1. फोरेंसिक साक्ष्यों के संग्रह को अनिवार्य बनाने वाली दिल्ली पुलिस बनी पहली पुलिस बल
Tags: National National News
दिल्ली पुलिस छह साल से अधिक की सजा वाले अपराधों में फोरेंसिक साक्ष्य के संग्रह को अनिवार्य करने वाली देश की पहली पुलिस बल बन गई है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पुलिस मुख्यालय के दौरे के दौरान 30 अगस्त को यह आदेश जारी किया गया।
दिल्ली एक केंद्र शासित प्रदेश है, इसका पुलिस बल गृह मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में है।
इस पहल का उद्देश्य दोषसिद्धि दर को बढ़ाना और आपराधिक न्याय प्रणाली को फोरेंसिक विज्ञान जांच के साथ एकीकृत करना है।
गृह मंत्री ने कहा कि गंभीर मामलों में पुलिस कानूनी जांच के बाद ही चार्जशीट दाखिल करे।
दिल्ली में नशीले पदार्थों पर नकेल कसने के लिए एक विस्तृत कार्य योजना तैयार की गई है।
दिल्ली और एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) और आसपास के राज्यों में सक्रिय बहुराज्यीय आपराधिक गिरोहों पर नकेल कसने की रणनीति भी बनाई गई है।
गृह मंत्री ने महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा पर पुलिस को अधिक पेशेवर और संवेदनशील दृष्टिकोण के साथ उन्हें एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के प्रयासों में तेजी लाने का निर्देश दिया।
हाल ही में जारी एनसीआरबी की रिपोर्ट में दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में 40% की वृद्धि देखी गई, जो देश के सभी महानगरीय शहरों में सबसे अधिक है।
फोरेंसिक मोबाइल वैन :
दिशानिर्देशों के अनुसार सभी जिलों में दिल्ली पुलिस के अपने सचल वाहनों के अलावा प्रत्येक जिले में एक फोरेंसिक सचल वाहन आवंटित किया जाएगा।
यह वाहन जांच अधिकारियों को जरूरत पड़ने पर मौके पर वैज्ञानिक तथा फोरेंसिक सहायता प्रदान करेगा।
ये वाहन वैज्ञानिक उपकरणों से सुसज्जित होंगे।
फोरेंसिक सचल वाहन शहर पुलिस के प्रशासनिक नियंत्रण में नहीं रहेंगे, बल्कि स्वतंत्र निकाय की तरह काम करेंगे और अदालत के प्रति जवाबदेह होंगे।
फोरेंसिक साइंस क्या है?
फोरेंसिक साइंस अपराधों की जाँच करने या न्यायालय में प्रस्तुत किए जाने वाले सबूतों का परीक्षण करने के लिए वैज्ञानिक तरीकों या विशेषज्ञता का उपयोग है।
यह आपराधिक न्याय प्रणाली का एक महत्त्वपूर्ण भाग है।
दस्तावेज़ परीक्षा, डीएनए विश्लेषण, इलेक्ट्रॉनिक / डिजिटल मीडिया, फ़िंगरप्रिंटिंग, ऑटोप्सी तकनीक, इंजीनियरिंग, भाषाविज्ञान, नृविज्ञान आदि फोरेंसिक विज्ञान के क्षेत्र हैं।
भारत का पहला सेंट्रल फ़िंगरप्रिंट ब्यूरो वर्ष 1897 में कोलकाता में स्थापित किया गया था, जो वर्ष 1904 में कार्य करना शुरू किया था।
जैव प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत हैदराबाद में डीएनए फिंगरप्रिंटिंग एंड डायग्नोस्टिक्स (CDFD) केंद्र स्थापित किया गया है।
भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना वर्ष 2000 में गांधीनगर गुजरात में किया गया था।
2. फोरेंसिक साक्ष्यों के संग्रह को अनिवार्य बनाने वाली दिल्ली पुलिस बनी पहली पुलिस बल
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दिल्ली पुलिस छह साल से अधिक की सजा वाले अपराधों में फोरेंसिक साक्ष्य के संग्रह को अनिवार्य करने वाली देश की पहली पुलिस बल बन गई है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पुलिस मुख्यालय के दौरे के दौरान 30 अगस्त को यह आदेश जारी किया गया।
