1. PMJJBY, PMSBY, और APY ने सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के सात साल पूरे किए
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प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई), प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) और अटल पेंशन योजना (एपीवाई) ने 9 मई को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के सात साल पूरे कर लिए हैं।
इन तीनों योजनाओं की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 मई 2015 को कोलकाता, पश्चिम बंगाल में की थी।
ये योजनाएं लोगों को किफायती बीमा और सुरक्षा प्रदान करने में सफल रही हैं।
ये तीन सामाजिक सुरक्षा योजनाएं नागरिकों के कल्याण के लिए समर्पित हैं, जो मानव जीवन को अप्रत्याशित जोखिमों या हानियों और वित्तीय अनिश्चितताओं से सुरक्षित करने की आवश्यकता को पहचानती हैं।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई)
यह एक साल की जीवन बीमा योजना है जिसका साल दर साल नवीकरण किया जाता है
यह किसी भी कारण से मृत्यु के लिए कवरेज प्रदान करता है।
बचत बैंक या डाकघर में खाता रखने वाले 18-50 वर्ष के आयु वर्ग के व्यक्ति इस योजना के तहत नामांकन के पात्र हैं।
330 रुपये प्रति वर्ष के प्रीमियम के साथ किसी भी कारण से मृत्यु के मामले में 2 लाख रुपये का जीवन कवर।
27 अप्रैल 2022 तक, योजना के तहत संचयी नामांकन 12.76 करोड़ से अधिक हो गया है और 5,76,121 दावों के लिए 11,522 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया गया है।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई)
यह एक साल की दुर्घटना बीमा योजना है जिसका साल दर साल नवीकरण किया जाता है।
यह दुर्घटना के कारण मृत्यु या विकलांगता के लिए कवरेज प्रदान करता है।
बचत बैंक या डाकघर में खाता रखने वाले 18-70 वर्ष के आयु वर्ग के व्यक्ति इस योजना के तहत नामांकन के पात्र हैं।
दुर्घटना के कारण मृत्यु या विकलांगता के लिए 2 लाख रुपये (आंशिक विकलांगता के मामले में 1 लाख रुपये) का दुर्घटना मृत्यु सह विकलांगता कवर।
27 अप्रैल 2022 तक, योजना के तहत संचयी नामांकन 28.37 करोड़ से अधिक हो गया है और 97,227 दावों के लिए 1,930 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया गया है।
अटल पेंशन योजना (APY)
यह 18 से 40 वर्ष के आयु वर्ग के सभी बैंक खाताधारकों के लिए खुला है और चुनी गई पेंशन राशि के आधार पर योगदान अलग-अलग है।
योजना में शामिल होने के बाद सब्सक्राइबर द्वारा किए गए योगदान के आधार पर सब्सक्राइबर्स को 60 साल की उम्र में 1000 रुपये या 2000 रुपये या 3000 रुपये या 4000 रुपये या 5000 रुपये की न्यूनतम मासिक पेंशन मिलेगी।
27 अप्रैल 2022 तक 4 करोड़ से अधिक व्यक्तियों ने इस योजना की सदस्यता ली है।
2. तेलंगाना सरकार ने 'नेथन्ना बीमा' योजना के तहत हथकरघा और बिजली करघा बुनकरों के लिए बीमा कवरेज का विस्तार किया
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तेलंगाना राज्य सरकार ने 'नेथन्ना बीमा' (बुनकर बीमा - Weaver’s Insurance) योजना के तहत हथकरघा और बिजली करघा बुनकरों के लिए बीमा कवरेज के विस्तार की घोषणा की है।
तेलंगाना सरकार ने बीमा योजना के तहत बुनकरों के लिए 5 लाख रुपये का बीमा कवरेज बढ़ाने के आदेश ज़ारी किए हैं।
योजना के तहत
इस वर्ष के दौरान योजना को लागू करने के लिए 29 करोड़ रुपये से अधिक मंजूर किए गए हैं। कैबिनेट सब कमेटी ने राज्य में 55 हजार से अधिक हथकरघा और पावरलूम और सहायक बुनकरों को कवर करने का प्रस्ताव रखा था।
