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By admin: Aug. 29, 2022

1. नोएडा में सुपरटेक के 40 मंजिला ट्विन टावर निर्माण कानूनों के उल्लंघन के कारण गिराया गया

Tags: National National News


नौ साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद 28 अगस्त को नोएडा सेक्टर-93 के सुपरटेक ट्विन टावर मलबे में तब्दील कर दिया गया।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • यह सुपरटेक लिमिटेड की एमराल्ड कोर्ट परियोजना का हिस्सा है टॉवर के निर्माण के संबंध में कई नियमों के उल्लंघन पाए गए और इसलिए उन्हें ध्वस्त कर दिया गया।

  • यह भारत में सबसे ऊंची संरचना है जो क़ुतुब मीनार से लगभग 100 मीटर लंबा है, इसमें लगभग 850 फ्लैट शामिल हैं और नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के पास सेक्टर 93 ए में स्थित हैं।

नोएडा के सुपरटेक ट्विन टावरों को क्यों गिराया गया ?

  • नवंबर 2004 में, न्यू ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (नोएडा) ने एक हाउसिंग सोसाइटी के निर्माण के लिए सेक्टर 93 ए में सुपरटेक को जमीन का एक भूखंड आवंटित किया, जिसे एमराल्ड कोर्ट के नाम से जाना जाता है।

  • भवन निर्माण योजना को 2005 में न्यू ओखला औद्योगिक विकास क्षेत्र भवन विनियम और निर्देश, 1986 के तहत स्वीकृत किया गया था।

  • भवन योजना ने बिल्डरों को 37 मीटर की ऊंचाई के भीतर दस मंजिलों के साथ कुल 14 टावर बनाने की अनुमति दी।

  • दिसंबर 2006 में संशोधित नियमों के बाद, नई और संशोधित योजना को मंजूरी दी गई, जिसमें अब टावरों के लिए दो अतिरिक्त मंजिलों और एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का निर्माण शामिल किया गया।

  • अधिकारियों ने अब 16 टावरों और एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स को मंजूरी दी थी।

  • 2009 तक, 14 टावरों का निर्माण किया गया था।

अतिरिक्त जानकारी -

कोर्ट का आदेश :

  • 2014 में, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि टावर अवैध थे और इसे गिराए जाने का आदेश दिया।

  • इस आदेश को चुनौती देते हुए नोएडा अथॉरिटी और सुपरटेक ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

  • 31 अगस्त, 2021 को, शीर्ष अदालत ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा और इमारतों को ध्वस्त करने का आदेश दिया।

  • सुप्रीम कोर्ट ने ट्विन टावरों के निर्माण को न्यूनतम दूरी की आवश्यकता का उल्लंघन पाया।

  • कोर्ट ने कहा कि टावरों का निर्माण भवन नियमों और अग्नि सुरक्षा मानदंडों के अनुपालन के बिना किया गया।

By admin: Aug. 29, 2022

2. नोएडा में सुपरटेक के 40 मंजिला ट्विन टावर निर्माण कानूनों के उल्लंघन के कारण गिराया गया

Tags: National National News


नौ साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद 28 अगस्त को नोएडा सेक्टर-93 के सुपरटेक ट्विन टावर मलबे में तब्दील कर दिया गया।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • यह सुपरटेक लिमिटेड की एमराल्ड कोर्ट परियोजना का हिस्सा है टॉवर के निर्माण के संबंध में कई नियमों के उल्लंघन पाए गए और इसलिए उन्हें ध्वस्त कर दिया गया।

  • यह भारत में सबसे ऊंची संरचना है जो क़ुतुब मीनार से लगभग 100 मीटर लंबा है, इसमें लगभग 850 फ्लैट शामिल हैं और नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के पास सेक्टर 93 ए में स्थित हैं।

नोएडा के सुपरटेक ट्विन टावरों को क्यों गिराया गया ?