दिल्ली एक केंद्र शासित प्रदेश है, इसका पुलिस बल गृह मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में है।
इस पहल का उद्देश्य दोषसिद्धि दर को बढ़ाना और आपराधिक न्याय प्रणाली को फोरेंसिक विज्ञान जांच के साथ एकीकृत करना है।
गृह मंत्री ने कहा कि गंभीर मामलों में पुलिस कानूनी जांच के बाद ही चार्जशीट दाखिल करे।
दिल्ली में नशीले पदार्थों पर नकेल कसने के लिए एक विस्तृत कार्य योजना तैयार की गई है।
दिल्ली और एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) और आसपास के राज्यों में सक्रिय बहुराज्यीय आपराधिक गिरोहों पर नकेल कसने की रणनीति भी बनाई गई है।
गृह मंत्री ने महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा पर पुलिस को अधिक पेशेवर और संवेदनशील दृष्टिकोण के साथ उन्हें एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के प्रयासों में तेजी लाने का निर्देश दिया।
हाल ही में जारी एनसीआरबी की रिपोर्ट में दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में 40% की वृद्धि देखी गई, जो देश के सभी महानगरीय शहरों में सबसे अधिक है।
फोरेंसिक मोबाइल वैन :
दिशानिर्देशों के अनुसार सभी जिलों में दिल्ली पुलिस के अपने सचल वाहनों के अलावा प्रत्येक जिले में एक फोरेंसिक सचल वाहन आवंटित किया जाएगा।
यह वाहन जांच अधिकारियों को जरूरत पड़ने पर मौके पर वैज्ञानिक तथा फोरेंसिक सहायता प्रदान करेगा।
ये वाहन वैज्ञानिक उपकरणों से सुसज्जित होंगे।
फोरेंसिक सचल वाहन शहर पुलिस के प्रशासनिक नियंत्रण में नहीं रहेंगे, बल्कि स्वतंत्र निकाय की तरह काम करेंगे और अदालत के प्रति जवाबदेह होंगे।
फोरेंसिक साइंस क्या है?
फोरेंसिक साइंस अपराधों की जाँच करने या न्यायालय में प्रस्तुत किए जाने वाले सबूतों का परीक्षण करने के लिए वैज्ञानिक तरीकों या विशेषज्ञता का उपयोग है।
यह आपराधिक न्याय प्रणाली का एक महत्त्वपूर्ण भाग है।
दस्तावेज़ परीक्षा, डीएनए विश्लेषण, इलेक्ट्रॉनिक / डिजिटल मीडिया, फ़िंगरप्रिंटिंग, ऑटोप्सी तकनीक, इंजीनियरिंग, भाषाविज्ञान, नृविज्ञान आदि फोरेंसिक विज्ञान के क्षेत्र हैं।
भारत का पहला सेंट्रल फ़िंगरप्रिंट ब्यूरो वर्ष 1897 में कोलकाता में स्थापित किया गया था, जो वर्ष 1904 में कार्य करना शुरू किया था।
जैव प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत हैदराबाद में डीएनए फिंगरप्रिंटिंग एंड डायग्नोस्टिक्स (CDFD) केंद्र स्थापित किया गया है।
भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना वर्ष 2000 में गांधीनगर गुजरात में किया गया था।
3. सबसे ज्यादा आत्महत्या की घटनाएं महाराष्ट्र में
Tags: National National News
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा लोग आत्महत्या करते हैं। दूसरे स्थान पर तमिलनाडु का और तीसरे नंबर पर मध्यप्रदेश का नंबर आता है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2020 में 1,53,052 के मुकाबले 2021 में देश भर में 1,64,033 लोगों ने आत्महत्या की।
इस रिपोर्ट के मुताबिक, आत्महत्या के मामलों में साल 2021 में 2020 की तुलना में 7.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं, आत्महत्या की दर में 6.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
