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By admin: Sept. 13, 2022

1. चुनाव लड़ने का अधिकार मौलिक अधिकार नहीं : सुप्रीम कोर्ट

Tags: National

13 सितंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले  में कहा की चुनाव लड़ने का अधिकार न तो एक मौलिक अधिकार है, बल्कि क़ानून द्वारा प्रदत्त अधिकार है।

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली श्री विश्वनाथ प्रताप सिंह द्वारा दायर एक विशेष अनुमति याचिका पर अपना फैसला सुना रहा था, जिसमे दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी उसकी  याचिका को खारिज कर दिया था।


महत्वपूर्ण तथ्य - 

विश्वनाथ प्रताप सिंह बनाम भारत निर्वाचन आयोग 2022 :

  • याचिकाकर्ता विश्वनाथ प्रताप सिंह जून 2022 में हुए राज्यसभा चुनाव लड़ना चाहते थे। उन्होंने अपने याचिका में यह दलील दी कि उन्होंने नामांकन फॉर्म हासिल कर लिया था लेकिन निर्वाचन आयोग ने उनके नाम का प्रस्ताव करने वाले उचित प्रस्तावक के न होने के कारण उन्हें  नामांकन दाखिल करने की अनुमति नहीं थी।
  • याचिकाकर्ता ने दावा किया कि चूंकि प्रस्तावक के बिना उनकी उम्मीदवारी स्वीकार नहीं की गई थी, इसलिए उनके बोलने और अभिव्यक्ति के मौलिक अधिकार और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के उनके अधिकार का उल्लंघन किया गया था।
  • दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में उनकी इस  याचिका को खारिज कर दिया था कि उनके मौलिक अधिकार का उल्लंघन किया गया था।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला :

  • जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया की दो जजों की बेंच ने जावेद बनाम हरियाणा राज्य, (2003) और राजबाला बनाम हरियाणा राज्य (2016) का जिक्र करते हुए , याचिका को खारिज करते हुए कहा कि चुनाव लड़ने का अधिकार न तो  एक मौलिक अधिकार और न ही एक सामान्य कानून अधिकार बल्कि यह एक क़ानून द्वारा प्रदत्त अधिकार है।"
  • पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता को संसद द्वारा बनाए गए कानून के अनुसार राज्यसभा का चुनाव लड़ने का कोई अधिकार नहीं है।
  • कोर्ट ने कहा कि, "लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 और  चुनाव आचरण नियम, 1961  के तहत  नामांकन फॉर्म भरते समय उम्मीदवार के नाम  को  प्रस्तावित किया जाना अनिवार्य है।"
  • इसलिए, कोई व्यक्ति यह दावा नहीं कर सकता कि उसे चुनाव लड़ने का अधिकार है और उक्त शर्त उसके मौलिक अधिकार का उल्लंघन करती है, ताकि बिना किसी प्रस्तावक के अपना नामांकन दाखिल किया जा सके, जैसा कि अधिनियम के तहत आवश्यक है।"
  • सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया और उस पर  एक लाख ₹ का जुर्माना भी लगाया और कहा कि चार सप्ताह के भीतर यह राशी सुप्रीम कोर्ट कानूनी सहायता समिति को भुगतान किया जाए।

प्रस्तावक और अनुमोदक :

  • गैर-गंभीर उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने से हतोत्साहित करने के लिए, कानून में प्रावधान है कि एक उम्मीदवार जो चुनाव लड़ना चाहता है, उसे एक नामांकन पत्र दाखिल करना होगा, जिस पर प्रस्तावक द्वारा हस्ताक्षर किए जाने चाहिए और अनुमोदक द्वारा समर्थित होना चाहिए। वह व्यक्ति जो प्रस्तावक है, वह अनुमोदक नहीं बन सकता।
  • प्रस्तावक और अनुमोदक वे मतदाता हैं जिन्हें उस पद के लिए वोट देने का अधिकार है ।

राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति चुनाव अधिनियम, 1952 राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए प्रस्तावक और अनुमोदक का प्रावधान करता है।

वे इस प्रकार हैं :

पद

प्रस्तावक

अनुमोदक

राष्ट्रपति

50 मतदाता

50 मतदाता

उप-राष्ट्रपति

20 मतदाता

20 मतदाता

अतिरिक्त जानकारी -

संसद और राज्य विधानमंडल के लिए :

  • जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 33 (1) के अनुसार, एक उम्मीदवार जो किसी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल से संबंधित है, को लोकसभा या राज्यसभा या विधान सभा या विधान परिषद चुनाव, चुनाव लड़ने के लिए नामांकन दाखिल करने के लिए केवल 1  प्रस्तावक  (उस निर्वाचन क्षेत्र का मतदाता जहां पर  चुनाव हो रहा है) की आवश्यकता है ।
  • यदि उम्मीदवार किसी गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल या निर्दलीय से है तो प्रस्तावक की आवश्यकता 10 है।

By admin: Sept. 13, 2022

2. सरकार ने जारी की आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची

Tags: National National News


स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने आवश्यक दवाओं की नई राष्ट्रीय सूची (NLEM) जारी की है ज‍िसमें 384 दवाओं को शाम‍िल क‍िया गया है।


महत्वपूर्ण तथ्य

  • 384 दवाओं की सूची में 34 नई दवाओं को आवश्‍यक दवाओं की ल‍िस्‍ट में शाम‍िल क‍िया गया है।

  • एनएलईएम, 2015 में 376 की तुलना में एनएलईएम 2022 में 384 दवाएं हैं।

  • दवाओं को अब 27 चिकित्सीय श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है।

आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची (एनएलईएम) क्या है ?

  • आवश्यक दवाएं वे हैं जो उपचार की प्रभावकारिता, सुरक्षा, गुणवत्ता और कुल लागत के आधार पर प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं को पूरा करती हैं।

  • एनएलईएम का प्राथमिक उद्देश्य तीन महत्वपूर्ण पहलुओं अर्थात लागत, सुरक्षा और प्रभावकारिता पर विचार करते हुए दवाओं के तर्कसंगत उपयोग को बढ़ावा देना है।

  • यह अवधारणा इस बात पर आधारित है कि सावधानीपूर्वक चुनी गई दवाओं की एक सीमित सूची स्वास्थ्य देखभाल की गुणवत्ता में सुधार करेगी, लागत प्रभावी स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करेगी और दवाओं का बेहतर प्रबंधन करेगी।

By admin: Sept. 13, 2022

3. सरकार ने जारी की आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची

Tags: National National News


स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने आवश्यक दवाओं की नई राष्ट्रीय सूची (NLEM) जारी की है ज‍िसमें 384 दवाओं को शाम‍िल क‍िया गया है।


महत्वपूर्ण तथ्य

  • 384 दवाओं की सूची में 34 नई दवाओं को आवश्‍यक दवाओं की ल‍िस्‍ट में शाम‍िल क‍िया गया है।

  • एनएलईएम, 2015 में 376 की तुलना में एनएलईएम 2022 में 384 दवाएं हैं।

  • दवाओं को अब 27 चिकित्सीय श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है।

आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची (एनएलईएम) क्या है ?

  • आवश्यक दवाएं वे हैं जो उपचार की प्रभावकारिता, सुरक्षा, गुणवत्ता और कुल लागत के आधार पर प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं को पूरा करती हैं।

  • एनएलईएम का प्राथमिक उद्देश्य तीन महत्वपूर्ण पहलुओं अर्थात लागत, सुरक्षा और प्रभावकारिता पर विचार करते हुए दवाओं के तर्कसंगत उपयोग को बढ़ावा देना है।

  • यह अवधारणा इस बात पर आधारित है कि सावधानीपूर्वक चुनी गई दवाओं की एक सीमित सूची स्वास्थ्य देखभाल की गुणवत्ता में सुधार करेगी, लागत प्रभावी स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करेगी और दवाओं का बेहतर प्रबंधन करेगी।

By admin: Sept. 13, 2022

4. भारत दिसंबर 2022 से एक साल के लिए G20 की अध्यक्षता ग्रहण करेगा

Tags: International News

विदेश मंत्रालय के अनुसार भारत 1 दिसंबर, 2022 से 20 नवंबर, 2023 तक शुरू होने वाले एक वर्ष के लिए G20 बैठक की अध्यक्षता करेगा।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • भारत की अध्यक्षता में कुल 200 G20 बैठकें होने की संभावना है।

  • राष्ट्राध्यक्षों/शासनाध्यक्षों के स्तर पर जी20 नेताओं का शिखर सम्मेलन 9 और 10 सितंबर, 2023 को नई दिल्ली में आयोजित होने वाला है।

भारत G20 ट्राइका का हिस्सा है :

  • भारत वर्तमान में G20 ट्राइका (वर्तमान, पिछली और आने वाली G20 प्रेसीडेंसी) का हिस्सा है जिसमें इंडोनेशिया, इटली और भारत शामिल हैं।