  • नवंबर 2004 में, न्यू ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (नोएडा) ने एक हाउसिंग सोसाइटी के निर्माण के लिए सेक्टर 93 ए में सुपरटेक को जमीन का एक भूखंड आवंटित किया, जिसे एमराल्ड कोर्ट के नाम से जाना जाता है।

  • भवन निर्माण योजना को 2005 में न्यू ओखला औद्योगिक विकास क्षेत्र भवन विनियम और निर्देश, 1986 के तहत स्वीकृत किया गया था।

  • भवन योजना ने बिल्डरों को 37 मीटर की ऊंचाई के भीतर दस मंजिलों के साथ कुल 14 टावर बनाने की अनुमति दी।

  • दिसंबर 2006 में संशोधित नियमों के बाद, नई और संशोधित योजना को मंजूरी दी गई, जिसमें अब टावरों के लिए दो अतिरिक्त मंजिलों और एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का निर्माण शामिल किया गया।

  • अधिकारियों ने अब 16 टावरों और एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स को मंजूरी दी थी।

  • 2009 तक, 14 टावरों का निर्माण किया गया था।

अतिरिक्त जानकारी -

कोर्ट का आदेश :

  • 2014 में, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि टावर अवैध थे और इसे गिराए जाने का आदेश दिया।

  • इस आदेश को चुनौती देते हुए नोएडा अथॉरिटी और सुपरटेक ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

  • 31 अगस्त, 2021 को, शीर्ष अदालत ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा और इमारतों को ध्वस्त करने का आदेश दिया।

  • सुप्रीम कोर्ट ने ट्विन टावरों के निर्माण को न्यूनतम दूरी की आवश्यकता का उल्लंघन पाया।

  • कोर्ट ने कहा कि टावरों का निर्माण भवन नियमों और अग्नि सुरक्षा मानदंडों के अनुपालन के बिना किया गया।

By admin: Aug. 27, 2022

3. अफ्रीका ने गैर-संचारी रोगों के खिलाफ पेन-प्लस रणनीति अपनाई

Tags: International News


हाल ही में अफ्रीका ने गंभीर गैर-संचारी रोगों (NCD) के निदान, उपचार और देखभाल तक पहुँच को बढ़ावा देने के लिये पेन-प्लस रणनीति नामक नई रणनीति अपनाई हैI 

पेन-प्लस रणनीति :

  • यह प्रथम स्तर की संदर्भित स्वास्थ्य सुविधाओं में गंभीर गैर-संचारी रोगों को संबोधित करने के लिये क्षेत्रीय रणनीति है।

  • रणनीति का उद्देश्य पुराने और गंभीर NCDs रोगियों के उपचार और देखभाल में पहुँच के अंतर को समाप्त करना है।

  • यह देशों से आग्रह करता है कि पुरानी और गंभीर गैर-संचारी रोगों से निपटने के लिये मानकीकृत कार्यक्रम स्थापित करें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ज़िला अस्पतालों में आवश्यक दवाएँ, प्रौद्योगिकियाँ तथा निदान उपलब्ध एवं पहुँच योग्य हैं।

महत्वपूर्ण तथ्य - 

गैर-संचारी रोग :

  • गैर-संचारी रोग वह चिकित्सीय स्थितियाँ या रोग हैं जो संक्रामक कारकों के कारण नहीं फैलती हैं।

  • गैर-संचारी रोगों को पुरानी बीमारियों के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि वे लंबे समय तक चलने वाली होती हैं और आनुवंशिक, शारीरिक, पर्यावरणीय और व्यवहारिक कारकों के संयोजन से उत्पन्न होती हैं।

  • NCD में हृदय रोग, कैंसर, मधुमेह, अस्थमा आदि शामिल हैं।

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, ये वैश्विक स्तर पर 71% मौतों का कारण बनते हैं।

  • अफ्रीकी क्षेत्र में NCD के कारण मृत्यु दर का अनुपात 27-88% के बीच है।

भारत में गैर-संचारी रोगों (NCDs) की स्थिति :

  • भारत मेंं प्रत्येक वर्ष लगभग 58 मिलियन लोगों की (WHO रिपोर्ट, 2015) NCDs से मृत्यु हो जाती है या दूसरे शब्दों में 4 में से 1 भारतीयों को 70 वर्ष की आयु तक पहुँचने से पूर्व ही NCDs से मौत की आशंका होती है।

  • इसके अलावा यह पाया गया है कि NCDs की वजह से वर्ष 1990 में 'विकलांगता-समायोजित जीवन वर्ष' (DALYs) की अवधि 30% बढ़कर वर्ष 2016 में 55% हो गई है और इसके कारण होने वाली मौतों के अनुपात में भी वृद्धि हुई है। 

  • NCDs (सभी प्रकार की मौतों के लिये) वर्ष 1990 में 37% से बढ़कर वर्ष 2016 में 61% हो गई थी।




