1. भारत-यूएई सीईपीए से भारत-यूएई व्यापार पर महत्वपूर्ण सकारात्मक प्रभाव
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भारत-यूएई व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (सीईपीए) जो 1 मई 2022 को लागू हुआ, भारत-यूएई व्यापार पर एक महत्वपूर्ण सकारात्मक प्रभाव पैदा कर रहा है।
महत्वपूर्ण तथ्य
संयुक्त अरब अमीरात को भारतीय निर्यात, पेट्रोलियम उत्पादों को छोड़कर, जून-अगस्त 2021 के दौरान 5.17 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर जून-अगस्त 2022 के दौरान 5.92 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।
यह भारतीय निर्यात के 14% की वृद्धि को दर्शाता है।
इसी अवधि (जून-अगस्त 2022) के दौरान भारत का वैश्विक गैर-पेट्रोलियम निर्यात वार्षिक आधार पर 3% बढ़ा।
इसका तात्पर्य यह है कि संयुक्त अरब अमीरात को भारत के गैर-पेट्रोलियम निर्यात की वृद्धि दर दुनिया में भारत के गैर-पेट्रोलियम निर्यात की तुलना में लगभग 5 गुना है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार इसी अवधि के दौरान संयुक्त अरब अमीरात से भारतीय आयात भी 5.56 अरब डॉलर से बढ़कर 5.61 अरब डॉलर हो गया।
भारत-यूएई व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (सीईपीए)
भारत-यूएई वर्चुअल समिट के दौरान 18 फरवरी 2022 को इस पर हस्ताक्षर किए गए थे।
इसे 1 मई 2022 को लागू किया गया था।
यह दोनों देशों के बीच व्यापार को प्रोत्साहित करने और सुधारने के लिए एक संस्थागत तंत्र प्रदान करता है।
सीईपीए एक प्रकार का मुक्त व्यापार समझौता है जो सेवाओं और निवेश में व्यापार और आर्थिक साझेदारी के अन्य क्षेत्रों पर बातचीत को कवर करता है।
2. भारत-यूएई सीईपीए से भारत-यूएई व्यापार पर महत्वपूर्ण सकारात्मक प्रभाव
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भारत-यूएई व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (सीईपीए) जो 1 मई 2022 को लागू हुआ, भारत-यूएई व्यापार पर एक महत्वपूर्ण सकारात्मक प्रभाव पैदा कर रहा है।
महत्वपूर्ण तथ्य
संयुक्त अरब अमीरात को भारतीय निर्यात, पेट्रोलियम उत्पादों को छोड़कर, जून-अगस्त 2021 के दौरान 5.17 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर जून-अगस्त 2022 के दौरान 5.92 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।
यह भारतीय निर्यात के 14% की वृद्धि को दर्शाता है।
इसी अवधि (जून-अगस्त 2022) के दौरान भारत का वैश्विक गैर-पेट्रोलियम निर्यात वार्षिक आधार पर 3% बढ़ा।
इसका तात्पर्य यह है कि संयुक्त अरब अमीरात को भारत के गैर-पेट्रोलियम निर्यात की वृद्धि दर दुनिया में भारत के गैर-पेट्रोलियम निर्यात की तुलना में लगभग 5 गुना है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार इसी अवधि के दौरान संयुक्त अरब अमीरात से भारतीय आयात भी 5.56 अरब डॉलर से बढ़कर 5.61 अरब डॉलर हो गया।
भारत-यूएई व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (सीईपीए)
भारत-यूएई वर्चुअल समिट के दौरान 18 फरवरी 2022 को इस पर हस्ताक्षर किए गए थे।
इसे 1 मई 2022 को लागू किया गया था।
यह दोनों देशों के बीच व्यापार को प्रोत्साहित करने और सुधारने के लिए एक संस्थागत तंत्र प्रदान करता है।
सीईपीए एक प्रकार का मुक्त व्यापार समझौता है जो सेवाओं और निवेश में व्यापार और आर्थिक साझेदारी के अन्य क्षेत्रों पर बातचीत को कवर करता है।
3. आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUAM) ने लॉन्च किया स्वच्छ टॉयकैथॉन
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26 सितंबर को आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय कचरे से खिलौने बनाने की अनूठी प्रतियोगिता स्वच्छ टॉयकैथॉन का शुभारंभ किया।
महत्वपूर्ण तथ्य
सूखे कचरे का उपयोग करके खिलौनों के डिजाइन में नवाचार लाने के लिए यह प्रतियोगिता व्यक्तियों और समूहों के लिए खुली होगी।
उन खिलौनों के डिजाइन पर ध्यान दिया जाएगा जिनके आधार पर बड़ी संख्या में खिलौने तैयार किए जा सकते हैं।
इन खिलौनों को न्यूनतम सुरक्षा मानकों का पालन करना होगा।
