1. फ्रीडम हाउस के अनुसार भारत आंशिक रूप से मुक्त देश
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संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा वित्त पोषित गैर-सरकारी संगठन, फ्रीडम हाउस द्वारा भारत को लगातार दूसरी बार "आंशिक रूप से मुक्त" श्रेणी में रखा गया है।
दुनिया भर में राजनीतिक स्वतंत्रता का अध्ययन करने वाले फ्रीडम हाउस ने पिछले वर्ष भारत की स्थिति को एक लोकतंत्र और मुक्त समाज के रूप में स्वतन्त्र से घटा कर 'आंशिक रूप से स्वतन्त्र' कर दिया था।
फ़्रीडम हाउस ने अपनी रिपोर्ट "फ़्रीडम इन द वर्ल्ड 2022-द ग्लोबल एक्सपेंशन ऑफ़ ऑथोरिटेरियन रूल" जारी की है। 2022 के संस्करण में 1 जनवरी, 2021 से 31 दिसंबर, 2021 तक 195 देशों और 15 क्षेत्रों में राजनीतिक अधिकारों और नागरिक स्वतंत्रता के विकास को शामिल किया गया है।
भारत को 100 में से 66 का स्कोर दिया गया था। पिछले वर्ष भारत ने 67 स्कोर किए थे।
इसने सीरिया और दक्षिण सूडान को दुनिया के सबसे अमुक्त देश के रूप में स्थान दिया और इसे सबसे नीचे स्थान दिया गया।
नॉर्वे, स्वीडन और डेनमार्क को 100/100 अंकों के साथ दुनिया के सबसे मुक्त देशों के रूप में स्थान दिया गया।
फ्रीडम हाउस
यह संयुक्त राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित एक गैर-सरकारी संगठन है। इसकी स्थापना 1941 में हुई थी और इसका मुख्यालय वाशिंगटन डी.सी. में है।
यह लोकतंत्र, स्वतंत्रता और मानवाधिकारों के क्षेत्र में अनुसंधान करता है।
यह एक वार्षिक रिपोर्ट "विश्व में स्वतंत्रता" जारी करता है।
कई आलोचकों द्वारा संगठन को संयुक्त राज्य सरकार के हितों की सेवा के रूप में देखा जाता है।
2. संयुक्त राष्ट्र में रूस के विरुद्ध मतदान से पुनः दूर रहा भारत
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भारत ने "यूक्रेन के खिलाफ आक्रामकता" शीर्षक से संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव में मतदान के दौरान भाग नहीं लिया। यह पांचवीं बार है जब भारत ने संयुक्त राष्ट्र के मंच पर यूक्रेन से संबंधित प्रस्तावों पर मतदान न कर तटस्थ रहा है।
संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव में "यूक्रेन के खिलाफ रूसी आक्रमण" की कड़े शब्दों में निंदा की गई। इसने मांग की कि रूस तुरंत यूक्रेन में बल का प्रयोग बंद कर दे और यूक्रेन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सीमाओं से बिना शर्त अपनी सेना वापस ले लें। इसने यूक्रेनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की भी पुष्टि की। इसने सभी पक्षों को 2014 और 2015 में मिन्स्क समझौते का पालन करने का आह्वान किया।
इस प्रस्ताव का 193 देशों में से 141 सदस्यों ने समर्थन किया और चीन सहित 34 देशों ने इसपर भाग नहीं लिया।
केवल रूस, उत्तर कोरिया, इरिट्रिया, सीरिया और बेलारूस ने इस प्रस्ताव के विरुद्ध मतदान किया।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी.एस.तिरुमूर्ति ने भारत सरकार की नीति पेश करते हुए समस्या के कूटनीतिक समाधान का आह्वान किया।
रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर आक्रमण किया क्योंकि रूस यह चिंतित कर रहा था कि ज़ेलेंस्की के कारण यूक्रेन, संयुक्त राज्य अमेरिका के नेतृत्व में नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) में न शामिल हो जाय जो रूस की सुरक्षा के लिए खतरा है।
भारत के रूस के साथ बहुत करीबी संबंध हैं जिसने कश्मीर, बांग्लादेश और चीन पर भारत का लगातार समर्थन किया है। भारत, रूस को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहता।