By admin: Aug. 27, 2022

4. अनंग ताल झील को राष्ट्रीय महत्व का स्मारक घोषित किया गया

Tags: National National News


दिल्ली में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के मेहरौली में कुतुबमीनार के पास स्थित अनंग ताल को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने का गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • हजार साल पहले दिल्ली के संस्थापक राजा अनंग पाल तोमर द्वारा मिनी झील का निर्माण कराया गया था, जिसे अनंग ताल के नाम से जाना जाता है।

  • संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण(एएसआइ) को इस ताल के जीर्णोद्धार करने के साथ-साथ इसे राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने के निर्देश जारी किया था।

अनंग ताल :

  • यह झील दिल्ली के महरौली में स्थित है जिसका निर्माण तोमर राजा अनंगपाल द्वितीय द्वारा 1060 ईस्वी में कराया गया था।

  • सहस्राब्दी पुराना अनंग ताल दिल्ली के प्रारंभिक कालखंड का प्रतीक है।  

  • अनंग ताल का राजस्थान से एक मज़बूत संबंध है क्योंकि महाराजा अनंगपाल को पृथ्वीराज चौहान के नाना के रूप में जाना जाता है, जिनका किला राय पिथौरा, एएसआई की सूची में शामिल है।

अनंगपाल द्वितीय :

  • अनंगपाल द्वितीय, जिसे अनंगपाल तोमर के नाम से जाना जाता है, तोमर वंश से संबंधित थे।

  • तोमर राजवंश उत्तरी भारत के प्रारंभिक मध्ययुगीन छोटे राजवंशों में से एक है।

  • वह ढिल्लिका पुरी के संस्थापक थे, जो अंततः दिल्ली के नाम से जाना गया।

  • दिल्ली के प्रारंभिक इतिहास के साक्ष्य कुतुब मीनार से सटी मस्जिद कुव्वत उल इस्लाम के लोहे के स्तंभ पर खुदे हुए हैं।

  • कई शिलालेखों और सिक्कों के अध्ययन से पता चलता है कि अनंगपाल तोमर 8वीं-12वीं शताब्दी के बीच दिल्ली और हरियाणा के शासक थे।

  • उन्होंने भग्नावशेष पर शहर का निर्माण कराया और अपनी देख-रेख में अनंग ताल बावली तथा लाल कोट का निर्माण कराया।



By admin: Aug. 27, 2022

5. अनंग ताल झील को राष्ट्रीय महत्व का स्मारक घोषित किया गया

Tags: National National News


दिल्ली में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के मेहरौली में कुतुबमीनार के पास स्थित अनंग ताल को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने का गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • हजार साल पहले दिल्ली के संस्थापक राजा अनंग पाल तोमर द्वारा मिनी झील का निर्माण कराया गया था, जिसे अनंग ताल के नाम से जाना जाता है।

  • संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण(एएसआइ) को इस ताल के जीर्णोद्धार करने के साथ-साथ इसे राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने के निर्देश जारी किया था।

अनंग ताल :

  • यह झील दिल्ली के महरौली में स्थित है जिसका निर्माण तोमर राजा अनंगपाल द्वितीय द्वारा 1060 ईस्वी में कराया गया था।

  • सहस्राब्दी पुराना अनंग ताल दिल्ली के प्रारंभिक कालखंड का प्रतीक है।  

  • अनंग ताल का राजस्थान से एक मज़बूत संबंध है क्योंकि महाराजा अनंगपाल को पृथ्वीराज चौहान के नाना के रूप में जाना जाता है, जिनका किला राय पिथौरा, एएसआई की सूची में शामिल है।

अनंगपाल द्वितीय :

  • अनंगपाल द्वितीय, जिसे अनंगपाल तोमर के नाम से जाना जाता है, तोमर वंश से संबंधित थे।

  • तोमर राजवंश उत्तरी भारत के प्रारंभिक मध्ययुगीन छोटे राजवंशों में से एक है।

  • वह ढिल्लिका पुरी के संस्थापक थे, जो अंततः दिल्ली के नाम से जाना गया।

  • दिल्ली के प्रारंभिक इतिहास के साक्ष्य कुतुब मीनार से सटी मस्जिद कुव्वत उल इस्लाम के लोहे के स्तंभ पर खुदे हुए हैं।