प्रतियोगिता का आयोजन MyGov के इनोवेट इंडिया पोर्टल पर किया जाएगा।
सेंटर फॉर क्रिएटिव लर्निंग आई आई टी-गांधीनगर इस प्रतियोगिता का नॉलेज पार्टनर होगा।
देश में आर्थिक विकास, आय वृद्धि और अनेक नवाचारों के कारण खिलौनों की मांग काफी बढ़ी है।
भारत को वैश्विक खिलौना केंद्र के रूप में स्थापित करने और परंपरागत हस्तनिर्मित खिलौनों को बढावा देने के लिए राष्ट्रीय खिलौना कार्य योजना-2020 शुरू की गई है।
राष्ट्रीय खिलौना कार्य योजना-2020
सरकार ने घरेलू खिलौना उद्योग को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए 14 मंत्रालयों को शामिल करके एक राष्ट्रीय खिलौना कार्य योजना तैयार की है।
इसका उद्देश्य भारत को खिलौना क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने और वैश्विक बाजार में घरेलू खिलौनों की उपस्थिति बढ़ाना है।
उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग तथा 14 मंत्रालय इस योजना के विभिन्न पक्षों को लागू कर रहे हैं।
4. आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUAM) ने लॉन्च किया स्वच्छ टॉयकैथॉन
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26 सितंबर को आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय कचरे से खिलौने बनाने की अनूठी प्रतियोगिता स्वच्छ टॉयकैथॉन का शुभारंभ किया।
महत्वपूर्ण तथ्य
सूखे कचरे का उपयोग करके खिलौनों के डिजाइन में नवाचार लाने के लिए यह प्रतियोगिता व्यक्तियों और समूहों के लिए खुली होगी।
उन खिलौनों के डिजाइन पर ध्यान दिया जाएगा जिनके आधार पर बड़ी संख्या में खिलौने तैयार किए जा सकते हैं।
इन खिलौनों को न्यूनतम सुरक्षा मानकों का पालन करना होगा।
प्रतियोगिता का आयोजन MyGov के इनोवेट इंडिया पोर्टल पर किया जाएगा।
सेंटर फॉर क्रिएटिव लर्निंग आई आई टी-गांधीनगर इस प्रतियोगिता का नॉलेज पार्टनर होगा।
देश में आर्थिक विकास, आय वृद्धि और अनेक नवाचारों के कारण खिलौनों की मांग काफी बढ़ी है।
भारत को वैश्विक खिलौना केंद्र के रूप में स्थापित करने और परंपरागत हस्तनिर्मित खिलौनों को बढावा देने के लिए राष्ट्रीय खिलौना कार्य योजना-2020 शुरू की गई है।
राष्ट्रीय खिलौना कार्य योजना-2020
सरकार ने घरेलू खिलौना उद्योग को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए 14 मंत्रालयों को शामिल करके एक राष्ट्रीय खिलौना कार्य योजना तैयार की है।
इसका उद्देश्य भारत को खिलौना क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने और वैश्विक बाजार में घरेलू खिलौनों की उपस्थिति बढ़ाना है।
उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग तथा 14 मंत्रालय इस योजना के विभिन्न पक्षों को लागू कर रहे हैं।
5. मनसुख मंडाविया ने सरकार की प्रमुख स्वास्थ्य योजना की वर्षगांठ के अवसर पर ‘आरोग्य मंथन’ का उद्घाटन किया
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केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री, डॉ मनसुख मंडाविया ने 25 सितंबर 2022 को नई दिल्ली में दो दिवसीय (25-26 सितंबर 2022) आरोग्य मंथन 2022 कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जय) के 4 साल और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के 1 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) द्वारा आरोग्य मंथन का आयोजन किया गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत एनएचए एबी पीएम-जेएवाई और एबीडीएम की कार्यान्वयन एजेंसी है।
इस अवसर पर बोलते हुए मंत्री ने कहा कि वर्तमान में प्रतिदिन 4.5 लाख आयुष्मान कार्ड जारी किए जा रहे हैं और इसे प्रतिदिन 10 लाख आयुष्मान कार्ड तक बढ़ाने का लक्ष्य है। एबी पीएम-जय के लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड जारी किया जाता है।
एबी पीएम-जय की उपलब्धियां
इस अवसर पर मंत्री ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण 2021 की वार्षिक रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
- यह योजना वर्तमान में 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू की जा रही है.