बीमा कवरेज 18 से 59 वर्ष के आयु वर्ग के बुनकरों तक बढ़ाया जाएगा। बीमा लाभ बुनकर या सहायक कर्मचारी की मृत्यु पर परिवार को दिया जाएगा। यह योजना जून 2022 में शुरू होने की संभावना है I
तेलंगाना राज्य के बारे में
तेलंगाना भारत के आन्ध्र प्रदेश राज्य से अलग होकर बना भारत का 29वाँ राज्य है।
गठन- 02 जून 2014
राजधानी- हैदराबाद
राज्यपाल- तमिलसाई सौंदरंजन
मुख्यमंत्री- के. चंद्रशेखर राव
विधानसभा सीटें- 119
लोकसभा सीटें - 17
3. मुख्यमंत्री मितान योजना 2022
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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 'मुख्यमंत्री मितान योजना शुरू की है, जिसे छत्तीसगढ़ के रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर और राजनांदगांव जैसे शहरों सहित 14 नगर निगमों में पायलट आधार पर लागू किया जाएगा I
इस योजना के माध्यम से सरकार द्वारा सभी सरकारी सेवाओं को जैसे-नागरिक जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, राशन कार्ड आदि दस्तावेजों को सीधे नागरिकों के घर तक पहुंचाया जाएगा।
मुख्यमंत्री मितान योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा सहायक मित्रों को तैनात किया जाएगा। जो लोगों के घर जाकर सभी औपचारिकताएं पूरी करेंगे।
सरकार द्वारा इस योजना के संचालन के लिए 10 करोड़ रुपए का प्रारंभिक प्रावधान किया गया है।
इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए नागरिकों को एक हेल्पलाइन नंबर 14545 पर संपर्क करना होगा।
छत्तीसगढ़ राज्य के बारे में
गठन- 1 नवम्बर 2000
राजधानी- रायपुर
राज्यपाल- अनुसुइया उइके
मुख्यमंत्री- भूपेश बघेल
विधानसभा सीटें- 90
लोकसभा सीटें- 11
4. बंदियों के लिए जीवला योजना
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महाराष्ट्र सरकार के कारागार विभाग ने राज्य भर की जेलों में बंद कैदियों के लिए जीवला’ नामक अपनी तरह की पहली क्रेडिट योजना शुरू की है।
‘जीवला’ (Jivhala) नामक ऋण योजना महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक द्वारा उन कैदियों के लिए पेश की गई है जो तीन साल से अधिक समय से जेल की सजा काट रहे हैं।
इस योजना के पायलट प्रोजेक्ट को पुणे की यरवदा सेंट्रल जेल में पेश किया गया I
इस योजना को महाराष्ट्र सरकार द्वारा लगभग 60 जेलों तक बढ़ाया जाएगा।
इस योजना से मिले ऋण का उपयोग कैदी अपने बच्चों की शिक्षा, परिवार के सदस्यों के चिकित्सा उपचार, कानूनी शुल्क या अन्य खर्चों के लिए कर सकते हैं।
महाराष्ट्र राज्य के बारे में
गठन- 1 मई 1960
राजधानी- मुंबई(ग्रीष्मकालीन ), नागपुर (शीत कालीन)
ज़िले- 36
राज्यपाल- भगत सिंह कोश्यारी
मुख्यमंत्री- उद्धव ठाकरे
उपमुख्यमंत्री- अजित पवार
विधान परिषद सीटें- 78
विधानसभा सीटें- 288
लोकसभा सीटें- 48
अन्य योजनायें - मिशन कबच कुंडल , मिशन ऑक्सीजन सेल्फ रिस्पांस योजना, स्वाधार योजना
5. डिजाइन लिंक्ड इंसेंटिव (डीएलआई) योजना
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सरकार डिजाइन लिंक्ड इंसेंटिव (डीएलआई) कार्यक्रम के मानदंडों की समीक्षा करेगी, जिसकी परिकल्पना देश में इलेक्ट्रॉनिक चिप पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए 76,000 करोड़ रुपये की योजना के हिस्से के रूप में सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में उत्पाद डिजाइन में शामिल 100 कंपनियों का समर्थन करने के लिए की गई है।
डिजाइन लिंक्ड इंसेंटिव (डीएलआई) योजना के बारे में
इसकी घोषणा दिसंबर 2021 में MeitY द्वारा की गई थी।
