1. हेलीना मिसाइल का सफल परीक्षण, अब अंधेरे में भी दुश्मन के टैंक पर लगा सकती है सटीक निशाना
भारत ने 11 अप्रैल को एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल हेलीना का सफल परीक्षण किया है। इस मिसाइल का परीक्षण एडवांस्ड लाइट हेलीकाप्टर द्वारा लद्दाख के ऊंचाई वाले क्षेत्र में किया गया, जो पुर्णतः सफल रहा है।
ये मिसाइल फायर एंड फारगेट सिद्धांत पर कार्य करती है। इसका अर्थ है कि इसको लान्च करने के बाद में भूल जाओ, क्योंकि ये अपने लक्ष्य तक पहुंचने में सक्षम हैं।
यह मिसाइल इंफ्रारेड इमेजिंग सिस्टम पर कार्य करती है।
टेस्ट के दौरान इस मिसाइल ने एक सिम्युलेटेड टैंक पर अचूक निशाना लगाया। इस मिसाइल को एडवांस्ड लाइट हेलीकाप्टर से लान्च किया गया था।
भारत के पास एक और एंटी टैंक मिसाइल है जिसका नाम है नाग। ये दोनों ही मिसाइल हेलीकाप्टर से दागी जा सकती हैं और दोनों की ही रेंज सात किमी है।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार डीआरडीओ, भारतीय वायु सेना और सेना ने मिलकर इस परिक्षण को अंजाम दिया है।
मिसाइल की विशेषताएँ:
इसको किसी भी मौसम में दागा जा सकता है।
ये मिसाइल रात के अंधेरे में भी सटीक निशाना लगाने में सक्षम है और दुश्मन के टैंक नष्ट कर सकती है।
ये दो तरह से दुश्मन के टैंक को निशाना बनाने में सक्षम हैं। एक ये उसको सीधा मार सकती है और दूसरा टाप अटैक मोड में टैंक को निशाना बना सकती है।
भारत ने हाल ही में 101 ऐसे हथियारों और सिस्टम की कुल तीसरी सूची जारी की है जिसको अन्य देशों से आयात करने पर रोक लगाई गई है। ये रोक अगले पांच वर्षों तक है। भारत का ऐसा करने के पीछे उद्देश्य स्वयं को रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है।
2. नीति आयोग का ऊर्जा जलवायु सूचकांक
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नीति आयोग ने राज्य ऊर्जा एवं जलवायु सूचकांक - चक्र 1 (एसईसीआई) जारी किया है जिसमें गुजरात ने बड़े राज्यों में शीर्ष स्थान प्राप्त किया जबकि, छोटे राज्यों की सूचि में गोवा को शीर्ष स्थान प्राप्त हुआ है।
यह सूचकांक कई संकेतकों के आधार पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की तुलना करता है और उन्हें ऊर्जा संक्रमण के लिए प्रोत्साहित करेगा।
नीति आयोग के इस सूचकांक का उद्देश्य छह मानकों पर राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों के प्रदर्शन के आधार पर रैंकिंग करना है, जिसमें विद्युत वितरण कंपनियों का प्रदर्शन, ऊर्जा दक्षता और ऊर्जा की पहुंच शामिल हैं।
आयोग की रिपोर्ट के अनुसार गुजरात के बाद क्रमशः केरल और पंजाब का स्थान है। इस सूची में छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और झारखंड जैसे राज्यों को सबसे पीछले पायदान पर रखा गया है।
इस सूचकांक में छोटे राज्यों में गोवा सबसे शीर्ष पर है। उसके बाद क्रमशः त्रिपुरा और मणिपुर का स्थान है।
एसईसीआई चक्र-1 का उद्देश्य छह मानकों पर राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों की रैंकिंग करना है। इन छह मानकों को निम्न बिन्दुओं में देखा जा सकता है:
विद्युत वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) का प्रदर्शन,
ऊर्जा की पहुंच, वहनीयता तथा विश्वसनीयता,
स्वच्छ ऊर्जा पहल,
ऊर्जा दक्षता,
टिकाऊ पर्यावरण तथा
नई पहल शामिल हैं।
इन मानकों में कुल 27 संकेतकों को शामिल किए गए हैं।
राज्य और केंद्रशासित प्रदेश सूचकांक का उपयोग करके अपने मानक की तुलना कर सकेंगे और बेहतर नीति व्यवस्था विकसित करने में सक्षम होंगे।
केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) में चंडीगढ़ सबसे ऊपर है। इसके बाद क्रमशः दिल्ली और दमन तथा दीव / दादरा तथा नगर हवेली हैं।
