1. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भारत में निर्मित प्रथम डोर्नियर एयरक्राफ्ट की उड़ान को झंडी दिखाकर रवाना किया
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केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री पेमा खांडू ने पूर्वोत्तर भारत में हवाई अड्डों और एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड्स (एएलजी) को जोड़ने की योजना के तहत 12 अप्रैल 2022 को पहली मेड इन इंडिया उड़ान डॉर्नियर डीओ-228 को झंडी दिखाकर रवाना किया।
इस उड़ान का संचालन असम के डिब्रूगढ़ से अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट और असम के लीलाबारी के लिए होगा।
सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी अलायंस एयर ने भारत में निर्मित डोर्नियर एयरक्राफ्ट के संचालन के लिए रक्षा मंत्रालय के तहत आने वाले केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ एक समझौता किया।
इसके संचालन से देश में हवाई अड्डों की कुल संख्या 140 हो गई है। पूर्वोत्तर में कुल 15 हवाई अड्डे स्थापित हो चुके हैं।
अरुणाचल प्रदेश में छह महीनों के भीतर, 645.63 करोड़ रुपये के बजटीय आवंटन के साथ होलोंगी में एक नए ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे का शुभारम्भ किया जाएगा।
एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इण्डिया के अनुसार, वर्तमान समय देश में 10 कस्टम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे सहित कुल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे 39 (10+29) हैं। जबकि 29 हवाई अड्डे सरकारी नियंत्रण में हैं।
2. यूजीसी, छात्रों को एक साथ दो पूर्णकालिक शैक्षणिक कार्यक्रम करने की अनुमति दी
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विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने अब छात्र-छात्राएं एक साथ दो डिग्री कोर्स करने की अनुमति दे दी है।
- अब यूजीसी ने छात्रों को एक ही समय में दो शैक्षणिक कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने का निर्णय लिया है।
- यूजीसी ने इस सन्दर्भ में बताया कि यह निर्णय राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2022 के अनुरूप है, जो सीखने के लिए कई रास्तों को सुगम बनाने की आवश्यकता पर जोर देता है।
- इससे छात्र-छात्राओं में कई प्रकार के कौशल विकसित हो सकेंगी। इस नए प्रावधान के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड़ का उपयोग किया जाएगा।
- यूजीसी चेयरमैन ने कहा कि यूजीसी ने फिजिकल यूनिवर्सिटी के विभिन्न पाठ्यक्रमों को लेकर छात्रों को उनकी अनोखी क्षमता की पहचान करने में मदद करने के लिए नए दिशा-निर्देश तैयार किए गए हैं। उन्होंने कहा कि यह सभी क्षेत्रों में बहु-विषयक और समग्र शिक्षा प्रदान करेगा।
यूजीसी के दिशा-निर्देश
- एक छात्र फिजिकल मोड में 2 पूर्णकालिक शैक्षणिक कार्यक्रमों को आगे बढ़ा सकता है, यह देखते हुए कि एक कार्यक्रम की कक्षा का समय दूसरे कार्यक्रम के साथ ओवरलैप न हो।
- इसके साथ ही फिजिकल मोड में न केवल दो कोर्स, छात्र फुल-टाइम फिजिकल मोड में एक कोर्स ऑनलाइन या ओपन, डिस्टेंस लर्निंग मोड में कर सकते हैं।
- इसके अलावा छात्र एक ऑनलाइन कार्यक्रम को दूसरे ऑनलाइन कार्यक्रम के साथ भी आगे बढ़ा सकते हैं।
- यूजीसी की वेबसाइट पर 13 अप्रैल 2022 को एक घोषणा के बाद दिशा-निर्देश लागू किए जाएंगे।
एनईपी विजन का भाग
- यूजीसी के अनुसार, छात्रों को एक साथ दो शैक्षणिक डिग्री प्राप्त करने की अनुमति देने के निर्णय के पीछे तर्क उन्हें विविध कौशल हासिल करने में मदद करना है।
- इसका उद्देश्य अंतःविषय अलगाव को तोड़ने के एनईपी के दृष्टिकोण का अनुवाद करना भी है।
- यह देखा जाना शेष है कि अकादमिक और छात्र समुदाय द्वारा प्रस्ताव कैसे प्राप्त किया जाता है।
3. भारत-ऑस्ट्रेलिया समुद्री पेट्रोल टोही विमान (एमपीआरए) का समन्वित संचालन
