1. सरकार अगले 5 वर्षों में 3 लाख प्राथमिक कृषि ऋण समितियों की स्थापना करेगी: अमित शाह
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केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ने अगले 5 वर्षों में 3 लाख प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (PACS) स्थापित करने का लक्ष्य रखा है।
वह 8 सितंबर 2022 को नई दिल्ली में राज्य सहकारिता मंत्रियों के दो दिवसीय (8 और 9 सितंबर) राष्ट्रीय सम्मेलन में बोल रहे थे।
उन्होंने यह भी कहा कि समग्र विकास के लिए राष्ट्रीय सहकारी नीति का मसौदा तैयार करने के लिए एक समिति का गठन किया गया है।उन्होंने कहा कि इसमें हर राज्य का प्रतिनिधित्व होगा और समिति के अध्यक्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु होंगे।
सहकारिता मंत्री ने कहा, वर्तमान में देश में 65 हजार सक्रिय प्राथमिक कृषि ऋण समितियां पैक्स हैं।
महत्वपूर्ण तथ्य -
प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (पीएसीएस) या पैक्स :
- प्राथमिक कृषि ऋण समितियां बैंकिंग विनियमन अधिनियमों के बाहर हैं और वे राज्य सरकारों द्वारा विनियमित होती हैं न कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा।
- वे ग्रामीण क्षेत्रों में अल्पकालिक ऋण संरचना के तीसरे स्तर पर हैं, जिनमें सबसे ऊपर राज्य सहकारी बैंक हैं, मध्य में जिला केंद्रीय सहकारी बैंक और सबसे नीचे पैक्स हैं।
- पैक्स का गठन ग्राम स्तर पर ग्रामीणों द्वारा किया जाता है। सदस्य पैक्स की पूंजी में योगदान करते हैं।
- पैक्स गैर-सदस्यों की जमा राशियाँ स्वीकार नहीं कर सकते और न ही वे गैर-सदस्यों को ऋण प्रदान कर सकते हैं।
- वे केवल अपने सदस्यों को कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए ही ऋण प्रदान करते हैं।
- भारत में 95995 पैक्स हैं और लगभग 65 हजार सक्रिय हैं। (स्रोत आरबीआई)।
2. वन्यजीव बोर्ड ने लद्दाख में नए भारतीय वायु सेना बेस को मंजूरी दी
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भारतीय वायु सेना को जल्द ही लद्दाख में एक नया बेस मिलेगा। 8 सितंबर 2022 को इकोनॉमिक टाइम्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव के नेतृत्व में राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की स्थायी समिति ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
- वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के ठीक बगल में, चांगथांग अभयारण्य क्षेत्र में 500 हेक्टेयर भूमि पर नया बेस बनाया जाएगा।
- क्षेत्र में एलएसी के साथ चीनियों द्वारा हवाई क्षेत्रों और बंकरों के तेजी से विकास के बाद क्षेत्र में भारतीय वायुसेना की उपस्थिति को बढ़ावा देने की आवश्यकता महसूस की गई।
- जून 2020 में लद्दाख में दोनों सेनाओं के बीच सीमा पर संघर्ष हुआ था , जिसमें 20 भारतीय सैनिकों और कई चीनी सैनिकों की मौत हो गई। तब से सीमा पर तनाव बना हुआ है।
- चांगथांग अभयारण्य क्षेत्र, लेह जिले में एक ठंडा रेगिस्तानी अभयारण्य है। यह जंगली तिब्बती गधा, किआंग और दुर्लभ काले गर्दन वाले सारस (black necked cranes) का घर है।
- चूंकि यह एक ठंडा रेगिस्तान अभयारण्य है, इसलिए पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति आवश्यक थी।
क्षेत्र में वायु सेना हवाई के अड्डे :
- इस क्षेत्र में भारतीय वायु सेना का प्रमुख एयरबेस लेह में है। दौलत बेग ओल्डी, थोइस और न्योमा के अलावा 1960 के दशक से फुकचे में इसकी उन्नत लैंडिंग ग्राउंड सुविधाएं हैं।
3. सीआरपीएफ ने नक्सली गढ़ बुरहा पहाड़ पर ‘ऑपरेशन ऑक्टोपस’ को सफल बताया
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केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) छत्तीसगढ़ और झारखंड की सीमा से लगे गढ़वा जिले में भारी खनन वाले 'बुरहा पहाड़' पहाड़ी क्षेत्र में 'ऑक्टोपस' नाम से एक बड़ा नक्सल अभियान चला रहा है। सीआरपीएफ ने यह जानकारी 7 सितंबर 2022 को दी।
महत्वपूर्ण तथ्य -
- सीआरपीएफ के अनुसार, ऑपरेशन 4 सितंबर से जारी है और नक्सल गलियारे के रूप में जाने जाने वाले क्षेत्र 'बुरहा पहाड़' पर नियंत्रण स्थापित करने में बड़ी सफलता का दावा किया है।
- 'बुरहा पहाड़' पहाड़ी श्रृंखला झारखंड के गढ़वा जिले में छत्तीसगढ़ की सीमा में स्थित है।
- सीआरपीएफ कोबरा यूनिट, और झारखंड जगुआर जैसे राज्य पुलिस बल ऑपरेशन में शामिल हैं।
- सीआरपीएफ केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत सबसे बड़ा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल है। इसे 1939 में क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस के रूप में स्थापित किया गया था।
