1. केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण और कृषि मंत्रालय ने कन्वर्जेंस पोर्टल लॉन्च किया
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सरकार ने 21 सितंबर को खाद्य प्रसंस्करण और कृषि मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के लिए एक संयुक्त कन्वर्जेंस पोर्टल शुरू किया है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय (एमओएएफडब्ल्यू) तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (एमओएफपीआई) ने संयुक्त रूप से इस पोर्टल की शुरुआत की है।
यह पोर्टल कृषि अवसंरचना कोष (एआईएफ), प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम (पीएमएफएमई) योजना और प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (पीएमकेएसवाई) के बीच शुरू किया गया है।
इस पोर्टल को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री पशुपति कुमार पारस तथा कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी की उपस्थिति में लॉन्च किया गया।
यह पहल खाद्य प्रसंस्करण में लगी सूक्ष्म इकाइयों के जीवनकाल में एक नया अध्याय जोड़ने जा रही है।
कृषि अवसंरचना कोष :
इसे 2020 में कोविड-19 संकट के विरुद्ध प्रोत्साहन पैकेज के रूप में शुरू किया गया था
इसका उद्देश्य फसल के उपरांत बुनियादी ढाँचा प्रबंधन और सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों के लिये व्यवहार्य परियोजनाओं में निवेश हेतु मध्यम-लंबी अवधि के ऋण वित्तपोषण की सुविधा प्रदान करना।
प्रधान मंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम (पीएमएफएमई) योजना :
खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने 29 जून, 2020को केंद्र प्रायोजित पीएमएफएमई योजना शुरू की।
इसका उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के असंगठित क्षेत्र में मौजूदा व्यक्तिगत सूक्ष्म उद्यमों की प्रतिस्पर्द्धात्मकता को बढ़ाना और क्षेत्र की औपचारिकता को बढ़ावा देना है।
इस योजना के तहत देश में सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के उन्नयन के लिए वित्तीय, तकनीकी और व्यावसायिक सहायता प्रदान की जाती है।
प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना :
यह खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है।
इस योजना का उद्देश्य फार्म गेट से रिटेल आउटलेट तक कुशल आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन के साथ आधुनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण करना है।
2. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने शुरू किया क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम
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युवा मामले और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने 21 सितंबर को नई दिल्ली में नेहरू युवा केंद्र संगठन के 14,000 युवा स्वयंसेवकों के लिए क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
महत्वपूर्ण तथ्य -
महत्वाकांक्षी ऑनलाइन इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य युवा स्वयंसेवकों के जीवन कौशल को बढ़ाना है ताकि वे राष्ट्रीय विकास में प्रभावी रूप से योगदान दे सकें।
प्रशिक्षण कार्यक्रम की सामग्री को सावधानीपूर्वक तैयार किया गया है और इसमें संचार कौशल, नेतृत्व कौशल और निर्णय लेने पर गहन अभ्यास शामिल हैं।
यह दुनिया का सबसे बड़ा कुशल कार्यबल बनाने में मदद करेगा।
नेहरू युवा केंद्र संगठन -
इसकी स्थापना वर्ष 1972में हुई थी।
इसका उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में भाग लेने के साथ-साथ उनके व्यक्तित्व और कौशल के विकास के अवसर प्रदान करना है।
यह युवा मामले और खेल मंत्रालय के विभिन्न युवा कार्यक्रमों और अन्य मंत्रालयों के समन्वय और सहयोग से विशेष कार्यक्रमों के साथ युवा विकास के विभिन्न मोर्चों पर काम कर रहा है।
3. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने शुरू किया क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम
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युवा मामले और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने 21 सितंबर को नई दिल्ली में नेहरू युवा केंद्र संगठन के 14,000 युवा स्वयंसेवकों के लिए क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
महत्वपूर्ण तथ्य -