- 19 करोड़ से अधिक व्यक्तियों को अब तक आयुष्मान कार्ड जारी किए जा चुके हैं, जिनमें से 52 प्रतिशत पुरुष और 48 प्रतिशत महिलाएं थीं।
- एबी पीएम-जय ,योजना के तहत, देश भर के अस्पतालों में 3.8 करोड़ मरीज भर्ती हुए, जिनमें से 46% सार्वजनिक अस्पतालों में और 54% निजी अस्पतालों में भर्ती हुए।
- इनमें से 52% रोगी पुरुष थे और 48% महिलाएं थीं।
एबी पीएम-जय के तहत मरीजों के नामांकन में राज्यों का प्रदर्शन
- गोवा, केरल, हरियाणा, तमिलनाडु और महाराष्ट्र शीर्ष पांच राज्य थे, जिनमें एबी पीएम-जेएवाई के अनुसार सूचीबद्ध अस्पतालों ने सबसे अधिक रोगियों को भर्ती किया।
- हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, मणिपुर और मिजोरम शीर्ष पूर्वोत्तर/पहाड़ी राज्य थे।
- पुडुचेरी, चंडीगढ़, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप और लद्दाख शीर्ष केंद्र शासित प्रदेश थे।
एबीडीएम का प्रदर्शन
स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि भारत में 24 करोड़ से अधिक आभा (आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता) संख्या प्रदान किये गए हैं ।
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत एक करोड़ स्वास्थ्य रिकॉर्ड को डिजिटल रूप से जोड़ा गया है।
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जय)
- आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जय) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 23 सितंबर, 2018 को रांची, झारखंड में शुरू की गई थी।
- यह दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है जिसका उद्देश्य लाभार्थियों को प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य कवर प्रदान करना है। इसमें अस्पताल में माध्यमिक और तृतीयक देखभाल शामिल है
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम)
- प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदीने 27 सितंबर 2021 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) का शुभारंभ किया।
- इसका उद्देश्य प्रत्येक नागरिक को एक स्वास्थ्य आईडी(जिसे अब आभा संख्या कहा जाता है ) प्रदान करना है जो उनके स्वास्थ्य खाते के रूप में भी काम करेगा, जिससे व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड को मोबाइल एप्लिकेशन की मदद से जोड़ा और देखा जा सकता है। यह डेटा डॉक्टरों, अस्पतालों, स्वास्थ्य बीमा कंपनियों के लिए उपलब्ध होगा ताकि मरीजों को निर्बाध स्वास्थ्य देखभाल प्रदान की जा सके।
- यह स्वैच्छिक है और किसी भी नागरिक को इसमें शामिल होने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी: डॉ राम सेवक शर्मा
6. भारत सरकार के प्रमुख कार्यक्रम 'मेक इन इंडिया' ने 8 साल पूरे किए
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भारत सरकार के प्रमुख कार्यक्रम, 'मेक इन इंडिया' ने 25 सितंबर 2022 को 8 साल पूरे किए। इस कार्यक्रम को 2014 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश को एक प्रमुख वैश्विक विनिर्माण और निवेश गंतव्य में बदलने के लिए लॉन्च किया गया था।
यह पहल भारत में निवेश करने के लिए विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए सरकार का एक प्रयास है।
मेक इन इंडिया पहल की उपलब्धि देते हुए केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय ने कार्यक्रम की निम्नलिखित उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
- 14 प्रमुख विनिर्माण क्षेत्रों में उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन स्कीम (पीएलआई) मेक इन इंडिया पहल के लिए एक बड़े प्रोत्साहन के रूप में वित्त वर्ष 2020-21 में लांच की गई। पीएलआई स्कीम रणनीतिक वृद्धि के सेक्टरों में, जहां भारत को तुलनात्मक रूप से बढ़त हासिल है, घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित करती है।
- विश्व अर्थव्यवस्था में सेमीकंडक्टरों के महत्व को स्वीकार करते हुए, भारत सरकार ने देश में सेमीकंडक्टर, डिस्प्ले, डिजाइन इकोसिस्टम का निर्माण करने के लिए 10 बिलियन डॉलर की एक प्रोत्साहन स्कीम लांच की है।
