1. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राजीव गांधी फाउंडेशन का एफसीआरए लाइसेंस रद्द किया
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केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने कानून के उल्लंघन के लिए राजीव गांधी फाउंडेशन (आरजीएफ) के विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) लाइसेंस को रद्द कर दिया है। फाउंडेशन एक गैर-सरकारी संगठन के रूप में पंजीकृत है और कांग्रेस पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके परिवार से जुड़ा है।
मंत्रालय का निर्णय 2020 में गृह मंत्रालय द्वारा गठित एक अंतर-मंत्रालयी समिति द्वारा की गई जांच पर आधारित था।
एफसीआरए लाइसेंस रद्द क्यों किया गया?
2020 में, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने आरोप लगाया था कि राजीव गांधी फाउंडेशन ने 2005-06 के दौरान चीनी सरकार से $ 300,000 स्वीकार किए थे। भाजपा ने आरोप लगाया था कि आरजीएफ को प्राप्त धन भारत और चीन के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की पैरवी करने के लिए "रिश्वत" था।
एमएचए ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, इनकम टैक्स एक्ट और एफसीआरए के संभावित उल्लंघनों की जांच के लिए एक प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी की अध्यक्षता में अंतर-मंत्रालयी समिति का गठन किया था ।
राजीव गांधी फाउंडेशन
राजीव गांधी फाउंडेशन की स्थापना 1991 में भारत के भूतपूर्व प्रधान मंत्री राजीव गाँधी की स्मृति में एक थिंक टैंक के रूप में नरसिम्हा राव के शासनकाल के दौरान किया गया था ।
यह 1991 से 2009 तक स्वास्थ्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, महिलाओं और बच्चों, विकलांगता सहायता आदि सहित कई मुद्दों पर अध्ययन करने के लिए एक थिंक टैंक के रूप काम कर रहा
था ।
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी आरजीएफ की अध्यक्ष हैं, जबकि अन्य ट्रस्टियों में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा शामिल हैं।
एफसीआरए क्या है?
- विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) 2010 , भारत में निवासी कुछ व्यक्तियों, कंपनियों, राजनीतिक दलों, संघ या गैर सरकारी संगठन द्वारा प्राप्त विदेशी योगदान की प्राप्तियों को नियंत्रित करता है।
- सरकार विदेशी योगदान की प्राप्ति पर प्रतिबंध लगा सकती है यदि उसे लगता है कि यह राष्ट्रीय हित को नुकसान पहुँचाता है।
- यह संघों, एनजीओ के लाइसेंस को भी रद्द कर सकता है यदि वे कानून में उल्लिखित प्रक्रिया का पालन नहीं करते हैं।
- कानून केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा प्रशासित है।
2. यूनाइटेड किंगडम के राजा चार्ल्स ने ऋषि सुनक को देश का 57 वें प्रधान मंत्री नियुक्त किया
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यूनाइटेड किंगडम के राजा चार्ल्स ने 25 अक्टूबर 2022 को लंदन के बकिंघम पैलेस में ऋषि सुनक को यूनाइटेड किंगडम के 57 वें प्रधान मंत्री के रूप में नियुक्त किया।
वह इस साल बोरिस जॉनसन और एलिजाबेथ ट्रस के बाद तीसरे प्रधान मंत्री हैं ,दो शताब्दियों में सबसे कम उम्र के प्रधान मंत्री के रूप में डाउनिंग स्ट्रीट में प्रवेश करेंगे। वह 42 साल के हैं।
वह यूनाइटेड किंगडम के प्रधान मंत्री बनने वाले पहले एशियाई मूल के व्यक्ति हैं।
ऋषि सुनक जो बोरिस जॉनसन के शासन के दौरान वित्त मंत्री थे, अगले प्रधान मंत्री बनने की दौर में एलिजाबेथ ट्रस से हार गए थे।
हालाँकि ट्रस के केवल 44 दिनों के लिए पद पर रहने के बाद इस्तीफा देने के बाद उन्हें कंजर्वेटिव पार्टी के नेता के रूप में चुना गया था।
कौन हैं ऋषि सुनक
ऋषि सुनक के पिता और माता पंजाबी मूल के हैं और उनका जन्म क्रमशः केन्या और तंजानिया में हुआ था, जो उस समय एक ब्रिटिश उपनिवेश था।
