1. एफएसडीसी की 26वीं बैठक मुंबई में आयोजित
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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 15 सितंबर 2022 को मुंबई में वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी) की 26वीं बैठक की अध्यक्षता की।
बैठक, जिसमें विभिन्न वित्तीय क्षेत्र के नियामकों के प्रमुख शामिल थे, ने महत्वपूर्ण वित्तीय मुद्दों पर चर्चा की जो देश के वित्तीय क्षेत्रों और इसकी स्थिरता को प्रभावित कर सकते हैं।
महत्वपूर्ण तथ्य -
वित्तीय मुद्दों पर चर्चा :
- बैठक में अर्थव्यवस्था के लिए प्रारंभिक चेतावनी संकेतक और उनसे निपटने के लिए भारत की तैयारी, मौजूदा वित्तीय / क्रेडिट सूचना प्रणाली की दक्षता में सुधार, वित्तीय बाजार अवसंरचना सहित व्यवस्थित रूप से महत्वपूर्ण वित्तीय संस्थानों में शासन और प्रबंधन के मुद्दों, वित्तीय क्षेत्र में साइबर सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने पर चर्चा की।
बैठक में शामिल थे :
- डॉ. भागवत किशनराव कराड, वित्त राज्य मंत्री;
- पंकज चौधरी, वित्त राज्य मंत्री;
- डॉ. टी. वी. सोमनाथन, वित्त सचिव और सचिव, व्यय विभाग, वित्त मंत्रालय;
- श्री अजय सेठ, सचिव, आर्थिक कार्य विभाग, वित्त मंत्रालय;
- श्री तरुण बजाज, सचिव, राजस्व विभाग, वित्त मंत्रालय; श्री संजय मल्होत्रा, सचिव, वित्तीय सेवा विभाग, वित्त मंत्रालय;
- डॉ. वी अनंत नागेश्वरम, मुख्य आर्थिक सलाहकार, वित्त मंत्रालय;
वित्तीय क्षेत्र के नियामकों के प्रमुख :
- शक्तिकांत दास, गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक;
- माधबी पुरी बुच, अध्यक्ष, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड;
- देबाशीष पांडा, अध्यक्ष, भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण;
- सुप्रतिम बंद्योपाध्याय, अध्यक्ष, पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण;
- रवि मित्तल, अध्यक्ष, भारतीय दिवाला और दिवालियापन बोर्ड,
- इंजेती श्रीनिवास, अध्यक्ष, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण, और
- एफएसडीसी के सचिव, आर्थिक मामलों के विभाग, वित्त मंत्रालय।
वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी) :
- यह "वित्तीय क्षेत्र सुधार" पर गठित रघु राम राजन समिति की सिफारिश पर स्थापित किया गया था।
- एफएसडीसी की स्थापना भारत सरकार द्वारा 2010 में की गई थी।
एफएसडीसी का उद्देश्य :
- यह वित्तीय स्थिरता बनाए रखने, अंतर-नियामक समन्वय को बढ़ाने और वित्तीय क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने के लिए तंत्र को मजबूत और संस्थागत बनाने के लिए स्थापित किया गया था।
एफएसडीसी का कार्य :
- परिषद बड़े वित्तीय समूहों के कामकाज सहित अर्थव्यवस्था के विवेकपूर्ण पर्यवेक्षण की निगरानी करती है, और अंतर-नियामक समन्वय और वित्तीय क्षेत्र के विकास के मुद्दों को निर्देशित करती है।
- यह वित्तीय साक्षरता और वित्तीय समावेशन पर भी ध्यान केंद्रित करता है।
अतिरिक्त जानकारी -
एफएसडीसी की उप-समिति :
- एफएसडीसी उप-समिति का गठन भी गवर्नर, आरबीआई की अध्यक्षता में किया गया है।
- एफएसडीसी के सभी सदस्य उप-समिति के सदस्य भी हैं।
- आरबीआई के चारों डिप्टी गवर्नर भी उप-समिति के सदस्य होतें हैं।
परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण फूल फॉर्म :
- एफएसडीसी/FSDC : फाइनेंसियल स्टेबिलिटी एंड डेवलपमेंट कौंसिल
2. नई दिल्ली में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन, आंगन 2022
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तीन दिवसीय (14-16 सितंबर) अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आंगन 2022 (ऑगमेंटिंग नेचर बाय ग्रीन अफोर्डेबल न्यू-हैबिटेट) नई दिल्ली में आयोजित किया गया था।
महत्वपूर्ण तथ्य -
- अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (बीईई) और इंडो-स्विस बिल्डिंग एनर्जी एफिशिएंसी प्रोजेक्ट द्वारा किया गया है।
