1. भारत का सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन पुणे सिविल कोर्ट में बनाया जाएगा
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पुणे शहर जल्द ही देश के सबसे गहरे भूमिगत मेट्रो स्टेशन बनाने का गौरव हासिल करेगा।
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पुणे का सिविल कोर्ट इंटरचेंज स्टेशन 95 फीट की छत के साथ 108.59 फीट गहरा होगा।
इसका उपयोग पिंपरी-चिंचवाड़-स्वारगेट मार्ग पर एक भूमिगत स्टेशन, वनज-रामवाड़ी मार्ग पर एक ऊंचा मार्ग और हिंजेवाड़ी-शिवाजीनगर लाइन के लिए एक इंटरचेंज सुविधा के रूप में किया जाएगा।
मेट्रो फरवरी 2023 में बनकर तैयार होगी और मार्च में शुरू होगी।
स्टेशन की छत इतनी ऊंची होगी कि प्राकृतिक धूप सिविल कोर्ट स्टेशन के फर्श पर पड़ेगी। इस तरह की अनूठी विशेषता वाला यह एकमात्र स्टेशन होगा।
स्टेशन को एक व्यावसायिक परिसर के रूप में विकसित किया जा रहा है जिसमें एक बस स्टेशन भी होगा।
स्टेशन इतना बड़ा होगा कि इसे पूरी तरह ढकने के लिए 18 एस्केलेटर की जरूरत होगी।
पुणे मेट्रो सिविल कोर्ट स्टेशन पर सात एंट्री-एग्जिट गेट लगाए जाएंगे।
रेलवे लाइन के अलावा पुणे मेट्रो का मुख्यालय भी स्टेशन पर बनाया जाएगा।
2. वायनाड सभी आदिवासियों को बुनियादी दस्तावेज प्रदान करने वाला देश का पहला जिला बना
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केरल का वायनाड जिला सभी आदिवासियों को आधार कार्ड, राशन कार्ड, जन्म/मृत्यु प्रमाण पत्र, चुनाव पहचान पत्र, बैंक खाते और स्वास्थ्य बीमा जैसी बुनियादी दस्तावेज और सुविधाएं प्रदान करने वाला भारत का पहला जिला बन गया है।
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वायनाड जिला प्रशासन ने अक्षय बिग कैंपेन फॉर डॉक्यूमेंट डिजिटाइजेशन (एबीसीडी) अभियान के हिस्से के रूप में 64,670 आदिवासी लाभार्थियों को 1,42,563 सेवाएं प्रदान करके यह उपलब्धि हासिल की है।
एबीसीडी अभियान के माध्यम से 15,796 परिवारों को राशन कार्ड, 31,252 को आधार कार्ड, 11,300 को जन्म प्रमाण पत्र, 22,488 को मतदाता पहचान पत्र और 22,888 व्यक्तियों को डिजिटल लॉकर की सुविधा प्रदान की गई है।
यह अभियान नवंबर 2021 में थोंडारंडु ग्राम पंचायत से अनुसूचित जनजाति समुदायों के सभी नागरिकों के लिए बुनियादी दस्तावेज सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था।
केरल अन्य क्षेत्रों में भी प्रथम -
हाल ही में केरल डिजिटल बैंकिंग सेवा को सक्षम करने वाला पहला राज्य घोषित किया गया I
हाल ही में केरल का निर्वाचन क्षेत्र धर्मदम भारत का पहला पूर्ण पुस्तकालय निर्वाचन क्षेत्र बन गया है।
हाल ही में केरल का कोल्लम जिला देश का पहला संविधान साक्षर जिला बन गया है।
हाल ही में केरल के एर्नाकुलम जिले के अलुवा में भारत के पहले कार्बन न्यूट्रल फार्म का उद्घाटन किया।
हाल ही में केरल संपूर्ण राज्य में सोने की एक समान कीमत लागू करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है।
हाल ही में केरल देश का पहला और इकलौता ऐसा राज्य बन गया है, जिसके पास खुद की इंटरनेट सेवाएं हैं।
3. मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा का स्थापना दिवस
