1. भारत में एनसीएपी (न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम) शुरू करने के लिये सामान्य वैधानिक नियम (GSR) अधिसूचना के मसौदे को मंज़ूरी
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सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने भारत के लिए सुरक्षित कारों को लाने के लिए भारत एनसीएपी (न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम) शुरू करने के लिए GSR अधिसूचना के मसौदे को मंजूरी दी।
एनसीएपी को 1 अप्रैल, 2023 से शुरू किया जाएगा और इसका मतलब होगा कि भारत में ऑटो निर्माताओं के साथ-साथ आयातकों के पास देश के भीतर कारों को स्टार रेटेड प्राप्त करने का विकल्प होगा।
यह प्रोग्राम एक उपभोक्ता-केंद्रित प्लेटफॉर्म के रूप में काम करेगा, और ग्राहकों को स्टार-रेटिंग के आधार पर सुरक्षित कारों का उपयोग करने की अनुमति देगा I
संयुक्त राज्य अमेरिका पहला देश था जिसने क्रैश परीक्षणों के माध्यम से कार के सुरक्षा मानकों के परीक्षण के लिये एक कार्यक्रम शुरू किया था।
भारत NCAP
यह एक नया कार सुरक्षा मूल्यांकन कार्यक्रम है जो दुर्घटना परीक्षणों में उनके प्रदर्शन के आधार पर ऑटोमोबाइल को 'स्टार रेटिंग' देने का एक तंत्र प्रस्तावित करता है।
भारत एनसीएपी मानक वैश्विक बेंचमार्क के साथ संरेखित है और ये न्यूनतम नियामक आवश्यकताओं से परे हैं।
प्रस्तावित भारत NCAP मूल्यांकन 1 से 5 स्टार तक स्टार रेटिंग आवंटित करेगा I ।
इस कार्यक्रम के लिये वाहनों का परीक्षण आवश्यक बुनियादी ढांँचे के साथ परीक्षण एजेंसियों के आधार पर किया जाएगा।
यह देश में निर्मित या आयातित 3.5 टन से कम सकल वन वाले एम1 श्रेणी के अनुमोदित मोटर वाहनों पर लागू होगा।
NCAP का भारत के लिये महत्त्व
1. उपभोक्ताओं को सूचित निर्णय लेने के लिये सशक्त बनाना
2. निर्यात-योग्यता बढ़ाता है
3. ऑटोमोबाइल उद्योग आत्मनिर्भर होंगे
2. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने जिलों के लिए जारी किया प्रदर्शन ग्रेडिंग इंडेक्स
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स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग (DoSE&L), शिक्षा मंत्रालय (MoE) द्वारा जारी परफॉरमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स के अनुसार, राजस्थान के तीन ज़िलों- सीकर, झुंझुनू और जयपुर को वर्ष 2019-20 में 'उत्कर्ष' ग्रेड में रखा गया है I
एक साल पहले कोई भी ज़िला 'उत्कर्ष श्रेणी में नहीं आता था।
राजस्थान में इस ग्रेड में सबसे अधिक 24 ज़िले हैं, इसके बाद पंजाब (14), गुजरात (13), और केरल (13) का स्थान है।
वर्ष 2020 में इस श्रेणी में सबसे कम अंक (50 में से 1) वाले ज़िले में साउथ सलमारा-मांकचर (असम), अलीराजपुर (मध्य प्रदेश), नार्थ गारो हिल्स एंड साउथ गारो हिल्स इन मेघालय, एंड खोवै (त्रिपुरा) है I
बिहार, गोवा, जम्मू-कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नगालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा और उत्तराखंड में एक भी ज़िला अति-उत्तम और उत्तम श्रेणी में नही है I
प्रगति
रिपोर्ट के अनुसार, सभी श्रेणियों में ज़िलों की संख्या में वृद्धि हुई है।
