1. श्रीलंकाई राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की दो दिवसीय भारत यात्रा
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श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने 20 और 21 जुलाई 2023 को दो दिवसीय भारत की यात्रा किए इस दौरान दोनों देशों के मध्य कई अहम् समझौते किए गए जिसे दोनों देशों के मध्य संबंधों के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
खबर का अवलोकन:
- 21 जुलाई 2023 को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रीलंकाई राष्ट्रपति के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई।
- इस वर्ष दोनों देश डिप्लोमेटिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। इसके अलावा भारतीय मूल का तमिल समुदाय, श्रीलंका में अपने आगमन के 200 वर्ष पूरे कर रहा है।
आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने हेतु विजन डॉक्यूमेंट पर सहमति
- वार्ता के दौरान दोनों देशों के मध्य द्विपक्षीय आर्थिक साझेदारी को नए स्तर पर ले जाने हेतु एक दृष्टिपत्र दस्तावेज (विजन डॉक्यूमेंट) अपनाया है।
- इसके जरिए पर्यटन, ऊर्जा, व्यापार, उच्च शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट में दोनों ही देश आपसी सहयोग को बढ़ाएंगे। इस विजन के जरिए लोगों के मध्य मैरीटाइम, एयर, एनर्जी और पीपुल टू पीपुल कनेक्टिविटी को मजबूत करने का निर्णय लिया है।
भारत का लॉन्ग टर्म कमिटमेंट:
- श्रीलंका को आर्थिक संकट से निकालने के लिए भारत वहां और अधिक निवेश के जरिए अपनी आर्थिक गतिविधियां बढ़ाएगा।
इकोनॉमिक एंड टेक्नोलॉजिकल कोऑपरेशन एग्रीमेंट (ETCA)
- दोनों देशों ने इकोनॉमिक एंड टेक्नोलॉजिकल कोऑपरेशन एग्रीमेंट (ETCA) पर शीघ्र वार्ता आरंभ करने का निर्णय लिया है। इससे द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक सहयोग के नए मार्ग खुलेंगे।
श्रीलंका में यूपीआई लॉन्च के लिए हुए समझौते:
- श्रीलंका में भारत के यूपीआई से भुगतान हो सकेगा। इसके लिए भारत की यूपीआई तकनीक अब श्रीलंका ने भी स्वीकार कर ली है। इससे फिनटेक कनेक्टिविटी को भी बढ़ाने में मदद मिलेगी।
- इससे पूर्व पैसों के भुगतान के लिए अपनाए जाने वाली यह ऐप आधारित सेवा फ्रांस, यूएई और सिंगापुर अपना चुके हैं।
द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने हेतु कनेक्टिविटी:
- दोनों देशों ने हवाई कनेक्टिविटी बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही तमिलनाडु के नागपट्टनम और श्रीलंका के कांके-संतुरई के बीच पैसेंजर फेरी सर्विसेज आरंभ करने का भी निर्णय लिया है।
- चेन्नई-जाफना के मध्य उड़ानों के पुनः आरंभ होने से दोनों देशों के मध्य जनसंपर्क बढ़ाने में मदद मिल रही है।
- इसके साथ ही लैंड ब्रिज की फिजिबिलिटी की पड़ताल को लेकर भी दोनों देश सहमत हुए हैं।
ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग:
- दोनों देशों ने ऊर्जा सहयोग को बढ़ाने हेतु इलेक्ट्रिसिटी ग्रिड को जोड़ने के कार्य में शीघ्रता लाने का निर्णय लिया है।
- इसके तहत दोनों देशों के बीच पेट्रोलियम पाइपलाइन बनाया जाए, इसकी संभावना को वास्तविक रूप देने के लिए दोनों देशों ने व्यवहार्यता अध्ययन करने का निर्णय लिया है।
