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By admin: Sept. 27, 2022

1. राष्ट्रपति मुर्मू ने आईसीएमआर-राष्ट्रीय विषाणु विज्ञानं संस्था, साउथ जोन, बेंगलुरु के लिए आधारशिला का अनावरण किया

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 27 सितंबर 2022 को केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ भारती प्रवीण पवार की उपस्थिति में वर्चुअल मोड में बेंगलुरु में आईसीएमआर-राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) पुणे, की दक्षिण क्षेत्र  के कैंपस  केआधारशिला का अनावरण किया।

राष्ट्रीय विषाणु  विज्ञानं  संस्था के क्षेत्रीय कैंपस की स्थापना केंद्र सरकार के प्रधानमंत्रीआयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन  का हिस्सा है।

प्रधानमंत्रीआयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-अभिम)

  • प्रधानमंत्रीआयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन को  ,25 अक्टूबर 2021 को वाराणसी, उत्तर प्रदेश में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू  किया गया था।
  • योजना पर कुल परिव्यय 64,180 करोड़ रुपये है और योजना की अवधि 2021-22 से 25-26 तक है।
  • प्रधान मंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन देश भर में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए सबसे बड़ी अखिल भारतीय योजनाओं में से एक है।
  • इसका उद्देश्य सार्वजनिक स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे, विशेष रूप से महत्वपूर्ण देखभाल सुविधाओं और शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में प्राथमिक देखभाल में अंतराल को भरना है।
  • यह 10 उच्च फोकस वाले राज्यों में 17,788 ग्रामीण स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों के लिए सहायता प्रदान करेगा।
  • इसके अलावा, सभी राज्यों में 11,024 शहरी स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
  • इस योजना के तहत, एक स्वास्थ्य के लिए एक राष्ट्रीय संस्थान((नागपुर में स्थापित)), वायरोलॉजी के लिए चार नए क्षेत्रीय राष्ट्रीय संस्थान, डब्ल्यूएचओ दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र के लिए एक क्षेत्रीय अनुसंधान मंच, नौ जैव सुरक्षा स्तर- III प्रयोगशालाएं, रोग नियंत्रण के लिए पांच नए क्षेत्रीय राष्ट्रीय केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
  • एशिया में पहली बार, व्यापक चिकित्सा सुविधाओं वाले कंटेनर-आधारित दो अस्पताल हर समय तैयार रखे जाएंगे, जिन्हें देश में किसी भी आपदा याविपदा के समय स्थिति से निपटने के लिए रेल या हवाई मार्ग के जरिए तेजी से इस्तेमाल में लाया जा सकता है।

राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी)

  • राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के प्रमुख संस्थानों में से एक है।
  • यह पुणे, महाराष्ट्र राज्य में 1952 में आईसीएमआर और रॉकफेलर फाउंडेशन अमेरिका  के तत्वावधान में विषाणु (वायरस) अनुसंधान केंद्र  के रूप में स्थापित किया गया था।
  • अब यह पूरी तरह से आईसीएमआर द्वारा वित्त पोषित है।
  • एनआईवी हेपेटाइटिस और इन्फ्लुएंजा के लिए राष्ट्रीय केंद्र भी है।
  • एनआईवी को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की सहयोगी प्रयोगशालाओं में से एक के रूप में नामित किया गया है।
  • अध्यक्ष: डॉ प्रिया अब्राहम

फुल फॉर्म

एनआईवी/NIV: नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी

आईसीएमआर/ICMR: इंडियन कौंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च

पीएम-अभिम/PM-ABHIM :  प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन

By admin: Sept. 27, 2022

2. रोहिणी RH-200 रॉकेट

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) रोहिणी RH -200 साउंडिंग रॉकेट के लगातार 200वें सफल प्रक्षेपण की योजना बना रहा है।

