1. प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार 2023
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 10 जनवरी 2023 को 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के समापन सत्र पर 27 प्रवासी भारतीयों को प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार से सम्मानित किया।
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यह प्रवासी भारतीयों को दिया जाने वाला सबसे बड़ा पुरस्कार है, जो विदेशों में उनकी विशिष्ट योगदान एवं उपलब्धियों के लिए दिया जाता है।
सम्मान प्राप्तकर्ताओं में मुख्य गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली और सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी को भी यह सम्मान दिया गया। इस सन्दर्भ में कुछ प्रमुख पुरस्कार प्राप्त कर्ता उनके देश तथा संबंधित क्षेत्र का उल्लेख निम्न रूप में किया गया है:
पुरस्कार प्राप्त कर्ता देश क्षेत्र
अर्चना शर्मा स्विट्जरलैंड विज्ञान और प्रौद्योगिकी
रीना विनोद पुष्करणा इजराइल व्यापार और समाज कल्याण
वैकुंठम अय्यर लक्ष्मणन कनाडा शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छ प्रौद्यो.
शिवकुमार नदेसन श्रीलंका सामुदायिक कल्याण
जगदीश चेन्नुपति ऑस्ट्रेलिया विज्ञान, तकनीक और शिक्षा
संजीव मेहता भूटान शिक्षा
दिलीप लुंडो ब्राजील कला-संस्कृति-शिक्षा
अलेक्जेंडर मालियाकेल जॉन ब्रूनेई मेडिसिन
जोगिंदर सिंह निज्जर क्रोएशिया कला और संस्कृति
रामजी प्रसाद डेनमार्क आईटी
कन्नन अंबालम इथोपिया सामुदायिक कल्याण
सम्मान प्राप्तकर्ताओं का चयन
प्रवासी भारतीय सम्मान प्राप्तकर्ताओं का चयन उपराष्ट्रपति की अध्यक्षता वाली एक समिति करती है। जिसमें विदेश मंत्री (एस जयशंकर) इसके उपाध्यक्ष होते हैं। जबकि समिति के अन्य सदस्य भिन्न जगहों से आते हैं।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार के लिए समिति नामांकनों पर विचार करती है और सर्वसम्मति से विजेताओं का चयन किया जाता है।
पुरस्कार पाने वाले प्रवासी विदेशों में अलग-अलग क्षेत्रों में अपने कामों के जरिये पहचान बनाने वाले होते हैं।
2. भारतीय शांतिरक्षकों को अनुकरणीय सेवा के लिए संयुक्त राष्ट्र पदक से सम्मानित किया गया
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दक्षिण सूडान में संयुक्त राष्ट्र मिशन (यूएनएमआईएसएस) में सेवारत 1,000 से अधिक भारतीय शांति सैनिकों को एक पुरस्कार समारोह में प्रतिष्ठित संयुक्त राष्ट्र पदक से सम्मानित किया गया।
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अपर नाइल में एक विशेष पुरस्कार समारोह में, दक्षिण सूडान में संयुक्त राष्ट्र मिशन के साथ तैनात भारत के 1,171 शांति सैनिकों को उनकी अनुकरणीय सेवा के लिए संयुक्त राष्ट्र पदक से सम्मानित किया गया।
पहली बार, भारतीय सेना की एक महिला अधिकारी, मेजर जैस्मीन चट्ठा ने अपर नाइल में पुरस्कार समारोह में भारतीय दल की परेड का नेतृत्व किया।
भारत संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों के लिए सबसे बड़ा सैन्य-योगदान करने वाले देशों में से एक है
भारत के शांति सैनिकों की उत्कृष्ट कार्यों और मिशनों में सेवा के दौरान उनके कर्तव्यों की सराहना की जाती है।
जून 2022 तक, 2370 भारतीय सैन्य कर्मियों को यूएनएमआईएसएस के साथ तैनात किया गया है, जो रवांडा (2637) के बाद दूसरे स्थान पर है।
संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना के बारे में
संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना 1948 में शुरू हुई जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने मध्य पूर्व में संयुक्त राष्ट्र के सैन्य पर्यवेक्षकों की तैनाती को अधिकृत किया।
यह देशों को संघर्ष से शांति के कठिन रास्ते पर लाने में मदद करता है।
यह शांति स्थापना के लिए दुनिया भर से सैनिकों और पुलिस को तैनात करता है।
भारत संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में सबसे बड़े सैन्य और पुलिस योगदानकर्ताओं में से एक है।
वर्तमान में 12 संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में से नौ में 5,700 से अधिक भारतीय शांति सैनिक तैनात हैं।
3. आरआरआर के नाटू नाटू ने सर्वश्रेष्ठ मूल गीत के लिए ऐतिहासिक गोल्डन ग्लोब जीता
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साउथ सिनेमा की फिल्म आरआरआर ने 80वां 'गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड्स 2023' पुरस्कार समारोह में इतिहास रच दिया है, फिल्म के तेलुगू गीत 'नाटू नाटू' को बेस्ट सॉन्ग का पुरस्कार मिला है.