साल 2021 में महाराष्ट्र में 22,207 सबसे अधिक आत्महत्या की घटनाएं सामने आईं हैं। इसके बाद तमिलनाडु में 18,925 आत्महत्याएं, मध्य प्रदेश में 14,965 आत्महत्याएं, पश्चिम बंगाल में 13,500 आत्महत्याएं और कर्नाटक में 13,056 आत्महत्या की घटनाएं सामने आईं हैं।
एनसीआरबी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि केवल इन पांच राज्यों में ही देश भर में हुई आत्महत्याओं के 50.4 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए हैं। शेष 49.6 प्रतिशत मामले अन्य 23 राज्यों और आठ केंद्र शासित प्रदेशों में दर्ज किए गए हैं।
केंद्र शासित प्रदेशों में :
साल 2021 में केंद्र शासित प्रदेशों में सबसे ज्यादा आत्महत्या के मामले दिल्ली में सामने आए हैं।
दिल्ली में आत्महत्या के 2840 मामले दर्ज किए गए, इसके बाद बाद पुडुचेरी में 504 मामले सामने आए हैं।
2021 में आत्महत्या की अखिल भारतीय दर 12 प्रतिशत थी।
2021 में सड़क हादसों में मौत :
देश में 2021 में यातायात संबंधी करीब 4.22 लाख दुर्घटनाएं हुईं। जिनमें 1.73 लाख लोगों की जान चली गई।
उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 24,711 और इसके बाद तमिलनाडु में 16,685 और महाराष्ट्र 16,446 लोगों की मौत हुई।
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के बारे में :
NCRB की स्थापना केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत वर्ष 1986 में की गई थी I
यह राष्ट्रीय पुलिस आयोग (1977-1981) और गृह मंत्रालय के कार्य बल (1985) की सिफारिशों के आधार पर स्थापित किया गया था।
NCRB देश भर में अपराध के वार्षिक व्यापक आँकड़े ('भारत में अपराध' रिपोर्ट) एकत्रित करता है।
NCRB का प्रमुख उद्देश्य भारत की पुलिस के आधुनिकीकरण व सूचना प्रौद्योगिकी में सशक्त करना है।
प्रमुख प्रकाशन :
क्राइम इन इंडिया रिपोर्ट
आकस्मिक मृत्यु और आत्महत्या
जेल सांख्यिकी
भारत में गुमशुदा महिलाओं और बच्चों की रिपोर्ट
4. सबसे ज्यादा आत्महत्या की घटनाएं महाराष्ट्र में
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नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा लोग आत्महत्या करते हैं। दूसरे स्थान पर तमिलनाडु का और तीसरे नंबर पर मध्यप्रदेश का नंबर आता है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2020 में 1,53,052 के मुकाबले 2021 में देश भर में 1,64,033 लोगों ने आत्महत्या की।
इस रिपोर्ट के मुताबिक, आत्महत्या के मामलों में साल 2021 में 2020 की तुलना में 7.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं, आत्महत्या की दर में 6.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
साल 2021 में महाराष्ट्र में 22,207 सबसे अधिक आत्महत्या की घटनाएं सामने आईं हैं। इसके बाद तमिलनाडु में 18,925 आत्महत्याएं, मध्य प्रदेश में 14,965 आत्महत्याएं, पश्चिम बंगाल में 13,500 आत्महत्याएं और कर्नाटक में 13,056 आत्महत्या की घटनाएं सामने आईं हैं।
एनसीआरबी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि केवल इन पांच राज्यों में ही देश भर में हुई आत्महत्याओं के 50.4 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए हैं। शेष 49.6 प्रतिशत मामले अन्य 23 राज्यों और आठ केंद्र शासित प्रदेशों में दर्ज किए गए हैं।