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भारतीय नौसेना का एक पी8I समुद्री पेट्रोल और टोही विमान ऑस्ट्रेलिया के डार्विन पहुंच गया है। विमान और उसके चालक दल डार्विन में एक समन्वित संचालन करेंगे।
दोनों देशों के पी8 विमान, समुद्री क्षेत्र में जागरूकता बढ़ाने के लिए, पनडुब्बी रोधी युद्ध और सतह निगरानी के लिए एक साथ अभ्यास का संचालन करेंगे।
हाल के दिनों में, समुद्र में द्विपक्षीय और बहुपक्षीय अभ्यासों के माध्यम से दो समुद्री राष्ट्रों के बीच उत्तरोत्तर वृद्धि होते वार्तालाप ने अंतर-संचालन को बढ़ाया है और मित्रता के संबंधों को और मज़बूत बनाया है।
पी8 विमान ने अपनी लंबी दूरी की पहुंच के साथ, मालाबार और एयूएसआईएनडीईएक्स श्रृंखला अभ्यासों के दौरान संयुक्त रूप से संचालन करते हुए अपनी क्षमता का शानदार प्रदर्शन किया हैं, और संचालन प्रक्रियाओं और सूचनाओं को साझा करने में एक समान भूमिका निभाई है।
इंडोनेशिया और उत्तरी ऑस्ट्रेलिया के बीच समुद्री जलक्षेत्र दोनों देशों के लिए पारस्परिक हित का क्षेत्र है, और यह हिंद महासागर क्षेत्र का प्रवेश द्वार भी है।
भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों ही सामरिक हितों को साझा करते हैं और इस क्षेत्र में एक स्वतंत्र और मुक्त भारत-प्रशांत क्षेत्र एवं नियम आधारित व्यवस्था को बढ़ावा देते हैं।
4. विगत सात वर्षों में पेटेंट दाखिल किए जाने की संख्या में 50 % से अधिक वृद्धि हुई
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भारत ने आईपी नवोन्मेषण परितंत्र के संदर्भ में एक उपलब्धि अर्जित की है जिसमें विगत 11 वर्षों में पहली बार, जनवरी-मार्च 2022 के दौरान घरेलू पेटेंट दायर किए जाने की संख्या भारत में अंतरराष्ट्रीय पेटेंट फाइलिंग की संख्या से अधिक हो गई है।
इस दौरान दायर किए गए कुल 19796 पेटेंट आवेदनों में से भारतीय आवेदकों द्वारा 10706 पेटेंट आवेदन दायर किए गए जबकि गैर भारतीयों ने 9090 आवेदन दायर किए।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने भारत में आईपीआर व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए नवोन्मेषण को बढ़ावा देने और अनुपालन बोझ में कमी लाने के जरिये डीपीआईआईटी द्वारा किए गए निरंतर प्रयासों की सराहना की है।
डीपीआईआईटी तथा आईपी कार्यालय के समन्वित प्रयासों के कारण समाज के सभी वर्गों के बीच आईपी जागरूकता में बढ़ोतरी हुई है।
इन प्रयासों के कारण जहां एक तरफ आईपीआर दायर करने की संख्या में वृद्धि हुई है तो वहीं दूसरी तरफ आईपी कार्यालयों में पेटेंट आवेदन की विचाराधीन अवधि में कमी आई है। यह भारत को वैश्विक नवोन्मेषण सूचकांक में शीर्ष 25 देशों में शामिल होने के भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के एक कदम और निकट ले जाएगा।
पिछले कुछ वर्षों में सरकार द्वारा की गई कुछ प्रमुख पहलों ने भारत की आईपी व्यवस्था को मजबूत बनाया है जिसमें ऑनलाइन फाइलिंग पर 10 प्रतिशत की छूट, स्टार्ट-अप्स, छोटी संस्थाओं तथा शैक्षणिक संस्थानों के लिए 80 प्रतिशत शुल्क रियायत तथा अन्य वर्गों के साथ साथ स्टार्ट-अप्स, और एमएसएमई के लिए त्वरित परीक्षा के प्रावधान शामिल हैं।
राष्ट्रीय आईपीआर नीति द्वारा निर्धारित आधारशिला तथा सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की बदौलत भारत ने निम्नलिखित उपलब्धियां अर्जित करने में सफलता प्राप्त की है :
पेटेंट दायर करने की संख्या वित्त वर्ष 2014-15 के 42763 से बढ़ कर वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 66440 तक पहुंच गई जो सात वर्षों की अवधि में 50 प्रतिशत की वृद्धि से अधिक है।
वित्त वर्ष 2014-15 (5978) की तुलना में वित्त वर्ष 2021-22 (30,074) में पेटेंट प्रदान किए जाने की संख्या में लगभग पांच गुनी बढोतरी हुई
विभिन्न प्रौद्योगिकीय क्षेत्रों के लिए पेटेंट की जांच के समय में कमी जिसमें 2016 के दौरान 72 महीनों का समय लगता था जबकि अब 5 से 23 महीनों तक का समय लगता है।