- आंगन 2022 का उद्देश्य भारत को नेट जीरो एनर्जी और लो कार्बन बिल्डिंग की ओर ले जाने वाले विभिन्न विषयगत ट्रैक पर विचार-विमर्श करना है।
- भारत ने 2070 तक शुद्ध कार्बन शून्य बनने के लिए खुद को प्रतिबद्ध किया है। विश्व स्तर पर, 40% ऊर्जा की खपत इमारतें करती हैं और कार्बन उत्सर्जन के 1/3 के लिए जिम्मेदार हैं।
- सम्मेलन का विषय : इमारतों में शून्य-कार्बन संक्रमण बनाना
- इंडो-स्विस बिल्डिंग एनर्जी एफिशिएंसी प्रोजेक्ट (बीईईपी) बिजली मंत्रालय, भारत सरकार और स्विस परिसंघ के विदेश मामलों के संघीय विभाग के बीच एक द्विपक्षीय सहयोग है।
3. कजाकिस्तान में आयोजित होगा छठा सीआईसीए शिखर सम्मेलन
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कजाकिस्तान, अक्टूबर 2022 में छठे एशिया में सहभागिता और विश्वास निर्माण उपायों (सीआईसीए) शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा।
शिखर बैठक 12-13 अक्टूबर 2022 को कजाकिस्तान की राजधानी नूर-सुल्तान में होगी।
एशिया में सहभागिता और विश्वास निर्माण उपायों (सीआईसीए) एशिया में शांति, सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देने की दिशा में सहयोग बढ़ाने के लिए एक बहुराष्ट्रीय मंच है।
सीआईसीए का विचार पहली बार कजाकिस्तान गणराज्य के राष्ट्रपति नूरसुल्तान नज़रबायेव द्वारा 5 अक्टूबर 1992 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 47 वें सत्र में प्रस्तावित किया गया था।
भारत, चीन, पाकिस्तान सहित 27 देश सीआईसीए के सदस्य हैं।
महत्वपूर्ण तथ्य -
सीआईसीए की शिखर बैठक :
- पहली शिखर बैठक 4 जून 2022 को कजाकिस्तान के अल्माटी में आयोजित की गई थी। इसमें प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भाग लिया था।
- दूसरा सीआईसीए शिखर सम्मेलन 17 जून, 2006 को अलमाटी, कजाकिस्तान में आयोजित किया गया था
- तीसरा सीआईसीए शिखर सम्मेलन 8 जून 2010 को इस्तांबुल, तुर्की में आयोजित किया गया था
- चौथा सीआईसीए शिखर सम्मेलन, 21 मई 2014 को शंघाई, चीन में आयोजित किया गया था
- पांचवां सीआईसीए शिखर सम्मेलन 15 जून 2019 को ताजिकिस्तान के दुशांबे में आयोजित किया गया था।
फुल फॉर्म :
सीआईसीए/ CICA : कॉन्फिडेंस बिल्डिंग मेजर्स एंड इंटरेक्शन इन एशिया (Conference on Interaction and Confidence Building Measures in Asia )
4. भूपेंद्र यादव ने जी20 श्रम मंत्री बैठक में श्रमिकों की दशा सुधारने की वकालत की
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केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने इंडोनेशिया के बाली में जी-20 श्रम और रोजगार मंत्रियों की बैठक में भाग लिया। जी-20श्रम और रोजगार मंत्रियों की बैठक 13-14 सितंबर 2022 को हुई थी।
महत्वपूर्ण तथ्य -
- इस अवसर पर बोलते हुए मंत्री ने एक मजबूत और लचीला आर्थिक सुधार के लिए श्रमिकों की रोजगार की स्थिति में सुधार पर ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया।
- इंडोनेशिया वर्तमान में जी-20 समूह का अध्यक्ष है और यह 15-16 नवंबर 2022 को बाली, इंडोनेशिया में जी-20 शिखर बैठक की मेजबानी करेगा।
- भारत, बाली शिखर सम्मेलन में, इंडोनेशिया से, जी-20 की अध्यक्षता संभालेगा।
- जी -20, या ग्रुप ऑफ ट्वेंटी, दुनिया की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतर-सरकारी मंच है। इसमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूके, यूएसए जैसे 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल हैं।
5. भारत, वियतनाम की दूसरी सुरक्षा वार्ता नई दिल्ली में आयोजित
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भारत और वियतनाम की दूसरी सुरक्षा वार्ता 13 सितंबर 2022 को नई दिल्ली में आयोजित हुई जिसमेसमुद्री सुरक्षा सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की गयी। पहली सुरक्षा वार्ता 2018 में हनोई में आयोजित की गई थी।
