय इतिहास, संस्कृति, साहित्य, जीवनी, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, पर्यावरण और रोजगार जैसे विविध विषयों से संबंधित पुस्तकों एवं पत्रिकाओं की पेशकश करता है।

  • इसकी पाठ्य सामग्री प्रामाणिकता के साथ-साथ प्रकाशनों के उचित मूल्य के लिए भी प्रसिद्ध है।

  • इसके के प्रमुख प्रकाशनों में योजना, कुरुक्षेत्र, बाल भारती और आजकल जैसी लोकप्रिय मासिक पत्रिकाओं के साथ-साथ साप्ताहिक रोजगार समाचार पत्र ‘एम्प्लॉयमेंट न्यूज’ शामिल हैं।

  • इसके अलावा, यह सरकार की प्रतिष्ठित संदर्भ वार्षिकी ‘इंडिया ईयर बुक’ भी प्रकाशित करता है।

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