वे 1970 के दशक में यूनाइटेड किंगडम चले गए और ऋषि सुनक का जन्म इंग्लैंड में हुआ था।
उन्होंने भारतीय अरबपति और इंफोसिस कंपनी के संस्थापकों में से एक, नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से शादी की है।
जानने योग्य महत्वपूर्ण बातें
10 डाउनिंग स्ट्रीट
यह यूनाइटेड किंगडम के प्रधान मंत्री का आधिकारिक निवास स्थान है।
बकिंघम पैलेस,
1837 से बकिंघम पैलेस, यूनाइटेड किंगडम के संप्रभुओं के आधिकारिक लंदन निवास के रूप में कार्य किया है और आज यह सम्राट का प्रशासनिक मुख्यालय है।
रॉबर्ट वालपोल को ब्रिटेन का पहला प्रधानमंत्री (1721-1742) और दुनिया का पहला प्रधानमंत्री ,भी माना जाता है।
3. रूस ने यूक्रेन पर 'डर्टी बम' बनाने का आरोप लगाया
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रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और तुर्की के अपने समकक्ष को एक फोन कॉल में यूक्रेन पर 'डर्टी बम' लगभग पूरा करने का आरोप लगाया है। हालांकि यूक्रेन, फ्रांस, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम ने रूसी आरोपों को खारिज कर दिया है।
रूसियों का दावा है कि "यूक्रेन में दो संगठनों के पास तथाकथित 'डर्टी बम' बनाने के लिए विशिष्ट निर्देश हैं।
रूस ने 24 फरवरी 2022 को यूक्रेन पर आक्रमण किया और संघर्ष को लगभग 9 महीने हो चुके हैं।
डर्टी बम क्या है?
इस प्रकार के बम में एक पारंपरिक विस्फोटक के साथ-साथ यूरेनियम जैसे रेडियोधर्मी पदार्थ होते हैं। जब विस्फोट किया जाता है तो विस्फोटक एक विस्तृत क्षेत्र को दूषित करते हुए रेडियोधर्मी सामग्री को हवा में बिखेर देते हैं।
डर्टी बम बनाने के लिए उपयोग की जाने वाली रेडियोधर्मी सामग्री त्यधिक समृद्ध यूरेनियम नहीं होता है जिसका उपयोग परमाणु हथियार बनाने के लिए किया जाता है।
इस तरह के बम को बनाने के लिए अस्पतालों, परमाणु ऊर्जा स्टेशनों या अनुसंधान प्रयोगशालाओं में इस्तेमाल होने वाली रेडियोधर्मी सामग्री काफी होते हैं ।
यह परमाणु हथियारों की तुलना में सस्ता और बनाने में आसान होता है।
डर्टी बॉम्ब का प्रभाव
डर्टी बम अपने आप में बड़े पैमाने पर हताहत नहीं करता है, लेकिन रेडियोधर्मी पदार्थ के गिरने के कारण, यह प्रभावित क्षेत्र में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है। यह लक्षित क्षेत्र में बड़े पैमाने पर दहशत पैदा कर सकता है और साथ ही विस्फोट क्षेत्र के आसपास के एक विस्तृत क्षेत्र को या तो परिशोधन के लिए खाली करना होगा, या पूरी तरह से छोड़ देना होगा।
बीबीसी के अनुसार "अमेरिकी वैज्ञानिकों के संघ ने गणना की है कि अगर न्यूयॉर्क में मैनहट्टन की नोक पर 9g (0.3oz) कोबाल्ट -60 और 5kg टीएनटी युक्त बम विस्फोट किया जाए, तो यह पूरे क्षेत्र को दशकों तक निर्जन शहर बना देगा । ”
इस कारण से, डर्टी बमों को सामूहिक व्यवधान के हथियार के रूप में जाना जाता है।
डर्टी बॉम्ब के इस्तेमाल के उदाहरण
बीबीसी के अनुसार डर्टी बमों के इस्तेमाल के तीन ज्ञात उदाहरण हैं, लेकिन तीनों मामलों में विस्फोट होने से पहले ही उन्हें निष्क्रिय कर दिया गया था।
1996 में, चेचन्या के विद्रोहियों ने मॉस्को के इज़मेलोवो पार्क में डायनामाइट और सीज़ियम -137 युक्त बम लगाया था। सीज़ियम को कैंसर-उपचार उपकरण से निकाला गया था।
1998 में, चेचन्या की खुफिया सेवा ने चेचिना में एक रेलवे लाइन के पास रखे गए एक डर्टी बम को निष्क्रिय कर दिया था।
2002 में, एक अमेरिकी नागरिक जोस पडिला, जिसका अल-कायदा के साथ संपर्क था, को शिकागो में डर्टी बम, हमले की योजना बनाने के संदेह में गिरफ्तार किया गया था।
4. शी जिनपिंग को रिकॉर्ड तीसरे कार्यकाल के लिए चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव के रूप में फिर से चुना गया