केंद्र शासित प्रदेशों में :
साल 2021 में केंद्र शासित प्रदेशों में सबसे ज्यादा आत्महत्या के मामले दिल्ली में सामने आए हैं।
दिल्ली में आत्महत्या के 2840 मामले दर्ज किए गए, इसके बाद बाद पुडुचेरी में 504 मामले सामने आए हैं।
2021 में आत्महत्या की अखिल भारतीय दर 12 प्रतिशत थी।
2021 में सड़क हादसों में मौत :
देश में 2021 में यातायात संबंधी करीब 4.22 लाख दुर्घटनाएं हुईं। जिनमें 1.73 लाख लोगों की जान चली गई।
उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 24,711 और इसके बाद तमिलनाडु में 16,685 और महाराष्ट्र 16,446 लोगों की मौत हुई।
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के बारे में :
NCRB की स्थापना केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत वर्ष 1986 में की गई थी I
यह राष्ट्रीय पुलिस आयोग (1977-1981) और गृह मंत्रालय के कार्य बल (1985) की सिफारिशों के आधार पर स्थापित किया गया था।
NCRB देश भर में अपराध के वार्षिक व्यापक आँकड़े ('भारत में अपराध' रिपोर्ट) एकत्रित करता है।
NCRB का प्रमुख उद्देश्य भारत की पुलिस के आधुनिकीकरण व सूचना प्रौद्योगिकी में सशक्त करना है।
प्रमुख प्रकाशन :
क्राइम इन इंडिया रिपोर्ट
आकस्मिक मृत्यु और आत्महत्या
जेल सांख्यिकी
भारत में गुमशुदा महिलाओं और बच्चों की रिपोर्ट
5. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के नर्मदा में कच्छ शाखा नहर का उद्घाटन किया
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प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 अगस्त को 357.18 किलोमीटर लंबी कच्छ शाखा नहर (केबीसी) का उद्घाटन किया।
महत्वपूर्ण तथ्य -
केबीसी 750 किलोमीटर दूर नर्मदा जिले में सरदार सरोवर नर्मदा बांध से लेकर गुजरात के मांडवी तालुका के आखिरी गांवों, मोद कुबा तक फैला हुआ है।
नहर कच्छ में सिंचाई की सुविधा और कच्छ जिले के सभी 948 गांवों और 10 कस्बों में पेयजल उपलब्ध कराने में मदद करेगी।
नहर की कुल लंबाई लगभग 357 किमी है।
नहर के एक हिस्से का प्रधानमंत्री ने 2017 में उद्घाटन किया था और शेष भाग का उद्घाटन अब किया गया है।
6493 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित, सरदार सरोवर नर्मदा निगम लिमिटेड (एसएसएनएनएल) के अधिकारियों ने इस नहर को "दुनिया की सबसे लंबी शाखा नहर" के रूप में दावा किया है।
सरदार सरोवर बाँध के बारे में :
परियोजना की आधारशिला 5 अप्रैल 1961 को प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा रखी गई थी।
यह गुजरात राज्य के नर्मदा जिले के केवड़िया शहर के पास नवगाम में नर्मदा नदी पर बना एक कंक्रीट ग्रेविटी बांध है।
इसका निर्माण चार भारतीय राज्यों गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान को पानी और बिजली प्रदान करने के लिए किया गया था।
यह गुजरात के नर्मदा जिले में गुजरात और महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित है।
यह गुजरात में सूखाग्रस्त क्षेत्रों और राजस्थान के बाड़मेर और जालोर जिलों के शुष्क क्षेत्रों में सिंचाई करता है।
बांध 210 गांवों और भरूच शहर को बाढ़ सुरक्षा भी प्रदान करता है।
नर्मदा नदी :
नर्मदा प्रायद्वीपीय क्षेत्र की पश्चिम में बहने वाली सबसे बड़ी नदी है।
यह उत्तर में विंध्य रेंज और दक्षिण में सतपुड़ा रेंज के बीच एक भ्रंश घाटी से होकर बहती है।