दूसरा भारत-वियतनाम सुरक्षा संवाद उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार/उप मंत्री के स्तर पर आयोजित किया गया था।
भारतीय पक्ष का नेतृत्व उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार विक्रम मिश्री ने किया था, और वियतनामी पक्ष का नेतृत्व इसके उप सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री, वरिष्ठ लेफ्टिनेंट जनरल लुओंग टैम क्वांग ने किया था।
महत्वपूर्ण तथ्य -
भारत वियतनाम संबंध :
- वियतनाम भारत की एक्ट ईस्ट नीति और भारत-प्रशांत दृष्टि में एक महत्वपूर्ण भागीदार बन गया है क्योंकि दोनों देशों का चीन के साथ विवाद है।
- वियतनाम के चीन के साथ संबंध अच्छे नहीं हैं और उसने 1979 में एक संक्षिप्त युद्ध में चीनियों को पराजित भी किया था । भारत के भी चीन के साथ संबंध अच्छे नहीं है जबकि भारत और वियतनाम के घनिष्ठ संबंध हैं।वियतनाम का दक्षिण चीन सागर द्वीप पर चीन के साथ विवाद है। चीन लगभग सभी विवादित दक्षिण चीन सागर द्वीपों पर अपना दावा करता है, हालांकि ताइवान, फिलीपींस, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम सभी इसके कुछ हिस्सों का दावा करते हैं। बीजिंग ने दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीप और सैन्य प्रतिष्ठान बनाए हैं।
- भारत दक्षिण चीन सागर में स्वतंत्र और खुले नेविगेशन का समर्थन करता है, जिसे चीन से खतरा है।
- भारत के पास दक्षिण चीन सागर में वियतनामी जल क्षेत्र में तेल अन्वेषण परियोजनाएं हैं। भारत और वियतनाम साझे हितों की रक्षा के लिए पिछले कुछ वर्षों में अपने समुद्री सुरक्षा सहयोग को बढ़ा रहे हैं।
- 2016 में, प्रधान मंत्री मोदी की वियतनाम यात्रा के दौरान, द्विपक्षीय संबंधों को "व्यापक रणनीतिक साझेदारी" तक बढ़ा दिया गया था।
- भारत और वियतनाम ने 8 जून 2022 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की वियतनाम यात्रा के दौरान रक्षा साझेदारी पर '2030 की ओर भारत-वियतनाम रक्षा साझेदारी पर संयुक्त विजन दस्तावेज' पर हस्ताक्षर किए।
- रक्षा मंत्री की यात्रा के दौरान भारत ने वियतनाम को $500 मिलियन का रक्षा ऋण प्रदान किया।
अतिरिक्त जानकारी -
वियतनाम :
- यह दक्षिण पूर्व एशिया में स्थित है और यह एसोसिएशन ऑफ साउथईस्ट एशियन नेशन (आसियान) का सदस्य है।
- राजधानी: हनोई
- मुद्रा: डोंग
- राष्ट्रपति: गुयेन जुआन फुक
6. भारत का सबसे बड़ा और प्रमुख दूरसंचार कार्यक्रम डीआईपीए वार्षिक 2022 नई दिल्ली में आयोजित
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डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स एसोसिएशन (डीआईपीए), डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदाताओं का एक शीर्ष उद्योग निकाय 14 सितंबर 2022 को नई दिल्ली में अपने वार्षिक फ्लैगशिप कार्यक्रम की मेजबानी करेगा। इस आयोजन को वर्ष 2022 में दूरसंचार उद्योग का सबसे बड़ा आयोजन कहा जा रहा है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
- यह कार्यक्रम दूरसंचार विभाग के सहयोग से डीआईपीए द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
- संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी और रेल मंत्री, श्री अश्विनी वैष्णव डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स एसोसिएशन (डीआईपीए) के वार्षिक फ्लैगशिप इवेंट 2022 में मुख्य अतिथि होंगे जबकि संचार राज्य मंत्री, श्री देवुसिंह चौहान इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि होंगे।
आयोजन की थीम 2022 :
आयोजन का थीम है: "गति शक्ति विजन फॉर 5जी एंड बियान्ड”।
7. भारत अपनी जी-20 अध्यक्षता के दौरान बांग्लादेश और अन्य मित्र देशों को अतिथि देश के रूप में आमंत्रित करेगा
13 सितंबर 2022 को विदेश मंत्रालय ने कहा कि 09 और 10 सितंबर 2023 को नई दिल्ली में भारत द्वारा आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन की बैठक में अतिथि देशों के रूप में जी-20 शिखर सम्मेलन में कई मित्र देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को आमंत्रित करेगा। ।