  • भारत की अध्यक्षता में भारत, इंडोनेशिया और ब्राजील ट्रोइका का निर्माण करेंगे।

  • यह पहली बार होगा जब ट्रोइका में तीन विकासशील देश और उभरती अर्थव्यवस्थाएं शामिल होंगी, जो उन्हें बल प्रदान करेंगी।

अतिरिक्त जानकारी -

जी-20 समूह :

  • ग्रुप ऑफ 20 या जी-20 एक बहुपक्षीय संगठन है जिसे 1999 में स्थापित किया गया था।

  • इसमें दुनिया के प्रमुख विकसित और विकासशील देश शामिल हैं।

  • इसमें 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल हैं। सदस्य देश अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका हैं।

  • 2021 में इटली जी-20 का अध्यक्ष था। इंडोनेशिया 2022 के लिए अध्यक्ष है और भारत 2023 में अध्यक्ष होगा।

  • जी-20 के नेताओं की पहली शिखर बैठक 2008 में वाशिंगटन, संयुक्त राज्य अमेरिका में आयोजित की गई थी।

  • G20 का कोई स्थायी सचिवालय नहीं है।

  • G-20 सदस्य विश्व की जनसंख्या का 60%, विश्व अर्थव्यवस्था का 80% और विश्व व्यापार का 75% हिस्सा हैं।

By admin: Sept. 13, 2022

5. MeitY स्टार्टअप हब, मेटा भारत में एक्सआर प्रौद्योगिकी स्टार्टअप में तेजी लाने के लिए कार्यक्रम शुरू करेगा

Tags: National Economy/Finance National News


इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) स्टार्टअप हब मेटा के सहयोग से पूरे भारत में XR प्रौद्योगिकी स्टार्टअप को समर्थन और गति प्रदान करने के लिए एक कार्यक्रम शुरू करेगा।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • यह सहयोग उभरती और भविष्य की प्रौद्योगिकियों में कुशल बनाने के सरकार के प्रयासों का हिस्सा है।

  • रचनाकारों, डेवलपर्स और एक जीवंत प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र के एक बड़े प्रतिभा पूल के साथ भारत मेटावर्स में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की क्षमता रखता है।

  • MeitY स्टार्टअप हब, MeitY की एक पहल है, यह एक राष्ट्रीय मंच है जो प्रौद्योगिकी नवाचार, स्टार्ट-अप और बौद्धिक संपदा के निर्माण को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।

  • वर्तमान में, इसमें लगभग 3,000 से अधिक टेक स्टार्टअप हैं, अगले तीन से पांच वर्षों में इसे 10,000 से अधिक स्टार्टअप तक बढ़ने की उम्मीद है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री - अश्विनी वैष्णव

By admin: Sept. 13, 2022

6. MeitY स्टार्टअप हब, मेटा भारत में एक्सआर प्रौद्योगिकी स्टार्टअप में तेजी लाने के लिए कार्यक्रम शुरू करेगा

Tags: National Economy/Finance National News


इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) स्टार्टअप हब मेटा के सहयोग से पूरे भारत में XR प्रौद्योगिकी स्टार्टअप को समर्थन और गति प्रदान करने के लिए एक कार्यक्रम शुरू करेगा।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • यह सहयोग उभरती और भविष्य की प्रौद्योगिकियों में कुशल बनाने के सरकार के प्रयासों का हिस्सा है।

  • रचनाकारों, डेवलपर्स और एक जीवंत प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र के एक बड़े प्रतिभा पूल के साथ भारत मेटावर्स में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की क्षमता रखता है।

  • MeitY स्टार्टअप हब, MeitY की एक पहल है, यह एक राष्ट्रीय मंच है जो प्रौद्योगिकी नवाचार, स्टार्ट-अप और बौद्धिक संपदा के निर्माण को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।

  • वर्तमान में, इसमें लगभग 3,000 से अधिक टेक स्टार्टअप हैं, अगले तीन से पांच वर्षों में इसे 10,000 से अधिक स्टार्टअप तक बढ़ने की उम्मीद है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री - अश्विनी वैष्णव

By admin: Sept. 12, 2022

7. केंद्र ने कतर के साथ जीआई उत्पादों के लिए वर्चुअल नेटवर्किंग मीट का आयोजन किया

Tags: International News


केंद्र ने 12 सितंबर को कतर में कृषि और खाद्य जीआई उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भारत के निर्यातकों और कतर के आयातकों के बीच एक वर्चुअल नेटवर्किंग बैठक आयोजित की।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • भारत द्वारा टूटे चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने और चावल तथा बासमती चावल को छोड़कर चावल की कुछ किस्मों पर 20% शुल्क लगाने के बाद यह बैठक आयोजित की गई।