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21 जनवरी को तीन पूर्वोत्तर राज्यों त्रिपुरा, मणिपुर और मेघालय का स्थापना दिवस मनाया जा रहा है।
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त्रिपुरा, मणिपुर और मेघालय को पूर्वोत्तर क्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम, 1971 के तहत 21 जनवरी, 1972 को पूर्ण राज्य का दर्जा प्रदान किया गया था।
मणिपुर का भारत में विलय:
21 सितम्बर 1949 को हुई विलय संधि के बाद 15 अक्टूबर 1949 से मणिपुर भारत का अंग बना था।
मणिपुर को 1956 में केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था I
त्रिपुरा का भारत में विलय:
त्रिपुरा 15 नवंबर, 1949 को भारतीय संघ में विलय होने से पहले तक एक रियासत थी।
17 मई, 1947 को त्रिपुरा के अंतिम महाराजा बीर बिक्रम सिंह की मृत्यु के बाद महारानी कंचनप्रभा (महाराजा बीर बिक्रम की पत्नी) ने त्रिपुरा राज्य का प्रतिनिधित्व किया और उसे भारत में विलय किया।
मेघालय का भारत में विलय:
गारो एवं खासी क्षेत्र के शासकों ने वर्ष 1947 में भारतीय संघ में प्रवेश किया था।
मेघालय असम के भीतर ही असम पुनर्गठन (मेघालय) अधिनियम, 1969 के तहत स्वायत्त राज्य बनाया गया था।
4. राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन ने भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम में सबसे बड़ी मानव लाल रिबन श्रृंखला बनाई
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19 जनवरी 2023 को ओडिशा राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी ने राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (NACO) के नेतृत्व में खेल और युवा सेवा विभाग और हॉकी इंडिया के समन्वय से एचआईवी एड्स पर एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया।
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इस कार्यक्रम में भुवनेश्वर, ओडिशा के कलिंगा स्टेडियम की ईस्ट गैलरी में 'सबसे बड़ी मानव लाल रिबन श्रृंखला' बनाई गई।
इस आयोजन में विभिन्न स्कूलों के 4,800 छात्र, कॉलेजों के रेड रिबन क्लब के सदस्य, नागरिक समुदाय और मिशन शक्ति विभाग के प्रतिभागी शामिल थे।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार ओडिशा में 0.14% के वयस्क प्रसार और एचआईवी के साथ रहने वाले (पीएलएचआईवी) अनुमानित 52,108 लोगों के साथ राज्य में एचआईवी का प्रसार कम है।
2030 तक सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरे के रूप में एड्स को समाप्त करने के लिए सतत विकास लक्ष्य 3.3 निर्धारित किया गया है।
इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के नेतृत्व में दी जाने वाली सेवाओं के बारे में आम जनता के साथ-साथ ओडिशा में उच्च जोखिम वाले समूहों के बीच जागरूकता गतिविधियों को मजबूत किया जा रहा है।
राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (NACO)
1992 में स्थापित NACO भारत के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय का एक प्रभाग है जो 35 एचआईवी/एड्स रोकथाम और नियंत्रण समितियों के माध्यम से भारत में एचआईवी/एड्स नियंत्रण कार्यक्रमों को नेतृत्व प्रदान करता है।
औषध नियंत्रण प्राधिकरणों के साथ-साथ, NACO ब्लड बैंक लाइसेंसिंग, रक्तदान गतिविधियों, और ट्रांसफ्यूज़न ट्रांसमिटेड संक्रमण परीक्षण और रिपोर्टिंग की संयुक्त निगरानी भी प्रदान करता है।