डिस्कॉम प्रदर्शन के अनुसार बड़े राज्यों में पंजाब को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है, जबकि ऊर्जा की पहुंच, वहनीयता तथा विश्वसनीयता श्रेणी में केरल शीर्ष पर रहा।
इसी तरह बड़े राज्यों में स्वच्छ ऊर्जा पहल श्रेणी में हरियाणा और ऊर्जा दक्षता श्रेणी में तमिलनाडु का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा है। यह सूचकांक 2019-20 के आंकड़ों पर आधारित है।
नीति आयोग की प्रशासनिक संरचना
अध्यक्ष: प्रधानमंत्री
उपाध्यक्ष: प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त वर्त्तमान में राजीव कुमार
संचालन परिषद: सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्रशासित प्रदेशों के उपराज्यपाल।
क्षेत्रीय परिषद: विशिष्ट क्षेत्रीय मुद्दों को संबोधित करने के लिये प्रधानमंत्री या उसके द्वारा नामित व्यक्ति मुख्यमंत्रियों और उपराज्यपालों की बैठक की अध्यक्षता करता है।
तदर्थ सदस्यता: अग्रणी अनुसंधान संस्थानों से बारी-बारी से 2 पदेन सदस्य।
पदेन सदस्यता: प्रधानमंत्री द्वारा नामित केंद्रीय मंत्रिपरिषद के अधिकतम चार सदस्य।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO): भारत सरकार का सचिव जिसे प्रधानमंत्री द्वारा एक निश्चित कार्यकाल के लिए नियुक्त किया जाता है।
विशेष आमंत्रित: प्रधानमंत्री द्वारा नामित विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ।
3. भारत-यूएस 2+2 मंत्रिस्तरीय संवाद
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भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका 11 अप्रैल 2022 को संयुक्त राज्य अमेरिका में चौथा 2+2 मंत्रिस्तरीय संवाद आयोजित किया।
चौथा 2+2 मंत्रिस्तरीय संवाद का आयोजन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर के मध्य क्रमशः अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ आयोजित की गई।
भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका ने जून 2017 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान 2+2 संवाद आरंभ करने का निर्णय लिया था।
इस सन्दर्भ में पहली बैठक सितंबर 2018 में आयोजित की गई थी।
भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान के मध्य भी 2+2 बैठक आयोजित किया जाता है।
संयुक्त राज्य अमेरिका में विदेश मंत्री को राज्य सचिव कहा जाता है और रक्षा मंत्री को रक्षा सचिव कहा जाता है।
4. प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बिडेन ने वर्चुअल समिट किया
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भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच 2 + 2 संवाद से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन के साथ 11 अप्रैल 2022 को एक आभासी शिखर बैठक की।
इनके मध्य यूक्रेन और रूस की वर्तमान स्थिति उनकी चर्चा का मुख्य एजेंडा था। क्वाड देशों के समूह में केवल भारत ने रूस की निंदा नहीं की है और न ही कोई प्रतिबंध लगाया है। अन्य क्वाड सदस्यों जैसे अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान ने यूक्रेन पर हमले के लिए रूस पर प्रतिबंध लगाए हैं।
संयुक्त राज्य अमेरिका चाहता है कि भारत यूक्रेन पर हमले के लिए रूस की निंदा करे, रूसी कंपनियों से कोई तेल न खरीदे, और यूक्रेन के विरुद्ध युद्ध रोकने के लिए रूसी राष्ट्रपति पुतिन पर दबाव डाले।
भारत के रूस के साथ बहुत करीबी संबंध रहे हैं और इसके लगभग 60 से 70% रक्षा उपकरण रूसी मूल के हैं। रूस ने अतीत में भी कश्मीर जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों और पाकिस्तान के विरुद्ध भारत का समर्थन किया है।
भारत ने अब तक संयुक्त राष्ट्र में रूस विरोधी हर प्रस्ताव से परहेज किया है और इस मुद्दे पर तटस्थ रहा है।
