1. महाराष्ट्र में 200 करोड़ रुपये के लागत से एमएसएमई-प्रौद्योगिकी केंद्र की स्थापना की घोषणा की।
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केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री श्री नारायण राणे ने 25 फरवरी को सिंधुदुर्ग. महाराष्ट्र में 200 करोड़ रुपये के लागत से एमएसएमई-प्रौद्योगिकी केंद्र की स्थापना की घोषणा की।
एमएसएमई-प्रौद्योगिकी केंद्र उद्योग, विशेष रूप से एमएसएमई, को उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने और क्षेत्र के नियोजित और बेरोजगार युवाओं को उनकी रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए कौशल सेवाएं प्रदान करने के लिए सर्वोत्तम प्रौद्योगिकी, इनक्यूबेशन के साथ-साथ परामर्श सहायता प्रदान करेगा।
मंत्री ने 25-26 फरवरी 2022 तक जिले में आयोजित होने वाले दो दिवसीय एमएसएमई कॉन्क्लेव में सिंधुदुर्ग में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के यूनियन एमएसएमई रुपे क्रेडिट कार्ड का भी शुभारंभ किया।
यह कार्ड यूनियन बैंक ऑफ इंडिया द्वारा नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के सहयोग से पेश किया जा रहा है।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) से जुड़े उधार लेने वाले अपने व्यावसायिक खर्च पर 50 दिनों तक की ब्याज-मुक्त क्रेडिट अवधि का लाभ ले सकेंगे। यह कार्ड ग्राहकों को उनके व्यवसाय से संबंधित खरीदारी पर ईएमआई(समान मासिक किश्तें) की सुविधा भी प्रदान करता है।
एमएसएमई मंत्रालय द्वारा सिंधुदुर्ग में दो दिवसीय एमएसएमई कॉन्क्लेव (25 और 26 फरवरी) का आयोजन किया गया था।
कॉन्क्लेव का उद्देश्य कोंकण क्षेत्र में एमएसएमई के लिए प्रौद्योगिकी, उत्पाद विकास और कौशल का उपयोग करके उद्यमिता और व्यापार के अवसरों को बढ़ावा देना है।
इसे भी जाने
एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम)
एमएसएमई को 2020 में संशोधित 'सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास अधिनियम, 2006' द्वारा परिभाषित किया गया है।
वे उद्यम जो या तो विनिर्माण के व्यवसाय में हैं या सेवा प्रदान कर रहे हैं, को किस आधार पर सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यमों के रूप में परिभाषित किया गया है?
अच्छे (विनिर्माण क्षेत्र के लिए) या सेवाओं के उत्पादन के लिए आवश्यक संयंत्र और मशीनरी में निवेश और सालाना कारोबार (बिक्री)
सूक्ष्म उद्यम: जहां संयंत्र और मशीनरी या उपकरण में निवेश एक करोड़ रुपये से अधिक नहीं है और कारोबार पांच करोड़ रुपये से अधिक नहीं है;
लघु उद्यम: जहां संयंत्र और मशीनरी या उपकरण में निवेश दस करोड़ रुपये से अधिक नहीं है और कारोबार पचास करोड़ रुपये से अधिक नहीं है;
मध्यम उद्यम,: जहां संयंत्र और मशीनरी या उपकरण में निवेश पचास करोड़ रुपये से अधिक नहीं है और कारोबार दो सौ पचास करोड़ रुपये से अधिक नहीं है।
2. प्रधानमंत्री ने कृषि और केंद्रीय बजट 2022-23 पर एक वेबिनार को संबोधित किया
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प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 24 फरवरी 2022 को कृषि क्षेत्र में केंद्रीय बजट 2022 के सकारात्मक प्रभाव पर एक वेबिनार को संबोधित किया।