रोहिणी RH-200 रॉकेट के बारे में 

  • RH-200 दो चरणों वाला रॉकेट है जो 70 किमी की ऊंचाई तक चढ़ने में सक्षम है।

  • RH-200 का पहला और दूसरा चरण सॉलिड मोटर्स द्वारा संचालित होता है।

  • नाम में '200' मिमी में रॉकेट के व्यास को दर्शाता है।

  • अन्य रोहिणी वेरिएंट - RH-300 Mk-II और RH-560 Mk-III।

  • वर्षों से, RH-200 रॉकेट ने पॉलीविनाइल क्लोराइड (PVC) आधारित प्रणोदक का उपयोग किया जाता था।

  • हाइड्रॉक्सिल-टर्मिनेटेड पॉलीब्यूटाडाइन (HTPB) पर आधारित एक नए प्रणोदक का उपयोग करने वाला पहला RH-200 सितंबर 2020 में TERLS से सफलतापूर्वक उड़ाया गया था।

  • RH200 रॉकेट की स्थापना के बाद से, दोनों ठोस चरणों को पॉलीविनाइल क्लोराइड (PVC) आधारित प्रणोदक का उपयोग करके संसाधित किया जाता है।

साउंडिंग रॉकेट के बारे में 

  • यह एक या दो चरण के ठोस प्रणोदक रॉकेट हैं जिनका उपयोग ऊपरी वायुमंडलीय क्षेत्रों की जाँच और अंतरिक्ष अनुसंधान के लिये किया जाता है।

  • रॉकेट का उपयोग पृथ्वी की सतह से 48 से 145 किमी ऊपर उपकरणों को लॉन्च करने के लिए किया जाता है।

  • थुंबा से प्रक्षेपित किया जाने वाला पहला साउंडिंग रॉकेट अमेरिकन नाइके-अपाचे था जिसे 21 नवंबर, 1963 को लांच किया गया था।

  • इसरो ने 1967 में अपना स्वयं का संस्करण रोहिणी आरएच-75 लॉन्च किया।

  • इसरो अब तक 1,600 से अधिक RH-200 रॉकेट लॉन्च कर चुका है।

By admin: Sept. 27, 2022

3. राष्ट्रपति ने बेंगलुरु में ₹208 करोड़ के रॉकेट इंजन निर्माण सुविधा का उद्घाटन किया

Tags: Defence Science and Technology National News


राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 27 सितंबर को बेंगलुरु में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) की एकीकृत क्रायोजेनिक इंजन निर्माण सुविधा का उद्घाटन किया।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • यह सुविधा हाई-थ्रस्ट रॉकेट इंजन के निर्माण में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगी और इसरो के रॉकेट इंजन निर्माण  की इच्छा को पूरा करेगी।

  • इसका निर्माण 4,500 वर्ग मीटर के क्षेत्र में किया गया है और भारतीय रॉकेटों के लिए क्रायोजेनिक (CE20) और सेमी-क्रायोजेनिक (SE2000) इंजन के उत्पादन के लिए 70 से अधिक उच्च तकनीक वाले उपकरण और परीक्षण सुविधाएं हैं।

  • यह सुविधा (आईसीएमएफ) इसरो के लिए एक ही छत के नीचे संपूर्ण रॉकेट इंजन निर्माण को पूरा करेगी।

  • एचएएल के एयरोस्पेस डिवीजन में क्रायोजेनिक इंजन मॉड्यूल के उत्पादन की सुविधा की स्थापना के लिए 2013 में इसरो के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे।

  • बाद में इसे 2016 में 208 करोड़ रुपये के निवेश के साथ ICEMF की स्थापना के लिए संशोधित किया गया था।

  • इसे बाद में 2016 में अद्यतन किया गया ताकि ₹208 करोड़ के निवेश के साथ आईसीएमएफ की स्थापना की अनुमति मिल सके।

  • एचएएल ने कहा है कि वह मार्च 2023 तक मॉड्यूल का उत्पादन शुरू कर देगा।

एचएएल एयरोस्पेस डिवीजन द्वारा निर्मित

  • ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV), 

  • भूतुल्यकालिक उपग्रह प्रक्षेपण यान (GSLV MK-II), 

  • भूतुल्यकालिक उपग्रह प्रक्षेपण यान (GSLV Mk-III),  

  • GSLV Mk-II के लिए चरण एकीकरण

क्रायोजेनिक इंजन

  • क्रायोजेनिक इंजन दुनिया भर में लॉन्च वाहनों में सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाले इंजन हैं।