- इस सन्दर्भ में भारत पहले ही नेपाल और बांग्लादेश को पाइपलाइन के द्वारा पेट्रोलियम उत्पादों को मुहैया करा चुका है।
2. जापान भारत के साथ सेमीकंडक्टर समझौते पर हस्ताक्षर करने वाला दूसरा क्वाड सहयोगी बना
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भारत और जापान ने हाल ही में वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में अपनी साझेदारी और लचीलेपन को मजबूत करने, सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र को संयुक्त रूप से विकसित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
खबर का अवलोकन
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव और जापान के अर्थव्यवस्था, व्यापार और उद्योग मंत्री यासुतोशी निशिमुरा द्वारा हस्ताक्षरित ज्ञापन में सहयोग के विभिन्न क्षेत्र शामिल हैं।
यह सेमीकंडक्टर उद्योग को बढ़ाने के लिए भारत के साथ सहयोग करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद जापान को दूसरे क्वाड भागीदार के रूप में चिह्नित करता है।
समझौते में सेमीकंडक्टर डिजाइन, विनिर्माण, उपकरण अनुसंधान और प्रतिभा विकास सहित सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों को शामिल किया गया है, जिसका उद्देश्य एक मजबूत और विश्वसनीय सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करना है।
कुशल सहयोग की सुविधा के लिए, दोनों देश सरकार-से-सरकार और उद्योग-से-उद्योग साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए एक "कार्यान्वयन संगठन" स्थापित करेंगे।
जापान की सेमीकंडक्टर विशेषज्ञता को पहचानना
जापान लगभग 100 सेमीकंडक्टर विनिर्माण संयंत्रों के साथ सेमीकंडक्टर उद्योग में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है, जो इसे एक मजबूत सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र वाले शीर्ष पांच देशों में से एक बनाता है।
सेमीकंडक्टर उद्योग की अनुमानित वृद्धि 650 बिलियन अमेरिकी डॉलर से 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने के लिए दुनिया भर में कई स्थानों पर प्रतिभा विकास की आवश्यकता है, और जापान भारत की पूरक शक्तियों को पारस्परिक लाभ के लिए एक मूल्यवान अवसर के रूप में देखता है।
जापान के पास कच्चे वेफर सामग्री, रसायन, गैस और चिप निर्माण उपकरण और प्रदर्शन प्रौद्योगिकियों जैसे महत्वपूर्ण सेमीकंडक्टर तत्वों में विशेषज्ञता है।
इस ज्ञान और विशेषज्ञता को भारत में स्थानांतरित करके, दोनों देशों का लक्ष्य सेमीकंडक्टर उद्योग में महत्वपूर्ण मील के पत्थर हासिल करना है।
जापान के बारे में
इसे निहोन या निप्पॉन भी कहा जाता है और यह पूर्वी एशिया में पश्चिमी प्रशांत महासागर में एक द्वीपसमूह है।
यह चार मुख्य द्वीपों होक्काइडो, होंशू, शिकोकू और क्यूशू से मिलकर बना है और होंशू जापान का सबसे बड़ा द्वीप है।
इसका सबसे ऊँचा पर्वत माउंट फ़ूजी है।
यह संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बाद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
राजधानी - टोक्यो
मुद्रा - येन
प्रधान मंत्री - फुमियो किशिदा
3. प्रधानमंत्री मोदी की संयुक्त अरब अमीरात यात्रा
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 15 जुलाई, 2023 को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) यात्रा के दौरान राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से अबू धाबी में वार्ता की गई।