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23 अक्टूबर 2022 को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को रिकॉर्ड तीसरे पांच साल के कार्यकाल के लिए सत्तारूढ़ चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव के रूप में फिर से चुना गया। केवल पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (पीआरसी) के संस्थापक माओत्से तुंग को तीन बार चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का महासचिव बनाया गया है। शी जिनपिंग चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के 7वें महासचिव हैं।
20वीं चीनी कम्युनिस्ट पार्टी कांग्रेस 16-22 अक्टूबर 2022 तक बीजिंग में आयोजित की गई थी। यह हर पांच साल में एक बार आयोजित की जाती है। पहली राष्ट्रीय कांग्रेस 1921 में आयोजित की गई थी।
पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के संविधान के अनुसार देश में केवल एक राजनीतिक दल है, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी, जो चीन की सत्तारूढ़ पार्टी भी है। कम्युनिस्ट पार्टी कांग्रेस की बैठक 25 सदस्यीय राजनीतिक ब्यूरो का चुनाव करती है जो देश पर शासन करने के लिए स्थायी समिति के 7 सदस्यों को चुनती है।
कम्युनिस्ट पार्टी का जो भी महासचिव है, वह चीन का राष्ट्रपति भी होता है।
पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना(चीनी जनवादी गणराज्य)
पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की स्थापना माओ माओत्से तुंग ने 1 नवंबर 1949 को की थी, जब कम्युनिस्ट ताकतों ने चीनी गृह युद्ध में च्यांग काई-शेक के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी पार्टी, या कुओमिन्तांग (केएमटी) को हराया था।
बाद में चिंग काई-शेक फॉर्मोसा, अब ताइवान भाग गया और चीन गणराज्य का गठन किया।
पीआरसी जिसे मुख्यभूमि चीन भी कहा जाता है , क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे बड़ा एशियाई देश है और रूस और कनाडा के बाद दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा देश है।
चीन संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
यह दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक और व्यापारिक देश (निर्यात + आयात) है।
राजधानी: बीजिंग (इसे पहले पेकिंग के नाम से जाना जाता था)
मुद्रा: रॅन्मिन्बी (युआन)
राष्ट्रपति: शी जिनपिंग
5. कनाडा में हैंडगन की खरीद-बिक्री और हस्तान्तरण पूरी तरह से प्रतिबंधित
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कनाडा सरकार का सख्त हैंडगन नियंत्रण कानून, जो कनाडा के भीतर हैंडगन की बिक्री, खरीद या हस्तांतरण को प्रतिबंधित करता है, 21 अक्टूबर 2022 को प्रभावी हुआ। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि इन उपायों से आयातित हैंडगन को प्रतिबंधित करने के प्रयासों में मदद मिलेगी।
अगस्त 2022 में सरकार ने देश में हैंडगन के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था।
कनाडा में संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद विकसित देशों में सबसे अधिक बंदूक हत्या दर है और अधिकांश मामलों में अपराध के लिए हथियार के रूप में एक हैंडगन का इस्तेमाल किया गया है।
कनाडा सरकार द्वारा बंदूक हिंसाको नियंत्रित करने के लिए कठोर हथियार-विरोधी उपायों की एक श्रृंखला की घोषणा की थी जिसमे उसके आयात, बिक्री, खरीद या हस्तांतरण पर प्रतिबन्ध शामिल है।
कनाडा
क्षेत्रफल की दृष्टि से रूस के बाद यह विश्व का दूसरा सबसे बड़ा देश है।
यह उत्तरी अमेरिकी महाद्वीप में स्थित है।
यह संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ दुनिया की सबसे लंबी भूमि सीमा (8,890 किमी) साझा करता है।
49वीं समानांतर कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा है।
राजधानी: ओटावा
मुद्रा: कैनेडियन डॉलर
राज्य का प्रमुख: ब्रिटेन का राजा कनाडा का राजा होता है।
प्रधानमंत्री: जस्टिन ट्रूडो
6. जियोर्जिया मेलोनी ने इटली की पहली महिला प्रधान मंत्री के रूप में शपथ ली
