1. सरकार ने एनडीडीबी के प्रबंध निदेशक के रूप में मीनेश सी शाह को नियुक्त किया
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भारत सरकार ने 9 दिसंबर 2022 को जारी एक आदेश में मीनेश सी शाह को राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी ) का प्रबंध निदेशक नियुक्त किया है।उनकी नियुक्ति 15 नवंबर 2022 से प्रभावी होगा । वर्तमान में मीनेश शाह, अध्यक्ष एनडीडीबी का अतिरिक्त प्रभार भी संभाल रहे थे। दिसंबर 2020 से एनडीडीबी में कोई नियमित अध्यक्ष नहीं है।
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला ने ने 9 दिसंबर 2022 को राज्यसभा में कहा कि सरकार एनडीडीबी के अध्यक्ष के रूप में मीनेश सी शाह के कार्यकाल को 1 दिसंबर, 2022 से छह महीने की अवधि के लिए या नियमित अध्यक्ष की नियुक्ति होने तक, बढ़ाने का प्रस्ताव करती है।
राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी)
इसकी स्थापना 1966 में सोसायटी अधिनियम 1860 के तहत एक सोसायटी के रूप में की गई थी। एनडीडीबी के पहले अध्यक्ष वर्गीज कुरियन थे जिन्हें भारत में श्वेत क्रांति का जनक माना जाता है ।
12 अक्टूबर, 1987 कोएनडीडीबी अधिनियम 1987 के तहत , भारतीय डेयरी निगम का इसमें विलय कर दिया गया था ।
एनडीडीबी को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा दिया गया है।
यह मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अंतर्गत आता है।
मुख्यालय: आनंद, गुजरात
प्रबंध निदेशक: मीनेश शाह
एनडीडीबी ने भारत में ऑपरेशन फ्लड शुरू किया जिसके कारण आज भारत दुनिया में दूध का सबसे बड़ा उत्पादक देश बन गया है। भारत में दूध और डेयरी उत्पादों के उत्पादन में भारी वृद्धि को श्वेत क्रांति कहा जाता है।
फुल फॉर्म
एनडीडीबी/NDDB: नेशनल डेरी डेवलपमेंट बोर्ड (National Dairy Development Board)
2. आईआरडीएआई ने विदेशियों को बीमा कंपनी के वरीयता शेयर और अधीनस्थ ऋण में निवेश करने की अनुमति दी
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बीमा क्षेत्र के नियामक भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने विदेशी निवेशकों को भारतीय बीमा कंपनियों द्वारा जारी वरीयता शेयरों(preference shares) और अधीनस्थ ऋण(Subordinated debt) में निवेश करने की अनुमति दे दी है।
नियामक ने अब भारतीय बीमा कंपनियों द्वारा जारी अधीनस्थ ऋण को भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध करने की भी अनुमति दी है। हालांकि,उन्हें विदेशी स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध नहीं किया जा सकता है।
यदि अधीनस्थ ऋण ,जीवन बीमा कंपनियों, सामान्य बीमा कंपनियों या पुनर्बीमा कंपनियों द्वारा जारी किया जाता है तो अधीनस्थ ऋण की परिपक्वता अवधि 10 वर्ष से कम नहीं होगी ।
स्वास्थ्य बीमा कंपनियों के द्वारा जारी की गई अधीनस्थ ऋण के लिए परिपक्वता अवधि सात वर्ष से कम नहीं होगी ।
अधीनस्थ ऋण क्या है?
अधीनस्थ ऋण एक असुरक्षित ऋण है जो संपत्ति या आय पर दावों के संबंध में अन्य ऋणों या प्रतिभूतियों जिसे वरिष्ठ प्रतिभूतियां भी कहा जाता है, से नीचे रैंक करता है। अधीनस्थ ऋण को जूनियर सिक्योरिटीज भी कहा जाता है।
इसका मतलब यह है कि अगर कर्ज लेने वाला कर्ज चुकाने में चूक करता है तो कर्ज लेने वाले की सभी संपत्तियां जो जमानत के रूप में रखी गई हैं, बेच दी जाएंगी। संपत्तियों को बेचकर जो पैसा आएगा , उसका भुगतान पहले वरिष्ठ बांड धारकों को किया जाएगा और उसके बाद ही अधीनस्थ ऋण धारकों को भुगतान किया जाएगा।
वरीयता शेयर क्या है?
