1. भारत ने ड्रोन के आयात पर प्रतिबंध लगाया
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भारत सरकार ने घरेलू उद्योग की रक्षा और प्रोत्साहन के लिए भारत में ड्रोन के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस सन्दर्भ में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत विदेश व्यापार महानिदेशक (DGFT) द्वारा 9 फरवरी 2022 को अधिसूचना जारी की गई थी।
हालांकि सरकार ने अनुसंधान और विकास (आर एंड डी), रक्षा और सुरक्षा उद्देश्यों के लिए ड्रोन और उसके घटकों के आयात की अनुमति दी है।
ड्रोन के आयात के लिए सरकार की पूर्व अनुमति की आवश्यकता होगी लेकिन ड्रोन घटकों के आयात के लिए भारत सरकार से किसी पूर्व अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी।
भारत में ड्रोन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकारी प्रयास
केंद्रीय बजट 2022-23 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की ‘ड्रोन शक्ति परियोजना’ की घोषणा की।
ड्रोन शक्ति परियोजना का मुख्य उद्देश्य, भारत में ड्रोन विकसित करने और निर्माण करने के लिए सरकार द्वारा स्टार्ट अप को प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि विभिन्न क्षेत्रों में ड्रोन की मांगों को स्वदेशी रूप से पूरा किया जा सके।
सितंबर 2021 में ड्रोन क्षेत्र में, भारत में इसके निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए पीएलआई (उत्पादकता से जुड़ा बीमा) योजना की घोषणा की थी।
किसान ड्रोन
2022-23 के बजट में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने "किसान ड्रोन" की भी घोषणा की, जिसमें कृषि समुदाय की मदद के लिए कीटनाशकों और पोषक तत्वों के छिड़काव और फसल मूल्यांकन में ड्रोन के उपयोग की घोषणा की गई थी।
ड्रोन क्या है?
ड्रोन को पायलट रहित विमान या मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) भी कहा जाता है।
यह इंफ्रारेड कैमरा, जीपीएस और लेजर से लैस है। इसका उपयोग अंतरिक्ष में, सेना में, माल परिवहन के लिए, भूमि मानचित्रण ,कीटनाशकों के छिड़काव आदि के लिए किया जाता है।
परीक्षा के लिए फुल फॉर्म
DGFT का फुल फॉर्म: विदेश व्यापार महानिदेशक (डाइरेक्टर जेनरल ऑफ़ फोरेन ट्रेड)
UAV का फुल फॉर्म: अन्मेंड एरियल विहकल (व्हीकल)
PLI का फुल फॉर्म: उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव - पीएलआई)
2. भारत में वामपंथी उग्रवाद के जिलों की संख्या घटी
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- भारत सरकार ने 9 फरवरी 2022 को राज्यसभा को सूचित किया है कि भारत में वामपंथ चरमपंथी (एलडब्ल्यूई) प्रभावित जिलों की संख्या 2020 में 96 से घटकर 2021 में 46 हो गई है।
- 2018-19 की अवधि की तुलना में 2021 में हिंसा की घटनाओं में 70% की कमी आई और 509 हो गई है। इससे होने वाली मौतों की संख्या में कमी आई है, जो वर्ष 2020 में 1005 से घटकर 2021 में 147 हो गई है।
वामपंथ चरमपंथी (एलडब्ल्यूई)
- माओ की विचारधारा से प्रभावित समूहों को भारत में माओवादी/नक्सल या वामपंथ चरमपंथी कहा जाता है। माओ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता थे जिन्होंने 1949 में एक सशस्त्र क्रांति के बाद आधुनिक “पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना” की स्थापना की थी जो कम्युनिस्ट विचारधारा पर आधारित है।
- माओ की विचारधारा से प्रभावित, भारत में कुछ समूह जैसे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) भारत में 1950 से स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक प्रणाली को सशस्त्र विद्रोह के माध्यम से उखाड़ फेंकना चाहते हैं और भारत में चीन की तरह एक कम्युनिस्ट सरकार की स्थापना करना चाहते हैं ।
लाल गलियारा
जिस क्षेत्र में वामपंथी उग्रवादी सक्रिय हैं, उसे रेड कॉरिडोर या लाल गलियारा भी कहा जाता है।
यह मुख्य रूप से छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, बिहार, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और केरल राज्यों में सक्रिय है।
विशेष वामपंथ चरमपंथी विरोधी (नक्सल/माओवादी) बल