अति उत्तम ग्रेड में 2018-19 से 2019-20 के दौरान ज़िलों की संख्या 49 से बढ़कर 86 हो गई, जो "उल्लेखनीय सुधार" दर्शाती है।
33 ज़िलों ने परिणामों में अपने स्कोर में सुधार किया, लेकिन ग्रेड-स्तर में कोई सुधार नहीं हुआ।
डिजिटल लर्निंग श्रेणी: 2018-19 की तुलना में 20 ज़िलों ने 20% से अधिक सुधार दिखाया है, जबकि 43 ज़िलों ने 2019-20 के दौरान अपने स्कोर में 10% से अधिक सुधार किया है।
अवसंरचनात्मक सुविधाएंँ:478 ज़िलों ने वर्ष 2018-19 की तुलना में वर्ष 2019-20 में अपने स्कोर में सुधार किया।
परफॉरमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स के बारे में
PGI-D व्यापक विश्लेषण के लिये एक इंडेक्स बनाकर ज़िला स्तर पर स्कूली शिक्षा प्रणाली के प्रदर्शन का आकलन करता है।
PGI-D संरचना में 83 संकेतकों में कुल 600 अंक शामिल हैं, जिन्हें छह श्रेणियों के तहत समूहीकृत किया गया है I
इन श्रेणियों को आगे 12 डोमेन में विभाजित किया गया है।
आकलन ग्रेड:
PGI-D ज़िलों को 10 ग्रेड में वर्गीकृत करता है। उच्चतम ग्रेड 'दक्ष (Daksh)' है, जो उस श्रेणी या कुल मिलाकर कुल अंकों के 90% से अधिक अंक प्राप्त करने वाले ज़िलों के लिये है।
इसके बाद 'उत्कर्ष' (81% से 90%), 'अति उत्तम' (71% से 80%), 'उत्तम' (61% से 70%), 'प्रचेष्टा -1' (51% से 60%) और 'प्रचेष्टा-2' (41% से 50%) का स्थान है।
PGI-D में निम्नतम ग्रेड 'आकांक्षी-3' है जो कुल अंकों के 10% तक के स्कोर के लिये है।
3. नीति आयोग ने जारी की "इंडियाज बूमिंग गिग एंड प्लेटफॉर्म इकोनॉमी" पर रिपोर्ट
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हाल ही में नीति आयोग ने 'इंडियाज़ बूमिंग गिग एंड प्लेटफॉर्म इकॉनमीी' शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की।
रिपोर्ट के अनुसार भारतीय गिग कार्यबल के 2029-30 तक 23.5 मिलियन श्रमिकों तक विस्तारित होने की उम्मीद है, जो मौजूदा 7.7 मिलियन से 200% की छलांग है।
रिपोर्ट का अनुमान है कि 2029-2030 तक गिग वर्कर भारत में कुल वर्कफोर्स का 4.1% होगा, जो अभी 1.5% है।
वर्ष 2020-21 में 77 लाख (7.7 मिलियन) कर्मचारी गिग इकॉनमी में संलग्न थे। जो भारत में गैर-कृषि कार्यबल का 2.6% या कुल कार्यबल के 1.5% थे।
रिपोर्ट में उठाए गए प्रमुख मुद्दे
नौकरी और आय असुरक्षा: गिग वर्कर्स को मज़दूरी, घंटे, काम करने की स्थिति और सामूहिक सौदेबाज़ी के अधिकार से संबंधित श्रम नियमों से लाभ नहीं मिलता है।
व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य जोखिम: डिजिटल प्लेटफॉर्म के साथ रोज़गार में लगे श्रमिकों, विशेष रूप से एप-आधारित टैक्सी और वितरण (Delivery) क्षेत्रों में महिला श्रमिकों को विभिन्न व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य जोखिमों का सामना करना पड़ता है।
गिग अर्थव्यवस्था
गिग अर्थव्यवस्था एक मुक्त बाज़ार प्रणाली है जिसमें सामान्य अस्थायी पद होते हैं और संगठन अल्पकालिक जुड़ाव के लिये स्वतंत्र श्रमिकों के साथ अनुबंध करते हैं।
बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत के गिग वर्कफोर्स में सॉफ्टवेयर, साझा और पेशेवर सेवाओं जैसे उद्योगों में 15 मिलियन कर्मचारी कार्यरत हैं।