NACO भी भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) - राष्ट्रीय चिकित्सा सांख्यिकी संस्थान (NIMS) के सहयोग से द्विवार्षिक (प्रत्येक 2 वर्ष) में एचआईवी अनुमान लगाता है।
5. कोल्लम भारत का पहला संविधान साक्षर जिला बना
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एक उल्लेखनीय उपलब्धि के रूप में, केरल का कोल्लम जिला देश का पहला संविधान साक्षर जिला बन गया है।
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इसकी घोषणा 15 जनवरी को केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कोल्लम में वित्त मंत्री केएन बालगोपाल की अध्यक्षता में एक समारोह में की।
जिले की यह उपलब्धि देश के कानूनों और नागरिकों के अधिकारों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए कोल्लम जिला पंचायत, जिला योजना समिति और केरल स्थानीय प्रशासन संस्थान (केएलए) द्वारा संयुक्त रूप से शुरू किए गए सात महीने लंबे संविधान साक्षरता अभियान का परिणाम है।
नागरिक संविधान साक्षरता अभियान
संविधान की मूल बातों के बारे में केरल के कोल्लम जिले के निवासियों को शिक्षित करने के लिए यह अभियान शुरू किया गया है।
इसका उद्देश्य कोल्लम जिले को संवैधानिक रूप से साक्षर जिला बनाना है।
इस अभियान के तहत जिले के सात लाख से अधिक परिवारों को संविधान के मूल सिद्धांतों पर शिक्षित किया जा रहा है।
अभियान के हिस्से के रूप में, कोल्लम की 10 वर्ष से अधिक आयु की पूरी आबादी को संविधान की प्रस्तावना और दस्तावेज़ की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, इसके मूल सिद्धांतों, नागरिकों के मौलिक अधिकारों और कानूनी उपायों के बारे में बताया गया है।
अभियान के तहत प्रत्येक नगर पालिका से लगभग 20 से 25 व्यक्तियों और प्रत्येक ग्राम पंचायत से 10 से 15 व्यक्तियों को प्रशिक्षण के लिए चुना जाता है और उन्हें सीनेटर कहा जाता है।
6. एनटीपीसी आरईएल ने नवीकरणीय ऊर्जा विकास में सहयोग के लिए त्रिपुरा सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
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16 जनवरी, 2023 को नई दिल्ली में एनटीपीसी नवीकरणीय ऊर्जा लिमिटेड (एनटीपीसी आरईएल) ने त्रिपुरा सरकार के साथ राज्य में फ्लोटिंग और ग्राउंड माउंटेड आधारित नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के विकास के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
इस समझौता ज्ञापन पर एनटीपीसी आरईएल की ओर से मुख्य महाप्रबंधक राजीव गुप्ता और त्रिपुरा की ओर से नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी के महानिदेशक व सीईओ श्री महानंद देबबर्मा ने हस्ताक्षऱ किए।
यह समझौता ज्ञापन त्रिपुरा में बड़े आकार की नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और यह त्रिपुरा सरकार को अपनी स्वच्छ ऊर्जा प्रतिबद्धताओं व दायित्वों को पूरा करने में सहायता करेगा।
त्रिपुरा के बारे में
राजधानी - अगरतला
राज्यपाल - सत्यदेव नारायण आर्य
मुख्यमंत्री - माणिक साह
राजकीय पक्षी - हरा शाही कबूतर (डुकुला ऐनिया)
राजकीय वृक्ष - आगर (एक्विलारिया मैलाकेंसिस)
राजकीय पुष्प - नागेश्वर (मेसुआ फेरिया)
सीमाएँ - बांग्लादेश, मिजोरम और असम।
