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By admin: Nov. 21, 2022

1. इंडोनेशिया में आए भूकंप में 60 से ज्यादा लोगों की मौत

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21 नवंबर 2022 को इंडोनेशिया के पश्चिम जावा प्रांत में 5.6 तीव्रता के भूकंप में 60 से अधिक लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग घायल हो गए। हालांकि मरने वालों की संख्या में और वृद्धि होने की संभावना है क्योंकि कई लोग अभी भी मलबे के नीचे फंसे हुए हैं।

भूकंप का उपरिकेंद्र राजधानी जकार्ता से लगभग 75 किमी (45 मील) दक्षिण-पूर्व में पश्चिम जावा प्रांत में सियानजुर शहर के पास था।

इंडोनेशिया "पैसिफ़िक रिंग ऑफ़ फायर" पर स्थित है, जो अत्यधिक भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्र है, जहाँ पृथ्वी की पपड़ी पर विभिन्न प्लेटें मिलती हैं और बड़ी संख्या में भूकंप और ज्वालामुखी बनाती हैं।

2004 में, उत्तरी इंडोनेशिया में सुमात्रा द्वीप पर 9.1 तीव्रता के भूकंप ने सुनामी को जन्म दिया था जिसने 14 देशों को प्रभावित किया था तथा इसमें हिंद महासागर के तट पर 226,000 लोग मारे गए थे और इनमें से आधे से अधिक इंडोनेशिया के थे।

भूकंप

जब पृथ्वी की प्लेटें आपस में टकराती हैं तब भूकंप आते हैं। पृथ्वी का स्थलमंडल 7 बड़ी प्लेटों में बटा हुआ है जो कि 50 मील मोटाई वाला होता है ये प्लेटें ऊपरी मेंटल की पिघली हुई सतह पर तैरती हैं। और जब ये आपस में टकरातीं हैं तो ऊर्जा तरंगें निकलती हैं जो पृथ्वी की सतह पर कंपन पैदा करती हैं जिसे भूकंप कहा जाता है।

पृथ्वी की सतह के नीचे का वह स्थान जहाँ से भूकंप शुरू होता है, हाइपोसेंटर (अवकेन्द्र) कहलाता है, और इसके ठीक ऊपर पृथ्वी की सतह पर स्थित स्थान को अधिकेंद्र कहा जाता है।

भूकंपों को सिस्मोग्राफ नामक उपकरणों द्वारा रिकॉर्ड किया जाता है। वे जो रिकॉर्डिंग करते हैं उसे सिस्मोग्राम कहते हैं।

भूकंप मापने के पैमाने को रिक्टर स्केल कहते हैं। यह एक गणितीय पैमाना है जिसका उपयोग भूकंप तरंगों की तीव्रता को मापने के लिए किया जाता है। यह 0 से 9 तक होता है। हालांकि यह 9 से ज्यादा भी हो सकता है।


By admin: Nov. 21, 2022

2. भारत और यूरोपीय संघ ने उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग में सहयोग के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए

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cooperation in high-performance computing

भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) ने 21 नवंबर 2022 को जलवायु मॉडलिंग और क्वांटम प्रौद्योगिकियों जैसे हाई-टेक क्षेत्रों में सहयोग के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।यह समझौता 25 अप्रैल 2022 को नई दिल्ली में यूरोपीय संघ आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन की यात्रा के दौरान हस्ताक्षरित भारत-यूरोपीय संघ टीटीसी (व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद) समझौते के प्रावधान को लागू करता है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (एमईआईटीवाई)) और संचार नेटवर्क, सामग्री और प्रौद्योगिकी के लिए यूरोपीय आयोग के महानिदेशालय  (डीजी कनेक्ट) द्वारा एक आभासी समारोह के दौरान  'उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग ,मौसम चरम और जलवायु मॉडलिंग और क्वांटम टेक्नोलॉजीज पर सहयोग का इरादा' नामक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।समझौते पर एमईआईटीवाई के सचिव अलकेश कुमार शर्मा और डीजी कनेक्ट के महानिदेशक रॉबर्टो वियोला ने हस्ताक्षर किए।

