1. बोकारो, झारखंड में सरकारी पोल्ट्री फार्म में एवियन इन्फ्लुएंजा (H5N1) का पता चला
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राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान (ICAR), भोपाल ने 7 फरवरी 2022 को बोकारो, झारखंड में सरकारी पोल्ट्री फार्म से प्राप्त नमूनों में एवियन इन्फ्लुएंजा (H5N1) की पुष्टि की है।
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लोहांचल के फार्म में चिकन की प्रोटीन से भरपूर नस्ल, जिसे 'कड़कनाथ' के नाम से जाना जाता है, में H5N1 वैरिएंट की मौजूदगी की पुष्टि हुई।
एवियन इन्फ्लुएंजा की आखिरी घटना जनवरी 2019 के दौरान झारखंड के गोड्डा जिले में दर्ज की गई थी।
एक किमी के दायरे में आने वाले इलाकों को प्रभावित जोन और 10 किमी के दायरे वाले इलाकों को सर्विलांस जोन घोषित किया गया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने मानव क्षेत्र में निगरानी के अवलोकन के लिए अपनी केंद्रीय टीम भेजी है।
एवियन इन्फ्लुएंजा (H5N1) के बारे में
बर्ड फ्लू, जिसे एवियन इन्फ्लूएंजा (एआई) के रूप में भी जाना जाता है, एक अत्यधिक संक्रामक वायरल बीमारी है जो खाद्य-उत्पादक पक्षियों (मुर्गियां, टर्की, बटेर, गिनी फाउल, आदि) की प्रजातियों के साथ-साथ पालतू पक्षियों और जंगली जानवरों को भी प्रभावित करती है।
एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस उपप्रकार A(H5N1), A(H7N9), A(H9N2) और A(H10N3) हैं।
टाइप बी और सी ज्यादातर मनुष्यों को संक्रमित करते हैं और आमतौर पर हल्की बीमारी का कारण बनते हैं।
2. उत्तर भारत का पहला परमाणु संयंत्र हरियाणा के गोरखपुर में स्थापित किया जाएगा
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केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने 19 फरवरी को कहा कि उत्तर भारत का पहला परमाणु ऊर्जा संयंत्र राष्ट्रीय राजधानी से लगभग 150 किमी उत्तर में गोरखपुर, हरियाणा में स्थापित किया जा रहा है।
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भारत की परमाणु क्षमता बढ़ाने के लिए 10 परमाणु रिएक्टरों की स्थापना को केंद्र ने मंजूरी दे दी है।
परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए संसाधनों के लिए परमाणु ऊर्जा विभाग को सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) के साथ संयुक्त उद्यम बनाने की भी अनुमति दी गई है।
परमाणु ऊर्जा संयंत्र पहले ज्यादातर दक्षिणी राज्यों जैसे तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश और पश्चिमी महाराष्ट्र तक ही सीमित था किन्तु अब इसका विकास देश भर में किया जाएगा।
हरियाणा के गोरखपुर में पहले परमाणु संयंत्र के बारे में
गोरखपुर हरियाणा अनु विद्युत परियोजना (जीएचएवीपी) में 700 मेगावाट क्षमता की दो इकाइयां हैं।
इनमें से प्रत्येक में प्रेशराइज्ड हेवी वाटर रिएक्टर (पीएचडब्ल्यूआर) स्वदेशी रूप से डिजाइन किए गए हैं।
यह हरियाणा में फतेहाबाद जिले के गोरखपुर गांव के पास कार्यान्वयन के अधीन है।
अब तक, कुल आवंटित धनराशि 20,594 करोड़ में से ₹4,906 करोड़ की राशि खर्च की जा चुकी है।
3. खजुराहो नृत्य महोत्सव मध्य प्रदेश में शुरू हुआ
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49वां खजुराहो नृत्य महोत्सव खजुराहो में 20 फरवरी से शुरू हुआ।
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मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने 'खजुराहो नृत्य महोत्सव-2023' का उद्घाटन किया। महोत्सव का समापन 26 फरवरी को होगा।
समारोह में मध्य प्रदेश राज्य रूपांकर कला पुरस्कार दिया जाएगा और कार्यक्रम स्थल पर कलाकृतियों की प्रदर्शनी भी लगाई गई है।
संस्कृति विभाग के अंतर्गत उस्ताद अलादीन खां संगीत एवं कला अकादमी, पर्यटन विभाग, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, वर्ल्ड डांस एलायंस व छतरपुर जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयास से इस महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।
जी-20 में भारत की अध्यक्षता में संस्कृति कार्य समूह की पहली बैठक भी 23 से 25 फरवरी तक खजुराहो में हो रही है।
मध्य प्रदेश के अन्य त्यौहार
लोकरंग महोत्सव, भोपाल
अखिल भारतीय कालिदास समारोह, उज्जैन
भगोरिया हाट महोत्सव, पश्चिम निमाड़ (खरगोन) और झाबुआ