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'नाटू नाटू' यह प्रतिष्ठित पुरस्कार जीतने वाला पहला भारतीय गीत है।
इस गाने को एमएम कीरावनी ने कंपोज किया है और इसे काल भैरव और राहुल सिप्लिगुंज ने गाया है।
'गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड्स 2023' पुरस्कार में फिल्म 'आरआरआर' को दो श्रेणियों में नामांकन मिला था, जिनमें एक 'सर्वश्रेष्ठ फिल्म- गैर अंग्रेजी' और दूसरा 'सर्वश्रेष्ठ मूल गीत-चलचित्र' शामिल हैं।
राजामौली द्वारा निर्देशित 'आरआरआर' राष्ट्रवाद और भाईचारे पर आधारित है।
इसमें मशहूर अभिनेता राम चरण और जूनियर एनटीआर मुख्य भूमिका में हैं।
फिल्म में इन दोनों ने वास्तविक जीवन के भारतीय क्रांतिकारियों अल्लूरी सीताराम राजू और कोमाराम भीम की भूमिका निभाई है।
यह फिल्म स्वतंत्रता से पहले के दौर की काल्पनिक कहानी पर आधारित है।
फिल्म 'आरआरआर' इस पुरस्कारों में नामांकन पाने वाली दो दशक के बाद पहली भारतीय फिल्म है।
राजामौली ने हाल ही में सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए प्रतिष्ठित न्यूयॉर्क फिल्म क्रिटिक्स सर्कल का पुरस्कार जीता।
इससे पहले ‘विदेशी भाषा' श्रेणी में फिल्मों 'सालाम बॉम्बे!' (1988) और 'मॉनसून वेडिंग' (2001) फ़िल्में नामांकित की गई थीं। इन दोनों फिल्मों का निर्देशन मीरा नायर ने किया था और दोनों ही फिल्में 'आरआरआर' से पूरी तरह से अलग हैं।
4. ऑस्कर 2023 के लिए चुनी गई विवेक अग्निहोत्री की 'द कश्मीर फाइल्स'
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विवेक अग्निहोत्री की फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' को ऑस्कर 2023 के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया है। अर्थात अब यह फिल्म ऑस्कर पाने के लिए क्वालीफाई कर चुकी है।
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अभिनेता अनुपम खेर, मिथुन चक्रवर्ती, दर्शन कुमार और पल्लवी जोशी को भी सर्वश्रेष्ठ अभिनेता श्रेणी के लिए चुना गया है।
ऋषभ शेट्टी की 'कंटारा', संजय लीला भंसाली की 'गंगूबाई काठियावाड़ी', पान नलिन की 'द छेल्लो शो' और एसएस राजामौली की 'आरआरआर' ने भी ऑस्कर की शॉर्टलिस्ट में जगह बनाई है।
मूल रूप से 16 करोड़ रुपये से कम के बजट के साथ कन्नड़ में बनी 'कंटारा' बॉक्स ऑफिस पर 400 करोड़ रुपये के साथ सबसे ज्यादा कमाई करने वाली कन्नड़ फिल्मों में से एक बन गई।
मराठी फिल्में मैं वसंतराव, तुझया साथी कही ही, कन्नड़ फिल्म 'विक्रांत रोना' और आर माधवन की 'रॉकेटरी: द नंबी इफेक्ट' को भी ऑस्कर 2023 के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया है।
फिल्म 'रॉकेटरी: द नंबी इफेक्ट' इसरो के वैज्ञानिक नंबी नारायणन की बायोपिक है, जिन पर इसरो के लिए जासूसी करने का आरोप लगा था और बाद में उन्हें बरी कर दिया गया था।
इनके अलावा, शौनक सेन और कार्तिकी गोंस्लेव्स की डॉक्यूमेंट्री 'ऑल दैट ब्रीथ्स' 'द एलिफेंट व्हिस्परर्स' भी सूची का हिस्सा है।
5. सीजेआई चंद्रचूड़ को हार्वर्ड लॉ स्कूल सेंटर द्वारा 'वैश्विक नेतृत्व के लिए पुरस्कार' से सम्मानित किया जाएगा