इस समझौते का उद्देश्य जैव-आणविक दवाओं, कोविड-19 चिकित्सीय, जलवायु परिवर्तन को कम करने, प्राकृतिक आपदाओं की भविष्यवाणी करने और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसे क्षेत्रों में भारतीय और यूरोपीय सुपर कंप्यूटरों का उपयोग करके उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग अनुप्रयोगों पर सहयोग की सुविधा प्रदान करना है।

भारत-यूरोपीय संघ टीटीसी (व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद)

भारत-यूरोपीय संघ टीटीसी (व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद) व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद व्यापार, विश्वसनीय प्रौद्योगिकी और सुरक्षा के गठजोड़ की चुनौतियों से निपटने के लिए एक रणनीतिक समन्वय तंत्र है ।

इस तंत्र के तहत भारत और यूरोपीय संघ दोनों रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मुद्दों जैसे 5जी कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्वांटम कंप्यूटिंग, स्वास्थ्य संबंधी प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन मॉडलिंग पर मिलकर काम करेंगे।

भारत का दुनिया के किसी भी देश के साथ ऐसा कोई समझौता नहीं है यह यूरोपीय संघ के साथ इस तरह का पहला समझौता है।

संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद भारत दूसरा देश है जिसके साथ यूरोपीय संघ ने इस तरह का समझौता किया है।

यूरोपीय संघ

यूरोपीय संघ 27 यूरोपीय देशों का समूह है।

यूनाइटेड किंगडम जो यूरोपीय संघ का संस्थापक सदस्य था, उसने संगठन छोड़ दिया है।

इसकी स्थापना 1 नवंबर 1993 को हुई थी।

मुख्यालय: ब्रुसेल्स, बेल्जियम


By admin: Nov. 21, 2022

3. भारत फ्रांस से एआई सम्बन्धी वैश्विक भागीदारी का अध्यक्ष पद ग्रहण करेगा

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India to take over Chairmanship

भारत 21 नवंबर 2022 को जापान के टोक्यो में आयोजित तीसरे ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (जीपीएआई) के दौरान फ्रांस  से अध्यक्षता ग्रहण  करेगा। भारत  2022-23 की अवधि के लिए जीपीएआई  का अध्यक्ष होगा।

फ्रांस प्रतीकात्मक रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर को अध्यक्षता सौंपेगा जो 2 दिवसीय (21-22 नवंबर) टोक्यो शिखर बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

एआई ( आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस), उन प्रणालियों या मशीनों को संदर्भित करता है जो कार्यों को करने के लिए मानव बुद्धि की नकल करते हैं और जो जानकारी एकत्र करते हैं, उसके आधार पर खुद को बेहतर बना सकते हैं।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का 2025 तक भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 450 से 500 बिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान करने की उम्मीद है, जो देश के 5 ट्रिलियन डॉलर जीडीपी लक्ष्य का 10 प्रतिशत है। 2035 तक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भारतीय अर्थव्यवस्था में योगदान 967 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है ।

ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (जीपीएआई)

15 जून, 2020 को पंद्रह सदस्यों के साथ ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (जीपीएआई) शुरू किया गया था। भारत जीपीएआई के संस्थापक सदस्य देशों में से एक है।

यह पहल विज्ञान, उद्योग, नागरिक समाज, सरकारों, अंतर्राष्ट्रीय निकायों और शिक्षा जैसे क्षेत्रों के विशेषज्ञों को एक मंच पर एक साथ लाकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम प्रौद्योगिकी) पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए सुविधा प्रदान करती है।

वर्तमान में, जीपीएआई के पच्चीस सदस्य देश  हैं: ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, ब्राजील, कनाडा, चेक गणराज्य, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, भारत, आयरलैंड, इज़राइल, इटली, जापान, मैक्सिको, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, पोलैंड, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, स्लोवेनिया, स्पेन, स्वीडन, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ हैं ।


By admin: Nov. 20, 2022

4. नेटवर्क रेडीनेस इंडेक्स 2022 में भारत ने 61वां स्थान प्राप्त किया

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India moves up 6 place to be ranked 61st