यह मध्य प्रदेश में अमरकंटक के पास मैकला श्रेणी से निकलती है।
नर्मदा की प्रमुख सहायक नदियाँ - हिरन, ओरसंग, बरना और कोलार।
6. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के नर्मदा में कच्छ शाखा नहर का उद्घाटन किया
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प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 अगस्त को 357.18 किलोमीटर लंबी कच्छ शाखा नहर (केबीसी) का उद्घाटन किया।
महत्वपूर्ण तथ्य -
केबीसी 750 किलोमीटर दूर नर्मदा जिले में सरदार सरोवर नर्मदा बांध से लेकर गुजरात के मांडवी तालुका के आखिरी गांवों, मोद कुबा तक फैला हुआ है।
नहर कच्छ में सिंचाई की सुविधा और कच्छ जिले के सभी 948 गांवों और 10 कस्बों में पेयजल उपलब्ध कराने में मदद करेगी।
नहर की कुल लंबाई लगभग 357 किमी है।
नहर के एक हिस्से का प्रधानमंत्री ने 2017 में उद्घाटन किया था और शेष भाग का उद्घाटन अब किया गया है।
6493 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित, सरदार सरोवर नर्मदा निगम लिमिटेड (एसएसएनएनएल) के अधिकारियों ने इस नहर को "दुनिया की सबसे लंबी शाखा नहर" के रूप में दावा किया है।
सरदार सरोवर बाँध के बारे में :
परियोजना की आधारशिला 5 अप्रैल 1961 को प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा रखी गई थी।
यह गुजरात राज्य के नर्मदा जिले के केवड़िया शहर के पास नवगाम में नर्मदा नदी पर बना एक कंक्रीट ग्रेविटी बांध है।
इसका निर्माण चार भारतीय राज्यों गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान को पानी और बिजली प्रदान करने के लिए किया गया था।
यह गुजरात के नर्मदा जिले में गुजरात और महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित है।
यह गुजरात में सूखाग्रस्त क्षेत्रों और राजस्थान के बाड़मेर और जालोर जिलों के शुष्क क्षेत्रों में सिंचाई करता है।
बांध 210 गांवों और भरूच शहर को बाढ़ सुरक्षा भी प्रदान करता है।
नर्मदा नदी :
नर्मदा प्रायद्वीपीय क्षेत्र की पश्चिम में बहने वाली सबसे बड़ी नदी है।
यह उत्तर में विंध्य रेंज और दक्षिण में सतपुड़ा रेंज के बीच एक भ्रंश घाटी से होकर बहती है।
यह मध्य प्रदेश में अमरकंटक के पास मैकला श्रेणी से निकलती है।
नर्मदा की प्रमुख सहायक नदियाँ - हिरन, ओरसंग, बरना और कोलार।
7. निर्मला सीतारमण ने स्टार्टअप्स के लिए 'मिलेट चैलेंज' की घोषणा की
Tags: Economy/Finance National News
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 27 अगस्त को मोटे अनाज से जुड़े स्टार्टअप के लिए 'मिलेट चैलेंज' की घोषणा की।
महत्वपूर्ण तथ्य -
निर्मला सीतारमण ने नाबार्ड (राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक) के तहत कर्नाटक के रायचूर में कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय के लिए 25 करोड़ रुपये के वित्त पोषण की भी घोषणा की।
इस राशि का इस्तेमाल मोटा अनाज मूल्य श्रृंखला और प्रसंस्करण के लिए इनक्युबेशन केंद्र की स्थापना करने तथा मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए मूल्य संवर्धन एवं क्षमता निर्माण के लिए किया जाएगा।
उन्होंने मिलेट सम्मेलन 2022 में भाग लिया जो कि कृषि विश्वविद्यालय, रायचूर, कर्नाटक में आयोजित किया गया था।
स्टार्टअप्स के लिए 'मिलेट चैलेंज' क्या है ?