  • कई शिलालेखों और सिक्कों के अध्ययन से पता चलता है कि अनंगपाल तोमर 8वीं-12वीं शताब्दी के बीच दिल्ली और हरियाणा के शासक थे।

  • उन्होंने भग्नावशेष पर शहर का निर्माण कराया और अपनी देख-रेख में अनंग ताल बावली तथा लाल कोट का निर्माण कराया।



By admin: Aug. 27, 2022

6. पूर्व जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने यूनेस्को शांति पुरस्कार 2022 जीता

Tags: Awards National News


पूर्व जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल को शरणार्थियों का स्वागत करने के उनके प्रयासों के लिए 2022 के यूनेस्को शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।


महत्वपूर्ण तथ्य - 

  • जूरी के अध्यक्ष और 2018 के नोबेल शांति पुरस्कार विजेता डेनिस मुकवेगे सहित सभी जूरी सदस्य 2015 में सीरिया, इराक, अफगानिस्तान और इरिट्रिया से 1.2 मिलियन से अधिक शरणार्थियों का स्वागत करने के मर्केल के साहसी निर्णय से प्रभावित होकर उन्हें इस सम्मान के लिए चुना है।

  • इसके अतिरिक्त, जूरी ने यौन हिंसा की शिकार महिलाओं के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए जूलियन लुसांज़ को एक सम्मानजनक उल्लेख से सम्मानित किया।

एंजेला मर्केल :

  • एंजेला मर्केल का जन्म 17 जुलाई 1954 को हैम्बर्ग, पश्चिम जर्मनी में हुआ था।

  • 2005 के राष्ट्रीय चुनावों में, मर्केल जर्मनी की पहली महिला चांसलर बनीं, और यूरोपीय संघ की प्रमुख हस्तियों में से एक है।

  • 14 मार्च 2014 को वह चौथी और आखिरी बार जर्मनी की चांसलर बनीं थी।

  • राजनीति में आने से पहले, वह शोध वैज्ञानिक के रूप में काम कर रही थीं।

यूनेस्को शांति पुरस्कार के बारे में :

  • आधिकारिक तौर पर इसे फेलिक्स हौफौएट-बोगेन-यूनेस्को शांति पुरस्कार कहा जाता है।

  • सम्मान का नाम आइवरी कोस्ट के पूर्व राष्ट्रपति के नाम पर रखा गया है।

  • यूनेस्को का फेलिक्स हौफौएट-बोगेन शांति पुरस्कार 1989 में जीवित व्यक्तियों और सक्रिय सार्वजनिक या निजी निकायों या संस्थानों को सम्मानित करने के लिए बनाया गया था जिन्होंने शांति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

  • यह पुरस्कार 120 देशों द्वारा समर्थित एक प्रस्ताव द्वारा स्थापित किया गया थाI

अतिरिक्त जानकारी -

यूनेस्को के बारे में :

  • यूनेस्को की स्थापना - 16 नवंबर 1945

  • यूनेस्को मुख्यालय - पेरिस, फ्रांस

  • यूनेस्को के सदस्य - 193 देश

  • यूनेस्को प्रमुख - ऑड्रे अज़ोले

By admin: Aug. 27, 2022

7. सरकार ने बैटरी अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2022 को अधिसूचित किया

Tags: National National News


हाल ही में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय,  भारत सरकार ने अपशिष्ट बैटरियों का पर्यावरणीय रूप से ठोस प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए 24 अगस्त, 2022 को बैटरी अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2022 को प्रकाशित किया हैं।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • नए नियम बैटरी (प्रबंधन एवं संचालन) नियम, 2001 का स्थान लेंगे।

  • इन नियमों की अधिसूचना प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 15 अगस्त, 2021 को स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में की गई घोषणा के कार्यान्वयन की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम है, ताकि सर्कुलर या चक्रीय अर्थव्यवस्था को गंभीरतापूर्वक बढ़ावा दिया जा सके।

  • इन नियमों में सभी तरह की बैटरियों जैसे कि इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी, पोर्टेबल बैटरी, ऑटोमोटिव बैटरी और औद्योगिक बैटरी को कवर किया गया है।

  • ये नियम अपशिष्ट बैटरियों के संग्रह और पुनर्चक्रण/नवीनीकरण में नए उद्योगों और उद्यमिता की स्थापना को प्रोत्साहित करते हैं।