उद्देश्य - भारत में फैब या सेमीकंडक्टर बनाने वाले संयंत्र स्थापित करने वाली कंपनियों को वित्तीय और ढांचागत सहायता प्रदान करना।
इस योजना से सेमीकंडक्टर्स और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग के साथ-साथ डिजाइन में कंपनियों को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी प्रोत्साहन पैकेज प्रदान करने की उम्मीद है।
चिप डिजाइन इंफ्रास्ट्रक्चर सपोर्ट, प्रोडक्ट डिजाइन लिंक्ड इंसेंटिव, डिप्लॉयमेंट लिंक्ड इंसेंटिव योजना के घटक हैं।
6. ई-श्रम पोर्टल को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना से जोड़ना
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ई-श्रम पोर्टल को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना से जोड़ने की चर्चा चल रही है।
सरकार ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत असंगठित श्रमिकों द्वारा दुर्घटना बीमा दावों को संसाधित करने के लिए एक तंत्र पर काम कर रही है, जिसपर अब तक 27 करोड़ से अधिक पंजीकरण हो चुके हैं।
बजट भाषण 2022-2023 में, वित्त मंत्री ने चार पोर्टलों को जोड़ने की घोषणा की थी - राष्ट्रीय कैरियर सेवा, ई-श्रम, उद्यम (एमएसएमई शुरू करने में रुचि रखने वालों के लिए) और असीम (आत्मनिर्भर कुशल कर्मचारी नियोक्ता मानचित्रण)।
NCS और ई-श्रम पोर्टल को जोड़ने का काम हाल ही में पूरा किया गया है।
अब तक 26,000 से अधिक ई-श्रम लाभार्थियों ने एनसीएस पर पंजीकरण कराया है और इस लिंकेज से लाभान्वित हो रहे हैं।
ई-श्रम पोर्टल के बारे में
श्रम और रोजगार मंत्रालय ने असंगठित कामगारों का राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने के लिए eSHRAM पोर्टल विकसित किया है।
इसे 2021 में लॉन्च किया गया था।
इसका उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के उन कामगारों का कल्याण करना है जो ईपीएफओ या ईएसआईसी के सदस्य नहीं हैं।
पंजीकृत सदस्य श्रमिक योजना के लिए साइन अप करने और ई-श्रम कार्ड प्राप्त करने के बाद कई प्रकार के लाभों के लिए पात्र होंगे।
यह श्रमिकों को ई-श्रम यूनिक आईडी नंबर के माध्यम से प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) प्राप्त करने की अनुमति देगा।
7. स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 ने कचरा मुक्त शहरों के लिए राष्ट्रीय व्यवहार परिवर्तन संचार ढांचा लॉन्च किया
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स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के तत्वावधान में, 'कचरा मुक्त शहरों' के लिए चल रहे जन आंदोलन को मजबूत करने के लिए 'कचरा मुक्त शहरों के लिए राष्ट्रीय व्यवहार परिवर्तन संचार ढांचा' शुरू किया है।
शहरी भारत में स्वच्छता के क्षेत्र में एक सामाजिक क्रांति हुई है, जिसमें एक सौ तीस करोड़ नागरिक प्रधानमंत्री के 'स्वच्छ भारत' के आह्वान के समर्थन में एकजुट हुए हैं।
पिछले सात वर्षों में, स्वच्छता के लिए सरकार की यह नीति दुनिया का सबसे बड़ा व्यवहार परिवर्तन कार्यक्रम बन गई है।
यह सतत शहरीकरण, सर्कुलर अर्थव्यवस्था, पुन: उपयोग,रीड्युस, पुनर्चक्रण और संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों के सिद्धांतों पर काम करता है।
स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गांधी जयंती के उपलक्ष्य में 2 अक्टूबर, 2021 ‘स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के दूसरे चरण की शुरुआत की।
इसे सभी शहरों को कचरा मुक्त करने और जल संरक्षण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए तैयार किया गया है.