महासभा का वोट वास्तविकता में कुछ भी नहीं बदलेगा और यह मुख्य रूप से प्रतीकात्मक प्रकृति की होती है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा
संयुक्त राष्ट्र महासभा की स्थापना 1945 में संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के तहत की गई थी। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के सभी 193 सदस्य देश महासभा के सदस्य हैं।
महासभा प्रत्येक वर्ष सितंबर से दिसंबर (मुख्य भाग) और उसके बाद जनवरी से सितंबर के मध्य मिलती है।
महासभा का कार्य
- यह सदस्य राज्यों को नीतियों या कार्यक्रमों की सिफारिश कर सकता है लेकिन सदस्य देश कानूनी रूप से इसका पालन करने के लिए बाध्य नहीं हैं।
- इसकी प्रकृति में मूल रूप से नैतिक शक्ति है क्योंकि यह विश्व के लोगों का प्रतिनिधित्व करती है।
- हालांकि सदस्य देशों को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के फैसले का पालन करना होगा।
महासभा के कुछ महत्वपूर्ण कार्य इस प्रकार हैं:
यह शांति के लिए खतरा, शांति भंग या आक्रामकता के कार्य के मामलों में कार्रवाई कर सकता है, जब सुरक्षा परिषद स्थायी सदस्य के नकारात्मक वोट के कारण कार्रवाई करने में विफल रही है।
सुरक्षा परिषद के गैर-स्थायी सदस्यों और अन्य संयुक्त राष्ट्र परिषदों और इसके संस्थाओं के सदस्यों का चुनाव और सुरक्षा परिषद की सिफारिश पर महासचिव की नियुक्ति करना।
निरस्त्रीकरण सहित अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए सहयोग के सामान्य सिद्धांतों पर विचार और सिफारिशें करना।
अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा से संबंधित किसी भी प्रश्न पर चर्चा करना और उस स्थिति को छोड़कर जहां वर्तमान में सुरक्षा परिषद द्वारा किसी विवाद या स्थिति पर चर्चा की जा रही है, उस पर सिफारिशें करना।
विभिन्न देशों के मध्य मैत्रीपूर्ण संबंधों को खराब करने वाली किसी भी स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान के लिए सिफारिशें करना।
महासभा में निर्णय लेने की प्रक्रिया
सुरक्षा परिषद के विपरीत, जहां पांच स्थायी सदस्य, रूस, चीन, अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन किसी भी प्रस्ताव को वीटो कर सकते हैं, महासभा में किसी भी देश के पास महासभा में कोई वीटो पावर नहीं है।
हर देश का एक वोट होता है।
कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर जैसे शांति और सुरक्षा पर सिफारिशें, सुरक्षा परिषद का चुनाव और आर्थिक और सामाजिक परिषद के सदस्य, और बजटीय प्रश्न आदि के लिए सदस्य राज्यों के दो तिहाई बहुमत की आवश्यकता है, जबकि अन्य मामलों के लिए एक साधारण बहुमत की आवश्यकता होती है।
परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण तथ्य
- संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष का चुनाव हर साल किया जाता है।
- मालदीव के वर्तमान अध्यक्ष : अब्दुल्ला शाहिद हैं।
- विजय लक्ष्मी पंडित 1953 में संयुक्त राष्ट्र महासभा की अध्यक्ष बनने वाली पहली भारतीय और महिला बनीं।
- संयुक्त राष्ट्र का मुख्यालय: न्यूयॉर्क, संयुक्त राज्य अमेरिका।
- संयुक्त राष्ट्र महासचिव: पुर्तगाल के एंटोनियो गुटेरेस।
यूक्रेन में संघर्ष की विस्तृत समझ के लिए कृपया रूसी-यूक्रेन संघर्ष पर हमारा ब्लॉग देखें।
3. आईईए तेल की कीमतों को कम करने के लिए आरक्षित तेल जारी करेगा
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अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी ने 24 फरवरी 2022 को यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद तेल की कमी से निपटने के लिए विश्व बाजार में 60 मिलियन तेल भंडार जारी करने पर सहमति व्यक्त की है।
तेल बाजार में रूस का महत्व