- मंत्रालय ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत का खिलौनों का निर्यात 2021-22 में बढ़कर 2601.5 करोड़ रुपये हो गया, जबकि 2018-2019 में यह 1612 करोड़ रुपये था, जो 61% की वृद्धि थी।
- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 2014-2015 में 45.15 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2021-22 में रिकॉर्ड 83.6 अरब डॉलर हो गया है।
7. पीयूष गोयल ने बाली में जी 20 मंत्रियों डब्ल्यूटीओ विवाद निपटान सुधार बैठक में भाग लिया
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भारतीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने एक ट्वीट में कहा कि उन्होंने डब्ल्यूटीओ के विवाद निपटान सुधार पर एक चर्चा में भाग लिया, जिसका आयोजन संयुक्त राज्य अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) कैथरीन ताई द्वारा 21 सितंबर को बाली, इंडोनेशिया में जी 20 मंत्रिस्तरीय बैठक 2022 के मौके पर बुलाया गया था।
12-17 जून 2022 तक स्विट्जरलैंड के जिनेवा में आयोजित 12वें विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के मंत्रिस्तरीय सम्मेलन ने अगले दो वर्षों में विवाद निपटान निकाय को पुनर्जीवित करने का वादा किया था।
विश्व व्यापार संगठन विवाद निपटान प्रणाली
विश्व व्यापार संगठन एक वैश्विक निकाय है जिसे 1995 में दुनिया में नियम आधारित व्यापार प्रणालियों को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया गया था औ साथ ही यह सदस्य देशों के बीच व्यापार संबंधी विवादों को भी सुलझाता है।
अगर किसी एक सदस्य देश को लगता है की दूसरा देश व्यापार के संबंध में विश्व व्यापार संगठन के नियमों का पालन नहीं कर रहा है तो वहदूसरे सदस्य देश के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन में शिकायत कर सकता है।
विश्व व्यापार संगठन में विवाद निपटान तंत्र दो स्तरीय प्रक्रिया है।
सबसे पहले, सदस्य देशों को परामर्श के माध्यम से अपने विवाद को निपटाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
यदि यह विफल हो जाता है तो विश्व व्यापार संगठन का विवाद निपटान निकाय विवाद को देखने के लिए एक पैनल नियुक्त करता है।
देशों को पैनल के फैसले के खिलाफ विवाद निपटान निकाय द्वारा गठित अपीलीय निकाय में अपील करने का अधिकार है। अपीलीय निकाय का निर्णय विश्व व्यापार संगठन के देशों पर बाध्यकारी है।
विवाद निपटान प्रणाली पर संयुक्त राज्य अमेरिका की आपत्ति
संयुक्त राज्य सरकार ने 2019 से डब्ल्यूटीओ के अपीलीय निकाय में सदस्यों की नियुक्ति को अवरुद्ध कर दिया है। डब्ल्यूटीओ की अपीलीय निकाय संरचना वर्तमान में काम नहीं कर रही है लेकिन पैनल प्रणाली अभी भी काम कर रही है।
संयुक्त राज्य अमेरिका, विश्व व्यापार संगठन की अपीलीय प्रणाली को समाप्त करना चाहता है क्योंकि उसका मानना है कि यह मुकदमेबाजी का पर्याय बन गया है और यह प्रक्रिया काफी लंबा, जटिल और महंगा हो गया है।
हालाँकि विकासशील देशों का विचार है कि विश्व व्यापार संगठन विवाद निपटान प्रणाली के कामकाज के लिए दो स्तरीय विवाद निपटान प्रणाली आवश्यक है।
विश्व व्यापार संगठन
- विश्व व्यापार संगठन इसकी स्थापना 1 जनवरी 1995 को शुल्क और व्यापार पर सामान्य समझौता के स्थान पर की गई थी।
- इसका मुख्य उद्देश्य दुनिया में नियम आधारित व्यापार व्यवस्था को बढ़ावा देना है और यह सदस्य देशों के बीच व्यापार संबंधी विवादों को भी सुलझाता है।
- विश्व व्यापार संगठन का मुख्यालय जिनेवा, स्विट्जरलैंड में है।
- विश्व व्यापार संगठन में 164 सदस्य देश हैं।
- विश्व व्यापार संगठन के महानिदेशक: नाइजीरिया के डॉ न्गोज़ी-ओकोन्जो-इवेला
- विश्व व्यापार संगठन द्वारा जारी रिपोर्ट: विश्व व्यापार रिपोर्ट
8. सीबीआई ने ऑनलाइन बाल यौन शोषण के खिलाफ देशव्यापी ऑपरेशन मेघ-चक्र शुरू की
Tags: National
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 24 सितंबर 2022 को बाल यौन शोषण सामग्री को ऑनलाइन प्रसारित करने और साझा करने पर एक बड़ी कार्रवाई में "ऑपरेशन मेघ-चक्र" नामक एक प्रमुख ऑपरेशन कोड लॉन्च किया।