इंडिया स्टाफिंग फेडरेशन की वर्ष 2019 की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका, चीन, ब्राज़ील और जापान के बाद भारत वैश्विक स्तर पर फ्लेक्सी-स्टाफिंग में पाँचवाँ सबसे बड़ा देश है।
गिग वर्कर: एक व्यक्ति जो काम करता है या कार्य व्यवस्था में भाग लेता है और पारंपरिक नियोक्ता-कर्मचारी संबंधों के बाहर ऐसी गतिविधियों से आय अर्जित करता है"।
भारत के गिग सेक्टर की क्षमता
भारत में अनुमानित 56% नए रोज़गार गिग इकॉनमी कंपनियों द्वारा ब्लू-कॉलर और व्हाइट-कॉलर कार्यबल दोनों में उत्पन्न किये जा रहे हैं।
गिग इकॉनमी भारत में गैर-कृषि क्षेत्रों में 90 मिलियन नौकरियाँ उपलब्ध करा सकती है, जिसमें "दीर्घावधि" में सकल घरेलू उत्पाद में और 1.25% की वृद्धि होने की संभावना है।
4. भारत व ब्रिटेन संयुक्त राष्ट्रमंडल राजनयिक अकादमी कार्यक्रम शुरु करेंगे
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हाल ही में ब्रिटेन और भारत के विदेश मंत्रियों द्वारा एक संयुक्त भारत-ब्रिटेन राष्ट्रमंडल राजनयिक अकादमी कार्यक्रम की घोषणा की गई I
इसका उद्देश्य सभी राष्ट्रमंडल सदस्य देशों के राजनयिकों को वैश्विक प्रभाव वाली उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए आवश्यक विशेषज्ञता और कौशल से लैस करना है।
यह अकादमी कार्यक्रम नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा।
24 से 25 जून तक पूर्वी अफ्रीका के रवांडा में आयोजित 26वीं राष्ट्रमंडल शासनाध्यक्षों की बैठक (CHOGM) के दौरान इसकी घोषणा की गई थी।
यह अकादमी राष्ट्रमंडल के मूल्यों को संयुक्त रूप से बढ़ावा देने के लिए होगी।
यूनाइटेड किंगडम या ब्रिटेन के बारे में -
यूनाइटेड किंगडम एक संवैधानिक राजशाही और एकात्मक राज्य है जिसमें चार देश शामिल हैं: इंग्लैंड, उत्तरी आयरलैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स
यह एक संसदीय प्रणाली द्वारा संचालित है जिसकी राजधानी लंदन में सरकार बैठती है I
यह दुनिया का पहला औद्योगिक देश था I
यूनाइटेड किंगडम वर्तमान दुनिया के तीन देशों में से एक है जिनमें सुव्यवस्थित संविधान नहीं है I
बाजार विनिमय दर के आधार पर यूनाइटेड किंगडम आज दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और जर्मनी और फ्रांस के बाद यूरोप में तीसरी है I
महारानी- एलिजाबेथ द्वितीय
प्रधानमन्त्री - बोरिस जॉनसन
मुद्रा - पाउण्ड स्टर्लिंग
5. G7 ने 600 बिलियन डालर के वैश्विक बुनियादी ढांचा कार्यक्रमों की घोषणा की
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G7 समूह ने गरीब देशों के लिए 600 बिलियन अमरीकी डालर के वैश्विक बुनियादी ढांचा कार्यक्रमों की घोषणा की है।
कार्यक्रम के तहत अमेरिकी सरकार और उसके सहयोगी वर्ष 2022 और 2027 के दौरान, 600 बिलियन अमरीकी डालर के आंकड़े को छूने का प्रयास करेंगे।
इस कदम का उद्देश्य चीन की बेल्ट एंड रोड पहल के साथ प्रतिस्पर्धा करना है।
चीनी सरकार द्वारा संचालित बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के विपरीत, प्रस्तावित G7 फंडिंग काफी हद तक निजी कंपनियों पर निर्भर करेगी।