राष्ट्रपति बिडेन ने यूक्रेन के लोगों के लिए भारत के मानवीय समर्थन का स्वागत किया और रूसी आक्रमण को "भयानक हमला" कहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत "रूसी युद्ध के अस्थिर प्रभावों का प्रबंधन करने के तरीके पर निकट परामर्श" जारी करने जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन को भारत द्वारा दी जाने वाली मानवीय सहायता पर प्रकाश डाला और यूक्रेन के बुचा शहर में रूसी सैनिकों द्वारा कथित तौर पर नागरिकों की हत्या की निंदा की है।
5. शहबाज शरीफ पाकिस्तान के नए प्रधान मंत्री चुने गए
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पाकिस्तान की संसद ने 70 वर्षीय शहबाज़ शरीफ़ को 11 अप्रैल 2022 को पाकिस्तान के 23वें प्रधानमंत्री के रूप में चुना है। उन्होंने नेशनल असेंबली के निचले सदन के कुल 342 में से 174 वोट प्राप्त किए। वह पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) के नेता हैं।
उन्हें अन्य उम्मीदवार के रूप में निर्विरोध चुना गया, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी ने मतदान का बहिष्कार किया और वाकआउट किया इसके बाद पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भी मतदान का बहिष्कार किया।
इमरान खान समर्थित राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के छुट्टी पर जाने के बाद शरीफ को सीनेट के अध्यक्ष सादिक संजारानी ने पद की शपथ दिलाई।
सहबाज शरीफ पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के छोटे भाई हैं। वह तीन बार पाकिस्तानी पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
इमरान खान की पार्टी पीटीआई के 100 सदस्यों ने बाद में पीटीआई नेता इमरान खान सरकार को हटाने के विरोध में नेशनल असेंबली से इस्तीफे की घोषणा की। इमरान खान ने देशव्यापी विरोध का आह्वान किया है और देश में जल्द चुनाव कराने का आह्वान किया है।
10 अप्रैल 2022 को पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद इमरान खान सरकार को इस्तीफा देना पड़ा था।
इमरान खान ने आरोप लगाया कि चीन और रूस का समर्थन करने की उनकी नीति और अफगानिस्तान में तालिबान के विरुद्ध ऑपरेशन के लिए अमेरिकी सैन्य ठिकानों की मांग को न मानने के कारण अमेरिका उन्हें पद से हटाना चाहता था। अमेरिका ने इस तरह के आरोपों से इनकार किया है।
देश में गंभीर आर्थिक संकट और आवश्यक दैनिक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों के कारण पाकिस्तान में इमरान खान सरकार तेजी से अलोकप्रिय होती जा रही थी।
पाकिस्तान में किसी भी प्रधानमंत्री ने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया है। इमरान खान एकमात्र ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्हें अपनी सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद इस्तीफा देना पड़ा है।
परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण
पाकिस्तान संसद का नाम: मजलिस ई-शूरा कहा जाता है
इसमें दो सदन होते हैं। ऊपरी सदन को सीनेट और निचले सदन को नेशनल असेंबली कहा जाता है।
पाकिस्तान के राष्ट्रपति: आरिफ अल्वी
राजधानी: इस्लामाबाद
मुद्रा: पाकिस्तानी रुपया
6. शहबाज शरीफ चुने गए पाकिस्तान के अगले प्रधानमंत्री
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पाकिस्तान की संसद (नेशनल असेंबली) ने 11 अप्रैल को देश के नए प्रधानमंत्री के तौर पर शहबाज शरीफ को चुन लिया है। पिछले कुछ दिनों से जारी राजनीतिक संकट का अंत 10 अप्रैल को इमरान खान के विरुद्ध पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के बाद हो गया जिसमें प्रधानमंत्री के पद से उन्हें हटा दिया गया।
नवाज शरीफ के छोटे भाई :
पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री पद के लिए नामित शहबाज शरीफ, तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके नवाज शरीफ के छोटे भाई हैं। नवाज शरीफ को साल 2017 में प्रधानमंत्री के पद पर अयोग्य करार दिया गया था।