वेबिनार 'स्मार्ट कृषि'- कार्यान्वयन के लिए रणनीति पर केंद्रित था।
उनके संबोधन की मुख्य बातें
कृषि को आधुनिक और स्मार्ट बनाने के लिए:
प्रधानमंत्री ने बजट में कृषि को आधुनिक और स्मार्ट बनाने के सात तरीकों के बारे में विस्तार से बताया।
सबसे पहले गंगा के दोनों किनारों पर 5 किलोमीटर के दायरे में मिशन मोड पर प्राकृतिक खेती करने का लक्ष्य है।
दूसरे, किसानों को कृषि और बागवानी में आधुनिक तकनीक उपलब्ध कराई जाएगी।
तीसरा, खाद्य तेल के आयात को कम करने के लिए मिशन ऑयल पाम को मजबूत करने पर जोर दिया गया है।
चौथा, कृषि उत्पादों के परिवहन के लिए पीएम गति-शक्ति योजना के माध्यम से नई रसद व्यवस्था की जाएगी।
बजट में पांचवां समाधान कृषि-अपशिष्ट प्रबंधन का बेहतर संगठन और कचरे से ऊर्जा समाधान के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाना है।
छठा, 1.5 लाख से अधिक डाकघर नियमित बैंकिंग जैसी सेवाएं प्रदान करेंगे ताकि किसानों को परेशानी न हो।
सातवां, कौशल विकास और मानव संसाधन विकास के संबंध में कृषि अनुसंधान और शिक्षा पाठ्यक्रम को आधुनिक समय की मांगों के अनुरूप बदला जाएगा।
पीएम किसान योजना का लाभ
22 फरवरी, 2022 तक, पीएम किसान (प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि) योजना के तहत लगभग 11.78 करोड़ किसानों को लाभ प्रदान किया गया है और पूरे भारत में इस योजना के पात्र लाभार्थियों को विभिन्न किस्तों में 1.82 लाख करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।
पीएम किसान योजना 24 फरवरी, 2019 को गोरखपुर, उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई थी। यह पात्र किसानों को 2000 रुपये की तीन किस्तों में 6000 रुपये / वर्ष प्रदान करता है।
पीएम-किसान के लिए बजटीय आवंटन
केंद्र ने केंद्रीय बजट 2022-23 में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के लिए 68,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो कि 2021-22 के लिए 65,000 करोड़ रुपये के बजट अनुमान से सिर्फ 4.6 प्रतिशत अधिक है और चालू वित्त वर्ष के लिए 67,500 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान से केवल 0.74 प्रतिशत अधिक है।
उन्होंने कहा कि कृषि बजट आवंटन में कई गुना वृद्धि हुई है।
कृषि मंत्रालय को 2022-23 में 1,32,514 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो 2021-22 के संशोधित अनुमानों से 4.5% अधिक है।
मंत्रालय को आवंटन सरकार के बजट का 3.4% हिस्सा है, 2022-23 में मंत्रालय को आवंटन का 55% पीएम-किसान योजना (68,000 करोड़ रुपये) के लिए है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले 7 वर्षों में किसानों के कृषि ऋण में ढाई गुना वृद्धि की है।
2022-23 में बैंकों के लिए कृषि क्षेत्र को ऋण देने का लक्ष्य 18 लाख करोड़ रुपये है। 2021-22 में यह 16.50 लाख करोड़ थी।"
3. भारत सरकार की अगले पांच वर्षों के लिए राष्ट्रीय साधन-सह-मेधा छात्रवृत्ति योजना
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भारत सरकार ने केंद्रीय क्षेत्र की योजना राष्ट्रीय साधन-सह-मेधा छात्रवृत्ति (नेशनल मीन्स-कम-मेरिट स्कॉलरशिप - एनएमएमएसएस) को 2025-26 तक बढ़ा दिया है।