भारत में वामपंथ चरमपंथियों के खतरे का मुकाबला करने के लिए भारत में विशेष इकाइयां स्थापित की गई हैं।
उनमें से कुछ महत्वपूर्ण बल हैं:
सीआरपीएफ का कोबरा(COBRA)
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ने जंगल युद्ध के लिए एक विशेष इकाई कोबरा (कमांडो बटालियन फॉर रेसोल्यूट एक्शन - सीओबीआरए) बनाई है।
ग्रे हाउंड
यह आंध्र प्रदेश पुलिस और तेलंगाना पुलिस दोनों की एक विशेष इकाई है जो अपने-अपने राज्यों में सक्रिय वामपंथी चरमपंथियों के विरुद्ध लड़ने के लिए गठित की गई है।
ब्लैक पैंथर (काला चीता)
यह वामपंथ चरमपंथियों के विरुद्ध लड़ने के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस की एक विशेष इकाई है।
स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी)
यह वामपंथ चरमपंथी समस्याओं से निपटने के लिए ओडिशा पुलिस द्वारा स्थापित विशेष बल है।
परीक्षा के लिए
LWE का फुल फॉर्म: लेफ्ट विंग एक्सट्रीमिस्ट - एलडब्ल्यूई
COBRA: कमांडो बटालियन फॉर रेसोल्यूट एक्शन - सीओबीआरए
3. पश्चिम रेलवे के मुंबई मंडल ने 100वीं टेक्सटाइल एक्सप्रेस का संचालन किया
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पश्चिम रेलवे के मुंबई सेंट्रल डिवीजन में चलथन (सूरत क्षेत्र) से दक्षिण-पूर्वी रेलवे के संकरैल (खड़गपुर डिवीजन) के लिए 100 वीं टेक्सटाइल एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई गई।
प्रथम टेक्सटाइल एक्सप्रेस ट्रेन 1 सितंबर 2021 को केंद्रीय रेल और कपड़ा राज्य मंत्री श्रीमती दर्शन जरदोश द्वारा उधना (सूरत) से बिहार में पटना के पास दानापुर और मुजफ्फरपुर के पास राम दयालू नगर के लिए आरंभ की गई थी।
टेक्सटाइल एक्सप्रेस ट्रेनें भारतीय रेलवे की विशेष मालगाड़ियाँ हैं, जिन्हें सूरत, गुजरात से भारत के विभिन्न हिस्सों में वस्त्र सामग्री ले जाने के लिए आरंभ किया गया था।
इसे सूरत के टेक्सटाइल हब से देशों के विभिन्न हिस्सों में कपड़ा सामग्री का किफायती परिवहन प्रदान करने के लिए लॉन्च किया गया था। रेलवे के माध्यम से माल का परिवहन सड़क क्षेत्र की तुलना में अधिक किफायती होता है।
गुजरात शहर सूरत अपने वस्त्र उद्योगों के लिए प्रसिद्ध है। इसे विश्व के डायमंड सिटी के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि विश्व का लगभग 90% रफ डायमंड का कटिंग और पॉलिशिंग किया जाता है।
रेलवे की अन्य विशेष ट्रेन
भारतीय रेलवे ने फल-सब्जियाँ, माँस, मुर्गी पालन, मत्स्य और डेयरी उत्पादों जैसे शीघ्र खराब होने वाली कृषि उत्पादों के परिवहन के लिए एक विशेष किसान ट्रेन भी शुरू किया है |
पहली किसान ट्रेन 7 अगस्त 2020 को देवलाली (महाराष्ट्र) से दानापुर (बिहार) के लिए शुरू की गई थी।
100वीं किसान रेल 28 दिसंबर 2020 को संगोला (महाराष्ट्र) से शालीमार (पश्चिम बंगाल) तक चलाई गई थी।
4. श्रीलंका के विदेश मंत्री जी एल पीरिस की भारत यात्रा
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श्रीलंका के विदेश मंत्री जी एल पीरिस 6 से 8 फरवरी 2022 तक भारत की तीन दिवसीय राजकीय यात्रा पर थे।
पदभार ग्रहण करने के बाद यह उनकी पहली भारतीय यात्रा थी। उन्होंने भारतीय विदेश मंत्री श्री एस जयशंकर ,भारतीय विदेश सचिव श्री हर्षवर्धन श्रृंगला और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री अजीत कुमार डोभाल से मुलाकात की।
दोनों देश मछुवारो की समस्या को सुलझाने के लिए "मत्स्य पालन पर संयुक्त कार्य समूह" की बैठक आयोजित करने पर सहमत हुए।
गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका को इस साल भारत ने मदद प्रदान की है।
वे इस प्रकार हैं :
भारत ने श्रीलंका को $400 मिलियन की मुद्रा विनिमय सुविधा प्रदान की है।
भारत ने श्रीलंका द्वारा $500 मिलियन के ऋण चुकौती को टाल दिया है,
भारत ने ईंधन आयात के लिए $500 मिलियन के लिए एक लाइन ऑफ क्रेडिट प्रदान किया है और एक और $ 1 बिलियन पर वर्तमान में बातचीत हों रही है ।
5. जम्मू और कश्मीर राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली के साथ एकीकृत जम्मू और कश्मीर