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भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ को राष्ट्रिय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कानूनी पेशे के लिए उनकी आजीवन सेवा के सम्मान में ‘हार्वर्ड लॉ स्कूल सेंटर’ द्वारा "वैश्विक नेतृत्व के लिए पुरस्कार" के लिए चुना गया है।
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यह पुरस्कार सीजेआई चंद्रचूड़ को 11 जनवरी 2023 को एक ऑनलाइन कार्यक्रम में प्रदान किया गया।
चंद्रचूड़ ने संयुक्त राज्य अमेरिका के हार्वर्ड लॉ स्कूल से एलएलएम की डिग्री और ज्यूरिडिकल साइंसेज (एसजेडी) में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त किया है।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़, जो अयोध्या भूमि विवाद मामले सहित कई ऐतिहासिक निर्णय देने वाली शीर्ष अदालत की बेंच का भाग रह चुके हैं।
डॉ डी वाई चंद्रचूड़
धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ का जन्म 11 नवंबर 1959 को मुंबई में हुआ।
उन्होंने सेंट कोलंबस स्कूल से स्कूली शिक्षा ग्रहण की और सेंट स्टीफंस कॉलेज से अर्थशास्त्र में बीए ऑनर्स करने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के ही कैंपस लॉ सेंटर से एलएलबी किया और उसके बाद अमेरिका के हार्वर्ड लॉ स्कूल से एलएलएम और न्यायिक विज्ञान में डॉक्टरेट की उपाधि ग्रहण किया।
डॉ डी वाई चंद्रचूड़ का न्यायिक जीवन
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ को जून 1998 में बंबई उच्च न्यायालय द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता नामित किया गया और वह उसी वर्ष अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किए गए।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ 29 मार्च 2000 से 31 अक्टूबर 2013 तक बंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रहे।
इसके पश्चात् इन्हें इलाहाबाद उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया। 9 नवंबर, 2022 को इन्होंने 50वें सीजेआई के रूप में शपथ ग्रहण किया।
6. ओडिशा के जग मिशन ने वर्ल्ड हैबिटेट अवार्ड 2023 जीता
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ओडिशा सरकार का झुग्गी सुधार और पट्टा सुरक्षा कार्यक्रम, जग (ओडिशा लाइवेबल हैबिटेट मिशन) मिशन ने यूएन-हैबिटेट का वर्ल्ड हैबिटेट पुरस्कार 2023 जीता है।इस वर्ष इसे कांस्य पदक से सम्मानित किया गया।
यह दूसरी बार है जब इस कार्यक्रम को यूएन-हैबिटेट का वर्ल्ड हैबिटेट अवार्ड मिला है। 2019 में, परियोजना को झुग्गीवासियों को भूमि पट्टा सुरक्षा प्रदान करने में अपनी सफलता के लिए यूएन-हैबिटेट का वर्ल्ड हैबिटेट पुरस्कार प्राप्त हुआ थ ।
यह पुरस्कार यूनाइटेड नेशन (यूएन)-हैबिटेट के साथ साझेदारी में यूनाइटेड किंगडम स्थित संगठन वर्ल्ड हैबिटेट द्वारा हर साल दुनिया भर से अभिनव, उत्कृष्ट और क्रांतिकारी विचारों, परियोजनाओं और कार्यक्रमों की पहचान के लिए दिया जाता है।
ओडिशा सरकार की जग मिशन योजना
ओडिशा सरकार ने मई 2018 में "स्लम निवासियों के लिए ओडिशा भूमि अधिकार अधिनियम, 2017” के आधार पर जग मिशन शुरु किया था। यह दुनिया की सबसे बड़ी, झुग्गीवासियों को भूमि पट्टा सुरक्षा प्रदान करना और उसे उन्नत करना वाला पहल है।
