1. 2011-2019 के दौरान भारत में अत्यधिक गरीबी में 12.3 प्रतिशत अंक की गिरावट
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विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार भारत में गरीबी 2011 की तुलना में 2019 में 12.3 प्रतिशत कम हुई है।
गरीबी की गणना दर 2011 में 22.5 प्रतिशत से घटकर 2019 में 10.2 प्रतिशत हो गई है।
विश्व बैंक के पालिसी रिसर्च वर्किंग पेपर के अनुसार, शहरी भारत की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी में कमी अधिक हुई है।
2011 से 2019 के दौरान ग्रामीण गरीबी में 14.7 प्रतिशत जबकि शहरी गरीबी में 7.9 प्रतिशत की गिरावट आई है।
अध्ययन में कहा गया है कि छोटे आकार के जोत वाले किसानों ने उच्च आय वृद्धि प्राप्त किया है।
2013 और 2019 में दो सर्वेक्षण दौरों के बीच सबसे छोटी जोत वाले किसानों की वास्तविक आय में वार्षिक रूप से 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि सबसे बड़ी जोत वाले किसानों के लिए 2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
अत्यधिक गरीबी को 1.90 डॉलर प्रति दिन (लगभग 145 रुपये) से कम पर रहने वाले लोगों की संख्या के संदर्भ में मापा गया है।
विश्व बैंक के बारे में
–विश्व बैंक दुनिया भर के अलग-अलग देशों को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करता है।
–इसमें 189 देश और पांच घटक संस्थान शामिल हैं जो गरीबी उन्मूलन और समृद्धि लाने की दिशा में काम करते हैं।
–वर्तमान में, विश्व बैंक के दो घोषित लक्ष्य हैं जिन्हें 2030 तक प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
–पहला लक्ष्य यह है कि प्रतिदिन 1.90 डॉलर से कम पर जीवन यापन करने वाले लोगों की संख्या को घटाकर विश्व की आबादी के 3% से कम करके अत्यधिक गरीबी को समाप्त करना।
–दूसरा, दुनिया के हर देश के निचले 40% हिस्से में आय वृद्धि को बढ़ाकर समग्र समृद्धि में वृद्धि करना।
–मुख्यालय: वाशिंगटन डीसी (यूएसए)
2. मिस्र ने भारत को गेहूं आपूर्तिकर्ता के रूप में मंजूरी दी
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मिस्र, जो यूक्रेन और रूस से गेहूं के सबसे बड़े आयातकों में से एक है, ने भारत को गेहूं आपूर्तिकर्ता के रूप में मंजूरी दे दी है।
मिस्र द्वारा भारत से लगभग दस लाख टन गेहूं प्राप्त करने की संभावना है, जिसमें से 240,000 टन गेहूं अप्रैल में ही प्राप्त हो जाएगा।
मिस्र के अधिकारियों द्वारा भारत में संगरोध सुविधाओं के संबंध में क्षेत्र के दौरे, जाँच के बाद निर्यात को मंजूरी दी गई थी।
टीम ने भारत में उत्पादित गेहूं की गुणवत्ता की जांच करने के लिए मध्य प्रदेश, यूपी और पंजाब में गेहूं के खेतों का दौरा किया।
रूस-यूक्रेन संकट के बाद वैश्विक मांग में वृद्धि के कारण भारत का लक्ष्य वित्त वर्ष 2013 में 10-11 मिलियन टन गेहूं का निर्यात करना है।
भारत का गेहूं निर्यात
भारत का गेहूं निर्यात अप्रैल-जनवरी 2021-22 में बढ़कर 1.74 बिलियन डॉलर हो गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 340.17 मिलियन डॉलर था।
2019-20 में, गेहूं का निर्यात 61.84 मिलियन अमरीकी डालर का था, जो 2020-21 में बढ़कर 549.67 मिलियन अमरीकी डॉलर हो गया।
भारत का गेहूं निर्यात मुख्य रूप से पड़ोसी देशों को होता है, जिसमें बांग्लादेश का सबसे बड़ा हिस्सा 54 प्रतिशत से अधिक है।
3. 43 अरब डॉलर की पेशकश के साथ मस्क ट्विटर को खरीदने की तैयारी में
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एलन मस्क, टेस्ला के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ने ट्विटर को खरीदने की पेशकश की है।
ट्विटर ने 14 अप्रैल को शेयर बाजार को जानकरी दी है कि मस्क ने 13 अप्रैल को उसे एक पत्र भेजा है, जिसमें कंपनी के बाकी शेयरों को खरीदने का प्रस्ताव है।