हाल ही में जारी नेटवर्क रेडीनेस इंडेक्स 2022 (एनआरआई 2022) में भारत ने अपनी रैंक में 6 स्थानों का सुधार कर 61वें स्थान पर पहुंच गया है। अमेरिका स्थित गैर-लाभकारी संस्था पोर्टुलन्स इंस्टीट्यूट द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में भारत की तारीफ की गई है और कहा गया है कि "भारत के पास अपनी आय के स्तर को देखते हुए उम्मीद से कहीं अधिक नेटवर्क तत्परता है"।

नेटवर्क रेडीनेस इंडेक्स के अलग-अलग चार स्तंभ; प्रौद्योगिकी, लोग, शासन और प्रभाव में 58 वेरिएबल पर 131 देशों की रैंक की जाती है ।

भारत का प्रदर्शन

  • भारत ने अपना स्कोर 2021 में 49.74 से सुधार कर 2022 में 51.19 कर लिया।
  • भारत ने "एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) प्रतिभा एकाग्रता" में पहला स्थान, "देश के भीतर मोबाइल ब्रॉडबैंड इंटरनेट ट्रैफिक" व "अंतरराष्ट्रीय इंटरनेट बैंडविड्थ" में दूसरा स्थान और "दूरसंचार सेवाओं में वार्षिक निवेश" व "घरेलू बाजार आकार" में तीसरा स्थान, "आईसीटी सेवा निर्यात" में चौथा स्थान और "एफटीटीएच बिल्डिंग इंटरनेट सब्सक्रिप्शन" व "एआई वैज्ञानिक प्रकाशन" में 5वां स्थान प्राप्त किया है।
  • यूक्रेन (50) और इंडोनेशिया (59) के बाद भारत निम्न-मध्यम-आय वाले देशों के समूह में 36 में से तीसरे स्थान पर है

नेटवर्क रेडीनेस इंडेक्स पर शीर्ष तीन रैंक वाले देश

संयुक्त राज्य अमेरिका 80.3 के समग्र स्कोर के साथ सूची में सबसे ऊपर है। इसके बाद 79.35 के स्कोर के साथ सिंगापुर दूसरे और 78.91 के स्कोर के साथ स्वीडन का स्थान रहा।

एशिया प्रशांत क्षेत्र में, सूची का नेतृत्व सिंगापुर ने किया, उसके बाद दक्षिण कोरिया दूसरे और जापान का स्थान तीसरा  रहा।

फुल फॉर्म

एफटीटीएच/FTTH : फाइबर टू द होम( Fiber to  the Home) 

आईसीटी /ICT:  इनफार्मेशन  कम्युनिकेशन  टेक्नोलॉजी (Information  Communication Technology )

एआई/ AI: आर्टिफीसियल  इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) 

By admin: Nov. 18, 2022

5. इसरो द्वारा लॉन्च किया गया भारत का पहला निजी तौर पर निर्मित रॉकेट, विक्रम-एस

Tags: Science and Technology


भारत का पहला निजी विक्रम-एस (सबऑर्बिटल) रॉकेट 18 नवंबर को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • रॉकेट कुल 83 किलोग्राम वजन के तीन पेलोड के साथ 89.5 किमी की ऊंचाई तक पहुंचा।

  • देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक विक्रम साराभाई को श्रद्धांजलि देते हुए स्काईरूट एयरोस्पेस द्वारा डिजाइन किए गए विक्रम-एस ने अपने पहले मिशन में सफलता प्राप्त की।

  • 2020 में केंद्र द्वारा अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी खिलाड़ियों के लिए खोले जाने के बाद स्काईरूट एयरोस्पेस भारत में पहली निजी तौर पर रॉकेट निर्मित करने वाली कंपनी बन गई है।

  • रॉकेट श्रीहरिकोटा से उड़ान भरने के बाद लगभग 115 किमी दूर बंगाल की खाड़ी के पानी में सुरक्षित रूप से गिर गया।

  • इस रॉकेट पर दो देसी और एक विदेशी पेलोड्स भी जा रहे हैं। छह मीटर ऊंचा यह रॉकेट दुनिया का पहला ऑल कंपोजिट रॉकेट है। इसमें थ्रीडी- प्रिटेंड सॉलिड लगे हैं ताकि उसकी स्पिन कैपिबिलिटी को संभाला जा सके।  

  • इस रॉकेट के माध्यम से एवियोनिक्स, टेलिमेट्री, ट्रैकिंग, इनर्शियल मेज़रमेंट, ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम, ऑनबोर्ड कैमरा, डेटा एक्वीजिशन और पावर सिस्टम की जांच की जाएगी।  