प्रधानमंत्री पद के कई दावेदार थे :
पाकिस्तान नेशनल असेंबली का सत्र शुरू हो गया है। विपक्षी उम्मीदवार और पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (PML-N)के अध्यक्ष शहबाज शरीफ और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के उपाध्यक्ष व पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी नए प्रधानमंत्री पद के लिए रेस में शामिल थे ।
7. कनाडा ने भारतीय केले और बेबी कॉर्न को अपने बाजार सुलभ कराया
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भारतीय केले और बेबी कॉर्न के लिए बाजार पहुंच के मुद्दे पर भारत तथा कनाडा के राष्ट्रीय पौध संरक्षण संगठनों के मध्य हुई बातचीत के परिणामस्वरूप इन वस्तुओं ने कनाडा के बाजार में अपनी पहुंच सुनिश्चित कर ली है।
सचिव (कृषि एवं किसान कल्याण) श्री मनोज आहूजा और कनाडा के उच्चायुक्त माननीय कैमरून मैके के बीच 7 अप्रैल 2022 को हुई बैठक में कनाडा ने सूचित किया कि निर्देश डी-95-28: मक्का के लिए प्लांट प्रोटेक्शन इंपोर्ट एंड डोमेस्टिक मूवमेंट रिक्वायरमेंट्स और ऑटोमेटेड इम्पोर्ट रेफरेंस सिस्टम (एआईआरएस) के अद्यतन के बाद भारत से कनाडा को ताजा बेबी कॉर्न का निर्यात अप्रैल 2022 से शुरू हो सकता है।
इसके अलावा, भारत द्वारा ताजा केले के लिए प्रदान की गई तकनीकी जानकारी के आधार पर कनाडा ने भारतीय केले को कनाडा में निर्यात हेतु तत्काल प्रभाव से स्वीकृति दे दी है।
कनाडा सरकार के इस निर्णय से इन फसलों को उगाने वाले भारतीय किसानों को अत्यधिक लाभ होगा और साथ ही भारत की निर्यात आय में भी वृद्धि होगी।
भारत का कृषि निर्यात को बढ़ावा:
इसके साथ ही वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने बताया कि उच्च माल ढुलाई दरों और कंटेनर की कमी आदि जैसे कोरोना से उत्पन्न लॉजिस्टिक चुनौतियों के बावजूद भारत का कृषि निर्यात वर्ष 2021-22 में 50 बिलियन अमरीकी डालर को पार कर गया है।
मंत्रालय ने बताया कि वाणिज्यिक जानकारी एवं सांख्यिकी महानिदेशालय (DGCI&S) द्वारा जारी अनंतिम आंकड़ों के अनुसार, कृषि निर्यात 2021-22 के दौरान 19.92 प्रतिशत बढ़कर 50.21 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंचा है।
8. रेलगाड़ी चलाने के लिए गार्ड की अनुमति आवश्यक
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रेल मंत्रालय ने सामान्य नियमों में संशोधन करते हुए लोको पायलट के लिए ट्रेन शुरू करने से पहले गार्ड की मंजूरी लेना अनिवार्य कर दिया है।
हालांकि सिग्नल का हरा होना गाड़ी चलाने के लिए होता है, परन्तु लोको पायलट को गार्ड की मंजूरी का इंतजार करना होगा, जो ट्रेन शुरू करने के लिए स्टेशन मास्टर से सूचना प्राप्त करके यह सुनिश्चित करेगा।
भारतीय रेलवे (ओपन लाइन) सामान्य (प्रथम संशोधन) नियम, 2022 की ट्रेनों के शुरू होने पर खंड '4.35' के प्रावधानों को हाल ही में एक राजपत्र अधिसूचना द्वारा संशोधित किया गया है। जिसके तहत एक लोको पायलट अब से आगे बढ़ने के अधिकार के बिना अपनी ट्रेन शुरू नहीं करेगा।
ट्रेन शुरू करने से पहले, लोको पायलट खुद को संतुष्ट करेगा कि सभी सही फिक्स्ड सिग्नल और, जहां आवश्यक हो, हाथ सिग्नल दिए गए हैं और आगे की लाइन दिखाई देने वाली बाधाओं से मुक्त है और गार्ड ने आगे बढ़ने के लिए वायरलेस संचार पर सिग्नल / पुष्टिकरण दिया है।
स्टेशन मास्टर यह सुनिश्चित करने के बाद कि पानी भरने, उतारने और सफाई जैसी गतिविधियों को पूरा कर लिया गया है, गार्ड को ट्रेन शुरू करने की मंजूरी देगा।