महत्वाकांक्षी ऑनलाइन इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य युवा स्वयंसेवकों के जीवन कौशल को बढ़ाना है ताकि वे राष्ट्रीय विकास में प्रभावी रूप से योगदान दे सकें।
प्रशिक्षण कार्यक्रम की सामग्री को सावधानीपूर्वक तैयार किया गया है और इसमें संचार कौशल, नेतृत्व कौशल और निर्णय लेने पर गहन अभ्यास शामिल हैं।
यह दुनिया का सबसे बड़ा कुशल कार्यबल बनाने में मदद करेगा।
नेहरू युवा केंद्र संगठन -
इसकी स्थापना वर्ष 1972में हुई थी।
इसका उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में भाग लेने के साथ-साथ उनके व्यक्तित्व और कौशल के विकास के अवसर प्रदान करना है।
यह युवा मामले और खेल मंत्रालय के विभिन्न युवा कार्यक्रमों और अन्य मंत्रालयों के समन्वय और सहयोग से विशेष कार्यक्रमों के साथ युवा विकास के विभिन्न मोर्चों पर काम कर रहा है।
4. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पीएलआई योजना की दूसरी किश्त को मंजूरी दी
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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 21 सितंबर को उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल के राष्ट्रीय कार्यक्रम के लिए 19,500 करोड़ रुपए की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के दूसरे चरण को मंजूरी दे दी।
महत्वपूर्ण तथ्य -
इसका उद्देश्य उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल के निर्माण के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है।
पारदर्शी चयन प्रक्रिया के माध्यम से सोलर पीवी निर्माताओं का चयन किया जाएगा।
इसके तहत पूर्ण एवं आंशिक रूप से एकीकृत सोलर पीवी मॉड्यूल की लगभग 65 हजार मेगा वाट निर्माण क्षमता प्रतिवर्ष स्थापित की जाएगी।
यह योजना लगभग 94 हजार करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष निवेश लाएगी और लगभग 2 लाख लोगों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार और लगभग आठ लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करेगी।
प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम :
यह एक पहल है जो घरेलू उद्योगों को स्थानीय स्तर पर उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन प्रदान करती है।
इस योजना के माध्यम से सरकार का लक्ष्य घरेलू इकाइयों में निर्मित उत्पादों की बिक्री में वृद्धि पर कंपनियों को प्रोत्साहन देना है।
इस योजना का उद्देश्य घरेलू विनिर्माण को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना और विनिर्माण में वैश्विक चैंपियन बनाना है।
सरकार ने ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट्स, व्हाइट गुड्स, फार्मा, टेक्सटाइल्स, एडवांस केमिस्ट्री सेल और स्पेशलिटी स्टील सहित 14 क्षेत्रों के लिए लगभग 2 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ इस योजना की शुरुआत की है।
5. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पीएलआई योजना की दूसरी किश्त को मंजूरी दी
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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 21 सितंबर को उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल के राष्ट्रीय कार्यक्रम के लिए 19,500 करोड़ रुपए की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के दूसरे चरण को मंजूरी दे दी।
महत्वपूर्ण तथ्य -
इसका उद्देश्य उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल के निर्माण के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है।
पारदर्शी चयन प्रक्रिया के माध्यम से सोलर पीवी निर्माताओं का चयन किया जाएगा।
इसके तहत पूर्ण एवं आंशिक रूप से एकीकृत सोलर पीवी मॉड्यूल की लगभग 65 हजार मेगा वाट निर्माण क्षमता प्रतिवर्ष स्थापित की जाएगी।
यह योजना लगभग 94 हजार करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष निवेश लाएगी और लगभग 2 लाख लोगों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार और लगभग आठ लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करेगी।
प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम :
यह एक पहल है जो घरेलू उद्योगों को स्थानीय स्तर पर उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन प्रदान करती है।
इस योजना के माध्यम से सरकार का लक्ष्य घरेलू इकाइयों में निर्मित उत्पादों की बिक्री में वृद्धि पर कंपनियों को प्रोत्साहन देना है।
