1. भारत 2023 में 8वीं सबसे बड़ी विज्ञापन बाजार बन जाएगा; ग्रुप एम
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ग्रुप एम के वैश्विक अंत-वर्ष के पूर्वानुमान के अनुसार, 2023 में भारत ब्राजील को पीछे छोड़कर आठवां सबसे बड़ा विज्ञापन बाजार बन जायेगा।
ग्रुपएम ने अपने 'दिस ईयर, नेक्स्ट ईयर 2022' रिपोर्ट में भारत को वैश्विक स्तर पर नौवें सबसे बड़े विज्ञापन बाजार के रूप में स्थान दिया है।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में खुदरा मीडिया 2022 में 551 मिलियन डॉलर होने का अनुमान है और 2027 तक लगभग दोगुना होने की उम्मीद है। टीवी विज्ञापन जिसका विज्ञापन बाजार हिस्सेदारी में कुल 36% है , इस साल 10.8% बढ़ने की उम्मीद है।
दुनिया में शीर्ष विज्ञापन बाजार 2022
संयुक्त राज्य अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा विज्ञापन बाजार है जिसके बाद (2) चीन, (3) जापान, (4) यूनाइटेड किंगडम, (5) जर्मनी, (6) फ्रांस, (7) कनाडा, (8) ब्राजील और (9वां) भारत।
2. ईटीएफ के जरिए कर्मचारी राज्य बीमा निगम को 15 फीसदी सरप्लस फंड इक्विटी में निवेश करने की अनुमति
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भारत सरकार ने कर्मचारी राज्य बीमा निगम (क.रा.बी.निगम) को एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) के माध्यम से अपने अधिशेष फंड के 15 प्रतिशत तक इक्विटी में निवेश करने की अनुमति दी है।
4 दिसंबर 2022 को नई दिल्ली में निगम के मुख्यालय में केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में क.रा.बी.निगम की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
श्रम मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि अधिशेष धन को इक्विटी में निवेश करने का निर्णय ऋण उपकरणों पर कम रिटर्न और निगम के पोर्टफोलियो में विविधता लाने की आवश्यकता के कारण लिया गया था। प्रारंभिक निवेश 5% से शुरू होगा और दो तिमाहियों की समीक्षा के बाद धीरे-धीरे 15% तक बढ़ जाएगा। निवेश एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स यानी निफ्टी50 और सेंसेक्स तक सीमित रहेगा। इसका प्रबंधन एएमसी के फंड मैनेजरों द्वारा किया जाएगा।
अगरतला और इडुक्की में नया अस्पताल
क.रा.बी.निगम ने श्यामलीबाजार, त्रिपुरा और इडुक्की, केरल में 100 बिस्तरों वाले अस्पतालों की स्थापना के प्रस्तावों को मंजूरी दी।
निर्माण से शक्ति' पहल
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि अस्पतालों और डिस्पेंसरियों के बुनियादी ढांचे को चरणबद्ध तरीके से मजबूत और आधुनिक बनाने के लिए 'निर्माण से शक्ति' पहल शुरू की गई है ।
ईएसआईसी क्या है
कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) योजना दुनिया की सबसे बड़ी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में से एक है जो केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय के तहत कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के अंतर्गत आती है।
ईएसआईसी की स्थापना 1952 में ईएसआई अधिनियम 1948 के तहत की गई थी।
इस योजना के तहत बीमित कर्मचारियों और उनके आश्रितों को चिकित्सा लाभ प्रदान किया जाताहै। इसमें चिकित्सा खर्च की कोई सीमा नहीं होती है ।
कौन पात्र हैं
यह 10 या अधिक श्रमिकों को रोजगार देने वाली फैक्ट्रियों पर लागू होता है।
यह 20 या अधिक व्यक्तियों को रोजगार देने वाली दुकानों, प्रतिष्ठानों, बीमा, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों आदि पर लागू होता है।