  • यह चेन्नई स्थित अंतरिक्ष स्टार्टअप स्पेसकिड्ज़, आंध्र प्रदेश स्थित एन-स्पेसटेक और आर्मेनिया की बाज़ूमक्यू स्पेस रिसर्च लैब से उपग्रह ले जाने वाली एक उप-कक्षीय उड़ान है।


By admin: Nov. 16, 2022

6. ब्लैकस्टोन ने भारत से अपना एशियन डाटा सेंटर कारोबार शुरू किया

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Blackstone launches Asian Data center

अमेरिकी बहुराष्ट्रीय निजी इक्विटी निवेशक ब्लैकस्टोन ने भारत से अपना एशियन डाटा सेंटर कारोबार शुरू किया है। देश में पांच स्थानों पर उपस्थिति के माध्यम से अगले दो वर्षों में इसे बढ़ाकर 600 मेगावाट करने की योजना है।

ब्लैकस्टोन ने 15 नवंबर 2022 को अपना डेटा सेंटर प्लेटफॉर्म लुमिना क्लाउड इन्फ्रा लॉन्च किया। लुमिना क्लाउड इन्फ्रा का स्वामित्व और प्रबंधन ब्लैकस्टोन के रियल एस्टेट और टैक्टिकल ऑपर्च्युनिटीज फंड द्वारा किया जाता है।

शुरुआत में डेटा सेंटर मुंबई और चेन्नई में स्थापित किया जाएगा, और बाद में इसे दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद और पुणे में स्थापित किया जाएगा।

एक अनुमान के अनुसार भारत की डाटा सेंटर बाजार  2027 तक 10 अरब डॉलर की होनी की उम्मीद है।

राष्ट्रीय डेटा केंद्र

सरकारी डेटा केंद्र की स्थापना और प्रबंधन राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) द्वारा किया गया है।पहला डेटा सेंटर 2008 में हैदराबाद में, उसके बाद 2010 में एनडीसी पुणे, 2011 में एनडीसी दिल्ली और 2018 में एनडीसी भुवनेश्वर में लॉन्च किया गया था।

यह सभी स्तरों पर सरकार को सेवाएं प्रदान करने के लिए विभिन्न राज्यों की राजधानियों में 37 छोटे डेटा केंद्रों का संचालन करता है।

भुवनेश्वर में राष्ट्रीय डेटा केंद्र (एनडीसी) एक क्लाउड-सक्षम डेटा केंद्र है जो अपनी स्थापना के बाद से सरकारी विभागों को क्लाउड सेवाएं प्रदान कर रहा है।

राष्ट्रीय डेटा केंद्र भारत सरकार द्वारा शुरू की गई विभिन्न ई-शासन पहलों के लिए सेवाएं प्रदान करके भारत में ई-शासन अवसंरचना का मूल है।

डेटा सेंटर एक ऐसी सुविधा है जो डेटा और अनुप्रयोगों के भंडारण, प्रसंस्करण और प्रसार के उद्देश्यों के लिए एक संगठन के साझा आईटी संचालन और उपकरणों को केंद्रीकृत करती है। क्योंकि वे एक संगठन की सबसे महत्वपूर्ण और मालिकाना संपत्ति रखते हैं इसलिए  दैनिक संचालन की निरंतरता के लिए डेटा केंद्र महत्वपूर्ण हैं।


By admin: Nov. 16, 2022

7. नासा ने कैनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा से अपना आर्टेमिस 1 मिशन लॉन्च किया

Tags: Science and Technology International News

NASA launches its Artemis 1 mission

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने 16 नवंबर, 2022 को कैनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा से अपना आर्टेमिस 1 मिशन लॉन्च किया।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • लॉन्च के लगभग आठ मिनट बाद, कोर स्टेज के इंजन कट गया और कोर स्टेज बाकी रॉकेट से अलग हो गया।

  • इसके बाद ओरियन अंतरिक्ष यान को इंटरिम क्रायोजेनिक प्रोपल्शन स्टेज (आईसीपीएस) द्वारा प्रक्षेपित किया गया।