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- जम्मू और कश्मीर राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली (एनएसडब्ल्यूएस) में शामिल होने वाला पहला केंद्र शासित प्रदेश बन गया।
- एनएसडब्ल्यूएस को सितंबर 2021 में ‘उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग’ (डीपीआईआईटी) और ‘इन्वेस्ट इंडिया’ के द्वारा संयुक्त रूप से लॉन्च किया गया था।
- यह एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है जहाँ पर निवेशक अपने व्यापार के अवसर को चिन्हित कर अपनी व्यावसायिक आवश्यकताओं के अनुसार आवेदन कर सकते हैं |
- वर्तमान में 14 राज्य/केंद्र शासित प्रदेश एनएसडब्ल्यूएस के साथ एकीकृत हैं। वे आंध्र प्रदेश, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड हैं।
राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली का उद्देश्य
एनएसडब्ल्यूएस के मुख्य उद्देश्य इस प्रकार हैं:
1) विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों और राज्य सरकारों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं को एकीकृत करके एकल-खिड़की तंत्र स्थापित करना।
2) भारत में व्यवसाय स्थापित करने के लिए आवश्यक पूर्व-स्थापना और पूर्व-संचालन अनुमोदन और परमिट प्राप्त करने के लिए वन-स्टॉप-शॉप प्रदान करना।
3) निवेशकों, उद्योगों और व्यवसायों को कुशल, सुविधाजनक, पारदर्शी और एकीकृत इलेक्ट्रॉनिक सेवा प्रदान करना।
डीपीआईआईटी
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ) की स्थापना वर्ष 1995 में हुई थी और वर्ष 2000 में औद्योगिक विकास विभाग के विलय के साथ इसका पुनर्गठन किया गया था।
विभाग को पहले औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग कहा जाता था और जनवरी, 2019 में इसका नाम बदलकर डीपीआईआईटी कर दिया गया।
यह वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत आता है।
डीपीआईआईटी के महत्वपूर्ण कार्य:
यह भारत सरकार की औद्योगिक नीति बनाने में मदद करता है
यह प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से संबंधित मामलों के लिए नोडल निकाय है।।
यह देश के औद्योगिक विकास के लिए निवेश को बढ़ावा देता है।
यह बौद्धिक संपदा अधिकारों (आईपीआर) के संरक्षण से संबंधित मामलों के लिए नोडल निकाय है और आईपीआर से संबंधित कानून का प्रशासन करता है।
इन्वेस्ट इंडिया
इन्वेस्ट इंडिया भारत को एक निवेश गंतव्य के रूप में बढ़ावा देने और भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए एक राष्ट्रीय निवेश और संवर्धन एजेंसी है।
इसे 2009 में एक कंपनी के रूप में स्थापित किया गया था और 2010 में इसका संचालन शुरू किया गया था।
यह सरकार और निजी क्षेत्र का संयुक्त उद्यम है।
केंद्र और राज्य सरकार के पास इन्वेस्ट इंडिया में 49% शेयर हैं और बाकी 51% औद्योगिक निकायों (भारतीय वाणिज्य और उद्योग मंडल महासंघ, नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर सर्विसेज कंपनीज ऑफ इंडिया,भारतीय उद्योग परिसंघ) के पास हैं।
6. एयरटेल पेमेंट बैंक ने आईसीआईसीआई लोम्बार्ड के साथ अपने ग्राहक के लिए साइबर बीमा लॉन्च किया
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भारत के पहले पेमेंट बैंक, एयरटेल पेमेंट बैंक ने आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी के साथ साझेदारी में अपने ग्राहकों के लिए एक साइबर बीमा पॉलिसी की शुरुआत की है।
एयरटेल पेमेंट बैंक के ग्राहक ‘एयरटेल थैंक्स ऐप’ से पॉलिसी खरीद सकते हैं।
अगर बैंक के पॉलिसीधारक ऑनलाइन बैंकिंग, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड लेनदेन करते समय वित्तीय धोखाधड़ी का शिकार होते है तो उन्हें आईसीआईसीआई लोम्बार्ड द्वारा नुकसान भरपाई की सुरक्षा प्रदान की जाएगी।
एयरटेल पेमेंट बैंक:
इसने अपना संचालन जनवरी 2017 में शुरू किया और यह भारत का पहला पेमेंट बैंक है।
इसका मुख्यालय : नई दिल्ली
आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस
यह आईसीआईसीआई बैंक और कनाडा स्थित फेयरफैक्स फाइनेंशियल होल्डिंग्स का संयुक्त उद्यम है।
आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस का मुख्यालय: मुंबई।
कॉन्सेप्ट क्लीयरिंग
जीवन बीमा और सामान्य बीमा क्या है?