शेयर मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं। इक्विटी शेयर या सामान्य शेयर और वरीयता शेयर।
इक्विटी शेयरधारकों के विपरीत वरीयता शेयर धारकों को वोट देने का अधिकार नहीं होता है। हालाँकि लाभांश के भुगतान के मामले में वरीयता शेयरधारकों को पहले लाभांश का भुगतान किया जाता है और फिर इक्विटी शेयरधारकों को भुगतान किया जाता है।
लाभांश कंपनी द्वारा अर्जित किये गए लाभ का वह हिस्सा होता है जो कंपनी अपने शेयरधारकों के बीच बांटती है।
बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा 74% है।
आईआरडीएआईके अध्यक्ष: देबाशीष पांडा
आईआरडीएआई का मुख्यालय: हैदराबाद
3. भारत सरकार आवास परियोजनाओं को पूरा करने के लिए स्वामी फंड में 5000 करोड़ रुपये का निवेश किया
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भारत सरकार ने SWAMIH Invest Fund-I में अतिरिक्त 5,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है, ताकि स्ट्रेस्ड रियल्टी इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म को 15,530 करोड़ रुपये के अंतिम करीब पहुंचने में मदद मिल सके।
ने किफायती और मध्य-आय आवास के लिए एक विशेष खिड़की (स्वामी)
नवंबर 2019 में, केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने किफायती और मध्य-आय आवास के लिए एक विशेष खिड़की (स्वामी) की घोषणा की, जो सस्ती, मध्य- आय आवास श्रेणी के स्ट्रेस्ड, ब्राउनफ़ील्ड और नियामक निकायों के साथ पंजीकृत आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने के लिए ऋण वित्तपोषण प्रदान करेगी ।
स्वामी फंड का कोष 12,500 करोड़ रुपये है जिसमे ग्रीन शू विकल्प 12,500 करोड़ रुपये है। ग्रीन शू विकल्प का मतलब है कि आवश्यकता पड़ने पर स्वामी योजना के लिए अतिरिक्त 12,500 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे।
कोष के प्रायोजक भारत सरकार की ओर से सचिव, आर्थिक कार्य विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार हैं।
फंड का निवेश प्रबंधक एसबीआई कैपवेंचर्स लिमिटेड है, जिसका स्वामित्व भारतीय स्टेट बैंक के पास है।
फंड में प्रमुख निवेशक भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी), एचडीएफसी और अन्य प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक हैं।
अब तक, फंड ने 127 परियोजनाओं को अंतिम मंजूरी दी है जो बदले में 79,000 से अधिक घरों को पूरा करेगी।
स्ट्रेस्ड प्रोजेक्ट का मतलब है कि जिस कंपनी ने आवासीय प्रोजेक्ट शुरू किया था, वह वित्तीय समस्याओं के कारण प्रोजेक्ट को पूरा नहीं कर पा रही है।
ब्राउन फील्ड प्रोजेक्ट्स का मतलब है कि कोई नया घर नहीं बनाया जाएगा लेकिन मौजूदा आवासीय प्रोजेक्ट जो या तो पूरा हो चुका है या निर्माणाधीन है, को पूरा किया जायेगा ।
फुल फॉर्म
स्वामी /SWAMIH : स्पेशल विंडो फॉर अफोर्डेबल एंड मिड -इनकम हाउसिंग (Special Window for Affordable and Mid-Income Housing)
4. एडीबी ने भारत में रसद क्षेत्र को मजबूत करने के लिए $250 मिलियन ऋण को मंजूरी दी
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एशियाई विकास बैंक(एडीबी) ने 9 दिसंबर 2022 को भारत के व्यापक सुधारों का समर्थन करने के लिए 250 मिलियन अमरीकी डालर के ऋण को मंजूरी दी है जिसका उद्देश्य देश के रसद बुनियादी ढांचे को मजबूत और आधुनिक बनाना, दक्षता में सुधार करना और लागत कम करना है।
यह ऋण सुदृढ़ीकरण मल्टीमॉडल और एकीकृत रसद पारिस्थितिकी तंत्र कार्यक्रम के पहले उप-कार्यक्रम को वित्तपोषित करेगा, जो संघीय, राज्य और शहर स्तर पर एक व्यापक नीति, योजना और संस्थागत ढांचा बनाने के सरकार के प्रयासों का समर्थन करता है।
एशियाई विकास बैंक (एडीबी)
एशियाई विकास बैंक एक क्षेत्रीय बैंक है जिसे एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों को विकास ऋण प्रदान करने के लिए स्थापित किया गया था।