वैश्विक नवोन्मेषण सूचकांक में भारत की रैंकिंग वित्त वर्ष 2015-16 के 81वें स्थान की तुलना में बेहतर होकर 2021 के दौरान 46वें स्थान पर आ गई (35 स्थान ऊपर)।
5. असम विधान सभा में 8वां राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (भारत क्षेत्र) (सीपीए) सम्मेलन
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8वें राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के दो दिवसीय (11 व 12 अप्रैल) क्षेत्रीय सम्मेलन का उद्घाटन 11 अप्रैल 2022 असम विधान सभा में किया गया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिडला ने सम्मेलन को संबोधित किया।
इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिडला ने लोकतंत्र व लोकतांत्रिक व्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए युवाओं और महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का आह्वान किया है।
असम विधानसभा में सम्मेलन को संबोधित करते हुए बिरला ने कहा कि विधायिकाओं का मूल दायित्व ही समाज के वंचित और आकांक्षी वर्गों का सामाजिक-आर्थिक विकास सुनिश्चित करना है।
श्री बिडला ने इस बात पर जोर दिया कि पीएम मोदी के प्रयास से भारत में आकांक्षी वर्ग की बेहतरी के लिए विशेष प्रयास हो रहे हैं।
आकांक्षी जिलों को चिह्नित कर वंचित वर्गों के सर्वांगीन विकास के लिए योजनाएं बनाई गई हैं।
6. हेलीना मिसाइल का सफल परीक्षण, अब अंधेरे में भी दुश्मन के टैंक पर लगा सकती है सटीक निशाना
भारत ने 11 अप्रैल को एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल हेलीना का सफल परीक्षण किया है। इस मिसाइल का परीक्षण एडवांस्ड लाइट हेलीकाप्टर द्वारा लद्दाख के ऊंचाई वाले क्षेत्र में किया गया, जो पुर्णतः सफल रहा है।
ये मिसाइल फायर एंड फारगेट सिद्धांत पर कार्य करती है। इसका अर्थ है कि इसको लान्च करने के बाद में भूल जाओ, क्योंकि ये अपने लक्ष्य तक पहुंचने में सक्षम हैं।
यह मिसाइल इंफ्रारेड इमेजिंग सिस्टम पर कार्य करती है।
टेस्ट के दौरान इस मिसाइल ने एक सिम्युलेटेड टैंक पर अचूक निशाना लगाया। इस मिसाइल को एडवांस्ड लाइट हेलीकाप्टर से लान्च किया गया था।
भारत के पास एक और एंटी टैंक मिसाइल है जिसका नाम है नाग। ये दोनों ही मिसाइल हेलीकाप्टर से दागी जा सकती हैं और दोनों की ही रेंज सात किमी है।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार डीआरडीओ, भारतीय वायु सेना और सेना ने मिलकर इस परिक्षण को अंजाम दिया है।
मिसाइल की विशेषताएँ:
इसको किसी भी मौसम में दागा जा सकता है।
ये मिसाइल रात के अंधेरे में भी सटीक निशाना लगाने में सक्षम है और दुश्मन के टैंक नष्ट कर सकती है।
ये दो तरह से दुश्मन के टैंक को निशाना बनाने में सक्षम हैं। एक ये उसको सीधा मार सकती है और दूसरा टाप अटैक मोड में टैंक को निशाना बना सकती है।
भारत ने हाल ही में 101 ऐसे हथियारों और सिस्टम की कुल तीसरी सूची जारी की है जिसको अन्य देशों से आयात करने पर रोक लगाई गई है। ये रोक अगले पांच वर्षों तक है। भारत का ऐसा करने के पीछे उद्देश्य स्वयं को रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है।
7. नीति आयोग का ऊर्जा जलवायु सूचकांक
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नीति आयोग ने राज्य ऊर्जा एवं जलवायु सूचकांक - चक्र 1 (एसईसीआई) जारी किया है जिसमें गुजरात ने बड़े राज्यों में शीर्ष स्थान प्राप्त किया जबकि, छोटे राज्यों की सूचि में गोवा को शीर्ष स्थान प्राप्त हुआ है।
यह सूचकांक कई संकेतकों के आधार पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की तुलना करता है और उन्हें ऊर्जा संक्रमण के लिए प्रोत्साहित करेगा।
नीति आयोग के इस सूचकांक का उद्देश्य छह मानकों पर राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों के प्रदर्शन के आधार पर रैंकिंग करना है, जिसमें विद्युत वितरण कंपनियों का प्रदर्शन, ऊर्जा दक्षता और ऊर्जा की पहुंच शामिल हैं।
आयोग की रिपोर्ट के अनुसार गुजरात के बाद क्रमशः केरल और पंजाब का स्थान है। इस सूची में छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और झारखंड जैसे राज्यों को सबसे पीछले पायदान पर रखा गया है।