वेतन सीमा
जिस कर्मचारी की वेतन 21,000/- रुपये प्रति माह (विकलांग व्यक्तियों के मामले में 25,000/- रुपये प्रति माह) तक है उन्हें इस योजना के तहत चिकित्सा बीमा की सुविधा प्रदान की जातीं है ।
योगदान
बीमित कर्मचारी को प्रति माह अपने मासिक वेतन का 1% योजना में योगदान करना होता है और नियोक्ता को कर्मचारी के वेतन का 3% योजना में योगदान करना होता है।
3. रूसी तेल पर जी 7 निर्धारित मूल्य सीमा लागू हुई, भारत प्रभावित नहीं होगा: हरदीप सिंह पुरी
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समुद्री रास्ते से रूसी पेट्रोलियम कच्चा तेल के निर्यात को रोकने और प्रभावित करने के लिए 7 देशों का समूह (जी 7) के रूसी तेल के उच्चतम मूल्य नियंत्रण, 5 दिसंबर 2022 को लागू हों गया है । इसे पश्चिमी देशों द्वारा यूक्रेन पर अपने युद्ध को वित्तपोषित करने की रूसी क्षमता को सीमित करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।रूस ने हालांकि जी7 देशों के फैसले को मानने से इनकार कर दिया है।
रूस दुनिया में सऊदी अरब के बाद पेट्रोलियम तेल का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है । रूस ने यूक्रेन पर यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में नरसंहार का आरोप लगाते हुए , 24 फरवरी 2022 को यूक्रेन पर हमला किया था। पश्चिमी देश यूक्रेन का समर्थन कर रहे हैं और रूसी युद्ध प्रयास को पंगु बनाने के प्रयास में रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिया है।
तेल की उच्चतम मूल्य निर्धारण
जी 7 देशों, ऑस्ट्रेलिया और यूरोपीय संघ ने समुद्र के माध्यम से परिवहन किए जाने वाले रूसी कच्चे तेल पर 60 डॉलर प्रति बैरल उच्चतम मूल्य लगाने पर सहमति व्यक्त की है।
इस समझौते के तहत रूसी तेल को जी 7 और यूरोपीय संघ के टैंकरों, बीमा कंपनियों और बैंकों का उपयोग करके तीसरे पक्ष के देशों में भेजने की अनुमति देता है, अगर कार्गो $ 60 प्रति बैरल पर या उससे कमदाम पर खरीदा जाता है।
हालांकि एक अमेरिकी अधिकारी ने अक्टूबर में कहा था कि रूस के पास अपने अधिकांश तेल को समुद्री रास्ते से तेल भेजने के लिए बाज़ार में पर्याप्त मात्र में टैंकर मिल जायेंगे ।
भारत पर प्रभाव
केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि जी7 देशों के फैसले का भारत पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि 'रूस हमारा तेल का शीर्ष आपूर्तिकर्ता नहीं है; हमारे पारंपरिक शीर्ष आपूर्तिकर्ता इराक, सऊदी अरब और यूएई हैं। 2021-22 में भारत ने अपना 53 फीसदी तेल इन देशों से आयात किया। 2022-23 में अप्रैल से सितंबर के बीच भारत का 52 फीसदी कच्चा तेल आयात इन्हीं देशों से हुआ है।
उन्होंने कहा कि अगर रूस तय कीमत पर कच्चा तेल बेचने से इनकार करता है या उत्पादन में कटौती करता है तो इससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित होगी। यह उत्पादक देशों पर ऊर्जा की मांग को पूरा करने के लिए दबाव डालेगा, जिसके परिणामस्वरूप कच्चे तेल की कीमतों में तेजी आएगी।
4. एसबीआई ने 5 लाख करोड़ रुपये के व्यक्तिगत बैंकिंग ऋण के आंकड़े को पार किया
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स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने 5 दिसंबर 2022 को घोषणा की कि उच्च मूल्य के होम लोन को छोड़कर उसके व्यक्तिगत बैंकिंग अग्रिमों ने 30 नवंबर 2022 तक 5 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया है। एसबीआईभारत का एकमात्र बैंक है जिसने इस मील के पत्थर को पार किया है।