  • केवल फ्रांस, चीन, जापान, रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका ने क्रायोजेनिक इंजन की जटिलता के कारण क्रायोजेनिक तकनीक में महारत हासिल की है।

  • भारत 2014 में क्रायोजेनिक इंजन विकसित करने वाला छठा देश बन गया, जब GSLV-D5 को क्रायोजेनिक इंजन का उपयोग करके सफलतापूर्वक उड़ाया गया था।

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल)

  • इसे 1940 में बैंगलोर (अब बेंगलुरु), कर्नाटक में वालचंद हीराचंद द्वारा हिंदुस्तान एयरक्राफ्ट लिमिटेड के रूप में स्थापित किया गया था।

  • इसे भारत सरकार ने अपने कब्जे में ले लिया और एरोनॉटिक्स इंडिया लिमिटेड में विलय कर दिया और 1 अक्टूबर 1964 को इसका नाम बदलकर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड कर दिया गया।

  • इसका मुख्य व्यवसाय विमान, हेलीकॉप्टर, इंजन और संबंधित सिस्टम जैसे एवियोनिक्स, इंस्ट्रूमेंट्स और एक्सेसरीज का डिजाइन, विकास, निर्माण, मरम्मत और ओवरहाल करना है।

  • यह रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आता है।

  • मुख्यालय: बेंगलुरु

By admin: Sept. 26, 2022

4. केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह 27 सितंबर को 'जलदूत ऐप' लॉन्च करेंगे

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केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह 27 सितंबर 2022 को नई दिल्ली में मंत्रालय के द्वारा विकसित 'जलदूत ऐप' को लॉन्च करेंगे।

जलदूत ऐप ग्राम रोजगार सहायक (जीआरएस) को वर्ष में दो बार (मॉनसून पूर्व और मॉनसून के बाद) चयनित कुओं के जल स्तर को मापने में सक्षम बनाएगा। प्रत्येक गाँव में पर्याप्त संख्या में माप स्थानों (2-3) का चयन करने की आवश्यकता होगी। जो उस गांव में भूजल स्तर के प्रतिनिधि होंगे।

यह ऐप पंचायतों को मजबूत डेटा के साथ सहायता प्रदान करेगा, जिसका उपयोग आगे कार्यों की बेहतर योजना के लिए किया जा सकता है। भूजल डेटा का उपयोग ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) और महात्मा गांधी नरेगा योजना अभ्यास के हिस्से के रूप में किया जा सकता है।

भूजल स्तर में कमी

विभिन्न उपयोगों के लिए ताजे पानी की बढ़ती मांग, वर्षा की अनिश्चितता, जनसंख्या में वृद्धि, औद्योगीकरण और शहरीकरण आदि जैसे कारणों से निरंतर निकासी के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में भूजल स्तर में गिरावट आ रही है।

केंद्रीय भूजल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी) द्वारा राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के सहयोग से किए गए गतिशील भूजल संसाधन (2017) के आकलन के अनुसार, देश में  17 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के कुल  6,881 मूल्यांकन इकाइयों (ब्लॉक/तालुका/मंडल/वाटरशेड/फिरका) में से 1,186 इकाइयों को 'अति-शोषित' के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जहां 'वार्षिक भूजल निष्कर्षण' 'वार्षिक निकालने योग्य भूजल संसाधन' से अधिक है।

भूजल के कायाकल्प के लिए सरकारी योजना

भारत में जल राज्य का विषय है। हालाँकि केंद्र सरकार ने भारत में भूजल को रिचार्ज करने के लिए कुछ योजना शुरू की है।