खबर का अवलोकन:
- विगत आठ वर्षों में भारतीय प्रधानमंत्री की पांचवीं संयुक्त अरब अमीरात यात्रा है।
- वर्ष 2015 में, प्रधानमंत्री मोदी 34 वर्षों में संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा करने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री बने थे।
दोनों देशों के मध्य व्यापार:
- भारत-संयुक्त अरब अमीरात व्यापार 2022 में बढ़कर 85 बिलियन अमेरिकी डॉलर का हो गया, जिससे संयुक्त अरब अमीरात वर्ष 2022-23 के दौरान भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार और भारत का दूसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य बन गया।
- भारत, संयुक्त अरब अमीरात का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
15 जुलाई को दोनों देशों के मध्य निम्नलिखित गतिविधियों पर सहमति बनी:
- रूपये और यूएई की करेंसी दिरहम में कारोबार के लिए सहमति;
- यूपीआई और यूएई के इंस्टेंट पेमेंट प्लेटफॉर्म की लिंकिंग को मंजूरी;
- यूएई में आईआईटी दिल्ली का कैम्पस बनाने पर समझौता;
- यूएई को कॉप-28 (COP-28) की अध्यक्षता के लिए भारत का समर्थन;
- आपसी कारोबार को बढाकर 100 अरब डॉलर करने पर सहमति (वर्तमान में 85 बिलियन अमेरिकी डॉलर है)।
4. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की फ्रांस और संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 13 से 15 जुलाई 2023 तक फ्रांस और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की आधिकारिक यात्रा के प्रथम चरण में फ्रांस पहुंचे। प्रधानमंत्री मोदी की यह छठी फ्रांस यात्रा है।
खबर का अवलोकन:
- फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री 13-14 जुलाई 2023 तक पेरिस की यात्रा पर हैं।
- प्रधानमंत्री 14 जुलाई 2023 को बैस्टिल डे परेड में मुख्य अतिथि हैं, इस परेड में तीनों सेनाओं के भारतीय सशस्त्र बलों का एक दस्ता भी भाग ले रहा है।
- अपनी इस यात्रा में फ्रांस के प्रधानमंत्री के साथ-साथ फ्रांस की सीनेट और नेशनल असेंबली के अध्यक्षों से भी मुलाकात करेंगे।
भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ
- इस वर्ष भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ भी है और प्रधानमंत्री की यह यात्रा रणनीतिक, सांस्कृतिक, वैज्ञानिक, शैक्षणिक और आर्थिक सहयोग जैसे विभिन्न क्षेत्रों में भविष्य के लिए साझेदारी की रूपरेखा तैयार करने का अवसर प्रदान करेगी।
संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा:
- इसके पश्चात, प्रधानमंत्री 15 जुलाई को अबू धाबी का दौरा करेंगे।
- प्रधानमंत्री संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति और अबू धाबी के शासक महामहिम शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ वार्ता होगी।
- भारत-यूएई व्यापक रणनीतिक साझेदारी लगातार मजबूत हो रही है और प्रधानमंत्री की यह यात्रा ऊर्जा, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, खाद्य सुरक्षा, फिनटेक, रक्षा और संस्कृति जैसे विभिन्न क्षेत्रों में इसे आगे बढ़ाने साधनों की पहचान करने का अवसर प्रदान करेगी।
- प्रधानमंत्री की यूएई यात्रा वैश्विक मुद्दों पर सहयोग स्थापित करने पर चर्चा करने का भी अवसर प्रदान करेगी।
फ्रांस:
- राजधानी: पेरिस
- मुद्रा: यूरो
- राष्ट्रपति: इमैनुएल मैक्रों
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई)
- राजधानी: अबू धाबी
- मुद्रा: यूएई दिरहम
- राष्ट्रपति: मोहम्मद बिन ज़ायेद बिन सुल्तान अल-नाह्यान;
5. आइआइटी दिल्ली, अबूधाबी (यूएई) में खोलेगा अपना अंतरराष्ट्रीय कैंपस
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10 जुलाई 2023 को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने जानकारी दी कि आइआइटी दिल्ली, अपना अंतरराष्ट्रीय कैंपस अबूधाबी (संयुक्त अरब अमीरात) में खोलने जा रहा है।
खबर का अवलोकन:
- आइआइटी मद्रास के बाद अब आइआइटी दिल्ली भी देश से बाहर अबूधाबी (संयुक्त अरब अमीरात) में अपना अंतरराष्ट्रीय कैंपस खोलने जा रहा है।
- इससे पूर्व आइआइटी मद्रास ने जंजीबार-तंजानिया में अपना कैंपस स्थापित करने की घोषणा किया था। जिसके इस वर्ष अक्टूबर से कार्य आरंभ करने की शंभावना है।
दोनों देशों के मध्य संबंध और मजबूत होंगे:
- इस पहल से दोनों देशों के मध्य संबंधों में और मजबूती आएगी।
- इस दौरान आइआइटी दिल्ली में यूएई के स्कूली छात्रों को अपने यहां आयोजित होने वाले समर बूट कैंप में शामिल करने का भी घोषणा किया है, जिसमें वहां के प्रतिभाशाली स्कूली छात्र आइआइटी दिल्ली की लैब में अपने शोध व दूसरे इनोवेशन पर काम कर सकेंगे।
- वर्तमान में आइआइटी दिल्ली सिर्फ भारतीय स्कूली छात्रों के लिए ऐसे समर बूट कैंप का आयोजन करते हैं।
- इस आयोजन के दौरान प्रधान ने यूएई की शिक्षा मंत्री सारा मुसल्लम को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत कक्षा तीन तक के स्कूली बच्चों के लिए तैयार की गई किताबों (जादूई पिटारा) का एक सेट भी उन्हें सौंपा।
आइआइटी मद्रास का प्रथम कैंपस जंजीबार-तंजानिया में
- इस घोषणा से पूर्व आइआइटी मद्रास ने जंजीबार-तंजानिया में अपना कैंपस खोलने का निर्णय लिया था। जो इस वर्ष अक्टूबर से वहां आरंभ भी हो जाएगा।
- आइआइटी मद्रास और दिल्ली की तरह देश के कुछ और आइआइटी भी शीघ्र ही अपने अंतरराष्ट्रीय कैंपस खोलने का निर्णय ले सकते है।
6. भारत और पनामा ने चुनावी सहयोग पर सहमत
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7 जुलाई 2023 को भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) और पनामा के निर्वाचन अधिकरण (ईटी) ने चुनावी सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है।
खबर का अवलोकन:
- इस समझौता के तहत दोनों देश चुनाव प्रबंधन और प्रशासन के क्षेत्र में चल रहे सहयोग के लिए संस्थागत ढांचा स्थापित करेंगे।
- भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में निर्वाचन आयोग के तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने पनामा के निर्वाचन अधिकरण के पीठासीन मजिस्ट्रेट अल्फ्रेडो जुन्का वेंडेहाके के साथ दोनों देशों के चुनाव प्रबंधन निकायों (ईएमबी) के बीच सहयोग और ज्ञान के आदान-प्रदान को सुदृढ़ बनाने पर विचार-विमर्श किया।
- यह समझौता ज्ञापन विश्व भर के निर्वाचन निकायों के साथ जुड़ने और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को सुदृढ़ करने की निर्वाचन आयोग की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
- चुनाव आयोग 'अंतर्राष्ट्रीय सहयोग कार्यक्रम' के माध्यम से विदेशी चुनाव प्रबंधन निकायों (ईएमबी) के साथ अपने संपर्क और सहयोग का विस्तार कर रहा है।