एसबीआई भारत में सबसे बड़ा गृह ऋण प्रदाता है। व्यक्तिगत बैंकिंग अग्रिमों में मुख्य रूप से व्यक्तिगत ऋण, पेंशन ऋण, ऑटो ऋण, शिक्षा ऋण, स्वर्ण ऋण और अन्य व्यक्तिगत ऋण उत्पाद शामिल हैं।
बैंक ने जनवरी 2015 में 1 लाख करोड़ रुपये, जनवरी 2018 में 2 लाख करोड़ रुपये, अगस्त 2020 में 3 लाख करोड़ रुपये और नवंबर 2021 में 4 लाख करोड़ रुपये का व्यक्तिगत ऋण का आंकड़ा पार किया ।
खुदरा बैंकिंग और थोक बैंकिंग
थोक बैंकिंग (संस्थागत बैंकिंग)
जब बैंक सरकार, कंपनियों और अन्य बैंकों को बैंकिंग सेवाएं प्रदान करते हैं, तो इसे थोक बैंकिंग कहा जाता है।
उदाहरण के लिए यदि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड का एसबीआई में खाता है तो उसे प्रदान की जाने वाली बैंकिंग सेवाओं को एसबीआई के थोक बैंकिंग व्यवसाय के तहत वर्गीकृत किया जाएगा।
खुदरा बैंकिंग
यह बैंकों द्वारा व्यक्तियों को प्रदान की जाने वाली बैंकिंग सेवा है। इसका मतलब है कि बैंकिंग सेवाएं जैसे बचत खाता, क्रेडिट कार्ड ऋण आदि जो बैंक हमारे जैसे व्यक्ति को प्रदान करता है उसे खुदरा बैंकिंग कहा जाएगा।
उदाहरण के लिए, यदि मुकेश अंबानी का एसबीआई में खाता है तो मुकेश अंबानी को प्रदान की जाने वाली बैंकिंग सेवाओं को एसबीआई के खुदरा बैंकिंग व्यवसाय के अंतर्गत वर्गीकृत किया जाएगा।
भारतीय स्टेट बैंक
- यह भारत का सबसे बड़ा बैंक है और भारत सरकार के स्वामित्व में है।
- इसकी 22,309 से अधिक शाखाएं, 65,000 एटीएम/एडीडब्ल्यूएम, 71,968 बैंकिंग संवाददाता आउटलेट हैं।
- 31 विदेशी देशों में इसके 229 कार्यालय/शाखाएं हैं। सभी भारतीय बैंकों में,स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की भारत के बाहर सबसे अधिक शाखाएँ/कार्यालय हैं।
- मुख्यालय: मुंबई
एसबीआई के अध्यक्ष: दिनेश कुमार खारा
एसबीआई के प्रबंध निदेशक: आलोक कुमार चौधरी
महत्वपूर्ण फुल फॉर्म
एटीएम/ATM : ऑटमैटिड टेलर मशीन
एडीडब्ल्यूएम/ADWM: ऑटमैटिड डिपाज़िट कम विद्ड्रॉअल मशीन
5. जिंदल शदीद समूह ओमान में 3 अरब डॉलर का हरित इस्पात संयंत्र स्थापित करेगा
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जिंदल शदीद समूह ने घोषणा की है कि वह ओमान के दक्षिणी बंदरगाह शहर डुक्म में स्तिथ एक विशेष आर्थिक क्षेत्र में हरित इस्पात संयंत्र स्थापित करने के लिए $3 बिलियन से अधिक का निवेश करेगा। हाइड्रोजन-तैयार स्टील परियोजना में सालाना 5 मिलियन टन स्टील का उत्पादन करने की क्षमता होगी।
प्रस्तावित हरित स्टील प्लांट स्टील के उत्पादन के लिए प्राकृतिक गैस का उपयोग किया जायेगा ।
जिंदल शदीद ग्रुप नवीन जिंदल की जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) कंपनी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है। जिंदल शदीद ग्रुप की ओमान के सोहर में एक सालाना 2 मिलियन टन स्टील क्षमता वाली स्टील प्लांट पहले से ही है ।
हरित इस्पात संयंत्र क्या है?
हरित इस्पात के निर्माण में कार्बन-गहन जीवाश्म ईंधन का उपयोग नहीं किया जाता है । कोयले से चलने वाले संयंत्रों के पारंपरिक कार्बन-गहन निर्माण मार्ग के बजाय हाइड्रोजन, प्राकृतिक गैस, कोयला गैसीकरण या बिजली जैसे निम्न-कार्बन ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करके स्टील का उत्पादन किया जाता है।
हरित इस्पात की आवश्यकता क्यों?