संशोधित नियम के अनुसार "गार्ड शुरू सिग्नल देने के लिए संकेत तब तक नहीं देगा जब तक कि वह खुद को संतुष्ट नहीं कर लेता है कि, विशेष निर्देशों के अलावा, कोई भी व्यक्ति किसी भी डिब्बे या वाहन या वाहन की छत पर यात्रा नहीं कर रहा है जो यात्रियों के उपयोग के लिए अभिप्रेत नहीं है"।
9. अब 65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति हज की यात्रा नहीं कर सकेंगे
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सऊदी अरब सरकार ने 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए हज यात्रा प्रतिबंधित कर दिया है। इस सन्दर्भ में भारतीय हज कमेटी ने एक सर्कुलर जारी कर 65 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए तीर्थयात्रा को प्रतिबंधित कर दिया है।
अब केवल 18 से लेकर 65 वर्ष के बीच की आयु वाले ही पुरुष या महिला हज यात्रा के लिए जा सकेंगे। ऐसे में 65 से अधिक उम्र वाले जिन लोगों ने हज यात्रा के लिए अपना आवेदन किया था, उनके आवेदन को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है।
अब नए लोग 22 अप्रैल से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन का शुल्क तीन सौ रुपये है।
सऊदी अरब सरकार ने इस बार 10 लाख हज यात्रियों को प्रवेश देने का निर्णय लिया है। अब भारत से एक लाख से कम ही लोग हज यात्रा पर जा पायेंगे। हज को लेकर राज्य केनिर्धारित कोटा में भी कटौती हो सकती है।
कोरोना गाइडलाइन के अनुसार हज यात्रियों के लिए पूर्ण टीकाकरण जरूरी होगा।
साथ ही लोगों को निगेटिव कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट भी दिखानी होगी।
कोरोना महामारी के चलते दो साल से हज यात्रा पर अरब सरकार ने रोक लगा दी थी।
10. सीमा विवाद को सुलझाने के लिए असम और मेघालय के बीच ऐतिहासिक समझौता
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असम और मेघालय सरकार ने 29 मार्च 2022 को नई दिल्ली में सीमा विवादों को सुलझाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। केंद्रीय मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद को सुलझाने के लिए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड कोंगकल संगमा के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
विवाद तब उत्पन्न हुआ जब 1972 में असम को विभाजित करके मेघालय को एक राज्य बनाया गया था। दोनों राज्यों की अपनी सीमाओं के बारे में अलग-अलग धारणाएं थीं और शीघ्र ही दोनों राज्यों ने कुछ क्षेत्रों पर दावा करना शुरू कर दिया, जिसके कारण सीमावर्ती क्षेत्रों में 12 स्थानों पर विवाद हुआा।
अगस्त 2021 में, असम और मेघालय ने सरमा और संगमा के बीच दो दौर की बातचीत के बाद, सीमा मुद्दे को सुलझाने के लिए तीन-तीन समितियों का गठन किया था, जिसके दौरान राज्यों ने सीमा विवाद को चरणबद्ध तरीके से निपटाने का संकल्प लिया था।
दोनों राज्यों की सरकारों ने 884 किलोमीटर की संयुक्त सीमा के 12 विवादित क्षेत्रों में से छह में सीमा विवादों को हल करने के लिए एक मसौदा प्रस्ताव तैयार किया था।
इन छह स्थानों में 36 गांव हैं, जो 36.79 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करते हैं। प्रस्तावित सिफारिशों के अनुसार, 36.79 वर्ग किमी भूमि के लिए असम को 18.51 वर्ग किमी और शेष 18.28 वर्ग किमी मेघालय को दिया जाएगा।
छह विवादित क्षेत्र ताराबारी, गिजांग, हाहिम, बोकलापारा, खानापारा-पिलंगकाटा और रातचेरा हैं जो असम के कामरूप, कामरूप (मेट्रो) और कछार जिलों और मेघालय के पश्चिम खासी हिल्स, री-भोई और पूर्वी जयंतिया हिल्स जिलों में स्थित हैं।
मेघालय के अलावा, असम का अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम और नागालैंड के साथ भी सीमा विवाद है। इन सभी राज्यों 1963 और 1972 के बीच असम से अलग किए गए थे।दोनों मुख्यमंत्रियों ने उम्मीद जताई है कि सीमा मुद्दों पर शेष छह बिंदुओं का शीघ्र ही समाधान निकाल लिया जाएगा।