  • इन नियमों से उत्पादकों के दायित्वों को पूरा करने के लिए उत्पादकों और पुनर्चक्रणकर्ताओं/नवीकरणकर्ताओं के बीच ईपीआर प्रमाणपत्रों के आदान-प्रदान के लिए एक केंद्रीकृत ऑनलाइन पोर्टल स्थापित करना संभव हो जाएगा।

  • इन नियमों के तहत अपशिष्‍ट या बेकार बैटरियों से उपयोगी सामग्री को निकालने का न्यूनतम प्रतिशत अनिवार्य कर देने से पुनर्चक्रण एवं नवीकरण उद्योग में नई प्रौद्योगिकियां एवं निवेश आएगा और नए कारोबारी अवसर सृजित होंगे।




By admin: Aug. 27, 2022

8. सरकार ने बैटरी अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2022 को अधिसूचित किया

Tags: National National News


हाल ही में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय,  भारत सरकार ने अपशिष्ट बैटरियों का पर्यावरणीय रूप से ठोस प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए 24 अगस्त, 2022 को बैटरी अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2022 को प्रकाशित किया हैं।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • नए नियम बैटरी (प्रबंधन एवं संचालन) नियम, 2001 का स्थान लेंगे।

  • इन नियमों की अधिसूचना प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 15 अगस्त, 2021 को स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में की गई घोषणा के कार्यान्वयन की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम है, ताकि सर्कुलर या चक्रीय अर्थव्यवस्था को गंभीरतापूर्वक बढ़ावा दिया जा सके।

  • इन नियमों में सभी तरह की बैटरियों जैसे कि इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी, पोर्टेबल बैटरी, ऑटोमोटिव बैटरी और औद्योगिक बैटरी को कवर किया गया है।

  • ये नियम अपशिष्ट बैटरियों के संग्रह और पुनर्चक्रण/नवीनीकरण में नए उद्योगों और उद्यमिता की स्थापना को प्रोत्साहित करते हैं।

  • इन नियमों से उत्पादकों के दायित्वों को पूरा करने के लिए उत्पादकों और पुनर्चक्रणकर्ताओं/नवीकरणकर्ताओं के बीच ईपीआर प्रमाणपत्रों के आदान-प्रदान के लिए एक केंद्रीकृत ऑनलाइन पोर्टल स्थापित करना संभव हो जाएगा।

  • इन नियमों के तहत अपशिष्‍ट या बेकार बैटरियों से उपयोगी सामग्री को निकालने का न्यूनतम प्रतिशत अनिवार्य कर देने से पुनर्चक्रण एवं नवीकरण उद्योग में नई प्रौद्योगिकियां एवं निवेश आएगा और नए कारोबारी अवसर सृजित होंगे।




By admin: Aug. 27, 2022

9. पहली बार, भारत ने यूक्रेन पर प्रक्रियात्मक वोट के दौरान यूएनएससी में रूस के खिलाफ मतदान किया

Tags: International News


भारत ने पहली बार 24 अगस्त को यूक्रेन पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में "प्रक्रियात्मक वोट" के दौरान रूस के खिलाफ मतदान किया।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • यूएनएससी ने यूक्रेन की स्वतंत्रता की 31वीं वर्षगांठ पर छह महीने पुराने रूस यूक्रेन संघर्ष का जायजा लेने के लिए एक बैठक की।

  • वीडियो टेली-कॉन्फ्रेंस द्वारा हुई बैठक में यूक्रेनी राष्ट्रपति की भागीदारी के संबंध में एक प्रक्रियात्मक वोट का अनुरोध किया गया।

  • 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र निकाय ने वीडियो टेली-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से एक बैठक को संबोधित करने के लिए यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की को आमंत्रित किया।

  • फरवरी में रूसी सैन्य कार्रवाई शुरू होने के बाद यह पहली बार है जब भारत ने यूक्रेन के मुद्दे पर रूस के खिलाफ मतदान किया है।

  • संयुक्त राज्य अमेरिका के नेतृत्व वाली पश्चिमी शक्तियों की नाराजगी के कारण अब तक, भारत ने यूक्रेन पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भाग नहीं लिया है।

  • अमेरिका सहित पश्चिमी देशों ने यूक्रेन पर हमले के बाद रूस पर बड़े आर्थिक और अन्य प्रतिबंध लगाए हैं।