इसका लक्ष्य ओडिशा को 2023 के अंत तक झुग्गीमुक्त होने वाला भारत का पहला राज्य बनाना है।
मिशन की उपलब्धियां
राज्य सरकार के अनुसार, जग मिशन के तहत राज्य में 2,919 मलिन बस्तियों में से;
- 2,724 मलिन बस्तियों में 100 प्रतिशत घरों को पाइप जल कनेक्शन प्रदान किया गया है,
- 707 मलिन बस्तियाँ पूरी तरह से रहने योग्य आवासों में परिवर्तित हो गई हैं,
- 666 मलिन बस्तियों में 100 प्रतिशत घरों में व्यक्तिगत शौचालय हैं, और
- 8 शहर स्लम मुक्त हो गए हैं।”
- पिछले पांच वर्षों में, 1,75,000 परिवारों को भूमि पट्टा सुरक्षा प्रदान की गई है।
ओडिशा के मुख्यमंत्री: नवीन पटनायक
7. 'निजात' अभियान को अंतर्राष्ट्रीय आईएसीपी पुरस्कार 2022 के लिए चुना गया
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अमेरिका स्थित अंतरराष्ट्रीय संगठन इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ चीफ्स ऑफ पुलिस (IACP) ने संस्थागत श्रेणी में 'अपराध निवारण में नेतृत्व' के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस के नशीली दवाओं और अवैध शराब विरोधी अभियान 'निजात' का चयन किया है।
महत्वपूर्ण तथ्य
2022 की शुरुआत में, गृह मंत्रालय के एक संगठन, ब्यूरो ऑफ़ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (BPR&D) ने 'निजात' अभियान को देश के तीस सर्वश्रेष्ठ स्मार्ट-पुलिसिंग अभियानों में शामिल किया।
राजनांदगांव पुलिस के नशा और अवैध शराब विरोधी अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन और उसके परिणामों से अमेरिका की अंतर्राष्ट्रीय संस्था इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ चीफ्स ऑफ पुलिस (आईएसीपी) काफी प्रभावित हुई है।
‘निजात’ अभियान के बारे में
यह छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा आईपीएस अधिकारी संतोष कुमार सिंह के नेतृत्व में शुरू किया गया था, जिन्होंने कोरिया, राजनांदगांव के जिलों और वर्तमान में कोरबा में नशा और अवैध शराब के खिलाफ गहन अभियान चलाया था।
इस अभियान के तहत शहर से गांव तक नशे के खिलाफ लोगों में व्यापक जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है।
मिशनरी उत्साह के साथ एक नशा मुक्त समाज बनाने के लिए एकमात्र सफल अभियान - 'निजात' के आश्चर्यजनक परिणाम देखे गए।
इस अभियान ने अवैध ड्रग्स, नशीले पदार्थों और शराब के अवैध व्यापार को समाप्त करने के साथ-साथ इसकी तस्करी को रोकने का दायित्व लिया।
अंतर्राष्ट्रीय संगठन इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ चीफ्स ऑफ पुलिस (IACP)
यह पुलिस के लीडर्स के लिए दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे प्रभावशाली पेशेवर संघ है।
170 से अधिक देशों में 32,000 से अधिक सदस्यों के साथ, यह वैश्विक पुलिसिंग में मान्यता प्राप्त लीडर है, जो विचारशील, प्रगतिशील पुलिस नेतृत्व के माध्यम से सुरक्षित समुदायों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
इसकी स्थापना 1893 में हुई थी।
यह अलेक्जेंड्रिया, वर्जीनिया (संयुक्त राज्य अमेरिका) में स्थित है।
8. डेटा साइंस में आईआईटी मद्रास के बीएस और एनपीटीईएल ने व्हार्टन-क्यूएस रीइमेजिन एजुकेशन अवार्ड्स जीते