सरकार ने इस योजना हेतु अगले पांच वर्ष की अवधि 2021- 26 के लिए 1827.00 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
भारत सरकार ने भी आय सीमा को बढ़ाकर 3.5 लाख रुपये प्रति वर्ष कर दिया है। पहले यह 1.5 लाख रुपये सालाना था। इसका अर्थ है कि जिन छात्रों के माता-पिता की वार्षिक आय 3.5 लाख रुपये प्रति वर्ष तक है, वे छात्रवृत्ति के लिए पात्र हैं।
राष्ट्रीय साधन-सह-मेधा छात्रवृत्ति योजना (एनएमएमएसएस):
राष्ट्रीय साधन-सह-मेधा छात्रवृत्ति योजना 2008-2009 में भारत सरकार द्वारा आरंभ की गई थी।
इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के मेधावी छात्रों को आठवीं कक्षा में अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ने (ड्रॉप-आउट) से रोकने के लिये छात्रवृत्ति प्रदान करना और उन्हें माध्यमिक स्तर पर अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करना है।
योजना के तहत राज्य सरकार, सरकारी सहायता प्राप्त और स्थानीय निकाय स्कूलों में भारत सरकार कक्षा IX के चयनित छात्रों को प्रति वर्ष 12,000/- रुपये प्रति वर्ष (1000/- रुपये प्रति माह) की एक लाख नई छात्रवृत्ति प्रदान करने और आगे अध्ययन के लिए कक्षा X से XII में उनकी निरंतरता/नवीनीकरण प्रदान करती है।
छात्रों को राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकारों द्वारा आयोजित एक परीक्षा के माध्यम से छात्रवृत्ति के पुरस्कार के लिए चुना जाता है। यह योजना राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल (NSP) पर पंजीकृत है।
इलेक्ट्रॉनिक हस्तांतरण द्वारा छात्रवृत्ति सीधे छात्रों के बैंक खातों में वितरित की जाती है।
योजना के तहत शत-प्रतिशत निधि केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की जाती है।
4. विदेश मंत्री एस. जयशंकर का जर्मनी और फ्रांस की यात्रा
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विदेश मंत्री एस. जयशंकर 18 से 23 फरवरी 2022 तक जर्मनी और फ्रांस की एक सप्ताह की लंबी यात्रा पर थे।
जर्मनी का दौरा
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 58वें म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन 2022 में भाग लेने के लिए जर्मनी का दौरा किया।
म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन 18-20 फरवरी 2022 तक जर्मनी के म्यूनिख शहर में आयोजित किया गया था।
"टर्निंग द टाइड : अनलर्निंग हेल्पलेसनेस” सम्मेलन का आदर्श वाक्य है।
फ्रांस का दौरा
भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर 20-23 फरवरी 2022 तक फ्रांस के दौरे पर थे।
उन्होंने फ्रांस के यूरोप और विदेश मामलों के मंत्री, श्री जीन-यवेस ले ड्रियन के साथ द्विपक्षीय वार्ता की।
भारत और फ्रांस के विदेश मंत्रियो ने एक संयुक्त घोषणा पत्र जरी किया जिसका शीर्षक था "ब्लू इकोनॉमी एंड ओशन गवर्नेंस पर भारत-फ्रांस रोडमैप"।
इस घोषणा पत्र का मुख्य उद्देश्य संस्थागत, आर्थिक, ढांचागत और वैज्ञानिक सहयोग के माध्यम से नीली अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में साझेदारी को बढ़ाना है।
म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन
म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन 1963 से जर्मन शहर म्यूनिख में आयोजित किया जाता है। यह हर वर्ष फरवरी के महीने में आयोजित किया जाता है और इसमें अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा और विश्व राजनीति के मामलों पर चर्चा होती है।
5. हाथियों को बचाने के लिए रेलवे लगाएगा सोलर फेंस
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दक्षिणी रेलवे ने कांजीकोड और वालयार स्टेशनों के मध्य संवेदनशील वन क्षेत्रों में हैंगिंग सोलर फेंस लगाना आरंभ कर दिया है। जबकि कांजीकोड केरल के पलक्कड़ जिले के अंतर्गत आता है, जबकि वालयार तमिलनाडु के अधिकार क्षेत्र में आता है।
दक्षिण रेलवे पहली बार हाथियों के पटरियों पर आवाजाही को रोकने के लिए एक लटकता हुआ सौर बाड़ लगा रहा था। बी-लाइन रेलवे ट्रैक के दोनों ओर 600 मीटर तक हैंगिंग सोलर फेंस लगाया जा रहा था।
बी-लाइन, जिसे वालयार रिजर्व फॉरेस्ट के तहत बिछाया गया है, जो एक हाथी गलियारे को विभाजित करता है। इस क्षेत्र में तेज गति ट्रेनों की चपेट में आने से कई हाथियों की मौत हो चुकी है।
स्टील के तारों को तीन मीटर ऊंचे तार से एक पंक्ति में लटका दिया जाता है। ऊँचे तारों को दोनों सिरों पर स्तंभों द्वारा सहारा दिया गया है। लटकते तार जमीन को छूएंगे।
यदि कोई हाथी तार को छूता है तो उसे हल्का झटका लगेगा जो उसे रेलवे ट्रैक की और आने से रोकेगा। ये झटके हाथियों के लिए घातक नहीं होंगे।
परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण सूचना
दक्षिण रेलवे का मुख्यालय: चेन्नई
6. कोविड -19 टीकाकरण कार्यक्रम पर प्रतिस्पर्धात्मकता संस्थान की रिपोर्ट
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केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने 23 फरवरी 2022 को नई दिल्ली में प्रतिस्पर्धात्मकता संस्थान की दो रिपोर्ट जारी की।
'कोविड -19 - इंडियाज वैक्सीन डेवलपमेंट स्टोरी' और 'इंडियाज कोविड -19 वैक्सीनेशन एडमिनिस्ट्रेशन जर्नी' शीर्षक वाली रिपोर्टें एक विशाल और विविध आबादी के लिए कोविड -19 वैक्सीन विकसित करने और टीकाकरण के सुरक्षित प्रशासन में भारत के प्रयास की प्रशंसा करती हैं।
प्रतिस्पर्धा संस्थान
प्रतिस्पर्धात्मकता संस्थान, हार्वर्ड बिजनेस स्कूल, संयुक्त राज्य अमेरिका में रणनीति और प्रतिस्पर्धात्मकता संस्थान के वैश्विक नेटवर्क का भाग है।
यह प्रतिस्पर्धा और रणनीति को समझने के लिए समर्पित एक शोध संस्थान है।
मुख्यालय:गुरुग्राम, हरियाणा
7. वंदे भारतम सिग्नेचर ट्यून औपचारिक रूप से भारत सरकार द्वारा जारी किया गया
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संस्कृति और विदेश राज्य मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने ग्रैमी विजेता रिकी केज और तबला वादक बिक्रम घोष द्वारा रचित वंदे भारतम गीत सिग्नेचर ट्यून जारी किया।
यह गीत 22 फरवरी, 2022 को दिल्ली में संस्कृति मंत्रालय द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर आयोजित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम "एकम भारतम" में जारी किया गया।
राष्ट्रीय गणतंत्र दिवस कार्यक्रम 2022 के लिए नई दिल्ली के राजपथ पर संस्कृति मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत नृत्य उत्सव, वंदे भारतम के लिए 'वंदे भारतम' गीत की रचना की गई थी।