इसमें 1 लाख से कम जनसंख्या वाले शहरों में पूर्ण तरल कचरा प्रबंधन प्रणाली को अपनाकर अपशिष्ट जल को संगृहीत एवं शोधित करने का प्रावधान भी किया गया है।
इसके तहत् आगामी 5 वर्षों में रोज़गार हेतु शहरी क्षेत्रों में जाने वाली जनसंख्या के लिये 3.5 लाख व्यक्तिगत, सामुदायिक एवं सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया जाएगा
समाज और देश में ‘स्वच्छता एवं साफ-सफाई’ को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 2 अक्तूबर, 2014 को स्वच्छ भारत मिशन (SBM) शुरू किया गया था।
8. MSME मंत्रालय ने MSME सस्टेनेबल प्रमाणन योजना (ZED) लॉन्च की
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केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे ने MSME सस्टेनेबल प्रमाणन योजना (ZED) शुरू की।
यह योजना एमएसएमई को शून्य दोष शून्य प्रभाव (जेडईडी) प्रथाओं को अपनाने और उन्हें एमएसएमई चैंपियन बनने के लिए प्रोत्साहित करते हुए जेड प्रमाणन के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करने के लिए एक व्यापक अभियान है।
ZED में एक राष्ट्रीय आंदोलन बनने की क्षमता है और इसका उद्देश्य भारत के MSMEs के लिए वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए एक रोडमैप प्रदान करना है।
ZED न केवल उत्पादकता और प्रदर्शन में सुधार करने का प्रयास करेगा, बल्कि इसमें निर्माताओं की मानसिकता को बदलने और उन्हें पर्यावरण के प्रति अधिक जागरूक बनाने की क्षमता है।
इस योजना के माध्यम से एमएसएमई काफी हद तक अपव्यय को कम कर सकते हैं, उत्पादकता, पर्यावरण जागरूकता बढ़ा सकते हैं, ऊर्जा बचा सकते हैं, प्राकृतिक संसाधनों का इष्टतम उपयोग कर सकते हैं तथा अपने बाजारों का विस्तार कर सकते हैं।
योजना के तहत सब्सिडी
योजना के तहत, MSME को ZED प्रमाणीकरण की लागत पर निम्नलिखित संरचना के अनुसार सब्सिडी मिलेगी:
सूक्ष्म उद्यम: 80%
लघु उद्यम: 60%
मध्यम उद्यम: 50%
अतिरिक्त सब्सिडी
एनईआर/हिमालयी/एलडब्ल्यूई/द्वीप क्षेत्रों/आकांक्षी जिलों में महिलाओं/एससी/एसटी उद्यमियों के स्वामित्व वाले एमएसएमई के लिए 10% की अतिरिक्त सब्सिडी होगी।
उपरोक्त के अलावा, MSMEs के लिए 5% की अतिरिक्त सब्सिडी होगी जो मंत्रालय के SFURTI या सूक्ष्म और लघु उद्यम - क्लस्टर विकास कार्यक्रम (MSE-CDP) का भी हिस्सा हैं।
इसके अलावा, ZED प्रतिज्ञा लेने के बाद प्रत्येक एमएसएमई को 10,000/- रुपये का एक सीमित उद्देश्य में शामिल होने का इनाम दिया जाएगा
एमएसएमई मंत्रालय की भूमिका
यह सभी क्षेत्रों और राज्यों में एमएसएमई को बढ़ावा देने, विकसित करने और समर्थन देने का कार्य करता है।
मंत्रालय 20 से अधिक विभिन्न योजनाएं चलाता है जैसे पीएमईजीपी, एसएफयूटीआई, एमएसई-सीडीपी, रैम्प योजना, अति, उद्यम पंजीकरण, आदि।
ये योजनाएं वित्त तक पहुंच, बाजार से जुड़ाव, प्रौद्योगिकी उन्नयन, क्षमता निर्माण, नवाचार/विचार और औद्योगिक बुनियादी ढांचे के विकास आदि के क्षेत्रों में समर्थन और ताकत प्रदान करती हैं।
9. भारतीय अब यूएई में यूपीआई का उपयोग करके भुगतान कर सकते हैं
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भारतीय बैंक खातों के साथ संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में आने वाले पर्यटक या प्रवासी खाड़ी देश में दुकानों, खुदरा प्रतिष्ठानों और अन्य व्यापारियों को यूपीआई के माध्यम से भुगतान करने में सक्षम होंगे।
एनपीसीआई और यूएई के मशरेक बैंक के नियोपे ने इस सेवा के लिए साझेदारी की है।
उपयोगकर्ताओं के लिए भारत में एक बैंक खाता होना अनिवार्य होगा, जिस पर UPI सक्षम हो।
यूपीआई भुगतान करने के लिए उपयोगकर्ताओं को भीम जैसे एप्लिकेशन की भी आवश्यकता होगी।