उज्जैन कुंभ मेला, उज्जैन
मालवा उत्सव, इंदौर और उज्जैन
चेथियागिरी विहार महोत्सव, सांची
तानसेन संगीत समारोह, ग्वालियर
4. अरुणाचल प्रदेश राज्य दिवस
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 फरवरी को राज्य के 37वें स्थापना दिवस पर अरुणाचल प्रदेश के लोगों को बधाई दी है।
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हर साल 20 फरवरी को अरुणाचल प्रदेश के स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है।
1986 में भारतीय संविधान में 55वें संशोधन के माध्यम से, अरुणाचल प्रदेश 20 फरवरी, 1987 को भारतीय संघ का 24वां राज्य बना।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के दौरान, 1972 तक, राज्य को नॉर्थ-ईस्ट फ्रंटियर एजेंसी (NEFA) के रूप में जाना जाता था।
20 जनवरी, 1972 को यह केंद्र शासित प्रदेश बना और इसका नाम अरुणाचल प्रदेश रखा गया।
इसे अरुणाचल प्रदेश राज्य अधिनियम, 1986 द्वारा पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया था।
इसका गठन वर्ष 1987 में असम से अलग कर किया गया था।
भौगोलिक स्थिति
अरुणाचल प्रदेश पश्चिम में भूटान और उत्तर में चीन के तिब्बती क्षेत्र से घिरा है।
यह दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र में नागालैंड और म्यांमार और दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में असम से घिरा है।
राजधानी - ईटानगर
जनसांख्यिकी
राज्य की साक्षरता दर (2011 की जनगणना के अनुसार) 65.38% पुरुष साक्षरता दर 72.55% और महिलाओं की 57.70% है।
लिंग अनुपात - 938 महिला प्रति 1000 पुरुष (राष्ट्रीय: 943)
राजकीय पशु - मिथुन (जिसे गेल के नाम से भी जाना जाता है)
राज्य पक्षी - हॉर्नबिल
संरक्षित क्षेत्र
टाल वन्यजीव अभयारण्य (संरक्षित क्षेत्र)
दिहांग दिबांग बायोस्फीयर रिजर्व
नमदाफा टाइगर रिजर्व
सेसा आर्किड अभयारण्य
पक्के वन्यजीव अभयारण्य
महत्वपूर्ण त्यौहार
तवांग महोत्सव
सोलंग, लोसार
तोरग्या
ड्री
मुरुंग
चलो लोकू
5. मिजोरम राज्य स्थापना दिवस
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिजोरम के लोगों को 20 फरवरी को राज्य के स्थापना दिवस पर बधाई दी है।
खबर का अवलोकन
हर साल 20 फरवरी को मिजोरम के स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है।
भारतीय संविधान, 1986 के 53वें संशोधन के बाद 20 फरवरी, 1987 को मिजोरम राज्य का गठन हुआ।
स्वतंत्रता के समय मिजो पर्वतीय क्षेत्र असम के भीतर लुशाई हिल्स जिला बना।
वर्ष 1954 में इसका नाम बदलकर असम का मिजो हिल्स जिला कर दिया गया।
मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) के नरमपंथियों के साथ एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर के बाद 1972 में मिजोरम को केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा दिया गया।
20 फरवरी 1987 को यह भारत का 23वां पूर्ण राज्य बना।
भौगोलिक स्थिति
अंतर्राष्ट्रीय सीमा - म्याँमार और बांग्लादेश
राज्य सीमा - त्रिपुरा (उत्तर-पश्चिम), असम (उत्तर) और मणिपुर (उत्तर-पूर्व)।
जनसांख्यिकी
यह सिक्किम के बाद भारत में दूसरा सबसे कम आबादी वाला राज्य है।
लिंग अनुपात - प्रति 1000 पुरुषों पर 975 महिलाएंँ (राष्ट्रीय स्तर पर यह 943 है)।
राज्य की साक्षरता दर 91.58%. (राष्ट्रीय दर - 74.04%)।
संरक्षित क्षेत्र
मुरलेन राष्ट्रीय उद्यान
फौंगपुई राष्ट्रीय उद्यान
डंपा टाइगर रिजर्व
नगेंगपुई वन्यजीव अभयारण्य
तवी वन्यजीव अभयारण्य
महत्वपूर्ण त्यौहार
चापचर कुट
क्रिसमस का त्योहार
एंथुरियम महोत्सव
ल्युवा खुतला महोत्सव
6. पंजाब में पहला राज्य स्तरीय 'झींगा मेला'
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पंजाब का पहला राज्य स्तरीय 'झींगा मेला' मुक्तसर जिले के एनाखेड़ा गांव में 17 फरवरी को शुरू हुआ।
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यह मेला झींगा की खेती के बारे में अधिक जागरूकता पैदा करने के लिए राज्य सरकार का एक प्रयास है।
यह मेला किसानों को मछली पालन के लिए विभिन्न योजनाओं से अवगत कराने और अधिक से अधिक लोगों को इसमें शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए आयोजित किया जा रहा है।
इसमें, विशेषज्ञ किसानों को जलीय कृषि के बारे में समझाने में मदद करेंगे।
राज्य में झींगा की खेती 2016-17 में शुरू हुई थी।
झींगा पालन क्या है?