8. भारत अंतर्राष्ट्रीय रबड़ अध्ययन समूह का अध्यक्ष होगा
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भारत को दो वर्षों के लिए अंतर्राष्ट्रीय रबड़ अध्ययन समूह (आईआरएसजी) के अध्यक्ष के रूप में चुना गया है।
आईआरएसजी में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख और भारतीय रबर बोर्ड के कार्यकारी निदेशक केएन राघवन अगले दो वर्षों के लिए आईआरएसजी के अध्यक्ष के रूप में कार्य करेंगे।
आईआरएसजी के पूर्व अध्यक्ष कोटे डी आइवर से थे।
आईआरएसजी
इसकी स्थापना 1944 में की गई थी; इसका मुख्यालय सिंगापुर है।
यह एक अंतरराष्ट्रीय निकाय है जो रबड़ उद्योग से संबंधित मुद्दे पर परिचर्चा करता है और सरकारों और उद्योग के बीच मध्यस्थ के रूप में कार्य करता है।
रबर
रबड़ दो प्रकार के होते हैं। प्राकृतिक रबर और सिंथेटिक रबर।
प्राकृतिक रबर हेविया ब्रासिलिएन्सिस नामक पौधे से प्राप्त किया जाता है, जबकि सिंथेटिक रबर मानव निर्मित पॉलिमर होते हैं जो पेट्रोलियम उप-उत्पादों का उपयोग करके नियंत्रित परिस्थितियों में होते हैं।
विश्व में प्राकृतिक रबर का शीर्ष उत्पादक (2020)
थाईलैंड
इंडोनेशिया
वियतनाम
इंडिया
कोटे डी आइवर
स्रोत: खाद्य एवं कृषि संगठन
विश्व में प्राकृतिक रबर का सबसे बड़ा निर्यातक
थाईलैंड
इंडोनेशिया
कोटे डी आइवर
भारत में सबसे बड़ा प्राकृतिक रबर उत्पादक राज्य
केरल
त्रिपुरा
कर्नाटक
स्रोत भारत सरकार ,पीआईबी
अन्य महत्वपूर्ण तथ्य :
प्राकृतिक रबर हेविया ब्रासिलिएन्सिस नामक पौधे के रस से प्राप्त होता है जो दक्षिण अमेरिका में अमेज़ॅन के वनों में मूलतः पाए जाते हैं।
भारत के जॉन जोसेफ मर्फी ने 1902 में केरल के कोठामंगलम के पास थट्टेकड़ में देश का पहला वाणिज्यिक रबर बागान स्थापित किया।
परीक्षा के लिए फुल फॉर्म
आईआरएसजी : इंटरनेशनल रबर स्टडी ग्रुप
9. भारतीय गेहूं का पहला खेप अफगानिस्तान भेजा गया
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विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने 22 फरवरी 2022 को अटारी-वाघा सीमा पर भारत से अफगानिस्तान के लिए गेहूं की आपूर्ति के पहले ट्रक को झंडी दिखाकर रवाना किया। 2500 टन भारतीय गेहूं ले जाने वाले अफगान ट्रक इसे पाकिस्तान के तोरखम सीमा के रास्ते अफगानिस्तान के जलालाबाद तक ले जाएंगे।
यह अक्टूबर 2021 में मानवीय सहायता के रूप में भारत द्वारा अफगानिस्तान को दिए जाने वाले 50,000 टन गेहूं का भाग है।
भारत पाकिस्तान व्यापार मार्ग
वर्तमान में भारत और पाकिस्तान के बीच एकमात्र परिचालन (सड़क व्यापार मार्ग) अटारी/वाघा सीमा के माध्यम से है।
वाघा (अमृतसर और लाहौर के बीच) भारत-पाक सीमा पर एक भारतीय सेना की चौकी है और अटारी चौकी पाकिस्तानी क्षेत्र में है।
वर्तमान में दोनों देशों के बीच कार्गो की आवाजाही के लिए केवल एक परिचालन रेल मार्ग है।
दोनों देशों के बीच व्यापार द्वि-साप्ताहिक समझौता एक्सप्रेस (दिल्ली से लाहौर) से जुड़ी माल गाड़ियों द्वारा किया जाता है। यह ट्रेन वाघा/अटारी से गुजरती है।
10. जर्मनी ने नॉर्ड स्ट्रीम-2 गैस पाइपलाइन रोकी