महत्वपूर्ण तथ्य -
अतिथि देश :
- भारत ,अतिथि देशों के रूप में बांग्लादेश, मिस्र, मॉरीशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन और संयुक्त अरब अमीरात को आमंत्रित करेगा।
आमंत्रित किए जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय संगठन :
- भारत संयुक्त राष्ट्र, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ), विश्व बैंक, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ), अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ), आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी), वित्तीय स्थिरता बोर्ड, अफ्रीकी संघ के प्रमुख, अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन, दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (आसियान), अफ्रीकी संघ विकास एजेंसी, सीडीआरआई (आपदा लचीला बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन) और एडीबी (एशियाई विकास बैंक) को आमंत्रित करेगा ।
- जी -20, या ग्रुप ऑफ ट्वेंटी, दुनिया की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतर-सरकारी मंच है। इसमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूके, यूएसए जैसे 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल हैं।
8. गडकरी ने 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए संयुक्त प्रयास का आह्वान किया
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9 सितंबर 2022 को बेंगलुरू में परिवहन विकास परिषद (टीडीसी) की 41वीं बैठक को संबोधित करते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि परिवहन क्षेत्र को बदलने के लिए केंद्र और राज्यों दोनों को मिलकर काम करना चाहिए।
महत्वपूर्ण तथ्य -
- केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा बेंगलुरु, कर्नाटक में आयोजित 3 दिवसीय 'मंथन' के हिस्से के रूप में 41 वीं परिवहन विकास परिषद की बैठक आयोजित की गई थी।
- गडकरी ने कहा कि "अगले पांच वर्षों में केंद्र और राज्यों दोनों को मिलकर देश के परिवहन क्षेत्र को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए काम करना चाहिए।"
- 2019 में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2024-25 तक भारत को $ 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था और वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनाने का आह्वान किया था ।
- उन्होंने आगे कहा कि अगले 5 वर्षों में ऑटोमोबाइल उद्योग को 7.5 लाख करोड़ से बढ़ाकर 15 लाख करोड़ करने का प्रयास किया जाना चाहिए, जिससे भारत दुनिया में एक शीर्ष ऑटोमोबाइल विनिर्माण केंद्र के रूप में सक्षम हो सके।
- उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, गोवा, कर्नाटक, दिल्ली और तमिलनाडु के परिवहन मंत्रियों ने 41वीं परिवहन विकास परिषद में भाग लिया।
9. पीयूष गोयल ने लॉस एंजिल्स में इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फोरम की पहली व्यक्तिगत मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लिया
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केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल संयुक्त राज्य अमेरिका के लॉस एंजिल्स में इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फोरम की दो दिवसीय (8-9 सितंबर) पहली व्यक्तिगत मंत्री स्तरीय बैठक में भाग ले रहे हैं।
बैठक की सह-मेजबानी अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन ताई और अमेरिकी वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो द्वारा की जा रही है।
पहली आभासी बैठक 26 जून 2022 को आयोजित की गई थी जिसकी मेजबानी संयुक्त राज्य अमेरिका ने की थी।