जीवन बीमा-
यह एक बीमा कंपनी और एक इंसान के बीच एक अनुबंध है, जहाँ कंपनी इंसान की मृत्यु के होने पर उनके द्वारा नामित व्यक्ति को एक राशि का भुगतान करने का वादा करती है।
भारत में महत्त्वपूर्ण जीवन बीमा कंपनियाँ एलआईसी, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल, मैक्स लाइफ इंश्योरेंस आदि हैं।
सामान्य बीमा
- सामान्य बीमा में जीवन बीमा के विपरीत जीवित गैर-मनुष्यों का या वस्तुएँ जो जीवित नहीं हैं, उनका बीमा किया जाता है।
- उदाहरण के लिए फसल बीमा, गाय बीमा, भैंस बीमा आदि, ये जीवित हैं लेकिन ये गैर-मानव हैं इसलिए वे सामान्य बीमा के अंतर्गत आएंगे।
- निर्जीव वस्तुओं के कुछ उदाहरण घर, कार, आभूषण आदि हैं। यदि हम अपनी कार का बीमा करते हैं तो यह सामान्य बीमा के अंतर्गत आएगी।
स्वास्थ्य बीमा
स्वास्थ्य बीमा में, यदि बीमाधारक व्यक्ति अस्वस्थ होने पर अस्पताल में इलाज के लिए भरती होता है तो बीमा कंपनी उस व्यक्ति के इलाज में हुए व्यय का कुछ/पूर्ण अंश का भुगतान करेगी।
भारत में स्वास्थ्य बीमा, जीवन बीमा कंपनियों, सामान्य बीमा कंपनियों या विशेष स्वास्थ्य बीमा कंपनियों द्वारा प्रदान किया जा सकता है।
इसका मतलब है कि इसे एलआईसी, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड या स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी द्वारा यह सुविधा दिया जा सकता है।
भारत में बीमा क्षेत्र को भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण आईआरडीएआईद्वारा नियंत्रित किया जाता है।
आईआरडीएआई का मुख्यालय: हैदराबाद
7. पीएम- केयर्स ने अपने संचालन के पहले वर्ष में लगभग 11,000 करोड़ रुपये एकत्र किए
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भारत सरकार ने पहली बार पीएम-केयर्स फंड का विवरण देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और आपातकालीन स्थिति में राहत कोष (पीएम-केयर्स/Prime Minister’s Citizen Assistance and Relief in Emergency Situation Fund) को अपने पहले वर्ष में मार्च 2021 तक दान के रूप में ₹10,990 करोड़ मिले। इसमें से ₹3,976 करोड़ या 36.17 फीसदी राशि विभिन्न राहत और निर्माण कार्यों के लिए खर्च किया गया था।
फंड का प्रमुख प्रयोग -
66 मिलियन कोविड टीके खरीदने के लिए: 1,392 करोड़ रु.
50,000 भारतीय निर्मित वेंटिलेटर खरीदने के लिए: 1,311 करोड़ रु.