इस साझेदारी का अनावरण अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाईडेन और जर्मनी, कनाडा, जापान, इटली और यूरोपीय संघ के G7 सहयोगियों द्वारा किया गया है।
बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI)
बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव को औपचारिक रूप से वन बेल्ट वन रोड पहल के रूप में जाना जाता है।
यह एक वैश्विक बुनियादी ढांचा विकास रणनीति है, जिसे चीन द्वारा 2013 में शुरू किया गया था।
इसके तहत, चीन ने लगभग 70 देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में निवेश करने की योजना बनाई थी ।
यह परियोजना चीनी नेता शी जिनपिंग की विदेश नीति का केंद्रबिंदु है।
मार्च 2022 तक, 146 देशों ने बीआरआई पर हस्ताक्षर किए हैं।\
एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए ऋण प्रदान करने के लिए समर्पित है।
G7 के बारे में
G7 या सात का समूह सात सबसे उन्नत अर्थव्यवस्थाओं का एक समूह है।
सात देश कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, जापान और इटली हैं।
इसका गठन 1975 में किया गया था।
वैश्विक आर्थिक शासन, अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा और ऊर्जा नीति जैसे सामान्य हित के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए G7 देशों की सालाना बैठक होती है।
सभी G7 देश और भारत G20 का हिस्सा हैं।
G7 का कोई निश्चित मुख्यालय नहीं है।
6. नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सबस्टेंस को वित्त मंत्रालय से गृह मंत्रालय में स्थानांतरित करने का विचार
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भारत सरकार नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985, और प्रिवेंसन ऑफ़ एलिसिट ट्रैफिक इन नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1988 के प्रशासन को वित्त मंत्रालय से गृह मंत्रालय में स्थानांतरित करने पर विचार कर रही है।
नशीले पदार्थों से संबंधित सभी मामलों को एक विभाग के तहत लाने के लिए ये क़दम उठाया जा रहा है।
नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सबस्टेंस (NDPS) ACT 1985 और नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक पदार्थ ACT 1988 ये दोनों वर्तमान में वित्त मंत्रालय में राजस्व विभाग (डीओआर) द्वारा संचालित किया जाता है I
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो गृह मंत्रालय के अधीन है, और इसका नियंत्रण गृहमंत्रालय द्वारा किया जाता है।
एनडीपीएस अधिनियम की शर्तों के तहत, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो एक प्रमुख क़ानून प्रवर्तन और खुफिया संगठन है जिसे अवैध पदार्थों के उपयोग और तस्करी को रोकने की ज़िम्मेदारी सौंपी गयी है।
नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट 1985
NDPS का अधिनियमन वर्ष 1985 में मादक औषधि नीति संबंधी संयुक्त राष्ट्र के अभिसमय को पूरा करने के लिये किया गया था।
इस अधिनियम में नशीले पदार्थों के अवैध व्यापार से अर्जित संपत्ति को ज़ब्त करने तथा रसायनों व औषधियों के विनिर्माण में प्रयोग होने वाले पदार्थों पर नियंत्रण हेतु 1989 में कुछ महत्त्वपूर्ण संशोधन किये गए थे।