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जॉर्जिया मेलोनी ने 22 अक्टूबर 2022 को अपनी कैबिनेट टीम के साथ इटली की पहली महिला और 31 वें प्रधान मंत्री के रूप में शपथ ली। जियोर्जिया मेलोनी जो अति दक्षिणपंथी 'ब्रदर्स ऑफ इटली' पार्टी से ताल्लुक रखती हैं, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से इटली में सबसे दक्षिणपंथी सरकार में से एक का नेतृत्व करेगी।
सितंबर 2022 में हुए चुनाव में, मेलोनी के नेतृत्व वाली गठबंधन ने जीत हासिल की, जिसमें पूर्व प्रधान मंत्री सिल्वियो बर्लुस्कोनी की फोर्ज़ा इटालिया पार्टी और माटेओ साल्विनी की अप्रवासी विरोधी लीग शामिल है ।
उनकी सरकार ने पूर्व यूरोपीय सेंट्रल बैंक के प्रमुख मारियो ड्रैगी द्वारा संचालित एक राष्ट्रीय एकता प्रशासन की जगह ली है।
इटली का गणराज्य
यह दक्षिण मध्य यूरोप में भूमध्य सागर के किनारे स्थित है।
इटली को अक्सर बूट(जूते ) के आकार के देश के रूप में वर्णित किया जाता है।
इटली के प्रसिद्ध ज्वालामुखी: स्ट्रोमबोली (सक्रिय), माउंट एटना (यूरोप का सबसे बड़ा सक्रिय ज्वालामुखी), वेसुवियस (जिसने प्राचीन शहर पोम्पेई को राख के ढेर में दफना दिया था)
राजधानी: रोम,यह तिबर नदी के किनारे स्थित है।
मुद्रा: यूरो
राष्ट्रपति: सर्जियो मटेरेला
7. म्यांमार, फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स के ब्लैक लिस्टेड देशों के सूची में उत्तर कोरिया और ईरान के साथ शामिल
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अंतरराष्ट्रीय मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण निगरानी संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने म्यांमार को "ब्लैक लिस्ट" में डाल दिया है और सदस्यों से म्यांमार में व्यापारिक संबंधों और लेनदेन में ड्यू डिलिजेंस बढ़ाने का आह्वान किया है।म्यांमार, ईरान और उत्तर कोरिया के बाद एफएटीएफ के ब्लैक लिस्ट" की सूची में शामिल होने वाला नवीनतम देश बन गया है ।
मनी लॉन्ड्रिंग(धन शोधन) एक ऐसी प्रक्रिया है जहां आपराधिक गतिविधियों जैसे तस्करी, संगठित अपराध आदि के माध्यम से उत्पन्न धन को कानूनी वित्तीय प्रणाली के साथ एकीकृत किया जाता है ताकि इन धन की उत्पत्ति को छिपाया जा सके।
एफएटीएफ की ग्रे या ब्लैक लिस्ट
जिन देशों में कमजोर एंटी लॉन्ड्रिंग और एंटी टेररिस्ट नियामक ढांचा हैं, उन्हें ग्रे लिस्ट में डाल दिया जाता है । यह एक तरह से से उस देश के लिए एक चेतावनी होती है की वह अपनी एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग प्रणाली में सुधार करे ।
ब्लैक लिस्ट
जो देश कार्रवाई करने से इनकार करते हैं और मनी लॉन्ड्रिंग से निपटने के लिए उचित कदम नहीं उठाते हैं, उन्हें कॉल फॉर एक्शन के अधीन उच्च जोखिम वाले क्षेत्राधिकार या ब्लैक लिस्ट में डाल दिया जाता है। फिलहाल ईरान, उत्तर कोरिया और म्यांमार इस सूची में हैं।
म्यांमार के लिए इस कदम का प्रभाव
म्यांमार के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंकों जैसे अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों से ऋण लेना बेहद मुश्किल हो जाएगा।
विदेशी निवेशक और वित्तीय संस्थान म्यांमार और उसके वित्तीय संस्थानों जैसे बैंकों के साथ लेन-देन करने से बचेंगे।
अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों के साथ व्यापार करने की लागत म्यांमार के लिए बढ़ जाएगी जो इसके व्यापार और निवेश पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगी।
क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां म्यांमार की रेटिंग को डाउनग्रेड करेंगी जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में म्यांमार की कंपनियों और बैंकों के लिए उधार लेने की लागत बढ़ जाएगी। इसका मतलब है कि उन्हें पैसे उधार लेने के लिए बहुत अधिक ब्याज दरों का भुगतान करना होगा।