इस योजना का उद्देश्य घरेलू विनिर्माण को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना और विनिर्माण में वैश्विक चैंपियन बनाना है।
सरकार ने ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट्स, व्हाइट गुड्स, फार्मा, टेक्सटाइल्स, एडवांस केमिस्ट्री सेल और स्पेशलिटी स्टील सहित 14 क्षेत्रों के लिए लगभग 2 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ इस योजना की शुरुआत की है।
6. भारत के "इंडिया हाइपरटेंशन कंट्रोल इनिशिएटिव" को संयुक्त राष्ट्र पुरस्कार मिला
भारत उच्च रक्तचाप नियंत्रण पहल (इंडिया हाइपरटेंशन कंट्रोल इनिशिएटिव) ने संयुक्त राष्ट्र 2022 यूएन इंटरएजेंसी टास्क फोर्स और प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल पुरस्कार पर डब्ल्यूएचओ विशेष कार्यक्रम” पुरस्कार जीता है। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने 21 सितंबर 2022 को ट्वीट की थी।
इस पुरस्कार की घोषणा 21 सितंबर 2022 को न्यूयॉर्क, संयुक्त राज्य अमेरिका में की गई।
यह पुरस्कार भारत की उस उत्कृष्ट प्रतिबद्धता और कार्रवाई को मान्यता देता है जिसमे : (i) गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) को रोकना और नियंत्रित करना और (ii) एकीकृत जन-केंद्रित प्राथमिक देखभाल प्रदान करना है ।
भारत उच्च रक्तचाप नियंत्रण पहल 2017 में शुरू की गई थी। यह केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), राज्य सरकारों और विश्व स्वास्थ्य संगठन-भारत की एक सहयोगी पहल है।
पहल के तहत 23 राज्यों के 130 जिलों में उच्च रक्तचाप से पीड़ित 34 लाख से अधिक लोग सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में इलाज करा रहे हैं।
महत्वपूर्ण तथ्य -
- हर साल 17 मई को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- विश्व उच्च रक्तचाप दिवस 2022 का विषय है "अपने रक्तचाप को मापें, इसे नियंत्रित करें, लंबे समय तक जीवित रहें"।
- उच्च रक्तचाप एक ऐसी बीमारी है जिसमें उच्च रक्तचाप लगातार 140/90 या उससे अधिक की सीमा में दर्ज किया जाता है।
- सामान्य स्वस्थ मनुष्य का आदर्श रक्तचाप 120/80 होना चाहिए।
7. भारतीय सौर ऊर्जा निगम लिमिटेड (एसईसीआई) का 11वां स्थापना दिवस
Tags: National Important Days National News
सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SECI) का 11वां स्थापना दिवस समारोह 20 सितंबर को आयोजित किया गया।
महत्वपूर्ण तथ्य -
इस अवसर पर केंद्रीय विद्युत एवं नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा और रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री भगवंत खुबा विशिष्ट अतिथि थे।
11वें स्थापना दिवस के अवसर पर 1100 वृक्षारोपण, रक्तदान शिविर सहित कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें 88 यूनिटों का दान किया गया।
2100 भोजन पैकेटों का वितरण, लगभग 2200 स्कूली बच्चों के लिए अतिथि व्याख्यान, टेबल-टेनिस, शतरंज, कैरम, फुटबॉल और विभिन्न टीम-निर्माण गतिविधियों से युक्त इनडोर खेल टूर्नामेंट इस आयोजन का हिस्सा थे।
भारतीय सौर ऊर्जा निगम लिमिटेड के बारे में :
यह 20 सितंबर, 2011 को स्थापित नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम (CPSU) है।
यह सौर ऊर्जा क्षेत्र को समर्पित एकमात्र सीपीएसयू है।
कंपनी के पास कैटेगरी 1 पावर ट्रेडिंग लाइसेंस है और वह इसके द्वारा कार्यान्वित की जा रही योजनाओं के तहत स्थापित परियोजनाओं से सौर ऊर्जा के व्यापार के माध्यम से इस डोमेन में सक्रिय है।
8. भारतीय सौर ऊर्जा निगम लिमिटेड (एसईसीआई) का 11वां स्थापना दिवस
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सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SECI) का 11वां स्थापना दिवस समारोह 20 सितंबर को आयोजित किया गया।
महत्वपूर्ण तथ्य -
इस अवसर पर केंद्रीय विद्युत एवं नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा और रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री भगवंत खुबा विशिष्ट अतिथि थे।
11वें स्थापना दिवस के अवसर पर 1100 वृक्षारोपण, रक्तदान शिविर सहित कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें 88 यूनिटों का दान किया गया।