वर्ष 2001 में NDPS अधिनियम के सज़ा संबंधी प्रावधानों में संशोधन किया गया।
7. रेलवे लॉजिस्टिक्स परियोजना के लिए विश्व बैंक ने 245 मिलियन डालर के ऋण को मंज़ूरी दी
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विश्व बैंक ने रेलवे लॉजिस्टिक्स परियोजना को समर्थन देने के लिए 245 मिलियन अमरीकी डालर के ऋण को मंजूरी दी है।
यह ऋण रेल माल ढुलाई और रसद बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण के भारत के प्रयासों का समर्थन करेगा।
रेलवे समय के साथ ट्रकों से बाजार हिस्सेदारी खो रहा है। 2017-18 में बाजार हिस्सेदारी 32 फीसदी थी, जबकि एक दशक पहले यह 52 फीसदी थी।
रेलवे लॉजिस्टिक्स परियोजना
रेलवे लॉजिस्टिक्स परियोजना भारत को सड़क से रेल की ओर अधिक यातायात स्थानांतरित करने में मदद करेगी।
यह माल ढुलाई और यात्री परिवहन को और अधिक कुशल बना देगा।
यह हर साल लाखों टन ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन (GHG) को भी कम करेगा।
यह परियोजना ग्राहक-उन्मुख दृष्टिकोण विकसित करके और निजी क्षेत्र को शामिल करके वाणिज्यिक वित्तपोषण के दोहन पर भी ध्यान केंद्रित करेगी।
यह डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (DFCCIL) की संस्थागत क्षमता को मजबूत करने में सहायता करेगा।
रेलवे के माध्यम से माल परिवहन
भारतीय रेलवे दुनिया भर में चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है।
इसने वित्त वर्ष 2019-2020 में 1.2 अरब टन माल ढुलाई की है।
भारत के 71 प्रतिशत माल का परिवहन सड़क के माध्यम से किया जाता है, जबकि 17 प्रतिशत का परिवहन रेल द्वारा किया जाता है।
वर्ल्ड बैंक के बारे में -
अन्तरराष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक और अन्तरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की स्थापना एक साथ वर्ष 1944 में अमेरिका के न्यू हैम्पशायर में ब्रेटन वुड्स सम्मेलन के दौरान हुई थी I
अन्तरराष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक को ही विश्व बैंक कहा जाता है।
वर्तमान में विश्व बैंक में 189 देश सदस्य हैं।
इसका मुख्यालय अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन DC में है।
अध्यक्ष– डेविड मलपास
सीईओ- अंशुला कांत
8. आईसीआईसीआई बैंक ने उच्च शिक्षा के लिए पेश किया ‘कैंपस पावर’ डिजिटल प्लेटफॉर्म
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आईसीआईसीआई बैंक ने भारत और विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक छात्रों की सहायता के लिए "कैंपस पावर " नामक एक डिजिटल प्लेटफॉर्म का अनावरण किया।
यह डिजिटल प्लेटफॉर्म स्टूडेंट्स के साथ-साथ उनके पैरेंट्स और अलग-अलग कॉलेज और यूनिवर्सिटी की जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा I
इस प्लेटफॉर्म से विदेश में पढ़ाई कर रहे बच्चों को पैसे ट्रांसफर करने के साथ-साथ एजुकेशन लोन , विदेशी करेंसी एक्सचेंज, क्रेडिट और डेबिट कार्ड की सुविधा आदि कई तरह का फैसिलिटी का लाभ मिलेगा I
कैंपस पावर प्लेटफॉर्म भारत के अलावा कनाडा, ब्रिटेन, जर्मनी, अमेरिका में हायर एजुकेशन से संबंधित कई वैल्यू एडेड सेवाओं के बारे में जानकारी प्रदान करता है I