इसका मुख्यालय मंडालुयोंग सिटी, मनीला, फिलीपींस में है।
68 देश इसके सदस्य हैं और जापान के मसात्सुगु असाकावा एडीबी के अध्यक्ष हैं।
5. एडीबी ने चेन्नई मेट्रो परियोजना के लिए 780 मिलियन डॉलर के ऋण को मंजूरी दी
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एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने 8 दिसंबर 2022 को चेन्नई की मेट्रो रेल के लिए नई लाइनों के निर्माण और बस और फीडर सेवाओं के साथ नेटवर्क की कनेक्टिविटी में सुधार के लिए $780 मिलियन के ऋण को मंजूरी दी है।
एडीबी मेट्रो सिस्टम के मल्टीमॉडल इंटीग्रेशन की योजना और प्रबंधन में चेन्नई मेट्रो रेल की मदद के लिए अतिरिक्त $1 मिलियन तकनीकी सहायता अनुदान प्रदान करेगा। अनुदान का अर्थ है कि $1 मिलियन एडीबी को वापस नहीं किया जाएगा।
एडीबी के अनुसार परियोजना शहरी गतिशीलता में सुधार लाने और शहर को रहने योग्य बनाने के लिए आवश्यक एक सुरक्षित और एकीकृत परिवहन समाधान प्रदान करने के लिए चेन्नई की मेट्रो रेल प्रणाली का विस्तार करेगी।
2021 में, एडीबी ने भारत को $4.6 बिलियन का रिकॉर्डसंप्रभु ऋण प्रदान किया है । संप्रभु ऋण का मतलब है कि यह ऋण भारत सरकार को दिया गया है।एडीबी ने सबसे ज्यादा ऋणभारत को दिया है ।
एडीबी का मुख्यालय: मांडलुयोंग सिटी, मनीला, फिलीपींस
6. टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन बी20 के चेयरमैन नियुक्त
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भारत सरकार ने टाटा संस के अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन को भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान व्यापार एजेंडा का नेतृत्व करने के लिए बी20 के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया है।भारत ने 1 दिसंबर 2022 को इंडोनेशिया से जी-20 की अध्यक्षता संभाली और 9-10 सितंबर 2023 को नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन की बैठक आयोजित करेगा।
बी20 जी20 व्यापार समुदाय की आवाज है और वर्षों से जी20 समूह द्वारा आर्थिक नीति वक्तव्यों को आकार देने में मदद करता है।
सरकार ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) को बी20 भारत सचिवालय नियुक्त किया है।
बी20 इंडिया का काम टास्क फोर्स और एक्शन काउंसिल के माध्यम से संचालित किया जाएगा, जो जी-20 के लिए आम सहमति आधारित नीतिगत सिफारिशें विकसित करेगा। यह 22-24 जनवरी 2023 को निर्धारित प्रारंभिक बैठक के बाद विभिन्न कार्यबलों और कार्य परिषदों पर काम शुरू करेगा, जिसका समापन अगस्त 2023 में बी20 इंडिया समिट में होगा।
बी20 इंडिया ने “ "आर,.ए.एस.इ (R.A.I.S.E) - जिम्मेदार, त्वरित, अभिनव, सतत, और न्यायसंगत व्यवसाय” थीम के तहत विचार-विमर्श के लिए प्राथमिकताओं की पहचान की है। भारत की जी20 अध्यक्षता वर्ष के दौरान देश भर में बी20 कैलेंडर के तहत सीआईआई द्वारा लगभग 100 व्यापार नीति पहलों का आयोजन किया जाएगा।
जी-20, 19 देशों और यूरोपीय संघ का एक समूह है।
7. अरुण कुमार सिंह को ओएनजीसी का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया
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भारत सरकार ने 7 दिसंबर 2022 को भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के पूर्व अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह को तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। उन्हें तीन साल की अवधि के लिए नियुक्त किया गया है। उन्हें तीन साल की अवधि के लिए नियुक्त किया गया है।
अप्रैल 2021 से ओएनजीसी मे कोइ नियमित अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक नहीं था ।
वेत्सा राम कृष्ण गुप्ता ने भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक का अतिरिक्त प्रभार संभाला है।
तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी)