नीति आयोग जल्द ही मोटे अनाज से जुड़े स्टार्टअप के लिए इस चैलेंज की घोषणा करेगा।
इसमें नवोन्मेषी तरीकों से समाधान देने वाला कोई भी स्टार्टअप भाग ले सकेगा।
दिसंबर से पहले विजेताओं के नाम की घोषणा कर दी जाएगी।
तीन विजेताओं को एक-एक करोड़ रुपए का बुनियादी अनुदान, 15 चयनित उम्मीदवारों को 20-20 लाख रुपये और अन्य 15 चयनित उम्मीदवारों को 10-10 लाख रुपए दिए जाएंगे।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने प्रमुख बाजरा प्रसंस्करण कंपनियों से राज्य को इस क्षेत्र में एक ब्रांड बनाने के लिए कर्नाटक पर ध्यान केंद्रित करने को कहा।
मोटे अनाजों के बारे में :
मिलेट उच्च पोषक तत्व वाली अनाज फसलें हैं और छोटे बीज वाली घास के रूप में वर्गीकृत की जाती हैं।
इनमें ज्वार (सोरघम), रागी (फिंगर बाजरा), कोर्रा (फॉक्सटेल बाजरा), अर्क (कोदो बाजरा), समा (बाजरा), बाजरा (मोती बाजरा), चना/बार (प्रोसो बाजरा) और सानवा (बार्नयार्ड बाजरा) शामिल हैं।
वैश्विक उत्पादन में लगभग 41% की अनुमानित हिस्सेदारी के साथ भारत दुनिया में मिलेट के प्रमुख उत्पादकों में से एक है।
मिलेट के प्रमुख उत्पादक राजस्थान, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात और हरियाणा हैं।
अप्रैल 2018 में सरकार द्वारा मिलेट को पोषक-अनाज के रूप में अधिसूचित किया गया है।
वे प्रोटीन, फाइबर, खनिज, लोहा और कैल्शियम का एक समृद्ध स्रोत हैं और उनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम है।
भारत में मिलेट का उत्पादन 2015-16 में 14.5 मीट्रिक टन से फसल वर्ष 2019-20 (जून - जुलाई) में 16% बढ़कर 17.26 मिलियन टन (MT) हो गया है।
मार्च 2021 में, भारत ने 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष के रूप में घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव का नेतृत्व किया।
भारत विश्व स्तर पर मिलेट का 5वां सबसे बड़ा निर्यातक है।
8. कोर स्टेज इंजन में खराबी के कारण नासा ने चंद्रमा पर आर्टेमिस 1 मिशन का प्रक्षेपण स्थगित किया
Tags: Science and Technology International News
नासा ने 29 अगस्त को खराब कोर स्टेज इंजन के कारण चंद्रमा पर आर्टेमिस 1 मिशन के प्रक्षेपण को स्थगित कर दिया है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
लॉन्च को ईंधन रिसाव और इंजन की समस्या के कारण स्थगित कर दिया गया था।
कई वर्षों की मेहनत के बाद अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी चंद्रमा पर अपना मिशन भेजने जा रही थी।
मिशन इसलिए महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि इसकी सफलता को देखते हुए ही भविष्य में इंसान को चांद पर भेजा जाना है।
एक बार लॉन्च होने के बाद, आर्टेमिस 1 ओरियन अंतरिक्ष यान का परीक्षण करेगा, जो चंद्रमा की परिक्रमा करेगा और एक दिन मानव चालक दल के सदस्यों को वहां ले जाएगा।
आर्टेमिस 1 की लागत 4 अरब डॉलर आंकी गई है।
आर्टेमिस 1 क्या है ?