यह मानव उपभोग के लिए झींगा का उत्पादन करने के लिए समुद्री या मीठे पानी में जलीय कृषि आधारित गतिविधि है।
पंजाब के पांच दक्षिण-पश्चिमी जिले मुक्तसर, फाजिल्का, फिरोजपुर, बठिंडा और फरीदकोट झींगा खेती के जाना जाता है।
पंजाब में झींगा पालन की शुरुआत क्यों की गई?
दक्षिण-पश्चिम पंजाब में खारा भूजल है जो कृषि के लिए उपयुक्त नहीं है। इस बेल्ट में जलभराव एक बारहमासी समस्या है।
इसलिए, जिन किसानों की भूमि अनुपयोगी पड़ी थी, उनके लिए एक समाधान के रूप में झींगा पालन का प्रस्ताव किया गया था।
मुक्तसर जिले के रत्ता खेड़ा गांव में एक एकड़ भूखंड पर 2016-17 में झींगा की खेती शुरू की गई।
यह परियोजना सफल रही, जिसमें एक एकड़ के तालाब में चार टन झींगा का उत्पादन हुआ।
परियोजना को केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रूप से वित्त पोषित किया गया था।
2022-23 तक, दक्षिण-पश्चिम पंजाब में कुल 1,212 एकड़ भूमि पर झींगा पालन किया गया, जिसमें कुल 2,413 टन झींगा का उत्पादन हुआ।
7. उत्तराखंड का नया नकल विरोधी कानून
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उत्तराखंड के राज्यपाल ने हाल ही में पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा परीक्षाओं में अनुचित साधनों के उपयोग को रोकने के लिए लाए गए अध्यादेश को अपनी मंजूरी दे दी।
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अध्यादेश का नाम उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों के नियंत्रण और रोकथाम के लिए उपाय) अध्यादेश, 2023 है।
इसमें दोषियों के लिए 10 करोड़ रुपए तक के जुर्माने और आजीवन कारावास का प्रावधान है।
इस अध्यादेश का उद्देश्य परीक्षा के दौरान नकल को कम करना और शैक्षिक प्रणाली में निष्पक्षता को बढ़ावा देना है।
यह अध्यादेश यूकेपीएससी पेपर लीक के बाद आया है जिसके कारण लगभग 1.4 लाख सरकारी नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों की परीक्षा रद्द कर दी गई थी।
प्रमुख प्रावधान
नक़ल में शामिल उम्मीदवारों को दंडित किया जाएगा और उन पर `10 साल का प्रतिबंध` लगाया जाएगा।
इसमें नकल माफिया को उम्रकैद या 10 साल की जेल के साथ 10 करोड़ का जुर्माना लगाने का प्रावधान है।
इसके अलावा नकल माफिया की संपत्ति कुर्क करने का भी प्रावधान है।
8. इंडिया इंटरनेशनल सीफूड शो कोलकाता में संपन्न हुआ
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एशिया का सबसे बड़ा सीफूड शो, इंडिया इंटरनेशनल सीफूड 17 फरवरी को कोलकाता में संपन्न हुआ।
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समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एमपीईडीए) द्वारा सीफूड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सहयोग से आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम 15 फरवरी से शुरू हुआ।
इसमें G20 देशों पर विशेष ध्यान देने के साथ क्रेता-विक्रेता की बैठक हुई।
कार्यक्रम का उद्घाटन वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने की।
भारत ने 2025 तक समुद्री उत्पादों के निर्यात में 14 अरब डॉलर का लक्ष्य रखा है और लक्ष्य हासिल करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
इस कार्यक्रम में भारत और अन्य देशों के लगभग पांच हजार प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
सरकार ने केंद्रीय बजट 2023 में प्रधान मंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना नामक एक नई उप-योजना की घोषणा की और छह हजार करोड़ रुपये आवंटित किए।
भारत के मत्स्य क्षेत्र का महत्व
मत्स्य पालन सबसे तेजी से बढ़ते प्राथमिक उत्पादक क्षेत्रों में से एक है।
भारत दुनिया में जलीय कृषि के माध्यम से मछली का दूसरा प्रमुख उत्पादक है।
भारत दुनिया में मछली का चौथा सबसे बड़ा निर्यातक है क्योंकि यह वैश्विक मछली उत्पादन में 7.7% का योगदान देता है।