  • नासा ने ओरियन अंतरिक्ष यान के चार सौर व्यूह-रचना को भी तैनात किया। 

  • "ट्रांसलूनर इंजेक्शन" पूरा करने के बाद, ओरियन ने खुद को ICPS से अलग कर लिया और अब वह चंद्र की कक्षा में जा रहा है।

आर्टेमिस 1 मिशन के बारे में 

  • अपोलो कार्यक्रम समाप्त होने के बाद 50 वर्षों में पहली बार, आर्टेमिस 1 का प्रक्षेपण अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा की सतह पर वापस लाने की अमेरिका का एक महत्वाकांक्षी मिशन है।

  • आर्टेमिस 1 लॉन्च नासा के 21वीं सदी के चंद्रमा-अन्वेषण कार्यक्रम की पहली उड़ान भी होगी।

  • चंद्रमा की सतह पर आर्टेमिस 1 के साथ, नासा का लक्ष्य नई तकनीकों, व्यावसायिक दृष्टिकोणों और क्षमताओं को प्रदर्शित करना है, जो मंगल सहित भविष्य के अन्वेषणों के लिए आवश्यक हैं।

  • लॉन्च का उद्देश्य चंद्रमा की उत्पत्ति और इतिहास के अध्ययन में और मदद करना है।

इसरो का मून एक्सप्लोरेशन मिशन 

  • चंद्रयान 1 

  • चंद्रयान-2

  • भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने हाल ही में भारत के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान -3 की घोषणा की, जिसमें एक लैंडर और एक रोवर शामिल होगा।


By admin: Nov. 16, 2022

8. सरकार ने डीसीजीआई वी जी सोमानी का कार्यकाल फिर से तीन महीने के लिए बढ़ा दिया

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केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) डॉ वी जी सोमानी का कार्यकाल फिर से तीन महीने के लिए बढ़ा दिया है। यह 15 नवंबर 2022 से लागू होगा।

उन्हें इससे पहले इसी साल अगस्त में तीन महीने का विस्तार दिया गया था। उनका बढ़ा हुआ कार्यकाल 15 नवंबर 2022 को समाप्त होना था।

डॉ वेणुगोपाल गिरधारीलाल सोमानी ने कोविड-19 वैक्सीन के अनुमोदन, जीवनरक्षक दवाओं के अनुमोदन और कोविड-19 महामारी से निपटने में इसकी गुणवत्ता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी ।

डीसीजीआई (भारत के औषधि महानियंत्रक)

भारत के औषधि महानियंत्रक केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन के प्रमुख हैं।

ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत, सीडीएससीओ ड्रग्स के अनुमोदन, क्लिनिकल ट्रायल के संचालन, ड्रग्स के लिए मानक निर्धारित करने, देश में आयातित दवाओं की गुणवत्ता पर नियंत्रण और विशेषज्ञ प्रदान करके राज्य ड्रग कंट्रोल संगठनों की गतिविधियों के समन्वय के लिए जिम्मेदार है।

भारत के औषधि महानियंत्रक: वेणुगोपाल गिरधारीलाल सोमानी

मुख्यालय: नई दिल्ली

फुल फॉर्म

डीसीजीआई/DGCI: ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया


By admin: Nov. 15, 2022

9. केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने अंतर्राष्ट्रीय यात्रा प्रदर्शनी "वैक्सीन इंजेक्शनिंग होप" का उद्घाटन किया

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“Vaccines Injecting Hope”

केंद्रीय संस्कृति और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने 15 नवंबर 2022 को राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र, नई दिल्ली में एक अंतरराष्ट्रीय यात्रा प्रदर्शनी  "वैक्सीन इंजेक्शन होप" का उद्घाटन किया।

प्रदर्शनी "वैक्सीन इंजेक्शन होप" का आयोजन राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद (एनसीएसएम) और लंदन के विज्ञान संग्रहालय समूह लंदन द्वारा किया गया है।

कोविड वैक्सीन विकसित करने के वैश्विक प्रयास की कहानी बताने वाली यह यात्रा प्रदर्शनी 15 नवंबर 2022 को  नई दिल्ली में  शुरू हुई  और यह  सितंबर 2025 तक दिल्ली, नागपुर, मुंबई, बेंगलुरु और कोलकाता के पांच शहरों का दौरा करेगी और इसके 20 लाख से अधिक लोगों तक पहुंचने की उम्मीद है।