प्रवासियों के कल्याण के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को प्रदान की गई धनराशि: 1,000 करोड़ रु.।
पीएम केयर्स
कोविड महामारी से निपटने के लिए भारत सरकार ने मार्च 2020 में एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट के रूप में "प्रधान मंत्री नागरिक सहायता और आपातकालीन स्थिति में राहत कोष (पीएम केयर्स फंड)" की स्थापना की।
यह किसी भी प्रकार के सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल जैसे कोविड या प्राकृतिक/मानव निर्मित आपदा आदि जैसी आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए स्थापित किया गया था।
यह अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए सार्वजनिक दान स्वीकार करता है।
प्रधानमंत्री पीएम केयर्स फंड के पदेन अध्यक्ष हैं और केंद्रीय रक्षा मंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री और केंद्रीय वित्त मंत्री फंड के ट्रस्टी हैं।
फंड का मुख्यालय: नई दिल्ली
8. मानव तस्करी को रोकने के लिए रेलवे ने ऑपरेशन “ एएएचटी” शुरू किया
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रेल मंत्रालय के तहत रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने मानव तस्करी को रोकने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया है।
आरपीएफ अपनी विशेष इकाइयों को महत्त्वपूर्ण रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों, विशेषकर नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार की सीमा से लगे जिलों में चलने वाली ट्रेनों में तैनात करेगा।
इन देशों की हजारों महिलाओं और बच्चों को देश के विभिन्न हिस्सों में यौन शोषण, वेश्यावृत्ति, गुलामी, अंग प्रत्यारोपण आदि के लिए बेचा जाता है।
भारत के संविधान के अनुसार कानून और व्यवस्था राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। अपराध का पंजीकरण, पता लगाना और रोकथाम संबंधित राज्य सरकारों के तहत सरकारी रेलवे पुलिस/गवर्नमेंट रेलवे पुलिस (जीआरपी) की जिम्मेदारी है।
रेलवे सुरक्षा बल मानव तस्करी को रोकने में राज्य सरकार की कानून प्रवर्तन एजेंसी की सहायता कर सकता है क्योंकि रेलवे मानव तस्करों के लिए सबसे पसंदीदा नेटवर्क है, जिसके माध्यम से मानव तस्कर विशेष रूप से बच्चों और महिलाओं की तस्करी के लिए उपयोग करते हैं।
- संविधान का अनुच्छेद 23(1) मानव या व्यक्तियों की तस्करी पर रोक लगाता है।
9. एडीबी ने 2021 में भारत को 4.6 अरब डॉलर का कर्ज दिया
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मनीला स्थित बहुपक्षीय ऋण देने वाली एजेंसी, एशियाई विकास बैंक ने 2021 में भारत सरकार / राज्य सरकारों को 4.6 बिलियन डॉलर का ऋण दिया है।
- एशियाई विकास बैंक ने, 2021 में, भारत में कुल 17 परियोजना को $4.6 बिलियन के ऋण को मंजूर किया है जिसमे $1.8 बिलियन का वह ऋण भी शामिल है जो भारत को कोरोना महामारी के विरुद्ध लड़ने के दिए गए हैं ।
- कोविड-19 से संबंधित राशि में से 1.5 बिलियन डॉलर वैक्सीन की खरीद के लिए और 300 मिलियन डॉलर शहरी क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल और देश की भविष्य की महामारी की तैयारियों को मजबूत करने के लिए थे।
- 4.6 अरब डॉलर के कर्ज में से 2.2 अरब डॉलर का कर्ज राज्य सरकार की 12 परियोजनाओं के लिए मुहैया कराया जाएगा।
- बैंक ने 2021 में निजी क्षेत्र को 271 मिलियन डॉलर का कर्ज भी दिया है।
- सभी ऋण लेने वाले देशों में एशियाई विकास बैंक का सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता भारत है।
एशियाई विकास बैंक
इसकी स्थापना 1966 में हुई थी।
इसका मुख्यालय मांडलुयोंग सिटी, मनीला, फिलीपींस में है।
कुल सदस्य देश : 68
- एडीबी के अध्यक्ष: मासात्सुगु असाकावा (जापान के)
10. अफ्रीकी संघ शिखर बैठक 2022
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35 वीं अफ्रीकी संघ की शिखर बैठक 5-6 फरवरी 2022 को इथियोपिया की राजधानी अदीस अबाबा में आयोजित की गई थी।
शिखर सम्मेलन का विषय था “अफ्रीकी महाद्वीप पर पोषण और खाद्य सुरक्षा में लचीलापन को मजबूत करना, मानव, सामाजिक और आर्थिक पूंजी विकास की गति को बढ़ाने के लिए कृषि-खाद्य प्रणालियों, स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा प्रणालियों को सुदृढ़ बनाना।''
अफ्रीकी संघ
इसकी स्थापना 2002 में अफ्रीकी एकता संगठन के उत्तराधिकारी के रूप में की गई थी। इसका उद्देश्य अफ्रीकी देशों को एकजुट करते हुए अफ्रीका की समृद्धि और आर्थिक विकास को गति प्रदान करना है।
इसमें अफ्रीका के 55 सदस्य देश हैं।
अफ्रीका में कुल देश 55 हैं।
इसका मुख्यालय अदीस अबाबा, इथियोपिया में है।