वैश्विक स्तर पर लौह अयस्क और इस्पात उद्योग वार्षिक आधार पर कुल CO2 उत्सर्जन का लगभग 8 प्रतिशत है, जबकि भारत में, यह कुल CO2 उत्सर्जन में 12 प्रतिशत का योगदान देता है।
भारत ने 2070 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने के लिए स्वयं को प्रतिबद्ध किया है और यदि भारत को उस लक्ष्य को प्राप्त करना है तो भारतीय इस्पात उद्योग को 2070 तक अपने उत्सर्जन को शुद्ध-शून्य तक कम करने की आवश्यकता है। इसके लिए भारत में कई प्रयास किये जा रहे हैं ।
हाल ही में अनिल अग्रवाल के स्वामित्व वाली वेदांत कंपनी ने हाइड्रोजन का उपयोग करके हरित इस्पात के उत्पादन के लिए प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए आईआईटी-बॉम्बे के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) ने अपने ओडिशा संयंत्र को दुनिया की सबसे बड़ी और हरित सुविधा के रूप में विकसित करने की योजना बनाई है। कंपनी स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके स्टील का उत्पादन करने के लिए कोयला गैसीकरण का निर्माण करने वाली दुनिया की पहली इस्पात निर्माता होने का दावा करती है।
6. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई दिल्ली में DRI के 65वें स्थापना दिवस समारोह का उद्घाटन किया
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 5 दिसंबर को नई दिल्ली में राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) के दो दिवसीय 65वें स्थापना दिवस समारोह का उद्घाटन किया।
महत्वपूर्ण तथ्य
इस अवसर पर केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा "स्मगलिंग इन इंडिया रिपोर्ट 2021-22" का वर्तमान संस्करण जारी किया गया।
यह रिपोर्ट में तस्करी विरोधी और वाणिज्यिक धोखाधड़ी के क्षेत्र में रुझानों और पिछले वित्तीय वर्ष में डीआरआई के प्रदर्शन और अनुभव से संबंधित है।
इस वर्ष इस आयोजन में एशिया-प्रशांत क्षेत्र को कवर करने वाले 22 सीमा शुल्क प्रशासनों के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को भी आमंत्रित किया गया है।
राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) के बारे में
DRI भारत सरकार के अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के तत्वावधान में तस्करी विरोधी मामलों पर प्रमुख खुफिया और प्रवर्तन एजेंसी है।
इसकी स्थापना 4 दिसंबर 1957 को की गई थी।
इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है और इसकी 12 ज़ोनल इकाइयां, 35 क्षेत्रीय इकाइयां और 15 उप-क्षेत्रीय इकाइयां हैं, जिनमें लगभग 800 अधिकारी कार्यरत हैं।
यह ड्रग्स, सोना, हीरे, इलेक्ट्रॉनिक्स, विदेशी मुद्रा, और नकली भारतीय मुद्रा सहित वस्तुओं की तस्करी पर रोक लगाने का कार्य करता है।
यह ड्रग्स, सोना, हीरे, इलेक्ट्रॉनिक्स, विदेशी मुद्रा, और नकली भारतीय मुद्रा सहित वस्तुओं की तस्करी पर रोक लगाने का कार्य करता है।
यह अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से संबंधित वाणिज्यिक धोखाधड़ी और सीमा शुल्क की चोरी से निपटने के लिए भी काम करता है।
7. भारत 100 अरब डॉलर की प्रेषण प्राप्त करने वाला दुनिया का पहला देश: विश्व बैंक
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विश्व बैंक की रिपोर्ट "माइग्रेशन एंड डेवलपमेंट ब्रीफ' के अनुसार, भारत को 2022 में प्रेषण (रेमिटेंस ) के रूप में 2021 की तुलना में 12% की वृद्धि के साथ 100 बिलियन डॉलर प्राप्त होने की उम्मीद है। 2021 में भारत को प्रेषण में 89.4 बिलियन डॉलर प्राप्त हुए थे। भारत दुनिया का पहला ऐसा देश है जिसे विदेशों में प्रवासी कामगारों से 100 अरब डॉलर का प्रेषण प्राप्त हुआ है।
प्रेषण क्या हैं?