अटल भुजल योजना

भारत सरकार ने  भूजल संसाधनों के सतत प्रबंधन के लिए विश्व बैंक की सहायता से 6000 करोड़ की केंद्रीय क्षेत्र की योजना, अटल भुजल योजना  की शुरुआत की है। यह सात राज्यों ;हरियाणा, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश  में 8562 जल संकटग्रस्त ग्राम पंचायतों (जीपी) में सामुदायिक भागीदारी के साथ भूजल संसाधनों के सतत प्रबंधन के लिए कम करेगा ।

यह  योजना 1 अप्रैल 2020 में शुरू किया गया था और यह 5 साल की अवधि के लिए है।

जल शक्ति अभियान

भारत सरकार ने  2019 में  ,देश के 256 जल संकटग्रस्त जिलों में  जल शक्ति अभियान शुरू किया, जो इन क्षेत्रों में भूजल की स्थिति सहित पानी की उपलब्धता में सुधार के लिए काम  करेगा ।

इसके अलावा, भारत के राष्ट्रपति द्वारा वर्ष 2022 के लिए "जल शक्ति अभियान: कैच द रेन" अभियान शुरू किया है।यह  अभियान ,30 नवंबर 2022 तक जारी रहेगा। इस अभियान में  पुनर्भरण संरचनाओं के निर्माण, पारंपरिक जल निकायों के कायाकल्प, गहन वनीकरण आदि पर विशेष जोर दिया है।

By admin: Sept. 24, 2022

5. केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय स्वच्छ वायु सर्वेक्षण शुरू करेगा

Tags: Science and Technology


केंद्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन ने घोषणा की है की वह स्वच्छ वायु सर्वेक्षण शुरू करने जा रहा है जो 2025-26 तक वायु प्रदूषण को 40% तक कम करने के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के हिस्से के रूप में तैयार की गई सिटी एक्शन योजनाओं को लागू करने के लिए देश के 131 शहरों को रैंक करेगा।

केंद्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन द्वारा आयोजित 23-24 सितंबर, 2022 को एकता नगर, गुजरात में आयोजित पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रियों के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान यह घोषित किया गया ।

स्वच्छ वायु सर्वेक्षण के लिए शहरों का वर्गीकरण

मंत्रालय के अनुसार 131 शहरों को जनसंख्या के आधार पर तीन समूहों में बांटा जाएगा।

  • पहले समूह में 47 शहर हैं, जिनकी आबादी 10 लाख से अधिक है।
  • दूसरे समूह में 44 शहर हैं, जिनकी आबादी 3 से 10 लाख के बीच है।
  • तीसरे समूह में 3 लाख से कम आबादी वाले 40 शहर हैं।

शहरों का मूल्यांकन कैसे होगा

प्राण’ ऑनलाइन पोर्टल पर दिए गए फ्रेमवर्क के अनुसार शहरों को स्व-मूल्यांकन करना आवश्यक है। यह आकलन वार्षिक तौर पर किया जाता है। शहरों को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, सड़क धूल प्रबंधन, निर्माण और विध्वंस कचरे के प्रबंधन, वाहनों के उत्सर्जन पर नियंत्रण और औद्योगिक प्रदूषण के संबंध में लागू की गई गतिविधियों तथा उपायों की रिपोर्ट देनी होती है।

स्वच्छ वायु सर्वेक्षण का उद्देश्य

स्वच्छ वायु सर्वेक्षण का उद्देश्य प्रतिस्पर्धी संघवाद की भावना के तहत राज्यों के बीच रचनात्मक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना और वायु गुणवत्ता में सुधार के उपाय करना है।

यह सर्वेक्षण शहरों को वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए अपने कार्यों की योजना बनाने के लिए एक उपकरण प्रदान करता है।

प्रत्येक समूह में 3 सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों को केंद्रीय मंत्रालय द्वारा नकद पुरस्कार दिया जाएगा।