इसका नाम अपोलो की पौराणिक जुड़वां बहन, आर्टेमिस के नाम पर रखा गया है।
यह अंतरिक्ष यान दुनिया का सबसे शक्तिशाली रॉकेट है, जो किसी भी अन्य वाहन की तुलना में अधिक पेलोड को गहरे अंतरिक्ष में ले जाने में सक्षम है।
नए स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS) की पहली उड़ान, आर्टेमिस 1 एक भारी-भरकम वाहन है।
आर्टेमिस 1 एक मानव रहित मिशन है।
इसके तीन परीक्षण डमी होंगे - हेल्गा, ज़ोहर और मूनिकिन कैम्पोस जो कंपन, ब्रह्मांडीय विकिरण और अन्य स्थितियों को मापने के लिए सेंसर से सुसज्जित होंगे।
छह सप्ताह के लंबे मिशन के दौरान, आर्टेमिस 1 और कैप्सूल चंद्रमा तक लगभग 65,000 किमी की दूरी तय करेंगे।
लॉन्च को क्यों स्थगित किया गया ?
आरएस-25 इंजन में खराबी के कारण प्रक्षेपण को स्थगित कर दिया गया, जिसे लॉन्च करने से पहले इसे कंडीशन करने के लिए तरल हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के साथ मिश्रित किया जाना था।
इसके एक इंजन में उम्मीद के मुताबिक ब्लीडिंग नहीं हो रही थी।
लांच को इसलिए रोक दिया गया क्योंकि लॉन्च टीम इन समस्याओं को हल करने में असमर्थ थी।
आंतरिक टैंक के किनारे पर एक दरार भी दिखाई दे रही थी।
आर्टेमिस 1 मिशन के बारे में :
अपोलो कार्यक्रम समाप्त होने के बाद 50 वर्षों में पहली बार, आर्टेमिस 1 का प्रक्षेपण अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा की सतह पर वापस लाने की अमेरिका का एक महत्वाकांक्षी मिशन है।
आर्टेमिस 1 लॉन्च नासा के 21वीं सदी के चंद्रमा-अन्वेषण कार्यक्रम की पहली उड़ान भी होगी।
चंद्रमा की सतह पर आर्टेमिस 1 के साथ, नासा का लक्ष्य नई तकनीकों, व्यावसायिक दृष्टिकोणों और क्षमताओं को प्रदर्शित करना है, जो मंगल सहित भविष्य के अन्वेषणों के लिए आवश्यक हैं।
लॉन्च का उद्देश्य चंद्रमा, इसकी उत्पत्ति और इतिहास के अध्ययन में और मदद करना है।
इसरो का मून एक्सप्लोरेशन मिशन :
चंद्रयान 1
चंद्रयान-2
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने हाल ही में भारत के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान -3 की घोषणा की, जिसमें एक लैंडर और एक रोवर शामिल होगा।
9. राष्ट्रीय फोरेंसिक साइंस विश्वविद्यालय का पहला दीक्षांत समारोह
Tags: National National News
केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 28 अगस्त को गांधीनगर में राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) के पहले दीक्षांत समारोह में भाग लिया।
महत्वपूर्ण तथ्य -
- समारोह के दौरान एक हजार से अधिक छात्रों को मास्टर डिग्री प्रदान की गई।
उन्होंने विश्वविद्यालय के नए दक्षिणी परिसर की आधारशिला भी रखी।
उन्होंने प्रशिक्षण और कौशल विकास केंद्र, एनएफएसयू में एक अंतर्राष्ट्रीय अतिथि गृह और साइबर सुरक्षा, डीएनए फोरेंसिक और खोजी और फोरेंसिक मनोविज्ञान में उत्कृष्टता के तीन केंद्रों का भी उद्घाटन किया।
तीन उत्कृष्टता केंद्र जो स्थापित किए गए हैं, वे छात्रों के साथ-साथ न्यायिक प्रणाली को भी मजबूत करेंगे।