विश्व तेल बाजार में रूस एक महत्वपूर्ण देश है।
यह विश्व का तीसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक और सबसे बड़ा निर्यातक है।
कच्चे तेल के प्रति दिन लगभग 5 मिलियन बैरल का इसका निर्यात वैश्विक व्यापार का लगभग 12% प्रतिनिधित्व करता है - और इसके लगभग 2.85 मिलियन बैरल पेट्रोलियम उत्पाद वैश्विक परिष्कृत उत्पाद व्यापार के लगभग 15% का प्रतिनिधित्व करते हैं।
रूस का लगभग 60% तेल का निर्यात यूरोप और अन्य 20% चीन को जाता है।
डेटा का स्रोत (अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी)
यद्यपि संयुक्त राज्य अमेरिका के नेतृत्व में पश्चिमी देशों ने अभी तक रूसी तेल उद्योग पर प्रतिबंध नहीं लगाया है, खरीदार रूसी तेल को खरीदने से बच रहे हैं। तेल की आपूर्ति की अनिश्चितता के कारण विश्व में तेल की कीमत में तेज वृद्धि हुई है और यह 100 डॉलर प्रति बैरल को पार कर गया है। तेल की कीमतों में निरंतर वृद्धि से दुनिया भर में उच्च मुद्रास्फीति का आशंका उत्पन्न हो गया है और इससे कोरोना महामारी के बाद हों रहे विश्व अर्थव्यवस्था में विकास की संभावना को खतरा है।
आईईए भंडार
आईईए के सदस्यों के पास 1.5 बिलियन बैरल का आपातकालीन भंडार है। 60 मिलियन बैरल की प्रस्तावित प्रारंभिक रिलीज, उस भंडार का 4% है , जो 30 दिनों के लिए 2 मिलियन बैरल प्रति दिन के बराबर है।
आईईए द्वारा भंडार से तेल छोड़ने का यह चौथा समन्वित प्रयास है। पूर्व में आईईए ने 1991, 2005 और 2011 में भंडार से अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में तेल की आपूर्ति बढाई गयी थी ।
नियोजित तेल निष्कर्षण का आधा हिस्सा संयुक्त राज्य अमेरिका से आएगा। विश्व में स्थापित आपातकालीन तेल भंडार में अकेला अमेरिका के पास आधा भंडार है तथा अन्य 30 आईईए सदस्यों को अपने 90 दिनों के शुद्ध तेल आयात के बराबर आपातकालीन भंडार में तेल रखने की आवश्यकता होती है।
चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद जापान के पास सबसे बड़ा तेल भंडार है।
हालांकि कई जानकारों का मानना है कि यह बाजार में तेल की कीमत को कम नहीं कर पाएगा।
अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी
इसकी स्थापना 1973 के तेल संकट के बाद 1974 में विकसित देशों द्वारा की गई थी।
इसे शुरू में तेल आपूर्ति की सुरक्षा के लिए स्थापित किया गया था। अब बिजली सुरक्षा से लेकर निवेश, जलवायु परिवर्तन, वायु प्रदूषण, ऊर्जा पहुंच और दक्षता आदि जैसे मुद्दों को शामिल करने के लिए इसके क्षेत्र का विस्तार किया गया है।
कुल सदस्य 31 देश। सभी विकसित देश हैं। (एशिया से केवल जापान और दक्षिण कोरिया ही इसके सदस्य हैं)
भारत, चीन आईईए के सदस्य नहीं हैं। वे आईईए के सहयोगी राज्य हैं।
आईईए का मुख्यालय: पेरिस, फ्रांस
ईआईए द्वारा जारी महत्वपूर्ण रिपोर्ट:
विश्व ऊर्जा रिपोर्ट
वैश्विक ऊर्जा समीक्षा
तेल बाजार रिपोर्ट
परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण
एक बैरल तेल के बराबर है : 158.987 लीटर तेल
: 42 गैलन (अमेरिका)
4. भारत ने यूक्रेन से भारतीयों को स्वदेश वापसी हेतु तेज किए प्रयास
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में भारत सरकार ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को सुरक्षित घर वापस लाने के लिए कई प्रयासों की घोषणा की है।
सरकार राहत उपायों के समन्वय के लिए अपने चार कैबिनेट मंत्रियों को यूक्रेन के चार पड़ोसी देशों में विशेष दूत के रूप में भेजेगी।
नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया रोमानिया और मोल्दोवा की यात्रा करेंगे।
कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू, स्लोवाकिया की यात्रा करेंगे।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री और आवास व शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी, हंगरी की यात्रा करेंगे।सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय में राज्य मंत्री जनरल वी. के. सिंह (सेवानिवृत्त) पोलैंड की यात्रा करेंगे।
विदेश मंत्रालय यूक्रेन में फसे लोगों के मदद के लिए हेल्पलाइन चला रहा है, और भारतीय अधिकारी पोलैंड, हंगरी, स्लोवाकिया, रोमानिया और मोल्दोवा में सीमा चौकियों पर तैनात हैं। लेकिन इन चौकियों पर, विशेष रूप से पोलैंड-यूक्रेन सीमा पर, भीड़भाड़ के कारण लोगों में संघर्ष हों रहा है। यूक्रेन से पोलैंड जाने वाली सीमा पर लोगों की लम्बी कतार लगी हुई है, जिसके कारण लोगों कोे दो या तीन दिनों तक काफी ठंड में इंतजार करना पड़ रहा है।
इस सन्दर्भ में उस देश में उपस्थित मंत्री कागजी कार्रवाई में मदद करेंगे जिससे निकास प्रक्रिया में तेजी आएगी।
प्रधान मंत्री ने यह भी कहा कि पड़ोसी देशों और विकासशील देशों के जो भी नागरिक यूक्रेन छोड़ना चाहते हैं, उन्हें यूक्रेन छोड़ने में भारत द्वारा मदद की जाएगी।
भारत में यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा के अनुरोध पर भारत सरकार यूक्रेन की सीमाओं पर दवाई सहित राहत सामग्री की पहली खेप भेजेगी।
भारत सरकार के अनुसार 24 फरवरी 2022 को रूसी आक्रमण से पहले लगभग 8000 भारतीय यूक्रेन छोड़ चुके थे। यूक्रेन में अभी भी 12,000 भारतीय हैं। वे मुख्य रूप से मेडिकल छात्र हैं जो चिकित्सा का अध्ययन करने के लिए यूक्रेन गए थे।
प्रधान मंत्री ने स्लोवाकिया के प्रधान मंत्री श्री एडुआर्ड हेगर और रोमानिया के प्रधान मंत्री श्री निकोले-इओनेल सियुसी से भी बात की और धन्यवाद दिया।
5. रूसियों ने विश्व का सबसे बड़ा विमान एंटोनोव-225 नष्ट किया
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दुनिया का सबसे बड़ा विमान, यूक्रेन का एंटोनोव-225 मालवाहक विमान 27 फरवरी 2022 को रूसी आक्रमण के चौथे दिन कीव के बाहर रूसी हमलों से नष्ट हो गया था।
- विमान यूक्रेन की राजधानी कीव के पास होस्टोमेल (जिसे गोस्टोमेल भी कहा जाता है) हवाई अड्डे पर तैनात किया गया था।
- यह विमान दुनिया के लिए अद्वितीय था, 84 मीटर लंबा (276 फीट) यह 850 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से 250 टन कार्गो तक ले जा सकता था। इसने 1988 में अपनी पहली उड़ान भरी थी।
- इसे "मरिया" नाम दिया गया था, जिसका अर्थ यूक्रेनी में "सपना" है।
6. भारत सरकार ने ऑपरेशन गंगा शुरू किया
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विदेश मंत्रालय ने यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए "ऑपरेशन गंगा" आरभ किया है।
रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण के बाद यूक्रेन का हवाई क्षेत्र बंद कर दिया गया है।
यूक्रेन में लगभग 20,000 भारतीय हैं और उन्हें हंगरी, पोलैंड, रोमानिया और स्लोवाकिया के सीमावर्ती देशों में पहुंचने के लिए कहा गया है।
इन देशों से उन्हें एयर इंडिया और इंडिगो एयरलाइंस के विशेष अभियान द्वारा हवाई मार्ग से निकाला जा रहा है।
इस पर होने वाले (निकासी का पूरा व्यय) खर्च भारत सरकार वहन कर रही है।
अतीत में हुए इसी तरह के ऑपरेशन
भारत सरकार ने अतीत में संघर्ष क्षेत्र से भारतीयों की इसी तरह की निकासी की है, जिसे निम्न प्रकार से देखा जा सकता है:
1990 में कुवैत से निकासी
जब 1990 में सद्दाम हुसैन की इराकी सरकार ने कुवैत पर आक्रमण किया, तो कुवैत से भारतीयों को बचाने और वापस लाने के लिए भारत सरकार द्वारा एक व्यापक अभियान आरंभ किया गया था। इस बचाव अभियान में एयर इंडिया, इंडियन एयरलाइंस और भारतीय वायु सेना द्वारा बड़े पैमाने पर अभियान चलाया गया था।