  • निर्यात, आयातकों, आईबीपीसी के प्रतिनिधियों, भारतीय दूतावास और कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीईडीए) के अधिकारियों सहित 80 से अधिक प्रतिभागियों ने इसमें भाग लिया।

  • इस बैठक के माध्यम से भारतीय मूल के कृषि और खाद्य उत्पादों के निर्यात में भारत की ताकत पर निर्यातकों और आयातकों के बीच बातचीत के लिए एक मंच प्रदान किया गया।

  • इस आयोजन से निर्यात की सुविधा के लिए भारतीय उत्पादों में आयातकों के विश्वास को और मजबूत करने की उम्मीद है।

अतिरिक्त जानकारी -

एपीडा के बारे में :

  • कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) की स्थापना भारत सरकार द्वारा दिसंबर 1985 में संसद द्वारा पारित कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण अधिनियम के तहत की गई थी।

  • यह प्राधिकरण वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।

  • मुख्यालय- नई दिल्ली

  • अध्यक्ष– डॉ. एम. अंगमुथु

By admin: Sept. 12, 2022

8. भारत ने परामर्श की सुविधा के लिए खाड़ी सहयोग परिषद के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

Tags: International Relations International News


विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 10 सितंबर को भारत और जीसीसी के बीच परामर्श के तंत्र पर खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के महासचिव नायेफ फलाह मुबारक अल-हजरफ के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • विदेश मंत्री 10-12 सितंबर 2022 तक सऊदी अरब की दो दिवसीय यात्रा पर हैं, भारत के विदेश मंत्री के रूप में सऊदी अरब की उनकी पहली यात्रा है।

  • जयशंकर ने महासचिव के साथ द्विपक्षीय बैठक की और वर्तमान क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिति के संदर्भ में भारत-जीसीसी सहयोग की प्रासंगिकता पर चर्चा की।

खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के बारे में :

  • यह छह मध्य पूर्वी देशों- सऊदी अरब, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, बहरीन और ओमान का राजनीतिक और आर्थिक गठबंधन है।

  • इसकी स्थापना मई 1981 में रियाद, सऊदी अरब में हुई थी।

  • इसका उद्देश्य इन देशों के बीच समन्वय, सहयोग और एकीकरण और अरब क्षेत्रीय एकता प्राप्त करना है।

  • जीसीसी सदस्य राष्ट्रों की कुल जीडीपी 3.464 ट्रिलियन अमरीकी डालर से अधिक है तथा इसकी कुल आबादी 54 मिलियन है।

GCC भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है ?

  • मध्य पूर्व में भारतीय डायस्पोरा के लगभग 7.6 मिलियन लोग रहते हैं।

  • भारतीय रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार मध्य पूर्वी देशों से भारत को कुल 30% प्रेषण प्राप्त होता है। हालांकि पहले यह आंकड़ा 50 फीसदी हुआ करता था।

  • प्रेषण में गिरावट कोविड -19 महामारी के कारण हो सकती है जिसने श्रमिकों को भारत आने के लिए मजबूर किया।

अतिरिक्त जानकारी -

भारत के व्यापार और ऊर्जा हित :

  • वर्ष 2021-22 में भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार (72.9 बिलियन अमरीकी डालर) संयुक्त अरब अमीरात था।

  • सऊदी अरब पिछले वित्त वर्ष में भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था।

  • कतर से, भारत सालाना 8.5 मिलियन टन एलएनजी का आयात करता है और अनाज से लेकर मांस, मछली, रसायन और प्लास्टिक तक के उत्पादों का निर्यात करता है।

  • भारत और कतर के बीच दोतरफा वाणिज्य 2021-22 में बढ़कर 15 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जो 2020-21 में 9.21 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।

  • ओमान और बहरीन ने भी भारत के साथ एक समृद्ध द्विपक्षीय व्यापार भागीदार रहा है।

By admin: Sept. 12, 2022

9. भारत ने परामर्श की सुविधा के लिए खाड़ी सहयोग परिषद के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

Tags: International Relations International News


विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 10 सितंबर को भारत और जीसीसी के बीच परामर्श के तंत्र पर खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के महासचिव नायेफ फलाह मुबारक अल-हजरफ के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • विदेश मंत्री 10-12 सितंबर 2022 तक सऊदी अरब की दो दिवसीय यात्रा पर हैं, भारत के विदेश मंत्री के रूप में सऊदी अरब की उनकी पहली यात्रा है।

  • जयशंकर ने महासचिव के साथ द्विपक्षीय बैठक की और वर्तमान क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिति के संदर्भ में भारत-जीसीसी सहयोग की प्रासंगिकता पर चर्चा की।

खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के बारे में :

  • यह छह मध्य पूर्वी देशों- सऊदी अरब, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, बहरीन और ओमान का राजनीतिक और आर्थिक गठबंधन है।

  • इसकी स्थापना मई 1981 में रियाद, सऊदी अरब में हुई थी।

  • इसका उद्देश्य इन देशों के बीच समन्वय, सहयोग और एकीकरण और अरब क्षेत्रीय एकता प्राप्त करना है।

  • जीसीसी सदस्य राष्ट्रों की कुल जीडीपी 3.464 ट्रिलियन अमरीकी डालर से अधिक है तथा इसकी कुल आबादी 54 मिलियन है।

GCC भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है ?

  • मध्य पूर्व में भारतीय डायस्पोरा के लगभग 7.6 मिलियन लोग रहते हैं।

  • भारतीय रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार मध्य पूर्वी देशों से भारत को कुल 30% प्रेषण प्राप्त होता है। हालांकि पहले यह आंकड़ा 50 फीसदी हुआ करता था।

  • प्रेषण में गिरावट कोविड -19 महामारी के कारण हो सकती है जिसने श्रमिकों को भारत आने के लिए मजबूर किया।

अतिरिक्त जानकारी -

भारत के व्यापार और ऊर्जा हित :

  • वर्ष 2021-22 में भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार (72.9 बिलियन अमरीकी डालर) संयुक्त अरब अमीरात था।

  • सऊदी अरब पिछले वित्त वर्ष में भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था।

  • कतर से, भारत सालाना 8.5 मिलियन टन एलएनजी का आयात करता है और अनाज से लेकर मांस, मछली, रसायन और प्लास्टिक तक के उत्पादों का निर्यात करता है।

  • भारत और कतर के बीच दोतरफा वाणिज्य 2021-22 में बढ़कर 15 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जो 2020-21 में 9.21 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।

  • ओमान और बहरीन ने भी भारत के साथ एक समृद्ध द्विपक्षीय व्यापार भागीदार रहा है।

By admin: Sept. 10, 2022

10. भारत अमेरिका के नेतृत्व वाले इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क (आईपीईएफ) के 3 स्तंभों में शामिल हुआ

Tags: Economy/Finance International News


भारत ने अभी के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के नेतृत्व वाले इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क (आईपीईएफ) के व्यापार स्तंभ में शामिल नहीं होने का फैसला किया है, लेकिन अन्य तीन स्तंभों: आपूर्ति श्रृंखला, कर और भ्रष्टाचार विरोधी और स्वच्छ ऊर्जा में शामिल होने के लिए सहमत हो गया है।

यह केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल द्वारा 9 सितंबर 2022 को लॉस एंजिल्स, संयुक्त राज्य अमेरिका में आयोजित आईपीईएफ की पहली व्यक्तिगत बैठक में व्यापार मंत्रियों के अंत में घोषित किया गया ।


महत्वपूर्ण तथ्य - 

भारत व्यापार स्तंभ में क्यों शामिल नहीं हुआ ?

  • मंत्री ने कहा कि व्यापार से संबंधित व्यापार स्तंभ को पर्यावरण, श्रम, डिजिटल व्यापार, सार्वजनिक खरीद पर सदस्य देशों की प्रतिबद्धता की आवश्यकता है।
  • उन्होंने कहा कि भारत निश्चित नहीं है कि इस व्यापार स्तंभ से जुड़ने से उसे क्या लाभ होगा।
  • उन्होंने आशंका व्यक्त की, कि व्यापार स्तंभ अनुपालन के उच्च मानक स्थापित कर सकता है जो विकासशील देशों के साथ भेदभाव कर सकता है।
  • एक उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि संयुक्त राज्य ने पर्यावरण संरक्षण पर एक उच्च मानक स्थापित किया है जो ऊर्जा कंपनियों पर लागू होता है। इसने बिजली संयंत्रों के लिए कड़े मानदंड निर्धारित किए हैं ताकि वे कम प्रदूषण और अधिक पर्यावरण के अनुकूल हों। यह नई तकनीक में निवेश को अनिवार्य बनाता है जिससे बिजली का उत्पादन महंगा हो जाता है।
  • यदि भारत अमेरिकी मानकों का पालन करता है तो यह भारत के आर्थिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा। भारत को सस्ती बिजली की जरूरत है ताकि यह सभी के लिए सुलभ हो। भारत महंगी बिजली वहन नहीं कर सकता।
  • इसी तरह की चिंता श्रम, डिजिटल व्यापार और सार्वजनिक खरीद के क्षेत्र में भी है।

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