ईसीआई का लैटिन अमेरिकी देशों के साथ चौथा समझौता:
- विगत कुछ वर्षों में मैक्सिको, ब्राजील और चिली के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करने के बाद, लैटिन अमेरिका क्षेत्र में चुनाव प्रबंधन निकाय के साथ चौथा समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर किए गए है।
- ईसीआई अब तक चुनाव प्रबंधन निकाय और विश्वभर के अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ कुल 31 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
दोनों देशों द्वारा परस्पर सहयोग:
- भारत का चुनाव आयोग और पनामा का चुनाव अधिकरण दोनों ही एसोसिएशन ऑफ वर्ल्ड इलेक्शन बॉडीज (ए-वेब) के सदस्य हैं।
- ईटी ऑफ पनामा के अधिकारियों ने मार्च 2023 में ईसीआई द्वारा आयोजित 'समावेशी चुनाव और चुनावी सत्यनिष्ठा' पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भी भाग लिया।
- यह 'समिट फॉर डेमोक्रेसी' के तत्वावधान में 'कोहोर्ट ऑन इलेक्शंस इंटेग्रिटी' के संचालन का एक हिस्सा था।
- पनामा के निर्वाचन अधिकरण के अधिकारियों ने अप्रैल 2021 में राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान ईसीआई द्वारा आयोजित 'इंटरनेशनल इलेक्शन विजिटर्स प्रोग्राम' में भी भाग लिया।
एसोसिएशन ऑफ वर्ल्ड इलेक्शन बॉडीज (ए-वेब):
- ए-वेब, विश्व भर में चुनाव प्रबंधन निकायों (ईएमबी) की सबसे बड़ी एसोसिएशन है।
- ए-वेब में 119 चुनाव प्रबंधन निकाय सदस्य हैं और 20 क्षेत्रीय एसोसिएशन/संगठन एसोसिएट सदस्य हैं।
- ईसीआई का प्रतिनिधिमंडल ए-वेब की 11वीं कार्यकारी बोर्ड की बैठक और कार्टाजेना, कोलंबिया में एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेगा।
7. विदेश मंत्री एस जयशंकर की चार दिवसीय तंजानिया यात्रा
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भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर 5 से 8 जुलाई 2023 तक तंजानिया की चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर गए।
खबर का अवलोकन:
- अपनी यात्रा के दौरान, विदेश मंत्री जयशंकर भारतीय नौसेना जहाज त्रिशूल के स्वागत समारोह में शामिल हुए।
- इसके साथ ही वे भारतीय प्रवासियों को भी संबोधित किया और स्वामी विवेकानन्द की प्रतिमा का उद्घाटन किया।
- जांजीबार में वह भारत सरकार की क्रेडिट लाइन द्वारा वित्त पोषित जल आपूर्ति परियोजना का दौरा किया।
10वीं भारत-तंजानिया संयुक्त आयोग:
- इसके बाद विदेश मंत्री 7 से 8 जुलाई 2023 तक तंजानिया के दार-एस-सलाम शहर का दौरा किया, जहां वह अपने समकक्ष के साथ 10वीं भारत-तंजानिया संयुक्त आयोग की बैठक की सह-अध्यक्षता किया।
आईआईटी मद्रास एट जांजीबार:
- दोनों देशों के बीच शिक्षा संबंधों को मजबूत करने के लिए, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) अक्टूबर 2023 में तंजानिया के जांजीबार में अपना पहला विदेशी परिसर खोलेगा।
- इसमें 50 स्नातक छात्रों और 20 मास्टर छात्रों को प्रवेश मिलेगा।
- नया आईआईटी परिसर जांजीबार में आईआईटी मद्रास एट जांजीबार के नाम से स्थापित किया जाएगा।
- साथ ही आईआईटी अपना अन्य विदेशी परिसर अबू धाबी और कुआलालंपुर में भी खोलेगा।
तंज़ानिया के बारे में
- यह एक पूर्वी अफ़्रीकी देश है.