इस अभियान में कुवैत से 1,70,000 भारतीयों को वापस लाया था।
एयर इंडिया के प्रयास को बाद में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स द्वारा नागरिक एयरलाइनर द्वारा विश्व में सबसे बड़ा निकासी अभियान के रूप में मान्यता दी गई थी।
ऑपरेशन का कोई कोड नाम नहीं था।
ऑपरेशन सुकून 2006
यह भारतीय नौसेना द्वारा लेबनान से भारतीय, नेपाली, श्रीलंकाई को बचाने और वापस लाने के लिए शुरू किया गया था जब इजरायल ने लेबनान पर कट्टरपंथी इस्लामी समूह हिजबुल्लाह को दंडित करने के लिए लेबनान पर आक्रमण किया था।
ऑपरेशन सेफकमिंग 2011
इसे भारतीय नौसेना और एयर इंडिया द्वारा लीबिया के गृहयुद्ध से भाग रहे भारतीयों को निकालने के लिए शुरू किया गया था।
ऑपरेशन राहत 2015
यमन गृहयुद्ध में सऊदी अरब के नेतृत्व वाली गठबंधन सेना के हस्तक्षेप के बाद भारतीय और अन्य देशों के नागरिक को यमन से बचाने और वापस लाने के लिए भारतीय नौसेना, वायु सेना और एयर इंडिया द्वारा इसे आरंभ किया गया था।
ऑपरेशन देव शक्ति 2021
15 अगस्त 2021 को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर तालिबान द्वारा कब्जा किए जाने के बाद अफगानिस्तान से भारतीयों को वापस लाने के लिए इसे भारतीय वायु सेना और एयर इंडिया द्वारा शुरू किया गया था।
7. महाराष्ट्र में 200 करोड़ रुपये के लागत से एमएसएमई-प्रौद्योगिकी केंद्र की स्थापना की घोषणा की।
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केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री श्री नारायण राणे ने 25 फरवरी को सिंधुदुर्ग. महाराष्ट्र में 200 करोड़ रुपये के लागत से एमएसएमई-प्रौद्योगिकी केंद्र की स्थापना की घोषणा की।
एमएसएमई-प्रौद्योगिकी केंद्र उद्योग, विशेष रूप से एमएसएमई, को उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने और क्षेत्र के नियोजित और बेरोजगार युवाओं को उनकी रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए कौशल सेवाएं प्रदान करने के लिए सर्वोत्तम प्रौद्योगिकी, इनक्यूबेशन के साथ-साथ परामर्श सहायता प्रदान करेगा।
मंत्री ने 25-26 फरवरी 2022 तक जिले में आयोजित होने वाले दो दिवसीय एमएसएमई कॉन्क्लेव में सिंधुदुर्ग में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के यूनियन एमएसएमई रुपे क्रेडिट कार्ड का भी शुभारंभ किया।
यह कार्ड यूनियन बैंक ऑफ इंडिया द्वारा नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के सहयोग से पेश किया जा रहा है।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) से जुड़े उधार लेने वाले अपने व्यावसायिक खर्च पर 50 दिनों तक की ब्याज-मुक्त क्रेडिट अवधि का लाभ ले सकेंगे। यह कार्ड ग्राहकों को उनके व्यवसाय से संबंधित खरीदारी पर ईएमआई(समान मासिक किश्तें) की सुविधा भी प्रदान करता है।
एमएसएमई मंत्रालय द्वारा सिंधुदुर्ग में दो दिवसीय एमएसएमई कॉन्क्लेव (25 और 26 फरवरी) का आयोजन किया गया था।
कॉन्क्लेव का उद्देश्य कोंकण क्षेत्र में एमएसएमई के लिए प्रौद्योगिकी, उत्पाद विकास और कौशल का उपयोग करके उद्यमिता और व्यापार के अवसरों को बढ़ावा देना है।
इसे भी जाने
एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम)
एमएसएमई को 2020 में संशोधित 'सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास अधिनियम, 2006' द्वारा परिभाषित किया गया है।
वे उद्यम जो या तो विनिर्माण के व्यवसाय में हैं या सेवा प्रदान कर रहे हैं, को किस आधार पर सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यमों के रूप में परिभाषित किया गया है?