इस सूचकांक में छोटे राज्यों में गोवा सबसे शीर्ष पर है। उसके बाद क्रमशः त्रिपुरा और मणिपुर का स्थान है।
एसईसीआई चक्र-1 का उद्देश्य छह मानकों पर राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों की रैंकिंग करना है। इन छह मानकों को निम्न बिन्दुओं में देखा जा सकता है:
विद्युत वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) का प्रदर्शन,
ऊर्जा की पहुंच, वहनीयता तथा विश्वसनीयता,
स्वच्छ ऊर्जा पहल,
ऊर्जा दक्षता,
टिकाऊ पर्यावरण तथा
नई पहल शामिल हैं।
इन मानकों में कुल 27 संकेतकों को शामिल किए गए हैं।
राज्य और केंद्रशासित प्रदेश सूचकांक का उपयोग करके अपने मानक की तुलना कर सकेंगे और बेहतर नीति व्यवस्था विकसित करने में सक्षम होंगे।
केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) में चंडीगढ़ सबसे ऊपर है। इसके बाद क्रमशः दिल्ली और दमन तथा दीव / दादरा तथा नगर हवेली हैं।
डिस्कॉम प्रदर्शन के अनुसार बड़े राज्यों में पंजाब को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है, जबकि ऊर्जा की पहुंच, वहनीयता तथा विश्वसनीयता श्रेणी में केरल शीर्ष पर रहा।
इसी तरह बड़े राज्यों में स्वच्छ ऊर्जा पहल श्रेणी में हरियाणा और ऊर्जा दक्षता श्रेणी में तमिलनाडु का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा है। यह सूचकांक 2019-20 के आंकड़ों पर आधारित है।
नीति आयोग की प्रशासनिक संरचना
अध्यक्ष: प्रधानमंत्री
उपाध्यक्ष: प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त वर्त्तमान में राजीव कुमार
संचालन परिषद: सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्रशासित प्रदेशों के उपराज्यपाल।
क्षेत्रीय परिषद: विशिष्ट क्षेत्रीय मुद्दों को संबोधित करने के लिये प्रधानमंत्री या उसके द्वारा नामित व्यक्ति मुख्यमंत्रियों और उपराज्यपालों की बैठक की अध्यक्षता करता है।
तदर्थ सदस्यता: अग्रणी अनुसंधान संस्थानों से बारी-बारी से 2 पदेन सदस्य।
पदेन सदस्यता: प्रधानमंत्री द्वारा नामित केंद्रीय मंत्रिपरिषद के अधिकतम चार सदस्य।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO): भारत सरकार का सचिव जिसे प्रधानमंत्री द्वारा एक निश्चित कार्यकाल के लिए नियुक्त किया जाता है।
विशेष आमंत्रित: प्रधानमंत्री द्वारा नामित विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ।
8. भारत-यूएस 2+2 मंत्रिस्तरीय संवाद
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भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका 11 अप्रैल 2022 को संयुक्त राज्य अमेरिका में चौथा 2+2 मंत्रिस्तरीय संवाद आयोजित किया।
चौथा 2+2 मंत्रिस्तरीय संवाद का आयोजन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर के मध्य क्रमशः अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ आयोजित की गई।
भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका ने जून 2017 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान 2+2 संवाद आरंभ करने का निर्णय लिया था।
इस सन्दर्भ में पहली बैठक सितंबर 2018 में आयोजित की गई थी।
भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान के मध्य भी 2+2 बैठक आयोजित किया जाता है।
संयुक्त राज्य अमेरिका में विदेश मंत्री को राज्य सचिव कहा जाता है और रक्षा मंत्री को रक्षा सचिव कहा जाता है।
9. प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बिडेन ने वर्चुअल समिट किया
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भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच 2 + 2 संवाद से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन के साथ 11 अप्रैल 2022 को एक आभासी शिखर बैठक की।