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जर्मनी ने 22 फरवरी 2022 को नॉर्ड स्ट्रीम-2 बाल्टिक सागर गैस पाइपलाइन परियोजना को फिलहाल रोक दिया है। जर्मनी का यह निर्णय रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उस फैसले के प्रतिउत्तर में देखा जा रहा है जिसमे पुतिन ने 21 फरवरी 2022 को युक्रेन से अलग हुआ क्षेत्र डोनेट्स्क पीपुल्स रिपब्लिक और लुगांस्क पीपुल्स रिपब्लिक को एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दी गई थी।
नॉर्ड-2 गैस पाइपलाइन का निर्माण जर्मनी में रूसी गैस के प्रवाह को दोगुना करने के लिए किया गया है। 11 बिलियन डॉलर की यूरोप की सबसे महत्वाकांक्षी और विभाजनकारी ऊर्जा परियोजना, गैस पाइपलाइन सितंबर 2021 में पूरी हों गई थी, लेकिन जर्मनी और यूरोपीय संघ द्वारा प्रमाणीकरण के अभाव में यह लंबित पड़ी है।
नॉर्ड 2 और नॉर्ड 1 पाइपलाइन हर साल यूरोप को 110 बिलियन क्यूबिक मीटर गैस उपलब्ध करा सकती हैं। यह यूरोपीय संघ के देशों के सालाना उपयोग की जाने वाली गैसों का एक चौथाई से अधिक है।
पाइपलाइन को लेकर विवाद
इस पाइपलाइन का निर्माण कोविड महामारी के कारण यूरोपीय उपभोक्ताओं को ऊर्जा की कीमतों में रिकार्ड वृद्धि को कम करने के लिए किया गया था।
नॉर्ड 2 गैस पाइपलाइन आरंभ से ही विवादास्पद रही है। जर्मनी, जो रूस से अपनी आवश्यकता की आधी गैस प्राप्त करता है, ने तर्क दिया कि यह परियोजना एक व्यावसायिक थी न कि राजनीतिक।
प्ररन्तु इस पाइपलाइन को यूरोपीय संघ के भीतर और संयुक्त राज्य अमेरिका से विरोध का सामना करना पड़ा है। उन्हें लगता है कि पाइपलाइन रूस पर यूरोपीय ऊर्जा निर्भरता को बढ़ाएगी और रूस भविष्य के संघर्ष में यूरोप को ब्लैकमेल करने के लिए इसका उपयोग कर सकता है।
अमेरिका और अन्य आलोचकों को लगता है की इस पाइपलाइन से रूस की यूक्रेन पर निर्भरता भी कम हों जाएगी और उसे यूक्रेन को पारगमन शुल्क भी नहीं देना पड़ेगा। रूस भविष्य में यूक्रेन को दंडित करने और संभवतः उस पर आक्रमण करने में ज्यादा सक्षम हों सकता है।
रूस ने नॉर्ड गैस पाइपलाइन की योजना बनाई थी जब यूक्रेन के क्षेत्र से गुजरने वाली रुसी गैस पाइपलाइन पर पारगमन शुल्क पर विवाद हुआ था और 2005 में यूक्रेन रुसी गैस पाइपलाइन से रूस की अनुमति के बिना पश्चिमी यूरोप के लिए निर्धारित गैस का इस्तेमाल खुद इस्तेमाल करता हुआ पाया गया था।
नॉर्ड 2 गैस पाइपलाइन
यह 1200 किलोमीटर की गैस पाइपलाइन है जो रूस के उस्ट लुगा गैस क्षेत्र से बाल्टिक सागर के नीचे जर्मनी में ग्रीफ्सवाल्ड तक प्राकृतिक गैस का परिवहन करेगी।
नॉर्ड 2 पाइपलाइन का स्वामित्व सरकारी गैस कंपनी गज़प्रोम के पास है। इसने आधी लागत का भुगतान किया जबकि शेष लागत शेल, ऑस्ट्रिया के ओएमवी, फ्रांस के एंजी और जर्मनी के यूनिपर और विंटरशॉल द्वारा साझा की गई।
गज़प्रोम दुनिया की सबसे ज्यादा गैस उत्पादन करने वाली कंपनी है
नॉर्ड -1 पाइपलाइन जिसने उसी मार्ग से यूरोप में गैस का परिवहन शुरू किया, ने 2011 में अपना संचालन आरंभ किया था।
अन्य महत्वपूर्ण तथ्य :
प्राकृतिक गैस के सन्दर्भ में तथ्य
विश्व के शीर्ष प्राकृतिक गैस उत्पादक देश (2020)
संयुक्त राज्य अमेरिका
रूस
ईरान
कतर
चीन
प्राकृतिक गैस का सबसे बड़ा भंडार वाला देश (2020)
रूस
ईरान
कतर
तुर्कमेनिस्तान
संयुक्त राज्य अमेरिका
स्रोत: बीपी स्टैटिस्टिकल रिव्यु ऑफ़ वर्ल्ड एनर्जी 2021।