प्रदर्शनी में 'द अराइवल ऑफ न्यू वायरस', 'डिजाइनिंग ए न्यू वैक्सीन', 'ट्रायल, रिजल्ट्स एंड अप्रूवल्स', 'स्केलिंग अप एंड मास प्रोडक्शन', 'वैक्सीन रोलआउट', 'लिविंग विद कोविड' पर अलग- अलग खंड हैं।

नोवेल कोरोनावायरस या कोविड-19

नोवेल कोरोनवायरस का पहली बार दिसंबर 2019 में वुहान चीन में पता चला था और बाद में 30 जनवरी 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा  इसे अंतर्राष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल और 11 मार्च 2020 को एक महामारी घोषित किया गया था।

भारत में वायरस के पहले मामले की पुष्टि 30 जनवरी 2020 को केरल में हुई थी।

भारत बायोटेक, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे ने कोवाक्सिन नामक एक स्वदेशी कोरोना वैक्सीन विकसित की है।

भारत में कोविड टीकाकरण की शुरुआत 16 जनवरी 2021 को हुई थी।

राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद (NCSM)

यह केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त निकाय है। यह भारत में  विज्ञान संचार के क्षेत्र में एक प्रमुख निकाय है।

यह संगठन मुख्य रूप से विज्ञान केंद्रों, मोबाइल विज्ञान प्रदर्शनी (एमएसई) इकाइयों के एक नेटवर्क के माध्यम से विज्ञान और प्रौद्योगिकी को लोकप्रिय बनाने में लगे हुए हैं, जो ग्रामीण स्कूलों का दौरा करते हैं और जनता तथा विशेष रूप से विद्यार्थियों के लिए ढेर सारी गतिविधियों का आयोजन करते हैं,

मुख्यालय: कोलकाता, पश्चिम बंगाल


By admin: Nov. 15, 2022

10. जितेंद्र सिंह ने पहला भारतीय जैविक डेटा केंद्र राष्ट्र को समर्पित किया

Tags: Science and Technology


केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री, जितेंद्र सिंह ने 10 नवंबर 2022 को फरीदाबाद में जीवन विज्ञान डेटा के लिए भारत का पहला राष्ट्रीय भंडार 'भारतीय जैविक डेटा केंद्र' (IBDC) राष्ट्र को समर्पित किया।

भारतीय जैविक डेटा केंद्र के बारे में

  • इस डेटा सेंटर में भारतीय शोधकर्ता सार्वजनिक रूप से वित्त पोषित अनुसंधान से जैविक डेटा संग्रहित करेंगे।

  • डिजिटल डेटा को 'ब्रह्म' नामक चार-पेटाबाइट सुपरकंप्यूटर पर संग्रहीत किया जाएगा। एक पेटाबाइट 10,00,000 गीगाबाइट (जीबी) के बराबर होता है।

  • सरकार ने अनिवार्य किया है कि सार्वजनिक रूप से वित्तपोषित सभी शोधों के डेटा को इस केंद्रीय भंडार में संग्रहीत किया जाना चाहिए।

  • यह न केवल शोधकर्ताओं को देश के भीतर अपने डेटा को सुरक्षित रूप से संग्रहीत करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा, बल्कि विश्लेषण के लिए स्वदेशी अनुक्रमों के एक बड़े डेटाबेस तक पहुंच भी प्रदान करेगा।

  • बायो-बैंक, वर्तमान में न्यूक्लियोटाइड अनुक्रमों को मनुष्यों, पौधों, जानवरों और रोगाणुओं के डिजिटल आनुवंशिक को स्वीकार करता है।

  • बायो-बैंक में अब 200 बिलियन बेस पेयर डेटा है, जिसमें '1,000 जीनोम प्रोजेक्ट' के तहत 200 मानव जीनोम का अनुक्रम शामिल है, जो लोगों में आनुवंशिक विविधताओं को मैप करने का एक अंतरराष्ट्रीय प्रयास है।

  • यह परियोजना उन आबादी पर भी ध्यान केंद्रित करेगी जो कुछ बीमारियों के प्रति संवेदनशील हैं।



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