- सेरेन्गेटी नेशनल पार्क तंजानिया में एक लोकप्रिय सफारी गंतव्य है।
- किलिमंजारो राष्ट्रीय उद्यान तंजानिया में स्थित है।
- ज़ांज़ीबार तंजानिया के तट पर एक उष्णकटिबंधीय द्वीप है।
- माफिया तंजानिया में एक और उष्णकटिबंधीय द्वीप है।
राजधानी - डोडोमा
मुद्रा - तंजानिया शिलिंग
राष्ट्रपति - सामिया सुलुहु हसन
उपराष्ट्रपति - फिलिप मपांगो
प्रधान मंत्री - कासिम मजालिवा
स्पीकर - टुलिया एक्सन
मुख्य न्यायाधीश - इब्राहिम हामिस जुमा
8. एससीओ के सदस्य देशों को चाबहार बंदरगाह की क्षमता का पूरा लाभ उठाने के लिए सहयोग करना चाहिए: पीएम मोदी
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प्रधान मंत्री ने सुझाव दिया है कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों को चाबहार बंदरगाह की क्षमता को पूरी तरह से भुनाने के लिए सहयोग करना चाहिए, खासकर ईरान के इस प्रमुख क्षेत्रीय संगठन में हाल ही में शामिल होने के साथ।
खबर का अवलोकन
भारत द्वारा आयोजित एक आभासी शिखर सम्मेलन के दौरान, ईरान को औपचारिक रूप से शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल किया गया।
यह प्रेरण प्रभावशाली एससीओ के भीतर हुआ, जिसमें आभासी शिखर सम्मेलन इस घोषणा के लिए मंच के रूप में कार्य करता है।
चाबहार बंदरगाह:
स्थान और पहुंच: चाबहार बंदरगाह ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में होर्मुज जलडमरूमध्य के मुहाने पर स्थित है।
यह हिंद महासागर तक सीधी पहुंच प्रदान करता है और होर्मुज जलडमरूमध्य के बाहर स्थित है।
महत्व और क्षमता: ईरान के एकमात्र बंदरगाह के रूप में, चाबहार बंदरगाह में इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण वाणिज्यिक केंद्र बनने की क्षमता है।
अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत जैसे देशों के साथ इसकी रणनीतिक निकटता, साथ ही अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे में इसकी भूमिका, इसके महत्व में योगदान करती है।
चाबहार परियोजना:
त्रिपक्षीय समझौता: मई 2016 में, भारत, ईरान और अफगानिस्तान ने चाबहार में शहीद बेहिश्ती टर्मिनल को विकसित करने के लिए एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए।
यह भारत की पहली विदेशी बंदरगाह परियोजना थी।
उद्देश्य: समझौते का उद्देश्य चाबहार में एक अंतर्राष्ट्रीय परिवहन और पारगमन गलियारा स्थापित करना है।
परियोजना की मुख्य विशेषताओं में चाबहार बंदरगाह का निर्माण और इसे ज़ाहेदान से जोड़ने वाली रेल लाइन शामिल है।
पाकिस्तान को दरकिनार: चाबहार बंदरगाह भारत को पाकिस्तान को दरकिनार करते हुए अफगानिस्तान और मध्य एशिया तक पहुँचने के लिए एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान करता है।
इससे व्यापार और कनेक्टिविटी के अवसर बढ़े हैं।
अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा (INSTC):
विवरण: INSTC एक मल्टीमॉडल परिवहन मार्ग है जो हिंद महासागर और फारस की खाड़ी को कैस्पियन सागर से जोड़ता है।
यह सेंट पीटर्सबर्ग, रूस से होते हुए उत्तरी यूरोप तक फैला हुआ है।
घटक: गलियारे में फारस की खाड़ी और कैस्पियन क्षेत्र के बंदरगाहों के साथ-साथ सड़क और रेल नेटवर्क भी शामिल हैं।
उद्देश्य: INSTC का प्राथमिक उद्देश्य भारत और रूस के बीच परिवहन लागत और पारगमन समय को कम करना है।
एक बार पूरी तरह कार्यात्मक हो जाने पर, इसके पारगमन समय में लगभग आधे की कमी आने की उम्मीद है।
9. वियतनाम के न्यायमंत्री ले थान लॉन्ग का भारत यात्रा