एफएटीएफ
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ)की स्थापना 1989 में 7 देशों के समूह की सिफारिश पर की गई थी।
एफएटीएफ का कार्य
- फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ग्लोबल मनी लॉन्ड्रिंग और टेररिस्ट फाइनेंसिंग वॉचडॉग है।
- यह एक अंतर-सरकारी निकाय है जो एक अंतरराष्ट्रीय मानकों को निर्धारित करता है जिसका उद्देश्य इन अवैध गतिविधियों और समाज को होने वाले नुकसान को रोकना है।
- एफएटीएफ ,मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण तकनीकों की समीक्षा करता है और नए जोखिमों को संबोधित करने के लिए अपने मानकों को लगातार मजबूत करता है।
- भारत का एंटी मनी लॉन्ड्रिंग कानून, धन-शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 एफएटीएफ के मानकों पर आधारित है।
- एफएटीएफ के कुल सदस्य देश वर्तमान में 39 हैं।
- भारत 2010 में एफएटीएफ का सदस्य बना।
मुख्यालय: पेरिस, फ्रांस
अध्यक्ष : टी राजा कुमार (सिंगापुर नागरिक )
8. केंद्र सरकार और उसके विभाग द्वारा 10 लाख नौकरियां प्रदान करने के लिए पीएम मोदी ने रोजगार मेला का शुभारंभ किया
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आने वाले महीनों में 10 लाख रोजगार देने के लिए वस्तुतः 22 अक्टूबर 2022 को रोजगार मेला का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के 75 साल को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार 75,000 युवाओं को एक कार्यक्रम के तहत नियुक्ति पत्र दे रही है।
समारोह के दौरान, 75,000 नवनियुक्त नियुक्तियों को नियुक्ति पत्र सौंपे गए। ये नई भर्तियां केंद्र सरकार के 38 मंत्रालयों/विभागों में शामिल होंगी।
नियुक्त व्यक्ति विभिन्न स्तरों पर सरकार में शामिल होंगे। समूह - ए, समूह - बी (राजपत्रित), समूह - बी (अराजपत्रित) और समूह - सी।
जिन पदों पर नियुक्तियां की जा रही हैं उनमें केंद्रीय सशस्त्र बल कार्मिक, उप निरीक्षक, कांस्टेबल, एलडीसी, स्टेनो, पीए, आयकर निरीक्षक और एमटीएस शामिल हैं।
9. प्रधानमंत्री ने सशस्त्र बलों के लिए मिशन डिफस्पेस लॉन्च किया
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वैश्विक अंतरिक्ष की आर्थिक और रणनीतिक क्षमता को महसूस करते हुए, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 अक्टूबर को सशस्त्र बलों के लिए अभिनव समाधान विकसित करने के लिए "मिशन डिफस्पेस" लॉन्च किया।
महत्वपूर्ण तथ्य
मिशन को सशस्त्र बलों के लिए अभिनव समाधान विकसित करने के लिए लॉन्च किया गया है।
प्रधान मंत्री ने चौथी रक्षा स्वदेशीकरण सूची भी जारी की, जो निश्चित समय सीमा के बाद 101 वस्तुओं के आयात पर रोक लगाती है।
मिशन डेफस्पेस के तहत निजी फर्मों के लिए काम करने के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र में 75 चुनौतियों की पहचान की गई है।
अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी भारत की उदार अंतरिक्ष कूटनीति की नई परिभाषाओं को आकार और नई संभावनाओं को जन्म दे रही है।
60 से अधिक विकासशील देश हैं जिनके साथ भारत अपना अंतरिक्ष विज्ञान साझा कर रहा है। दक्षिण एशिया सेटेलाइट इसका एक प्रभावी उदाहरण है।
चौथी रक्षा स्वदेशीकरण सूची
घरेलू रक्षा उद्योग और रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने के प्रयासों के तहत, रक्षा मंत्रालय ने सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची जारी की है।
यह उन उपकरणों/ प्रणालियों पर विशेष ध्यान देती है, जिनका विकास किया जा रहा है और जिनके अगले पांच से दस वर्षों में ठोस ऑर्डर में तब्दील होने की संभावना है।
रक्षा मंत्रालय ने पहले पहली, दूसरी और तीसरी सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची जारी की थी, जिसमें 310 आइटम शामिल थे।
सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची क्या है?
सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची का अर्थ है कि सशस्त्र बल केवल घरेलू निर्माताओं से सूचीबद्ध वस्तुओं की खरीद करेंगे।
निर्माता निजी क्षेत्र के प्लेयर या रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (डीपीएसयू) हो सकते हैं।
रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण के लिए सरकार की पहल
रक्षा क्षेत्र में स्वचालित मार्ग के तहत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की सीमा 49% से बढ़ाकर 74% कर दी गई है।
अक्टूबर 2021 में सरकार ने चार दशक पुराने आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) को भंग कर दिया और युद्ध सामग्री से लेकर भारी हथियारों और वाहनों तक के रक्षा हार्डवेयर के निर्माण के लिए सात नई सरकारी कंपनियों के 41 कारखानों को आपस में मिला दिया।
भारत ने प्रमुख "मेक इन इंडिया" कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए दो रक्षा औद्योगिक गलियारों का उद्घाटन किया है, एक तमिलनाडु में और दूसरा उत्तर प्रदेश में।
एक अनुमान के मुताबिक, भारतीय सशस्त्र बलों को अगले पांच वर्षों में पूंजीगत खरीद में लगभग 130 अरब अमरीकी डालर खर्च करने का अनुमान है।
10. पाकिस्तान 4 साल बाद एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर
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फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने 21 अक्टूबर को पाकिस्तान को चार साल बाद आतंकी वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग पर वैश्विक निगरानी की 'ग्रे लिस्ट' से बाहर कर दिया।
महत्वपूर्ण तथ्य
आतंकी फंडिंग व मनी लान्ड्रिंग मामलों पर नजर रखने वाली पेरिस की संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की पेरिस में एक बैठक हुई, जिसमें पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखने या न रखने को लेकर अंतिम फैसला लिया गया।
बैठक के बाद पाकिस्तान के ग्रे लिस्ट से बाहर होने की घोषणा की गई. इस फैसले पर भारत ने कड़ा विरोध जताया है और इसे दुर्भाग्यपूर्ण फैसला करार दिया है।
पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने और व्हाइट लिस्ट में जाने के लिए 39 में से 12 वोट चाहिए थे।
ब्लैक लिस्ट से बचने के लिए उसे तीन देशों के समर्थन की जरूरत थी, चीन, तुर्की और मलेशिया जो इसके समर्थक हैं।
पाकिस्तान को 2018 में मनी लॉन्ड्रिंग के जोखिम की जांच करने में विफलता के लिए 'ग्रे लिस्ट' में डाल दिया गया था, जिससे भ्रष्टाचार और आतंक का वित्तपोषण हुआ।
पाकिस्तान के ग्रे सूची में बने रहने के साथ, इस्लामाबाद के लिए आईएमएफ, विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और यूरोपीय संघ से वित्तीय सहायता प्राप्त करना कठिन हो गया था, इस प्रकार नकदी की कमी वाले देश के लिए समस्याएं और बढ़ गईं।
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF)
इसका गठन वर्ष 1989 में जी-7 देशों की पेरिस में आयोजित बैठक में हुआ था।
यह मनी लांड्रिंग, टेरर फंडिंग जैसे मुद्दों पर दुनिया में विधायी और नियामक सुधार लाने के लिये आवश्यक राजनीतिक इच्छा शक्ति पैदा करने का काम करता है। मुख्यालय - पेरिस स्थित आर्थिक सहयोग विकास संगठन (OECD) के मुख्यालय में स्थित है.
सदस्य देश - भारत समेत 39 सदस्य देश और 2 क्षेत्रीय संगठन (यूरोपीय आयोग और खाड़ी सहयोग परिषद) शामिल हैं।
भारत वर्ष 2010 में FATF का सदस्य बना।
इसके सत्रों का आयोजन प्रतिवर्ष तीन बार होता है।
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के अध्यक्ष - राजा कुमार
FATF की सूची
ग्रे लिस्ट - जिन देशों को टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग का समर्थन करने के लिए सुरक्षित स्थल माना जाता है, उन्हें FATF की ग्रे लिस्ट में रखा जाता है।
ब्लैक लिस्ट - असहयोगी देशों या क्षेत्रों के रूप में पहचाने जाने वाले देशों को ब्लैक लिस्ट में शामिल किया जाता है। ये देश आतंकी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों का समर्थन करते हैं।
वर्तमान में ईरान और डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (DPRK) ब्लैक लिस्ट में शामिल हैं।