अच्छे (विनिर्माण क्षेत्र के लिए) या सेवाओं के उत्पादन के लिए आवश्यक संयंत्र और मशीनरी में निवेश और सालाना कारोबार (बिक्री)
सूक्ष्म उद्यम: जहां संयंत्र और मशीनरी या उपकरण में निवेश एक करोड़ रुपये से अधिक नहीं है और कारोबार पांच करोड़ रुपये से अधिक नहीं है;
लघु उद्यम: जहां संयंत्र और मशीनरी या उपकरण में निवेश दस करोड़ रुपये से अधिक नहीं है और कारोबार पचास करोड़ रुपये से अधिक नहीं है;
मध्यम उद्यम,: जहां संयंत्र और मशीनरी या उपकरण में निवेश पचास करोड़ रुपये से अधिक नहीं है और कारोबार दो सौ पचास करोड़ रुपये से अधिक नहीं है।
8. प्रधानमंत्री ने कृषि और केंद्रीय बजट 2022-23 पर एक वेबिनार को संबोधित किया
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प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 24 फरवरी 2022 को कृषि क्षेत्र में केंद्रीय बजट 2022 के सकारात्मक प्रभाव पर एक वेबिनार को संबोधित किया।
वेबिनार 'स्मार्ट कृषि'- कार्यान्वयन के लिए रणनीति पर केंद्रित था।
उनके संबोधन की मुख्य बातें
कृषि को आधुनिक और स्मार्ट बनाने के लिए:
प्रधानमंत्री ने बजट में कृषि को आधुनिक और स्मार्ट बनाने के सात तरीकों के बारे में विस्तार से बताया।
सबसे पहले गंगा के दोनों किनारों पर 5 किलोमीटर के दायरे में मिशन मोड पर प्राकृतिक खेती करने का लक्ष्य है।
दूसरे, किसानों को कृषि और बागवानी में आधुनिक तकनीक उपलब्ध कराई जाएगी।
तीसरा, खाद्य तेल के आयात को कम करने के लिए मिशन ऑयल पाम को मजबूत करने पर जोर दिया गया है।
चौथा, कृषि उत्पादों के परिवहन के लिए पीएम गति-शक्ति योजना के माध्यम से नई रसद व्यवस्था की जाएगी।
बजट में पांचवां समाधान कृषि-अपशिष्ट प्रबंधन का बेहतर संगठन और कचरे से ऊर्जा समाधान के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाना है।
छठा, 1.5 लाख से अधिक डाकघर नियमित बैंकिंग जैसी सेवाएं प्रदान करेंगे ताकि किसानों को परेशानी न हो।
सातवां, कौशल विकास और मानव संसाधन विकास के संबंध में कृषि अनुसंधान और शिक्षा पाठ्यक्रम को आधुनिक समय की मांगों के अनुरूप बदला जाएगा।
पीएम किसान योजना का लाभ
22 फरवरी, 2022 तक, पीएम किसान (प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि) योजना के तहत लगभग 11.78 करोड़ किसानों को लाभ प्रदान किया गया है और पूरे भारत में इस योजना के पात्र लाभार्थियों को विभिन्न किस्तों में 1.82 लाख करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।
पीएम किसान योजना 24 फरवरी, 2019 को गोरखपुर, उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई थी। यह पात्र किसानों को 2000 रुपये की तीन किस्तों में 6000 रुपये / वर्ष प्रदान करता है।
पीएम-किसान के लिए बजटीय आवंटन
केंद्र ने केंद्रीय बजट 2022-23 में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के लिए 68,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो कि 2021-22 के लिए 65,000 करोड़ रुपये के बजट अनुमान से सिर्फ 4.6 प्रतिशत अधिक है और चालू वित्त वर्ष के लिए 67,500 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान से केवल 0.74 प्रतिशत अधिक है।
उन्होंने कहा कि कृषि बजट आवंटन में कई गुना वृद्धि हुई है।
कृषि मंत्रालय को 2022-23 में 1,32,514 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो 2021-22 के संशोधित अनुमानों से 4.5% अधिक है।
मंत्रालय को आवंटन सरकार के बजट का 3.4% हिस्सा है, 2022-23 में मंत्रालय को आवंटन का 55% पीएम-किसान योजना (68,000 करोड़ रुपये) के लिए है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले 7 वर्षों में किसानों के कृषि ऋण में ढाई गुना वृद्धि की है।
2022-23 में बैंकों के लिए कृषि क्षेत्र को ऋण देने का लक्ष्य 18 लाख करोड़ रुपये है। 2021-22 में यह 16.50 लाख करोड़ थी।"