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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (IIT मद्रास) ने व्हार्टन-क्यूएस रीइमैजिन एजुकेशन अवार्ड्स में महत्वपूर्ण पहचान हासिल की है, जिसे 'शिक्षा का ऑस्कर' कहा जाता है।
महत्वपूर्ण तथ्य
डेटा साइंस और एप्लिकेशन में आईआईटी मद्रास बीएस ने 'सर्वश्रेष्ठ ऑनलाइन कार्यक्रम' श्रेणी में रजत जीता, जबकि आईआईटी और आईआईएससी की संयुक्त पहल एनपीटीईएल (नेशनल प्रोग्राम ऑन टेक्नोलॉजी एनहैंस्ड लर्निंग) ने 'आजीवन सीखने की श्रेणी' में स्वर्ण जीता।
व्हार्टन-क्यूएस रीइमेजिन एजुकेशन अवार्ड्स शिक्षा में नवाचार और उत्कृष्टता को बढ़ावा देने वाले शिक्षकों, संस्थानों और संगठनों की उत्कृष्ट उपलब्धियों को मान्यता देते हैं।
पुरस्कार श्रेणियों को शिक्षा क्षेत्र की विविधता को दर्शाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
विजेताओं का चयन एक विशेषज्ञ पैनल द्वारा किया जाता है। इस वर्ष का पुरस्कार समारोह हाल ही में व्हार्टन कैंपस, फिलाडेल्फिया, यूएसए में आयोजित किया गया था।
आईआईटी मद्रास का बीएस डिग्री प्रोग्राम
प्रोग्राम में वर्तमान में विभिन्न स्तरों पर 15,000 से अधिक छात्र नामांकित हैं।
इसका उद्देश्य छात्रों को उनके करियर की यात्रा में आगे रहने में मदद करना है। यह प्रोग्राम हाइब्रिड मोड में है जिसमें ऑनलाइन डिलीवरी और इन-पर्सन असेसमेंट शामिल है।
नेशनल प्रोग्राम ऑन टेक्नोलॉजी एनहैंस्ड लर्निंग (एनपीटीईएल)
एनपीटीईएल प्रमाणीकरण के लिए 4,000 से अधिक पाठ्यक्रम प्रदान करता है, जिसमें दो करोड़ से अधिक नामांकन और 23 लाख से अधिक परीक्षा पंजीकरण हैं।
यह भारत का सबसे बड़ा तकनीकी प्रसार कार्यक्रम है। यह सात आईआईटी और आईआईएससी का संघ है और आईआईटी मद्रास इस प्रयास का नेतृत्व करता है।
इसने अपस्किलिंग और री-स्किलिंग सहित व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास के अवसर प्रदान करने के लिए लाइफलॉन्ग लर्निंग श्रेणी में गोल्ड जीता है।
9. रवींद्रनाथ टैगोर साहित्य पुरस्कार 2021-22 संयुक्त रूप से सुदीप सेन और शोभना कुमार ने जीता
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रवींद्रनाथ टैगोर साहित्यिक पुरस्कार 2021-22 संयुक्त रूप से सुदीप सेन को फॉर्मबेंडर एंथ्रोपोसीन: क्लाइमेट चेंज, कंटैगियन, कंसोलेशन (पिप्पा रण बुक्स एंड मीडिया, 2021) के लिए और शोभना कुमार को उनके हाइबुन संग्रह 'ए स्काई फुल ऑफ बकेट' लिस्ट्स' (लाल नदी, 2021) के लिए दिया गया।
महत्वपूर्ण तथ्य
सामाजिक उपलब्धि के लिए टैगोर पुरस्कार जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के निर्माता संजय के रॉय को दिया गया।
विजेताओं को 26 दिसंबर को इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में $10,000 और रवींद्रनाथ टैगोर की एक प्रतिमा प्रदान की गई।
सुदीप सेन ने कविता, गद्य, रचनात्मक नॉन-फिक्शन और फोटोग्राफी के संग्रह ‘एंथ्रोपोसिन: क्लाइमेट चेंज, कॉन्टैगियन, कंसोलेशन’ में अपने उल्लेखनीय काम के लिए यह पुरस्कार जीता।
महामारी पर लिखी उनकी कविताएं उपचार और संवेदनशीलता की ओर इशारा करती हैं जो अभी भी मानवीय गुणों के रूप में मौजूद हैं।