यह भारत सरकार के स्वामित्व वाली एक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है। यह एक महारत्न कंपनी है और भारत में कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस की सबसे बड़ी कंपनी है, जो भारतीय घरेलू उत्पादन में लगभग 71 प्रतिशत का योगदान करती है।
इसे 14 अगस्त 1956 को तेल और प्राकृतिक गैस आयोग के रूप में स्थापित किया गया था। इसे बाद में 1994 में तेल और प्राकृतिक गैस निगम में परिवर्तित कर दिया गया था।
इसकी तीन सहायक कंपनियां हैं। वे हैं :
- ओएनजीसी विदेश,
- मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (MRPL) और
- हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल)
मुख्यालय: नई दिल्ली
8. आरबीआई ने यूपीआई में कई ऑटो-डेबिट के लिए फंड ब्लॉक करने की अनुमति दी, बीबीपीएस को गैर-आवर्ती भुगतानों तक विस्तारित किया
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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने घोषणा की है कि 'सिंगल-ब्लॉक-एंड-मल्टीपल-डेबिट' की अनुमति देने के लिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) लेनदेन के दायरे का विस्तार किया जाएगा। साथ ही भारत बिल भुगतान प्रणाली (बीबीपीएस) का दायरा अब व्यवसायों और व्यक्तियों के लिए आवर्ती और गैर-आवर्ती, दोनों भुगतानों को संभालने के लिए विस्तारित किया जाएगा। हालांकि, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) अगले छह महीनों में यूपीआई और बीबीपीएस के लिए इन बदलावों को लागू करेगा।
7 दिसंबर 2022 को गवर्नर द्वारा घोषित मौद्रिक नीति के हिस्से के रूप में इनकी घोषणा की गई थी।
यूपीआई में प्रस्तावित परिवर्तन
- यूपीआई में वर्तमान में आवर्ती के साथ-साथ सिंगल-ब्लॉक-और-सिंगल-डेबिट लेनदेन के लिए भुगतान अधिदेश को संसाधित करने की कार्यक्षमता शामिल है। नई सुविधा ग्राहक को विशिष्ट उद्देश्यों के लिए अपने खाते में धनराशि ब्लॉक करने में सक्षम बनाएगी, जिसे जरूरत पड़ने पर डेबिट किया जा सकता है।
- इसका मतलब है कि ग्राहक अब अपनी सहमति देकर किसी खास उद्देश्य या मर्चेंट को एक निश्चित राशि आवंटित कर सकते हैं। भविष्य के लेन-देन के लिए, प्रमाणीकरण की अतिरिक्त आवश्यकता के बिना व्यापारी द्वारा पैसा डेबिट किया जा सकता है, जिससे भुगतान तेजी से होता है।
- पिछले एक साल में, आरबीआई ने ऑफलाइन मोड के साथ-साथ फीचर फोन के माध्यम से लेन-देन की अनुमति देने के लिए यूपीआई के दायरे का विस्तार किया।
- इस साल जून में, आरबीआई ने रूपे (RuPay) क्रेडिट कार्ड को यूपीआईसे जोड़ने की अनुमति दी थी।
बीबीपीएस का दायरा गैर-आवर्ती भुगतानों तक विस्तारित हुआ
- इसके अलावा, आरबीआई ने यह भी कहा कि भारत बिल भुगतान प्रणाली (बीबीपीएस) का दायरा अब व्यवसायों और व्यक्तियों दोनों के लिए आवर्ती और गैर-आवर्ती दोनों भुगतानों को संभालने के लिए विस्तारित किया जाएगा।
- वर्तमान में, बीबीपीएस व्यापारियों और उपयोगिताओं के लिए आवर्ती बिल भुगतान (जैसे फीस, पानी बिल, टेलीफोन बिल इत्यादि) को संभालता है और गैर-आवर्ती बिलों को पूरा नहीं करता है।
- यह व्यक्तियों के लिए बिल भुगतान या संग्रह जैसे पेशेवर सेवाओं के लिए शुल्क का भुगतान, शिक्षा शुल्क, कर भुगतान, किराया संग्रह आदि को पूरा नहीं करता है, भले ही वे आवर्ती प्रकृति के हों।
- अब बीबीपीएस को सभी श्रेणियों के भुगतान और संग्रह, आवर्ती और गैर-आवर्ती दोनों, और सभी श्रेणियों के बिलर्स (व्यवसायों और व्यक्तियों) को शामिल करने के लिए बढ़ाया जा रहा है।"
अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी )
- आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने यह भी कहा कि ग्राहकों को अपने केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) विवरण को अपडेट करने के लिए बैंक जाने की आवश्यकता नहीं है।