By admin: Sept. 24, 2022

6. डॉ राजीव बहल को आईसीएमआर का महानिदेशक नियुक्त किया गया

Tags: Science and Technology Person in news


डॉ राजीव बहल को 23 सितंबर को तीन साल की अवधि के लिए स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR)-सह-सचिव के नए महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • बहल वर्तमान में जिनेवा में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) में मातृ, नवजात शिशु पर शोध प्रमुख एवं किशोर स्वास्थ्य सह-नवजात इकाई के प्रमुख हैं।

  • बहल से पूर्व डॉ. बलराम भार्गव का आईसीएमआर के महानिदेशक और स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के सचिव के रूप में विस्तारित कार्यकाल जुलाई में समाप्त हो गया।

  • भार्गव को इस पद पर 16 अप्रैल 2018 को चार साल की अवधि के लिए नियुक्त किया गया था।

आईसीएमआर :

  • ICMR, नई दिल्ली, संचारी और गैर-संचारी रोगों और बुनियादी चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में आंतरिक और बाहरी अनुसंधान गतिविधियों को बढ़ावा देता है और समर्थन करता है।

  • इसके 27 संस्थान हैं जो भारत के विभिन्न हिस्सों में स्थित हैं।

By admin: Sept. 23, 2022

7. जितेंद्र सिंह ने "मिशन इंटीग्रेटेड बायोरिफाइनरीज का इनोवेशन रोडमैप" लॉन्च करने की घोषणा की

Tags: Government Schemes Science and Technology


केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने  ब्राजील, कनाडा, ईसी और यूनाइटेड किंगडम से मिले नतीजों और निष्कर्षों के आधार पर विकसित “इनोवेशन रोड-मैप ऑफ दी मिशन इंटीग्रेटेट बायो-रीफायनरीज़” (मिशन आधारित जैव-परिशोधन की नवोन्मेषी रूपरेखा) की शुरूआत की घोषणा की।

वह संयुक्त राज्य अमेरिका में पेंसिल्वेनिया के पिट्सबर्ग में ग्लोबल क्लीन एनर्जी एक्शन फोरम में "सस्टेनेबल बायोएनेर्जी एंड बायो-रिफाइनरीज" पर पहले गोलमेज सम्मेलन में बोल रहे थे।

ग्लोबल क्लीन एनर्जी एक्शन फोरम के तहत 7वां मिशन इनोवेशन और 13वां क्लीन एनर्जी मिनिस्ट्रियल-2022 संयुक्त रूप से 21-23 सितंबर 2022 तक आयोजित किया जा रहा है।


महत्वपूर्ण तथ्य - 

बायोरिफाइनरी को आगे बढ़ाने में भारत का प्रयास :

  • बायोरिफाइनरी एक ऐसी सुविधा है जो बायोमास से ईंधन, बिजली और मूल्य वर्धित रसायनों का उत्पादन करने के लिए बायोमास रूपांतरण प्रक्रियाओं और उपकरणों को एकीकृत करती है। बायोमास अक्षय कार्बनिक पदार्थ है, जो पौधों और जानवरों से आता है।
  • डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि, एकीकृत एनजाइम उत्पादन युक्त 10 टन/प्रति दिन क्षमता वाले संयंत्र को प्रायोगिक तौर पर हरियाणा के पानीपत में स्थापित किया जा रहा है, जो दिसंबर 2022 तक काम करना चालू कर देगा। उन्होंने कहा कि यह मौके पर एनजाइम उत्पादन की पहली स्वदेशी प्रौद्योगिकी है।
  • डॉ. सिंह ने कहा कि इंडियन ऑयल कारपोरेशन ने स्वदेशी एनजाइम की आपूर्ति को 100 किलोलीटर प्रति दिन का उत्पादन करने वाले वाणिज्यिक 2जी एथेनॉल संयंत्र को आपूर्ति करने की योजना बनाई है। आशा की जाती है कि, यह संयंत्र 2024 की दूसरी तिमाही में चालू हो जायेगा।
  • उन्होंने कहा कि भारत ने 5 बायोएनेर्जी केंद्र स्थापित किए हैं, जहां एक अंतःविषय टीम आधुनिक जैव प्रौद्योगिकी उपकरणों का उपयोग करके उन्नत टिकाऊ जैव ईंधन पर काम कर रही है।