  • भारत ने यूक्रेन के खिलाफ उसकी आक्रामकता के लिए रूस की आलोचना नहीं की है।

  • भारत ने बार-बार रूसी और यूक्रेनी पक्षों से कूटनीति और बातचीत के रास्ते पर लौटने का आह्वान किया है। 

  • भारत ने दोनों देशों के बीच संघर्ष को समाप्त करने के लिए सभी राजनयिक प्रयासों के लिए अपना समर्थन भी व्यक्त किया है।

यूएनएससी के बारे में :

  • इसकी स्थापना वर्ष 1945 में संयुक्त राष्ट्र चार्टर द्वारा की गई थी।

  • यह संयुक्त राष्ट्र के छह प्रमुख अंगों में से एक है। 

  • संयुक्त राष्ट्र के अन्य 5 अंग हैं- संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA), ट्रस्टीशिप परिषद, आर्थिक और सामाजिक परिषद, अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय एवं सचिवालय। 

  • इसके पांच स्थायी सदस्य हैं- चीन, फ्रांस, रूस, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका, जिन्हें सामूहिक रूप से P5 के रूप में जाना जाता है।

  • भारत वर्तमान में दो साल के कार्यकाल के लिए UNSC का एक अस्थायी सदस्य है, जो दिसंबर में समाप्त हो जायेगा।

  • उनमें से कोई भी एक संकल्प को वीटो कर सकता है।

  • मुख्यालय - न्यूयॉर्क 


 

By admin: Aug. 27, 2022

10. अर्जेंटीना ने दिखाई मेड इन इंडिया 'तेजस' लड़ाकू विमान में दिलचस्पी

Tags: Defence International News


मेक इन इंडिया के तहत भारत में निर्मित तेजस लड़ाकू विमान खरीदने के लिए अर्जेंटीना ने रुचि दिखाई है।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • विदेश मंत्री एस जयशंकर ने तेजस लड़ाकू विमान में अर्जेंटीना की रुचि को स्वीकार किया और द्विपक्षीय संबंधों के रणनीतिक सहयोग को बढ़ाने के प्रस्ताव के महत्व पर प्रकाश डाला।

  • विदेश मंत्री एस जयशंकर और अर्जेंटीना के विदेश मंत्री सैंटियागो कैफिएरो ने संयुक्त रूप से ब्यूनस आयर्स में संयुक्त आयोग की बैठक की अध्यक्षता की।

  • बैठक के दौरान, दोनों पक्षों ने रक्षा, परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष, फार्मा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, योग, जलवायु परिवर्तन और आर्थिक सहयोग में द्विपक्षीय संबंधों के महत्व को रेखांकित किया।

  • ऑस्ट्रेलिया, मिस्र, संयुक्त राज्य अमेरिका, इंडोनेशिया और फिलीपींस भी तेजस जेट में रुचि रखते हैं।

तेजस लड़ाकू विमान :

  • यह एक 'स्वदेशी हल्का लड़ाकू विमान' है।

  • इसे 'एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए)' और 'हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड' (एचएएल) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है।

  • यह सबसे छोटा-हल्का सिंगल इंजन वाला 'मल्टीरोल टैक्टिकल फाइटर एयरक्राफ्ट' है।

  • इसे रूस के MIG-21 लड़ाकू विमानों पर भारत की निर्भरता को कम करने तथा राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने की ओर बढ़ने के उद्देश्य से तैयार किया गया है।

  • यह हवा-से-हवा, हवा से सतह, हथियारों की एक रेंज को ले जाने के लिये डिज़ाइन किया गया है।

  • यह यात्रा के दौरान आकाश में ईंधन भरने में सक्षम है तथा अधिकतम पेलोड क्षमता 4000 किलो है।

  • यह अधिकतम 1.8 मैक की गति प्राप्त कर सकता है तथा इसकी रेंज 3,000 किमी है।

अतिरिक्त जानकारी -

तेजस के प्रकार :

  1. तेजस ट्रेनर

  2. LCA नेवी

  3. LCA तेजस नेवी MK2

  4. LCA तेजस Mk-1A

अर्जेंटीना :

  • राष्ट्रपति - अल्बर्टो फर्नांडीज

  • राजधानी - ब्यूनस आयर्स

  • मुद्रा - अर्जेंटीना पेसो

  • राजभाषा -स्पेनिश

  • स्थिति - दक्षिण अमेरिका महाद्वीप

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