इस प्लेटफॉर्म के जरिए छात्र हायर एजुकेशन के लिए अमेरिका, कनाडा, जर्मनी, ब्रिटेन आदि जैसे कई देशों के कॉलेज और यूनिवर्सिटी की जानकारी प्राप्त कर पाएंगे I
यह बच्चों को कॉलेज में एडमिशन के तरीके, फीस, जाने आने के खर्चे आदि सभी जानकारी देगा I
आईसीआईसीआई बैंक के इस कैंपस पावर प्लेटफॉर्म का लाभ ICICI बैंक के ग्राहकों के अलावा दूसरे बैंक के ग्राहकों को भी मिलेगा I
आईसीआईसीआई बैंक के बारे में -
आईसीआईसीआई बैंक भारत की प्रमुख बैंकिंग एवं वित्तीय सेवा संस्थान है।
इसका पूरा नाम इंडस्ट्रियल क्रेडिट ऐण्ड इन्वेस्टमेन्ट कार्पोरेशन ऑफ इण्डिया है।
यह भारत का तीसरा सबसे बड़ा बैंक है। बाजार कैपिटलाइजेशन की दृष्टि से भारत के निजी क्षेत्र का यह सबसे बड़ा बैंक है।
स्थापना- 5 जनवरी 1994
एमडी और सीईओ- संदीप बख्शी
9. "ग्लोबल लिवेबिलिटी इंडेक्स" 2022
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द इकोनॉमिस्ट पत्रिका द्वारा जारी वार्षिक वैश्विक लिवेबिलिटी सूचकांक में ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना को दुनिया के सबसे रहने योग्य शहर के रूप में पहला स्थान दिया गया है।
इस सूचकांक में दुनिया के 140 शहरों का आकलन किया गया है I
इस सूची में शहरों की रैकिंग राजनीतिक और सामाजिक स्थिरता, अपराध, शिक्षा व स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच समेत कई कारकों के आधार पर की गई है।
दक्षिण एशियाई 6 शहरों में दिल्ली (112) शीर्ष पर रहा और उसके बाद मुंबई (117) को रखा गया है।
पाकिस्तान की वित्तीय राजधानी कराची व बांग्लादेश की राजधानी ढाका को दुनिया में सबसे कम रहने लायक शहरों में रखा गया।
चीनी राजधानी बीजिंग 71वें नंबर पर है I
सीरिया की राजधानी दमिश्क को सूची में सबसे नीचे स्थान दिया गया है।
शीर्ष 10 शहर -
1. वियना (ऑस्ट्रिया)
2. कोपेनहेगन (डेनमार्क)
3. कैलगरी (कनाडा)
4. ज्यूरिख (स्विट्जरलैंड)
5. वैंकुवर (कनाडा)
6. जेनेवा (स्विट्जरलैंड)
7. फ्रैंकफर्ट (जर्मनी)
8. टोरंटो (कनाडा)
9. एम्सटर्डम (नीदरलैंड्स)
10. ओसाका (जापान)
10. गरुड़ एयरोस्पेस मलेशिया में अपना पहला एयरोस्पेस प्लांट स्थापित करेगा
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ड्रोन स्टार्टअप गरुड़ एयरोस्पेस ने मलेशिया में अपना पहला एयरोस्पेस प्लांट स्थापित करने के लिए हिल्से ग्लोबल (हिल्से ड्रोन) के साथ समझौता किया है।
इस प्लांट का नाम हिल्से गरुड़ एयरोस्पेस होगा और इसे 2.42 हेक्टेयर में बनाया जाएगा।
इसके लिए गरुड़ एयरोस्पेस 115 करोड़ रुपये निवेश करेगा ।
मलेशिया में लगभग 50 ड्रोन की दैनिक उत्पादन क्षमता के साथ एक ड्रोन निर्माण संयंत्र स्थापित करने का निर्णय लिया गया है।
यह गठबंधन अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग टेक्नोलॉजी के साथ ड्रोन इकोसिस्टम स्थापित करेगा।
गरुड़ एयरोस्पेस के बारे में -
गरुड़ एरोस्पेस एक ड्रोन–एज–ए–सर्विस स्टार्ट–अप है।
यह 30 विभिन्न प्रकार के ड्रोन का डिजाइन और निर्माण करता है।
स्थापना - 2015
मुख्यालय - चेन्नई
संस्थापक और सीईओ - अग्निश्वर जयप्रकाश
ब्रांड एम्बैसडर - महेंद्र सिंह धोनी