By admin: Sept. 23, 2022

8. 2023 ब्रेकथ्रू प्राइज विजेताओं की घोषणा

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22 सितंबर को ब्रेकथ्रू पुरस्कार जिसे ऑस्कर ऑफ साइंस कहा जाता है, के वर्ष 2023 के विजेताओं की घोषणा की गई जो कुल $15 मिलियन से अधिक का पुरस्कार है।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • इस वर्ष लाइफ साइंस वर्ग में तीन पुरस्कार दिए गए जबकि, गणित और भौतिकी के लिए एक-एक पुरस्कार दिए गए।

  • इन पुरस्कारों की स्थापना सर्गेई ब्रिन, प्रिसिला चान और मार्क जुकरबर्ग, यूरी और जूलिया मिलनर और ऐनी वोज्स्की ने की थी।

  • सैद्धांतिक कंप्यूटर विज्ञान और गणित में कई खोजों के लिए येल विश्वविद्यालय के डैनियल स्पीलमैन को गणित में ब्रेकथ्रू पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

  • क्लिफोर्ड ब्रैंगविन और एंथोनी हाइमन (ब्रिटिश वैज्ञानिक) ने सेलुलर आर्गेनाईजेशन के एक नए तंत्र की खोज के लिए लाइफ साइंस पुरस्कार जीता।

  • अन्य जीवन विज्ञान पुरस्कार डेमिस हसाबिस (ब्रिटिश वैज्ञानिक) और जॉन जम्पर (अमेरीका) को अल्फाफोल्ड विकसित करने के लिए दिए गए, जो प्रोटीन की संरचना की भविष्यवाणी करता है, और नार्कोलेप्सी के कारणों की खोज के लिए इमैनुएल मिग्नॉट (फ्रांस) और मसाशी यानागिसावा (अमेरीका) को भी इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

अतिरिक्त जानकारी -

ब्रेकथ्रू प्राइज के बारे में :

  • ब्रेकथ्रू पुरस्कार, सिलिकॉन वैली उद्यमियों के एक समूह द्वारा 2010 में शुरू किया गया था।

  • इन पुरस्कारों की स्थापना सर्गेई ब्रिन, प्रिसिला चान और मार्क जुकरबर्ग, यूरी और जूलिया मिलनर और ऐनी वोज्स्की ने की थी।

  • ये पुरस्कार विज्ञान में सबसे समृद्ध रूप से संपन्न पुरस्कार हैं, जिसकी पुरस्कार राशि नोबेल पुरस्कारों से अधिक है।

  • ब्रेकथ्रू का प्रत्येक पुरस्कार में $3 मिलियन की राशि का होता है जो नोबेल पुरस्कार के विजेता के लिए दिए जाने वाले पुरस्कार $1 मिलियन से अधिक की राशि होती है।

  • पुरस्कार लाइफ साइंस, मौलिक भौतिकी और गणित के क्षेत्र में प्रदान किए जाते हैं।

By admin: Sept. 20, 2022

9. ढेलेदार त्वचा रोग वायरस 2019 संस्करण से अलग

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ढेलेदार त्वचा रोग (एलएसडी) वायरस जिसने इस वर्ष भारत में लगभग 50,000 मवेशियों को मार डाला है, संरचनात्मक रूप से 2019 में भारत में प्रचलित वायरस के संस्करण से भिन्न हो सकता है।

इस बीमारी से मवेशियों की सुरक्षा के लिए नया टीका विकसित किया जा रहा है।


महत्वपूर्ण तथ्य - 

ढेलेदार त्वचा रोग क्या है ?