9. भारत सरकार की अगले पांच वर्षों के लिए राष्ट्रीय साधन-सह-मेधा छात्रवृत्ति योजना
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भारत सरकार ने केंद्रीय क्षेत्र की योजना राष्ट्रीय साधन-सह-मेधा छात्रवृत्ति (नेशनल मीन्स-कम-मेरिट स्कॉलरशिप - एनएमएमएसएस) को 2025-26 तक बढ़ा दिया है।
सरकार ने इस योजना हेतु अगले पांच वर्ष की अवधि 2021- 26 के लिए 1827.00 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
भारत सरकार ने भी आय सीमा को बढ़ाकर 3.5 लाख रुपये प्रति वर्ष कर दिया है। पहले यह 1.5 लाख रुपये सालाना था। इसका अर्थ है कि जिन छात्रों के माता-पिता की वार्षिक आय 3.5 लाख रुपये प्रति वर्ष तक है, वे छात्रवृत्ति के लिए पात्र हैं।
राष्ट्रीय साधन-सह-मेधा छात्रवृत्ति योजना (एनएमएमएसएस):
राष्ट्रीय साधन-सह-मेधा छात्रवृत्ति योजना 2008-2009 में भारत सरकार द्वारा आरंभ की गई थी।
इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के मेधावी छात्रों को आठवीं कक्षा में अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ने (ड्रॉप-आउट) से रोकने के लिये छात्रवृत्ति प्रदान करना और उन्हें माध्यमिक स्तर पर अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करना है।
योजना के तहत राज्य सरकार, सरकारी सहायता प्राप्त और स्थानीय निकाय स्कूलों में भारत सरकार कक्षा IX के चयनित छात्रों को प्रति वर्ष 12,000/- रुपये प्रति वर्ष (1000/- रुपये प्रति माह) की एक लाख नई छात्रवृत्ति प्रदान करने और आगे अध्ययन के लिए कक्षा X से XII में उनकी निरंतरता/नवीनीकरण प्रदान करती है।
छात्रों को राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकारों द्वारा आयोजित एक परीक्षा के माध्यम से छात्रवृत्ति के पुरस्कार के लिए चुना जाता है। यह योजना राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल (NSP) पर पंजीकृत है।
इलेक्ट्रॉनिक हस्तांतरण द्वारा छात्रवृत्ति सीधे छात्रों के बैंक खातों में वितरित की जाती है।
योजना के तहत शत-प्रतिशत निधि केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की जाती है।
10. विदेश मंत्री एस. जयशंकर का जर्मनी और फ्रांस की यात्रा
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विदेश मंत्री एस. जयशंकर 18 से 23 फरवरी 2022 तक जर्मनी और फ्रांस की एक सप्ताह की लंबी यात्रा पर थे।
जर्मनी का दौरा
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 58वें म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन 2022 में भाग लेने के लिए जर्मनी का दौरा किया।
म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन 18-20 फरवरी 2022 तक जर्मनी के म्यूनिख शहर में आयोजित किया गया था।
"टर्निंग द टाइड : अनलर्निंग हेल्पलेसनेस” सम्मेलन का आदर्श वाक्य है।
फ्रांस का दौरा
भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर 20-23 फरवरी 2022 तक फ्रांस के दौरे पर थे।
उन्होंने फ्रांस के यूरोप और विदेश मामलों के मंत्री, श्री जीन-यवेस ले ड्रियन के साथ द्विपक्षीय वार्ता की।
भारत और फ्रांस के विदेश मंत्रियो ने एक संयुक्त घोषणा पत्र जरी किया जिसका शीर्षक था "ब्लू इकोनॉमी एंड ओशन गवर्नेंस पर भारत-फ्रांस रोडमैप"।
इस घोषणा पत्र का मुख्य उद्देश्य संस्थागत, आर्थिक, ढांचागत और वैज्ञानिक सहयोग के माध्यम से नीली अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में साझेदारी को बढ़ाना है।
म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन
म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन 1963 से जर्मन शहर म्यूनिख में आयोजित किया जाता है। यह हर वर्ष फरवरी के महीने में आयोजित किया जाता है और इसमें अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा और विश्व राजनीति के मामलों पर चर्चा होती है।