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2 जुलाई, 2023 को केन्द्रीय विधि और न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल और वियतनाम के न्यायमंत्री ले थान लॉन्ग के बीच एक द्विपक्षीय बैठक नई दिल्ली में आयोजित की गई।
खबर का अवलोकन:-
- इस बैठक में दोनों पक्षों के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी भाग लिया, जिसमें संबंधित मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।
- विधि और न्याय राज्य मंत्री भारत और वियतनाम के बीच द्विपक्षीय बैठक
दोनों देशों के मध्य सहयोग का अवसर:
- केन्द्रीय विधि मंत्री ने दोनों देशों के बीच पिछले 50 से भी अधिक वर्षों के दौरान विकसित हुए घनिष्ठ मैत्रीपूर्ण संबंधों का स्मरण किया।
- भारत की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ का मुख्य भागीदार होने के कारण वियतनाम की प्रशंसा की।
- दोनों पक्षों ने इस अवसर का उपयोग विधि और न्याय के विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के उपायों के बारे विचार-विमर्श करने के लिए किया।
- इससे द्विपक्षीय संबंध एक व्यापक रणनीतिक भागीदार होने की स्थिति के अनुरूप नई ऊंचाइयों पर पहुंचेंगे।
- यह बैठक विधि और न्याय के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की संभावनाओं के प्रयासों की दिशा में लाभदायक सिद्ध हुई है।
- दोनों पक्ष समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने सहित विधि और न्याय के क्षेत्र में सहयोग के व्यापक क्षेत्रों पर चर्चा को आगे बढ़ाने के बारे में आधिकारिक स्तर पर विचार-विमर्श करने के लिए भी सहमत हुए हैं।
वियतनाम:
- यह दक्षिणपूर्व एशिया के हिन्दचीन प्रायद्वीप के पूर्वी भाग में स्थित है।
- इसके पूर्व में दक्षिण चीन सागर, उत्तर में चीन, उत्तर पश्चिम में लाओस और दक्षिण पश्चिम में कंबोडिया स्थित है।
- राजधानी: हनोई
- प्रधानमंत्री: फ़ाम मिन्ह चिन्ह
- मुद्रा: वियतनामी दोंग
10. नई दिल्ली में भारत-यूके ‘इलेक्ट्रिक प्रणोदन तकनीकी कार्यशाला’ का आयोजन
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03 जुलाई 2023 को भारत-यूके ‘इलेक्ट्रिक प्रणोदन तकनीकी कार्यशाला’ का आयोजन नई दिल्ली में किया गया।
खबर का अवलोकन:-
- इसका उद्देश्य विद्युत प्रणोदन के क्षेत्र में सहयोग, ज्ञान का आदान-प्रदान और रोमांचक संभावनाओं का पता लगाना है।
- इस कार्यशाला की सह-अध्यक्षता भारत की ओर से राजीव प्रकाश, संयुक्त सचिव (नौसेना प्रणाली) और ब्रिटेन की ओर से कमोडोर जॉन वोयस, नौसेना बेस कमांडर, पोर्ट्समाउथ ने किया।
- इस कार्यशाला ने दोनों देशों के विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और उद्योग जगत के पेशेवरों के लिए एक साथ आने, अपनी जानकारियां साझा करने और जहाजों में इलेक्ट्रिक प्रणोदन के विकास पर सार्थक चर्चा में शामिल होने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य किया।
- इसमें हुई बातचीत और चर्चाओं ने विषय-वस्तु की व्यापक समझ प्रदान की और सहयोग एवं विचारों का आदान-प्रदान करने का मार्ग प्रशस्त किया।
- कार्यशाला के दौरान, दोनों देशों ने मजबूत रक्षा संबंध स्थापित करने, संयुक्त अनुसंधान करने, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण एवं रणनीतिक साझेदारी के लिए मार्ग तलाश करने की अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।
यूनाइटेड किंगडम:
- यह उत्तर पश्चिमी यूरोप में स्थित एक द्वीप राष्ट्र है। इसमें चार देश शामिल हैं: इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड।
- राजधानी - लंदन
- प्रधान मंत्री - ऋषि सुनक
- सम्राट - चार्ल्स तृतीय