प्रेषण का अर्थ है धन का हस्तांतरण। प्रेषण दो प्रकार के होते हैं, आवक और बहिर्गामी। यदि कोई व्यक्ति विदेश से भारत में पैसा भेजता है तो यह आवक प्रेषण है।
यदि भारत का कोई व्यक्ति विदेश में किसी व्यक्ति को पैसा भेजता है तो इसे बहिर्गामी प्रेषण कहा जाता है। विश्व बैंक की रिपोर्ट आवक प्रेषण के बारे में बात करती है।
इस प्रकार यहां प्रेषण का अर्थ है वह धन जो देश के बाहर कार्यरत अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) द्वारा भारतीयों को भारत में रहने वाले अपने परिवार, दोस्तों या रिश्तेदारों को हस्तांतरित किया गया है।
भारत में प्रेषण पर विश्व बैंक की रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएं
- विश्व बैंक के अनुसार भारत को भेजी जाने वाली रकम के पैटर्नऔर भारतीय प्रवासियों के गंतव्य में महत्वपूर्ण बदलाव आया है।
- पहले भारत के प्रवासी कम कौशल वाले वाले मजदूर होते थे और वे मुख्यतः 5 जीसीसी देशों (सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत, ओमान और कतर) में जाते थे जहाँ मजदूरी ज्यादा नहीं था। इस कारण वे भारत कम पैसा भेज पाते थे ।
- अब भारत से अधिकतर प्रवासी भारतीय संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, सिंगापुर, जापान, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे देशों में पलायन कर रहे हैं और जो अत्यधिक कुशल मजदूर हैं ।
- आरबीआई की रिपोर्ट का हवाला देते हुए विश्व बैंक का कहना है कि “2016-17 और 2020-21 के बीच, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और सिंगापुर से प्रेषण का हिस्सा 26 प्रतिशत से बढ़कर 36 प्रतिशत से अधिक हो गया है ।
- इसी समय अवधि में 5 जीसीसी देशों (सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत, ओमान और कतर) की हिस्सेदारी 54 से घटकर 28 प्रतिशत हो गई।
- कुल प्रेषण के 23 प्रतिशत हिस्से के साथ, संयुक्त राज्य अमेरिका ने 2020-21 में शीर्ष स्रोत देश के रूप में संयुक्त अरब अमीरात को पीछे छोड़ दिया।
- भारत के लगभग 20 प्रतिशत प्रवासी संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम में रहते हैं।
विश्व बैंक की रिपोर्ट के अन्य प्रमुख बिंदु
भारत दुनिया में प्रेषण का सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता था, उसके बाद मेक्सिको (दूसरा स्थान), चीन (तीसरा), मिस्र (चौथा) और फिलीपींस (पांचवां) है ।
2022 में निम्न और मध्यम आय वाले देशों में प्रेषण 5% बढ़कर लगभग 626 बिलियन डॉलर हो गया है।
भारत और नेपाल को छोड़कर अन्य दक्षिण एशियाई देशों ने 2021 में 10% से अधिक की गिरावट देखी गई है ।
विश्व बैंक द्वारा जारी अन्य महत्त्वपूर्ण रिपोर्ट
- विश्व विकास रिपोर्ट
- वैश्विक आर्थिक संभावना
- बिजनेस इनेबलिंग एनवायरनमेंट (यह ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट की जगह लेगा)। इसे अप्रैल 2024 में लॉन्च किया जाएगा।
विश्व बैंक के अध्यक्ष: डेविड मलपास
8. भारत की जैव -अर्थव्यवस्था 2022 में 8 गुना बढ़कर 80 अरब डॉलर से अधिक हो गई है: जितेंद्र जितेंद्र सिंह
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केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा है कि प्रधान मंत्री मोदी के नेतृत्व में पिछले 8 वर्षों में भारत की जैव-अर्थव्यवस्था 2014 में 10 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2022 में 80 बिलियन डॉलर से अधिक हो गई है।
वह 3 दिसंबर 2022 को जम्मू में आयोजित "जैव विज्ञान और रासायनिक प्रौद्योगिकी में उभरते रुझानों पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन- 2022" में बोल रहे थे।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि बायोटेक स्टार्टअप्स पिछले 8 वर्षों में स्टार्टअप्स की संख्या 100 गुना बढ़ गए हैं । 2014 में देश में कुल 52 स्टार्टअप्स थे जो 2022 में बढ़कर 5300 से अधिक हों गए हैं।
उन्होंने कहा कि 2021में प्रति दिन 3 बायोटेक स्टार्टअप्स स्थापित की जा रही थी और 2021 में कुल 1,128 बायोटेक स्टार्टअप्स की स्थापना की गई, जो भारत में इस क्षेत्र के तेजी से विकास का द्योतक है।
जैव-अर्थव्यवस्था क्या है?