इंटरपोल सिंगापुर से एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए, जिसे इंटरपोल न्यूजीलैंड द्वारा सतर्क किया गया था, सीबीआई ने लगभग 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 56 स्थानों पर छापेमारी की।
नवंबर 2021 में सीबीआई द्वारा इसी तरह का एक ऑपरेशन "ऑपरेशन कार्बन" किया गया था, जब 83 लोगों के खिलाफ देश भर में 76 स्थानों पर छापे मारे गए थे और कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
भारत सहित 64 देश इंटरपोल के अंतर्राष्ट्रीय बाल यौन शोषण (आईसीएसई) छवि और वीडियो डेटाबेस के सदस्य हैं, जो सदस्य देशों के जांचकर्ताओं को बाल यौन शोषण के मामलों पर डेटा साझा करने की अनुमति देता है।
इंटरपोल
अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन या इंटरपोल 195 देशों का एक अंतर-सरकारी संघ है जो सदस्य देशों के पुलिस बल के बीच अपराधों और अपराधियों पर डेटा साझा करता है।
इंटरपोल में भारत का प्रतिनिधित्व सीबीआई करती है।
इंटरपोल की स्थापना 1914 में हुई थी और इसका मुख्यालय फ्रांस के ल्योंस में है।
9. भारत ने वनस्पति आधारित मांस उत्पादों की पहली खेप अमेरिका को निर्यात किया
Tags: National National News
भारत ने पौधे आधारित मांस उत्पादों की पहली खेप गुजरात के खेड़ा जिले के नडियाद से कैलिफोर्निया को निर्यात की है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
नडियाद से अमेरिका को निर्यात की गई पहली शिपमेंट में मोमोज, मिनी समोसा, पैटी, नगेट्स, स्प्रिंग रोल, बर्गर जैसे शाकाहारी खाद्य उत्पाद शामिल हैं।
समृद्ध फाइबर और कम कोलेस्ट्रॉल सामग्री के कारण, वीगन खाद्य उत्पाद दुनिया भर में वैकल्पिक खाद्य उत्पाद बन रहे हैं।
कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात प्राधिकरण (APEDA) ने कहा कि वे पारंपरिक पशु-आधारित मांस निर्यात बाजार में हस्तक्षेप किए बिना पादप आधारित मांस उत्पादों को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रहे हैं।
एपीडा ने आने वाले महीनों में ऑस्ट्रेलिया, इज़राइल, न्यूजीलैंड और अन्य देशों के लिए पैनकेक, स्नैक्स और पनीर सहित विभिन्न प्रकार के शाकाहारी खाद्य उत्पादों को बढ़ावा देने की योजना बनाई है।
एपीडा के बारे में :
कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) की स्थापना भारत सरकार द्वारा दिसंबर 1985 में संसद द्वारा पारित कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण अधिनियम के तहत की गई थी।
यह प्राधिकरण वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।
मुख्यालय - नई दिल्ली
अध्यक्ष – डॉ. एम. अंगमुथु
10. भारत ने वनस्पति आधारित मांस उत्पादों की पहली खेप अमेरिका को निर्यात किया
Tags: National National News
भारत ने पौधे आधारित मांस उत्पादों की पहली खेप गुजरात के खेड़ा जिले के नडियाद से कैलिफोर्निया को निर्यात की है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
नडियाद से अमेरिका को निर्यात की गई पहली शिपमेंट में मोमोज, मिनी समोसा, पैटी, नगेट्स, स्प्रिंग रोल, बर्गर जैसे शाकाहारी खाद्य उत्पाद शामिल हैं।
समृद्ध फाइबर और कम कोलेस्ट्रॉल सामग्री के कारण, वीगन खाद्य उत्पाद दुनिया भर में वैकल्पिक खाद्य उत्पाद बन रहे हैं।
कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात प्राधिकरण (APEDA) ने कहा कि वे पारंपरिक पशु-आधारित मांस निर्यात बाजार में हस्तक्षेप किए बिना पादप आधारित मांस उत्पादों को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रहे हैं।
एपीडा ने आने वाले महीनों में ऑस्ट्रेलिया, इज़राइल, न्यूजीलैंड और अन्य देशों के लिए पैनकेक, स्नैक्स और पनीर सहित विभिन्न प्रकार के शाकाहारी खाद्य उत्पादों को बढ़ावा देने की योजना बनाई है।
एपीडा के बारे में :
कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) की स्थापना भारत सरकार द्वारा दिसंबर 1985 में संसद द्वारा पारित कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण अधिनियम के तहत की गई थी।
यह प्राधिकरण वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।
मुख्यालय - नई दिल्ली
अध्यक्ष – डॉ. एम. अंगमुथु