मस्क ने ट्विटर के प्रत्येक शेयर के लिए 54.20 डॉलर की पेशकश की है। यह पेशकश 43 अरब डॉलर से अधिक होती है।
मस्क ने इस कीमत को अपना अधिकतम और अंतिम प्रस्ताव बताया है।
उल्लेखनीय है कि मस्क के पास इस समय ट्विटर के नौ प्रतिशत से अधिक शेयर हैं। वह कंपनी के सबसे बड़े शेयरधारक हैं।
4. कांगड़ा चाय को मिला यूरोपीय संघ का जीआइ टैग
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हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा चाय यूरोपीय संघ का जीआइ टैग प्राप्त हुआ है। कांगड़ा चाय अपने कई गुणों के कारण बाजार में इसकी काफी मांग है।
इसे वर्ष 2005 में ही भारत का जीआइ टैग मिल चुका है।
हिमाचल प्रदेश में 2311 हेक्टयर भूमि चाय के तहत है।
भौगोलिक संकेत यानी जीआइ टैग किसी विशेष स्थान में उत्पादित वस्तुओं की विशेषता को लेकर मिलता है।
कांगड़ा चाय :
कांगड़ा चाय अपने औषधिक गुणों और सौन्दर्य प्रसाधनों में तेजी से बढ़ते उपयोग के कारण इसका मांग विश्व स्तर पर शीघ्रता से बढ़ा है।
यह समुद्र तल से 900 से 1400 मीटर की ऊंचाई पर चाय उगाई जाती। चाय के लिए वार्षिक बारिश 270 से 350 सेंटीमीटर की आवश्यकता होती है।
5. इजरायल ने विकसित किया विश्व का प्रथम लेजर मिसाइल डिफेंस सिस्टम : आयरन बीम
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इजरायल ने विश्व में पहली बार लेजर मिसाइल डिफेंस सिस्टम का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।
इस मिसाइल डिफेंस सिस्टम का नाम 'आयरन बीम' दिया गया है। इस लेजर आधारित मिसाइल डिफेंस सिस्टम ने मोर्टार, रॉकेट और एंटी टैंक मिसाइलों को अपने एक ही वार में नष्ट कर दिया।
इजरायल के पास आयरन डोम नाम से मिसाइल डिफेंस सिस्टम भी है जो इसके लिए काफी उपयोगी साबित हुई है। ये काफी महँगी रक्षा प्रणाली है।
परन्तु यह आयरन बीम की सबसे अच्छी बात यह है कि इसके एक वार में खर्च केवल 267 रुपये ही आएगा।
6. 'पार्टीगेट' जुर्माने में बोरिस जॉनसन ने इस्तीफे की मांग को ठुकराया
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ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन पर अपनी सरकार के महामारी लॉकडाउन नियमों को तोड़ने के लिए जुर्माना के साथ ही उनपर इस्तीफा देने के लिए दवाव डाला जा रहा है से इनकार कर दिया, यह कहते हुए कि वह इसके बजाय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और यूक्रेन में रूसी आक्रामकता का मुकाबला करने के प्रयासों को दोगुना करेंगे।
लंदन पुलिस ने मिस्टर जॉनसन और अन्य लोगों पर 19 जून, 2020 को डाउनिंग स्ट्रीट कार्यालय में प्रधानमंत्री के जन्मदिन की पार्टी में शामिल होने पर जुर्माना लगाया।
जुर्माने ने मिस्टर जॉनसन को पहला ब्रिटिश प्रधान मंत्री बना दिया, जिन्होंने पद पर रहते हुए कानून तोड़ा था।
7. प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन दिल्ली में
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 14 अप्रैल को दिल्ली के तीन मूर्ति भवन में प्रधानमंत्री संग्रहालय (पीएम म्यूजियम) का उद्घाटन किया गया।
इस संग्रहालय के जरिए देश की आजादी के बाद बने प्रधानमंत्रियों के योगदान के बारे में बताया जाएगा।
इसका उद्देश्य युवा पीढ़ी को सभी भारतीय प्रधानमंत्रियों के नेतृत्व, दूरदर्शिता और उपलब्धियों के बारे में संवेदनशील और प्रेरित करना है।
प्रधानमंत्री संग्रहालय को तीन मूर्ति भवन में बनाया गया है। पूर्व में इसे नेहरू म्यूजियम के नाम से जाना जाता था।
इसे अब प्रधानमंत्री संग्रहालय के तौर पर जाना जाएगा। इसका निर्माण 15,600 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में हुआ है।