वर्तमान में यह क्षेत्र देश के भीतर 28 करोड़ से अधिक लोगों को आजीविका प्रदान करता है।
नीली क्रांति
मत्स्य पालन के एकीकृत विकास और प्रबंधन के लिए केंद्र प्रायोजित योजना "नीली क्रांति" वर्ष 2016 में शुरू की गई थी।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना
2020 में स्वीकृत, यह देश में मत्स्य पालन क्षेत्र पर केंद्रित और सतत विकास के लिए एक प्रमुख योजना है।
यह 15 लाख मछुआरों आदि को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करना चाहता है जो अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसरों के रूप में इस संख्या का लगभग तीन गुना है।
इसका लक्ष्य वर्ष 2024 तक मछुआरों और मछली श्रमिकों की आय को दोगुना करना है।
इस योजना के अंतर्गत वर्ष 2024-25 के अंत तक 68 लाख रोजगार सृजन की परिकल्पना की गई है।
9. संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त विश्व अंतर्धार्मिक सद्भाव सप्ताह लुधियाना में संपन्न हुआ
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संयुक्त राष्ट्र (यूएन) द्वारा मान्यता प्राप्त एक कार्यक्रम "विश्व अंतर्धार्मिक सद्भाव सप्ताह 2023", 16 फरवरी को एससीडी गवर्नमेंट कॉलेज, लुधियाना में संपन्न हुआ।
खबर का अवलोकन
विश्व अंतर्धार्मिक सद्भाव सप्ताह 2023 का आयोजन टीम 1699 द्वारा एनजीओ सिटीनीड्स के सहयोग से किया गया था।
पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने युवाओं को शांति, प्रेम और सद्भाव का संदेश फैलाने और समाज के कल्याण के लिए खड़े होने का आह्वान किया।
भारत में 65 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या 35 वर्ष से कम आयु की है। दुनिया के किसी अन्य देश में युवा वयस्कों की इतनी बड़ी आबादी नहीं है।
इस पीढ़ी में प्रेम और एकता फैलाने की अपार क्षमता है जो समाज में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकता है।
विश्व अंतर्धार्मिक सद्भाव सप्ताह के दौरान गतिविधियों में बौद्ध धर्म, वाल्मीकि समाज, जैन धर्म, ईसाई, मुस्लिम, हिंदू और सिख धर्म के धार्मिक नेता और अनुयायी शामिल हुए।
विश्व अंतर्धार्मिक सद्भाव सप्ताह के बारे में
विश्व अंतर्धार्मिक सद्भाव सप्ताह 2010 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा मान्यता प्राप्त एक वार्षिक कार्यक्रम है।
यह प्रति वर्ष फरवरी के प्रथम सप्ताह में आयोजित किया जाता है।
संस्कृति, शांति और अहिंसा को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया यह सप्ताह, पहली बार 2010 में संयुक्त राष्ट्र में जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय द्वारा प्रस्तावित किया गया था।
10. भारत की पहली इलेक्ट्रिक एसी डबल डेकर बस का उद्घाटन मुंबई में किया गया
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बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग (BEST) ने 13 फरवरी को मुंबई में देश की पहली इलेक्ट्रिक वातानुकूलित (एसी) डबल-डेकर बस का उद्घाटन किया।
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BEST के अनुसार, मुंबई में क्षेत्रीय परिवहन एजेंसी ने अभी तक इलेक्ट्रिक बस के लिए पंजीकरण प्रक्रिया पूरी नहीं की है।
इस बस की मंजूरी मिलने के बाद, यह बस कुर्ला बस डिपो और बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) के बीच चलेगी।
टिकटों की कीमत 5 किमी की दूरी के लिए न्यूनतम 6 रुपये रखा गया है।
इलेक्ट्रिक डबल डेकर बस में बैठने की क्षमता 73 है।
यह सीसीटीवी कैमरों और स्वचालित दरवाजों से लैस है और इसे 80 मिनट में चार्ज किया जा सकता है।
वर्तमान में, परिवहन विभाग के पास विभिन्न आकारों की 45 इलेक्ट्रिक एसी बसें हैं, और इस वर्ष 100 और बसें शामिल की जाएंगी।
इलेक्ट्रिक बसें या SWITCH EiV 22 यात्रियों के लिए नवीनतम तकनीक, अति आधुनिक डिजाइन, उच्चतम सुरक्षा और श्रेष्ठ आरामदायक सुविधाओं का दावा करती है।