ये तीन केंद्र अनुसंधान और विकास के साथ-साथ शिक्षण, प्रशिक्षण और परामर्श के प्रमुख केंद्र बनेंगे और भारत फोरेंसिक विज्ञान अनुसंधान में दुनिया का केंद्र होगा।
अतिरिक्त जानकारी -
राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय, गांधीनगर :
गांधीनगर परिसर गांधीनगर, गुजरात में राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय का पहला परिसर है।
इसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा प्राप्त है, यह फोरेंसिक साइंस को समर्पित दुनिया का पहला और एकमात्र विश्वविद्यालय है।
गांधीनगर परिसर में निम्नलिखित केंद्र हैं-
सेंटर फॉर इंटरनेशनल रिलेशन्स साइबर डिफेन्स सेंटर (CDC)
साइबर रक्षा केंद्र (सीडीसी)
नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस के लिए उत्कृष्टता केंद्र (एनडीपीएस)
बैलिस्टिक अनुसंधान एवं परीक्षण केंद्र
मानवीय फोरेंसिक के लिए अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (ICHF)
फ्यूचरिस्टिक डिफेंस स्टडीज के लिए केंद्र
फोरेंसिक इनोवेशन सेंटर
बुद्ध मनोवैज्ञानिक केंद्र
10. राष्ट्रीय फोरेंसिक साइंस विश्वविद्यालय का पहला दीक्षांत समारोह
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केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 28 अगस्त को गांधीनगर में राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) के पहले दीक्षांत समारोह में भाग लिया।
महत्वपूर्ण तथ्य -
- समारोह के दौरान एक हजार से अधिक छात्रों को मास्टर डिग्री प्रदान की गई।
उन्होंने विश्वविद्यालय के नए दक्षिणी परिसर की आधारशिला भी रखी।
उन्होंने प्रशिक्षण और कौशल विकास केंद्र, एनएफएसयू में एक अंतर्राष्ट्रीय अतिथि गृह और साइबर सुरक्षा, डीएनए फोरेंसिक और खोजी और फोरेंसिक मनोविज्ञान में उत्कृष्टता के तीन केंद्रों का भी उद्घाटन किया।
तीन उत्कृष्टता केंद्र जो स्थापित किए गए हैं, वे छात्रों के साथ-साथ न्यायिक प्रणाली को भी मजबूत करेंगे।
ये तीन केंद्र अनुसंधान और विकास के साथ-साथ शिक्षण, प्रशिक्षण और परामर्श के प्रमुख केंद्र बनेंगे और भारत फोरेंसिक विज्ञान अनुसंधान में दुनिया का केंद्र होगा।
अतिरिक्त जानकारी -
राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय, गांधीनगर :
गांधीनगर परिसर गांधीनगर, गुजरात में राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय का पहला परिसर है।
इसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा प्राप्त है, यह फोरेंसिक साइंस को समर्पित दुनिया का पहला और एकमात्र विश्वविद्यालय है।
गांधीनगर परिसर में निम्नलिखित केंद्र हैं-
सेंटर फॉर इंटरनेशनल रिलेशन्स साइबर डिफेन्स सेंटर (CDC)
साइबर रक्षा केंद्र (सीडीसी)
नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस के लिए उत्कृष्टता केंद्र (एनडीपीएस)
बैलिस्टिक अनुसंधान एवं परीक्षण केंद्र
मानवीय फोरेंसिक के लिए अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (ICHF)
फ्यूचरिस्टिक डिफेंस स्टडीज के लिए केंद्र
फोरेंसिक इनोवेशन सेंटर
बुद्ध मनोवैज्ञानिक केंद्र