7. माघी मेला महोत्सव
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पंजाब में 14 जनवरी से माघी मेला पर्व मनाया जा रहा है।
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1705 में खिदराना की लड़ाई में मुगलों से लड़ते हुए मारे गए 40 सिख योद्धाओं की याद में सदियों से पंजाब के श्री मुक्तसर साहिब शहर में माघी मेला मनाया जाता है।
इस युद्ध के बाद ही खिदराना का नाम मुक्तसर या मुक्ति कुंड रखा गया।
माघी मेला के बारे में
माघी मेला पवित्र शहर श्री मुक्तसर साहिब में हर साल जनवरी में या नानकशाही कैलेंडर के अनुसार माघ के महीने में आयोजित किया जाता है।
यह सिखों के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है।
यह त्योहार मुगलों के खिलाफ लड़ाई में 40 सिख सैनिकों की शहादत का प्रतीक है।
1700 के दशक में, मुगल और सिख एक दूसरे के साथ लगातार युद्धरत थे।
खिदराना युद्ध तब शुरू हुआ जब 1704 में, मुगलों द्वारा आनंदपुर साहिब की घेराबंदी के दौरान, 40 सिख सैनिक अपने पदों को छोड़कर भाग गए।
खिदराना की लड़ाई के बारे में
1704 में, मुगलों द्वारा आनंदपुर साहिब की घेराबंदी के दौरान, 40 सिख सैनिकों ने अपने पद छोड़ दिए और भाग गए।
अमृतसर के पास उनके गाँव में पहुँचने पर, माई भागो नाम की एक महिला ने उन्हें डांटा और अपने गुरु की सेवा में आनंदपुर साहिब लौटने के लिए सेनानियों को ललकारा।
माई भागो के साथ हौसले से प्रेरित सैनिकों ने गुरु गोबिंद सिंह की मदद करने के लिए आनंदपुर साहिब की ओर प्रस्थान किया।
वे खिदराना में गुरु गोबिंद सिंह से मिले जहां मुगल सेना से उनका का सामना हुआ और इस प्रक्रिया में अपने प्राणों की आहुति दी।
8. अंधता नियंत्रण नीति लागू करने वाला राजस्थान पहला राज्य बना
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राजस्थान सरकार ने 13 जनवरी को अंधता नियंत्रण नीति लागू की है। ‘राइट टू साइट विजन’ के उद्देश्य के साथ यह नीति लागू करने वाला राजस्थान देश का ‘पहला राज्य’ है।
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यह प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदेश में निरोगी राजस्थान की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में एक अभिनव पहल है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दिशा-निर्देश पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा अंधता निवारण नीति का दस्तावेज सार्वजनिक किया गया।
राज्य में तीन लाख से अधिक दृष्टिबाधिता से पीड़ित लोगों के जीवन में रोशनी लाने के उद्देश्य से इस नीति को लागू किया गया है।
देश में वर्ष 2020 में अंधता प्रसार दर 1.1 प्रतिशत थी, जिसे ‘राइट टू साइट विजन’ नीति के द्वारा 0.3 प्रतिशत तक लाने की दिशा में कार्य किया जाएगा।
राज्य सरकार की इस नीति के तहत सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में अनिवार्य रूप से ‘केराटोप्लास्टी सेंटर’ और आई बैंक संचालित किए जाएंगे।
इस नीति के तहत वित्तीय सहायता प्राप्त करने वाले निजी संगठनों और गैर सरकारी संगठनों द्वारा एकत्रित कॉर्निया को प्राथमिकता के आधार पर सरकारी संस्थानों को उपलब्ध कराया जाएगा।
नीति के तहत जिलों में इस क्षेत्र में कार्यरत स्वयंसेवी संस्थाओं, ट्रस्ट, अस्पतालों एवं अन्य चैरिटेबल संस्थाओं के साथ मिलकर प्रयास किए जाएंगे।