जैव-अर्थव्यवस्था की अवधारणा का सर्वप्रथम उपयोग यूरोप में किया गया था। जैव-अर्थव्यवस्था शब्द आम तौर पर भोजन, ऊर्जा, उत्पादों और सेवाओं का उत्पादन करने के लिए नवीकरणीय प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करने वाली अर्थव्यवस्था को संदर्भित करता है।
जैव-अर्थव्यवस्था में उन सभी क्षेत्रों और प्रणालियों को शामिल किया गया है जो जैविक संसाधनों (जानवरों, पौधों, सूक्ष्म जीवों और व्युत्पन्न बायोमास, जैविक कचरे सहित), उनके कार्यों और सिद्धांतों पर निर्भर हैं।
इसमें सभी आर्थिक और औद्योगिक क्षेत्र शामिल हैं जो भोजन, फ़ीड, जैव-आधारित उत्पादों, ऊर्जा और सेवाओं का उत्पादन करने के लिए जैविक संसाधनों और प्रक्रियाओं का उपयोग करते हैं।
9. संजय मल्होत्रा ने राजस्व सचिव का पदभार ग्रहण किया
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वरिष्ठ नौकरशाह संजय मल्होत्रा ने 1 दिसंबर 2022 को राजस्व विभाग, वित्त मंत्रालय में सचिव के रूप में पदभार ग्रहण किया। संजय मल्होत्रा ने तरुण बजाज की जगह ली, जो 30 नवंबर 2022 को सेवानिवृत्त हुए थे।
राजस्थान कैडर के 1990 बैच के आईएएस अधिकारी मल्होत्रा इस साल अक्टूबर से राजस्व विभाग में विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) के तौर पर कार्यरत थे।
मल्होत्रा ने राजस्व विभाग में शीर्ष नौकरशाह के रूप में ऐसे समय में कार्यभार संभाला है जब सरकार 1 फरवरी 2023 को संसद में पेश किए जाने वाले केंद्रीय बजट 2023-24 की तैयारी कर रही है।
केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अधीन विभाग
केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अधीन 6 विभाग हैं। प्रत्येक विभाग विशिष्ट कार्य करता है। ये विभाग इस प्रकार हैं:
व्यय विभाग
व्यय विभाग केंद्र सरकार में सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली की निगरानी करने और राज्य वित्त से जुड़े मामलों के लिए नोडल विभाग है। यह वित्त आयोग और केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों के कार्यान्वयन, लेखापरीक्षा टिप्पणियों/अभ्युवक्ति यों की निगरानी, केंद्र सरकार के लेखाओं को तैयार करने के लिए जिम्मेदार है।
सचिव : डॉ. टी. वी. सोमनाथन (वह वर्तमान में वित्त सचिव भी हैं।)
आर्थिक मामलों का विभाग (डीईए)
आर्थिक मामलों का विभाग , केंद्र सरकार को मजबूत आर्थिक नीतियों को विकसित करने और भविष्य की आर्थिक चुनौतियों और अवसरों की तैयारी करने और भारत के द्विपक्षीय और बहुपक्षीय और वित्तीय संबंधों का नेतृत्व करने के लिए मजबूत सार्वजनिक वित्त बनाए रखने में सहायता करता है।
सचिव : अजय सेठ
राजस्व विभाग
यह विभाग दो वैधानिक बोर्डों, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड के माध्यम से सभी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष संघ करों से संबंधित मामलों के संबंध में नियंत्रण रखता है।
सचिव: संजय मल्होत्रा
वित्तीय सेवाओं का विभाग
वित्तीय सेवा विभाग के अधिदेश में बैंकों, वित्तीय संस्थानों, बीमा कंपनियों और राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के कामकाज शामिल हैं।
सचिव : विवेक जोशी
दीपम (निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग)
यह केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में केंद्र सरकार के द्वारा इक्विटी में निवेश या विनिवेश के प्रबंधन के सभी मामलों को देखता है ।