- उन्होंने कहा कि जहां पते में बदलाव हुआ है, उसे छोड़कर ग्राहक ऑनलाइन केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर बैंक ग्राहक को शाखा में आने के लिए मजबूर कर रहे हैं तो ग्राहक बैंक के खिलाफ आरबीआई से शिकायत कर सकता है।
- आरबीआई के केवाईसी मानदंड दिशानिर्देशों के अनुसार, बैंकों को समय-समय पर अपने खाताधारकों के ग्राहक पहचान दस्तावेजों को अपडेट करने की आवश्यकता होती है।
9. बैंक ऑफ बड़ौदा ने वित्तीय सुरक्षा पर ईएजी पुरस्कार जीता
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राज्य के स्वामित्व वाले बैंक ऑफ बड़ौदा ने 6 दिसंबर 2022 को एक विज्ञप्ति में कहा है कि उसने 10 अक्टूबर 2022 को सोची, रूस में आयोजित वित्तीय सुरक्षा के अंतर्राष्ट्रीय ओलंपियाड में ईएजी( EAG) पुरस्कार प्राप्त किया है।
मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद का मुकाबला करने वाला यूरेशियन समूह (EAG) एक FATF प्रकार का क्षेत्रीय है जिसमें भारत सहित 9 सदस्य शामिल हैं।
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) वैश्विक एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग और एंटी-टेररिस्ट फाइनेंसिंग बॉडी है।
बैंक ऑफ बड़ौदा
यह भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक है।
जिन बैंकों में भारत सरकार के पास 51% या अधिक इक्विटी शेयर हैं, उन्हें भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कहा जाता है।
बैंक के अध्यक्ष: हसमुख आदिया
प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ): संजीव चड्ढा
बैंक का मुख्यालय: वडोदरा, गुजरात
बैंक की टैगलाइन: भारत का अंतर्राष्ट्रीय बैंक
10. एनएसआईसी ने वॉलमार्ट के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
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6 दिसंबर, 2022 को वॉलमार्ट ग्लोबल सोर्सिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (NSIC) लिमिटेड के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
महत्वपूर्ण तथ्य
नई दिल्ली में वॉलमार्ट वृद्धि विक्रेता शिखर सम्मेलन में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
वॉलमार्ट वृद्धि सेलर समिट 20,000 एमएसएमई के रिकॉर्ड को प्राप्त करने वाला एक इवेंट है, जिन्होंने वॉलमार्ट वृद्धि सप्लायर डेवलपमेंट प्रोग्राम (वॉलमार्ट वृद्धि) के तहत अपना प्रशिक्षण पूरा कर लिया है, जिसमें स्वस्ति एक प्रोग्राम पार्टनर है।
एमएसएमई के केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की उपस्थिति में गौरांग दीक्षित, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, एनएसआईसी और प्रमीला मल्लैया, निदेशक और हब लीडर, वॉलमार्ट द्वारा समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
समझौता ज्ञापन का उद्देश्य पूरे भारत में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए संयुक्त रूप से क्षमता निर्माण में तेजी लाना है।
साझेदारी का उद्देश्य एमएसएमई को स्थानीय और वैश्विक स्तर पर खुदरा आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा बनने की उनकी यात्रा में समर्थन देना है।
एनएसआईसी के साथ साझेदारी भारत में बड़ी संख्या में छोटे व्यवसायों और उद्यमियों को वृद्धि कार्यक्रम तक पहुंचने में सक्षम बनाएगी।
वृद्धि कार्यक्रम व्यवसायों को विकसित करने और विस्तार करने के लिए आवश्यक सहायता तक पहुँच के साथ-साथ प्रशिक्षण तथा एक संपूर्ण शिक्षण मंच प्रदान करता है।
राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (NSIC)
यह सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) के तहत एक ISO 9001:2015 प्रमाणित भारत सरकार का उपक्रम है।
यह देश में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के विकास को बढ़ावा देने और सहायता करने के लिए काम कर रहा है।
इसकी स्थापना 1955 में हुई थी।
मुख्यालय - नई दिल्ली