8. कैबिनेट ने आरजीएसए को 1 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2026 तक जारी रखने की मंजूरी दी
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आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 13 अप्रैल 2022 को पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) की शासन संबंधी क्षमताओं को विकसित करने के लिए संशोधित केंद्र प्रायोजित योजना-राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) को 01 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2026 की अवधि (15वें वित्त आयोग की अवधि) के दौरान कार्यान्वयन जारी रखने की मंजूरी दे दी है।
इस योजना का कुल वित्तीय परिव्यय 5,911 करोड़ रुपये है, जिसमें केंद्र का हिस्सा 3,700 करोड़ रुपये और राज्य का हिस्सा 2,211 करोड़ रुपये है।
राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए):
ग्राम स्वराज अभियान की शुरुआत 1 अप्रैल, 2018 को की गई। ऐसे गाँवों को लक्षित करता है जहाँ दलित तथा जनजातीय लोगों का आधिक्य है।
इसका लक्ष्य सामाजिक सौहार्द्र को बढ़ाना, गरीबों हेतु चलाए जा रहे सरकारी कार्यक्रमों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना और उन्हें इन योजनाओं के विषय में परिचित कराना है। इस में निम्नलिखित प्रावधान हैं:
इस योजना का विस्तार देश के सभी राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों तक है।
योजना में केंद्र तथा राज्य दोनों घटकों को शामिल किया गया है।
राज्य सरकारों में केंद्र तथा राज्य की हिस्सेदारी क्रमश: 60:40 के अनुपात में होगी।
पूर्वोत्तर तथा पर्वतीय राज्यों में केंद्र-राज्य वित्तपोषण का अनुपात 90:10 होगा। सभी केंद्रशासित प्रदेशों के लिये केंद्रीय हिस्सेदारी 10 प्रतिशत होगी।
9. पेंशनभोगियों और सेवानिवृत्त वृद्ध नागरिकों के लाभ के लिए एकल विंडो पोर्टल की स्थापना की घोषणा
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केंद्रीय मंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंह ने 12 अप्रैल 2022 को पेंशनभोगियों और सेवानिवृत्त वृद्ध नागरिकों के लाभ के लिए एकल विंडो पोर्टल की स्थापना की घोषणा की है।
यह पोर्टल न केवल देश भर में पेंशनभोगियों और उनके संघों के साथ निरंतर संपर्क को सक्षम करेगा, बल्कि त्वरित प्रतिक्रिया के लिए उनके इनपुट, सुझाव और शिकायतें भी नियमित रूप से प्राप्त करेगा।
पोर्टल का उद्देश्य :
कॉमन पेंशन पोर्टल का उद्देश्य पेंशन भोगियों के लिए अपनी शिकायतों को उठाने और व्यक्तिगत रूप से विभिन्न अधिकारियों से संपर्क किए बिना उनका समाधान करने के लिए सिंगल विंडो डिजिटल तंत्र बनाना है।
10. देश के 126 शहरों में 'स्वनिधि से समृद्धि' योजना
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आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) के सचिव मनोज जोशी ने 12 अप्रैल 2022 को राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में 14 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के अतिरिक्त 126 शहरों में 'स्वनिधि से समृद्धि' योजना का शुभारंभ किया।
स्वनिधि से समृद्धि :
'स्वनिधि से समृद्धि', पीएमस्वनिधि की एक अतिरिक्त योजना है जो 4 जनवरी 2021 को चरण-1 में 125 शहरों में शुरू किया गया था, जिसमें लगभग 35 लाख स्ट्रीट वेंडर और उनके परिवार को शामिल किया था।
साथ ही 22.5 लाख की योजनाओं की मंजूरी दी गई है, जिसमें प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना के तहत 16 लाख बीमा लाभ और प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के तहत 2.7 लाख पेंशन लाभ शामिल है।
इस योजना का उद्देश्य न केवल रेहड़ी-पटरी वालों को ऋण देना है, बल्कि उनका समग्र विकास और आर्थिक उत्थान भी करना है।