शोभना कुमार ने जापान की हाइबुन शैली में कविताओं के संग्रह ‘ए स्काई फुल ऑफ़ बकेट लिस्ट्स’ में अपने बेहतरीन काम के लिए टैगोर पुरस्कार जीता।
हाइबुन अनुभव पर आधारित कहानी या वर्णन है जिसमें अपनी संवेदनाओं को पिरोया जाता है।
यह गद्य और हाइकू के संयोजन से जापान में पैदा हुआ एक समसामयिक साहित्यिक रूप है।
रवींद्रनाथ टैगोर साहित्य पुरस्कार के बारे में
रवींद्रनाथ टैगोर साहित्य पुरस्कार 2018 में साहित्यिक और सामाजिक उपलब्धियों को वार्षिक रूप से मान्यता देने के लिए शुरू किया गया था।
2020 में, राज कमल झा, मुख्य संपादक, द इंडियन एक्सप्रेस, द सिटी एंड द सी (2019, पेंगुइन बुक्स) के लिए पुरस्कार जीता था, और 2019 में, यह कबीर को कबीर की एक सौ कविताओं के लिए मरणोपरांत प्रदान किया गया था।
10. साहित्य अकादमी पुरस्कार 2022
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साहित्य अकादमी द्वारा वर्ष 2022 के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार 2022 की घोषणा की गई है।
महत्वपूर्ण तथ्य
साहित्य अकादमी ने अलग-अलग भाषाओं में पुरस्कारों की घोषणा की है, जिसमें कविता, कहानी, लघु कथा, नाटक, साहित्यक आलोचना, आत्मकथा, साहित्यक अतीत शामिल हैं।
ये पुरस्कार 11 मार्च 2023 को नई दिल्ली में प्रदान किए जाएंगे। इस वर्ष हिंदी के प्रसिद्ध कवि बद्री नारायण को साहित्य अकादमी अवॉर्ड दिया जाएगा।
इसके अतिरिक्त अंग्रेजी के लिए अनुराधा रॉय और उर्दू के लिए अनीस अशफाक को इस साल का साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया जाएगा।
वर्ष 2022 के लिए साहित्य अकादेमी पुरस्कार विजेताओं की सूची
भाषा | शीर्षक और शैली | लेखक का नाम |
असमिया | भूल सत्य (लघु कथाएँ) | मनोज कुमार गोस्वामी |
बोडो | संश्रिनी मोदिरा (कविता) | रश्मि चौधरी |
डोगरी | छे रूपक (नाटक) | वीना गुप्ता |
अंग्रेज़ी | ऑल द लाइव्स वी नेवर लिव्ड (उपन्यास) | अनुराधा राय |
गुजराती | घेर जतन (आत्मकथात्मक निबंध) | गुलाम मोहम्मद शेख |
हिंदी | तुमड़ी के शब्द, कविता-संग्रह | बद्री नारायण |
कन्नडा | बहुतवाद भारत मट्टु बुद्ध तात्विकते | मुदनाकुडु चिन्नास्वामी |
कश्मीरी | जायल डाब (साहित्यिक आलोचना) | फारूक फैयाज |
कोंकणी | अमृतवेल (उपन्यास) | माया अनिल खरांगटे |
मैथिली | पेन-ड्राइव मी पृथ्वी (कविता) | अजीत आजाद |
मलयालम | आशांटे सीतायनम (साहित्यिक आलोचना) | एम थॉमस मैथ्यू |
मणिपुरी | लेइरोननुंग (कविता) | कोइजाम शांतिबाला |
मराठी | उजव्या सोंदेच्य बाहुल्य (उपन्यास) | प्रवीण दशरथ बांदेकर |
नेपाली | साइनो (नाटक) | के.बी. नेपाली |
ओडिया | दयानदी (कविता) | गायत्रीबाला पांडा |
पंजाबी | मैं आयनघोष नहीं (लघु कथाएँ) | सुरजीत |
राजस्थानी | आलेखुन अम्बा (प्ले) | कमल रंगा |
संस्कृत | दीपमाणिक्यम (कविता) | जनार्दन प्रसाद पाण्डेय ‘मणि’ |
संताली | सबर्णका बलिरे सनन’ पंजय (कविता) | काजली सोरेन (जगन्नाथ सोरेन) |
सिन्धी | सिंधी साहित्य जो मुख्तसर इतिहास | कन्हैयालाल लेखवानी |
तमिल | काला पानी (उपन्यास) | एम. राजेंद्रन |
तेलुगु | मनोधर्मपरागम (उपन्यास) | मधुरंथकम नरेंद्र |
उर्दू | ख्वाब साराब (उपन्यास) | अनीस अशफाक |