  • यह मवेशियों या भैंस के पॉक्सवायरस लम्पी स्किन डिजीज वायरस (एलएसडीवी) के संक्रमण के कारण होता है।

  • वायरस कैप्रिपोक्सवायरस जीनस के तीन निकट संबंधित प्रजातियों में से एक है।

  • अन्य दो प्रजातियां शीपपॉक्स वायरस और गोटपॉक्स वायरस हैं।

  • इसकी संक्रामक प्रकृति और अर्थव्यवस्था पर इसके पड़ने वाले प्रभाव के कारण, विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (WOIE) ने इसे एक उल्लेखनीय बीमारी घोषित किया है।

रोग के लक्षण :

  • मुख्य लक्षण जानवरों में बुखार, आंखों और नाक से स्राव, मुंह से लार, पूरे शरीर में गांठ जैसे नरम छाले, दूध उत्पादन में कमी, खाने में कठिनाई है, जो कभी-कभी जानवर की मृत्यु का कारण बनता है।

रोग का संचरण :

  • वायरस आसानी से खून चूसने वाले कीड़ों जैसे मच्छरों, मक्खियों और टिक्कों और लार और दूषित पानी और भोजन के माध्यम से फैलता है।

  • यह वायरस सबसे पहले एशिया और प्रशांत क्षेत्र में 2019 में उत्तर पश्चिम चीन, बांग्लादेश और भारत में सामने आया था।

  • बीमारी का कोई इलाज उपलब्ध नहीं है।

रोग के लिए टीका :

  • वैक्सीन Lumpi-ProVacInd, संयुक्त रूप से ICAR के नेशनल रिसर्च सेंटर ऑन इक्विन्स (NRCE) और भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI) द्वारा विकसित किया गया है।

  • टीके के साथ चल रहे 2022 के प्रकोप से पीड़ित जानवरों पर किए गए प्रायोगिक परीक्षणों के उत्साहजनक परिणाम सामने आए हैं।

By admin: Sept. 18, 2022

10. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह अमेरिका में ग्लोबल क्लीन एनर्जी एक्शन फोरम की बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे

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केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी डॉ जितेंद्र सिंह,  अमेरिका में आयोजित, वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा कार्य मंच (ग्लोबल क्लीन एनर्जी एक्शन फोरम) में हिस्सा लेने के लिए, एक संयुक्त भारतीय मंत्रिस्तरीय आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे ।

उनकी इस  5 दिवसीय (19-23 सितंबर) यात्रा  में केंद्रीय  बिजली और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह भी  शामिल हैं।


महत्वपूर्ण तथ्य - 

संयुक्त राज्य अमेरिका में बैठक :

  • वे स्वच्छ ऊर्जा मंत्रिस्तरीय बैठक (सीईएम 13) और मिशन इनोवेशन (एमआई -7) का प्रतिष्ठित संयुक्त आयोजन जो संयुक्त राज्य अमेरिका के पेंसिल्वेनिया के पिट्सबर्ग में इस वर्ष 21 से 23 सितंबर तक होगा, में भाग लेंगे ।
  • वे सस्टेनेबल बायोएनेर्जी और बायो-रिफाइनरियों पर पहले राउंडटेबल और कनेक्टेड कम्युनिटीज के साथ नेट जीरो बिल्ट एनवायरनमेंट पर दूसरे राउंडटेबल में भी भाग लेंगे।
  • स्वच्छ ऊर्जा एक्शन फोरम में मंत्रियों द्वारा निम्न कार्बन भविष्य के लिए भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करने की संभावना है, जिसका उद्देश्य स्वच्छ ऊर्जा नवाचारों को तेज करके देश के ऊर्जा परिदृश्य को बदलना है।

स्वच्छ ऊर्जा पर भारत की प्रतिबद्धता :

  • भारत सरकार ने 2030 तक 500 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा क्षमता तक पहुंचने और कुल ऊर्जा में अक्षय ऊर्जा के योगदान को 50% तक बढ़ाने के लिए खुद को प्रतिबद्ध किया है।
  • भारत सरकार ने  कार्बन उत्सर्जन को एक अरब टन कम करने, अर्थव्यवस्था की कार्बन तीव्रता को 2005 के स्तर से 45 प्रतिशत कम करने और अंतत: 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने के लिए भीखुद को प्रतिबद्ध किया है।

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