नक्सली या वामपंथ चरमपंथी (एलडब्ल्यूई) :
- माओ की विचारधारा से प्रभावित समूहों को भारत में माओवादी/नक्सल या वामपंथ चरमपंथी कहा जाता है। माओ, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता थे जिन्होंने 1949 में एक सशस्त्र क्रांति के बाद आधुनिक “पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना” की स्थापना की थी, जो कम्युनिस्ट विचारधारा पर आधारित है।
- माओ की विचारधारा से प्रभावित, भारत में कुछ समूह जैसे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) भारत में 1950 से स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक प्रणाली को सशस्त्र विद्रोह के माध्यम से ख़तम कर भारत में चीन की तरह एक कम्युनिस्ट सरकार की स्थापना करना चाहते हैं ।
लाल गलियारा :
- जिस क्षेत्र में वामपंथी उग्रवादी सक्रिय हैं, उसे रेड कॉरिडोर या लाल गलियारा भी कहा जाता है।
- यह मुख्य रूप से छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, बिहार, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और केरल राज्यों में सक्रिय है।
अतिरिक्त जानकारी -
देश में विशिष्ट वामपंथी उग्रवादी (नक्सल/माओवादी) विरोधी बल :
- भारत में वामपंथ चरमपंथियों के खतरे का मुकाबला करने के लिए भारत में विशेष इकाइयां स्थापित की गई हैं।
- उनमें से कुछ महत्वपूर्ण बल हैं:
सीआरपीएफ का कोबरा(COBRA) :
- केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ने जंगल युद्ध के लिए एक विशेष इकाई कोबरा (कमांडो बटालियन फॉर रेसोल्यूट एक्शन - सीओबीआरए) बनाई है।
ग्रे हाउंड :
- यह आंध्र प्रदेश पुलिस और तेलंगाना पुलिस दोनों की एक विशेष इकाई है जो अपने-अपने राज्यों में सक्रिय वामपंथी चरमपंथियों के विरुद्ध लड़ने के लिए गठित की गई है।
ब्लैक पैंथर (काला चीता) :
- यह वामपंथ चरमपंथियों के विरुद्ध लड़ने के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस की एक विशेष इकाई है।
स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) :
- यह वामपंथ चरमपंथी समस्याओं से निपटने के लिए ओडिशा पुलिस द्वारा स्थापित विशेष बल है।
जगुआर :
- यह झारखंड पुलिस बल की एक विशेष इकाई है।
परीक्षा के लिए फुल फॉर्म :
- एलडब्ल्यूई/LWE : लेफ्ट विंग एक्सट्रीमिसिम (Left Wing Extremism (LWE))
- सीओबीआरए/ COBRA : कमांडो बटालियन फॉर रेसोल्यूट एक्शन(Commando Battalion for Resolute Action).
4. भारत में हेल्थकेयर सेक्टर के 2025 तक 50 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद: डॉ जितेंद्र सिंह
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केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के 2025 तक 50 अरब डॉलर के आकार तक पहुंचने की उम्मीद है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
- वह 14वें सीआईआई ग्लोबल मेडटेक समिट को संबोधित कर रहे थे जिसका शीर्षक था 'सीजिंग द ग्लोबल अपॉर्चुनिटी'।
- 14वें सीआईआई ग्लोबल मेडटेक समिट का आयोजनसी आईआई - नेशनल मेडिकल टेक्नोलॉजी फोरम द्वारा 7 सितंबर 2022 को नई दिल्ली में किया गया था।
- डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा, टेलीमेडिसिन सेक्टर भी 2025 तक 5.5 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
- डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि सरकार का मुख्य उद्देश्य अगले 10 वर्षों में आयात निर्भरता को 80 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत से कम करना है और मेक इन इंडिया के माध्यम से मेड-टेक में 80 प्रतिशत की आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करना है।
- उन्होंने कहा कि सरकार की मसौदा नीति के आधार पर भारत का लक्ष्य 100-300 अरब डॉलर के उद्योग तक पहुंचने के लिए चिकित्सा उपकरणों के क्षेत्र के वैश्विक बाजार हिस्सेदारी का 10 से 12 प्रतिशत हासिल करना है।
अतिरिक्त जानकारी -
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) :
- यह भारत में शीर्ष व्यापारिक घरानों का एक व्यावसायिक लॉबी समूह है।
- इसकी स्थापना 1895 में हुई थी।
- यह भारत में उद्योग के विकास के लिए अनुकूल माहौल बनाने और बनाए रखने के लिए काम करता है और उद्योग और सरकार को समान रूप से सलाह और परामर्श प्रक्रियाओं के माध्यम से ,दोनों की साझेदारी को बढ़ावा देता है।
- मुख्यालय :नई दिल्ली
- अध्यक्ष : संजीव बजाज
परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण फुल फॉर्म :
- सीआईआई/CII : कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडियन इंडस्ट्रीज (Confederation of Indian Industries)