2100 भोजन पैकेटों का वितरण, लगभग 2200 स्कूली बच्चों के लिए अतिथि व्याख्यान, टेबल-टेनिस, शतरंज, कैरम, फुटबॉल और विभिन्न टीम-निर्माण गतिविधियों से युक्त इनडोर खेल टूर्नामेंट इस आयोजन का हिस्सा थे।
भारतीय सौर ऊर्जा निगम लिमिटेड के बारे में :
यह 20 सितंबर, 2011 को स्थापित नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम (CPSU) है।
यह सौर ऊर्जा क्षेत्र को समर्पित एकमात्र सीपीएसयू है।
कंपनी के पास कैटेगरी 1 पावर ट्रेडिंग लाइसेंस है और वह इसके द्वारा कार्यान्वित की जा रही योजनाओं के तहत स्थापित परियोजनाओं से सौर ऊर्जा के व्यापार के माध्यम से इस डोमेन में सक्रिय है।
9. खाद्य और कृषि के लिए पादप आनुवांशिक संसाधनों पर अंतर्राष्ट्रीय संधि के शासी निकाय के 9वें सत्र की बैठक
Tags: National National News
भारत 19-24 सितंबर, 2022 तक नई दिल्ली में 'खाद्य और कृषि के लिए पादप आनुवंशिक संसाधनों पर अंतर्राष्ट्रीय संधि' (ITPGRFA) के शासी निकाय के 9वें सत्र की मेजबानी कर रहा है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
GB9 का आयोजन "सेलिब्रेटिंग द गार्जियंस ऑफ क्रॉप डायवर्सिटी: टूवर्ड्स ए इनक्लूसिव पोस्ट-2020 ग्लोबल बायोडायवर्सिटी फ्रेमवर्क" थीम के तहत किया जा रहा है।
थीम का उद्देश्य पीजीआरएफए के प्रभावी प्रबंधन में दुनिया के छोटे जोत वाले किसानों के योगदान को स्वीकार करना है।
नरेंद्र सिंह तोमर, कृषि और किसान कल्याण मंत्री, भारत सरकार ने 2019 में रोम में शासी निकाय (GB8) के 8वें सत्र में भाग लिया।
भारत समृद्ध फसल आनुवंशिक संसाधनों से संपन्न देश है।
भारत ने नई किस्मों के प्रजनन के लिए आनुवंशिक विविधता का उपयोग करने के लिए कानूनी, संस्थागत और शैक्षिक बुनियादी ढांचे को सफलतापूर्वक स्थापित किया है।
संधि के बारे में :
ITPGRFA, जिसे अंतर्राष्ट्रीय बीज संधि या पादप संधि के रूप में भी जाना जाता है, जैविक विविधता पर कन्वेंशन के अनुरूप एक व्यापक अंतर्राष्ट्रीय समझौता है।
यह संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन के 31वें सत्र के दौरान नवंबर, 2001 में रोम में अपनाया गया एक कानूनी रूप से बाध्यकारी व्यापक समझौता है।
यह 29 जून 2004 को लागू हुआ।
भारत सहित इस संधि के 149 अनुबंधित पक्ष हैं।
इसका उद्देश्य एक वैश्विक प्रणाली स्थापित करना है जो किसानों, पौधों के प्रजनकों और वैज्ञानिकों को पौधों के आनुवंशिक संसाधनों तक पहुंच प्रदान करती है।
संधि खाद्य और पोषण सुरक्षा के साथ-साथ जलवायु लचीला कृषि प्राप्त करने के लिए समाधान प्रदान करती है।
10. खाद्य और कृषि के लिए पादप आनुवांशिक संसाधनों पर अंतर्राष्ट्रीय संधि के शासी निकाय के 9वें सत्र की बैठक
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भारत 19-24 सितंबर, 2022 तक नई दिल्ली में 'खाद्य और कृषि के लिए पादप आनुवंशिक संसाधनों पर अंतर्राष्ट्रीय संधि' (ITPGRFA) के शासी निकाय के 9वें सत्र की मेजबानी कर रहा है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
GB9 का आयोजन "सेलिब्रेटिंग द गार्जियंस ऑफ क्रॉप डायवर्सिटी: टूवर्ड्स ए इनक्लूसिव पोस्ट-2020 ग्लोबल बायोडायवर्सिटी फ्रेमवर्क" थीम के तहत किया जा रहा है।
थीम का उद्देश्य पीजीआरएफए के प्रभावी प्रबंधन में दुनिया के छोटे जोत वाले किसानों के योगदान को स्वीकार करना है।
नरेंद्र सिंह तोमर, कृषि और किसान कल्याण मंत्री, भारत सरकार ने 2019 में रोम में शासी निकाय (GB8) के 8वें सत्र में भाग लिया।
भारत समृद्ध फसल आनुवंशिक संसाधनों से संपन्न देश है।
भारत ने नई किस्मों के प्रजनन के लिए आनुवंशिक विविधता का उपयोग करने के लिए कानूनी, संस्थागत और शैक्षिक बुनियादी ढांचे को सफलतापूर्वक स्थापित किया है।
संधि के बारे में :
ITPGRFA, जिसे अंतर्राष्ट्रीय बीज संधि या पादप संधि के रूप में भी जाना जाता है, जैविक विविधता पर कन्वेंशन के अनुरूप एक व्यापक अंतर्राष्ट्रीय समझौता है।
यह संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन के 31वें सत्र के दौरान नवंबर, 2001 में रोम में अपनाया गया एक कानूनी रूप से बाध्यकारी व्यापक समझौता है।
यह 29 जून 2004 को लागू हुआ।
भारत सहित इस संधि के 149 अनुबंधित पक्ष हैं।
इसका उद्देश्य एक वैश्विक प्रणाली स्थापित करना है जो किसानों, पौधों के प्रजनकों और वैज्ञानिकों को पौधों के आनुवंशिक संसाधनों तक पहुंच प्रदान करती है।
संधि खाद्य और पोषण सुरक्षा के साथ-साथ जलवायु लचीला कृषि प्राप्त करने के लिए समाधान प्रदान करती है।