UPI का उपयोग करके भुगतान केवल उन्हीं व्यापारियों और दुकानों पर स्वीकार किया जाएगा जिनके पास NEOPAY टर्मिनल हैं।
यूपीआई के बारे में
यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) एक एकल मंच है जो विभिन्न बैंकिंग सेवाओं और सुविधाओं को एक स्थान पर लाता है।
एक यूपीआई आईडी और पिन पैसे भेजने और प्राप्त करने के लिए पर्याप्त हैं।
मोबाइल नंबर या वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (यूपीआई आईडी) का उपयोग करके रीयल-टाइम बैंक-टू-बैंक भुगतान किया जा सकता है।
इसे भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) द्वारा विकसित किया गया है।
इसे भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा नियंत्रित किया जाता है और एक मोबाइल प्लेटफ़ॉर्म पर दो बैंक खातों के बीच तुरंत धनराशि स्थानांतरित किया जाता है।
10. पीएमईजीपी के तहत स्वरोजगार सृजन में जम्मू-कश्मीर सभी भारतीय राज्यों से आगे
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भारत में अन्य सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की तुलना में केवीआईसी ने वर्ष 2021-22 में जम्मू और कश्मीर में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत सबसे अधिक विनिर्माण और सेवा इकाइयों की स्थापना की है I
पीएमईजीपी के तहत वर्ष 2021-22 में भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सबसे ज्यादा ,1.73 लाख नए रोजगारों का सृजन अकेले जम्मू-कश्मीर में किया गया है I
जम्मू और कश्मीर में 21,640 विनिर्माण और सेवा इकाइयों की स्थापना की गई जो उत्तर प्रदेश (12,594 इकाइयों), मध्य प्रदेश (8082 इकाइयों), तमिलनाडु (5972 इकाइयों), कर्नाटक (5877) और गुजरात (4140 इकाइयों) जैसे बड़े राज्यों से बहुत अधिक है।
वर्ष 2021-22 में केवीआईसी ने जम्मू-कश्मीर में 3,360 पीएमईजीपी इकाइयों का लक्ष्य निर्धारित किया था, लेकिन स्थानीय विनिर्माण को लेकर केंद्र के प्रोत्साहन से उत्साहित होकर इसने लक्ष्य से 544 प्रतिशत से ज्यादा 21,640 इकाइयों की स्थापना की।
जम्मू-कश्मीर में कुल 2101 करोड़ रुपये की पूंजी से इन इकाइयों की स्थापना की गई है। इसमें से केवीआईसी ने 467 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड मार्जिन मनी सब्सिडी के रूप में दिया जो देश के सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में सबसे अधिक है।
वर्ष 2021-22 में जम्मू-कश्मीर में पीएमईजीपी की अधिकांश इकाइयां बारामूला, बडगाम, पुलवामा, अनंतनाग, गांदरबल, कुपवाड़ा, बांदीपोरा और डोडा जैसे जिलों में स्थापित की गई हैं, जो बड़े पैमाने पर आतंकवाद से ग्रस्त हैं।
जम्मू-कश्मीर में 21,640 पीएमईजीपी इकाइयों में से 16807 (78 प्रतिशत) सेवा क्षेत्र ,1933 इकाइयां (9 प्रतिशत) ग्रामीण इंजीनियरिंग और जैव-प्रौद्योगिकी और 1770 इकाइयां (8 प्रतिशत) कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग से संबंधित हैं।
प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम के बारे में
इस योजना की शुरुआत वर्ष 2008 में प्रधानमंत्री रोज़गार योजना (पीएमआरबाई) और ग्रामीण रोज़गार सृजन कार्यक्रम को मिलाकर की गई थी।
इस कार्यक्रम को भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा लागू किया गया है I
इस योजना का क्रियान्वयन ‘खादी और ग्रामोद्योग आयोग’ (केवीआईसी) द्वारा किया जाता है।
पीएमईजीपी यानी प्रधानमंत्री इम्प्लॉयमेंट जेनरेशन प्रोग्राम एक बिजनेस लोन से जुड़ा हुआ सब्सिडी कार्यक्रम है।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्वरोज़गार से जुड़े नए उपक्रमों/सूक्ष्म उद्यमों/परियोजनाओं के विकास को बढ़ावा देकर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोज़गार के अवसर उत्पन्न करना है।