निजी संस्थाओं को साथ लेकर व्यापक स्तर पर नेत्रदान के लिए मुहिम चलाई जाएगी।
नेत्र विशेषज्ञ, नेत्र सर्जन, स्नातकोत्तर के विद्यार्थी, नेत्रदान के लिए कार्यरत काउंसलर एवं नेत्र सहायक आदि को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।
9. माघ बिहू या भोगली बिहू महोत्सव
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केंद्रीय जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने 15 जनवरी को माघ बिहू या भोगली बिहू उत्सव के हिस्से के रूप में गुवाहाटी में पारंपरिक असमिया मेजी (अलाव) जलाई।
माघ बिहू या भोगली बिहू महोत्सव के बारे में
भोगली बिहू जिसे माघ बिहू के नाम से भी जाना जाता है, असम के हर प्रांत में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।
यह किसानों का त्योहार है। यह जनवरी के मध्य में 'माघ' महीने में मनाया जाता है।
वार्षिक फसल होने के बाद इसे सामुदायिक दावतों के साथ मनाया जाता है।
इस त्योहार का मुख्य आकर्षण भोजन है। 15 जनवरी को पड़ने वाली 'भोगली बिहू' से पहले की रात को 'उरुका' कहा जाता है जिसका अर्थ है दावतों की रात।
ग्रामीण बांस की झोपड़ियाँ बनाते हैं जिन्हें 'भेलाघोर' या सामुदायिक रसोई कहा जाता है जहाँ वे त्योहार की तैयारियों के साथ शुरुआत करते हैं।
इस त्योहार को मनाने के लिए तिल, गुड़ (गन्ने से काली चाशनी) और नारियल से सब्जियों, मांस और मिठाइयों जैसे पिठा और लारू से बने विभिन्न व्यंजन बनाए जाते हैं।
यह त्योहार एक सप्ताह तक मनाया जाता है। यह गायन, नृत्य, दावत और अलाव द्वारा मनाया जाता है।
उत्सव के रीति-रिवाजों के अनुसार, लोग भेलाघोर में दावत के लिए तैयार भोजन खाते हैं और फिर अगली सुबह झोपड़ियों को जला देते हैं।
इस दिन भारत के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न त्योहारों जैसे पोंगल (तमिलनाडु), माघी (पंजाब) और उत्तरायण (गुजरात) के रूप में सूर्य देव की पूजा की जाती है।
10. IAS ‘शांति कुमारी’ बनी तेलंगाना की पहली महिला मुख्य सचिव
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तेलंगाना हाई कोर्ट के आदेश के बाद 1989 बैच की आईएएस अधिकारी ए. शांति कुमारी को तेलंगाना का मुख्य सचिव नियुक्त किया गया।
शांति कुमारी तेलंगाना में मुख्य सचिव का पद संभालने वाली पहली महिला बन गयी है।
उन्होंने इससे पहले मुख्य सचिव रहे सोमेश कुमार का स्थान लिया है।
मुख्य सचिव के रूप में नियुक्ति से पहले आईएएस अधिकारी ए. शांति कुमारी स्पेशल मुख्य सचिव, वन का पद संभाल रही थीं।
ए. शांति कुमारी समुद्री जीव विज्ञान में स्नातकोत्तर हैं।
अपनी तीन दशकों की सेवा के दौरान शांति कुमारी ने शिक्षा, स्वास्थ्य, गरीबी उन्मूलन, कौशल विकास और वन विभागों में विभिन्न पदों पर काम किया।
तेलंगाना के बारे में -
यह 2 जून 2014 को बनने वाला 29वां राज्य (अब भारत में 28 राज्य हैं) था। इसे आंध्र प्रदेश से अलग किया गया था।
तेलंगाना क्षेत्र 17 सितंबर 1948 से 1 नवंबर 1956 तक हैदराबाद राज्य का हिस्सा था, बाद में इसे आंध्र प्रदेश राज्य बनाने के लिए आंध्र राज्य में मिला दिया गया।
राजधानी: हैदराबाद
जिला :33
मुख्यमंत्री - के. चंद्रशेखर राव
राज्यपाल: डॉ तमिलिसाई सुंदरराज