इनके मध्य यूक्रेन और रूस की वर्तमान स्थिति उनकी चर्चा का मुख्य एजेंडा था। क्वाड देशों के समूह में केवल भारत ने रूस की निंदा नहीं की है और न ही कोई प्रतिबंध लगाया है। अन्य क्वाड सदस्यों जैसे अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान ने यूक्रेन पर हमले के लिए रूस पर प्रतिबंध लगाए हैं।
संयुक्त राज्य अमेरिका चाहता है कि भारत यूक्रेन पर हमले के लिए रूस की निंदा करे, रूसी कंपनियों से कोई तेल न खरीदे, और यूक्रेन के विरुद्ध युद्ध रोकने के लिए रूसी राष्ट्रपति पुतिन पर दबाव डाले।
भारत के रूस के साथ बहुत करीबी संबंध रहे हैं और इसके लगभग 60 से 70% रक्षा उपकरण रूसी मूल के हैं। रूस ने अतीत में भी कश्मीर जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों और पाकिस्तान के विरुद्ध भारत का समर्थन किया है।
भारत ने अब तक संयुक्त राष्ट्र में रूस विरोधी हर प्रस्ताव से परहेज किया है और इस मुद्दे पर तटस्थ रहा है।
राष्ट्रपति बिडेन ने यूक्रेन के लोगों के लिए भारत के मानवीय समर्थन का स्वागत किया और रूसी आक्रमण को "भयानक हमला" कहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत "रूसी युद्ध के अस्थिर प्रभावों का प्रबंधन करने के तरीके पर निकट परामर्श" जारी करने जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन को भारत द्वारा दी जाने वाली मानवीय सहायता पर प्रकाश डाला और यूक्रेन के बुचा शहर में रूसी सैनिकों द्वारा कथित तौर पर नागरिकों की हत्या की निंदा की है।
10. शहबाज शरीफ पाकिस्तान के नए प्रधान मंत्री चुने गए
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पाकिस्तान की संसद ने 70 वर्षीय शहबाज़ शरीफ़ को 11 अप्रैल 2022 को पाकिस्तान के 23वें प्रधानमंत्री के रूप में चुना है। उन्होंने नेशनल असेंबली के निचले सदन के कुल 342 में से 174 वोट प्राप्त किए। वह पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) के नेता हैं।
उन्हें अन्य उम्मीदवार के रूप में निर्विरोध चुना गया, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी ने मतदान का बहिष्कार किया और वाकआउट किया इसके बाद पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भी मतदान का बहिष्कार किया।
इमरान खान समर्थित राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के छुट्टी पर जाने के बाद शरीफ को सीनेट के अध्यक्ष सादिक संजारानी ने पद की शपथ दिलाई।
सहबाज शरीफ पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के छोटे भाई हैं। वह तीन बार पाकिस्तानी पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
इमरान खान की पार्टी पीटीआई के 100 सदस्यों ने बाद में पीटीआई नेता इमरान खान सरकार को हटाने के विरोध में नेशनल असेंबली से इस्तीफे की घोषणा की। इमरान खान ने देशव्यापी विरोध का आह्वान किया है और देश में जल्द चुनाव कराने का आह्वान किया है।
10 अप्रैल 2022 को पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद इमरान खान सरकार को इस्तीफा देना पड़ा था।
इमरान खान ने आरोप लगाया कि चीन और रूस का समर्थन करने की उनकी नीति और अफगानिस्तान में तालिबान के विरुद्ध ऑपरेशन के लिए अमेरिकी सैन्य ठिकानों की मांग को न मानने के कारण अमेरिका उन्हें पद से हटाना चाहता था। अमेरिका ने इस तरह के आरोपों से इनकार किया है।
देश में गंभीर आर्थिक संकट और आवश्यक दैनिक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों के कारण पाकिस्तान में इमरान खान सरकार तेजी से अलोकप्रिय होती जा रही थी।
पाकिस्तान में किसी भी प्रधानमंत्री ने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया है। इमरान खान एकमात्र ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्हें अपनी सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद इस्तीफा देना पड़ा है।
परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण
पाकिस्तान संसद का नाम: मजलिस ई-शूरा कहा जाता है
इसमें दो सदन होते हैं। ऊपरी सदन को सीनेट और निचले सदन को नेशनल असेंबली कहा जाता है।
पाकिस्तान के राष्ट्रपति: आरिफ अल्वी
राजधानी: इस्लामाबाद
मुद्रा: पाकिस्तानी रुपया