बैठक में आईपीईएफ के चार स्तंभों पर एक समझौते की उम्मीद है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रॉस्पेरिटी (आईपीईएफ) :
- संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन ने 23 मई 2022 को टोक्यो, जापान में इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रॉस्पेरिटी (आईपीईएफ) का शुभारंभ किया था ।
- 14 देश ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई, फिजी, इंडोनेशिया, भारत, जापान, कोरिया गणराज्य, मलेशिया, न्यूजीलैंड, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, वियतनाम और संयुक्त राज्य अमेरिका आईपीईएफ के सदस्य हैं।
आईपीईएफ का उद्देश्य :
- इन 14 देशों का वर्तमान में विश्व के सकल घरेलू उत्पाद में 40% का योगदान हैं।
- यह एक परम्परागत व्यापार ब्लॉक नहीं है जहां व्यापार को बढ़ावा देने के लिए सदस्य देशों के बीच वस्तुओं और सेवाओं पर शुल्क कम किया जाता है।
- आईपीईएफ अमेरिका द्वारा चीन के खिलाफ एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों के लिए एक वैकल्पिक विकल्प आपूर्ति श्रृंखला की पेशकश करने का एक प्रयास है।
- चीन पर निर्भरता कम करने और आपूर्ति श्रृंखला में विविधता लाने के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य देश आईपीईएफ को बढ़ावा दे रहे हैं।
अतिरिक्त जानकारी -
आईपीईएफ के चार स्तंभ हैं :
- निष्पक्ष और लचीला व्यापार (डिजिटल, श्रम, पर्यावरण और अन्य मानकों सहित);
- आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन;
- अवसंरचना, डीकार्बोनाइजेशन और स्वच्छ ऊर्जा; और
- कर और भ्रष्टाचार विरोधी।
भारत सरकार को लगता है कि अमेरिका की इस पहल से भारत को ग्लोबल सप्लाई चेन का हिस्सा बनने में मदद मिलेगी।
भारत विनिर्माण क्षेत्र में एक बड़ा वैश्विक निवेश आकर्षित करने की उम्मीद करता है ,क्योंकि दुनिया, चीन का विकल्प तलाश कर रहा है ।
10. भारत और जापान ने पहले संयुक्त वायु सेना अभ्यास की घोषणा की
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दोनों पक्षों के बीच बढ़ते सुरक्षा सहयोग को दर्शाते हुए, भारत और जापान ने अपने पहले वायु सेना अभ्यास की योजना की घोषणा की और साथ ही भारत ने अगले पांच वर्षों में अपनी रक्षा क्षमताओं को सुदृढ़ करने के टोक्यो के प्रयासों का समर्थन किया। दोनों देशों को चीन से खतरा है ।
महत्वपूर्ण तथ्य -
- 8 सितंबर 2022 को टोक्यो, जापान में आयोजित जापानी रक्षा मंत्री यासुकाज़ु हमदा के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की बैठक के बाद इसकी घोषणा की गई।
- मंगोलिया की यात्रा के बाद राजनाथ सिंह जापान पहुंचे थे।
- उन्होंने भारत-जापान 2+2 संवाद में भी भाग लिया जिसमें दोनों देशों के रक्षा और विदेश मंत्री शामिल थे। भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री एस. जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया जबकि जापान का प्रतिनिधित्व उसके विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी और जापानी रक्षा मंत्री यासुकाजू हमदा ने किया।
अतिरिक्त जानकारी -
भारत-जापान सैन्य अभ्यास :
- वर्तमान में दोनों देश 'धर्म गार्जियन-', 'जिमेक्स ' और 'मालाबार अभ्यास साथ साथ करते हैं । जापान ने विशाखापत्तनम में आयोजित मिलन नौसैनिक 2022 अभ्यास में भी भाग लिया था ।
- अभ्यास धर्म गार्डियन-2022, भारतीय सेना और जापानी ग्राउंड सेल्फ डिफेंस फोर्स के बीच एक वार्षिक अभ्यास 27 फरवरी -10 मार्च 2022, बेलगाम कर्नाटक में आयोजित किया गया था।
- भारतीय नौसेना और जापान मैरीटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स के बीच भारत-जापान समुद्री द्विपक्षीय अभ्यास, जिमेक्स का अंतिम संस्करण 2021 अरब सागर में 06 से 08 अक्टूबर 2021 तक आयोजित किया गया था।
- मालाबार अभ्यास का अंतिम संस्करण 2021 में फिलीपींस के समुद्र और बंगाल की खाड़ी में ऑस्ट्रेलियाई, संयुक्त राज्य अमेरिका, जापानी और भारतीय नौसेना के बीच हुआ था ।