सचिव : तुहिन कांता पाण्डेय
लोक उद्यम विभाग
लोक उद्यम विभाग सभी केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसईज़) का नोडल विभाग है और सीपीएसई से संबंधित नीतियां तैयार करता है।
सचिव : अली रजा रिजवी
केंद्रीय वित्त मंत्री: निर्मला सीतारमण
10. केंद्र सरकार एनएमडीसी की नगरनार स्टील कंपनी में अपनी हिस्सेदारी का विनिवेश करेगी
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केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ के नगरनार में स्तिथ एनडीएमसी स्टील प्लांट (एनएसएल) में अपनी 50.79% हिस्सेदारी बेचने के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं । राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) द्वारा प्रवर्तित 3 मिलियन टन प्रति वर्ष का एनएसएल स्टील प्लांट अभी भी निर्माणाधीन है और मार्च 2023 में चालू होने की उम्मीद है।
अक्टूबर 2020 में, भारत सरकार ने एनएमडीसी के इस्पात संयंत्र को अलग करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी और सरकार द्वारा इस्पात संयंत्र कंपनी में अपनी पूरी हिस्सेदारी एक रणनीतिक निवेशक को बेचने की प्रस्ताव को भी मंजूरी दी थी ।
एनएसएल में विनिवेश
विनिवेश प्रस्ताव के तहत सरकार रणनीतिक निवेशकों को एनएसएल में अपनी पूरी 50.79% हिस्सेदारी बेचेगी। एनएसएल में 10% हिस्सा एनएमडीसी के पास रहेगा। एनएसएल के शेष 39.21% शेयर जनता को बेचे जाएंगे तथा कंपनी को एनएसई और बीएसई पर सूचीबद्ध किया जायेगा ।
संपूर्ण विनिवेश प्रक्रिया को निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (डीआईपीएएम) द्वारा नियंत्रित किया जाएगा।
विनिवेश
जब केंद्र सरकार या राज्य सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में अपने इक्विटी शेयर, या कंपनी की संपत्ति किसी निजी कंपनी या व्यक्ति को बेचती है, तो उसे भारत में विनिवेश कहा जाता है।
रणनीतिक विनिवेश:
जब सरकार किसी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी के स्वामित्व और नियंत्रण को किसी अन्य संस्था, निजी या सार्वजनिक को हस्तांतरित करने का निर्णय लेती है, तो इस प्रक्रिया को रणनीतिक विनिवेश कहा जाता है।
दीपम (निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग)
यह केंद्रीय वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन आता है।
इसे पहले विनिवेश विभाग कहा जाता था जिसे बाद में 2017 में निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग के रूप में नाम दिया गया था।
कार्य :
यह केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में केंद्र सरकार के द्वारा इक्विटी में निवेश या विनिवेश के प्रबंधन के सभी मामलों को देखता है ।
इसके कार्य के चार प्रमुख क्षेत्र रणनीतिक विनिवेश, अल्पसंख्यक हिस्सेदारी बिक्री, परिसंपत्ति मुद्रीकरण और पूंजी पुनर्गठन से संबंधित हैं।
परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण फुल फॉर्म
दीपम/DIPAM:डिपार्ट्मन्ट ऑफ इन्वेस्मन्ट ऐन्ड पब्लिक ऐसेट मैनेजमेंट(Department of Investment and Public Asset Management).
एनएमडीसी/NDMC: नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कारपोरेशन (National Mineral Development Corporation)
एनएसएल/NSL: एनडीएमसी स्टील प्लांट(NDMC Steel Plant)